UPTET / Shiksha Mitra : टीईटी की अनिवार्यता से शिक्षामित्रों में मायूसी
Shiksha Mitra Who worked like temporary / guest teacher having fear of TET necessity as
UP Govt. appointed them on 9300-4200-34800 pay scale with condition of final decision in Allahabad High Court.
फतेहपुर: मानदेय के आधार पर नौकरी कर सहायक अध्यापक की मोटी पगार वाली नौकरी से शिक्षामित्र खुशी के मारे फूले नहीं समां रहे हैं। टीईटी अनिवार्यता को लेकर इनमें कहीं खुशी कहीं गम का माहौल व्याप्त है। शासनादेश के मुताबिक नियुक्ति पत्र पा रहे तमाम शिक्षामित्र खुद मानते हैं कि अगर टीईटी अनिवार्य हो गई तो खुशियां काफूर हो सकती है।
जिले में प्रथम बैच के 1013 शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग पूरी हो गई है। आधे शिक्षामित्रों ने विकल्प पत्र भी भर दिए हैं। 31 जुलाई के पहले इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने के शासनादेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले का हवाला शिक्षामित्रों की नींद उड़ाए था। एक बार फिर टीईटी की अनिवार्यता ने इनके नींद दो गुना हराम कर दी है। बतातें चलें शिक्षामित्रों का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिसके चलते शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने के नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर नियुक्तियां तय होंगी का जिक्र किया जा रहा है। टीईटी को लेकर संगठन कुछ कह रहा है तो प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट और शासनादेश के अनुपालन की दुहाई दे रहे हैं। कुल मिलाकर शिक्षामित्रों के सामने स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने नहीं आ पा रही है। शिक्षामित्रों को डर है कि कहीं खुशियां काफूर न हो जाएं। कारण कि तमाम शिक्षामित्र मानते हैं कि टीईटी की परीक्षा पास कर लेना उनके वश की बात नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि टीईटी की फांस नियुक्ति में न रहे
News Sabhaar : Jagran (30.7.14)
Shiksha Mitra Who worked like temporary / guest teacher having fear of TET necessity as
UP Govt. appointed them on 9300-4200-34800 pay scale with condition of final decision in Allahabad High Court.
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शिक्षामित्रों
को डर है कि कहीं खुशियां काफूर न हो जाएं। कारण कि तमाम शिक्षामित्र
मानते हैं कि टीईटी की परीक्षा पास कर लेना उनके वश की बात नहीं है। इसलिए
बेहतर होगा कि टीईटी की फांस नियुक्ति में न रहे
फतेहपुर: मानदेय के आधार पर नौकरी कर सहायक अध्यापक की मोटी पगार वाली नौकरी से शिक्षामित्र खुशी के मारे फूले नहीं समां रहे हैं। टीईटी अनिवार्यता को लेकर इनमें कहीं खुशी कहीं गम का माहौल व्याप्त है। शासनादेश के मुताबिक नियुक्ति पत्र पा रहे तमाम शिक्षामित्र खुद मानते हैं कि अगर टीईटी अनिवार्य हो गई तो खुशियां काफूर हो सकती है।
जिले में प्रथम बैच के 1013 शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग पूरी हो गई है। आधे शिक्षामित्रों ने विकल्प पत्र भी भर दिए हैं। 31 जुलाई के पहले इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने के शासनादेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले का हवाला शिक्षामित्रों की नींद उड़ाए था। एक बार फिर टीईटी की अनिवार्यता ने इनके नींद दो गुना हराम कर दी है। बतातें चलें शिक्षामित्रों का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिसके चलते शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने के नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर नियुक्तियां तय होंगी का जिक्र किया जा रहा है। टीईटी को लेकर संगठन कुछ कह रहा है तो प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट और शासनादेश के अनुपालन की दुहाई दे रहे हैं। कुल मिलाकर शिक्षामित्रों के सामने स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने नहीं आ पा रही है। शिक्षामित्रों को डर है कि कहीं खुशियां काफूर न हो जाएं। कारण कि तमाम शिक्षामित्र मानते हैं कि टीईटी की परीक्षा पास कर लेना उनके वश की बात नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि टीईटी की फांस नियुक्ति में न रहे
News Sabhaar : Jagran (30.7.14)