This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only.
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
?Chief Justice's Court
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 27 of 2012
Petitioner :- Herendra Nath Gautam And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Satyendra Nath Tiwari
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A. Akhtar,Rajeshwar Singh
Hon'ble Syed Rafat Alam,Chief Justice
Hon'ble Ran Vijai Singh,J.
Connect with Special Appeal No. 2366 of 2011 and list on 24th January, 2012.
Order Date :- 5.1.2012
Pratima
(Ran Vijai Singh, J.) (S.R.Alam,C.J.)
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This Above Case Link with This Old Case Below : -
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Court No. - 40
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 2366 of 2011
Petitioner :- Prabhakar Singh And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A. Akhtar
Hon'ble Yatindra Singh,J.
Hon'ble Ram Surat Ram (Maurya),J.
This Special Appeal arises out of a writ petition filed by the appellant for the relief that they may be exempted from appearing in Teacher Eligibility Test on the ground that they have already done two years BTC or six months Special BTC.
In this Special Appeal, the respondents were granted one week time for filing counter affidavit on 8.12.2011. On their request, put up this case as fresh case on 20.12.2011. In the meantime the order dated 8.12.2011 may be complied with.
The counsel for the respondents states that the similar case namely Special Appeal No. (1176) of 2011 is tied up with a bench presided over by Hon. Ashok Bhushan J.
In our opinion, it would be appropriate to decide all special appeals together.
Order Date :- 15.12.2011
Rkb
See Case Here - http://elegalix2.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1587018
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Chief Justice's Court
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 2366 of 2011
Petitioner :- Prabhakar Singh And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A. Akhtar
Hon'ble Syed Rafat Alam,Chief Justice
Hon'ble Ran Vijai Singh,J.
Sri R.A. Akhtar, learned counsel appears on behalf of National Council for Teacher Education - respondent no.5.
Sri K.S. Kushwaha, learned Standing Counsel appearing for the State - respondents is granted one week's time to file counter affidavit on behalf of the State - respondents. The counter affidavit is to be sworn by an officer not below the rank of Joint Secretary of the State Government.
The matter shall appear on 15th December, 2011 in the additional cause list.
Order Date :- 8.12.2011
VMA
(S.R. Alam, C.J.)
(Ran Vijai Singh, J.)
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आरएमएस में 10 लाख स्पीड पोस्ट डंप वाराणसी (UPTET : Postal Department Collapsed with Bumper Application Forms of PRT in UP)
वाराणसी। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के आवेदनपत्रों की भरमार के चलते डाक विभाग की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। आरएमएस में डाक के बंडलों का अंबार लगा हुआ है। करीब 10 लाख स्पीड पोस्ट डंप पड़े हैं। इनमें पासपोर्ट, बैंक ड्राफ्ट और चेक जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी शामिल हैं। महकमे के कर्मचारी और अधिकारी असहाय नजर आ रहे हैं। ऐसे में अंतिम तिथि तक लाखों फार्मों का पहुंचना मुश्किल है। प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की भर्ती शुरू होने के बाद डाक विभाग को करोड़ों रुपये की आय तो हुई, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों की फजीहत हो रही है। एक-एक अभ्यर्थी के 50-50 या 70-70 जनपदों से आवेदन करने के चलते स्पीड पोस्ट का अंबार लग गया है। हब सेंटर होने के कारण विभिन्न जनपदों से कैंट स्टेशन स्थित आरएमएस में प्रतिदिन डेढ़-दो लाख स्पीड पोस्ट आ रही है। जबकि निस्तारण केवल 35-40 हजार का ही हो पा रहा है। इस वजह से पूरा कार्यालय बंडलों से भरा हुआ है। बाथरूम और प्लेटफार्म तक में बंडलों के ढेर लगे हैं। एक हफ्ते से पहले के भी बंडल इस ढेर में दबे हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या फार्मों की है। अधिकारियों ने बताया कि इस हालत में लाखों फार्म अंतिम तिथि तक नहीं पहुंच पाएंगे। इसके चलते यहां आने वाली डाक भी काफी प्रभावित हो रही है। 21 दिसंबर तक की डाक अभी तक वितरित नहीं हो सकी। इसमें किसी का पासपोर्ट फंसा हुआ है तो किसी का नौकरी के लिए बुलावा या प्रतियोगी परीक्षा का प्रवेशपत्र।
नहीं दिखा रोक के आदेश का असरवाराणसी। प्रदेश में सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर न्यायालय के रोक लगाने के बावजूद अभ्यर्थियों पर कोई असर नहीं दिखा। आरएमएस, प्रधान डाक घर कैंट और विश्वेश्वरगंज में सुबह चार बजे से ही अभ्यर्थी लाइन में लग गए। देर रात तक मारामारी की स्थिति रही और सैकड़ों को निराश लौटना पड़ा।
News : Amar Ujala (06.1.12)
बीटेक डिग्री धारक बीटीसी में हो सकेंगे शामिल(BTC UP/Primary Teacher News : B. Tech. Degree Holders are now allowed to appeare in BTC Course)
इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीटीसी प्रवेश परीक्षा 2011 में बी टेक डिग्री धारकों को भी शामिल करने की अनुमति दे दी है. अदालत ने याची के आवेदन पत्र को स्वीकार करने का भी विभाग को निर्देश दिया है.News : Bhaskar Epaper ********************************** B. Tech. is a Professional Course where Marks / Percentage given is very high.Allmost all of then are first class with very high percentile. BCA/B.Tech/BBA many candidates obtain very high percentile comparing to Normal Degree course.
Best solution is to make common entrance examination for each category of service either on State Level or Central Level. But I felt preferably there should be One Exam on National/Central Level.
यह आदेश आज न्यायमूर्ति भारती सप्रू ने राहुल कुमार व अन्य की बी टेक अभ्यर्थियों की याचिका पर पारित किया है. याचिका के अनुसार बीटीसी प्रवेश परीक्षा 2011 में केवल बीए बीएससी व बीकाम से स्नातक को ही अर्ह माना है.
याचीगण भी बी टेक हैं. उन्होंने याचिका दायर कर विज्ञापन को चुनौती दी है. उनका कथन है कि बेसिक शिक्षा नियमावली एवं एनसीटीई के मानकों के तहत बीटीसी प्रवेश परीक्षा के लिए अर्हता स्नातक रखी गयी है. कहा गया है कि बी टेक भी स्नातक डिग्री है और इस कारण इन डिग्री धारकों को बीटीसी प्रवेश परीक्षा से वंचित रखना गलत है.
टीईटी के आधार पर भर्ती मामले में जवाब तलब (UPTET : Allahabad Highcourt : Seeking Clarification for Recruitment of PRT on the Basis of TET Exam)
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती किए जाने संबंधी राज्य सरकार के शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीपकांत व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने याची कुलदीप श्रीवास्तव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश विधि विरुद्ध हैं। इसे रद किया जाए। कहा गया शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक अध्यापक सेवा नियमावली के तहत की जानी चाहिए। याचिका में तर्क दिया गया है कि टीईटी केवल अध्यापकों की पात्रता तय करने के लिए है
News : Jagran (05.1.12)
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This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only. In case of any mistake, please bring it to the notice of Deputy Registrar(Copying).
