UPTET : टी ई टी मेरिट और 72825 शिक्षकों की भर्ती
पिछले दो सालों में लाखों अभ्यर्थीयों ने शिक्षक भर्ती में बड़े उतार चड़ाव देखे
माया शासन काल में टी ई टी परीक्षा से पूर्व कई याचिकाएं इसके विरोध में पडी ,कुछ में बगेर टी ई टी के भर्ती की मांग की गयी , कुछ में अकादमिक अंकों के आधार पर भर्ती की मांग की गयी ।
और इस तरह की सभी विरोध की याचिकाएं ख़ारिज हो गयी
बी . एड धारकों के लिए भर्ती की समय सीमा एन सी टी ई द्वारा १ जनवरी 2012 निर्धारित की गयी थी तब सभी लोगो को लग रहा था कि भर्तियाँ जल्द ही हो जायेंगी ।
बीच बीच में कुछ रुकावटें आयी , जिसमें ५ जिलों के बजाये समस्त उत्तर प्रदेश के जिलों में भर्ती का अवसर देने की बात आयी ,फिर परिणाम संसोधन की बात आयी और इन सभी का निस्तारण भी हो गया ।
लेकिन तभी एक महारथी कपिल यादव ने एक ऐसी याचिका डाली , जिसका हल न्यायलय को निकालने में तारिख दर तारिख देनी पडी ।
अचानक समय ने करवट बदली चुनावी मौसम का बिगुल बज गया और उत्तर प्रदेश की सरकार बदल गयी ।
अब टी ई टी परीक्षा की जांच और उसमें धांधली की बातें भी उठने लगी थी , अभ्यर्थी भय ग्रस्त थे कि अब उनके भविष्य का क्या होगा ।
कई अभ्यर्थीयों का कहना था कि हमने तो परीक्षा अपनी मेहनत से पास की हैं और हमारे पास ओ एम् आर प्रतिलिपि हमारी बेगुनाही का सबूत है जिसने धांधली की उसको पकड़ना चाहिए ।
इस दोरान किसी भी अभ्यर्थी का नाम धांधली में सामने नहीं आया , हालाँकि टी ई टी परीक्षा आयोजित करने वाले निदेशक , संजय मोहन का नाम टी ई टी अंक बढाने के एवज में रूपए लेने देने में आ गया था ।
अभ्यर्थी सशंकित होने लगे की अब उनके भविष्य का क्या होगा
उसके बाद भी ऐसी कोई खबर नहीं आयी कि उसने किन अभ्यार्थीयों के अंक बढवाये ।
बीच बीच में यह भी ख़बरें उठी कि टी ई टी एक पात्रता परीक्षा है और इसके अंको का उपयोग चयन में करना गलत है
समय गुजरता गया , और राज्य सरकार ने धांधली को न्यून करने को लेकर टी ई टी को सिर्फ पात्रता परीक्षा मानने का अध्यादेश जारी कर दिया और भर्ती का आधार टी ई टी मेरिट की जगह अकादमिक अंको को बना दिया ।
लेकिन इसको देखते हुए मेहनती अभ्यर्थीयों का तर्क था की उनका क्या कसूर , उन्होंने तो मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण की और अकादमिक अंको से चयन उनकी भर्ती पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा ।
और क्या गारंटी कि कोई नयी परीक्षा धांधली प्रूफ होगी । ये भी तर्क सामने आया कि बोर्ड परीक्षाओं में भी नक़ल इत्यादि होती है तो अकादमिक भर्ती भी पूर्णतया धांधली रहित कैसे हैं ।
एक और बात सामने आयी कि क्या चयन प्रणाली बीच में बदलना सही है ।
दुसरी तरफ कई अकादमिक अंको द्वारा भर्ती सपोर्टर द्वारा कहा जाने लगा की टी ई टी परीक्षा से ४ दिन पूर्व उनको पता लगा था कि टी ई टी अंको से चयन होगा और धांधली वाली परीक्षा के अंकों से चयन का क्या मतलब ।
मगर ये दोनों ही बातें इन तर्कों पर सही नहीं है -
१. एन सी टी ई ने स्पष्ट रूप से टी ई टी परीक्षा के बारे में बताया है की -
