Breaking News : Stay on Primary Teacher Recruitment Process in UP Basic Education Department
Dear All,
Don't be panic, Matter is not So serious enough -
See Case Details of Allahabad Highcourt -
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
It is contended that the advertisement in question has been issued as if it is being issued on behalf of all the District Basic Education Officers of 75 districts while under the Rules it is only the appointing authority of the individual district who can issue advertisement under Rule 14 of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 but on their behalf the impugned notification has been issued by District Education Board. These kinds of matter are coming in large number of cases where District Education Board whether Secretary or Board are working in a manner which is not supported by the relevant statute causing unnecessary litigation before this Court.
Let respondents No.1 and 2 both shall appear before this Court on 11.1.2012 to explain and justify how this kind of advertisement can be issued on behalf of all District Basic Education Officers and whether it is so permissible under the Rules. Respondent No.1 is represented by learned Standing Counsel and 2 is represented by Sri K.S.Kushwaha. They shall inform respective respondents about this order and shall ensure their presence on the next date.
Put up on 11.01.2012.
Till then no selection/appointment shall be made pursuant to the impugned advertisement which is ex facie contrary in the teeth of Rule 14(1) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 as amended till date. Order Date :- 4.1.2012
KA
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See Judjement - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1610630
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD ?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
It is contended that the advertisement in question has been issued as if it is being issued on behalf of all the District Basic Education Officers of 75 districts while under the Rules it is only the appointing authority of the individual district who can issue advertisement under Rule 14 of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 but on their behalf the impugned notification has been issued by District Education Board. These kinds of matter are coming in large number of cases where District Education Board whether Secretary or Board are working in a manner which is not supported by the relevant statute causing unnecessary litigation before this Court.
Let respondents No.1 and 2 both shall appear before this Court on 11.1.2012 to explain and justify how this kind of advertisement can be issued on behalf of all District Basic Education Officers and whether it is so permissible under the Rules.
Respondent No.1 is represented by learned Standing Counsel and 2 is represented by Sri K.S.Kushwaha. They shall inform respective respondents about this order and shall ensure their presence on the next date.
Put up on 11.01.2012. Till then no selection/appointment shall be made pursuant to the impugned advertisement which is ex facie contrary in the teeth of Rule 14(1) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 as amended till date.
Order Date :- 4.1.2012
KA
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See Judgement - http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1610630
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72 हजार 825 अध्यापकों की नियुक्तियों पर रोक
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अध्यापक पात्रता परीक्षण (टीईटी) चयन के तहत राज्य के 75 जिलों में 72 हजार 825 प्राथमिक सहायक अध्यापकों की नियुक्ति एवं चयन पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया 30 नवम्बर 11 को बोर्ड द्वारा राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से जारी विज्ञापन नियम 14 के विपरीत हैं।
अदालत ने मामले की सुनवाई 11 जनवरी को नियत करते हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को अगली तिथि पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल ने वाराणसी के यादव क पिलदेव लाल बहादुर की याचिका पर यह आदेश है।
याची अधिवक्ता ने बहस की कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा "शिक्षक सेवा नियमावली" के नियम 14 के अन्र्तगत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही नियुक्ति, चयन का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। बोर्ड के सचिव द्वारा सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से विज्ञापन जारी किया गया नियम का उल्लघंन है। ऎसे में 30 नवम्बर को जारी विज्ञापन निरस्त होने योग्य है। बोर्ड को विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है।
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If you see - Appointment Authority is Individual District for PRT.
No objection is on TET merit OR Selction criteria.
Appointment process/ Counselling etc. not started.
I personally felt seniour authority have more power in terms of selection/recruitment, And advertisement issued on behalf of District Basic Education Officers by a seniour authority level of secratary/Board.
So the matter is not so serious enough, already counselling process,merit is on district level.
