Sunday, May 6, 2012

UPTET Exam : When will justice happen


युपी टीईटी  परीक्षा कब न्याय होगा 
UPTET Exam : When will justice happen 

बहुत से  यु पी टीईटी  अभ्यर्थी सोच रहे हैं कि चयन का आधार बदल कर सरकार भर्ती प्रारंभ करेगी क्योंकी धांधली पाए जाने पर टी ई टी मेरिट से  भर्ती नहीं हो सकती और सरकार इसे ( टीईटी परीक्षा ) को पात्रता परीक्षा में बदल देगी |

ये सब अफवाहें मात्र हैं |
या तो कोई परीक्षा सम्पूर्ण रूप से निरस्त की जाती है या फिर पूर्ण रूप से स्वीकार (गलत लोगों को हटा कर ) की जाती है |
एन सी टी ई की गाइड  लाइन / निर्देशों में साफ़ लिखा हुआ है कि टीईटी परीक्षा के अंको को चयन में महत्व दीया जाये और अभ्यर्थी अंको के सुधर हेतु पुन परीक्षा में बेठ सकते  हैं   तो टीईटी परीक्षा को सिर्फ  पात्रता परीक्षा बनाना कैसे संभव  होगा  

आप ही सोचीये कि अगर टीईटी परीक्षा को धांधली का नाम देकर पात्रता परीक्षा में बदल दीया जाता है तो क्या जो लोग इस परीक्षा में असफल हो गए हैं वो नहीं कहेंगे कि जिन लोगो ने धांधली की उनको अब भी पात्र कैसे मन जा रहा है |

सबसे   बड़ी  बात  ये है कि हर अभ्यर्थी अपने साथ ओ एम् आर की प्रति लिपि / कापी रखा हुआ है और एक कापी विभाग  के पास है , ऐसे में अभ्यर्थी अपने इमानदारी  के सबूतों  व  सरकारी    नियमों  / आदेशों   
की कापी को अदालत में प्रस्तुत कर अपने को नियुक्ति का पात्र बता सकता है |

कुछ लोगो का कहना है कि मायावती  सरकार ने ४ दिन पहले नियम बदलकर टीईटी परीक्षा को चयन का आधार बना दिया, जो कि कुछ लोगो को फायदा पहुँचाने के लिए किया गया  |
इसमें  कुछ महत्वपूर्ण  बिंदु निम्न  हैं -
1. टीईटी परीक्षा को चयन का आधार बनाना किसी नियम के विपरीत नहीं है और एन सी टी ई के दिशा  निर्देशों का पूर्णता से पालन करता है |
२. टीईटी परीक्षा सभी के लिये सामान अवसर प्रदान करती है |
यु पी में यु पी बोर्ड वाले  काफी  समय  से दूसरे  बोर्ड  के अभ्यार्थीयों  से पिछड़  रहे थे  , कुछ युनिवर्सटीयों  में मार्क्स आसानी  से ज्यादा मिल जाते हैं और कुछ फर्जी मार्क्स शीट(सम्पूर्णानन्द वाराणसी , माध्यमिक शिक्षा मंडल  भोपाल ) की बात भी सामने आ चुकी है , प्रोफेशनल कोर्सेस (बी बी ए / बी सी ए ) / प्राइवेट कालेज में मार्क्स  आसानी   से ज्यादा मिल जाते हैं | 
(क्या प्रोफेशनल  कोर्सेस वालों  का प्राइमरी अध्यापक में इस तरह  से चयन उचित है )
अकादमिक अंको के महत्व को नाकारा भी नहीं जा सकता -  जैसे   की 10 वीं  के  मेथ  टीचर  के लिये आप बी. एस सी / एम् एस. सी मेथ   के अंकों को थोडा   महत्व (10/20 प्रतिशत  वेटेज  ) दे  सकते हैं |
परन्तु प्राथमिक टीचर के लिये आप अकादमिक टोपर को चुने वो समझ से परे है इसी लिए एन सी टी ई ने गाइड लाइन तयार की है | सरकार को सोचना चाहिए कि वे प्राइवेट स्कूलों से क्यों पिछड़  रहे हैं ,
क्या अधिकारी /नेता अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पडाते  हैं | जो लोग सरकारी सेवा / शिक्षक ityadi  में हैं क्या वे अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पडाते  हैं 


3. टीईटी परीक्षा , अध्यापकों  के चयन का  एप्टीटुड टेस्ट है तो इसके अंकों का सर्वाधिक महत्व है , जिस प्रकार बैंक में क्लर्क के लिये क्लेरिकल एप्टीटुड टेस्ट होता है उसके लिये कोई अकादमिक टोपर का चुनाव  नहीं किया जाता  |
आज  जरूरत  के हिसाब  से हर विभाग अपनेएप्टीटुड टेस्ट का आयोजन करता है चाहे  डी आर  डी ओ का साइंटिस्ट एंट्री टेस्ट (सेट ) हो या पुलिस के सिपाही की भर्ती हो 
कुछ लोगो का कहना है कि सिर्फ  एक टी ई टी परीक्षा से भर्ती क्यों हो |
इसमें इतना  गलत नहीं है हालाँकि  मल्टीपल  लेवल एक्साम बेहतर चयन का आधार देते  हैं |

तमिल नाडू में एम्प्लोयमेंट एक्सचेंज में रजिस्ट्रेसन  की सीनियारिटी  से भर्ती की गयी  तो क्या वो गलत है 
तर्क बहुत सारे मोजूद  हैं परन्तु अब जब टी ई टी मेरिट होल्डर सरकारी नियमों (राज्य / केंद्र ) / कोर्ट के दिश निर्देशों के आधार पर भर्ती के पात्र हो गए तो उनका हक छिनना bilkul  गलत हैं और anyay है |
जिन अधिकारिओं ने गलतीयां करी है उनको कड़ी से कड़ी सजाएँ दी जानी चाहिए जिससे आगे इस तरह की गलती दोहराई न  जा सकें |
और अगर नियम बदलने हैं तो वे नयी भर्तियों में बदलने चाहिए अन्यथा सब लोग कोर्ट में ही चक्कर लगते रहेंगे और सालों साल भर्ती लटकी रहेंगी |

4. अभी अदालत में विज्ञापन को लेकर एक मामला विचाराधीन है जिसको देखकर साफ़ लगता है कि ये सिर्फ अड़ंगेबाजी है -
न तो वो व्यक्ति बी एस ए है ( कि अधिकारों  का हनन  हो ) न ही  उसकी भर्ती पर इस मामले  से कोई  प्रभाव  (  विज्ञापन   चाहे सचिव  निकाले  या बी एस ए , उसके टी ई टी मार्क्स नहीं बदल जायंगे ) पड़ना  है 
इससे पहले भी अदालत ने विज्ञापन  में संशोधन के आदेश जारी किये थे तो संभव है के इसमें भी कोई सकारात्मक निर्णय अभ्याथीयों के हित  में आ सकता है  

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.