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Thursday, December 1, 2016

UPTET SARKARI NAUKRI News - - एक्सपर्ट्स की राय में UP की समस्त भर्तियों पर फैसला जल्दी हो जायेगा , कारण इससे जुड़े अन्य मामलो पर पहले ही काफी हियरिंग्स हो चुकी हैं , दस्तावेज व् तथ्य सामने हैं

UPTET SARKARI NAUKRI   News - टेट वेटेज चयन में अनिवार्य है  



एक्सपर्ट्स की राय में UP की समस्त  भर्तियों पर फैसला जल्दी हो जायेगा , कारण इससे जुड़े अन्य मामलो पर 
पहले ही काफी हियरिंग्स हो चुकी हैं , दस्तावेज व् तथ्य सामने हैं 


हमारे ब्लॉग का मानना है की टेट वेटेज जरुरी है , और पूर्ण हल NCTE  के दो नियमो में पहले ही स्पष्ट है :-
1. अभ्यर्थी टेट परीक्षा कितनी भी बार दे सकता है और टेट मार्क्स इम्प्रूव कर सकता है 
2. 9 बी - चयन में टेट मार्क्स का वेटेज दिया जाये  

दोनों पॉइंट्स एक दूसरे को पूर्ण करते हैं और बेहतर स्पष्टीकरण देते हैं 




See NCTE Guidelines : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines%5B1%5D%20(latest).pdf


NCTE ही अधिकृत संस्था है जो कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता तय करती है । 
और इसलिए इसके नियम  उत्तर प्रदेश की कक्षा 1 से 8 तक की भर्ती के लिए बाध्यकारी हैं । 
अगर उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती की कोई नियमावली भी होगी तो उसे अपने नियम परिवर्तित कर इन नियमो को मानना बाध्य है । 
NCTE केंद्र सरकार की अधिकृत एजेंसी है जो की आर टी ई एक्ट के अनुसार पूरे देश में कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षक भर्ती के नियम तय करती है ,
और टी ई टी परीक्षा उसी के नियमो के तहत है , इस आर टी ई एक्ट की मुफ्त शिक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार को बजट देती है ,
और शिक्षकों की सेलरी भी इस बजट से आती है । 

तो आप समझ सकते हैं ई आर टी ई एक्ट क्या है और उसके नियमो का पालन किसी राज्य / देश के संस्थाओं के लिए क्यों जरुरी हैं । 



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Rajasthan TET /  RTET,  BETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility TestWest Bengal TET / WBTETMPTET / Madhya Pradesh TETASSAM TET / ATET
UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TETHPTET / Himachal Pradesh TET
 

Wednesday, June 25, 2014

इथेनॉल पेट्रोल का उम्दा विकल्प और पर्यावरण के लिए बेहतर

इथेनॉल पेट्रोल का उम्दा विकल्प और पर्यावरण के लिए बेहतर
Ethanol a Good Petrol Alternative
इथेनॉल गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद शीरा से बनता है और इसको बनाने की लागत महज 2 रूपए प्रति लीटर तक आती है ,शीरा 30 पैसे प्रति लीटर पड़ता है और चार लीटर शीरे से 1 लीटर इथेनॉल बनता है ,

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर मोटर वाहनों में ईंधन की तरह उपयोग में लाया जा सकता है. इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने से किया जाता है जिसकी हमारे देश में प्रचुरता है. भारत सरकार ने 2002 में गजट अधिसूचना जारी करके देश के नौ राज्यों और चार केन्द्र शासित क्षेत्रों में एक जनवरी 2003 से पांच प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल बेचने की मंजूरी दे दी थी. इसे धीरे-धीरे बढ़ाते हुए पूरे देश में दस प्रतिशत के स्तर तक ले जाना था परन्तु अनेक नीतिगत और आर्थिक समस्याओं के कारण यह लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है


इथेनॉल को गन्ने के अलावा शर्करा वाली अन्य फसलों से भी तैयार किया जा सकता है जिससे कृषि और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा. गौरतलब है कि इथेनॉल को ऊर्जा का अक्षय स्रेत माना जाता है, क्योंकि गन्ने की फसल अनंत और अपार है

ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत कारें सौ प्रतिशत इथेनॉल पर दौड़ रही हैं और बाकी मोटर वाहन 24 प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल इस्तेमाल करते हैं. हमारे देश की तरह ब्राजील में भी इथेनॉल बनाने के लिए मुख्य रूप से गन्ने का उपयोग किया जाता है.
स्वीडन ने इथेनॉल इस्तेमाल करने की शुरुआत 1980 में की थी और आज इसने इसी बलबूते पर कच्चे तेल के आयात में लगभग 25 प्रतिशत की कटौती कर ली है. कनाडा के कई राज्यों में इथेनॉल के इस्तेमाल पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. जाहिर है, इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है जिसकी फिलहाल हमारे देश में कमी दिखाई दे रही है
इथेनॉल जैसा ही एक अन्य कारगर विकल्प है बायोडीजल. दरअसल कुछ पौधों के बीजों में ऐसा तेल पाया जाता है जिसे भोजन के उपयोग में तो नहीं लाया जा सकता परन्तु इसे मोटर वाहनों में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
सामूहिक रूप से ऐसे तेलों को बायोडीजल का नाम दिया गया है क्योंकि इसे पेट्रो-डीजल में आसानी से मिलाया जा सकता है या डीजल इंजन में अकेले भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यूं तो हमारे देश के अनेक पौधों में बायोडीजल की संभावना मौजूद है परन्तु इनमें रतनजोत या जोजोबा, करंज, नागचंपा और रबर प्रमुख हैं
 



ब्राजील जैसे देशों में 40  प्रतिशत वाहन शुद्ध इथेनॉल से चलते है और बाकि 60 % वाहनो में भी इथेनॉल का उपयोग होता है ,
अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया में भी पर्यावरण की दृष्टि से 10 % इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है , इस से पेट्रोल की खपत भी कम होती है
और पर्यावरण को भी कम नुक्सान पहुँचता है ।
अमेरिका में इथेनॉल को मक्के से बनाया जाता है , और ब्राजील से खरीदा जाता है ,
हमारे देश भारत में और ब्राजील में इथेनॉल को गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद / अवशेष शीरा /खोई से बनाया जाता है



ब्राजील , स्वीडन जैसे देशों ने पेट्रोल , डीज़ल से निजात पाने और आत्म निर्भर बनने के लिए अस्सी के दशक से ही वैकल्पिक विकल्पों पर रिसर्च करनी शुरू कर दी थी ।
और आज कल ब्राजील ने पेट्रोल डीसल आयत को काफी कम कर दिया है और इथेनॉल आदि उत्पादों से ईंधन उत्पादन में  आत्म निर्भर होने के कगार पर हो चला है ।
हमारा देश के प्रतिनिधि तकनीकी हस्तांतरण / जानकारी के लिए समय समय  ब्राजील जाते  रहे है पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक के काल में भी प्रतिनिधी मंडल ब्राजील



इथेनॉल पर रिसर्च द्वितीय विश्व युद्ध  के समय ही शुरू हो गयी थी जब बहुत से देशों को तेल न मिल पाने जैसे हालातों से सामना करना पड़ा था ,
अब हमारा देश ब्राजील आदि देशों के साथ मिलकर एथनॉल रिसर्च पर जोर दे रहा है ,
इथनॉल के साथ एक मुश्किल है की यह कोरिसिव नेचर का होता है , और इंजन की घिसाई व रगड़ पिट्टी ज्यादा रहती है , जिस से इंजन की आयु काम हो जाती है इसलिए इसे पेट्रोल में 5 -10 प्रतिशत मिलाने की शुरुआती योजना बनी ,
और इंजन की नयी तकनीकी / रिसर्च की जरूरत पड़ने लगी जिस से एथेनॉल को अधिक से अधिक उपयोग में लाया जा सके ।



 




रिलायंस कम्पनी ने ब्राज़ील में जमीन खरीदी है और वह इसको इथेनॉल उत्पादन में प्रयोग में लाने जा रही है