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गाजीपुर डायट को एक लाख से ज्यादा आवेदन पत्र मिले
(UP TET : Gazipur DIET received more than One Lakh PRT Application Form)
गाजीपुर। विशिष्ट बीटीसी-2011 की जिले में 24 सौ सीटें हैं। इसके सापेक्ष बुधवार तक 1 लाख 5 हजार 503 आवेदन डायट को प्राप्त हो चुके है। अभी इसकी अंतिम तिथि 9 जनवरी है। यह जानकारी सर्वशिक्षा अभियान प्रभारी रामअवतार यादव ने दी है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्रों की फीडिंग का काम चल रहा है। इसके लिए 10 कंप्यूटर लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बुधवार तक 35 हजार आवेदन पत्रों की फीडिंग का कार्य पूरा कर लिया गया था। दूसरी तरफ डायट के सभी स्टाफ एवं बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों की तरफ से आवेदनपत्रों को सूचीबद्ध करने का काम किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इसका चयन चुनाव के बाद ही संभव हो पाएगा। आवेदनपत्रों को देखने से कई तथ्य ऐसे सामने आए हैं कि कुछ अभ्यर्थी जो अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उत्तीर्ण नहीं है, उन्होंने भी आवेदन किया है। दूसरी तरफ एक-एक अभ्यर्थी के तीन-तीन आवेदन भी प्राप्त हुए है। ऐसी स्थिति में डायट कर्मचारियों को छंटनी करने एवं सूचीबद्ध करने में कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
News : Amar Ujala (5.1.12)उन्होंने बताया कि बुधवार तक 35 हजार आवेदन पत्रों की फीडिंग का कार्य पूरा कर लिया गया था। दूसरी तरफ डायट के सभी स्टाफ एवं बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों की तरफ से आवेदनपत्रों को सूचीबद्ध करने का काम किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इसका चयन चुनाव के बाद ही संभव हो पाएगा। आवेदनपत्रों को देखने से कई तथ्य ऐसे सामने आए हैं कि कुछ अभ्यर्थी जो अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उत्तीर्ण नहीं है, उन्होंने भी आवेदन किया है। दूसरी तरफ एक-एक अभ्यर्थी के तीन-तीन आवेदन भी प्राप्त हुए है। ऐसी स्थिति में डायट कर्मचारियों को छंटनी करने एवं सूचीबद्ध करने में कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
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सहायक अध्यापकों की नियुक्ति पर रोक
(UPTET : Breaks on Recruitment of Assistant Teacher)
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में हो रही 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा है कि 30 नवंबर को बोर्ड की तरफ से जारी विज्ञापन में प्रदेश के समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों का जिक्र किया गया है जो प्रथम दृष्टया नियम 14 के विपरीत है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए न्यायालय ने 11 जनवरी की तिथि नियत की है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को अगली तिथि पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने वाराणसी के कपिल देव यादव और लाल बहादुर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। याची के अधिवक्ता ने मुद्दा उठाया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) नियमावली के नियम 14 के अंतर्गत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही सहायक अध्यापकों की नियुक्ति/चयन का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का उल्लेख कर बोर्ड के सचिव की तरफ से विज्ञापन जारी किया जाना नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में 30 नवंबर को जारी विज्ञान निरस्त करने योग्य है क्योंकि बोर्ड को विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने याची का पूरा तर्क सुनने के बाद अगली सुनवाई तक नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी है।
ज्ञात रहे कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। टीईटी में प्रदेश भर से 11 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे जिसमें प्राथमिक स्तरीय परीक्षा में ढाई लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे। कोर्ट के निर्देश पर अभ्यर्थियों को सभी जिलों में आवेदन करने की अनुमति मिली थी। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 50 जिलों में आवेदन किए जिसके कारण सोमवार तक जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में लगभग एक करोड़ आवेदन पहुंच चुके थे।
