Wednesday, July 4, 2012

UPTET : यूपी टीईटी और प्राइमरी शिक्षक भर्ती


UPTET : यूपी टीईटी और प्राइमरी शिक्षक भर्ती 


में आप लोगो का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दिलाना चाहती हूँ -


१. चलती हुई प्रक्रिया में बदलाव कैसे संभव है जो की अंतिम पड़ाव पर है |
२. कुछ लोगो का कहना है - कि उत्तर प्रदेश केबिनेट से मजूरी मिलने के बाद , पूर्ववर्ती शेक्षणिक मेरिट से भर्ती शुरू की जायेगी | तो उत्तर प्रदेश सरकार को  एन सी टी ई गाइड लाइन्स मानने की भी क्या जरूरत है ,
एन सी टी ई गाइड लाइन्स साफ़ शब्दों में टी ई टी अंको को चयन में महत्व देने की बात कहती है , जबकि पूर्ववर्ती शेक्षणिक मेरिट में कहीं भी टी ई टी अंको की बात नहीं थी |
३. मामला हाई कोर्ट में विज्ञापन को लेकर है और मामला अभी लंबित है  , जबकि हाई कोर्ट टी ई टी अंको  से चयन की बात की पहले ही पुष्टि कर चुका है अगर यह विज्ञापन निरस्त भी हो जाये जिसके चांसेस १% भी नहीं है , तो नया विज्ञापन आएगा |
क्योंकी नियमावली थोड़े ही परिवर्ती हुई है और अभ्यर्थीयों से आवेदन की फीस भी ले चुके |
४. शेक्षणिक मेरिट  में भी कोई एक राय नहीं है - कोई हाई स्कूल , इंटर , ग्रेजुएशन , बी एड के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है, कोई ग्रेजुएशन , बी एड  और टी ई टी के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है,
कोई बी एड  और टी ई टी के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है|
कुछ लोग अलग अलग बोर्ड की अलग अलग मेरिट की वकालत करते हैं |
५. अगर प्रक्रिया में बदलाव होता भी है , तो फिर लोग अपने अधिकारों को लेकर हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में फिर प्रयास करेंगे | यहाँ तक की सब लोगो की नोकरी शेक्षणिक मेरिट  से लग भी जाय तब भी हर कोई अच्छी जगह पोस्टिंग के लिये मेरिट में ऊँचा स्थान चाहता है| हम में से कई लोग संतुष्ट हो भी जाएँ , पर हर अभ्यर्थी के संतुष्ट  होना लगभग असंभव है 
और भी कई कारण हैं जो की विधि / कानूनी अडचने उत्पन्न कर देंगे | 


हालाँकि सरकार के पास प्रक्रिया निर्धारित करने के अधिकार होते हैं परन्तु ये नयी भर्ती प्रक्रिया के लिये होंगे 
अभी कुछ समय पहले कानपुर आई आई टी  ने शेक्षणिक मेरिट से चयन का विरोध किया था , कारण - अलग अलग बोर्ड में अलग अलग मार्किंग पद्दति का होना |
जिसमें चयन को लेकर यु पी बोर्ड के अभ्यर्थीयों को बेहद नुकसान था | इसके बाद हर बोर्ड के टापर के प्रतिशत से २० प्रतिशत नीचे तक अभ्यर्थीयों को मोका देने की बात को मान लिया गया |
इस प्रकार यु पी बोर्ड का 65 % अंक पाने वाला अभ्यर्थी , सी बी एस ई के 78 प्रतिशत अंकों के बराबर  मान   लिया गया |
इसी प्रकार अगर  यहाँ भी ऐसा हुआ - 
अब यु पी में अगर कोई सही स्केलिंग पद्दति नहीं आती ( जो की मूल्यांकन /चयन में सामान अवसर नहीं प्रदान करती )  , तो फिर लोग कहेंगे की यु पी में ही यु पी बोर्ड वालों के साथ भेद भाव क्यूँ  |

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