Sunday, January 20, 2013

UPTET - प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : पैसे वापसी की प्रक्रिया शुरू


UPTET - प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : पैसे वापसी की प्रक्रिया शुरू

********
You can also JOIN FACEBOOK GROUP (UPTET ALL IN ONE ) - http://www.facebook.com/groups/uptetallinone/ 
(To Share Your Views/ Suggestion/Get Help from/to Others)
***********


 इलाहाबाद : साल भर पहले प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जमा कराए गए प्रशिक्षु शिक्षकों के आवेदन शुल्क को लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए डायट स्तर से समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किया जा रहा है। आवेदकों को अपना शुल्क वापस लेने के लिए डाक से आवेदन भेजना है। इसके लिए उन्हें आवेदन पत्र व डिमांड ड्राफ्ट की छायाप्रति भी भेजनी है। आवेदन विज्ञापन प्रकाशित होने के 15 दिन के भीतर करने को कहा गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश ने निर्देश दिया है कि एक दिसंबर 2011 को जारी विज्ञापन के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक पद के लिए जिलेवार आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के शुल्क को वापस किया जाए। शुल्क वापसी नकद या अभ्यर्थी को संस्थान में आने पर नहीं किया जाएगा। डायट द्वारा अभ्यर्थी द्वारा भेजे गए पता लिखे लिफाफे में आवेदन शुल्क के बराबर की धनराशि का बैंक चेक भेजा जाएगा। 

आसान नहीं है शुल्क वापसी अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क भेजने के लिए कागजात जुटाने में पसीने छूटेंगे। उन्हें इसके लिए जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। वहीं बैंक चेक के लिए इंतजार भी करना पड़ सकता है



News Source : Denik Jagran (20.1.13)

UPTET : शिक्षकों की भर्ती ने भरी सरकार की तिजोरी


UPTET : शिक्षकों की भर्ती ने भरी सरकार की तिजोरी

345 करोड़ की भारी भरकम धनराशि प्रदेश सरकार के तिजोरी में पहुंची
भर्ती में शामिल होने जा रहे बेरोजगार बीएड इस खजाने को दोगुना कर देंगे
मेरिट के आधार पर भर्ती ना करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की


इलाहाबाद, आम तौर पर कर्मचारियों की नियुक्ति सरकार के लिए आर्थिक रूप से बोझ का सबब बनती है। शिक्षकों की भर्ती का मामला इससे एकदम अलग है। जनगणना से लेकर आर्थिक सर्वेक्षण तक हर काम में इस्तेमाल होने वाले बहुउद्देश्यीय प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। वर्तमान में चल रही भर्ती प्रक्रिया में अब तक करीब 345 करोड़ की भारी भरकम धनराशि प्रदेश सरकार के तिजोरी में पहुंच चुकी है। माना यह जा रहा है कि उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे बेरोजगार बीएड कुछ ही दिनों में इस खजाने को दोगुना कर देंगे

प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पिछले पांच वर्षो से अटकी पड़ी है। बसपा सरकार ने वर्ष 2011 में इस भर्ती को व्यापक पैमाने पर कराने की कोशिश की। इसमें हर जिले के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 500-500 रुपये शुल्क मांगा गया था। बाद में उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया तो सरकार ने एक ही चालान के आधार पर पांच जिलों में आवेदन की छूट दे दी थी। यह भर्ती बाद में कानूनी समस्याओं में फंस गई और अंतत: निरस्त हो गई। इस दौरान अभ्यर्थियों द्वारा जमा पैसे करीब साल भर बाद अब वापस होने जा रहे हैं। 72825 पदों के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने एक बार फिर विज्ञापन निकाला। इस बार अभ्यर्थियों की संख्या में कई गुना का इजाफा हो गया। प्रदेश सरकार ने इस भर्ती के आर्थिक फायदों का और बेहतर तरीके से दोहन करने के लिए जोरदार व्यवस्था की। एसबीआई के अधिकारियों की माने तो सात जनवरी को आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होने तक करीब 69 लाख चालान जमा हो चुके हैं। इन चालान के माध्यम से 345 करोड़ रुपये राज्य सरकार के खाते में आ चुके थे। सर्वोच्च न्यायालय पहुंची शिक्षक भर्ती की जंग :शिक्षकों की भर्ती का मामला उच्च न्यायालय से होते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। धर्मेन्द्र कुमार सिंह व अन्य ने शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर करने के निर्णय को चुनौती दी है। इनके द्वारा दायर जनहित याचिका (डब्ल्यूपीसी-30/2013) को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है।
(साभार-दैनिक जागरण)