News : Amar Ujala (5.1.12)यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने वाराणसी के कपिल देव यादव और लाल बहादुर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। याची के अधिवक्ता ने मुद्दा उठाया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) नियमावली के नियम 14 के अंतर्गत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही सहायक अध्यापकों की नियुक्ति/चयन का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का उल्लेख कर बोर्ड के सचिव की तरफ से विज्ञापन जारी किया जाना नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में 30 नवंबर को जारी विज्ञान निरस्त करने योग्य है क्योंकि बोर्ड को विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने याची का पूरा तर्क सुनने के बाद अगली सुनवाई तक नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी है।
ज्ञात रहे कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। टीईटी में प्रदेश भर से 11 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे जिसमें प्राथमिक स्तरीय परीक्षा में ढाई लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे। कोर्ट के निर्देश पर अभ्यर्थियों को सभी जिलों में आवेदन करने की अनुमति मिली थी। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 50 जिलों में आवेदन किए जिसके कारण सोमवार तक जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में लगभग एक करोड़ आवेदन पहुंच चुके थे।
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जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का खुलासा करे सुप्रीमकोर्ट
(Supreme Court : Disclose Recruitment Process of Judges)
नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट के रुख को दरकिनार करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने कहा है कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया और इसमें संशोधन के किसी भी प्रस्ताव को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में संशोधनों के सवाल पर देश के प्रधान न्यायाधीश व कानून मंत्रालय के बीच हुई वार्ता का खुलासा करे। मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की याचिका पर दिए आदेश में कहा है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया या इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव जरूरी रूप से सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध होना चाहिए ताकि नागरिकों को जानकारी हो कि इस मामले में प्रमुख पक्षों (भारत सरकार व प्रधान न्यायाधीश के बीच) हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में जजों की नियुक्ति जैसे अहम मसले के संदर्भ में क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जजों की नियुक्ति से संबंधित जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता क्योंकि इस पर रोक है। इस दलील को खारिज करते हुए आयोग ने कहा है कि किसी व्यक्ति की नियुक्ति जज के तौर पर करने की प्रक्रिया व इस तरह की नियुक्तियों की प्रक्रिया के बीच भेद करने की जरूरत है। अग्रवाल ने अपने आवेदन में हाईकोर्टो में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया के संशोधित ज्ञापन के कानून मंत्रालय के मसौदे पर देश के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन एवं कानून मंत्री के बीच हुए संवाद को सार्वजनिक करने की मांग की थी। सुप्रीमकोर्ट की रजिस्ट्री ने जजों की नियुक्ति से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक का जिक्र करते हुए कहा, आवेदक ने जो जानकारी मांगी है वह आरटीआइ दायरे में नहीं आती। भारत के प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को संवैधानिक या वैधानिक रूप से इस जानकारी को रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह आरटीआइ कानून की धारा 2 (जे) के दायरे में नहीं आती।
HI MUSKAN,
ReplyDeleteIT MEANS RECRUITMENT CAN B CANCELLED...Satish
क्या नया विज्ञापन निकला जायेगा और फिर दोबारा से आवेदन करने होंगे और फिर पैसे खर्च होंगे या आवेदन रद्द होंगे
ReplyDeleteजिन्हीने ये केस किया है बहुत सोच समझ कर क्या है , क्योंकी चुनाव आचार संहिता के तहत अभी कोई विज्ञापन निकला नहीं जा सकता है
तब तो इस टी ई टी भर्ती को केंसिल समझो
और फिर नयी सरकार ही इस भर्ती पर कोई निर्णय लेगी , पर क्या वह बी एस पी के भर्ती नियम को मानेगी
अब फिर से भर्ती होगी या नया विज्ञापन निकलेगा , मेरे तो काफी सारे पैसे डूब चुके हैं
ReplyDeleteबार बार एप्लाई कर कर के बर्बाद हो रहे हैं , क्या खेल चल रहा है समझ नहीं आ रहा
लगता है की सारी राजनीती यहीं हो रही है
वाराणसी के यादव कपिलदेव लाल बहादुर TET k xam me fail ho gaya hai isliye is kamine ne ye writ dali hai...saala kutta hai ye harami...
