Thursday, January 17, 2013

UPTET : टीईटी मेरिट के आधार पर चयन की मांग खारिज


UPTET : टीईटी मेरिट के आधार पर चयन की मांग खारिज

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इलाहाबाद (ब्यूरो)। 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि सहायक अध्यापक नियमावली 1981 के नियम छह में सरकार को न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण कर सकती है। राज्य सरकार ने सेवा नियमावली में 16 वां संशोधन करते हुए चार दिसंबर 2012 को न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी थी। इससे तमाम अभ्यर्थी अंडरएज हो गए।
कोर्ट ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि आयु सीमा की गणना विज्ञापन जारी करने की तिथि के बाद आने वाले साल में की जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थियों की आयु की गणना एक जुलाई 2012 के स्थान पर एक जुलाई 2013 को की जानी चाहिए। कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। शिक्षा मित्रोें द्वारा मौजूद विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी
चार वर्षीय बीएलएड कोर्स को अर्हता में शामिल न किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी।
कई याचियों के अधिवक्ताओं ने मौखिक तौर पर आवेदन शुल्क कम करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि किसी भी याचिका में फीस कम करने की मांग नहीं की गई है इसलिए इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है। बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी।

873 अध्यापकों पर दर्ज होगा मुकदमा
इलाहाबाद(ब्‍यूरो)। हाईकोर्ट ने फर्जी अंक पत्रों और प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सहायक अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में चिह्नित किए गए ऐसे 873 सहायक अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि फर्जी तौर पर नियुक्त हुए लोगों से अब तक प्राप्त वेतन की वसूली की जाए। कोर्ट ने पूरी कार्यवाही तीन सप्ताह में पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अमर सरन और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने बागपत के सचिन राना और अन्य की याचिका पर दिया। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा दाखिल शपथ पत्र में कहा गया कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्य कर रहे 89183 सहायक अध्यापकों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें से 76825 का सत्यापन पूरा हो चुका है। अबतक 873 सहायक अध्यापक फर्जी पाए गए हैं। इन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इनमें से 801 को बर्खास्त कर दिया गया है। कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई की धोखाधड़ी के जरिए नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई।

न्यूज़ साभार - Amar Ujala (17.1.13)
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Several writs are filed in court and it looks today is also hearing in court and may continue this week.


1 comment:

  1. Koyi batayega plz ki DISTT. ETAH ki fees wapsi ki vigyapti jari huyi hai ya nahi.... ? Reply plz 9897377522

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