Thursday, December 5, 2013

72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती मामला और सुप्रीम कोर्ट

72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती मामला और सुप्रीम कोर्ट




Teacher Recruitment News

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आज कल नयी नयी ख़बरें आ रही हैं कि 72825 अभ्यर्थीयों की भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट जायेगा ।
हमारा मानना है कि जैसा हाई कोर्ट ने आदेश दिया वैसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में रहेगा ।
इसके निम्न कारण हैं -
एन सी टी ई ने अपनी नियमावली में स्पष्ट कर रखा है कि टी ई टी अंको का चयन में वेटेज दिया जाये
अभ्यर्थी पुन : टी ई टी  परीक्षा में शामिल होकर अपने टी ई टी अंको को सुधार सकते हैं

और इलाहबाद हाई कोर्ट ने टी ई टी अंको से भर्ती को एन सी टी ई नियमावली के विरुद्द नहीं माना है

दूसरा बड़ा पक्ष है कि भर्ती के नियम पूर्व गामी न हो कर अग्र गामी होते हैं अर्थात खेल के नियम खेल शुरू होने से पहले बनते हैं

तीसरा पक्ष है कि - टी ई टी परीक्षा सभी के लिए एक सामान अवसर थी

चौथा पक्ष है कि - टी ई टी परीक्षा रद्द नहीं हुई और टी ई टी  2011 के सर्टिफिकेट के आधार पर अन्य भर्तियां - 10800 शिक्षकों की भर्ती
बी टी सी वालों के लिए निकली थी और उसमें भर्ती हो चुकी है

अभी हाल ही में  मीडिया में कुछ खबरे इस  तरह की आयी की शिक्षा विभाग के पास टी ई टी अंकों के सत्यापन का डेटा नहीं है और फेस बुक पर
अभ्यर्थीयों में कोतुहल मच गया की अगर शिक्षा विभाग के पास टी ई टी अंकों का डेटा नहीं है तो अभी हाल ही में हुई बी टी सी अभ्यर्थीयों की भर्ती कैसे हो गयी , और विभाग कैसे जांच करेगा की कोई अभ्यर्थी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण / पात्र है कि नहीं ।

वास्तव में टी ई टी सर्टिफिकेट के दो ही पहलु हैं या तो - सर्टिफिकेट / मार्कशीट और उसके अंक सही है
या फिर - सर्टिफिकेट / मार्कशीट और उसके अंक गलत हैं

कई अभ्यर्थीयों फेस बुक पर कहना है कि टी ई टी अंकों  का डेटा कई जगह मौजूद है और पुलिस ने भी जांच के लिए इस डेटा का उपयोग किया है

पांचव पक्ष है कि - टी ई टी  2011गलत प्रश्नो के मामले में बहुत से अभ्यर्थी अदालत गए / आपत्ति दर्ज की और गलत प्रश्नो का फायदा सभी को मिला और
काफी सारे अभ्यर्थी अपात्र होते हुए भी पात्र हो गए ( 3 -4 अंको का फायदा पा कर ) और इसको हल करने का तरीका है कि टी ई टी  परीक्षा के अंको को भर्ती
में उपयोग में लाया जाये क्यूंकि टी ई टी परीक्षा में सामान अंक बढ़ने पर रेंक पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा


हमारा मानना है कि भर्ती का मामला अगर सुप्रीम कोर्ट भी जाता है तब भी कोई खास परिवर्तन नहीं आयेगा और हाई कोर्ट का आदेश जो की
पूर्व वर्ती विज्ञापन (टी ई टी  मेरिट से भर्ती का आधार ) कि बहाली को लेकर है बना रहेगा


कुछ कारणो से एन सी टी ई ने टी ई टी  परीक्षा और इसके अंको को चयन में बहुत उपयोगी माना है परन्तु ये भी नहीं कहा कि अकादमिक अंको का चयन में
उपयोग नहीं किया जा सकता । जिस प्रकार क्लर्क की भर्ती के लिए क्लेरिकल एप्टीट्यूड परीक्षा आयोजित होती है ,
अधिकारी बनने के लिए ऑफिसर (  प्रोबेशनरी, सिविल , पुलिस , डॉक्टर , इंजीनियर सर्विस ) एप्टीट्यूड परीक्षा आयोजित होती है उसी प्रकार
प्राथमिक / बेसिक शिक्षक बनने  के लिए टी ई टी  परीक्षा एक विशिष्ट परीक्षा है जो कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी योगयता जांचती है ,
सी टी ई टी परीक्षा का एक प्रश्न देखते हैं -
इरफ़ान खिलोनो को तोड़ता है और उसके पुर्जों को देखने के लिए उन्हें अलग अलग कर देता है । अप क्या करेंगे -

