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Wednesday, August 7, 2013

UP Basic Education : Big Forgery in Teachers Recruitment



UP Basic Education : Big Forgery in Teachers Recruitment



News Sabhaar : Hindustan  paper (7.8.13)
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Many candidates got govt teacher selection of BTC  through fake mark-sheets after paying 1 lakh to 5 lakh rupees. CBCID is investigating this matter with the direction of High Court.

Saturday, July 20, 2013

Basic Shiksha UP : हिंदी नहीं पढ़ सकी कक्षा पांच की छात्रा



Basic Shiksha UP : हिंदी नहीं पढ़ सकी कक्षा पांच की छात्रा


कुशीनगर : जिलाधिकारी आर सैम्फिल ने शनिवार को विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान कक्षा पांच की छात्रा द्वारा हिंदी कीपुस्तक न पढ़ पाने के कारण सहायक अध्यापिका का वेतन तब तक रोक रखने के लिए निर्देशित किया है जब तक छात्रा को हिंदी ठीक से पढ़ना न आ जाए।
स्कूलों के निरीक्षण क्रम में डीएम आरसैम्फिल शनिवार को बीएसए पीके पांडेय के साथ कई स्कूलों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। पूर्वाह्न 10.40 बजे प्राथमिक विद्यालय सोहरौना में डीएम के निरीक्षण के दौरान बच्चे खाना खा रहे थे। डीएम ने देखा कई बच्चे बगैर ड्रेस के हैं। उन्होंने हर रोज यूनिफार्म में आने की बात कही। निरीक्षण के दौरान डीएम ने रसोईयों कोसाफ-सफाई व किचेन में बाहरी प्रवेश परप्रतिबंध लगाने व ब्राण्डेड सामग्री का प्रयोग करने के लिए निर्देशित किया। इस विद्यालय पर डीएम व बीएसए ने साथ-साथ भोजन चखा।
इसी क्रम में डीएम ने नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय छावनी का जायजा लिया। यहां भी आधे-अधूरे बच्चे ही यूनिफार्म में दिखे। डीएम ने ड्रेस केलिए शिक्षकों का चेताया। जिलाधिकारी ने यहां शिक्षा ग्रहण कर रही कक्षा पांच की छात्रा मनीषा से हिंदी की पुस्तक कलरव का पाठ-2 पंच परमेश्वर पढ़ने को कहा। मनीषा के पुस्तक न पढ़ पाने पर डीएम ने वहां तैनात शिक्षिका अंजुम सिद्दीकी का वेतन रोक दिया और कहा उक्त पाठ मनीषा द्वारा पढ़ लिए जाने पर वेतन बहाल कर दिया जाएगा। डीएम ने परिसर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। यहां ममता देवी व मीना देवी सहायिका उपस्थित रही, लेकिन कोई बच्चा उपस्थित नहीं था। इन दोनों का वेतन रोकने के लिए डीएम ने निर्देशित किया।


News Sabhaar : जागरण (20.7.13)

Saturday, May 25, 2013

Basic Shiksha UP : प्रोन्नति प्रक्रिया पर उठने लगीं उंगली


Basic Shiksha UP : प्रोन्नति प्रक्रिया पर उठने लगीं उंगली
Basic Education Department UP, Promotion of Teachers