ब्राजील में इथेनॉल का उत्पादन करेगी रिलायंस
ब्रासीलिया : रिलायंस इंडस्ट्रीज ब्राजील में बहुत बड़े पैमाने पर इथेनॉल प्रॉडक्शन की तैयारी कर रही है। कंपनी इस इथेनॉल को दुनिया के बाजारों में बेचेगी। ब्राजील में होने वाले कंपनी के विस्तार का काम आईपीसीएल के पूर्व अधिकारी आर. सी. शर्मा देख रहे हैं। उनका कहना है कि अभी यह शुरुआती दौर में है, Source : Click here )

 



अगर पेट्रोल में 5 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E5 कहते हैं , अगर पेट्रोल में 10 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E10 कहते हैं ,
और अगर बगैर पेट्रोल के सिर्फ इथेनॉल का उपयोग किया जाता है तो इसे E100 कहते है

ब्राजील इस रिसर्च में काफी आगे है और इसके 40 % वाहन शुद्ध इथेनॉल  (E100 ) पर चलने लगे हैं

हमारे देश में इथेनॉल को इस समय 27 रूपए प्रति लीटर पर सरकार किसानों / विक्रेताओं से खरीदती है , और इसका समर्थन मूल्य 42 रूपए प्रति लीटर
तक होने जा रहा है ,
इथेनॉल उत्पादन में महाराष्ट्र काफी आगे है , और इसमें नितिन गडकरी जी की कंपनी पूर्ती ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका है जो की भारी मात्र में
इथेनॉल उत्पादन करती है ,

हाल ही में गडकरी जी ने यू पी में कहा की महाराष्ट्र  में गन्ना उत्पादन प्रति हेक्टेयर यू पी से चार गुना  ज्यादा है और हम यू पी में इसकी तकनीक बढ़ाने पर जोर देंगे  (Source : click here
Gadkari said -  गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है,


गडकरी ने नागपुर के आसपास के क्षेत्रों में बंद पड़ी चीनी मिलें खरीदी हैं। ये चीनी मीलें पूर्ति समूह ने खरीदी हैं, जिसके सर्वेसर्वा गडकरी हैं

गडकरी कहते हैं कि चीनी में नुकसान है, पर गन्ने की खोई से बिजली बनाने में फायदा भी है। विदर्भ में बिजली संकट का रास्ता भी हम इसी से ढूंढ रहे हैं। चीनी का कारोबार उत्तर प्रदेश और किसानों के विकास की तस्वीर बदल सकता है।

उन्होंने कहा कि गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है।

गन्ना मिलों में तैयार होने वाली मोलासेस से इथेनॉल उत्पादन की नीति बनाई जाएगी। इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाएगा, जैसा ब्राजील में हो रहा है। गन्ने को लेकर गडकरी की भाजपा ने उत्तरप्रदेश में करीब एक दर्जन सुझाव किसानों के सामने रखे हैं।  )



देश में और भी वैकल्पिक / प्राकृतिक ईंधन मौजूद है , जैसे की रतन जोत / जोजोबा पौधा जो की डीज़ल का बेहतरीन विकल्प है और बंजर स्थानो पर कम
पानी में भरपूर मात्र में आसानी से लग जाता है ।

हमारे देश में हिन्द महासागर के तटीय इलाकों में तेल निकलने की अपार संभावनाएं बताई गयी हैं , और अन्य ऊर्जा स्रोत - थोरियम ( थोरियम  के भण्डार में विश्व में भारत  प्रथम स्थान पर है )


हमें भरोसा है की हमारा देश भारत अगले दस सालों में वैकल्पिक ईंधन ( एथेनॉल , बायो डीज़ल - रतन जोत , सोर ऊर्जा , पवन चक्की , जल ऊर्जा आदि  )
 द्वारा आत्म निर्भरता प्राप्त कर लेगा और पेट्रोल डीज़ल  आयात कम कर देगा



Friday, June 20, 2014

शिक्षा मित्रो का समायोजन और टी ई टी बाधा

शिक्षा मित्रो का समायोजन और टी ई टी बाधा




 UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
UPTET PASS GIRL CANDIDATE can JOIN THIS GROUP : https://www.facebook.com/groups/uptetgirlsgroup/