टी ई टी परीक्षा चयन की गारंटी नहीं लेकिन इसके अंको को चयन में वेटेज दिया जाये , उदाहरनार्थ -
सी टी ई टी परीक्षा से पूर्व , अभ्यार्थीयों को नहीं पता होता की कोन सी चयन संस्था इसके अंकों को कितना वेटेज देगी ,
जैसा की एस एस ए चंडीगढ़ ने हाल ही में शिक्षक भर्ती के दोरान सी टी ई टी परीक्षा के अंको को ५ ० प्रतिशत वेटेज देने की घोषणा की थी
२. दुसरी तरफ एन सी टी ई ने ये भी स्पष्ट किया था , कि परीक्षार्थी अंक सुधार हेतु परीक्षा में पुन : बेठ सकते हैं ।
किसी पात्रता परीक्षा में एक बार उत्तीर्ण होने के बाद परीक्षा में पुन : बेठने का क्या मतलब
३. कई राज्यों ने भर्ती के दोरान टी ई टी अंकों को वेटेज देने की घोषणा की थी
अब दुसरी बात (जो की इस बीच सूनी गयी ) , अगर धांधली पाई जाती है तो इसको हल करने के लिए -
अ ) धांधली /धांधली में लिप्त लोगो को हटाया जाये या फिर
बी) परीक्षा का पुन : आयोजित किया जाये
अन्यथा टी ई टी परीक्षा में मेहनती और अच्छे अंक धारियों'कि नियुक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है
इसके बाद समय बढता गया और नया विज्ञापन सामने आया -
जिसमें अकादमिक अंको को चयन का आधार बनाया गया
इस भर्ती के दोरान भी कई' अड्चानो ने जन्म लिया -
१. कई लोग जो पिछले विज्ञापन में पात्र थे पर नया विज्ञापन में उम्र बढने के कारण अपात्र हो गया थे उन्होंने न्यायलय की शरण ले ली
२. जो लोग पिछले आवेदन में अपना शुल्क जमा कर चुके थे उन्होंने दोबारा से शुल्क जमा करने की बात पर न्यायलय की शरण ली , और न्यायलय ने उनको राहत प्रदान करते हुए अपने आवेदन पूर्व वर्ती विज्ञापन की सुचना के साथ लखनऊ भेजने को कह दिया
३ इलाहबाद उच्च न्यायलय की एक डबल बेंच ने अपने एक आदेश में टी ई टी की अनिवार्यता पर सवाल उठाते हुए , भर्ती में बगेर टी ई टी वालों को भी चयन में मोका देने की बात कही
वहीं दुसरी और -
एक अन्य डबल बेंच ने अपने आदेश में भर्ती के लिए टी ई टी जरुरी बताया
मगर भर्ती प्रक्रिया जारी रही और उपरोक्त दोनों बातों को लेकर व पूर्व वर्ती विज्ञापन की बहाली को लेकर अभ्यर्थी न्यायलय की शरण में गए और उन्होंने भर्ती पर स्टे ले लिया , और न्यायलय ने धांधली को सतही जांच बताया
तीसरे नम्बर पर आदेश एक दुसरे से विरोधाभाषी होने के कारण , इलाहबाद उच्च न्यायलय ने ट्रिपल बेंच नाम से संवेधानिक पीठ का गठन किया जो की टीईटी वर्सस नॉन टीईटी को लेकर बताए कि भर्ती को लेकर टीईटी जरुरी है की नहीं ,अब ट्रिपल बेंच(संवेधानिक पीठ ) में सुनवाई पूर्ण हो चुकी है और आदेश जल्द ही किसी भी दिन आ सकता है
जिस तरह से सूचनाएँ सामना आ रही हैं, उसको देखते हुए लगता है -टी ई टी अनिवार्य है
दुसरी तरफ न्यायमूर्ती हरकोली जी की अदालत में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी है
कई अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं
भर्ती में और देरी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए मुश्किलें खडी कर सकती है क्योंकि शिक्षा मित्र की भर्ती के लिए भी टी ई टी जरुरी है
a small story book can be writtten on this recruitment...