(१) उस पर हमेशा नजर रखेंगे
(२) उसके जिज्ञासु स्वाभाव को प्रोत्साहित करेंगे और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचरित करेंगे
(३) उसे समझायेंगे कि खिलोनो को तोडना नहीं चाहिए
(४) इरफ़ान को खिलोनो से कभी नहीं खेलने देंगे

उत्तर - (२)
कारण - इरफ़ान एक जिज्ञासु प्रवृति का बालक है ,वो खिलोने को तोड़ कर उसके पुर्जों को देखता है तो पता चलता है कि वह जानना चाहता है कि
खिलोने कैसे काम करते हैं ।
अत : शिक्षक को चाहिए कि वह उसके स्वभाव को प्रोत्साहित करे और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचरित करे

और ऐसे ही बहुत से कारण है जो कि प्राथमिक शिक्षक बनने कि लिए टी ई टी परीक्षा द्वारा शिक्षक के मूल्याङ्कन को सही ठहराते हैं
व् शिक्षक के बाल मनोविज्ञान व् बच्चों के व्यवहार को समझने के लिए जरूरी बताते हैं ।

यहाँ किसी पी एच डी , इंजिनीयर , कृषि वैज्ञानिक , विषय विशेषज्ञ का चयन नहीं हो रहा बल्कि प्राथमिक शिक्षा के लिए उपयुक्त शिक्षक का चयन हो रहा है

अकादमिक अंकों का भी अपना महत्व है और काफी सारे राज्यों में भर्तियां टी ई टी अंको के वेटेज व अकादमिक अंको के वेटेज को मिला कर होती हैं ,
अकादमिक अंको में अलग अलग बोर्ड , यूनिवर्सिटी में अलग अलग तरह से मार्किंग रहती है , इंजीनियरिंग आदि परीक्षा में अंतिम वर्षों के अंकों का बहुत ज्यादा वेटेज होता है और प्रथम वर्ष के अंक का अलग ।

मैंने देखा कि केंद्र सरकार कि एक संस्था ने अलग अलग बोर्ड की मार्किंग को स्केलिंग पध्दति द्वारा सही किया और उसे स्कालरशिप चुनने का आधार बनाया , See -




http://www.iiser-admissions.in/cut_off.php
( Here CBSE, ICSE Board Marks 94.2 Equivalent To = UP Board Marks 78.4%)


अंत में यही कहना है कि 72825 के लिए टी ई टी मेरिट से चुने जाने का पक्ष बेहद मजबूत है 
और नयी भर्तियां अकादमिक व टी ई टी परीक्षा दोनों के अंकों से हो सकती हैं या मल्टी लेवल परीक्षा पध्दति से भी हो सकती हैं 

L T Grade : एलटी ग्रेड भर्ती में बोनस अंक नहीं

L T Grade : एलटी ग्रेड भर्ती में बोनस अंक नहीं

लखनऊ : भविष्य में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में परास्नातक (पीजी) को बोनस अंक दिये जाने की व्यवस्था खत्म होगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की कवायद की जा रही है।

नियमावली में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली में प्रावधान है कि यदि कोई अभ्यर्थी स्नातक के साथ परास्नातक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण है तो उसे 15, द्वितीय श्रेणी में 10 और तृतीय श्रेणी में पांच बोनस अंक दिये जाएंगे। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जूनियर हाईस्कूलों से उच्चीकृत किये गए राजकीय हाईस्कूलों में एलटी ग्रेड के पुरुष संवर्ग के 1425 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले साल अगस्त में शुरू हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान स्नातक स्तर पर लिये गए विषयों से अलग विषय में परास्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को भी बोनस अंक दिये गए। इस प्रावधान को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

अभ्यर्थियों का तर्क था कि यदि भौतिकी विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ने स्नातक स्तर पर बीएससी करने के बाद अंग्रेजी में परास्नातक किया हो तो उसे बोनस अंक देने का क्या औचित्य है। अदालत ने शासन को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था। इस पर मंडल स्तर पर होने वाली यह भर्तियां रोक दी गई थीं। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि नियमावली के तहत एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली बनाते समय यह सोचा गया होगा कि जो लोग स्नातक के विषय से ही परास्नातक हैं, वे उस विषय में ज्यादा दक्ष होंगे। इसलिए परास्नातक को बोनस अंक दिये जाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन एलटी ग्रेड के पुरुष शिक्षकों की भर्ती के दौरान यह पता चला कि इस प्रावधान का दुरुपयोग किया जा रहा है। लिहाजा शासन ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में बोनस अंक देने की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है

News Sabhaar : Jagran (5.12.13)

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Agar Bhrtee ke Pravdhaan Ka Durupyog Kiyaa Jaa Raha Thaa, To Us Durupyog ko Roknaa Chahaiye Thaa.