UPTET PASS CANDIDATE can JOIN this GROUP :https://www.facebook.com/groups/uptetteachersgroup


29334 Junior High School Teacher Aspirant Group : https://www.facebook.com/groups/uptetjnrteacher/


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शिक्षा मित्रों के समायोजन के साथ आजकल फेसबुक पर टी ई टी पास लोगों अपने को छला हुआ महसूस कर रहे हैं -

आखिर शिक्षा टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण करने से भय क्यों है , जो खुद शिक्षक बनने की जरूरी परीक्षा से कतरा रहे हैं ,
वह कैसे गुणवत्ता परक शिक्षा देंगे ।
जो शिक्षा मित्र टी ई टी परीक्षा पास कर चुके हैं , उनके लिए जरूर कुछ अच्छा किया जाना चाहिए । जिस से अन्य शिक्षा मित्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिले और वह भी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण कर सकें और गुणवत्ता परक शिक्षा देने की क्षमता का विकास कर सकें


बी टी सी 2004 और 2007 -08 का बेच सालों से भर्ती का इन्तजार कर रहा है लेकिन अभी भी लटके हुए हैं । और बी टी सी करने के बाद बी टी सी धारियों
को टी ई टी जरूरी बताया गया और बेचारे शिक्षक बनने से वंचित हो गए

बी एड और टी ई टी उत्तीर्ण लाखों लोगो  भी 2011 से अपनी भर्ती के इन्तजार में अवसाद ग्रस्त हैं



आज टी ई टी  की अच्छी जानकारी रखने वाले श्याम देव मिश्रा जी ने यह बातें कही :



एक रिज़र्व जजमेंट ने शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण पूरा करवा दिया, अब क्या दूसरा पेंडिंग या रिज़र्व जजमेंट नियुक्ति दिलवा देगा ? क्या यह न्याय है या परदे के पीछे का खेल? अगर खेल हैं तो इस खेल के खिलाडी कौन-कौन ? कहीं दिखावे की नूराकुश्ती तो नहीं? कोई सच्ची का मुकदमा करके मामले में न्याय न करवा दे, इसलिए एक झूठमूठ के मुक़दमे का नाटक और अपनी मर्जी के दिखावे के आदेश का नाटक, ताकि पब्लिक सोचे, मामला तो कोर्ट में है ही, सरकार तो आदेश के अधीन है ही और इसी धोखे में सच्चा मुकदमा हो ही न ! अगर इनकी ट्रेनिंग दूध की धुली थी तो आजतक 28004/2011 में निर्णय क्यों नहीं आया? किस निर्णय या आदेश ने कब इन्हे ठेके पर गैर-रोजगारपरक सामुदायिक सेवा दे रहे स्थानीय युवाओं के स्थान पर अप्रशिक्षित अध्यापक का दर्जा दिया ? 168000 पदों पर सेंधमारी है भाई ये तो ! इनमे तो बहुतेरे सिर्फ पहुँच का लाभ उठा कर पैतीस सौ रुपये के मानदेय सुनिश्चित करने में कामयाब होने वाले लड़के थे, इस से कौन इंकार करेगा ? क्या ये सरकारी वेतन पर राजनैतिक कैडर खड़ा करने की कोशिश नहीं है? क्या आप इस पोस्ट को शिक्षामित्रों के मामले से जोड़कर देख रहे हैं? 
मर्ज़ी आपकी !!



ब्रजेश मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने टी ई टी व शिक्षा मित्रों के सम्बन्ध में आर टी आई द्वारा निम्न जानकारी ली गयी :-

जिसमें बताया गया है कि शिक्षा मित्रों के लिए भी टी ई टी जरूरी है
देखिए :-


ब्रजेश मिश्रा जी के प्रश्न -


ब्रजेश मिश्रा जी को प्राप्त उत्तर -




राजस्थान सरकार ने भी अपनी वेबसाइट पर लिखा है , कि शिक्षा मित्रों को टी ई टी से कोई छूट नहीं दी गयी है ,
देखिए  : -


Source : http://examrtet.rajasthan.gov.in/Documents/Vigyapti-RTET-2013.pdf


Tuesday, April 15, 2014

Article : केजरीवाल और राजनीती

Article : केजरीवाल और राजनीती

केजरीवाल ने जब शुरुआत की थी तब देश की जनता को उनसे बहुत उम्मीदे थी ,

 सोशल मीडिया पर क्या क्या उतार चढ़ाव आये और क्या है केजरीवाल की कमजोरी और खूबियां -

देश की जनता भ्रस्टाचार से पीड़ित होने के कारण उन्होंने केजरीवाल की जनलोकपाल में विचारधारा को बहुत उम्मीदों से देखा , उनके साथ अन्ना हज़ारे , किरण बेदी थे जिनका भ्रस्टाचार विरोधी आंदोलन और  भ्रस्टाचार  रोकने में बड़ा योगदान था ।
आर टी आई लाने के लिए के लिए अन्ना और केजरीवाल ने बड़ा योगदान किया था और कांग्रेस सरकार के दौरान यह पारित हुआ था , आर टी आई की ही देन  थी , जिस से देश में तमाम भ्रष्टाचारों का खुलासा हुआ ,
लेकिन सिर्फ खुलासा होने भर से भ्रष्ट  लोगों को सजा नहीं मिलती और आर टी आई के दौरान सुचना पाना  भी आसान प्रक्रिया नहीं है कई बार सुचना अधिकारी , प्रथम अपीलीय अधिकारी पूरी सुचना नहीं देते और मामला द्वितीय अपील तक पहुँचता है और इसका निस्तारण होते होते बहुत  समय लग जाता है , इस दौरान आर टी आई आवेदन कर्ताओं को कई बार तमाम कष्टों से गुजरना पड़ता है और कई बार इसकी कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ती है ।
देश की अदालतों में फैसले होने में बहुत लम्बा समय लगता है कई  फैसलों में उम्र भर गुजर जाती है , ऐसे में जन लोक पाल आम जनता को कम समय में व् कम खर्च में बड़ी राहत प्रदान करता है 
देश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां जन लोक पाल और राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाने में परेशानी महसूस करती हैं
और इस दिशा में पहल करने से घबराती हैं ।

शुरुआत तक तो सब ठीक था , लेकिन अरविन्द केजरीवाल की जिन बातों को सोशल मीडिया में विरोध हो रहा है वे निम्न हैं -
१. शुरुआत में केजरीवाल राजनीती से दूर रहने की बात करते थे , कहते थे की क्या हर आंदोलन करने वाला चुनाव लड़ेगा ।
लेकिन बाद में केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा

२. केजरीवाल ने बच्चों की कसम खा कर कहा कि में न किसी पार्टी से समर्थन लूंगा न ही समर्थन दूंगा ।
लेकिन बाद में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई ।

३. केजरीवाल ने बिजली पानी में भ्रष्ट्राचार काम करके सस्ती बिजली पानी मुहैया कराने का वादा किया , जबकि बाद में सब्सिडी आधारित व्यवस्था
के तहत बिजली , पानी में राहत की घोषणा की ।
 हालाँकि यह अभी विवाद का विषय है की यह व्यवस्था सही थी की नहीं , लेकिन सस्ती बिजली पानी भ्रष्ट्राचार  को कम करके नहीं दी गयी

सबसे बड़ा विवाद का विषय तब बना जब उन्होंने बिजली आंदोलन के दौरान अपने समर्थकों को जिन्होंने विरोध स्वरुप बिजली का बिल अदा नहीं किया उनको बिल अदायगी में 50 फीसदी सब्सिडी की राहत  की घोषणा कर दी ,
उसके बाद मामला अदालत पहुंचा और अदालत ने इस सब्सिडी पर रोक लगा दी ,
अदालत में दाखिल पी आई एल में कहा गया की - बिजली बिल अदायगी न करने वालों को दंड देने की जगह अपने समर्थकों को इनाम दिया जा रहा है ,
देखिए - http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-high-court-halts-implementation-of-ex-aap-government-s-waiver-on-power-bills-485372
(

The PIL has been filed against former Delhi government's announcement of 50 per cent waiver on electricity bills of people who defaulted in payment, saying it will "spread chaos and anarchy by rewarding defaulters instead of penalising them.)
 