Saturday, January 19, 2013

UPTET : कोर्ट के फैसले से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी स्तब्ध


UPTET : कोर्ट के फैसले से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी स्तब्ध

********
You can also JOIN FACEBOOK GROUP (UPTET ALL IN ONE ) - http://www.facebook.com/groups/uptetallinone/ 
(To Share Your Views/ Suggestion/Get Help from/to Others)

***********

इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : एक वर्ष से नियुक्ति पाने के लिए संघर्षरत टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों की मुश्किलें पीछा नहीं छोड़ रही हैं। मास्टरी की राह में कदम-कदम पर कांटे हैं। अनेक रोक रुकावटों एवं गतिरोध के फलस्वरूप नई सरकार में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के तौर पर नियुक्त होने की उम्मीदों को कुछ बल मिला ही था और 22 जनवरी को मेरिट सूची का प्रकाशन होना था। इस बीच उच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण फैसले से समस्त आवेदक स्तब्ध रह गए हैं। जिसमें केवल बीएड एवं स्नातक के 50 फीसद अंक को ही भर्ती प्रक्रिया में मौका देने की बात कही गई है

दरअसल एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना में देश के समस्त बेसिक स्कूलों में नियुक्ति के लिए टीईटी परीक्षा को एक अनिवार्य योग्यता माना था। जिसके अनुसार पूरे देश में बेसिक स्कूलों में भर्ती के आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी एवं बीएड के साथ ही अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनिवार्य माना गया था। जिसके अनुसार पूरे देश में बिना टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आवेदन करने की छूट नहीं थी। अपने इस आदेश में हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे अभ्यर्थियों से नए सिरे से आवेदन का भी आदेश दिया है। उक्त आदेशानुसार विगत वर्षो से उम्मीद लगाए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में ऊहापोह की स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि नई भर्ती में प्रत्येक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी 25000 से अधिक धन आवेदन पर व्यय कर चुका है

उप्र टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष वैभव यादव ने बताया कि सरकार ने एनसीटीई के आदेशानुसार ही टीईटी उत्तीर्ण करने की बाध्यता रखी थी। जिसको अभ्यर्थियों ने पूरी मेहनत लगन और ईमानदारी से पास किया। इस आदेश से समस्त लगनशील अभ्यर्थियों को घोर निराशा होगी। उन्होंने सरकार से माग की कि वह अतिशीघ्र मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए कार्रवाई करें एवं स्थिति स्पष्ट करें। इस संबंध में उन्होंने अभ्यर्थियों से 20 जनवरी को पक्का तालाब पर पूर्वाह्न 11 बजे एकत्रित होने की अपील की है

News Source : Jagran (19.1.13)

UPTET : Primary Teacher Matter Reaches to Supreme Court of India

UPTET : Primary Teacher Matter Reaches to Supreme Court of India



S U P R E M E C O U R T O F I N D I A
RECORD OF PROCEEDINGS
WRIT PETITION (CIVIL) NO(s). 30 OF 2013

ITEM NO.MM-B
COURT NO.1
SECTION PIL

DHARMENDAR KUMAR SINGH & ORS. VERSUS STATE OF U.P.

Date: 18/01/2013 This Petition was called on for hearing today.

CORAM : HON'BLE THE CHIEF JUSTICE, HON'BLE MR. JUSTICE J. CHELAMESWAR, HON'BLE MR. JUSTICE VIKRAMAJIT SEN

COUNCEL FOR Petitioner(s)Mr. Kausav Raza Faridi, Adv., Mr. Jugul Kishor Gupta, Adv. & Mr. Rameshwar Prasad Goyal, AOR

UPON hearing counsel the Court made the following O R D E R

On mentioning, let this matter be taken on board.
Let the matter be placed before the Bench presided over by Hon'ble Mr. Justice K.S. Radhakrishnan.

