Sunday, April 21, 2013

UPTET : टीइटी से मुक्त नहीं हुए शिक्षामित्र तो आंदोलन


UPTET : टीइटी से मुक्त नहीं हुए शिक्षामित्र तो आंदोलन

 संत कबीर नगर :

आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष बृजेश चौधरी ने कहा कि बिना मतलब शिक्षा मित्रों का आरटीआइ के तहत टीइटी के संबंध में प्रश्न पूछा जा रहा है। शिक्षा मित्रों को टीइटी देने के लिए मजबूर करना अनुचित है। इससे मुक्ति नही दी गई तो वृहद आंदोलन छेड़ा जाएगा।

उक्त बातें जिलाध्यक्ष ने रविवार को खलीलाबाद में बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति शिक्षा मित्र के प्रशिक्षण को लेकर बीमार पड़ रहे जो चपरासी भी पास नही कर पाएं है। हजारों शिक्षा मित्रों के जीवन को बेवजह विवादित कर रहे है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जो जवाब आरटीआइ के तहत दिया कि शिक्षा मित्रों को टीइटी देना पड़ेगा। इसका विरोध किया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आंदोलन किया जाएगा।

बैठक में हनुमान चौरसिया, रामकरन यादव, जालंधर प्रसाद, वीर बहादुर सिंह, रामराज पाल, उमाकांत, संजय यादव, दुर्गा यादव, शोभनाथ यादव, चंद्र भान यादव, प्रफुल्ल दूबे आदि उपस्थित थे



News Source/Sabhaar : Jagran /जागरण(Updated on: Sun, 21 Apr 2013 07:41 PM (IST))
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What will do UP state government, if TET matter is binding with Central Govt. /Gazette Notification of GoI.

Jab TET maamla Kendra Sarkar Se Sanchalit Hai aur Bharat ki Asadharan Rajpatra mein anivarya kiya hua hai to UP kee rajya sarkar ismein kya karegee.

Ab Allahabad HC kee triple bench ka judgement aaye to usko dekhen ki vhe Non-TET ke favor mein aata hai ki nahin.

UPTET : टीईटी को लेकर असमंजस में युवा


UPTET : टीईटी को लेकर असमंजस में युवा

निज प्रतिनिधि, एटा: शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर शासन स्तर पर फिर शुरू हुई सुगबुगाहट के बीच युवा असमंजस से गुजर रहे हैं। पूर्व में परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थी भी अभी तक परीक्षा को लेकर फाइनल निर्णय न हो पाने को लेकर गफलत में हैं, वहीं नए सिरे से आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर भी उधेड़बुन शुरू हो गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को पात्रता परीक्षा अनिवार्य किए जाने के बाद बसपा शासन में हुई परीक्षा परिणाम घोषित होने के बावजूद भी अभी विवादों और न्यायालय के दर पर ही दस्तक दे रही है। हालांकि बसपा शासन में हुई पात्रता परीक्षा में जिले के भी 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण तो हो गए, लेकिन परीक्षा में घपलेबाजी को लेकर पहले न्यायालय और फिर शासन की जांच अभी भी परीक्षा अटकी होने के कारण उत्तीर्ण होकर भी एक बड़ा युवाओं का तबका नौकरी से अछूता तो है ही, वहीं भाग्य को भी कोस रहा है। पूर्व की परीक्षा को अभी हरी झंडी न्यायालय ने नहीं दी। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने को लेकर हाल ही में तय किए गए मसौदे के बाद पहले ही परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके युवाओं के सामने असमंजस के हालात हैं। इस तबके में फिलहाल इसको लेकर बहस तेज हो गई है, पहले से परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके यह अभ्यर्थी अब नई परीक्षा में सम्मलित हों या नहीं। पूर्व की परीक्षा विवादों में है। ऐसे में परीक्षा निरस्त न हो जाए या फिर दूसरी परीक्षा में भी सम्मलित होने का मौका हाथ से न निकल जाए, असमंजस अभ्यर्थियों में नजर आ रहा है। शास ने 25 अप्रैल तक पुन: पात्रता परीक्षा कराने के लिए विज्ञप्ति जारी करने की घोषणा की है