४. केजरीवाल ने वी आई पी कल्चर ख़त्म करने की बात कही और उनकी मंत्री  राखी बिड़लान पहले दिन ऑटो से पहुँची और उसके अगले दिन से
इनोवा टयोटा गाड़ी से आने जाने लगीं , वी आई पी कल्चर की परिभाषा लाल बत्ती ख़त्म करने से दी गयी , लेकिन सामान्य जन वी आई पी कल्चर के मायने तड़क भड़क शानो शौकत से रहने को भी समझता है ।
मानते है की जो मंत्री लाखों करोड़ों लोगों को सर्विस देने के लिए बने हैं उन्हें अच्छी सुविधाएँ मिलना जरूरी हैं , क्यूंकि छोटी मोटी कंपनी के मालिक के पास ही गाड़ी , बंगला और तमाम सुख सुविधाएँ होती हैं , और मंत्री के सेक्रेटरी ही कार , बंगले आदि की सुविधाओं से लेस होते हैं
तो मंत्री को सुविधाएं देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए ।
लेकिन ये मंत्री देश की आम जनता के सेवक होने का स्वांग भर करके चुन कर आते हैं , देश का आम इंसान गरीबी व जन सुविधाओं की किल्लत से जूझ रहा है तो ऐसे मंत्रियों में त्याग की भावना होना बहुत जरूरी है जिस से देश की आम जनता की परेशानी समझ सकें ।
इसलिए मंत्रियों से उम्मीद की जाती है के वह सामान्य जन की तरह  करें
अन्ना हज़ारे ने इस बारे में कहा है की अरविन्द में त्याग की बहुत कमी है और वह भी सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता की रेस में शामिल हो गए हैं

५. केजरीवाल का सबसे ज्यादा विरोध कश्मीर पर उनकी नीति के बारे में हो रहा है , जिसमें उनकी पार्टी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कश्मीर में वोटिंग के जरिये कश्मीर के देश से अलग होने न होने पर बात कही है ।
इस बारे में केजरीवाल काफी लम्बे समय तक  चुप रहे और मीडिया द्वारा पूछने पर सवाल का जवाब टाला भी गया , इससे लोगों में सन्देश जाने लगा की
केजरीवाल भारत की अखंडता में आस्था नहीं रख रहे , लेकिन काफी समय बाद केजरीवाल जी ने कहा की में प्रशांत भूषण की कश्मीर पर दी गयी राय से
सहमत नहीं हूँ । यही बात अगर वह काफी पहले कहते तो सोशल मीडिया पर उनका इस मामले में तीव्र विरोध नहीं होता

अगर देश से एक हिस्सा अलग होता है तो देश से बाकि हिस्से पंजाब , असम , नार्थ ईस्ट आदि भी देश से अलग होने की मांग करने लगेंगे और अलगाव वादी ताकतें हावी होने लगेंगी
और क्या देश के सभी गली मुहल्लों में वोटिंग करा कर उनसे अलग देश या किसी और देश में शामिल होने की राय ली जानी चाहिए , इस तरह से देश
के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे ।  देश कमजोर हो जायेगा और देश के शत्रु  देश पर हावी हो जायेंगे ।
एक मजबूत देश के लिए अखंड भारत की बेहद आवश्यकता  है , हाँ यह जरूर किया जाना चाहिए की देश के सभी नागरिक खुशहाल बने , चाहे वे कश्मीरी हों
पंजाबी हों , उत्तर भारतीय , दक्षिण भारतीय ,  गुजराती , मराठी आदि

६. केजरीवाल बात बात अपनी बातों से पलट जाते हैं , उन्होंने कहा की चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन लड़े , किसी से सपोर्ट ले कर कर सरकार नहीं बनाऊंगा लेकिन बनाई , उन्होंने कहा की में लोक सभा इलेक्शन नहीं लड़ूंगा लेकिन अब लोक सभा इलेक्शन लड़ रहे हैं ,
वे अपनी बात पर कायम नहीं रहते , इसलिए उनकी बातों में जनता को गंभीरता से नहीं ले रही है