Sheetal Dhingra, Court Master
Juginder Kaur, Assistant Registrar
STATUS CAN BE SEEN ON 
http://courtnic.nic.in/supremecourt/temp/wc%203013p.txt



NCTE Notification and its Relaxation to UP Govt


NCTE Notification and its Relaxation to UP Govt

On My Facebook Group (UPTET ALL IN ONE) Mr Vicky Saluza Shared an Important Information regarding NCTE Notification and its Relaxation to UP Govt

However I don't know its source (If somebody have source link then please share)





You can also JOIN FACEBOOK GROUP (UPTET ALL IN ONE ) - http://www.facebook.com/groups/uptetallinone/ 
(To Share Your Views/ Suggestion/Help from Others)



NCTE Notification Amendment 2 August 2011


NCTE Notification Amendment 2 August 2011

Iska baad ke notification ( amnedment) mein bheee aisa nahin dikh raha kee, Para 3 mein kuch change hua hai (aap log bhee batayen), See -






Previous/Other NCTE Notifications -




TET Guidelines -

UPTET : बीटीसी धारकों को भी टीईटी अनिवार्य


UPTET : बीटीसी धारकों को भी टीईटी अनिवार्य

*******************
To Join My Group on Facebook, Click Here ->>>> 

*******************



 इलाहाबाद बीटीसी करें या विशिष्ट बीटीसी। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना अब प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक या प्रशिक्षु अध्यापक पद पर नियुक्ति नहीं हो सकती। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की भर्ती में शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता पर अपनी मुहर लगा दी है। न्यायालय ने विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इस निर्देश ने वर्ष 2004, 2007 व 2008 के विशिष्ट बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों, वर्ष 2004 व बाद के बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका दिया है। इस आदेश के बाद नियुक्ति की राह देख रहे उर्दू बीटीसी अभ्यर्थियों को भी निराशा ही हाथ लगी है। इन सभी को भी अब टीईटी उत्तीर्ण होने के बाद ही नौकरी मिल सकेगी। चयन प्रक्रिया व प्रशिक्षण पूरा होने में हुए विलंब का इन सभी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस आदेश का असर एक लाख से अधिक विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों पर पड़ेगा। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया लगातार विवादों में रही है। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने 1998 में विशिष्ट बीटीसी लांच की थी। 2004 में इस क्रम में 46179 पदों के लिए रिक्तियां निकाली गईं थीं। इसमें से 33 हजार की नियुक्ति की गई थी। शेष अभ्यर्थियों को टुकड़े टुकड़े में प्रशिक्षण दिया जा सका था। इनमें से बहुतेरों की तैनाती आज तक नहीं हो सकी है। इसी वर्ष दो वर्षीय बीटीसी 2004 के लिए भी आवेदन मांगे गए थे। तमाम अड़चनों के चलते जनवरी 2009 में इनकी पहली बैच का चयन हो सका था। जून 2009 में बीटीसी 2004 की दूसरी बैच ने दाखिला लिया था। इन सभी वर्ष 2011 में अपना पाठ्यक्रम पूरा किया। इसी प्रकार वर्ष 2007 के 50 हजार अभ्यर्थियों, वर्ष 2008 के 28385 अभ्यर्थियों, वर्ष 2006 के उर्दू बीटीसी अभ्यर्थियों आदि इन सभी को सितंबर 2011 में प्रमाणपत्र मिल सका था। यह अभ्यर्थी जब तक उत्तीर्ण होते तब तक प्राथमिक शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता व नियुक्ति के प्रावधान बदल गए थे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता शिक्षा में प्रमाणपत्र या डिप्लोमा पाठ्यक्रम निर्धारित कर दिया। साथ ही इसी एक्ट के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल कर एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को नोटिफिकेशन जारी कर शिक्षा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया। विशिष्ट बीटीसी, बीटीसी व उर्दू बीटीसी उत्तीर्ण कुछ अभ्यर्थियों को विभिन्न जिलों में नौकरी मिल गई थी जबकि अन्य को नए नियमों का हवाला देते हुए मना कर दिया गया था। इसके खिलाफ दर्जनों याचिकाएं उच्च न्यायालय में दायर की गईं थीं। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने नवंबर 2011 में इन याचिकाओं को खारिज कर दिया था तथा टीईटी को अनिवार्य घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ प्रभाकर सिंह व अन्य समेत दर्जनों ने विशेष अपील दायर की थी। इन सभी का कहना था कि उन्हें एनसीटीई के 23 अगस्त 2010 के नोटिफिकेशन के उपबंध (क्लाज) पांच के तहत छूट दी जानी चाहिए। इस क्लाज में कहा गया है कि जिन राज्यों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई हो वहां टीईटी की अनिवार्यता के प्रावधान लागू नहीं होंगे। वहां एनसीटीई द्वारा निर्धारित वर्ष 2001 के नियमों के तहत नियुक्ति होगी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने उनके इस तर्क को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी में चयन व प्रशिक्षण न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिए है। इस योग्यता को हासिल करने के बाद वह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। राज्य में लागू शिक्षक सेवा नियमावली 1981 के तहत प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का प्राधिकारी बीएसए है

