Wednesday, October 8, 2014

50% M Tech Seats are Vacant and remain unfilled for M Tech Course in UPTU UP

50 फीसद भी नहीं भर सकीं एमटेक की सीटें

यूपीटीयू के सामने बीटेक के बाद अब नया संकट

No Charm for UPTU M Tech  Course,

50% M Tech Seats are Vacant and remain unfilled for M Tech Course in UPTU UP

No Charm for B Tech Course and after B Tech, Candidates are not interested for M Tech


 कानपुर :प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। प्रवेश प्रक्रिया में देरी होने के अलावा सुप्रीम कोर्ट के 15 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया खत्म किए जाने के आदेश के चलते इस बार करीब 50 फीसद सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाए हैं। सरकारी कालेजों को छोड़कर अन्य में बहुत कम सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिए हैं।1यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सामने बीटेक के बाद अब एमटेक की सीटें भी खाली रहने का संकट गहराने लगा है। 15 अगस्त तक प्रवेश बंद होने के आदेश के चलते इस साल उन कॉलेजों में भी सीटें नहीं भर पाईं जिनमें सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया चलती रहती थी। शिक्षाविद् इसका एक बड़ा कारण यूपीटीयू की ब्रांडिंग न होना भी मान रहे हैं। पिछले साल विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब आठ सौ शिक्षण संस्थानों में 90 हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थी, बकि इस साल भी बीटेक में 25 फीसद व एमटेक में 50 फीसद से अधिक सीटों पर प्रवेश नहीं हुए हैं।1एक समय था जब एचबीटीआइ से एमटेक करने के लिए छात्रों की कतार लंबी हुआ करती थी, लेकिन इस साल एमटेक की 70 सीटों में से 32 सीटें खाली पड़ी हुई हैं। इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. एके नागपाल बताते हैं कि समय कम मिलने के कारण कई छात्र इस बार प्रवेश लेने से वंचित रह गए। यूपीटीयू के कुलपति प्रो. आरके खांडल ने बताया कि बीटेक में 25 फीसद सीटें खाली हैं लेकिन एमटेक की खाली सीटों की संख्या बहुत कम है। यूपीटीयू लगातार शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। जो कमियां रह गई हैं उन्हें अगले सत्र तक दुरुस्त कर लिया जाएगा।1हेल्प डेस्क भी नहीं आई काम : छात्रों के घटते रुझान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूपीटीयू की ओर से राज्य प्रवेश परीक्षा फॉर्म भरने के लिए विभिन्न शहरों में बनाई गईं हेल्प डेस्क में ज्यादातर ऐसी थीं जिनमें दर्जन भर छात्र भी नहीं पहुंचे। 1इसलिए भी प्रवेश लेने से कतरा रहे छात्र 1ल्ल

प्रदेश में संचालित 80 एमटेक कालेजों में करीब आठ हजार सीटें हैं। 2013-14 में प्रवेश लेने वाले छात्रों की सत्र परीक्षाएं अभी तक नहीं हुई हैं जो कि जून में हो जानी चाहिए थी। ल्ल2012-13 में प्रवेश लेने वाले छात्रों की तीसरे सेमेस्टर का परिणाम अब आया है जबकि 2013-14 में इसका कोर्स खत्म हो जाना चाहिए था।



News Sourc: Jagran (8.10.14)

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