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH ?Court No. - 1
Case :- MISC. BENCH No. - 25 of 2012
Petitioner :- Kuldeep Srivastava [P.I.L.] Civil
Respondent :- State Of U.P. Through Prin. Secy. Deptt. Of Basic Edu. Lko.
Petitioner Counsel :- In Person
Respondent Counsel :- C.S.C.
Hon'ble Pradeep Kant,J.
Hon'ble Ritu Raj Awasthi,J.
As prayed, list on Monday i.e. 9.1.2012, as fresh.
Order Date :- 4.1.2012 MFA
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See Case Details - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1611430
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH
?Court No. - 1
Case :- MISC. BENCH No. - 25 of 2012
Petitioner :- Kuldeep Srivastava [P.I.L.] Civil
Respondent :- State Of U.P. Through Prin. Secy. Deptt. Of Basic Edu. Lko. Petitioner Counsel :- In Person
Respondent Counsel :- C.S.C.
Hon'ble Pradeep Kant,J.
Hon'ble Ritu Raj Awasthi,J.
As prayed, list on Monday i.e. 9.1.2012, as fresh.
Order Date :- 4.1.2012 MFA
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See Case Details - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1611430
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शुरू से ही विवादों में रही है नियुक्ति प्रक्रिया(UPTET / Vishist BTC : Recruitment/Appointment Process of Primary Teachers is in Controversy from the Begining)
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है। पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एक के बाद एक कई संशोधन किए। संशोधनों का सिलसिला परीक्षा परिणाम आने तक जारी रहा। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति में कई बार संशोधन किए गए।
प्रदेश में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा पहला विज्ञापन 30 नवंबर को जारी किया गया था। इसमें अभ्यर्थियों को अधिकतम पांच जनपदों में आवेदन करने की छूट दी गई थी। बेसिक शिक्षा परिषद ने एक दिसंबर को विज्ञप्ति में पहला संशोधन किया। संशोधन की सूचना दो दिसंबर को समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया। इसके तहत ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्होंने विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी उत्तीर्ण किया हो उन्हें भी सहायक अध्यापक पद पर आवेदन करने की छूट दी गई। 30 नवंबर को जारी विज्ञप्ति में यह व्यवस्था नहीं थी। आवेदन करने के लिए केवल बीएड अभ्यर्थियों को ही अनुमति दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को सरिता शुक्ला एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश के मामले की सुनवाई करते हुए 30 नवंबर को जारी विज्ञप्ति में पांच जनपदों में आवेदन के विकल्प को रद कर दिया। बेसिक शिक्षा विभाग ने 19 दिसंबर को संशोधित विज्ञप्ति जारी की। इसके मुताबिक अभ्यर्थियों को बेसिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर आवेदन करने के लिए मनचाहे जिलों का विकल्प दे दिया गया। यह भी व्यवस्था की गई कि जो अभ्यर्थी पांच जिलों में आवेदन कर चुके हैं उन्हें उन जनपदों में दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। साथ ही कहा गया कि अब अभ्यर्थी को केवल एक ही जनपद में आवेदन शुल्क के रूप में पांच सौ रुपये की डीडी लगानी है। बाकी जनपदों में उसी मूल डीडी की छाया पति व उस जनपद के आवेदन पत्र व रजिस्ट्री-स्पीड पोस्ट की छाया प्रति संलग्न करके अन्य जिलों में आवेदन करना होगा। इस व्यवस्था से अभ्यर्थियों को तो राहत मिली पर बार-बार के संशोधन से पूरी चयन प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया।
सबसे बड़ा संशोधन
शिक्षक पात्रता परीक्षा में सबसे बड़ा संशोधन 8 नवंबर को हुआ। विज्ञप्ति में पहले टीईटी को पात्रता परीक्षा घोषित किया गया था। इस संशोधन में टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बना दिया गया। कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली 1981 के नियम 8, 14, 27 व 29 में संशोधन कर दिया। इससे हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और परास्नातक परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को झटका लगा। इसका अभ्यर्थियों ने विरोध भी किया था।
News : Jagran (5.1.12)
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चुनावी माहौल में मोलभाव पर उतरे शिक्षकइलाहाबाद : आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों ने केंद्रीय कार्यालय में एक आपात बैठक की । इस बैठक में फैसला लिया गया है कि जो राजनीतिक दल शिक्षकों की मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा शिक्षक उसी को समर्थन देंगे। मांगों में प्रमुख रूप से बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग का एकीकरण, जनवरी 2006 के बाद प्रोन्नति प्राप्त बेसिक शिक्षकों को पदानुसार न्यूनतम 17,140 व 18,150 रुपये मूलवेतन दिए जाने। इसके अलावा 2004 के बाद नियुक्त बेसिक-माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन व जीपीएफ का लाभ दिया जाए। बेसिक शिक्षकों को भी शिक्षक विधायक पद पर चुनाव लड़ने एवं वोट देने का अधिकार दिए जाने व बेसिक-माध्यमिक शिक्षकों को चिकित्सा भत्ता एलटीसी व नगरीय के समान ग्रामीण आवास भत्ता दिया जाना शामिल है।
News : Jagran (6.1.12) ********************************** बीएड की परीक्षा आज सेगाजियाबाद, जासंकें : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की बीएड परीक्षा शुक्रवार से शुरू होगी। परीक्षा के लिए गाजियाबाद में सात केंद्र बनाए गए हैं।
बीएड वर्ष 2008-09 के तृतीय व 2010-11 के द्वितीय चरण की परीक्षा शुक्रवार से शुरू होगी। परीक्षा में करीब पंद्रह हजार छात्र शामिल होंगे। गाजियाबाद व पंचशील नगर में सात केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में एमएमएच कालेज, एसडी कालेज, एसएसवी, वीएमएलजी, गिन्नी देवी कालेज मोदीनगर, केडी कालेज सिंभावली, एचएलएम कालेज बंसतपुर सैंतली शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने केंद्रों पर दस निरीक्षक लगाए हैं। जो परीक्षा पर नजर रखेंगे। इसके अलावा केंद्रों पर कालेज की नकल विरोधी टीम सक्रिय रहेगी। एमएमएच कालेज में छात्रों की संख्या सबसे अधिक है। यहां की तैयारी के संबंध में प्राचार्य डा. आरएम जौहरी ने बताया कि परीक्षा को लेकर कालेज में पूरी तैयारी की गई है। यहां किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। News : Jagran-Gaziabad (5.1.12)