News Source : Jagarn (19.1.13)
*********************************

Mere anusaaar Allahabad Highcourt kee DOUBLE BENCH ne 2 Baten Kahee Hain -

B. Ed holders ko TET se choot ( as per clause 3 of NCTE) aur 15 din ke andar aavedan ko mokaa-
(i)The appellants/other eligible candidates who have passed BA/BSc with 50% and are B.Ed being fully eligible for appointment as Assistant Teacher to teach Classes I to V as per Clause 3 of the notification dated 23rd August, 2010, as amended from time to time, are entitled for consideration for their appointment on vacant posts of Assistant Teachers in Classes I to V. The State authorities including the concerned District Basic Education Officers are directed to consider the claim of such persons while considering the appointment on the post of Assistant Teacher in institutions to teach Classes I to V. 

(ii)The State is directed to issue a corrigendum so that all eligible candidates as per clause 3 of the notification dated 23.8.2010 as amended i.e. candidates having 50% marks in B.A./B.Sc. with B.Ed. should also be permitted to participate in the ongoing process of appointment of trainee teachers. At least 15 days time be allowed to submit applications by abovementioned candidates. 



BTC/VBTC ke clause 5 ke tehat TET se choot kee Maang ko accept nahin keeeya, See -
(iii)The prayer of the appellants possessing BTC/Special BTC qualifications obtained after 23.8.2010 to issue direction to appoint them giving benefit of paragraph 5 of the notification dated 23rd August, 2010 cannot be accepted.

UPTET / Allahabad Highcourt : बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया


UPTET / Allahabad Highcourt : बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया

*******************
To Join My Group on Facebook, Click Here ->>>> 


******************

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अंतिम मौका दिया है। न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बीएड धारकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के प्रावधान को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही वर्तमान में चल रही 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बीएड धारकों द्वारा आवेदन करने के रास्ते खुल गए हैं। न्यायालय ने इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल अधिसूचना जारी करने, इसका प्रदेश के अंदर व बाहर व्यापक प्रचार प्रसार कराने तथा ऐसे अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए कम से कम 15 दिन का समय देने का निर्देश दिया है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत अपने यहां निर्धारित शैक्षिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भारी कमी बताते हुए न्यूनतम योग्यता में छूट देने का अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार ने इस क्रम में उन्हें एक जनवरी 2012 तक बीएड धारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य मानने की अनुमति दे दी थी। एक जनवरी 2012 तक चयन न हो पाने के बाद प्रदेश सरकार ने एक बार फिर उक्त समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध के क्रम में केन्द्र सरकार ने समय सीमा को 31 मार्च 2014 तक के लिए बढ़ा दिया था। इसमें कई शर्ते रखीं गईं थीं। इसके अनुसार यह छूट सिर्फ एक ही बार दी जा रही है। मार्च 2014 तक राज्य सरकार को न्यूनतम योग्यता देने वाले संस्थानों की संख्या व क्षमता में इस कदर इजाफा कर लेना है जिससे कि पर्याप्त संख्या में शिक्षक मिल सकें। साथ ही इस छूट के तहत चयनित बीएड डिग्री धारकों को चयन के बाद एनसीटीई द्वारा निर्धारित छह माह का विशेष प्रशिक्षण देना भी अनिवार्य होगा। केन्द्र सरकार के इस निर्देश के क्रम में राज्य सरकार ने पिछले दिनों घोषित 72 हजार रिक्तियों में सिर्फ टीईटी उत्तीर्ण को ही आवेदन करने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। इस अपील पर न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने से इंकार कर दिया है। साथ ही इस बार केन्द्र सरकार द्वारा दी गई छूट के क्रम में बीएड डिग्री धारकों को बिना टीईटी के ही आवेदन करने की छूट दे दी है। इस आदेश से बीएड धारक लाखों छात्रों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अंतिम मौका मिल गया है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन हो जाने के चलते अब नए बीएड डिग्री धारक

News Source : Jagran (19.1.12)
*********************************
Yesterday I have given interpretation of DB (Double Bench - Allahabad Highcourt) hearing details and some candidates objected and saying - Aap dhyan se paden

I felt they are thinking about - Single Bench decision  and may be misconceived. 