Aur Usmen Sudhaar Kiyaa Jaata Ki - Sambandhit Visay Se Para Snatak Ko Hee Bonus Ank Milenge

Kher Ye Vibag Ko Sochnaa Hai Ki Kaise Hal Nikaale

UPTET 2014, 72825 Teacher Recruitment टीईटी इस बार 22 व 23 फरवरी को , शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट पर करेगी सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

UPTET 2014, 72825 Teacher Recruitment  टीईटी इस बार 22 व 23 फरवरी को , शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट पर करेगी सरकार
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी


In some news it was heard that TET marks verification is not completely available with Basic Edu. Dept.

If it is true then verification of TET eligibility is also problematic.

There is only two conditions - 1. Either TET certificate is TRUE OR 2. TET Certificate is not TRUE.




Teacher Recruitment News




See News :
टीईटी इस बार 22 व 23 फरवरी को

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 22 व 23 फरवरी 2014 को कराने की तैयारी है। इसके लिए विज्ञापन इसी माह निकालकर ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को टीईटी में शामिल होने के लिए स्नातक के न्यूनतम अंक में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है और शासनादेश शीघ्र जारी करने की तैयारी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग वर्ष 2014 में 22 फरवरी को प्राइमरी और 23 फरवरी को उच्च प्राइमरी के लिए टीईटी आयोजित करेगा। प्राइमरी के लिए बीटीसी या छूटे हुए विशिष्ट बीटीसी वाले पात्र होंगे और उच्च प्राइमरी के लिए बीएड वाले पात्र होंगे।
स्नातक में 50 फीसदी अंक वाले इसके लिए पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित व भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को 5 प्रतिशत अंक में छूट दी जाएगी। टीईटी के लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 व अन्य के लिए 300 होगा। शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।

शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट पर करेगी सरकार
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर ही करेगी। इसके लिए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की जाएगी। इसके लिए देश के नामी वकीलों को हायर करने के लिए अधिकारियों की एक टीम दिल्ली भेजी गई है, ताकि फैसला जल्द आ सके और लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाए
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती की कवायद नवंबर, 2011 से शुरू हुई थी जो अभी तक चल रही है। तत्कालीन बसपा सरकार ने 30 नवंबर, 2011 को टीईटी मेरिट पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था, लेकिन सत्ता बदलने के बाद सपा सरकार ने 7 दिसंबर, 2012 को शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती का विज्ञापन निकालकर आवेदन लिया। टीईटी पास कुछ बीएड वालों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाया। इस पर हाईकोर्ट ने 20 नवंबर को राज्य सरकार को टीईटी मेरिट पर शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया।
बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि टीईटी मेरिट पर शिक्षकों की भर्ती के लिए यदि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली बदली गई तो बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू शिक्षकों की हुई 11,008 नियुक्तियां फंस जाएंगी। इसके अलावा उच्च प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान व गणित के शिक्षकों की होने वाली भर्ती भी आगे चलकर फंस सकती है। शैक्षिक मेरिट से शिक्षकों की भर्ती में कोई समस्या नहीं आएगी, जबकि टीईटी मेरिट से शिक्षकों की भर्ती में अधिकतम 7200 टीईटी पास बीएड वालों को ही फायदा हो सकता है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी स्वीकार कर लिया है। इसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने का निर्णय किया गया है

News Sabhaar : Amar Ujala (5.12.2013)
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Amendment can be performed and it is prospective in NATURE.

UPTET : हाईकोर्ट के ऑर्डर का कवच लेकर सड़क पर उतरे टीईटी कैंडिडेट

UPTET / 72825 Teacher Recruitment : सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
सभी पहलुओं पर किया गया विचार




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मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक16सभी पहलुओं पर किया गया विचार
शिक्षक भर्ती
सड़क पर उतरे बेरोजगार
इलाहाबाद : कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों की रुकी भर्ती को लेकर कोई कदम न उठाए जाने से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति है। रुकी नियुक्ति शुरू कराने को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी सड़क पर उतरे।


लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के मामले में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ विशेष अनुज्ञा याचिका में सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इस पर सहमति बनी है।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार और बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में को लेकर हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने या उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया गया। हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को मायावती सरकार के फैसले को बहाल करते हुए शिक्षकों की भर्ती अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर ही करने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने सरकार द्वारा अध्यापक सेवा नियमावली में किए गए 15वें संशोधन को रद कर दिया है। बैठक में चर्चा हुई कि यदि हाई कोर्ट के फैसले पर अमल किया गया तो मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों की मांग पर उर्दू शिक्षकों के 4280 पदों पर चालू की गई भर्ती प्रक्रिया भी अटक जाएगी। साथ ही जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के 29334 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया भी फंस जाएगी। एक दिक्कत यह भी है कि उसने अध्यापक सेवा नियमावली में 15वां संशोधन करने के बाद शैक्षिक मेरिट के आधार पर तकरीबन दस हजार शिक्षकों की भर्तियां कर ली हैं। इन भर्तियों को लेकर भी कानूनी पेच फंस सकता है। इस पहलू पर भी गौर हुआ कि यदि सरकार हाई कोर्ट के फैसले को मान भी ले तो इस निर्णय से असंतुष्ट अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ही। तब भी भर्ती प्रक्रिया फंसेगी


