टीईटी का अंतिम परिणाम जल्द
(UPTET : TET Final Result Coming Soon)
इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का अंतिम संशोधित परिणाम एक सप्ताह के भीतर आ जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी बोर्ड को प्रदेशभर से करीब 12,500 आपत्तियां मिली हैं। सोमवार को आपत्तियां लेने का अंतिम दिन था। आज ही सभी आपत्तियों को निस्तारण के लिए संबंधित एजेंसी को भेज दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में कई प्रश्नों और उनके विकल्पों पर अभ्यर्थियों ने आपत्तियां जताई थी। परिषद ने कुछ आपत्तियों का संज्ञान लिया और उन्हें संशोधित भी कर दिया। इसके बाद संशोधित परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया गया। इस संशोधन में अभ्यर्थियों को कुछ अंकों का लाभ हुआ। हालांकि परिषद द्वारा दूर की गई आपत्तियों के दूर करने के बाद भी अभ्यर्थी कई प्रश्नों के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। यूपी बोर्ड को प्रार्थना पत्र देने के बाद भी जब आपत्तियां दूर नहीं की गई तो अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए। याचिकाएं दायर कर दीं। इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों की सभी आपत्तियों का निस्तारण करने का 17 दिसंबर को आदेश दिया। हाईकोर्ट ने ग्रीवांस सेल का गठन करने और 100 रुपये शुल्क के साथ आपत्तियां लेने का निर्देश दिया। इसके बाद परिषद अभ्यर्थियों की आपत्तियां ले रहा था। इस बीच बोर्ड ने दो बार परीक्षा परिणाम को संशोधित भी कर दिया। अभी हाल ही में चार हजार परीक्षार्थियों के परीक्षा संशोधित किए गए हैं। परिषद द्वारा कुछ दिनों में फाइनल और अंतिम परीक्षा परिणाम जारी कर दिया जाएगा। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक परिषद द्वारा अंतिम संशोधित परिणाम को निकालने के बाद अब कोई संशोधन नहीं किया जाएगा।
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टीईटी अभ्यर्थियों को झटका चुनाव आचार संहिता के कारण नहीं हो सकेगी शिक्षकों की तैनाती
( Shocking News for TET Candidates : Joining/Posting of new PRT Teachers is not possible due to Election Code of Conduct)
एक करोड़ से अधिक फॉर्म पहुंचे डायट, स्क्रूटनी में ही लगेंगे हफ्तों
कुलदीप इलाहाबाद। चुनाव से पहले प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की उम्मीद में रात-रात भर लाइन में खड़े रहकर फॉर्म जमा करने वालों को जोर का झटका लग सकता है। विधि विशेषज्ञों ने शासन को सलाह दी है कि चुनाव आचार संहिता के कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकती। चयन प्रक्रिया पहले से चल रही है इसलिए उप पर रोक नहीं लगेगी लेकिन जो हालात हैं, जिलों में लिस्ट फाइनल करने में ही चुनाव गुजर जाएगा। दो दिन पहले लखनऊ में डायट और सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने से पहले नियुक्तियां नहीं हो सकती और तब तक सभी जिलों में चयन की सूची फाइनल न हुई तो आगे का फैसला नई सरकार पर होगा। हालांकि बैठक में चयन प्रक्रिया को लेकर कोई नया फैसला नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया चलती रहेगी लेकिन परिणाम पर रोक लग सकती है। हालांकि परिणाम निकलने की स्थिति बनेगी, इसी में संदेह है। चयन प्रक्रिया से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश भर में एक करोड़ से अधिक फॉर्म पहुंच चुके हैं और नौ जनवरी तक जाहिर है यह संख्या बढ़ेगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों ने यूपी बोर्ड में परिणाम संशोधन के लिए आवेदन किया है। इन अभ्यर्थियों के परिणाम सात जनवरी तक जारी हो सकते हैं। ये अभ्यर्थी भी अन्य जिलों से आवेदन करेंगे। अफसरों के मुताबिक ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 45 जिलों से आवेदन किया है। जिन जिलों में 50 हजार या अधिक फॉर्म पहुंचे, वहां स्क्रूटनी में ही दो हफ्ते से अधिक लग जाएंगे। स्क्रूटनी के बाद उन पर आपत्तियां और उसके संशोधन के लिए वक्त देना होगा। फिर काउंसलिंग में हफ्ते भर से अधिक लग सकते हैं। यानी नौ जनवरी को फॉर्म जमा करने की तिथि खत्म होने के बाद भी स्क्रूटनी होने लगे तो भी वक्त पर पूरा होना मुश्किल है। बैठक में शामिल निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जो हालात बन रहे हैं, नियुक्तियां अटक सकती हैं।
News : Amar Ujala (03.1.12)