UPTET : शिक्षक भर्ती में आरक्षितों का रहेगा दबदबा, बेसिक शिक्षा परिषद ने भेजा पदों के बंटवारे का ब्यौरा
सामान्य वर्ग को महज 26 हजार पद
•सीटें कम होने की वजह से कटऑफ अधिक जाने की संभावना
•अधिक नंबर पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी सामान्य श्रेणी में आएंगे
लखनऊ। शिक्षक भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की राह बहुत कठिन है। भर्ती भले ही 72,825 पदों पर होे रही हो लेकिन सामान्य वर्ग के खाते में केवल 26 हजार सीटें ही आएंगी। सबसे ज्यादा सीटें आरक्षित वर्ग के खाते में जाएंगी।
आरक्षण व्यवस्था के मुताबिक अनुसूचित जाति को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 21 प्रतिशत पदों पर तैनाती मिलेगी। जबकि निशक्तों के लिए तीन, स्वंतत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के लिए 2 और भूतपूर्व सैनिकों के लिए 5 प्रतिशत पद आरक्षित हैं। सामान्य वर्ग के खाते में कम पद होने की वजह से कटऑफ अधिक होने की संभावना है।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण व्यवस्था के अनुसार पदों का विभाजन कर दिया गया है। इसके मुताबिक 19 हजार 660 सीटें पिछड़ा वर्ग, 15 हजार 299 अनुसूचित जाति, 1455 सीटेें अनुसूचित जनजाति और 36 हजार 412 सीटें सामान्य वर्ग के लिए है।
सामान्य वर्ग के पदों में आरक्षित वर्ग के टॉप मेरिट वालों की हिस्सेदारी तो होगी ही साथ में निशक्त वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों और भूतपूर्व सैनिकों की भी हिस्सेदारी होगी। इसके बाद बचे पदों पर सामान्य वर्ग के पुरुषों और महिलाओं का चयन किया जाएगा। बेसिक शिक्षा परिषद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पदों के बंटवारे से संबंधित निर्देश भेज दिया है।
जिलों में आए आवेदन के आधार पर कटऑफ मेरिट तय होगी। अभी केवल रैंक जारी किया गया है। कटऑफ तो जिला चयन समिति तय करेगी। काउंसलिंग में शामिल होने वालों के मूल प्रमाण पत्र जमा करा लिए जाएंगे ताकि वे दूसरे जिलों की काउंसलिंग में न शामिल हो पाएं। -संजय सिन्हा, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद
ऐसे निर्धारित होगा कटऑफ
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए नया तरीका अपनाया गया है। इस बार गुणांक के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जाएगा। हाईस्कूल 10, इंटरमीडिएट 20, स्नातक 40 और बीएड को 30 प्रतिशत गुणांक मानते हुए मेरिट का निर्धारण किया जाएगा। यानी हाईस्कूल से लेकर बीएड तक 60 प्रतिशत अंक मिले हैं तो हाईस्कूल में 6, इंटर में 12, स्नातक में 24 और बीएड में 18 अंक मिलेंगे। इन अंकों को जोड़ा जाएगा और योग से जिले में आए आवेदनों में भाग दिया जाएगा और कटऑफ जारी किया जाएगा। पहले चरण में टॉप मेरिट वालों को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका मिलेगा।
भ्रम भी कम नहीं
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में इस बार कटऑफ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसके पहले शिक्षकों की भर्ती में मेरिट के निर्धारण का तरीका सामान्य था। उदाहरण के लिए हाईस्कूल में यदि 64 प्रतिशत अंक मिले हैं, इंटर में 72 प्रतिशत, स्नातक में 60 और बीएड में 65 प्रतिशत अंक मिले हैं तो इसे सामान्य तरीके से जोड़ते हुए 261 प्रतिशत अंतिम कटऑफ जाता था। इस कटऑफ के टॉप मेरिट में आने वालों को काउंसलिंग में बुलाकर उनको प्रशिक्षण के लिए भेज दिया जाता था। इस बार गुणांक के आधार पर मेरिट बनाए जाने के चलते भ्रम की स्थिति उत्पन्न्ा हुई है।
न्यूज़ साभार/News Source - अमर उजाला (28.1.2013)
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This is not new, In reservation system first top 50% seats are counted in GENERAL in which all categories are counted and reserved category if comes in General Cat. score then they are treated as General Cat.
Therefore Reserved Categories are taking more than 50%.
Another factor is CORRUPTION , which also harms interest of candidates in job / services. And if it happens in any SERVICE (like in INTERVIEW SYSTEM etc.) then it can also take 5-10% seats.
Therefore I felt, for GEN cat., they should try to come in top 20% to secure jobs in Government services.
First and foremost problem is CORRUPTION should be eliminated from every level, if any.