पिछले साल टीईटी उत्तीर्ण कर चुके प्रवीन तिवारी का कहना है, अपनी पात्रता साबित करने के बाद भी उनका भविष्य अंधेरे में है। फिलहाल यह परीक्षा भी देंगे, पहले की परीक्षा का कोई भरोसा नहीं। संजीव दिवाकर का कहना है, सरकार पूर्व टीईटी पर पहले निर्णय स्पष्ट करे, उसके बाद ही दूसरी परीक्षा कराई जाए। अन्यथा पहले परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले के बर्बाद हुए समय की भरपाई कैसे हो पाएगी। अन्य तमाम टीईटी भी यही चाहते हैं कि सरकार पहले पूर्व टीईटी पर निर्णय को फाइनल टच दे, तभी दूसरी परीक्षा कराए



News Source : Jagran (Updated on: Sun, 21 Apr 2013 06:46 PM (IST))
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Kataksha / Confusing News -
Jab B. Ed vaale UPTET 1-5 ke liye eligible hee nahin honge to vo doabara se exam kaise de sakenge.

aur UPTET 2011 6-8 vala exam vivaadon mein raha nahin.

Media kafee saree important news detaa hai, aur Jagran Paper highly reputed hai North India mein aur bahut saaree important jaankariyan dee hain, lekin is news par abhyarthee savaal uthaa rahe hain ki isme dee gayee / etah jile ke candidtae ko puree jaankaree kar lenee chahiye.


UPTET / NCTE : Who Have Power to Set Minimum Qualification for Appointment of Teachers As Per RTE Act


UPTET / NCTE : Who Have Power to Set Minimum Qualification for Appointment of Teachers As Per RTE Act

According to - Bharat Ka Asadharan Rajpatra (Gazette of India Extra Ordinary ) -




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NCTE is Acadmic Authority made by the Central Govt. of India to implement RTE Act.

And NCTE prescribes TET is Minimum and Essential Qualification to Become Teacher under RTE Act for class - 1 to 8th

UPTET : टी ई टी मेरिट और 72825 शिक्षकों की भर्ती


UPTET : टी ई टी मेरिट और 72825  शिक्षकों की भर्ती 


पिछले दो सालों में लाखों अभ्यर्थीयों ने शिक्षक भर्ती में बड़े उतार चड़ाव देखे 

माया शासन काल में टी ई टी परीक्षा से पूर्व कई याचिकाएं इसके विरोध में पडी ,कुछ में बगेर टी ई टी  के भर्ती की मांग की गयी , कुछ में अकादमिक अंकों के आधार पर भर्ती की मांग की गयी । 
और इस तरह की सभी विरोध की याचिकाएं ख़ारिज हो गयी 

बी . एड  धारकों के लिए भर्ती की समय सीमा एन सी टी ई द्वारा १ जनवरी 2012 निर्धारित की गयी थी तब सभी लोगो को लग रहा था कि भर्तियाँ जल्द ही हो जायेंगी । 

बीच बीच में कुछ रुकावटें आयी , जिसमें ५ जिलों के बजाये समस्त उत्तर प्रदेश के जिलों में भर्ती का अवसर देने की बात आयी ,फिर परिणाम संसोधन की बात आयी और इन सभी  का निस्तारण भी हो गया । 

लेकिन तभी एक महारथी कपिल यादव ने एक ऐसी  याचिका डाली , जिसका हल न्यायलय को निकालने में तारिख दर तारिख देनी पडी । 

अचानक समय ने करवट बदली चुनावी मौसम  का बिगुल बज गया और उत्तर प्रदेश की सरकार बदल गयी । 

अब टी ई टी परीक्षा की जांच और उसमें धांधली की बातें भी उठने लगी थी , अभ्यर्थी भय ग्रस्त थे कि अब उनके भविष्य का क्या होगा । 

कई अभ्यर्थीयों का कहना था कि हमने तो परीक्षा अपनी मेहनत से पास की हैं और हमारे पास ओ एम् आर प्रतिलिपि हमारी बेगुनाही का सबूत है जिसने धांधली की उसको पकड़ना चाहिए । 

इस दोरान किसी भी अभ्यर्थी का नाम धांधली में सामने नहीं आया , हालाँकि टी ई टी परीक्षा आयोजित करने वाले निदेशक , संजय मोहन का नाम  टी ई टी अंक बढाने के एवज में  रूपए लेने देने में आ गया था । 

अभ्यर्थी सशंकित होने लगे की अब उनके भविष्य का क्या होगा 
उसके बाद भी ऐसी कोई  खबर नहीं आयी कि उसने किन अभ्यार्थीयों के अंक बढवाये । 

बीच बीच में यह भी ख़बरें उठी कि टी ई टी एक पात्रता परीक्षा है और इसके अंको का उपयोग चयन में करना गलत है 

