Monday, December 3, 2012

UPTET : Discussion on Facebook / News Updates


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Shakul Guptaposted toTeacher's Helpdesk
टीइटी पास अभ्यर्थियों को छल रही है सरकार
Updated on: Mon, 03 Dec 2012 08:36 PM (IST)
मधुबन (मऊ) : उत्तर प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के राज्य सरकार को दिए गए ताजा आदेश में है कि सात दिसंबर से पहले शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया हर हाल में पूरी की जाए। समय सीमा के समाप्त होने में मात्र तीन दिन शेष रह गया है लेकिन अब तक न तो सरकार की तरफ से कोई विज्ञापन जारी किया गया और न ही इस संबंध में कोई नई सूचना दी गई है। इससे टीइटी सफल अभ्यर्थी काफी आहत हैं

दुबारी विग्रहपुर निवासी संतोष शर्मा, ममता शर्मा, मनोज कुमार यादव कहते हैं कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा हमें छला जा रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन निकालना तो दूर सरकार के तरफ से कोई सूचना तक नहीं दी गई। रमेश सिंह, राजेश यादव, जितेंद्र कुमार, मनोज उपाध्याय बताते हैं कि पिछले एक साल से शिक्षक बनने का सपना देखते देखते अब तो आंख पथरा चुकी है। अब तो हम लोग यह उम्मीद लगभग छोड़ ही चुके हैं। दरगाह निवासी सतीश गुप्त, अजय शर्मा, श्रीराम, लियाकत अली आदि वर्तमान राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये से काफी दुखी हैं। कहते हैं कि इंतजार की भी एक हद होती है। आखिर कब तक उम्मीद का दामन थामे रहें। यदि नियुक्ति नहीं होनी है तो कोई साफ तस्वीर तो उभर कर सामने आए। कभी हां, कभी ना कब तक चलेगा।


News : Jagran
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इस साल भी नहीं मिले शिक्षक
•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों और बच्चों के बीच अनुपात दुरुस्त करने की जितनी कागजी कोशिशें हो रही हैं, नतीजे उसके उलटे ही दिख रहे हैं। पिछले चार वर्षों में प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए रिक्तियां घोषित नहीं की गई। दो साल से केवल टीईटी का ही विवाद चल रहा है। केंद्रीय स्तर पर तीन दफे सीटीईटी हो च
ुका है लेकिन प्रदेश में पहले टीईटी के आधार पर ही अब तक चयन नहीं हो सका। नतीजा है कि बड़े पैमाने पर स्कूल बंद पड़े हैं। यह साल भी नियुक्तियों की चर्चा में निकल गया, स्कूलों में ताले लटकते रह गए।
बीएड बेरोजगारों को नई सरकार से उम्मीद थी लेकिन नौ महीने बीत गए, सरकार की तरफ से बड़ी पहल नहीं दिख रही है। कोर्ट की ओर से इस दिशा में पहल करने के बाद अब नए शैक्षिक सत्र में स्कूलों के ताले खुलने की उम्मीद जगी है। हाल यह है कि प्रदेश में लगभग पांच हजार विद्यालयों में ताले लगे हैं और साढ़े सात हजार विद्यालयों में केवल एक शिक्षक हैं। उनके छुट्टी पर होने पर विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती। माध्यमिक में हाल और खराब है, अधिकांश स्कूलों में मुख्य विषयों अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के शिक्षक ही नहीं हैं। शिक्षकों के चयन को लेकर जद्दोजहद का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 73 हजार पदों पर भर्ती होनी थी। एनसीटीई से अनुमति लेकर प्रदेश सरकार ने टीईटी की मेरिट के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती का काम ठप पड़ा है। कोर्ट की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश के बाद भी प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा पूरी तरह से शिक्षा मित्रों के भरोसे चल रही है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी के चयन में अनियमितता के बाद जांच के कारण सभी प्रकार के चयन पर रोक लगी है। चयन बोर्ड के काम पर रोक लगने से पिछले सत्र और वर्तमान सत्र में शिक्षकों के रिक्त पड़े 25 हजार पदों पर गतिरोध बना है। शिक्षक नेता कौशल किशोर त्रिपाठी का कहना है कि स्कूलों में पढ़ाई के स्तर का गैप लगातार बढ़ता जा रहा है।

Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20121203a_006174002&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20121203a_006174002

6 comments:

  1. आज शिक्षको के भर्ती प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है सरकार न्युज कटिगँ के लिऐ क्लिक करे

    http://uptetnews.wapka.mobi

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  2. Sarkaar bap hai court beta hai bata bap k khilaf kaise ja sakta hai.

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