Saturday, July 14, 2012

UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज निंदनीय: बीजेपी

UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज निंदनीय: बीजेपी

उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले अभ्यर्थियों पर गुरुवार देर रात पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी निंदा की है.


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र तिवारी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि टीईटी अभ्यर्थियों पर पुलिस की बर्बरता की भाजपा कड़े शब्दों में निंदा करती है. छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.

तिवारी ने कहा कि सपा सरकार आंदोलन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों पर विचार करने की बजाय उनके आंदोलन को कुचलने का काम कर रही है, जिसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.


तिवारी ने कहा कि भाजपा टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों का पूरी तरह समर्थन करती है. इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. प्रदेश में आए दिन पुलिस बल का प्रयोग कर आंदोलनों को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है.


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी हठधर्मिता को त्याग कर अभ्यर्थियों की मांगें यथाशीघ्र पूरी करे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे. भाजपा राज्य सरकार के ऐसे कारनामों का पदार्फाश करते हुए विरोध प्रदर्शन करेगी.


उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर गुरुवार देर रात पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें महिलाओं सहित कई लोगों को चोटें आई थीं.


News Source : http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/702672/71
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जो एक भय है कि - अगर चयन का आधार बदल जाये और मामला सुप्रीम कोर्ट  पहुँच जाये तो टी ई टी अभ्यर्थी कि चिंताएं कम होने की जगह बढ जायेंगी 
सरकार को उचित हल जल्द से जल्द तलाशना पड़ेगा , अन्यथा अनिश्चितता का माहोल ख़त्म नहीं हो पायगा 



में सोचती हूँ कि - एक अच्छा विकल्प ये भी हो सकता है -
१. चयन टी ई टी मेरिट के आधार पर हो और उसके बाद परफोर्मेंस एक्साम कराया जाये और जो अभ्यर्थी उसमें फेल हो जाएँ उनके इन्क्रीमेंट और अन्य बेनीफिट आदि बंद कर दीये जाएँ |
फिर यह परीक्षा दोबारा से साल भर बाद कराई जाये और अगर अभ्यर्थी दोबारा से फेल हो जाएँ तो उनको नोकरी से हटा दीया जाये , पर अगर वे परीक्षा पास कर लेते हैं तो उनके सभी सेलरी बेनीफिट बहाल कर दीये जाएँ 
२. सरकार - ओ एम् आर की कॉपी की जाँच कर सकती है और भी जांच के आयाम लिए जा सकते हैं , जैसे - बेकग्राउंड इत्यादि 
अभी तक दोषी अभ्यर्थी पकडे नहीं गए इसका मतलब तो ये निकलता है कि - टीईटी परीक्षा पाक साफ़ है , और कोई ठगी वगेराह की घटनाएँ हुई होंगी |


Comment on blog :-
satiyo jail mai band tetians ko chudane ke liye partinidhi mandal adhikariyo se baat karne ja raha hai.isliye lkw ke aaspaas wale jilo ke tetians se anurodh hai ki 9 am charbag pahuchkar apne bhaiyo ki rihai sunischit karen.hame poori shantipurvak apni baat rakhni hai.moh.istyak rampur


जो लोग  कह रहे हैं कि परीक्षा में  धांधली हुई  है , इन लोगो को भी १० वी या १२ वी कक्षा में फेल कर देना चाहिए ,  क्योकि  इनके साथ  में   कभी किसी और ने नक़ल की थी और वो धांधली में पकड़ा गया , और दोबारा से परीक्षा करानी चाहिए , तब तक कराते रहना चाहिए जब तक कि १०० % शुद्धता से परीक्षा संपन्न न हो जाये |
केवल दोषी  विद्यार्थी ही सजा के पात्र होते हैं , सारे  विद्यार्थी नहीं |


 खबरे आती रहती हैं कि - टी ई टी सिर्फ  एलिजीबिलिटी टेस्ट है 

वे लोग इतने  गैर जिमेदाराना बात इतनी आसानी से कह देते हैं जैसे कोई हंसी मजाक हो जब नियम बनाये तब तो कुछ कहते नहीं है , अब आप ही देखीये नियम क्या कहते हैं -
एन  सी  टी ई ने साफ़  शब्दों  में कहा  है  कि टी ई टी अंकों को  चयन  में वेटेज दीया जाये  -

तो साफ है कि ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है

9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score

अगर ये  ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब 

इस  समय अभ्यर्थी  वैसे ही मानसिक वेदना से गुजर  रहे हैं और ऐसी गैर जिम्मेदाराना बातें उन पर क्या असर डालती होंगी , कोई मतलब नहीं 



इलाहबाद हाई कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो

See :http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2011/12/uptet-allahabad-highcourt-dismissed.html



यु पी टीईटी के माध्यम से नियमानुसार अभ्यर्थी (टीईटी  मेरिट  होल्डर)  नोकरी पाने व भर्ती के पात्र थे |
सिर्फ काउंसलिंग के जरिए भर्ती पात्र / नियुक्ति पात्र दीये  जाने बाकि थे |


For the purpose of making selection and appointment as Assistant Teacher the said qualification cannot be made a basis/foundation particularly considering the process of the said test as it amounts to change of rules of the game when the game has already commenced and in support thereof placed reliance on judgements of this Court in K. Manjusree Vs. State of Andhra Pradesh and another (2008) 3 SCC 512 and Hemani Malhotra Vs. High Court of Delhi (2008) 7 SCC 11.


