Wednesday, April 2, 2014

BTC : बीटेक-एमबीए वालों से भरीं बीटीसी की सीटें डायट एवं निजी बीटीसी कॉलेजों में टॉप रैंक पर प्रोफेशनल डिग्रीधारक युवाओं का कब्जा

BTC : बीटेक-एमबीए वालों से भरीं बीटीसी की सीटें
डायट एवं निजी बीटीसी कॉलेजों में टॉप रैंक पर प्रोफेशनल डिग्रीधारक युवाओं का कब्जा
 
 Aankde Uttar Pradesh Ke :
जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की संख्या- 65
कुल सीटें-13500
प्रदेश में निजी बीटीसी प्रशिक्षण कॉलेजों की संख्या-700
कुल सीटें-35000
इलाहाबाद का आंकड़ा
डायट में बीटीसी की कुल सीट- 200
निजी बीटीसी कॉलेजों की संख्या-17
कुल सीटें-850 
 

इलाहाबाद। निजी क्षेत्र में नौकरी की डांवाडोल स्थिति और कैरियर को लेकर संजीदा प्रोफेशन युवाआें की पंसद अब कम पैकेज वाली स्थाई नौकरी बन गई है। ऐसा रूझान प्रदेश के जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) एवं निजी प्रशिक्षण कॉलेजों में भरी बीटीसी की सीटों को देखकर मिल रहा है। डायट एवं निजी बीटीसी कॉलेजों की अधिकांश सीटें बीटेक, एमबीए, बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री धारक हाई मेरिट वाले अभ्यर्थियों से भर र्गइं। बीटीसी करने के बाद परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पक्की मानकर युवा इस क्षेत्र में अधिक आवेदन कर रहे हैं।
सरकारी नौकरी की चाह में हाल के कुछ वर्षों में बीटेक, एमबीए सहित बीसीए डिग्री वाले तमाम अभ्यर्थियों ने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की ओर से जारी होने वाले पदों के लिए बड़े पैमाने पर आवेदन किया है। सीधी भर्ती के पदों के लिए चयन के वक्त जहां दसवीं, बारहवीं और स्नातक परीक्षा के अंक का सीधा लाभ मिलता है, उन पदों के लिए आईसीएसई, सीबीएसई और प्रोफेशनल डिग्री (बीटेक, एमबीए) धारक युवा ज्यादा चयनित होते हैं क्योंकि उन्हें नंबर अधिक मिलता है। जाहिर है ऐसे में इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन के युवाओं के बीटीसी में आवेदन करने से बीए, बीएससी, बीकॉम जैसी डिग्री वाले युवा परिषदीय विद्यालयों में होने वाली शिक्षक भर्तियों से भी बाहर हो जा रहे हैं।
डायट इलाहाबाद के प्राचार्य विनोद कृष्ण बताते हैं कि सरकारी एवं निजी कॉलेजों की बीटीसी की इस समय 70 फीसदी सीटें भर गई हैं। इनमें से ज्यादातर सीटों पर बीटेक, एमबीए में अच्छे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का कब्जा हो गया। उन्होंने बताया कि अकेले इलाहाबाद में ही डायट में सभी सीटें भर गई हैं, जिसमें टॉप रैंक वाले अधिकांश अभ्यर्थी प्रोफेशनल डिग्री धारक हैं।
कैरियर काउंसलर एवं वरिष्ठ मनोविज्ञानी डॉ. कमलेश तिवारी का कहना है कि निजी क्षेत्र में नौकरी चले जाने के डर के कारण अब सरकारी क्षेत्र की छोटी नौकरी के प्रति भी युवाओं का रूझान बढ़ा है। यही कारण है कि अब बीटेक, एमबीए करने के बाद युवा इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं।
बीए, बीएससी वालों की तुलना में प्रोफेशनल डिग्री में अच्छी मेरिट के कारण बढ़ा दबदबा

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (2.4.2014)

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