See above news which is similar with my interpretation.

Friday, January 18, 2013

UPTET : Teacher Recruitment , B. Ed 2012 is also Eligible


UPTET : Teacher Recruitment , B. Ed 2012 is also Eligible
*******************
To Join My Group on Facebook, Click Here ->>>> 

*******************



B. Ed 2012 ke against case kharij.
matlab B. Ed 2012 vale bhee eligible hain


See case details (Aaap apnaa interpretation / vyakhya bhee de sakte hain )
**************************
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 30 

Case :- WRIT - A No. - 2876 of 2013 

Petitioner :- Ran Vijay Singh 
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors. 
Petitioner Counsel :- Seemant Singh 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K.Yadav 

Hon'ble V.K. Shukla,J. 
Petitioner before this Court is contending that the candidates who are not entitled to appear in U.P. Teacher Eligibility Test Examination 2011, they have been allowed to appear and they have also been issued certificates of U.P. Teacher Eligibility Test Examination 2011 by Madhyamik Shiksha Parishad and further zone of consideration in question has been extended.� 
Petitioner submits that had the advertisement dated 30th October, 2011 has not been set-aside by this Court, then the said incumbents could not have applied for consideration of their candidature but on account of the issuing of the fresh advertisement dated 7th December, 2012 the State Government has treated them eligible and considered their application forms illegally without any legal basis. 
Once the State Government has taken a policy decision and has permitted all these candidates to undertake and apply for consideration of their candidature, then petitioner legitimately can have no grievance on the said score once it is in the realm of policy decision. 
Consequently, writ petition is dismissed. 
Order Date :- 18.1.2013 
Shekhar 



UPTET Allahabad Highcourt 2366/2011 Case Interpretation

UPTET Allahabad Highcourt 2366/2011 Case  Interpretation 


*******************
To Join My Group on Facebook, Click Here ->>>> 

*******************


आज मैंने इलाहबाद हाई कोर्ट में डबल बेंच द्वारा केस 2366/2011 को  पड़ा व समझा कि क्यों टीईटी उतीर्ण करना जरुरी नहीं है शिक्षकों की भर्ती के लिये 

हालाँकि इसकी व्याख्या में अपनी समझ (मुझसे भी इस  विषय को समझने में गलती हो सकती है )
से दे रही  हूँ और में इस क्षेत्र की विशेषज्ञ नहीं हूँ 
 आप लोग स्वयं भी केस को पड़ कर अपनी व्याख्या दे सकते हैं और कमेन्ट के माध्यम से अपनी से सही व्याख्या अगर कोई हो तो दे सकते हैं ।

मैने इस केस में जो महत्वपूर्ण बात समझी वह यह थी की यहाँ इस बात की दलील दी गयी कि एन सी टी  ई नियमावली में  टी ई टी पात्रता से सम्बन्धित पेरा - 1 का
अभ्यर्थीयों की नियुक्ति जो की  पैरा - 3 में है उससे सम्बन्ध नहीं है ।

PARA - 3
**********
PARA -1



बी . एड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति हेतु 1 जनवरी 2012 तक पात्र थे लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 2014 तक छूट दे दी है
"The relaxation granted under this notification shall be valid for a period upto the 31st March, 2014"

 तो इस प्रकार -
बी ए / बी . एस सी 50 और बी एड वाले भी नियुक्ति हेतु आवेदन कर सकते हैं बशर्ते वह नियुक्ति के बाद  एन सी टी ई रेकोग्नआइज़ 6 महीने का विशेष प्रशिक्षण एलीमेट्री एजुकेशन में प्राप्त कर लें 



आप इस विषय की उचित व्याख्या / सही जानकारी सम्बंधित विभाग / अधिकारीयों  से प्राप्त कर सकते हैं 
कोर्ट में हुई कार्यवाही को इस लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं -

UPTET : Allahabad Highcourt Judgement Case :- SPECIAL APPEAL No. - 2366 of 2011 PART 9


UPTET : Allahabad Highcourt Judgement Case :- SPECIAL APPEAL No. - 2366 of 2011 


इस केस ने लाखों टी ई टी अभ्यार्थीयों  को संशय में डाल दिया है 
केस की प्रोसीडिंग कई पेजों की है इसलिये में टुकड़ों में इसके मुख्या अंशों' को पब्लिश करने की कोशिश कर रही हूँ ।
क्योंकि इतने सारे पेजों का इस केस को ब्लॉग पर डालने में परेशानी आ रही है 