बागपत। प्राइमरी एवं जूनियर हाई स्कूलों में किए गए अध्यापकों की प्रोन्नति पर प्रश्न चिह्न खड़े हो गए हैं। इस प्रोन्नति के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर एक अध्यापक ने ही उंगली उठाई है।
प्राथमिक विद्यालयों के 266 और जूनियर हाईस्कूलों के 129 अध्यापकों की वरिष्ठता सूची 16 मई को जारी की गई।बीएसए पीएन सिंह की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर सूची पर किसी को आपत्ति है, तो वह दर्ज करा सकता है।
प्राइमरी विद्यालय इदरीशपुर (बड़ौत) के अध्यापक मनोज ने इस सूची पर कड़ी आपत्ति की है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठता सूची तैयार करने के लिए सरकारी आदेश का ताक पर रखे गए। उन्होंने जीओ की कॉपी दिखाते हुए बताया कि प्रमोशन का आधार नियुक्ति की तिथि होनी चाहिए, जबकि यह सूची कार्यभार गृहण करने की तिथि के अनुसार तैयार की गई है। सूची को देखकर इसलिए भी हैरानी हो रही है कि कई अध्यापकों की नियुक्ति जन्माष्टमी की बताई गई है, जबकि इस दिन अवकाश रहता है।
इस संबंध में बीएसए पीएन सिंह का कहना है कि अध्यापकों की वरिष्ठता सूची पर आपत्ति ली जा रही हैं। जिसे आपत्ति है, वह सीधे उनके पास आ सकता है। इसके लिए अलग से एक बाबू भी तैनात किया गया है। अभी अंतिम सूची जारी होनी बाकी है


Above Info taken from facebook
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Khaas baat -
सूची कार्यभार गृहण करने की तिथि के अनुसार तैयार की गई है। सूची को देखकर इसलिए भी हैरानी हो रही है कि कई अध्यापकों की नियुक्ति जन्माष्टमी की बताई गई है, जबकि इस दिन अवकाश रहता है

Saturday, May 18, 2013

Basic Education UP / UPTET /Anudeshak : बेसिक शिक्षा में बाजारवाद बर्दाश्त नहीं


Basic Education UP / UPTET /Anudeshak : बेसिक शिक्षा में बाजारवाद बर्दाश्त नहीं

   
पीलीभीत : प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि सपा सरकार बेसिक शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार लाने के लिए प्रयासरत है। बेसिक शिक्षा में बाजारवाद हावी नहीं होने दिया जाएगा।

श्री सिंह शुक्रवार को शहर के शिवाजी शिक्षा निकेतन विद्यालय में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित मंडलीय सम्मेलन में बोल रहे थे। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार सत्तारूढ़ होने के बाद से बेसिक शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने का निरन्तर प्रयास कर रही है। सुधार लाने के लिए सरकार ने 72 हजार शिक्षकों की भर्ती का कार्य पूर्ण कर लिया था किंतु न्यायालय ने उस पर रोक लगा दी। 

प्रदेश के बेसिक विद्यालयों में 41 हजार अनुदेशकों की शीघ्र ही नियुक्ति कर दी जाएगी।
 उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज व अच्छे व्यक्ति का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा में तेजी से हो रहे व्यवसायीकरण को रोकने की भी बात कही। शिक्षा को मात्र रोजगार का माध्यम न बनाते हुए उसके माध्यम से समाज व राष्ट्र का निर्माण करने का संदेश दिया। कुछ लोग सरकारी शिक्षा को आज पीछे करने पर काम कर रहे। उनके मनसूबों को किसी भी हालत में सफल नही होने दिया जाएगा। 
उन्होंने शिक्षकों की पदोन्नति के बारे में कहा कि प्रदेश के जिन शिक्षकों की पदोन्नति लंबित है उन सभी की 20 मई तक पदोन्नति कर दी जाएगी। 
बीएसपी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि उनके समय में विद्यालयों की मान्यताएं बिकती थी किंतु सपा की सरकार में ऐसा कदापि नहीं है। बल्कि मान्यताओं का सरलीकरण कर दिया गया है, जिससे बेसिक शिक्षा का स्तर उठाया जा सके। सम्मेलन की अध्यक्षता अरविंद जायसवाल ने की। संचालन सत्यप्रकाश उर्फ बिट्टू ने किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील सिन्हा, सपा नेता रत्नेश गंगवार, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष भद्रपाल गंगवार, जिला पंचायत सदस्य गायत्री गंगवार, रामप्रताप गंगवार, बीडी प्रजापति ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर शाहूजी महाराज पब्लिक स्कूल के बच्चों ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किए। विद्यालय के प्रबंधक मुरारीलाल गंगवार ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री को पगड़ी पहनाकर व तलवार भेंट कर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुवंर सुदीप सिंह, चंद्रपाल मौर्य, बरेली के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार, बदायूं के बीएल गुप्ता, प्रेमसागर, खरगसेन गंगवार, विद्या सागर शुक्ला, तेज प्रकाश वर्मा सहित बड़ी संख्या में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक व शिक्षिकाएं मौजूद थीं