अब लड़कियां चलीं मुन्ना भाई की राह (UPTET / Primary Teacher Selection News : Candidates using Forged documents for Selection in Primary Teacher Jobs)
एनबीटी न्यूज ॥ नोएडा
मुन्ना भाई की तर्ज पर फर्जी तरीके से डॉक्टर, वकील बनने के के मामलों में अभी तक लड़के ही दोषी पाए जाते थे, लेकिन दनकौर पुलिस कोतवाली में दो लड़कियों के खिलाफ फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज हुई है। यह दोनों लड़कियां महज आठवीं पास हैं और फर्जी डॉक्युमेंट्स के सहारे वह टीचर बनने चलीं थीं। उन्होंने 10 वीं, 12वीं और गै्रजुएशन तक की फर्जी मार्कशीट तैयार भी करा ली थी। कमाल की बात ये है कि इन फर्जी डॉक्युमेंट्स के सहारे दोनों का चयन बीटीसी-2010 के लिए हो भी गया। लेकिन इससे पहले कि वह टीचर बनकर राज्य के नौनिहालों का भविष्य खराब करती, उनका फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। इसके बाद दोनों लड़कियों के खिलाफ दनकौर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
बीटीसी-2010 के लिए पिछले दिनों 50 कैडिंडेट्स का चयन किया गया था। दनकौर स्थित डायट में सभी के डॉक्युमेंट जमा करा लिए गए। ट्रेनिंग शुरू करने से पहले डायट की प्रिंसिपल मंजू सिंह ने सभी के डॉक्युमेंट की जांच कराई। चयनित आवेदकों में दादरी निवासी राजकुमारी और जेवर निवासी मधू भी थीं। दोनों की 10 वीं, 12 वीं और ग्रैजुएशन की मार्कशीट वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की थीं। डायट की तरफ से अधिकारी डॉक्युमेंट्स जांच के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भेजे गए। जांच में अधिकारियों ने दोनों लड़कियों के सभी एजुकेशनल डॉक्युमेंट्स को जाली पाया। डायट की प्रिंसिपल मंजू सिंह ने दनकौर कोतवाली में राजकुमारी और मधू के खिलाफ फर्जीवाड़े़ की रिपोर्ट दर्ज करा दी है। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है।
News : Navbharat Times (5.1.12)
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बीटीसी फर्जीवाड़ा 2010: सीबीसीआइडी जांच से अभ्यर्थियों में
बड़ौत (बागपत)। बीटीसी फर्जीवाड़ा 2010 के संबंध में मेरठ ब्रांच के सीबीसीआइडी इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने भी बुधवार को भी छानबीन कर साक्ष्य जुटाए। हालांकि दूसरे दिन भी डायट से अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सके। सीबीसीआइडी की सरगर्मी से मामले से जुड़े अभ्यर्थियों में हड़कंप मचा रहा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश भर की डायटों पर पकड़े गए फर्जी प्रमाणपत्र धारकों की सीबीसीआइडी से जांच कराई जा रही है। बड़ौत डायट से इतर मवाना, मुजफ्फरनगर, हापुड़ सहित प्रदेश की कई डायटों से संबंधित सैकड़ों अभ्यर्थियों पर जांच की तलवार लटकी है। हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित तीन महीने की समय सीमा के मद्देनजर सीबीसीआइडी की कई टीमें गठित कर छानबीन कार्य युद्धस्तर पर है।
बड़ौत डायट से संबंधित 13 अभ्यर्थियों की जांच इंस्पेक्टर आरपी सिंह कर रहे हैं। गोपनीय रूप से जारी जांच में मंगलवार और बुधवार को संबंधित अभ्यर्थियों के घर-घर जाकर उनके ब्यान दर्ज किए गए। डायट पहुंचे इंस्पेक्टर आरपी सिंह को बुधवार को भी शैक्षिक प्रमाण पत्रों की प्रमाणित छायाप्रति प्राप्त नहीं हो सकी। जब उनसे केस के संबंध में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
कई प्रदेशों से जुड़े हैं तार
इस फर्जीवाड़े के तार दूसरे प्रदेशों से भी जुड़े होने के कारण यह जांच सीबीआइ को सौंपे जा सकती है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इसकी संभावना भी जताई थी। कूटरचित शैक्षिक प्रमाणपत्र मध्य प्रदेश के भोपाल बोर्ड, दिल्ली के संस्कृत महाविद्यालयों, उत्तराखंड के महाविद्यालयों से बनवाए गए थे। प्रदेश में लखनऊ विवि, आगरा विवि, संपूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी का काफी स्टाफ इस गड़बड़झाले में सीधे तौर पर जुड़ा है। इनमें संपूर्णानंद विवि के दो कर्मचारी तो फिलहाल जेल में बंद हैं।
News : Jagran (05.1.12)
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फर्जी डिग्री लेकर बने शिक्षकफीरोजाबाद, निज प्रतिनिधि: फर्जी प्रमाण पत्र से बेसिक शिक्षा विभाग में नौैकरी पाने वाले दो और गुरुजी की सेवा समाप्ति पर मंगलवार को शिक्षाधिकारियों की मुहर लग गई। उक्त दोनों शिक्षकों ने संपूर्णानंद विवि वाराणसी की अंकतालिका लगाई थीं, लेकिन डायट द्वारा कराए गए सत्यापन में यह फर्जी पाई गई हैं। इन दोनों की बर्खास्तगी आदेश के साथ में एबीएसए को इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश ने मंगलवार को जारी कर दिए गए।
मामला विलासपुर एवं शादीपुर प्राथमिक स्कूलों से जुड़ा है। बताया जाता है कमल प्रताप सिंह एंवं हरीमोहन की शिक्षक के रूप में कुछ माह पूर्व इन स्कूलों में तैनाती हुई थी। तैनाती के बाद सभी शिक्षकों के साथ इनके भी प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने के लिए भेजा गया। इन दोनों शिक्षकों के पास में संपूर्णानंद विवि वाराणसी के शैक्षिक प्रमाण पत्र थे। डायट द्वारा कराए गए सत्यापन में संपूर्णानंद विवि वाराणसी ने इन दोनों ही शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को फर्जी करार देते हुए कहा यह प्रमाण पत्र उनके यहां के नहीं हैं।
गत दिनों डायट से आई सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर बीएसए नरेश वर्मा ने इन दोनों शिक्षकों से जवाब तलब भी किया, लेकिन इनमें से एक शिक्षक ने फिर से जांच कराने की मांग की। नियम के अनुरुप जवाब न मिलने पर बीएसए ने दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं।
एफआईआर होगी
इस संबंध में बीएसए नरेश वर्मा ने कहा कि उक्त दोनों शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश एबीएसए को दिए गए हैं। News : Jagran Epaper
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बीटीसी फर्जीवाड़ा : डायट पर पहुंची सीबीसीआइडीबड़ौत(बागपत)। चौधरी चरण सिंह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बड़ौत में बुधवार को सीबीसीआइडी अधिकारी ने बीटीसी 2010 में पकड़े गए फर्जी डिग्रीधारकों और फर्जीवाड़े में शामिल शिक्षा रैकेट के संबंध में जानकारी जुटाई।
