क्या होगा हजारों टीईटी अभ्यर्थियों का?
(What will happen with future of TET Candidates)
सहारनपुर। सूबे में सपा की सरकार आने के बाद से शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले हजारों टीईटी अभ्यर्थियों में अपनी नियुक्ति के भविष्य को लेकर बड़ी बेचैनी है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बसपा शासन में जारी की गई नियुक्ति प्रक्रिया में अब किसी तरह का अड़ंगा न आ जाए। ऐसी गाज से बचने के लिए अभ्यर्थी बार बार नई सरकार से अपना भविष्य सुरक्षित करने की गुहार लगा रहे हैं।
टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा से जुड़े अभ्यर्थियों ने रविवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर बैठक की। उन्होंने कहा कि सहारनपुर मंडल में ही करीब 38 हजार अभ्यर्थियों ने इस उम्मीद में पंजीकरण कराया था कि उन्हें टीचर बनने का मौका मिलेगा। इसी सपने को साकार करने की आस में उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा दी। इसमें से लगभग 21 हजार अभ्यर्थी पास भी हो गए मगर टीईटी उत्तीर्ण करने के बावजूद उनका भविष्य अब तक अधर में है।
मोर्चा के अध्यक्ष अजय प्रताप ने कहा कि टीईटी की प्रक्रिया को महीनों बीत गए हैं और अब सरकार भी बदल गई है। इसलिए हजारों अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि पहले फार्मों की मारामारी, फिर परीक्षा की तैयारी और उसके बाद डायट पर आवेदन फार्म जमा करने की होड़ से लेकर अभ्यर्थी टीचर बनने को जद्दोजहद करते आ रहे हैं। हाल ये है कि पांच जनपदों से आवेदन के विकल्प के चलते जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पर ही एक लाख से अधिक अभ्यर्थी आवेदन फार्म जमा कर चुके हैं। मगर उनकी किस्मत फार्मों में ही कैद होकर रह गई है।
उन्होंने सपा की नई सरकार से मांग की है कि टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य को खतरे में पड़ने से बचाया जाए और परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को टीचर बनने का मौका दिलाया जाए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके।
बैठक में प्रदीप धीमान, विनय शर्मा, मनोज यादव, तेग सिंह यादव, सुनील कुमार, सीमा शर्मा, रीता रानी, सुनीता गुप्ता, शशि कुमार, कुलवीर सिंह, सुधीर बर्मन, ब्रजपाल सिंह और कुंवर अमित प्रकाश आदि उपस्थित रहे।
News : Amar Ujala (12.3.12)
(What will happen with future of TET Candidates)
सहारनपुर। सूबे में सपा की सरकार आने के बाद से शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले हजारों टीईटी अभ्यर्थियों में अपनी नियुक्ति के भविष्य को लेकर बड़ी बेचैनी है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बसपा शासन में जारी की गई नियुक्ति प्रक्रिया में अब किसी तरह का अड़ंगा न आ जाए। ऐसी गाज से बचने के लिए अभ्यर्थी बार बार नई सरकार से अपना भविष्य सुरक्षित करने की गुहार लगा रहे हैं।
टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा से जुड़े अभ्यर्थियों ने रविवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर बैठक की। उन्होंने कहा कि सहारनपुर मंडल में ही करीब 38 हजार अभ्यर्थियों ने इस उम्मीद में पंजीकरण कराया था कि उन्हें टीचर बनने का मौका मिलेगा। इसी सपने को साकार करने की आस में उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा दी। इसमें से लगभग 21 हजार अभ्यर्थी पास भी हो गए मगर टीईटी उत्तीर्ण करने के बावजूद उनका भविष्य अब तक अधर में है।
मोर्चा के अध्यक्ष अजय प्रताप ने कहा कि टीईटी की प्रक्रिया को महीनों बीत गए हैं और अब सरकार भी बदल गई है। इसलिए हजारों अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि पहले फार्मों की मारामारी, फिर परीक्षा की तैयारी और उसके बाद डायट पर आवेदन फार्म जमा करने की होड़ से लेकर अभ्यर्थी टीचर बनने को जद्दोजहद करते आ रहे हैं। हाल ये है कि पांच जनपदों से आवेदन के विकल्प के चलते जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पर ही एक लाख से अधिक अभ्यर्थी आवेदन फार्म जमा कर चुके हैं। मगर उनकी किस्मत फार्मों में ही कैद होकर रह गई है।
उन्होंने सपा की नई सरकार से मांग की है कि टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य को खतरे में पड़ने से बचाया जाए और परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को टीचर बनने का मौका दिलाया जाए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके।
बैठक में प्रदीप धीमान, विनय शर्मा, मनोज यादव, तेग सिंह यादव, सुनील कुमार, सीमा शर्मा, रीता रानी, सुनीता गुप्ता, शशि कुमार, कुलवीर सिंह, सुधीर बर्मन, ब्रजपाल सिंह और कुंवर अमित प्रकाश आदि उपस्थित रहे।
News : Amar Ujala (12.3.12)