Tuesday, June 5, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी राहत



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी राहत

 समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश ने दी हरी झंडी


- मुख्यमंत्री ने कहा, टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें, हम उनकी मदद करने जा रहे

लखनऊ, जाब्यू : प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को कन्नौज में मुख्यमंत्री ने इसके स्पष्ट संकेत भी दिए। पत्नी डिंपल के नामांकन से पहले अपने संबोधन के दौरान उन्होंने युवाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें। हम उनकी मदद करने जा रहे हैं

उल्लेखनीय है कि टीईटी के परिणाम में हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने इस मामले के लिए एक समिति का गठन कर दिया था। तब से आशंका जाहिर की जा रही थी कि यह परीक्षा रद भी की जा सकती है जिसको लेकर टीईटी अभ्यर्थी आंदोलनरत थे। टीईटी अभ्यर्थियों ने लखनऊ में कई बार जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले सरकार विधानसभा में भी कह चुकी है कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ही की जाएगी।

उधर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर अनिर्णय की स्थिति पर मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में चिंता जतायी गई। विधान सभा में भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सेवायोजित करने पर विचार कर रही है? सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जब पूछा गया कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है। कोर्ट का फैसला आने के बाद शासन इस मामले में उचित निर्णय करेगा

उधर विधान परिषद में भाजपा के डॉ.नैपाल सिंह, यज्ञदत्त शर्मा व अन्य सदस्यों ने टीईटी के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बारे में सरकार की ओर से कोई फैसला न किये जाने की सूचना देते हुए कार्यस्थगन की पेशकश की। उनका कहना था कि सरकार की निष्क्रियता के कारण अभ्यर्थी आये दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं जिससे स्थिति बिगड़ भी सकती है। इस पर सदन में मौजूद राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि सरकार जल्दी से जल्दी शिक्षकों की नियुक्तियां करना चाहती है। यह मामला जटिल है। इसलिए सरकार इस प्रकरण के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। शीघ्र ही सरकार इस मसले पर समुचित निर्णय करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र में किये गए सभी वादों को तीन साल में पूरा करेगी। इस पर सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर कर शासन को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया

शिक्षक दल के जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अन्य ने गृह जिलों से दूरस्थ जिलों में सेवारत परिषदीय शिक्षकों को अपने गृह या समीप के जिले के स्कूलों में स्थानांतरित किये जाने के बारे में सूचना दी। राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने सदन को बताया कि ऐच्छिक जिलों में तबादलों के लिए सरकार ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। शिक्षकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर शिक्षक ऐसे जिलों में तबादला चाहते हैं जहां उतने पद ही नहीं सृजित हैं। सरकार यथाशीघ्र इस पर निर्णय करेगी। तबादलों में महिला शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को वरीयता दी जाएगी


News Source : Jagran (5.6,12)

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.