शासन ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बनाई गई फर्जी डिग्रियों की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी है। छानबीन के सिलसिले में बुधवार को कानपुर से सीबीसीआइडी इंस्पेक्टर रामपाल सिंह बड़ौत डायट पर पहुंचे और फर्जी प्रमाण-पत्रधारकों सहित इस रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया के संबंध में दस्तावेज एकत्र किए। खुफिया विभाग के इंस्पेक्टर रामपाल सिंह ने बताया कि वाराणसी के संपूर्णानंद विवि से जांच शुरू की गई है। वहां जांच में फर्जीवाडे़ रैकेट में शामिल लोगों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। मामले में लिप्त विवि के रजिस्ट्रार कार्यालय के दो लिपिकों विजयशंकर शुक्ल और मेहर मिश्र की गिरफ्तारी हो चुकी है। रिमांड पर की गई पूछताछ में उन्होंने इस मामले में बागपत जिले के मां अंबा बालिका महाविद्यालय के ब्रजपाल शास्त्री, श्री दादू बलराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य साधुराम शास्त्री और तेजपाल शास्त्री का शामिल होना स्वीकारा है। इसके अलावा इस फर्जी रैकेट में मथुरा के पातीराम शास्त्री और अभय शास्त्री का नाम भी सामने आया है।
लगातार जांच जारी रहेगी
बड़ौत : इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने बताया कि अभी तक की जांच में दो अभ्यर्थियों रेखा तोमर और शमा प्रवीण के प्रमाणपत्र फर्जी सिद्ध मिले हैं। इनके अलावा संपूर्णानंद विवि से संबंधित कुल 146 अभ्यर्थियों ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाए थे। इनकी जांच प्रगति पर है। बड़ौत डायट के बाद मवाना, हापुड़ डायटों पर जांच की जाएगी। वहीं बागपत में खेकड़ा, ग्वालीखेड़ा और मेरठ के संस्कृत महाविद्यालयों के रिकार्ड भी खंगाले जाएंगे। अधिकतर फर्जी प्रमाण-पत्र यहीं से बनवाए गए हैं।
अभी सिर्फ बीटीसी 2010 के फर्जियों की जांच
बड़ौत : शासन के निर्देश में संपूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी से संबंधित सिर्फ बीटीसी 2010 के फर्जी प्रमाण-पत्रधारकों पर जांच केंद्रित की गई है। बड़ौत डायट पर ऐसे 59 अभ्यर्थियों का नाम प्रकाश में आया है। इनके खिलाफ पूर्व में एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। इस जांच के पूरी हो जाने के बाद यहां से पूर्व के सालों में बनवाए गए फर्जी प्रमाण-पत्रधारकों पर शिकंजा कसा जाएगा। News : Jagran Epaper
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जांचा तो मिले 12 नटवर लालकुशीनगर : इस जिले में 12 शिक्षक प्रशिक्षु फर्जी पाये गये हैं। विशिष्ट बी.टी.सी. 2008 सामान्य व विशेष चयन में चयनित और यहां के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षित इन शिक्षकों में 11 देवरिया तथा 1 गोरखपुर जनपद का निवासी है। जांच में उजागर इनके चौकाने वाले कारनामों को देख सभी के दांत खट्टे हो रहे हैं। लगता है नटवर लाल की पूरी टीम उतर आई है।
आइये कुछ बानगियां देखें। चयनित होने के बाद बाकायदा सैद्धांतिक व क्रियात्मक प्रशिक्षण ले चुके 12 पुरुष व महिला प्रशिक्षुओं ने कुशीनगर के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद की नौकरी के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आवेदन किया। नियुक्ति के पूर्व गहन जांच में फर्जी पाये गये देवरिया के दो अभ्यर्थी प्रमोद कुमार यादव पुत्र चन्द्रिका यादव ने सामान्य तो दूसरे प्रमोद कुमार यादव पुत्र चन्द्रिका यादव ने विशेष चयन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इन दोनों ने जिस मूल व्यक्ति के अंक पत्र व प्रमाण पत्रों का प्रयोग किया है वह बलिया जनपद स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। इसी तरह का दूसरा मामला देवरिया के शिवेन्दु त्रिपाठी पुत्र सीताराम त्रिपाठी का है। इस प्रशिक्षु ने जिस व्यक्ति के शैक्षिक अभिलेखों का प्रयोग किया है जांच में वह सतीश चन्द्र महाविद्यालय बलिया में प्रवक्ता के रूप में कार्यरत पाया गया। देवरिया की ही धारणा आर्या पुत्री मकसूदन आर्या नाम की महिला प्रशिक्षु भी फर्जी निकली। इस नाम की मूल महिला दिल्ली में नौकरी कर रही है। देवरिया के ही सुरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र मयन बहादुर सिंह नाम का प्रशिक्षु भी फर्जी मिला। सुरेन्द्र ने जिसका अंक पत्र व प्रमाण पत्र प्रयोग कर चयन पाया है इस नाम का मूल व्यक्ति जौनपुर जनपद स्थित प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक कार्यरत है। देवरिया के अमरेन्द्र नाथ तिवारी पुत्र हीरम नाथ तिवारी का हाईस्कूल से लेकर बी.एड. तक का अंक पत्र व प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया गया। इसी क्रम में देवरिया के राजेश कुमार पाण्डेय पुत्र जनार्दन पाण्डेय, धीरेन्द्र कुमार यादव पुत्र लालता प्रसाद यादव, अर्चना त्रिपाठी पुत्री सुदामा राम त्रिपाठी के अंक पत्र व प्रमाण पत्र फर्जी मिले। देवरिया के शैलेन्द्र कुमार यादव एवं संगीता यादव आपस में भाई-बहन हैं। इन दोनों का बी.ए. का अंक पत्र फर्जी पाया गया है। गोरखपुर जनपद निवासी राजन पुत्र जवाहिर का अंक पत्र व प्रमाण पत्र भी फर्जी मिला।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आर.पी. पाल ने कहा कि श्री पाल ने कहा कि ऐसे नटवर लाल जेल जायेंगे। फर्जीवाडे़ में चिह्नित सभी 12 अभ्यर्थियों को मूल अभिलेखों के साथ 20 दिसम्बर को बेसिक कार्यालय में स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका दिया जा रहा है।
News : Jagran Epaper
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फर्जीवाडा की शुरू हुई जांच, हड़कम्पपडरौना, कुशीनगर :कमिश्नर पी.के.महान्ति के आदेश पर कुशीनगर में विशिष्ट बी.टी.सी. 2008 सामान्य चयन के सभी मामलों की गहनता से जांच शुरू हो गयी है। फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगाने व प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अपात्रों तक पहुंचने की कवायद से जहां कईयों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं तो प्रतीक्षा सूची की राह निहार रहे अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है।
विशिष्ट बी.टी.सी. 2008 सामान्य चयन में दूसरों के उच्च प्राप्तांक अंक पत्र के आधार पर चयन कराने वाले कई नटवर लाल के पुख्ता प्रमाण होने के बाद एक महिला अभ्यर्थी द्वारा शपथ पत्र पर मण्डलायुक्त से की गयी शिकायत अब रंग लायी है। कमिश्नर पी.के. महान्ति ने डायटों में संचालित हो रहे फर्जीवाड़ों की गम्भीरता पर त्वरित एक्शन लेते हुए 1 सितम्बर को त्रिस्तरीय जांच टीम गठित कर दी थी। जिसमें शीतला प्रसाद अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर, डा. राम नरायण क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी गोरखपुर तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर को नामित किया। साथ डायट पहुंच पत्रावलियों की गहन जांच करने, शिकायत कर्ता का बयान दर्ज करते हुए 25 सितम्बर तक दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम का उल्लेख करते हुए आख्या देने का निर्देश दिया था। जांच शुरू न होने पर दोबारा शिकायत पर जांच टीम रविवार को डायट पहुंची और चयन से जुड़ी सारी पत्रावलियों को खंगालना शुरू कर दिया। शीतला प्रसाद की देखरेख में शुरू हुई जांच सभी सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिविनि व डायट से जुड़े कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अंक पत्र, प्रमाण पत्र, गुणांक आदि की गहन जांच की जा रही है। शीतला प्रसाद बताते हैं कि पंचायत चुनाव के कारण जांच में थोड़ा विलम्ब हुआ लेकिन अब जांच शुरू हो गयी है। दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान फर्जीवाड़ा में संलिप्तता पाये जाने पर दोषी चाहे जो भी हो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