ReplyDeletejisne ne bhi ye comment likha hai wo tarif k kabil hai kyoki mujhe lagta hai kapil mahasay gobar ganeh hain hai jo pasing mark bhi nahi nahi la sakte ....ha ha ha ha ha
ReplyDeleteटीईटी के आधार पर भर्ती मामले में जवाब तलब
ReplyDeleteलखनऊ, 4 जनवरी (विधि संवाददाता): इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती किए जाने संबन्धी राज्य सरकार के शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीपकांत व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने याची कुलदीप श्रीवास्तव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए शासनादेश विधि विरुद्ध तथा गैरकानूनी हैं। इनको रद किया जाए। कहा गया कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक अध्यापक सेवा नियमावली के तहत की जानी चाहिए। यह भी कहा गया कि राज्य सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर भर्ती किए जाने के शासनादेश गत 30 नवंबर 2011 व 20 दिसंबर 2011 को जारी किए गए हैं। याचिका में तर्क दिया गया है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) केवल अध्यापकों की पात्रता तय करने के लिए है। इस आधार पर भर्ती किया जाना विधि सम्मत नहीं है। जनहित याचिका में मांग की गई है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के तहत की जाए। यह भी कहा गया कि टीईटी के आधार पर चयन किए जाने पर रोक लगाई जाए तथा शासनादेशों को रद किया जाए।
aachar sanhita ko to goli maro ye kapil ne kapil jaise mahan aadmi ka naam rakhkar unka nam kharab kar diya hai in mahasay ko to apne kiye par saram aani chahiy.
ReplyDeleteye kapil yadav and sudhir agarwal are the members of the gang who were carring the Rs 87 laks. Ek yachika dayar karta hai & dusra Stay de deta hai taki farziwada karne ka time mil jaye
ReplyDeleteअब प्रधान डाकघर में होगी शॉर्टिंग -
ReplyDeleteडाक विभाग
आवेदनों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर लिया गया निर्णय
अभी तक रेल मेल सर्विस में होती आवेदनों की शॉर्टिंग
इलाहाबाद। स्पीड पोस्ट की बुकिंग के बाद अब उनकी शॉर्टिंग भी सिविल लाइंस स्थित प्रधान डाकघर में होगी। अभी तक बुकिंग के बाद सारे फार्मों की शॉर्टिंग रेल मेल सर्विस (आरएमएस) में होती थी। प्रधान डाकघर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बेसिक शिक्षा परिषद के सहायक अध्यापक पद के फार्म जमा हो रहे हैं। इसके साथ ही कर्मचारी चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के फार्म भी जमा करने को अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं।
अभी तक साल भर से शॉर्टिंग का काम आरएमएस में ही होता रहा है। टीईटी के परिणामों की घोषणा के बाद सहायक अध्यापक पद के लिए फार्म जमा करने को अभ्यर्थी उमड़ पड़े हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में फार्म स्पीड पोस्ट बुकिंग के बाद आरएमएस में शॉर्टिंग के लिए पहुंच रहे हैं। आरएमएस में शॉर्टिंग हब बनने से कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और आसपास के जिलों से पहले से ही चिट्ठियां और आर्टिकल पहुंच रहे हैं। जिस वजह से वहां फार्मों की शॉर्टिंग सही तरीके से नहीं हो पा रही है और अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए फार्म गलत केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। पोस्ट मास्टर जनरल एके शर्मा का कहना है कि फार्मों की संख्या और कर्मचारियों की सहूलियत के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे फार्मों की शॉर्टिंग प्रधान डाकघर में करने से फार्म जल्दी तो पहुंचेंगे ही गलतियां भी कम होंगी।
http://compact.amarujala.com/city/7-1-11596.html
टीईटी के आधार पर भर्ती मामले में जवाब तलब -
ReplyDeleteलखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती किए जाने संबंधी राज्य सरकार के शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीपकांत व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने याची कुलदीप श्रीवास्तव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश विधि विरुद्ध हैं। इसे रद किया जाए। कहा गया शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक अध्यापक सेवा नियमावली के तहत की जानी चाहिए। याचिका में तर्क दिया गया है कि टीईटी केवल अध्यापकों की पात्रता तय करने के लिए है।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=36&edition=2012-01-05&pageno=11
curruption curruption.......there is curruption in every department in india. I have passed CTET with 103 marks and UPTET with 118 marks but due to this sytem I am so hopeless so I am going to abroad so that I have not to face this system.
ReplyDeleteSee These Allahabad Judges Selection List -
ReplyDeletehttp://www.allahabadhighcourt.in/event/list_of_eligible_candidates_HJS2009.pdf
Highcourt : No objection on TET Merit for selection in Primary Teacher (PRT) of UP Edu. Dept.
ReplyDeleteSee judgement
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This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only. In case of any mistake, please bring it to the notice of Deputy Registrar(Copying).