ReplyDeletethis will be very interesting....
a genuiese book award shuld be given to ths recruitment.....na ab tak aisi bharti hui na hogi...
really, it's not only a small story but also the decline story of so many nirdosh candidates , who had very good marks in academic and also in uptet and they were eligible in 2011 but new government made new bevajah vacancy and those nirdosh candidates new vacancy me 40 se adhik hone ke karan sarkari chuk me dafan ho gaye. kya manniya nyayalayaji un nirdosh lagbhag mritpraya overage candidates ki zindagi ka faisala karega ki nahin.
ReplyDeletereally, it's not only a small story but also the decline story of so many nirdosh candidates , who had very good marks in academic and also in uptet and they were eligible in 2011 but new government made new bevajah vacancy and those nirdosh candidates new vacancy me 40 se adhik hone ke karan sarkari chuk me dafan ho gaye. kya manniya nyayalayaji un nirdosh lagbhag mritpraya overage candidates ki zindagi ka faisala karega ki nahin.
ReplyDeleteab lagta he ki nyay hoga tet merit par bharti hogi
ReplyDeleteTET PAR NAHI AB GUNANK PAR HOGI JEET UP BOARD WALO KI HOGI
ReplyDeleteBhaiyo is recruitment jaise na to abhi tak recruitment pahle hua hai na kabhi future me hoga?
ReplyDeleteisne sabka future kharab kar rakha hai
jab tak tet merit aur purane vigyapan per bharti nahin hogi tab tak nyaya ki jeet nahin hogi, rest is on almighty GOD.
ReplyDeletebhaiyo ab bharti kewal ctet ke aaadhar par hogi...
Deleteaisa sunate hi zzin tet merit k samrthito ki fat gayi ho...
o ab iski vaidhata aasani se samazh gaye honge...
bhaiyo ab bharti kewal ctet ke aaadhar par hogi...
Deleteaisa sunate hi zzin tet merit k samrthito ki fat gayi ho...
o ab iski vaidhata aasani se samazh gaye honge...
bhaiyo ab bharti kewal ctet ke aaadhar par hogi...
Deleteaisa sunate hi zzin tet merit k samrthito ki fat gayi ho...
o ab iski vaidhata aasani se samazh gaye honge...
SAPNE DEKHTE RAHO AUR APNA CAREER BARBAD KARTE RAHO AAP LOGO NE SOCH LIYA HEIN KI BAS PRIMARY TEACHER HI BANNA HEIN ISLIYE GUNANK SE BHARTI HO RAHI HEIN HONE DO WARNA AB TET2013 HO RAHA HEIN PHIR AAP LOG COURT MEIN JAOGE KI KEVAL TET2012 KO HI CHANCE MILNA CHAHIYE YE SAB PRACTICALY CORRECT NAHI HEIN ISLIYE SABHI KE HIT MEIN GUNANK HEIN
ReplyDeleteDABAS JEE LAGTA HAI JUGAD KARKE ACADEMIC MEIN KAAFI IKATTHA KIYE HO TABHI ACADEMIC ACADEMIC CHILLA RAHE HO
ReplyDeleteYou r right sushil
ReplyDeleteThat is your thinking that's why this case is pending and so many misguided deserve student are on road
ReplyDeleteAb 2011 UPTET walo ki koi recrument nahi hogi...because new UPTET2013 is born. So forget the past and start preparing for other exams...i mean SSC, Banking , Railways..etc. Na UPTET base par recruitment hui hai aur na hi hogi...!!!
ReplyDeleteyaar kisi bhi base pe ho ho to shai ane koi bataega tet ke base pe hui to kitne marks tak pahunchegi and academic ke base pe kahan tak niche aegi............
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