News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Fri, 17 May 2013 10:17 PM (IST))

Sunday, March 24, 2013

UP Aided School Recruitment : बेसिक के सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती रुकी


UP Aided School Recruitment : बेसिक के सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती रुकी

लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में स्पष्ट शासनादेश के बाद भी शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है। जबकि स्कूल प्रबंधन शिक्षकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से लेकर शासन तक से गुहार लगा रहे हैं। इसके बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा का कहते हैं कि बेसिक शिक्षा परिषद से इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी होने के बाद ही बीएसए भर्ती की अनुमति दे सकेंगे।
सूबे में सहायता प्राप्त करीब 4100 जूनियर हाई स्कूल हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी प्रस्ताव बनाकर बीएसए को भेजती है। फिर उनकी अनुमति के बाद विज्ञापन निकाल कर आवेदन मांगे जाते हैं लेकिन सूबे में आरटीई लागू होने के बाद भी शिक्षकों की भर्ती रोक दी गई




News Source : Amar Ujala (24.3.13)
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May be reason is TET Vs. Non TET matter in court and due to this recruitment may face problems.



Tuesday, February 26, 2013

Basic Shiksha Parishad UP News : बेसिक शिक्षिकाओं की तैनाती पर हाईकोर्ट सख्त


Basic Shiksha Parishad UP News : बेसिक शिक्षिकाओं की तैनाती पर हाईकोर्ट सख्त



इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता। अंतर-जनपदीय तबादले के तहत शिक्षिकाओं की तैनाती में पारदर्शिता को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षा अधिकारियों ने तैनाती नहीं की तो एक शिक्षिका ने अवमानना याचिका दायर कर दी। इसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बीएसए और डायट प्राचार्य को नोटिस जारी कर 8 अप्रैल तक जवाब तलब किया है।


हालांकि शिक्षा अधिकारियों को पूर्व के आदेश का अनुपालन करने का अंतिम मौका भी दिया गया है। पिछले साल अंतर-जनपदीय तबादले के तहत इलाहाबाद आईं शिक्षिकाओं ने तैनाती में मनमानी का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर दिया था। इलाहाबाद से लखनऊ तक चले आंदोलन में महिलाओं ने पूर्व बीएसए दिनेश यादव को कटघरे में खड़ा कर दिया था। इसमें डीएम को हस्तक्षेप करना पड़ा और सीडीओ की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन करना पड़ा था। जांच समिति की रिपोर्ट से असंतुष्ट शिक्षिकाओं ने आंदोलन जारी रखा जिसका परिणाम यह हुआ कि दिनेश यादव को बीएसए पद से हटा दिया गया।
इसके बाद कुछ शिक्षिकाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। शिक्षिकाओं का तर्क था कि शासनादेशों की अनदेखी करते हुए तत्कालीन बीएसए दिनेश यादव ने मनमाने तरीके से तैनाती कर दी। जस्टिस वीके शुक्ला ने 29 नवंबर 2012 को नए सिरे से तैनाती किए जाने का आदेश जारी किया। आदेश का पालन न होने पर विभा कैथवास व अन्य ने अवमानना याचिका दायर कर दी। 21 फरवरी को इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जिला पदस्थापना समिति के अध्यक्ष और डायट प्राचार्य समेत बीएसए को नोटिस जारी कर 8 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हालांकि इस दौरान अधिकारी 29 नवंबर के आदेश का अनुपालन कर सकते हैं। शिक्षिकाओं के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले जनसंघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि पारदर्शी तरीके से तैनाती नहीं हुई तो फिर से आंदोलन किया जाएगा


News Source : livehindustan.com(26-02-13 12:16 AM)
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It looks court seeks reply of contempt notice from BSA and DIET Principle.