News Sabhaar : जागरण ब्यूरो (4.12.2013)
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कोर्ट के आदेश के मुताबिक शीघ्र शुरू करें भर्ती प्रक्रिया
 

कोर्ट के आदेश के मुताबिक शीघ्र शुरू करें भर्ती प्रक्रिया

बलिया : टीईटी मेरिट संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने प्रदेश में लंबित पड़े 72,825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जल्द शुरू कराने की मांग को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को दिया।

मोर्चा के अध्यक्ष दिग्विजय पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का घोर अभाव है और दो वर्षो से सरकार इस विषय पर सोच ही नहीं रही है। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर एनसीटीई द्वारा दी गई अंतिम सीमा 31 मार्च 2014 से पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे फिर भी लगातार उदासीनता बरती जा रही है। आज इसकी वजह से अभ्यर्थी कितने मानसिक तनाव में हैं सरकार को इसका तनिक भी ध्यान नहीं है। राजीव पांडेय ने कहा कि इस लंबित अवधि में सरकार ने एक ही पद के लिए दो बार आवेदन लिया जिसमें अभ्यर्थियों का कितना नुकसान हुआ। कहा अगर सरकार जल्द न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता तो अभ्यर्थी प्रदेशव्यापी हड़ताल के लिए बाध्य होंगे। धरने में राजकुमार यादव, पीयूष चौबे, सुधीर राय, आशुतोष दुबे, मंजूल उपाध्याय, विजय सिंह आदि मौजूद थे। अध्यक्षता अतुल सिंह व संचालन राजीव पांडेय ने किया।

रसड़ा प्रतिनिधि के अनुसार टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक यहां श्रीनाथ मठ परिसर में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी से शीघ्र मुलाकात कर भर्ती पक्रिया शुरू करने के लिए उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस मौके पर कौशल गुप्त, रणविजय सिंह, विद्यानंद चौहान, रामविचार यादव, अनंत गुप्त, दिलीप चौहान, अमित सिंह आदि मौजूद थे। अध्यक्षता अमित श्रीवास्तव व संचालन राहुल कुमार ने किया

News Sabhaar : jagran.com (Tue, 03 Dec 2013 06:54 PM (IST))
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टीईटी अभ्यर्थियों ने बसपा विधायक को दिया मांगपत्र



टीईटी अभ्यर्थियों ने बसपा विधायक को दिया मांगपत्र

बसपा विधायक ने दिया विधान सभा में मांग उठाने का आश्वासन

जागरण कार्यालय, बागपत : प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शुरू कराने की मांग को लेकर टीईटी संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने विधायक लोकेश दीक्षित को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाएगा।

मंगलवार को टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से उनके कार्यालय पर मिला। प्रतिनिधि मंडल में शामिल टीईटी अभ्यर्थियों ने बसपा विधायक से कहा कि बसपा शासनकाल में 72825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन 30 नवंबर 2011 को जारी किया था, जिसमें टीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शिक्षकों का चयन होना था। उन्होंने बताया कि बाद में सपा की सरकार बनी तो पूर्व प्रक्रिया को निरस्त कर एकेडमिक अंकों के आधार पर शिक्षकों के चयन का विज्ञापन जारी कर दिया। जिसमें टीईटी के आधार पर भर्ती चाहने वाले अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। पिछले माह 20 नवम्बर को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति विपिन सिंहा की खंडपीठ ने पूर्व विज्ञापन को सही मानते हुए टीईटी मेरिट पर शिक्षकों की भर्ती 31 मार्च 2014 से पहले पूर्ण करने का आदेश राज्य सरकार को दिया, लेकिन अदालत के आदेश की ओर सपा सरकार का कोई ध्यान नहीं है। इससे टीईटी संघर्ष मोर्चा में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने विधायक से मांग की कि इस मुद्दे को विधान सभा में उठाया जाए। विधायक ने मुद्दा विधान सभा में उठाने का आश्वासन प्रतिनिधि मंडल में शामिल अभ्यर्थियों को दिया। इस अवसर पर संदीप गौरव, वीरपाल मान, अजय कुमार, सुधीर कुमार, विनोद शर्मा, विक्रम सैनी, तुषार शर्मा, रामकुमार आदि मौजूद रहे

News Sabhaar : Jagran (Tue, 03 Dec 2013 06:37 PM (IST))
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UPTET : हाईकोर्ट के ऑर्डर का कवच लेकर सड़क पर उतरे टीईटी कैंडिडेट

 इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट से प्रदेश में 72,825 शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर करने का निर्देश 11 दिन बीत गए, लेकिन यूपी सरकार ने अब तक हाईकोर्ट के आदेश पर अमल सुनिश्चित करने वाली कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसससे टीचर बेचैन हैं। सैकड़ों टीईटी पास उम्मीदवारों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के यूनियन हाल बेसिक शिक्षा निदेशालय तक मार्च निकाला।
टीईटी पास उम्मीदवारों ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा को ज्ञापन सौंपा, जिसमें टीईटी भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द प्रारंभ करने की मांग की गई है। टीईटी पास उम्मीदवारों का कहना है कि हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2014 तक भर्ती करने का समय निश्चित किया था, लेकिन सरकार ने नियुक्ति के दिशा में किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। प्रदेश सरकार की ढुलमुल नीति के कारण टीईटी पास उम्मीदवारों में अनिश्चितता और भय का माहौल है। टीईटी संघर्ष मोर्चा का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल
हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में टीईटी मेरिट से शिक्षकों की भर्ती करने के फैसले के बाद टीईटी पास आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है। कैविएट शिवकुमार पाठक और संजीव मिश्र की ओर से दाखिल की गई है। कैविएट दाखिल करने वाले टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाती है तो इसकी सूचना कैविएट दाखिल करने वालों को पहले देनी होगी।
News Sabhar : navbharattimes.indiatimes.com (Dec 3, 2013, 06.30AM IST)
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What blog feels :
Still many TET  candidates are in doubt that govt. may not move to Supreme Court as news published in jagran not comes in other news papers.

However chances are increased that govt may move to supreme court about its 15th amendment as many days passed and matter is unclear from govt end.

Sunday, December 1, 2013

कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के चयन के संबंध में आदेश

कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के चयन के संबंध में आदेश

TET Qualification is MANDATORY ,
Kasturba Gandhi Vidhyalay Mein Shikshak Banne Ke Liye TET Jaruree Hai
लखनऊ । कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में वार्डन और शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य कर दी गई है। नए शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता होगी और जो शिक्षक काम कर रहे हैं, उनके लिए यह अनिवार्य नहीं होगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही चयन प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 11 से 14 वर्ष की लड़कियों को मुफ्त आवासीय शिक्षा देने के लिए केजीबीवी खोले गए हैं। इन स्कूलों में लड़कियों को कक्षा 6 से 8 तक की मुफ्त शिक्षा के साथ रहने और खाने की व्यवस्था रहती है। प्रमुख सचिव ने शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि 100 छात्राओं के लिए केजीबीवी में एक वार्डन, चार फुल टाइम शिक्षक, 4 पार्ट टाइम शिक्षक, लेखाकार एक, रसोइया एक, सहायक रसोइया दो, चौकीदार एक और एक चपरासी रखा जाएगा। इसी तरह 50 छात्राओं के लिए फुल टाइम और पार्ट टाइम तीन-तीन शिक्षक व सहायक रसोइया एक तथा अन्य सभी पदों पर एक समान भर्तियां होंगी।



भर्ती प्रक्रिया के लिए जिलाधिकारी से नामित एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें डायट प्राचार्य एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के तीन सदस्य, महिला समाख्या की एक प्रतिनिधि के साथ संबंधित जिले का बीएसए सदस्य सचिव होगा।












Sashnadesh  Source : Primary Ka Master Blog

72825 Teacher Recruitment : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में फंसेगा पेंच

72825 Teacher Recruitment : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में फंसेगा पेंच

विशेष अनुमति याचिका के सहारे कई और मुद्दे उठाने की तैयारी

एकेडेमिक आधार पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थी भी लामबंद हो रहे

इलाहाबाद : 72825 सहायक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों की भर्ती मामले में अभी और पेंच फंसने के आसार हैं। प्रदेश सरकार ने भले ही सुप्रीम कोर्ट न जाने का संकेत दिया है लेकिन एकेडेमिक आधार पर इन भर्तियों में शामिल होने के लिए आवेदन कर चुके अभ्यर्थी इसके लिए पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। उनका तर्क है कि हाईकोर्ट का फैसला अपनी जगह है लेकिन उनके लिए भी रास्ते तय होने चाहिए।

प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को लेकर सपा सरकार में जारी विज्ञापन के तहत आवेदन करने वाले अधिकांश अभ्यर्थी अब एकजुट होने लगे हैं। एक दिसंबर को लखनऊ में एक बैठक में वे अपनी अगली रणनीति तय करेंगे। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिए अधिवक्ताओं से बातचीत भी हो चुकी है। सरकार की निगाह भी उनके अगले कदम पर है। 1यदि एकेडेमिक आधार वाले छात्रों की याचिका स्वीकार कर ली जाती है, तो सरकार की समस्याएं ही कम होंगी क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के पालन का अभी तक उसके पास कोई निश्चित रास्ता नहीं है। इन अभ्यर्थियों के अनुसार कई पक्ष ऐसे हैं जिनके आधार पर मामले को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसमें मुख्य रूप से टीईटी का परीक्षाफल उपलब्ध न होना है। वह पुलिस के पास सीलबंद है
News Sabhaar :जागरण ब्यूरो
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TET Merit Holders ko chintit hone ki jaroorat nahin hai,
Supreme court se bhee feslaa unke paksh mein hee aaeyegaa, Aur ho sakta hai ki aan valee bhrtiyan bina TET marks ke smbhav naa hon.