*****************
PART 9
*****************



"23. Qualifications for appointment and terms and conditions of service of teachers.-(1) ........................ 
(2) Where a State does not have adequate institutions offering courses or training in teacher education, or teachers possessing minimum qualifications as laid down under sub-section (1) are not available in sufficient numbers, the Central Government may, if its deems necessary, by notification, relax the minimum qualifications required for appointment as a teacher, for such period, not exceeding five years, as may be specified in that notification: 
Provided that a teacher who, at the commencement of this Act, does not possess minimum qualifications as laid down under sub-section (1), shall acquire such minimum qualifications within a period of five years." 

As noted above, possessing qualifications of teachers in paragraph 3 was permissible only up to 1.1.2012. The State Government have submitted a proposal to the Central Government by letter dated 26.7.2012 for relaxation of minimum qualifications for appointment of teachers under section (1) of Section 23 by allowing persons referred to in clause (1) (a) of paragraph 3 of the said notification. The Central Government after considering the request of the State Government issued a notification dated 10.9.2012 in exercise of power under section 23(2). It is useful to extract the aforesaid notification dated 10.9.2012 which is as follows: 

"MINISTRY OF HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT 
(Department of School Education and Literacy) 
NOTIFICATION 
New Delhi, the 10th September, 2012 
S.O.2165(E).- WHEREAS the National Council for Teacher Education (hereinafter referred to as the Council) for Teacher Education (hereinafter referred to as the Council), in pursuance of sub-section (i) of Section 23 of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 (35 of 2009), (hereinafter referred to as the said Act), has, vide its notification number F.No.61/03/20/2010/NCTE/(N&S), dated the 23rd August, 2010, published in the Gazette of India, Extraordinary, Part III, Section 4, dated the 25th August, 2010, (hereinafter referred to as the said notification), as amended vide notification number 61-1/2011-NCTE(N&S), published in the Gazette of India Extraordinary, Part III, Section 4, dated the 2nd August, 2011, laid down the minimum qualification for a person to be eligible for appointment as a teacher for classes I to VIII in a school referred to in clause (n) of section 2 of the said Act. 

AND WHEREAS sub-clause (a) of clause (i) of paragraph 3 of the said notification as amended from time to time, provides that a person with graduation with atleast fifty per cent marks and Bachelor of Education (B.Ed.) qualification or with at least forty-five per cent marks and one year Bachelor in Education in accordance with the National Council for Teacher Education (NCTE) (Recognition Norms and Procedure) Regulations, referred to in the said Notification as amended from time to time, shall also be eligible for appointment to Class I to V up to 1st January, 2012 provided he/she undergoes, after appointment, a National Council for Teacher Education (NCTE) recognised six month Special Programme in Elementary Education. 

AND WHEREAS sub-section (2) of section 23 of the said Act provides that where a State does not have adequate institutions offering courses or training in teacher education, or teachers possessing minimum qualifications laid down under sub-section (1) of Section 23 of the said Act are not available in sufficient numbers, the Central Government may, if it deems necessary, by notification, relax the minimum qualifications required for appointment as a teacher for such period, not exceeding five years, as may be specified in that notification; 

AND WHEREAS the State Government of Uttar Pradesh vide its letter dated the 26th of July, 2012 submitted a proposal to the Central Government for relaxation of the requirement of minimum qualifications for appointment of teachers laid down by the Council under sub-section (1) of section 23 of the said Act, by allowing persons referred to in sub-clause (a) of Clause (i) of paragraph 3 of the said notification, as amended from time to time, eligible for appointment as a teacher for classes I to V beyond the date of 1st January, 2012, subject to the fulfilment of conditions laid down in the said sub-clause

AND WHEREAS the Central Government on being satisfied with the proposal of the State Government of Uttar Pradesh that the teachers possessing minimum qualification as laid down under sub-section (i) of Section 23 of the said Act are not available in that State in sufficient numbers, and it deems necessary that the requirement of minimum qualifications for appointment as teachers in respect of State of Uttar Pradesh be relaxed under sub-section (2) of section 23 of the said Act

NOW, THEREFORE, in exercise of the powers conferred by sub-section (2) of section 23 of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 (35 of 2009), the Central Government hereby relaxes in respect of the State of Uttar Pradesh, the minimum qualifications laid down by the National Council for Teacher Education under sub-section (1) of section 23 of the said Act in so far as they relate to classes I to V, and allows persons referred to in sub clause (a) of clause (1) of paragraph 3 of the said notification as amended from time to time, eligible for appointment as a teacher for classes I to V beyond the 1st January, 2012, subject to fulfilment of the conditions specified under the said sub clause. 