७. उनके मंत्री सोमनाथ भारती पतंग उड़ाते हैं और दस्त का बहाना बना कर महिला आयोग नहीं जाते और ऐसे मंत्री पर कोई कार्यवाही भी नहीं होती ,
ऐसे ही राखी बिड़लान की कर का शीशा बच्चे की गेंद से टूट जाता है , बच्चे द्वारा माफी मांगने के बावजूद भी ऍफ़ आई आर होती है और इस आतंकवादी घटना बताया जाता है
ऐसे मंत्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती

ऐसे ही कई घटनाक्रम हैं , जिनसे केजरीवाल की लोक प्रियता में गिरावट आयी है
हालाँकि केजरीवाल का जन लोक पाल मुद्दा , राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाना , ग्राम व्यवस्था को अधिक स्वायत्ता देना आदि अच्छे
रास्ते हैं , लेकिन जबसे केजरीवाल ने दिल्ली सरकार छोड़ी और परफॉर्म करके नहीं दिखा सके ,
ऐसे में जनता के बीच उनके प्रति विश्वास की कमी हो गई है

दुसरी तरफ नरेंद्र मोदी के सुरक्षा व विकास वाद मुद्दे आम जनता के बीच हावी होने लगे हैं
गुजरात में २००२ के बाद से शांति व्यवस्था कायम है , गुजरात में सुचारू बिजली व्यवस्था है और बिजली की कमी नहीं है 
बी बी सी आदि ने गुजरात को तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बताया है




http://archive.indianexpress.com/news/land-act-a-fraud-learn-from-gujarat-says-sc/827449/


http://www.bbc.com/news/world-asia-india-17919364
 (Gujarat IS a red hot economy)

http://www.bbc.co.uk/news/business-17156917
(Gujarat state in the fast lane of Indian economy)
No power cuts
But the biggest reason for Gujarat's popularity is that unlike most of India it is a power-surplus state.
Mr Banerjee says: "We don't need a captive generator to run our plant here. This is the only plant I have out of the 17 plants in seven states in India that doesn't need a backup generator."
Other than coal-based thermal power plants, the state leads the country in solar energy usage.
The Asian Development Bank recently approved a $100m loan to Gujarat to build a 500 megawatt solar park.



 अमेरिकी अखबार ने की नरेंद्र मोदी की तारीफ
 अखबार ने अपने संपादकीय में मोदी और भाजपा को लेकर तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी आलोचकों की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उन्होंने 'मुस्लिम विरोधीÓ रुख छोड़ दिया है। अखबार ने इस आशंका को भी खारिज किया है कि मोदी की सरकार बनने के बाद लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होंगी। या धार्मिक उन्माद बढ़ेगा
- http://www.bhaskar.com/article-hf/INT-indias-narendra-modi-should-build-on-his-successes-not-his-prejudicial-rhetoric-4574613-NOR.html



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अंत में यही कहना चाहेंगे की देश की सबसे बड़ी उपलब्धि तब होगी जब देश की जनता को उसकी वास्तविक ताकत अर्थात जन लोक पाल मिले 

देश में जनता के हाथ में शक्ति अर्थात जन लोक पाल व्यवस्था जनता को दी जानी चाहिए ,
जिस से भ्रस्टाचार  से पीड़ित आम इंसान देश की खर्चीली और लम्बी न्यायिक व्यवस्था की जगह सरल मॉडल को अपना सके
देश के सामरिक व रण नीतिक व्यवस्था को इस दायरे से मुक्त रखा जा सकता है ,
लेकिन इस दिशा में अभी बहुत काम होना बाकि है , फिलहाल अच्छे व्यक्ति, अच्छी पार्टी  को चुनाव में जिताएं और देश को मजबूत बनायें
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Monday, September 9, 2013

गणेश चतुर्थी


आज गणेश चतुर्थी है 
सभी लोगों को गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की हार्दिक  शुभ कामनाएं 
आने वाला समय सभी के लिए मंगलमय हो


आज के दिन दिन का शुभ आरम्भ गणेश भगवान् को स्मरण करके करना चाहिए ,
शास्त्रों में गणेश भगवान् की पूजा को प्रथम स्थान प्राप्त है