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 71558 of 2011
Petitioner :- Seeta Ram
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare, Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C., Suresh Singh
Hon'ble Sudhir Agarwal, J.
1. Heard Sri Ashok Khare, learned Senior Advocate, and perused the record.
2. Petitioner is challenging advertisement dated 29/30.11.2011 as also Rule 14 (3) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as "Rules, 1981"). It is contended that National Council for Teachers Eduction (hereinafter referred to as "NCTE") provided minimum qualification for appointment on the post of Assistant Teacher in Primary Schools and passing of Teacher Eligibility Test (hereinafter referred to as "TET") conducted by appropriate Government in accordance with the guidelines given by NCTE was made essential qualification. Pursuant thereto the State Government conducted TET on 13.11.2011 result whereof was declared on 25.11.2011. Petitioner passed said test. In the meantime, Rules,1981 were amended by notification dated 9.11.2011 vide U.P. Basic Education (Teachers) Service (Twelfth Amendment) Rules, 2011 which came into force at once. It made amendment in Rules 8, 14, 27 and 29. Rule 8 was with reference to qualifications and Rule 14 with reference to procedure to be followed for recruitment for appointment on the post of Assistant Teacher in Primary Schools. The amendment incorporates TET as a part of essential qualification besides others and Rule 14 (3) provides that a list of the candidates of such persons who appear to possess prescribed academic qualification and eligible for appointment shall be prepared wherein their names shall be arranged in such manner that their names are placed in the descending order on the basis of marks in Teacher Eligibility Test conducted by Government of Uttar Pradesh. Pursuant to the said amendment in the Rules, an advertisement was published on 29/30.11.2011 for selection for appointment to the post of Assistant Teacher in Primary School which is consistent to the said amendment in the Rules. Sri Khare submitted that TET is one of the qualifying examination prescribed by NCTE and the process of such examination commenced before 13.11.2011 pursuant whereto the examination was held on 13.11.2011 and the result was declared on 25.11.2011. For the purpose of making selection and appointment as Assistant Teacher the said qualification cannot be made a basis/foundation particularly considering the process of the said test as it amounts to change of rules of the game when the game has already commenced and in support thereof placed reliance on judgements of this Court in K. Manjusree Vs. State of Andhra Pradesh and another (2008) 3 SCC 512 and Hemani Malhotra Vs. High Court of Delhi (2008) 7 SCC 11.
3. He further submitted that a qualifying test cannot be made sole basis for selection to the post of Assistant Teacher and in this regard placed reliance on a Full Bench Judgement in Uma Shankar Singh & others Vs. Chairman, Public Service Commission (1994) 2 UPLBEC 1412 and Apex Court decision in Andhra Pradesh Public Service Commission Vs. Baloji Badhavath & others (2009) 5 SCC 1.
4. However, I find no force in the submission.
**continue in next post
5. The examination held by State Government, i.e. TET, 2011 is pursuant to Regulations framed by NCTE under the provisions of Right to Education Act, 2009 and it only confers a qualification upon a candidate so as to make him eligible to participate in the process of recruitment whenever it commences for appointment to the post of Assistant Teacher. The advertisement dated 29/30.11.2011 is not a commencement of the process of recruitment pursuant to Rules, 1981(as amended) for appointment to the post of Assistant Teacher. Training prescribed therein i.e. six months special training is pre appointment training contemplated under the Regulations framed by NCTE and has nothing to do with the process of recruitment in service. It shall commence with the advertisement published as contemplated in Rule 14 of Rules, 1981. It is in these circumstances, it cannot be said that rules of the game have been changed afterwards inasmuch the two processes cover different fields and operate totally differently.
ReplyDelete6. In K. Manjusree (supra) a selection was held but during the process of selection, criteria for selection was changed. It is in these circumstances, the Apex Court said that the Rules of game cannot be changed afterwards i.e. after the interview was over. Similar was the position in Hemani Malhotra (supra) and both the judgements, therefore, have no application to the facts of this case.
7. In Uma Shankar Singh (Supra), it was clearly prescribed that the preliminary examination is a mere screening test and that being so this Court held that it cannot be included for the purpose of final examination. The judgement has no application to the present case.