समय गुजरता गया , और  राज्य सरकार ने धांधली को न्यून करने को लेकर टी ई टी को सिर्फ पात्रता परीक्षा मानने का अध्यादेश जारी कर दिया और भर्ती का आधार टी ई टी मेरिट की जगह अकादमिक अंको को बना दिया । 

लेकिन इसको देखते हुए मेहनती अभ्यर्थीयों का तर्क था की उनका क्या कसूर , उन्होंने तो मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण की और अकादमिक अंको से चयन उनकी भर्ती पर प्रतिकूल  प्रभाव डालेगा । 
और क्या गारंटी कि कोई नयी परीक्षा धांधली प्रूफ होगी । ये भी तर्क सामने आया कि बोर्ड परीक्षाओं में भी नक़ल इत्यादि होती है तो अकादमिक भर्ती भी पूर्णतया धांधली रहित कैसे हैं । 

एक और बात सामने आयी कि क्या चयन प्रणाली बीच में बदलना सही है । 

दुसरी तरफ कई अकादमिक अंको द्वारा भर्ती सपोर्टर द्वारा कहा जाने लगा की टी ई टी परीक्षा से ४ दिन पूर्व उनको पता लगा था कि टी ई टी अंको से चयन होगा और धांधली वाली परीक्षा के अंकों  से चयन का क्या मतलब । 
मगर ये दोनों ही बातें इन तर्कों पर सही नहीं है -
१. एन सी टी ई ने स्पष्ट रूप से टी ई टी परीक्षा के बारे में बताया है की  -
टी ई टी परीक्षा चयन की गारंटी नहीं लेकिन इसके अंको को चयन में वेटेज दिया जाये , उदाहरनार्थ -
सी टी ई टी परीक्षा से पूर्व , अभ्यार्थीयों को नहीं पता होता की कोन  सी चयन संस्था इसके अंकों को कितना वेटेज देगी ,
जैसा की एस एस ए चंडीगढ़ ने हाल ही में शिक्षक भर्ती के दोरान सी टी ई टी परीक्षा के अंको को ५ ० प्रतिशत वेटेज देने की घोषणा की थी 
२. दुसरी तरफ एन सी टी ई ने ये भी स्पष्ट किया था , कि परीक्षार्थी अंक सुधार  हेतु परीक्षा में पुन : बेठ  सकते हैं । 
किसी पात्रता परीक्षा में एक बार उत्तीर्ण होने के बाद परीक्षा में पुन : बेठने का क्या मतलब 
३. कई राज्यों ने भर्ती के दोरान टी ई टी अंकों को वेटेज देने की घोषणा  की थी 

अब दुसरी बात (जो की इस बीच सूनी गयी ) , अगर धांधली पाई जाती है तो इसको हल करने के लिए -
अ ) धांधली /धांधली में लिप्त लोगो को हटाया जाये  या फिर 
बी) परीक्षा का पुन : आयोजित किया जाये 
अन्यथा टी ई टी परीक्षा में मेहनती और अच्छे अंक धारियों'कि नियुक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है 

इसके बाद समय बढता गया और नया विज्ञापन सामने आया -
जिसमें अकादमिक अंको को चयन का आधार बनाया गया 

इस भर्ती के दोरान भी कई' अड्चानो ने जन्म लिया -
१. कई लोग जो पिछले विज्ञापन में पात्र थे पर नया विज्ञापन में उम्र बढने के कारण अपात्र हो गया थे उन्होंने न्यायलय की शरण ले ली 
२. जो लोग पिछले आवेदन में अपना शुल्क जमा कर चुके थे उन्होंने दोबारा से शुल्क जमा करने की बात पर न्यायलय की शरण ली , और न्यायलय ने उनको राहत प्रदान करते हुए अपने आवेदन पूर्व वर्ती विज्ञापन की सुचना के साथ लखनऊ भेजने को कह दिया 
३ इलाहबाद उच्च न्यायलय की एक डबल बेंच ने अपने एक आदेश में टी ई टी की अनिवार्यता पर सवाल उठाते हुए , भर्ती में बगेर टी ई टी वालों को भी चयन में मोका देने की बात कही 
वहीं दुसरी और -
एक अन्य डबल बेंच ने अपने  आदेश में भर्ती के लिए टी ई टी जरुरी बताया 


मगर भर्ती प्रक्रिया जारी रही और उपरोक्त दोनों बातों को लेकर व पूर्व वर्ती विज्ञापन  की बहाली  को लेकर अभ्यर्थी न्यायलय की शरण में गए और उन्होंने भर्ती पर  स्टे ले  लिया , और न्यायलय ने धांधली को सतही जांच बताया 

तीसरे नम्बर पर आदेश एक दुसरे से विरोधाभाषी होने के कारण , इलाहबाद उच्च न्यायलय ने ट्रिपल बेंच नाम से संवेधानिक पीठ का गठन  किया जो की टीईटी वर्सस नॉन टीईटी को लेकर बताए कि भर्ती को लेकर टीईटी जरुरी है की नहीं ,अब  ट्रिपल बेंच(संवेधानिक पीठ ) में सुनवाई पूर्ण हो चुकी है और आदेश जल्द ही किसी भी दिन आ सकता है 

जिस तरह से सूचनाएँ सामना आ रही हैं, उसको देखते हुए लगता है -टी ई टी अनिवार्य है  

दुसरी तरफ न्यायमूर्ती हरकोली जी की अदालत में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी है 

कई अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं 

भर्ती में और देरी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए मुश्किलें खडी कर सकती है क्योंकि शिक्षा मित्र की भर्ती के लिए भी टी ई टी जरुरी है 

Shiksha Mitra / RTI News: TET is MUST for Shiksha Mitra


Shiksha Mitra / RTI News: TET is MUST for Shiksha Mitra


Without TET (Teacher Eligibility Test) Qualification, Shiksha Mitra can not become Regular Teacher in UP



News Source / Sabhaar : Hindustan Epaper Lucknow (21.4.2013)
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As per sources , Above is already clarified by NCTE in Triple Bench Allahabad Highcourt that TET is Essential Qualification for ALL to Become Regular Teacher (RTE).

Wait for decision of Triple Bench, which may possible arrive on 24th April 2013.



UPTET : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी वालों की भर्ती रुकी



UPTET : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी वालों की भर्ती रुकी


लखनऊ (ब्यूरो)। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। यह भर्ती प्रक्रिया अब टीईटी पर हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद शुरू की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी है। विभाग का मानना है कि जब तक टीईटी पर हाईकोर्ट से स्थिति साफ न हो जाए, तब तक भर्ती नहीं की जानी चाहिए
उत्तर प्रदेश में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षित टीईटी पास करने के बाद सहायक अध्यापक बनने का इंतजार कर रहे हैं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने इस पर सहमति दे दी थी। इस पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाना था, लेकिन हाईकोर्ट में टीईटी का मामला लटक जाने की वजह से यह प्रक्रिया रोक दी गई है। अब यह तय किया गया है कि हाईकोर्ट से टीईटी का मामला साफ होने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसलिए बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षितों को अभी शिक्षक बनने के लिए इंतजार करना होगा




News Source / Sabhaar : Amar Ujala (21.4.2013)
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UP Govt. is waiting for Allahabad Highcourt Triple Bench Decision on TET vs Non-TET, which may arrive shortly (in a week),
As  all related hearing process is already done and only Judgement is going to Deliver.

Saturday, April 20, 2013

UPTET : यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है

UPTET : यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है!

  
UP Teacher Eligibility Test / Aur Milte Hain Anadee Teacher

जौनपुर: बच्चे मिंट्टी के घड़े के समान होते हैं। शिक्षक रूपी 'कुम्हार' अपने अनुभव व कड़ी मेहनत से उन्हें तराश कर मनचाहा आकृति देता है। यह जुमला वर्षो से सुनने को मिल रहा है। लेकिन जनपद की परिषदीय शिक्षा की हकीकत इससे इतर है। यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है। देश भर में भले ही आरटीई लागू है लेकिन जनपद में आज भी जहां छात्र-शिक्षक का अनुपात 50 :1 है वहीं अस्सी फीसद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू व हिन्दी के गुरुजी को गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के स्तर का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है

नगर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विषय के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती पर गौर करें तो कुल 11 जूनियर हाईस्कूल में 795 छात्र पंजीकृत हैं। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए 20 शिक्षक तैनात हैं। इनमें 12 शिक्षक उर्दू विषय के हैं। इन शिक्षकों को गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय भी पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की स्थिति तो और भी बदतर है। परिषदीय विद्यालयों में जहां छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं वहीं एक दर्जन से अधिक जूनियर हाईस्कूलों में ताला लटक गया है। अकेले रामपुर विकास खंड में जूनियर हाईस्कूल राजापुर, नोनरा, सिधवन, कोटिगांव सहित आधा दर्जन स्कूल दो साल से बंद हैं। यहां के बच्चे दूसरे गांव में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं।

