UPTET : फरवरी में न हुई टीईटी परीक्षा तो जाएंगे कोर्ट में
लालगंज(संवाददाता)। बीएड बेरोजगार संघ लालगंज तहसील इकाई की बैठक लालगंज सिंचाई विभाग के निरीक्षण गृह में अध्यक्ष अनिल कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार फरवरी 2013 तक में टीईटी परीक्षा नहीं कराती है तो उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की जाएगी।
वक्ताओं ने कहा कि टीईटी परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की जा रही है, जो गलत है। इस मौके पर कमलेश कुमार, संजय सरोज, इंद्रेश, मिथिलेश कुमार, धर्मराज सरोज, चरण सिंह, विजय बहादुर यादव, संतोष सिंह आदि उपस्थित थे।
News Source : Amar Ujala (17.1.13)
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ओवरएज अभ्यर्थियों को भी शामिल करें: हाईकोर्ट
•टीईटी मेरिट के आधार पर चयन करने की मांग खारिज
इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में ऐसे सभी अभ्यर्थियों को शामिल करने का निर्देश दिया है जिन्होंने 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के लिए आवेदन किया था, परंतु इस बार आयु सीमा अधिक या कम हो जाने के कारण उनकी अर्हता समाप्त हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थी जो पिछले विज्ञापन के लिए आवेदन कर चुके हैं और इस बार आयु कम या अधिक हो जाने के कारण आवेदन नहीं कर सके हैं, 21 जनवरी तक अपना प्रार्थनापत्र शासन को भेजें।
अखिलेश त्रिपाठी और सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने यह आदेश दिए।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सहायक अध्यापक नियमावली 1981 के नियम छह में सरकार को न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण कर सकती है। राज्य सरकार ने सेवा नियमावली में 16 वां संशोधन करते हुए चार दिसंबर 2012 को न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी थी। इससे तमाम अभ्यर्थी अंडरएज हो गए। कोर्ट ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि आयु सीमा की गणना विज्ञापन जारी करने की तिथि के बाद आने वाले साल में की जाएगी। इस प्रकार से अभ्यर्थियों की आयु की गणना एक जुलाई 2012 के स्थान पर एक जुलाई 2013 को की जानी चाहिए। कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। शिक्षा मित्रोें द्वारा मौजूदा विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी। चार वर्षीय बीएलएड कोर्स को अर्हता में शामिल न किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी।
कई याचियों के अधिवक्ताओं ने मौखिक तौर पर आवेदन शुल्क कम करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि किसी भी याचिका में फीस कम करने की मांग नहीं की गई है इसलिए इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है। बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी