आगरा: टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों का बना बनाया खेल बिगाड़ दिया है। विभागीय प्रश्रय में शिक्षकों की नियुक्ति को सौदेबाजी कर चुके स्कूल संचालक दुविधा में हैं। नियुक्ति प्रक्रिया पर रद्द होने का संकट मंडरा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आठ अप्रैल, 2012 को शासन ने शासनादेश जारी किया है। शिक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदक का बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) या बीएड होने के साथ ही टीईटी या सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। 25 मई, 2012 को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक भर्ती के संबंध में जारी किए गए आदेशों के क्रम में ही शासनादेश जारी किया गया है। शासनादेश तभी से प्रभावी माना जाना चाहिए। टीईटी अनिवार्य होने से उन स्कूल संचालकों का खेल बिगड़ गया है, जिन्होंने आदेश जारी होने से पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति को विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदकों से सौदेबाजी शुरू कर दी थी। विभाग स्कूलों को आदेश के अनुपालन के लिए पत्र भेज रहा है। टीईटी अनिवार्य होने के बाद शिक्षकों की भर्ती को पुन: आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लकिन विभाग शासनादेश जारी होने की तिथि से ही उसके प्रभावी होने की बात कर रहा है।
डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासनादेश जारी होने की तिथि से ही प्रभावी माना जाता है। फिर भी आदेश के संबंध में बोर्ड से राय-मशविरा किया जाएगा
News Source/Sabhaar : Jagran (Updated on: Wed, 17 Apr 2013 08:33 PM (IST))
hai sale kutte bande ek taraf to kahte h ki class 1 to 8 tet must h aur dusri taraf uptet2013 m b.ed walo ko shamil nahi kar rahe h kya hoga up sarkar ka
ReplyDeleteKyu ravinder tet pass karna chahte ho kya San much tumhari marzi she hons chahiye
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