सियासी उलटफेर में उलझता युवाओं का भविष्य (UPTET : Future of Youth entangled in complicated political vicissitudes )
बागपत। सियासी उलटफेर में युवाओं का भविष्य उलझकर रह गया है। मुलायम सिंह की सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शुरू किया, तो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे समाप्त करके टीईटी शुरू करा दिया। अब फिर से टीईटी को समाप्त कर विशिष्ट बीटीसी शुरू करने की तैयारी है। इसी प्रकार सिपाहियों की भर्ती में भी युवा उलझ गए हैं। इस उलटफेर में लाखों अभ्यर्थियों की उम्र ही निकल गई। सियासी मतभेद ने युवाओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
इस तरह के उलटफेर में युवाओं का भविष्य बनने के बजाय गर्त की ओर ही जा रहा है। युवा कहीं प्राइवेट जॉब करने लायक भी नहीं रह पा रहा है। एक सरकार की योजना को दूसरी सरकार आकर रोक रही है और अपनी नीति के अनुसार योजना चला रही है, जब तक युवा तैयारी करते हैं और परीक्षा देते हैं, तब तक दूसरी सरकार आकर उसे रोककर अपनी योजना लागू कर रही है। इस सियासी उलटफेर ने युवाओं के भविष्य को पूरी तरह से उलझाकर रख दिया है।
News : Amar Ujala ( 11.3.12)
बागपत। सियासी उलटफेर में युवाओं का भविष्य उलझकर रह गया है। मुलायम सिंह की सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शुरू किया, तो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे समाप्त करके टीईटी शुरू करा दिया। अब फिर से टीईटी को समाप्त कर विशिष्ट बीटीसी शुरू करने की तैयारी है। इसी प्रकार सिपाहियों की भर्ती में भी युवा उलझ गए हैं। इस उलटफेर में लाखों अभ्यर्थियों की उम्र ही निकल गई। सियासी मतभेद ने युवाओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
इस तरह के उलटफेर में युवाओं का भविष्य बनने के बजाय गर्त की ओर ही जा रहा है। युवा कहीं प्राइवेट जॉब करने लायक भी नहीं रह पा रहा है। एक सरकार की योजना को दूसरी सरकार आकर रोक रही है और अपनी नीति के अनुसार योजना चला रही है, जब तक युवा तैयारी करते हैं और परीक्षा देते हैं, तब तक दूसरी सरकार आकर उसे रोककर अपनी योजना लागू कर रही है। इस सियासी उलटफेर ने युवाओं के भविष्य को पूरी तरह से उलझाकर रख दिया है।
पहले मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस भर्ती खोली तो मायावती की सरकार बनते ही उस पर रोक लगा दी। युवा कई वर्ष तक अधर में लटके रह गए। पहले से बीटीसी के तहत परीक्षा कराकर युवाओं को रोजगार दिया जा रहा था, लेकिन मुलायम सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शुरू की, इसके बाद मायावती सरकार ने विशिष्ट बीटीसी को समाप्त कर दिया और शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी शुरू कर दी। अभी इसमें एक भी भर्ती नहीं हो पाई थी कि मायावती सरकार चली गई और मुलायम सिंह की सरकार बनने लगी। उन्होंने आने से पहले ही खुलासा कर दिया कि विशिष्ट बीटीसी को फिर से शुरू किया जाएगा और टीईटी को फिलहाल रोका जाएगा। ऐसी ही अन्य कई योजनाएं हैं, जिन्हें एक सरकार शुरू करती है तो दूसरी उसे रोक देती है।
सियासत के इस खेल में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। लाखों अभ्यर्थियों की तो उम्र ही इस सियासत की भेंट चढ़ गई और वे अब न इधर के रहे और न उधर के। प्राइवेट सेक्टर भी कम उम्र के युवाओं को वरीयता दे रहा है। ऐसे में इन युवाओं के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। क्या ऐसे ही नई पीढ़ी को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, क्या बनने से पहले ही युवाओं का भविष्य सियासी भंवर में डोलता रहेगा। इस स्थिति पर राजनीतिज्ञों को विचार करना होगा।
News : Amar Ujala ( 11.3.12)
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