8. In Baloji Badhavath (supra), it was held that a procedure evolved for laying down mode and manner for consideration of a right to be considered for appointment can be interfered with only when it is arbitrary, discriminatory or wholly unfair, which learned counsel for petitioner failed to prove in the case in hand and, therefore, reliance placed thereon is totally misconceived.
9. So far as making of qualifying examination basis of selection is concerned, it is always permissible to the rules framing authority to determine the criteria for selection which may base on the merits of the candidate possessed in various academic qualifications or qualifying test or any other criteria which may otherwise be valid and once it is so determined, unless it can be said that the same amendment in the rule is contrary to any statutory provision or otherwise ultra vires or vitiated in law, the same cannot be interfered.
10. In the result, writ petition lacks merit. Dismissed.
Dt. 12.12.2011
PS
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Respectable Judges please make sure that merit will be based on academic based because till now tet has lost its right to be the selection criteria...
ReplyDeleteRespectable Judges please make sure that merit will be based on academic based because till now tet has lost its right to be the selection criteria...
ReplyDeletehey kaun hai tu yar jo selection academic base par karvayega..jara tere no. to bata TET me kitne hai???? TET me score nahi kar paya isliye Academic merit banva raha hai...tu b lag ja line me..aur yaha kya kar raha hai tu b chala ja court me writ dalne...sharam aani chaiye tujhe 1 class ka paper solve hua nahi aur chala hai teacher banne...shame on u...
ReplyDeleteSharm mujhe nhi tujh jaise logon ko ani chaihye kyonki mera selection to merit kaise bhi bne ho hi jayega per jinke marks tet me km the or ab tak bahut logon ke marks uper neeche ho gye h unka kya hoga isiliye or vaise bhi agar kisi ke ander quality hai wo pehle kaha gyi ab tet-tet wo log jyada chilla rhe hai jinka tukka lg gya gole bharne mai understand or academic me tukka nhi lgta vaise for you information selection hoga to merit academic per hi bnegi nhi vacancy cancel ho jayegi .....fir dobara tet hoga nyi govt. ane per..
ReplyDeletewah re tujhe to bada pata hai k ab TET hoga k nahi dobara..tu hi to reh gaya hai ab govt. k decesion lene k liye...agar tere itne ho badiya no. hai to bata na tere no. aur saath me tera roll no. b bata de...dekhe to sahi tere kitne marks aye hai...hoshiyarchand...itna hi hoshiyar hai to primary me kyu ja raha hai..TGT/Pgt qualify kar ya fir NET waha ja...yaha kyu ghanta baja raha hai duffer...murkhchand...sharam kar sharam bevkuf insaan..dufeeeeeeeeeeeeeeeeerrrrrrrrrrrrrrrrrr
ReplyDeletekyon jalan ho rahi hai tujhe kya tere tet mein zero marks aye hain kya dusron ko duffer kehne wale pehale apni okat to dekh le. agar tere tet par merit banbane mein hava tight ho rahi hain to kyo bol na kam number hain na tere ya fir egg. to duffer tu hain na . duffer ..................
ReplyDeleteabe gadhe mujhe kyu jalan hogi...Tere behen ne bataya nahi k mere kitne no. hai...mujhe tere bata rahi thi k tu fail ho gay hai aur B.Ed me b jugad kar ke tu paas hu hai...tune apne gharwalo ka kitna rupya phook diya..kahinn tune b 2 lakh jama nahi kiye the 70 ka 128 karvane...kabhi pad bhi liya kar dufferrrrr...
ReplyDeleteAap jo bhi hai agar tet main 1% se 2% logo ne gadbadi karne ki kosis ki hai to pura system galat nahi ho sakta hai acadmic pe selection nahi hona chahiye teri bhi behan hogi
ReplyDeleteduffer sayad tune hi 70 se 128 karvane ke liyen 2 lakhs diyen hain
ReplyDeletesale gadu teri ---------
dikha di ne na tune apni aukaat...teacher banne chala hai aur bahsa to dekho..teri mummy ne yani ki humari saasu maa ne tujhe yahi sikhaya hai.apni jija ji ko gaali dete ho.Nalayak,koi baat nahi agar tune paise diya hai to itna bhadak kyu raha hai..just chill yaar.akhir me tu mera saala hai...
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