इनसेट
संदिग्धों का प्रशिक्षण रोका गया : जिविनि
पडरौना : जिला विद्यालय निरीक्षक व डायट के प्रभारी प्राचार्य रामचेत कहते हैं कि विशिष्ट बी.टी.सी. 2008 सामान्य चयन में कुल 800 अभ्यर्थियों का चयन होना था जिसमें 360 सीट पुरुष व 360 महिला तथा 80 शिक्षा मित्रों के लिए आरक्षित था। उन्होंने बताया कि प्रथम बैच के 158 की नियुक्ति हो चुकी है। द्वितीय बैच के 289 अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। जिनकी सूची नियुक्ति के लिए बेसिक कार्यालय भेजी गयी है। जबकि तृतीय बैच के 45 अभ्यर्थी ट्रेनिंग ले रहे हैं और 4 प्रशिक्षण छोड़ चुके हैं। जिविनि बताते हैं कि चयन के बाद संदिग्ध पाये जाने पर तमाम अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण रोक दिया गया है।
इनसेट
27 के फर्जी होने का आरोप
पडरौना : महिला अभ्यर्थी द्वारा मण्डलायुक्त पी.के. महान्ति को शपथ पत्र पर की गयी फर्जीवाड़ा की शिकायत में 14 पुरुष व 13 महिला अभ्यर्थियों के नाम तो सूचीबद्ध कर दिये गये हैं। जिसमें कई तो ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं और उनके अंक पत्र व प्रमाण पत्र पर यहां चयन करा लिया गया है। News : Jagran Epaper
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फर्जी साबित हुए तो पड़ेगा महंगाबड़ौत, बागपत। चौधरी चरण सिंह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर फर्जी डिग्री के सहारे बीटीसी में चयनित होने का ख्वाब अभ्यर्थियों को महंगा पड़ने वाला हैं। डायट प्राचार्य ऐसे अभ्यर्थियों को सस्ते में छोड़ने के मूड में नहीं हैं और गोपनीय रूप से इनके प्रमाण-पत्रों की जांच कराई जा रही है।
डायट पर बीटीसी चयन प्रक्रिया 2010 में फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर चयनित होने के सपने देखने वालों पर प्राचार्य कड़ी नजर रखे हुए हैं। वर्तमान में डायट पर शासन से बढ़ी पचास सीटों पर काउंसिलिंग का कार्य प्रगति पर है। पूर्व में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से डिग्री प्राप्त करने वाले अधिकतर अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए थे। इसी के चलते वर्तमान काउंसलिंग में ऐसे अभ्यर्थियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और इनके प्रमाण-पत्रों की गोपनीय जांच कराई जा रही है। इस बार प्राचार्य डा. राजकुमार दुबे ऐसे अभ्यर्थियों को सस्ते में छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे और सबूतों के साथ इन पर कड़ी कार्रवाई करना चाहते हैं। ऐसे में अगर डायट पर काउंसलिंग के दौरान जमा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रमाण-पत्र फर्जी निकले तो इन अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण से तो हाथ धोना ही पड़ेगा और मुकदमा भी झेलना पडे़गा। मगर अभी तक सभी अभ्यर्थी अपने प्रमाण-पत्रों को सही होने का दावा कर रहे है और अपने प्रमाण-पत्रों को जांच विश्वविद्यालय से कराए जाने की बात कर रहे हैं।
शिक्षा माफिया की साठगांठ से बने प्रमाण-पत्र
बड़ौत : जनपद में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से संबद्ध तीन संस्कृत महाविद्यालय हैं। इनमें ग्वालीखेड़ा, खेकड़ा, किरठल शामिल हैं। इनसे छात्रों को बीए, एमए में क्रमश: शास्त्री और आचार्य की उपाधि लेते हैं। इनसे प्राप्त डिग्री को अधिकतर विश्वविद्यालय मान्यता देते हैं। मगर शिक्षा माफिया की साठगांठ के चलते सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हाईस्कूल से लेकर बीए तक के फर्जी प्रमाण-पत्र धड़ल्ले से बनवाए जा रहे हैं। इन माफिया के झांसे में आकर अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण-पत्रों सहारे बीटीसी में चयनित होना चाहते हैं। ज्ञात रहे सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेज भी संचालित हैं। News : Jagran Epaper
टीईटी के आधार पर भर्ती मामले में जवाब तलब (UPTET : Allahabad Highcourt : Seeking Clarification for Recruitment of PRT on the Basis of TET Exam)
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती किए जाने संबंधी राज्य सरकार के शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीपकांत व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने याची कुलदीप श्रीवास्तव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश विधि विरुद्ध हैं। इसे रद किया जाए। कहा गया शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक अध्यापक सेवा नियमावली के तहत की जानी चाहिए। याचिका में तर्क दिया गया है कि टीईटी केवल अध्यापकों की पात्रता तय करने के लिए है
News : Jagran (05.1.12)
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अब प्रधान डाकघर में होगी शॉर्टिंग
(UPTET2011 : Huge submission of Primary Teacher Applications causing Problems in Sorting and Dispatching to Correct Place)
डाक विभाग
आवेदनों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर लिया गया निर्णय
अभी तक रेल मेल सर्विस में होती आवेदनों की शॉर्टिंग इलाहाबाद। स्पीड पोस्ट की बुकिंग के बाद अब उनकी शॉर्टिंग भी सिविल लाइंस स्थित प्रधान डाकघर में होगी। अभी तक बुकिंग के बाद सारे फार्मों की शॉर्टिंग रेल मेल सर्विस (आरएमएस) में होती थी। प्रधान डाकघर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बेसिक शिक्षा परिषद के सहायक अध्यापक पद के फार्म जमा हो रहे हैं। इसके साथ ही कर्मचारी चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के फार्म भी जमा करने को अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं।