2. The relaxation granted under this notification shall be valid for a period upto the 31st March, 2014, subject to fulfilment of following conditions, namely:- 

(i)the State Government shall conduct the Teacher Eligibility Test as specified in the said notification as amended from time to time, in accordance with the Guidelines for conducting Teacher Eligibility Test, under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, issued by the Council vide its letter dated the 11th February, 2011 and those persons who pass the Teacher Eligibility Test be considered for appointment as a teacher in classes I to VIII; 

(ii)the State Government and other school managements shall amend the recruitment rules relating to appointment of teachers so as to provide for the minimum qualifications required for appointment of teachers laid down under the said notification as amended from time to time; 

(iii)the State Government shall in the matter of appointment of teacher give priority to those eligible candidates who possess the minimum qualifications specified in the said notification as amended from time to time and thereafter consider other candidates eligible with the qualifications referred to in sub-clause (a) of clause (i) of paragraph 3 thereof; 

(iv)advertisement for appointment of teachers shall be given wide publicity, including outside the State; 

(v) The State Government and other school managements shall ensure that teachers employed or engaged by them who possess the minimum qualifications referred to in sub clause (a) of clause (i) of paragraph 3 of the said notification as amended from time to time, under go, after appointment, a National Council for Teacher Education (NCTE) recognised six month Special Programme in Elementary Education; 

(vi)the relaxation specified in this notification shall be one time and no further relaxation under sub-section (2) of section 23 shall be granted to the State of Uttar Pradesh; and 

(vii)the State Government shall take steps to increase the institutional capacity for preparing persons with specified qualifications so s to ensure that only persons possessing qualifications laid down under the said notification are appointed as teachers for classes I to V after the 31st March, 2012. 

3. The persons referred to in sub-clause (a) of clause (i) of paragraph 3 of the said notification as amended from time to time, shall also be eligible for appearing in the Teacher Eligibility Test conducted by the State Government in respect of teacher appointments made in the State up to 31st March, 2014, in accordance with sub-paragraph (iii) of paragraph 5 of the Guidelines for conducting Teacher Eligibility Test under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 issued by the Council vide its letter dated the 11th February, 2011. 

[E No.1-17/2010-EE.4] 
VRINDA SARUP, Addl. Secy." 


The 4th paragraph of the aforesaid notifications clearly contemplates that State Government has submitted proposal for relaxation of the requirement of minimum qualifications for appointment of teachers laid down by the Council under sub-section (1) of section 23 of the said Act, by allowing persons referred to in sub-clause (a) of Clause (i) of paragraph 3 of the said notification, as amended from time to time, eligible for appointment as a teacher to teach classes I to V beyond the date of 1st January, 2012. The aforesaid notification thus, clearly contemplates relaxation for permitting the appointment of teachers referred to in paragraph 3 beyond 1.1.2012. The Central Government has granted the relaxation subject to conditions as mentioned in paragraph 2. The notification dated 10.9.2012 thus, also clearly re-enforces the view that the candidates possessing qualifications as referred to in paragraph 3 i.e. candidates having passed B.A. B.Sc. with 50% and B.Ed. are eligible for appointment as teacher for teaching class I to V beyond 1.1.2012 i.e. upto 31.3.2014. Thus, the eligibility of candidates in paragraph 3 has been continued by Central Government by allowing relaxation under sub-section (2) of Section 23. Thus, the submissions of the State that for appointment of teachers in basic schools a candidate should necessarily pass TET is misconceived. The relaxation having been granted by the Central Government under section 23(2) beyond the period 1.1.2012, still the candidates possessing qualifications as required in paragraph 3 of the notification dated 23.8.2010 can be appointed. 

The State having misconstrued the scope of clause 3 of notification dated 23.8.2010, by 12th Amendment Rules incorporated qualifications which require passing of TET by the candidates whereas the qualifications as mentioned in paragraph 3 have not been reflected in the Rules. When under 2009 Act and by virtue of notifications dated 23.8.2010 the relaxation granted by the Central Government vide notification dated 10.10.2012, the persons referred to in clause 3 of the notifications are still eligible for appointment, denying them right of consideration for appointment citing rule 8 of 1981 Rules as amended from time to time is misconceived and is contrary to the statutory schemes of 2009 Act. 1981 Rules cannot contain any rule contrary to qualifications as prescribed under section 23(1) and any such contrary prescription is unenforceable. We are thus of the view that persons having B.A. B.Sc. with 50% marks and B.Ed. are still eligible to be considered for appointment as teacher in class I to V in basic school. 

