सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने दिया निर्देश
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद ने पहले चरण में 58,826 शिक्षा मित्रों को
सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने का रास्ता साफ कर दिया है। सचिव बेसिक
शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने इस संबंध में सोमवार को सभी बेसिक शिक्षा
अधिकारियों को निर्देश भेज दिया है।
उन्होंने
कहा है कि 19 जून को जारी शासनादेश के आधार पर जिले में कार्यरत व
पत्राचार माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी, बीटीसी, बीटीसी उर्दू व विशिष्ट
बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षा मित्रों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक
अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाना है। इसलिए बेसिक शिक्षा अधिकारी
शासनादेश में दी गई व्यवस्था के आधार पर शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक
के पद पर नियुक्ति की कार्यवाही करें।
सचिव
बेसिक शिक्षा परिषद के इस निर्देश पर कई जिलों में भ्रम की स्थिति साफ हो
जाएगी। प्रदेश के कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सचिव बेसिक
शिक्षा परिषद से दिशा-निर्देश मांगा था
News Sabhaar : Amar Ujala (29.07.2014)
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59 हजार शिक्षामित्र बन गये सहायक अध्यापक
नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में बलरामपुर अव्वल
ज्यादातर को मूल
स्कूलों में ही भेजा गया
नियुक्तियां कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन
लखनऊ
: प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में तैनात व दूरस्थ बीटीसी का प्रशिक्षण ले
चुके 59 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र आखिरकार सरकारी स्कूलों में सहायक
अध्यापक बन गये हैं। शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले
में बलरामपुर जिला अव्वल रहा। जिला स्तरीय चयन समिति की सिफारिश पर जारी
नियुक्ति पत्रों में ज्यादातर को मूल स्कूलों में ही भेजा गया है लेकिन
नियुक्तियां कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रखी गयी हैं। शिक्षामित्रों को
सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति के बाद वेतनमान ग्रेड 3 व वेतन बैण्ड 2 में
9300 से 34800 रुपये के मूल वेतन में रखा गया है और 4200 का ग्रेड पे दिया
गया है। एक वर्ष का परिवीक्षाकाल रहेगा। इस दौरान सेवाएं संतोषजनक होने पर
ही उन्हें नियमित किया जाएगा। शिक्षामित्रों की काउंसलिंग प्रदेश के सभी
जिलों में पूरी हो गयी है और जिला स्तरीय चयन समिति को 25 जुलाई से
नियुक्ति पत्र जारी करने थे। इसी कड़ी में 27 जुलाई को सबसे पहले बलरामपुर
ने नियुक्ति पत्र जारी किये और शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर
ज्वाइनिंग देने को कहा गया है। इसके बाद अन्य जिलों में नियुक्ति पत्र जारी
होने लगे हैं। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए शासन ने
नियमावली में शिथिलता देकर उन्हें टीईटी से मुक्त रखा। मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का पदनाम देने व समायोजन करने को
लेकर हर चरण पर कैबिनेट की मंजूरी ली। पहले दो वर्ष का दूरस्थ बीटीसी से
प्रशिक्षण कराया गया। इसके बाद समायोजन के लिए शिक्षामित्रों को संघर्ष का
सहारा लेना पड़ा। कई बार के संघर्ष के बाद प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय
स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों में से पहले चरण के 59 हजार को 31 जुलाई
तक नियुक्ति पत्र देकर समायोजित कर दिया जाएगा। प्रथम चरण के शिक्षामित्रों
के साथ बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण ले चुके शिक्षामित्रों को भी
इसी के साथ सहायक अध्यापद बना दिया गया है। इनके आदेश भी अधिकतर जिलों में
जारी हो चुके हैं। 1500 रुपये के मानदेय पर परिषदीय स्कूलों में 2000- 2001
के शिक्षामित्र के तौर पर अध्यापन करने वालों को अब सहायक अध्यापक पद
मिलने के साथ ही वेतनमान मिल गया है और अब वेतन के तौर पर 25 हजार रुपये से
ज्यादा पा सकेंगे। वैसे, प्रशिक्षण कर रहे बचे शिक्षामित्र अब भी 3500
रुपये मानदेय पर ही अध्यापन करेंगे। इनके मानदेय में भी बढ़ोतरी कर पांच
हजार रुपये प्रति माह करने पर पूर्व में सहमति बनी थी पर उसका आदेश अभी तक
जारी नहीं हो सका है।
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