अभी तक साल भर से शॉर्टिंग का काम आरएमएस में ही होता रहा है। टीईटी के परिणामों की घोषणा के बाद सहायक अध्यापक पद के लिए फार्म जमा करने को अभ्यर्थी उमड़ पड़े हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में फार्म स्पीड पोस्ट बुकिंग के बाद आरएमएस में शॉर्टिंग के लिए पहुंच रहे हैं। आरएमएस में शॉर्टिंग हब बनने से कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और आसपास के जिलों से पहले से ही चिट्ठियां और आर्टिकल पहुंच रहे हैं। जिस वजह से वहां फार्मों की शॉर्टिंग सही तरीके से नहीं हो पा रही है और अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए फार्म गलत केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। पोस्ट मास्टर जनरल एके शर्मा का कहना है कि फार्मों की संख्या और कर्मचारियों की सहूलियत के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे फार्मों की शॉर्टिंग प्रधान डाकघर में करने से फार्म जल्दी तो पहुंचेंगे ही गलतियां भी कम होंगी। News : Amar Ujala (05.1.12)
Breaking News : Stay on Primary Teacher Recruitment Process in UP Basic Education Department
Dear All,
Don't be panic, Matter is not So serious enough -
See Case Details of Allahabad Highcourt -
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
It is contended that the advertisement in question has been issued as if it is being issued on behalf of all the District Basic Education Officers of 75 districts while under the Rules it is only the appointing authority of the individual district who can issue advertisement under Rule 14 of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 but on their behalf the impugned notification has been issued by District Education Board. These kinds of matter are coming in large number of cases where District Education Board whether Secretary or Board are working in a manner which is not supported by the relevant statute causing unnecessary litigation before this Court.
Let respondents No.1 and 2 both shall appear before this Court on 11.1.2012 to explain and justify how this kind of advertisement can be issued on behalf of all District Basic Education Officers and whether it is so permissible under the Rules. Respondent No.1 is represented by learned Standing Counsel and 2 is represented by Sri K.S.Kushwaha. They shall inform respective respondents about this order and shall ensure their presence on the next date.
Put up on 11.01.2012.
Till then no selection/appointment shall be made pursuant to the impugned advertisement which is ex facie contrary in the teeth of Rule 14(1) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 as amended till date. Order Date :- 4.1.2012
KA
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See Judjement - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1610630
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
It is contended that the advertisement in question has been issued as if it is being issued on behalf of all the District Basic Education Officers of 75 districts while under the Rules it is only the appointing authority of the individual district who can issue advertisement under Rule 14 of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 but on their behalf the impugned notification has been issued by District Education Board. These kinds of matter are coming in large number of cases where District Education Board whether Secretary or Board are working in a manner which is not supported by the relevant statute causing unnecessary litigation before this Court.
Let respondents No.1 and 2 both shall appear before this Court on 11.1.2012 to explain and justify how this kind of advertisement can be issued on behalf of all District Basic Education Officers and whether it is so permissible under the Rules.
Respondent No.1 is represented by learned Standing Counsel and 2 is represented by Sri K.S.Kushwaha. They shall inform respective respondents about this order and shall ensure their presence on the next date.
Put up on 11.01.2012. Till then no selection/appointment shall be made pursuant to the impugned advertisement which is ex facie contrary in the teeth of Rule 14(1) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 as amended till date.
Order Date :- 4.1.2012
KA
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See Judgement - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1610630
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72 हजार 825 अध्यापकों की नियुक्तियों पर रोक
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अध्यापक पात्रता परीक्षण (टीईटी) चयन के तहत राज्य के 75 जिलों में 72 हजार 825 प्राथमिक सहायक अध्यापकों की नियुक्ति एवं चयन पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया 30 नवम्बर 11 को बोर्ड द्वारा राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से जारी विज्ञापन नियम 14 के विपरीत हैं।
अदालत ने मामले की सुनवाई 11 जनवरी को नियत करते हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को अगली तिथि पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल ने वाराणसी के यादव क पिलदेव लाल बहादुर की याचिका पर यह आदेश है।
याची अधिवक्ता ने बहस की कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा "शिक्षक सेवा नियमावली" के नियम 14 के अन्र्तगत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही नियुक्ति, चयन का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। बोर्ड के सचिव द्वारा सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से विज्ञापन जारी किया गया नियम का उल्लघंन है। ऎसे में 30 नवम्बर को जारी विज्ञापन निरस्त होने योग्य है। बोर्ड को विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है।
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If you see - Appointment Authority is Individual District for PRT.
No objection is on TET merit OR Selction criteria.
Appointment process/ Counselling etc. not started.
I personally felt seniour authority have more power in terms of selection/recruitment, And advertisement issued on behalf of District Basic Education Officers by a seniour authority level of secratary/Board.
So the matter is not so serious enough, already counselling process,merit is on district level.