नियुक्त किए जाएंगे शिक्षक

जौनपुर: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने कहा कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जिले में 1100 संविदा तथा एक हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। बीएसए ने बताया कि अभी शिक्षकों की पदोन्नति पर प्रतिबंध है। शासन से हरी झंडी मिलते ही गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय के शिक्षकों की जूनियर हाईस्कूल में पदोन्नति की जाएगी।

जनपद के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति:-

प्राथमिक स्कूल -2415

जूनियर हाईस्कूल-877

छात्रों की संख्या-4,72,567

कुल शिक्षक-7,149

शिक्षकों का रिक्त पद-2500

छात्र-शिक्षक अनुपात- 50 :1

भवन विहीन विद्यालय-09

जर्जर भवन में संचालित स्कूल-11

बंद विद्यालय-14


News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Sat, 20 Apr 2013 08:09 PM (IST))
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Ye Bahut Bada Durbhagya Hai, Ek Taraf Lakhon Uchh Prathmik UPTET pass Candidate Uplabdh Hain Aur Berojgaree Badee Huee Hai,

Dusree Taraf Anadi Teacher Dwara Basic Education Ka Bura Haal Hai.

Achhee Shiksha Kaise Mile

UPTET / Allahabad High court : Overage Matter Case


UPTET / Allahabad High court : Overage Matter Case

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 30 
Case :- WRIT - A No. - 18030 of 2013 
Petitioner :- Smt.Bandana Srivastava 
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors. 
Petitioner Counsel :- Shesh Kumar 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K.Yadav 

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J. 
Heard Sri Shesh Kumar, learned counsel for the petitioner, Sri A.K. Yadav, learned counsel for respondent no. 3 and learned standing counsel for the remaining respondents. 
Petitioner has qualified the Teacher Eligibility Test but unfortunately she has become overage for appointment as an Assistant Teacher. 
The Court cannot help the petitioner in any way as the Court has no power to alter the age limit fixed for appointment. This is the job of the legislature. 
The writ petition is dismissed
Order Date :- 4.4.2013 
Sandeep



Lekhpal Bhrtee UP : लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से होगी लेखपाल भर्ती


Lekhpal Bhrtee UP : लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से होगी लेखपाल भर्ती

लखनऊ। सूबे में लेखपालों की भर्ती लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होगी। भर्ती संबंधी गाइडलाइन तैयार कर लिया गया है और अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया गया है। अनुमोदन मिलते ही भर्ती कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
प्रदेश में करीब 7,000 पदों पर लेखपालों की भर्ती की जानी है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने इस संबंध में प्रक्रिया तय कर जल्द से जल्द कार्यवाही का निर्देश दिया था। इसके बाद विभाग ने भर्ती संबंधी गाइडलाइन तैयार कर अनुमोदन के लिए भेज दिया है। इसमें परीक्षा प्रारूप, आवेदन लेने के तरीके और चयन संबंधी प्रक्रिया शामिल है।
सूत्र के अनुसार लेखपाल का पद जिला कैडर के होने की वजह से चयन कार्यवाही जिला स्तर पर होगी लेकिन इसके लिए लिखित परीक्षा प्रदेश भर में एक ही दिन आयोजित की जाएगी। जबकि आवेदन ऑनलाइन लिए जाएं या मैनुअल या फिर दोनों तरह की व्यवस्था की जाए, इस पर फैसला होना शेष है। पर यह तय मानी जा रही है कि आवेदन प्राप्त होने के बाद पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी।
लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आवेदक को परीक्षा में आंसरशीट की कार्बन कॉपी देने का प्रस्ताव है। तो लिखित परीक्षा के लिए 90 अंक और इंटरव्यू के लिए 10 अंक रखने का सुझाव दिया है। अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिलेगा और इस दौरान उन्हें कुल 90 प्रश्नों के जवाब देने होंगे। इसमें इंटरमीडिएट स्तर की हिन्दी, गणित, सामान्य ज्ञान और सामाजिक व ग्रामीण परिवेश से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं


News Source / Sabhaar : अमर उजाला / Amar Ujala (20.4.13)
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In UP many recruitments get stuck in court matter like - Primary Teachers Recruitment , LT Grade Teacher Recruitment, Police Recruitment etc.

But now new recruitments can give some relief to Unemployeds as they are facing enormous pressure of Unemployedness.