Abhee tak bahut si Bhartiyan TET Pariksha fal ke aadhar par hee huee haain, Is se Pehle 10800 BTC ke vacancies ki COUNSLLING  bhee isee TET certificate ke aadhaar  par karayee JAA CHUKI HAI.

Kisee Bhee Certificate par uske MARKS mein jara si Bhee Chook Hone Par uske Do hee raste hote hain -
Marks Sahee To Certificate Sahee,
Marks Galat to Cetificate Galat.

Media vaale Bevajhe Ki Pareshanee Bataa Rahe Hain, Chinti hone ki aavashyakta nain.

Tuesday, November 26, 2013

टी ई टी अभ्यर्थीयों की पीड़ा TET Candidates Having Problem with Amar Ujala News - Where it claimed as per RTE, TET Exam is Only Qualifying TEST

 टी ई टी अभ्यर्थीयों की पीड़ा 
TET Candidates Having Problem with Amar Ujala News - Where it claimed as per RTE, TET Exam is Only Qualifying TEST


आज कल बहुत से टी ई टी अभ्यर्थीयों में अमर उजाला कि एक खबर dated 24/11/2013 के प्रति नाराजगी है जिसमें टी ई टी परीक्षा को आर  टी ई / एन सी टी ई गाइड लाइन
के आधार पर सिर्फ पात्रता परीक्षा दर्शाया गया है ,


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 See : एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा


News Source : Amar Ujala (24.11.13) / Lucknow Edition
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अमर उजाला एक सम्मानित और अच्छा न्यूज़ पेपर है , और लगता है कि यह खबर न्यूज़ पेपर में भूल चूक से छप गयी है और ऐसी भूल कभी कभार हो जाती है आखिर हम  सभी इंसान हैं
परन्तु सोशल मीडिया में इस खबर को लेकर जबर्दस्त नाराजगी व्यक्त की गई है
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About NCTE Guidelines :

School managements (Government, local bodies, government aided and unaided)
9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process;
(http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines%5B1%5D%20%28latest%29.pdf)

A person who has qualified TET may also appear again for improving
his/her score (Pt. No. 11)
http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf


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About Court Order :


While deciding the Issue No.3 we have already held that the guidelines
dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education
require the State to give weightage of the marks obtained in the
'Teacher Eligibility Test' Examination -2011 in appointment on the
post of Teachers. The guidelines dated 11.2.2011 issued by the
National Council for Teacher Education have been held to be binding. A
Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma (Supra) in paragraph 88
(as quoted above) has already laid down that the State Government has
to give weightage to the marks of the Teacher Eligibility Test in the
recruitment process. In view of the binding nature of the guidelines
dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education
and the decision of the Full Bench of this Court in Shiv Kumar
Sharma's case (Supra) the State Government could not have taken any
decision to ignore the weightage of the marks of the Teacher
Eligibility Test Examination-2011

Source : Source :
http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2927338




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मैंने कोर्ट का आर्डर पढ़ा था और उसमें पाया कि राज्य सरकार  ने टी ई टी परीक्षा कि अनियमितताओं को दूर करने के लिए ही इस परीक्षा को पात्रता परीक्षा में बदला था
और बाद में कोर्ट ने देखा कि टी ई टी परीक्षा में ऐसी कोई गम्भीर समस्या नहीं हुई है और लाखों अभ्यर्थीयों को कुछेक लोगों द्वारा (अगर है तो )
की गयी गलतियों की सजा नहीं मिलनी चाहिए । कोर्ट ने एन सी टी ई कि टी ई टी परीक्षा से सम्बंधित गाइड लाइन भी देखी और बताया कि टी ई टी परीक्षा के अंक चयन के लिए उपयोगी हैं


टी ई टी मेरिट धारक दो वर्षों से अपनी भर्ती के मानसिक यंत्रणा झेल रहे हैं और जब कोई पात्रता व अर्हता को लेकर सही व्याख्या नहीं करता और इस से उनके केरियर को खिलवाड़ सी लगती है तो वे नियंत्रण खो बैठते हैं और यही हाल  इस समय सोशल मीडिया में उनकी प्रतिक्रियाओं को देखते हुए लग रहा है

अभ्यर्थीयों कि  तरफ से आशा है कि एक प्रतिष्ठित अख़बार भूल सुधार करते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम में टी ई टी परीक्षा कि सही जानकारी शीघ्र से देगा जो उनसे गलती से छप गयी है