In the above context, it is relevant to refer to clause 2(iii) of the notifications dated 10.9.2012. The clarification which is quoted for ready reference is as follows: 

(viii)the State Government shall in the matter of appointment of teacher give priority in the said notification as amended from time to time and thereafter consider other candidates eligible with the qualifications referred to in sub-clause (a) of clause (i) of paragraph 3 thereof; 

The notification dated 10.9.2012 requires that State Government shall in the matter of appointment of teacher give priority to those eligible candidates who possess minimum qualifications specified in the said notification and thereafter consider every candidate eligible as per qualifications referred to under sub-clause (a) of clause (i) of paragraph 3. This requirement itself makes it clear that persons referred to in paragraph 3 are also eligible. However, a priority has to be given to person possessing minimum qualifications specified in the notification. The notification referred to is obviously notification dated 23.8.2010. Thus, priority has to be given to those candidates, who fulfil qualifications prescribed under paragraph 1 of the notification dated 23.8.2010 and there is no concept of priority amongst the candidates who possess qualifications under paragraph 3. 

Learned Counsel appearing for the State has also referred to a guidelines dated 8.11.2010 issued under section 35(1) issued by the Government of India. In paragraph 4 of the guidelines emphasis has been made i.e. "conditions of possessing TET will not be relaxed by the Central Government". The said guidelines have been issued for implementation of the provisions of section 23(2) which is clear from the subject of guidelines which as follows: 

"Subject: Guidelines under section 351 of the Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009 for implementation of the provisions of Section 23(2)-reg." 

Guidelines only mentions that conditions of possessing TET will not be relaxed by the Central Government thus, it require that the State Government should not submit any proposal for relaxation of TET which obviously referred to qualifications prescribed in paragraph 1 because it is only in paragraph 1 that requirement of passing TET is mentioned. The said guidelines cannot be read to mean that in paragraph 3 of the notification dated 23.8.2010 also requirement of passing TET is to be read in. Learned Additional Advocate General has submitted that the State has already initiated process for appointment of more than 72,000 trainee teachers and process has been initiated which according to corrigendum/amendment dated 31.12.2012 is to be completed by 31.3.2012. He submits that more than seven lacs applications have been received in response to the advertisement and the process is under way.

In view of the aforesaid discussions, we are of the view that the persons who are qualified under clause 3 of notification dated 23.8.2010 should also be eligible for consideration for appointment as assistant teacher in basic schools in the State of U.P. Whether the appointment is made as a trainee teacher or assistant teacher is of not much significance. The appointment on the post of teacher in whatever name or nomenclature it is referred to has to be made after considering all eligible persons as per notification dated 23.8.2010. We are of the view that State having not permitted applications from such candidates who are qualified under clause 3 without they having passed TET to participate in selection, it is required to issue corrigendum. Such candidate who possess qualifications prescribed in clause 3 under the notification dated 23.8.2010 be also permitted to participate in the selection. 

In the result all the Special appeals are disposed of with the following directions: 

(i)The appellants/other eligible candidates who have passed BA/BSc with 50% and are B.Ed being fully eligible for appointment as Assistant Teacher to teach Classes I to V as per Clause 3 of the notification dated 23rd August, 2010, as amended from time to time, are entitled for consideration for their appointment on vacant posts of Assistant Teachers in Classes I to V. The State authorities including the concerned District Basic Education Officers are directed to consider the claim of such persons while considering the appointment on the post of Assistant Teacher in institutions to teach Classes I to V. 

(ii)The State is directed to issue a corrigendum so that all eligible candidates as per clause 3 of the notification dated 23.8.2010 as amended i.e. candidates having 50% marks in B.A./B.Sc. with B.Ed. should also be permitted to participate in the ongoing process of appointment of trainee teachers. At least 15 days time be allowed to submit applications by abovementioned candidates. 

(iii)The prayer of the appellants possessing BTC/Special BTC qualifications obtained after 23.8.2010 to issue direction to appoint them giving benefit of paragraph 5 of the notification dated 23rd August, 2010 cannot be accepted. 

Parties shall bear their own costs. 

Date: 16.1.2013. 
LA/Rakesh