Friday, April 19, 2013

Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : अनुदेशक चयन को हरी झंडी, 30 से होगी काउंसलिंग


Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : अनुदेशक चयन को हरी झंडी, 30 से होगी काउंसलिंग


 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक अनुदेशकों के चयन को हरी झंडी दी गई है। 30 अप्रैल से काउंसिलिंग कराई जाएगी। जिसके लिए मेरिट सूची का कट-आफ जारी किया जाएगा।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा कार्य शिक्षा (कंप्यूटर शिक्षा, गृह विज्ञान, संबंधित कला, कृषि शिक्षा तथा उद्यान एवं फल संरक्षण) के अंशकालिक अनुदेशकों का चयन किया जाना है। जिसमें तीनों के 480-480 कुल जिले में 1440 अनुदेशक रखे जाएंगे। चयन के लिए आन लाइन आवेदन जमा कराए गए थे। काफी दिनों से चयन प्रक्रिया लंबित चली आ रही थी। 17 अप्रैल को राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने बीएसए को जारी आदेश में 30 को काउंसिलिंग कराने का आदेश दिया है। काउंसिलिंग के बारे में बताया गया कि इसके लिए आवेदकों की कट आफ मैरिट सूची जारी की जाएगी। सीटों के सापेक्ष सामान्य तथा आरक्षणवार अलग अलग अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित होगी और मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों को काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा। बुलाए गए अभ्यार्थियों में रिक्तियों से कम आवेदकों के आने पर आठ मई को दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि आदेशों का पालन कराया जाएगा और मेरिट जारी होते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

डायट में बनेगा प्रकोष्ठ

काउंसलिंग को पारदर्शी बनाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में असुविधा निस्तारण प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। किसी शिकायत पर प्रत्यावेदन लेकर उसकी जांच होगी और फिर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

डीएम की देखरेख में होगी तैनाती

चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती में भी गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। निदेशक ने चयन सूची बनाकर जिलाधिकारी की देखरेख में तैनाती की बात कही है। साथ ही बीएसए को किसी भी गड़बड़ी पर कार्रवाई की चेतावनी दी है

News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Thu, 18 Apr 2013 10:30 PM (IST))
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This Anudeshak Recruitment is for ART/Other Category Candidates,

And now it is also expected that Science Stream Upper Primary Teacher Vacancies will also arrive Shortly.
Their DIRECT RECRUITMENT system is Made in Niyamavalee.


Thursday, April 18, 2013

UPTET : अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक


UPTET : अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक



  न्यूज़ साभार - जागरण ई पेपर 

अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक
टीईटी में नहीं मिलेगा मौका
- एनसीटीई की समयसीमा को देख किया फैसला

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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में होने वाली प्राथमिक स्तर की अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अब बीएड डिग्रीधारक नहीं शामिल होंगे। टीईटी के आयोजन को लेकर यहां कल हुई बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों में यह प्रावधान किया गया है

नये मार्गदर्शी सिद्धांतों में कक्षा एक से पांच के लिए प्राथमिक स्तर पर टीईटी के अभ्यर्थियों की जो शैक्षिक योग्यता तय की गई है, उसमें बीएड डिग्रीधारकों को नहीं शामिल किया गया है। वहीं उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएड उत्तीर्ण करने वालों को भी मौका दिया गया है। गौरतलब है 2011 में प्राथमिक स्तर पर आयोजित गई टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक और बीएड उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था

शासन ने प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की निर्धारित समयसीमा पर किया। एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को जो अधिसूचना जारी की थी उसमें कहा गया था कि पहली जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक में टीईटी उत्तीर्ण वे अभ्यर्थी भी शिक्षक नियुक्त हो सकते हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व बीएड की योग्यता हासिल की हो। शर्त के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद एनसीटीई से मान्यताप्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण पूरा करना था। इसी कारण शासन ने 13 नवंबर 2011 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा में बीएड डिग्रीधारकों को मौका दिया था जिसमें 2.92 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए

राज्य सरकार के अनुरोध पर एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक नियुक्त करने की समयसीमा को 31 मार्च 2014 तक बढ़ा दिया। चूंकि प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं जिन्हें शासन के लिए 31 मार्च 2014 तक शिक्षक नियुक्त कर पाना संभव नहीं होगा। लिहाजा शासन ने भविष्य में आयोजित होने वाली प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला किया है।

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ये हो सकेंगे परीक्षा में शामिल

नये मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार प्राथमिक स्तर की टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक करने वाले तथा बीटीसी या एनसीटीई/भारतीय पुनर्वास परिषद से शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) में दो वर्षीय डिप्लोमा या सीटी (नर्सरी)/नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) या स्नातक तथा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण/दो वर्षीय बीटीसी उर्दू विशेष प्रशिक्षण/अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग उत्तीर्ण/11 अगस्त 1997 के पूर्व के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक (उर्दू शिक्षक के लिए) या चार वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बीएलएड) उत्तीर्ण अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं


News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Thu, 18 Apr 2013 09:01 AM (IST))
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Matter is highly COMPLICATED (JATIL ) for B. Ed 2012 Candidates.
If this Guidelines followed - B. Ed candidates are eligible till 1st Jan.2012

But it is a Good News for UPTET 2011 candidates as they are highly confused and have fear that there seats may not fill by new B.Ed UPTET Qualified candidates.

UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य


UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य

फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण

टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित

इलाहाबाद(ब्यूरो)। टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक

  प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है। 

सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

बहस के दौरान सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए।



News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)
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Paragraph 1 -



And NCTE Clears Para 3 is Interpretation and Linked to Para 1 And therefore TET is Must & Qualification for Teachers -

Para 3 -


UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM

UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM - SIMPLE & EASY TO PASS

See news -
UP Teacher Eligibility Test Urdu -

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)


UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन


UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन
अगले हफ्ते आएगा नोटिफिकेशन, नहीं होगी निगेटिव मार्किंग

UPTET 2013 NEWS 

लखनऊ। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए इस बार एक घंटा ज्‍यादा मिलेगा। यानी परीक्ष्‍ाा अब ढाई घ्‍ांटे की होगी। इसका नोटिफिकेश्‍ान इस माह के अंतिम सप्ताह में आ जाएगा।


प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) सुनील कुमार ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इस बारे में जारी दुविधा भी समाप्त हो गई है। आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। आवेदन के लिए तीन हफ्ते का समय मिलेगा। इसके चार सप्ताह बाद परीक्षा होगी और चार सप्ताह में नतीजे घोषित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 और अन्य के लिए 300 रुपये होगा। शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बीएड वाले उच्च प्राइमरी के लिए पात्र होंगे। भाषा शिक्षकों जैसे संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू के लिए अलग से परीक्षा होगी। टीईटी की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। परीक्षा चार स्तर पर आयोजित की जाएगी। प्राथमिक कक्षा 1 से 5, भाषा शिक्षा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 तथा भाषा शिक्षा उच्च प्राथमिक ये चार होंगे। इसके लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक पाने वाले पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को अंकों में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा।
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण-पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।



साल में एक बार होगी टीईटी
टीईटी साल में एक बार दो दिवसों में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर एक से अधिक बार भी टीईटी आयोजित की जा सकती है। इसके लिए विभागीय वेबसाइट बनाई जाएगी। इस पर आवेदन लेने के साथ सभी जानकारियां दी जाएंगी। प्रवेश&पत्र वेबसाइट पर 15 दिन पहले अपलोड कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी इसे डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के एक माह के अंदर डायट से इसके प्रमाण-पत्र बंाटे जाएंगे।

एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी
टीईटी आयोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसमें एसएसपी, डायट प्राचार्य व बीएसए सदस्य तथा डीआईओएस सदस्य सचिव होंगे। कमेटी के निर्देश पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी टीईटी दे सकेंगे। नकल रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी। इसके लिए वे केंद्र व्यवस्थापकों के साथ बैठक करेंगे। जिलों में प्रश्नपत्र कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे जाएंगे





News Sabhaar / Source : Amar Ujala अमर उजाला (18.4.13)

UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक


UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक

News Sabhaar : Amar Ujala

फुलबेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण
•टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित


इलाहाबाद। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है। सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
बहस के दौरान प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। उनका कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए। केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल आरबी सिंघल का कहना था कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है, जो पूरे देश में बाध्यकारी होगा। कोर्ट ने डायट की क्षमता न बढ़ाए जाने पर भी हैरानी जताई है



News Sabhaar : Amar Ujala (18.4.13)