अगर हमें अपनी जानकारी में कुछ संशोधित करना है तो हमें बताएं , हम अपने ब्लॉग पर सही जानकारी पब्लिश कर देंगे
आखिर हम भी इंसान हैं और हमसे भी भूल चूक हो सकती है


टी ई टी अभ्यर्थीयों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि जब धांधली / अनियमितता वाली बात को कोर्ट के समक्ष देखा जा चुका  है और
उसको परीक्षा परिणाम में ऐसी कोई गम्भीर समस्या नहीं दिखाई दी तो अब किस बात की धांधली की बात की जा रही है ,
गलत प्रश्नो से अंक तो सभी के बढ़े थे जिसको न्यून करने के लिए भी तो टी ई टी मेरिट ही सही है ,
अभ्यर्थीयों का कहना है कि अगर न्यूज़ पेपर के पास साक्ष्य हैं तो वह कोर्ट को दे सकता है और ऐसे अभ्यर्थीयों का भर्ती होने से बहार करवा  सकता है ,
मगर ऐसा कहना कि हम  सभी ने धांधली कि तो यह गलत है , अमर उजाला के पास साक्ष्य हैं तो वह अदलत में दे ।

अभ्यर्थी ये भी कहते हैं कि अभी कुछ समय पहले बी टी सी धारियों का चयन इसी टी ई टी अंक पत्र से हुए तो वो धांधली वाले अंक पत्र नहीं थे क्या

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We published this info to attract attention of Amar Ujala News paper, And shortly we remove this
page / info. 
Yeh Sunne Mein / Dekhne Mein Aayaa hai Ki Amar Ujala Paper ne Abhee News Ka Khandan Nahin Kiyaa Hai,
Na Hee Koee Mafee Mangee Hai.

Agar Khabar Ke Baare Mein Hamse Koee Bhool Chook Huee To Comment ke madhyam se avgat karayen, sheegrata se sahee kee jayegee.

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Sunday, November 24, 2013

72825 Teacher Recruitment / Allahabad Highcourt : After Final Decision of Allahabad Highcourt : Better Selection of 72825 Teacher through TET Marks

72825 Teacher Recruitment / Allahabad Highcourt : After Final Decision of Allahabad Highcourt  : बेहतर होगी टी ई टी अंकों से चयन की प्रक्रिया


जब इसी टी ई टी परीक्षा के पात्रता सर्टिफिकेट को सही मानकर अन्य भर्तियां हो सकती हैं तो 72825 क्यूँ नहीं
या तो सर्टिफिकेट गलत है या सही
और इस सब में अभ्यर्थीयों का क्या दोष ?
डेटा संभालकर रखने कि जिम्मेदारी संभंधित विभाग  की है न की अभ्यर्थियों की ।
सी टी ई टी भी कई बार परीक्षायें आयोजित कर चुका है

इसी टी ई टी परीक्षा  के परिणाम की कई बार जांच हुई , कई बार परिणाम बदले और ध्यान से देखा जाये तो यह परीक्षा के परिणाम की सुचिता को और मजबूत करता है व् बेहतर सेलेक्शन प्रदान करता है -
कारण :
१. जब पहली बार परिणाम आया (मान लीजिये उसमें अभ्यर्थीयों को अंक इस प्रकार मिले : A को 120 , B को 87, B सामान्य श्रेणी का है और वह  फेल है  )
कुछ समय बाद कुछ अभ्यर्थीयों ने आपत्तियां जाहिर की - कि परीक्षा के कुछ प्रश्न गलत हैं , इस आपत्ति का निराकरण करते हुए
सभी को गलत प्रश्नो का फायदा देते हुए सभी के मार्क्स बढ़ा  दिए
अब देखिये क्या होता है
२. मान लीजिये कि अब A और B दोनों को 4 नंबर का फायदा हो जाता है
और A के मार्क्स 124 हो जाते हैं व बी के 91
अब B पात्र न होते हुए भी गलत प्रश्नो के फायदे से पात्र (टी ई टी परीक्षा पास )  हो जाता है
अब मान लीजिये चयन का आधार बदल जाता है और भर्ती अकादमिक अंको से हो रही होती है :
३.  मान लीजिये कि  A  के अकादमिक में 65 गुणांक है और B का 66 , और नए तरह से भर्ती होने से B को पूर्णता फायदा हो रहा है , परीक्षा में अपात्र होते हुए भी किसी किस्मत से पात्र हो जाता है और चयन में भी A को पीछे छोड़ देता है ,
वहीं A नुक्सान में है

लेकिन अगर चयन पूर्व निर्धारित टी ई टी परीक्षा के अंको से होता है तो दोनों के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पडेगा , क्यूंकि मेरिट में दोनों कि रेंक सामान है ।

इस परीक्षा में ३ नक़ल  बनी थी , डेटा कम्प्यूटराइजड हुआ था , सभी अभ्यर्थीयों ने अपने व अगल बगल के , दोस्तों, रिश्तेदारों के परिणाम देखे थे ।
नक़ल वगेरह कि ख़बरें भी नहीं आयी , टी ई टी  परीक्षा के परिणाम की कई बार जाँच हुई