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गाजीपुर डायट को एक लाख से ज्यादा आवेदन पत्र मिले(UP TET : Gazipur DIET received more than One Lakh PRT Application Form) गाजीपुर। विशिष्ट बीटीसी-2011 की जिले में 24 सौ सीटें हैं। इसके सापेक्ष बुधवार तक 1 लाख 5 हजार 503 आवेदन डायट को प्राप्त हो चुके है। अभी इसकी अंतिम तिथि 9 जनवरी है। यह जानकारी सर्वशिक्षा अभियान प्रभारी रामअवतार यादव ने दी है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्रों की फीडिंग का काम चल रहा है। इसके लिए 10 कंप्यूटर लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बुधवार तक 35 हजार आवेदन पत्रों की फीडिंग का कार्य पूरा कर लिया गया था। दूसरी तरफ डायट के सभी स्टाफ एवं बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों की तरफ से आवेदनपत्रों को सूचीबद्ध करने का काम किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इसका चयन चुनाव के बाद ही संभव हो पाएगा। आवेदनपत्रों को देखने से कई तथ्य ऐसे सामने आए हैं कि कुछ अभ्यर्थी जो अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उत्तीर्ण नहीं है, उन्होंने भी आवेदन किया है। दूसरी तरफ एक-एक अभ्यर्थी के तीन-तीन आवेदन भी प्राप्त हुए है। ऐसी स्थिति में डायट कर्मचारियों को छंटनी करने एवं सूचीबद्ध करने में कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। News : Amar Ujala (5.1.12)
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सहायक अध्यापकों की नियुक्ति पर रोक
(UPTET : Breaks on Recruitment of Assistant Teacher)
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में हो रही 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा है कि 30 नवंबर को बोर्ड की तरफ से जारी विज्ञापन में प्रदेश के समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों का जिक्र किया गया है जो प्रथम दृष्टया नियम 14 के विपरीत है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए न्यायालय ने 11 जनवरी की तिथि नियत की है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को अगली तिथि पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने वाराणसी के कपिल देव यादव और लाल बहादुर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। याची के अधिवक्ता ने मुद्दा उठाया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) नियमावली के नियम 14 के अंतर्गत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही सहायक अध्यापकों की नियुक्ति/चयन का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का उल्लेख कर बोर्ड के सचिव की तरफ से विज्ञापन जारी किया जाना नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में 30 नवंबर को जारी विज्ञान निरस्त करने योग्य है क्योंकि बोर्ड को विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने याची का पूरा तर्क सुनने के बाद अगली सुनवाई तक नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी है।
ज्ञात रहे कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। टीईटी में प्रदेश भर से 11 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे जिसमें प्राथमिक स्तरीय परीक्षा में ढाई लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे। कोर्ट के निर्देश पर अभ्यर्थियों को सभी जिलों में आवेदन करने की अनुमति मिली थी। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 50 जिलों में आवेदन किए जिसके कारण सोमवार तक जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में लगभग एक करोड़ आवेदन पहुंच चुके थे। News : Amar Ujala (5.1.12)
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जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का खुलासा करे सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court : Disclose Recruitment Process of Judges) नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट के रुख को दरकिनार करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने कहा है कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया और इसमें संशोधन के किसी भी प्रस्ताव को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में संशोधनों के सवाल पर देश के प्रधान न्यायाधीश व कानून मंत्रालय के बीच हुई वार्ता का खुलासा करे। मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की याचिका पर दिए आदेश में कहा है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया या इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव जरूरी रूप से सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध होना चाहिए ताकि नागरिकों को जानकारी हो कि इस मामले में प्रमुख पक्षों (भारत सरकार व प्रधान न्यायाधीश के बीच) हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में जजों की नियुक्ति जैसे अहम मसले के संदर्भ में क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जजों की नियुक्ति से संबंधित जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता क्योंकि इस पर रोक है। इस दलील को खारिज करते हुए आयोग ने कहा है कि किसी व्यक्ति की नियुक्ति जज के तौर पर करने की प्रक्रिया व इस तरह की नियुक्तियों की प्रक्रिया के बीच भेद करने की जरूरत है। अग्रवाल ने अपने आवेदन में हाईकोर्टो में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया के संशोधित ज्ञापन के कानून मंत्रालय के मसौदे पर देश के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन एवं कानून मंत्री के बीच हुए संवाद को सार्वजनिक करने की मांग की थी। सुप्रीमकोर्ट की रजिस्ट्री ने जजों की नियुक्ति से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक का जिक्र करते हुए कहा, आवेदक ने जो जानकारी मांगी है वह आरटीआइ दायरे में नहीं आती। भारत के प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को संवैधानिक या वैधानिक रूप से इस जानकारी को रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह आरटीआइ कानून की धारा 2 (जे) के दायरे में नहीं आती। News : Jagran (5.1.12)
UPTET ( UTTAR PRADESH TEACHER ELIGIBILITY TEST) UPDATED ITS RESULT ONCE AGAIN ON 04-01-2012
To see Updated Primary Result - Click Here
To see Updated Upper Primary Result - Click Here
UPTET News :
आक्रोशित शिक्षक बोले, टीईटी का पारिश्रमिक देने में बोर्ड फेल( Teachers Angry for not paying there Remuneration for TET Exam by UP Board)
कानपुर, शिक्षा संवाददाता: यूपी बोर्ड उप्र. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के दो माह बाद भी शिक्षकों को पारिश्रमिक नहीं दे पाया है। बोर्ड शिक्षकों के साथ हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा जैसा व्यवहार कर रहा है। इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश है।
यूपी बोर्ड ने गत 13 नवंबर को टीईटी कराई थी। मंडल के एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा संचालन के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन ने 34.79 लाख रुपये की मांग की थी। लेकिन बोर्ड ने 20 लाख रुपये का चेक भेजा वह भी कैश नहीं हुआ।
परीक्षा से पहले यहां के 93 केंद्रों के प्रधानाचार्यो को पांच- पांच हजार रुपये के चेक केंद्र व्यय के लिए जारी किए गए लेकिन वह भी बैंक ने लौटा दिए। कक्ष निरीक्षकों के पारिश्रमिक का अभी तक पता नहीं है। बोर्ड ने कक्ष निरीक्षकों के लिए प्रति दिन पांच सौ रुपया मानदेय तय किया था। प्रति 40 अभ्यर्थियों पर दो कक्ष निरीक्षक लगाए गए। लगभग पांच हजार कक्ष निरीक्षकों ने काम किया। तमाम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, पर्यवेक्षक सहित परीक्षा में लगे अन्य लोगों को पारिश्रमिक मिलना है। शिक्षकों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के पारिश्रमिक का भुगतान परीक्षा समाप्त होते ही केंद्र पर ही करने का नियम है लेकिन बोर्ड इसमें फेल हो गया।