In these circumstances, it cannot be said that rules of the game have been changed afterwards inasmuch the two processes cover different fields and operate totally differently.

In Baloji Badhavath (supra), it was held that a procedure evolved for laying down mode and manner for consideration of a right to be considered for appointment can be interfered with only when it is arbitrary, discriminatory or wholly unfair, which learned counsel for petitioner failed to prove in the case in hand and, therefore, reliance placed thereon is totally misconceived.


9. So far as making of qualifying examination basis of selection is concerned, it is always permissible to the rules framing authority to determine the criteria for selection which may base on the merits of the candidate possessed in various academic qualifications or qualifying test or any other criteria which may otherwise be valid and once it is so determined, unless it can be said that the same amendment in the rule is contrary to any statutory provision or otherwise ultra vires or vitiated in law, the same cannot be interfered.
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काफी  सारे मामलों में कोर्ट ने स्पष्ट किया की - 
टी ई टी अंकों से भर्ती  सराहनीय   है  क्योकि इससे पक्षपात रहित भर्ती होती है , विद्यार्थी चाहे किसी भी बोर्ड के हो , चाहे उनके कितने भी प्रतिशत अंक हो , टी.इ. टी. सारे विद्यार्थियों के लिए समान है  और कोई नियम का उल्लंघन  नहीं हुआ है , पर  मीडिया  इन   सब  खबरों  से दूर  है कारण - बहुमत टी ई टी फेल  वालों व  अन्य  के साथ  है 
सच  को झूठ  व झूठ को सच  में   बदलना असली  खेल है 
देखीये कोर्ट के निर्णय : 


कोर्ट ने  बेवजह  टी ई टी  केंडीडेट्स पर आरोप  लगाने  पर जुरमाना  भी लगाया ,
पर मीडिया ने ऐसी बातें / रिपोर्ट कभी  नहीं दी 

जब भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं तो टी ई टी को भर्ती परीक्षा के रूप में स्वीकार कर सकते  है  जब इसके अंकों का महत्व है 
टी ई टी वास्तव में एक टीचर एप्टीटिउयूड   टेस्ट है जो कि एन सी टी ई के नियमानुसार योग्य अभ्यर्थियो  के चयन में मदद  करता है 



जब केंद्र  सरकार  स्केलिंग  पद्दति से चयन करती है तो   U. P.  बोर्ड क्यूँ नहीं -
See :


Percentage Cut-off Marks# of Various State-Boards Result in class XII for
2008, 2009, 2010, and 2011



2008
2009
2010
2011
UP Board
69.2
72.6
77
77
CBSE
91
92.4
91.8
93.2
ICSE
93
93.3
93.2
93.43



Now for selection in IIT, UP Board Cutoff - 65% = CBSE Board Cut-off 78%
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विज्ञापन विषय  :
जब विज्ञापन निकाला गया तब तो किसी विभागीय अधिकारी ने कोई टिप्पणी नहीं की - कि उनके अधिकारों का कोई हनन हुआ है इसका तात्पर्य है कि सभी कार्य - उत्तरदायी अधिकारी ( ( सभी 
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ) की जानकारी में हुए हैं |
पर लगता है कि किसी एक टीईटी अभ्यर्थी  (जिसके टीईटी परीक्षा में कम अंक आये ) ने मामले को लटकाने के लिये - किसी नियम का गलत सहारा लिया है 



कई लोगो का  मानना है  कि ऐसा हल निकलना चाहिए -
कि लाठी भी न टूटे और सांप भी मर जाये 

जब लाखों अभ्यर्थीओं  ने उत्तर प्रदेश  प्राथमिक / असिस्टेंट शिक्षक में चयन के लिये शासनादेश के आधार पर आवेदन कर ही  दिया  है , तो विज्ञापन संशोधन जैसा कोई आदेश आ जाये |
क्योंकी विज्ञापन के निकलने में  अभ्यर्थियों    की कोई गलती नहीं है |
जिन लोगो ने अभ्यर्थियों   के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है , उन्हें कठोर दंड  दिया  जाना चाहिए , जिससे ऐसी गलती कि पुनरावृति न हो |


Additionally a poll is conducted on this BLOG for base of selection, And its results are -

टीईटी अंक  : -    4486 (64%)
एकेडेमिक अंक : -  1018 (14%)
 टीईटी + एकेडेमिक अंक  : -   1379 (19%)
कोई राय नही :-   53 (0%)


अब तक के वोट: 6936 
पोल बंद कर दिया गया है 
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