Wednesday, December 3, 2014

UPTET SARKARI NAUKRI सुप्रीम कोर्ट की देहलीज पर शिक्षक भर्ती

UPTET SARKARI NAUKRI सुप्रीम कोर्ट की देहलीज पर शिक्षक भर्ती




आजकल अकादमिक और टेट मेरिट समर्थकों में भर्ती को लेकर चंदा वगैराह की ख़बरें सोशल मीडिया पर पटी हुई हैं ,मुझे लगता है की वकीलों की फौज के जगह कोई भी सामान्य वकील तथ्यों को ठीक से रखेगा तो भी निर्णय वही आएगा , क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट के
जज खुद में विशेषज्ञ होते हैं , बशर्ते  उनके सामने सभी जरूरी तथ्य हों

कुछ लोगों का कहना है की कुछ टेट नेताओं को चयन में कुछ मुश्किल आने लगी है तो वह शुद्ध टेट मेरिट की बजाय टेट वेटेज पर पाला बदल सकते हैं

लेकिन तथ्य क्या कहते हैं , हमें यह समझना चाहिए -

टेट मेरिट से भर्ती पुराने विज्ञापन के अनुसार शुरू हुई थी , जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में ज्यों का त्यों पुराने विज्ञापन से भर्ती का आदेश दिया है ।

यु पी टेट 2011 में जो लोग धांधली की बात कह कर इसको अकादमिक या फिर टेट वेटेज से कह रहे हैं वो यह बताएं की अगर यू  पी टेट में धांधली हुई तो
फिर तो भर्ती परीक्षा रद्द होने का कारण बनती और फिर इस यू पी टेट 2011 उत्तीर्ण करने वालों से  कोई और भर्ती मसलन बी टी सी आदि हुई होती तो फिर वो भी रद्द होने की सम्भावना बनती ।

कोई व्यक्ति धांधली से पात्रता की योग्यता तो हासिल कर ले मगर उसके अंको से चयन नहीं हो सके , ये तो विरोधाभासी बात है ।
और यही बात अकादमिक व टेट वेटज चाहने वालों को कमजोर करती है , दो ही बात है - १ या तो परीक्षा सही है २ या फिर गलत

दुसरी बात जब अकादमिक से भर्ती नहीं हो पा रही तो फिर टेट वेटेज से कैसे होगी ।
जब खेल के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते तो फिर टेट वेटेज के लिए क्यों बदलेगा

अब आतें हैं सबसे महत्वपूर्ण पक्ष पर -

तथ्यों से यह बात हम सभी को पता है की धांधली का तो पता नहीं लेकिन इस यू  पी टेट परीक्षा में अनियमितता जरूर हुई थी ,मतलब
परीक्षा  सवाल गलत पूछे गए थे और इस आधार पर मामला हाई कोर्ट में जाने पर सभी को इन प्रश्नो पर बोनस मार्क्स मिले थे ।
और इस तरह से कुछ अभ्यर्थी अपात्र होते हुए भी बोनस (गलत प्रश्नो पर मार्क्स ) मार्क्स पा कर पात्र हो गए थे ।

और अगर इस अनियमितता को दूर करना है तो टेट मेरिट ही सबसे बेहतर विकल्प है, क्यूंकि सभी को बोनस मार्क्स देने के बाद भी रेंक पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा ।

अब आते हैं एन सी टी ई और नियम कानून पर -

एन सी टी ई ने स्पष्ट रूप से उल्लेख कर रखा है की टेट मार्क्स का चयन में उपयोग किया जाये , और यह सीमा अगर 100 फीसदी होती है तो इसमें गलत क्या है (जबकि सबका मूल्यांकन भी सामान रूप से हुआ है ).
और इलाहाबाद हाई कोर्ट भी अपने एक निर्णय में कह चुकी है की नियोक्ता /चयन करने वाली संस्था अगर किसी पात्रता परीक्षा को चयनकारी अर्हता परीक्षा
बनती है तो इसमें गलत नहीं है बस यह आरबिटरेरी न हो खेल के नियम बीच में न बदलें  हों इत्यादि (आप हमारे ब्लॉग पर यह निर्णय देख सकते हैं )

मुझे लगता है की सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश तो एक वरदान स्वरुप है , अगर अंतिम निर्णय आ जाता और फिर उस पर कोई रिविेउ पेटिशन / पुनर्विचार याचिका दायर करता तो फिर न जाने उसके निर्णय के आने तक भर्ती के योग्य अभ्यर्थीयों को और कितना इन्तजार करना पड़ता ।



अब आप लोग तार्किक रूप से उचित शब्दों में अपनी बात कमेंट के माध्यम से बताएं , जिस से समझा जा सके की क्या सही है और क्या गलत





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1 comment:

  1. Sab sahi hai but up govt. Galat hai wo nahi chahti ki koi bharti ho , govt hi raajneet khel rahi hai candidates k future se.

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