उधर केंद्र बने 50 कालेजों ने पारिश्रमिक की मांग कर संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्र भेजे हैं। बोर्ड ने 12 लाख रुपये और जारी किए हैं लेकिन अभी तक यह धन ट्रेजरी के खाते में नहीं पहुंचा है। वहीं अधिकारी कहते हैं कि प्रधानाचार्य बिल भेजें, धन आते ही भुगतान कर दिया जाएगा।
News : Jagran (3.1.12)
काउंसलिंग से पहले बाहर हो गए 70 हजार अभ्यर्थी ( UPTET :70000 TET passed Candidates are Out from Counselling) आवेदन पत्रों में खामियां, निरस्त किए फार्म ( UPTET: Discrepancies in Application Forms causes Cancellation)
इलाहाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अच्छी मेरिट के बाद भी प्रदेश के तमाम अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना टूट सकता है। शिक्षक चयन के लिए जो आवेदन पत्र जमा हो रहे हैं उनमें तमाम खामियों के कारण 70 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के फॉर्म निरस्त कर दिए गए हैं। यह संख्या तब है जबकि केवल 40 फीसदी आवेदन पत्रों की ही स्क्रूटनी हो सकी है। माना जा रहा है कि सभी आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी होने के बाद निरस्त फॉर्म की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर पहुंच सकती है। आवेदन पत्र में ब्योरा भरने में गलतियों के कारण जिन अभ्यर्थियों के फॉर्म निरस्त हुए, उनमें लगभग 19 हजार ऐसे हैं जिनके मेरिट में अच्छे अंक हैं। शिक्षक चयन की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण कर रहे सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों की रिपोर्ट है कि इलाहाबाद, लखनऊ, बस्ती, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा समेत 11 मंडलों में दो जनवरी तक 70300 अभ्यर्थी काउंसलिंग से पहले बाहर हो गए। टीम को अन्य मंडलों के बारे में जानकारी हासिल नहीं हो सकी। आवेदन पत्र निरस्त करने से पहले उनका दोबारा परीक्षण कराया जा रहा है। इसके अलावा एक ही अभ्यर्थी के यदि दो से तीन आवेदन पत्र पहुंचे हैं तो उस पर भी विचार किया जा रहा है। आवेदन पत्र में यदि नाम, पिता का नाम, टीईटी का अनुक्रमांक, रोल नंबर, दसवीं, बारहवीं, स्नातक और बीएड का ब्योरा सही है तो अन्य गलतियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। सर्व शिक्षा अभियान के सह समन्वयक डॉ.अरविंद प्रकाश ने बताया कि डायट अधिकारियों को निर्देश है कि जरूरी ब्योरे में खामी होने पर ही आवेदन निरस्त किया जाए। ***************
Allahabad Highcourt टीईटी मामले में सुनवाई आज - 19 हजार से अधिक अभ्यर्थियों से छिन सकता है नौकरी का मौका ***********
News : Amar Ujala (4.1.12)
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शिक्षक भर्ती फार्म जमा करने को उमड़ी भीड़ (UPTET : Heavy crowd for submission of Primary Teacher Form)
लखनऊ, 3 जनवरी (जासं) : जीपीओ हजरतगंज में शिक्षक भर्ती फार्म जमा करने के लिए मंगलवार को अभ्यर्थियों की रिकार्ड भीड़ उमड़ी। स्पीड पोस्ट काउंटरों पर फार्म जमा करने वालों की लम्बी-लम्बी कतार लगी रही। घंटों कतार में खड़े अपनी बारी का इंाजार कर रहे अभ्यर्थी डाक विभाग की बदहाल व्यवस्था को लेकर खासे नाराज थे। भीड़ के अनुपात में काउंटरों की संख्या बहुत कम थी। इससे हाल में अव्यवस्था का माहौल रहा। नाराज अभ्यर्थियों ने कई बार हंगामा भी किया। हालात यह थे कि महिला काउंटर पर भी लम्बी कतार लगी हुई थी। महिलाओं को फार्म जमा करने में नाको चने चबाने पड़े। फार्म जमा करने की अंतिम तिथि नौ जनवरी है। इसलिए संभव है कि आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़े। जीपीओ के डिप्टी पोस्ट मास्टर योगेन्द्र मौर्या ने कहा कि फार्म जमा करने के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले गये हैं लेकिन अत्याधिक भीड़ के कारण सभी व्यवस्था बेकार साबित हो रही है। एक अभ्यार्थी 20-20 फार्म जमा कर रहे है। हमारे पास साधन व स्टाफ सीमित हैं। करीब पांच हजार फार्म सोमवार को जमा हुए थे।
News : Jagran (04.1.12)
टीईटी : प्रत्यावेदन की होगी भरमार (UPTET : Couter statement for TET will be very high)
गोरखपुर। टीईटी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी लगातार हो रहे संशोधनों से परेशान हैं। नंबर बढ़ने के बाद आवेदन करने वाले 2 हजार से अधिक अभ्यर्थी अपना मार्कशीट चेंज कराने के साथ मेरिट को लेकर चिंतित हैं। अभ्यर्थियों को यह भय सता रहा है कि यदि आवेदन में संशोधन नही हुआ तो मेरिट लिस्ट में होने के बाद भी अभ्यर्थियों का चयन फंसेगा। टीईटी पास अभ्यर्थियों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। परीक्षा शुरू होने से पहले शुरू हुई अटकलबाजी परीक्षाफल घोषित होने के बाद भी सुलझ नहीं पाई है। आवेदन और चयन की प्रक्रिया के बीच हजारों छात्र उलझ गए हैं। आवेदन करने के बाद संशोधित हुए परीक्षाफल में नंबर बढ़ जाने से अभ्यर्थी नए प्रमाण पत्र को लेकर परेशान हैं। गोरखपुर में शिक्षकों के 500 सीटों के लिए 3 जनवरी तक 32 हजार के आसपास आवेदन पहुंच चुके हैं। प्रतिदिन डायट पर 2 से 3 हजार आवेदन पत्र पहुंच रहे हैं। मंडल में टीईटी पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 32 हजार के आसपास है। 9 जनवरी आवेदन की अंतिम तिथि है।
डायट प्राचार्य जेएन सिंह का कहना है कि अंतिम तिथि तक आने वाले आवेदनों की जांच होगी। संशोधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद अभ्यर्थी प्रत्यावेदन देकर संशोधन करा सकते हैं। गड़बड़ियों के बारे में उन्होंने बताया कि मेरिट लिस्ट बनने के बाद प्रत्यावेदन की भरमार होगी। News : Amar Ujala (04.1.12)
पूर्व सैनिकों और विकलांगों को नहीं मिलेगा आरक्षण (UPTET : Ex-Service Man and Physically Handicapped Candidates are not able to get Reservation Benefits, where number of posts are very less for eg. 12 in some districts of UP)
फतेहपुर। विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की भर्ती में इस बार जिले में विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि अन्य सभी वर्गो को आरक्षण की सुविधा यथावत मिलेगी। जिले में कुल 12 विशिष्ट बीटी शिक्षकों का चयन होना है। इसमें विकलांग, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित एवं पूर्व सैनिक का निर्धारित कोटा सीट कम होने से मानक के लिए अर्ह न्यूनतम अंक सीमा से कम हो रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने विशिष्ट बीटी के 12 पदों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। टीईटी परीक्षा उत्तीण करने वालों को विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि नौ जनवरी है। अभी तक ढाई हजार आवेदन फार्म डायट में जमा हो चुके हैं। डायट ने आरक्षण देने के लिए जो फार्मूला तय किया है, उसके तहत जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, पूर्व सैनिक और विकलांगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। फार्मूला के तहत तीन बीसी, दो एससी, एक एसटी, एक शिक्षमित्र और जनरल कोेटे के पांच अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर चयन का मौका मिलेगा। विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया प्रभारी बीरेंद्र सिंह यादव ने बताया जिस वर्ग के आरक्षण में .5 से अधिक हिस्सा आ रहा है, उसके लिए एक सीट आरक्षित की गई है। जिस वर्ग के हिस्से में इससे कम आ रहा है, उसे आरक्षण की सुविधा से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने बताया विकलांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित के लिए .5 से कम हिस्सा आ रहा है। ऐसी हालत में इन तीनों वर्गो के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई है। ऐसी हालत में इन वर्गो को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आरक्षण का लाभ पिछड़े, अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को ही मिल सकेगा।
News : Amar Ujala (02.1.12)
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