Wednesday, April 17, 2013

UPTET : टीईटी ने बिगाड़ा खेल


UPTET :  टीईटी ने बिगाड़ा खेल

   
 आगरा: टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों का बना बनाया खेल बिगाड़ दिया है। विभागीय प्रश्रय में शिक्षकों की नियुक्ति को सौदेबाजी कर चुके स्कूल संचालक दुविधा में हैं। नियुक्ति प्रक्रिया पर रद्द होने का संकट मंडरा रहा है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आठ अप्रैल, 2012 को शासन ने शासनादेश जारी किया है। शिक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदक का बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) या बीएड होने के साथ ही टीईटी या सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। 25 मई, 2012 को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक भर्ती के संबंध में जारी किए गए आदेशों के क्रम में ही शासनादेश जारी किया गया है। शासनादेश तभी से प्रभावी माना जाना चाहिए। टीईटी अनिवार्य होने से उन स्कूल संचालकों का खेल बिगड़ गया है, जिन्होंने आदेश जारी होने से पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति को विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदकों से सौदेबाजी शुरू कर दी थी। विभाग स्कूलों को आदेश के अनुपालन के लिए पत्र भेज रहा है। टीईटी अनिवार्य होने के बाद शिक्षकों की भर्ती को पुन: आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लकिन विभाग शासनादेश जारी होने की तिथि से ही उसके प्रभावी होने की बात कर रहा है

डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासनादेश जारी होने की तिथि से ही प्रभावी माना जाता है। फिर भी आदेश के संबंध में बोर्ड से राय-मशविरा किया जाएगा


News Source/Sabhaar : Jagran (Updated on: Wed, 17 Apr 2013 08:33 PM (IST))

UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर


UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर

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ये जानकारियाँ हमने अदालत में उपस्थित मित्रों,फेसबुक समूहों एवम् फेसबुक पेजों के माध्यम से जुटाई हैं , इन जानकारियों में कुछ अंतर भी हो सकता है|

1. आज दिनांक 17 अप्रैल को केवल बिना टीईटी वि. बी. टी. सी.2007,2008 और शिक्षामित्रों के मामले पर बहस हुई |

2. इस पक्ष के अधिवक्ताओ की दलीलों से वृहद् पीठ के न्यायाधीशगण आश्वस्त नजर नहीं आये | पीठ का कहना था कि टीईटी से छूट असंवैधानिक है | कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षक बनने के लिए टी ई टी उत्तीर्ण होना आवश्यक है |
चाहे अभ्यर्थी बीटीसी हो या शिक्षा मित्र | बड़ी बात यह रही कि सभी पक्षों से पहले ही लिखित दलीले अदालत द्वारा ले ली गयी थी ताकि मामले पर जल्दी बहस हो सके | भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता श्री तिवारी उपस्थित रहे जिन्होंने लिखित तौर पर कहा कि कक्षा एक से आठ तक के शिक्षक नियुक्त होने के लिए टीईटी आवश्यक है |श्री खरे ने भी अपने विन्दुओं से अदालत को अवगत कराया | उन्होंने टीईटी के पक्ष में अपने विचारो से अदालत को अवगत कराया |

3. इसके पश्चात एनसीटीई ,सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव और कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अधिवक्तागणों ने अपने अपने पक्षों से अदालत को प्रमाण सहित अवगत कराया | एनसीटीई के अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रो को भी प्रक्षिक्षण के बाद टीईटी उतीर्ण करना आवश्यक है |

4. सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव का कहना था कि सारी भर्तियाँ आर टी ई 2009 अधिनियम के अनुसार ही हो रही हैं | किसी को भी टीईटी से छूट प्रदान नहीं की गयी है | उन्होंने कहा कि टीईटी 2011 के आधार में शिक्षक भर्तियाँ की गयीं हैं | उन्होंने यह भी जोड़ा कि 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को शासन आदेश जारी करके टीईटी के दायरे में लाया गया है |

5. अंत में अदालत ने अपना फैसला एक सप्ताह के लिए सुरक्षित रख लिया| बहस और फैसले के सारे विन्दुओं को पुनरावलोकन करने के पश्चात अदालत अपना निर्णय बिना टीईटी वाले मामले पर सुनायेगी |

6. जहाँ तक भर्ती आधार को लेकर वृहद् पीठ में संदर्भित याचिका की बात है तो इस बारे में सरकारी वकील द्वारा अनापत्ति नहीं होने के पश्चात ही केस को पुनः डी. बी. में वापस भेजने पर चर्चा होने की सम्भावना है ,ये कार्यवाही उसी दिन संपन्न हो सकती है ,जिस दिन बिना टीईटी केस का अंतिम फैसला होगा


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Considering above details, Matter is in favour of TET Qualified Candidates.

Now next and an IMPRTANT matter is for 72825 teachers recruitment, Where selection base is going to decide - i.e. Either TET Merit OR Acad. Merit

However it is early to say anything till judgement arrive. That is wait for a week and see what happens in actual judgement as it comprise of written matters / debate and combined decision of expert efficient judges. 
And layman (simple) person can not understand facts in deep.