जबकि आजकल सामान्य बोर्ड परीक्षाओं में चिट से नक़ल आदि कि खूब घटनाएं होती हैं, मेनेजमेंट कॉलेज में इंटरनल परीक्षाओं में खूब नंबर मिलते हैं
प्रोफेशनल कोर्सेस में परसेंटज , डिविसन का फॉर्मूला भी अलग अलग है जबकि सामान्य डिग्री में तीनो साल के एवरेज अंक दिए जाते हैं 
मैंने हाल ही में  देखा कि कुछ संस्थान / विभाग अपनी भारतीयों में इन प्रोफेसनल कोर्सेस (B.E ) के चारों साल के अंक का औसत मार्क्स लेते हैं जबकि इनकी वास्तविक पर्सेंटेज अलग होती है (अंतिम साल के अंक को ज्यादा वेटेज और पहले साल के अंकों को कम वेटेज आदि )
अलग अलग बोर्ड्स की मार्किंग भी अलग अलग होती है ।

हालाँकि किसी भी भर्ती में विभाग का अपना क्राइटेरिया होता है और अगर कहीं मामला उलझता है तो न्यायलय का कार्य है कि कैसे मामला सुलझे और
सभी को न्यायलय कि भूमिका को समझना चाहिए ।


See NCTE Notification / NCTE kee Adhisuchna :
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कुछ लोग कहते हैं की टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है चयन का आधार नहीं , लेकिन देखीये एन सी टी ई  ने अपने नियमों में स्पष्ट कहा है की -
टीईटी मार्क्स को भर्ती प्रक्रिया में महत्व (वेटेज ) दिया जाये और शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी  क्वालीफाई होना जरूरी है , इसका मतलब -
ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है 
(specified clearly weightage of TET marks in selection , See pt No. 9(b))
साथ ही ये भी नहीं कहती की इसके (टीईटी मार्क्स ) मार्क्स का कितना वेटेज , चयन के लिए उपयोग में लिया जाये | अभी हाल ही में केवीएस ने अपने सेलेक्सन में टीईटी मार्क्स  को कट - ऑफ़ में लिया |
एसएसए चंडीगढ़ ने ५० प्रतिशत टीईटी मार्क्स को  सेलेक्सन में  वेटेज दिया , राजस्थान ग्रेड थ्री अध्यापक के चयन में २० प्रतिशत टीईटी मार्क्स  के  वेटेज को लिया जा रहा है ( http://exam.rajpanchayat.gov.in/files/01.पीडीऍफ़ , पड़ें 15. चयन का आधार )
पर उत्तर प्रदेश में कई लोग टीईटी परीक्षा को पात्रता परीक्षा  बताते हैं 
पूर्व में कई बार खबर आयी  (एल टी ग्रेड टीचर सेलेक्सन , बी टी सी चयन आदि ) की उत्तर प्रदेश में यु पी बोर्ड के लोग पिछड़  जाते हैं और कुछ घोठाले भी उजागर हुए हैं ( सम्पूर्णानन्द यूनीवर्सिटी आदि द्वारा और अदालत ने इस पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है ) देखीये -
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अगर टी ई टी सिर्फ पात्रता का आधार है तो क्यों कहा गया है की अंकों के सुधार हेतु आप सी टी ई टी / टी ई टी परीक्षा में दोबारा से बेठ सकते हैं |
जब एक बार परीक्षा उत्तीर्ण  करके पात्र हो गए तो दोबारा से परीक्षा में बेठने का क्या लाभ |
See :  A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score (Pt. No. 11)


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Allahabad High court ke Final Decision (20 Nov. 2011) Mein Yah Baat Kahee Gayee Hai :-

While deciding the Issue No.3 we have already held that the guidelines dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education require the State to give weightage of the marks obtained in the 'Teacher Eligibility Test' Examination -2011 in appointment on the post of Teachers. The guidelines dated 11.2.2011 issued by the National Council for Teacher Education have been held to be binding. A Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma (Supra) in paragraph 88 (as quoted above) has already laid down that the State Government has to give weightage to the marks of the Teacher Eligibility Test in the recruitment process. In view of the binding nature of the guidelines dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education and the decision of the Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma's case (Supra) the State Government could not have taken any decision to ignore the weightage of the marks of the Teacher Eligibility Test Examination-2011.
Jo KI Triple Bench (Full Bench) ke TET Marks ko ignore na karne ke Saath Kahee Gayee Hai
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आज कि न्यूज़ देखकर एक ईमानदार टी ई टी अभ्यर्थी की और से मुझे बहुत दुःख हुआ कि उसका क्या कसूर :-



See news :





आसान नहीं होगी टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती
मिले अंकों का मिलान करना होगी बड़ी चुनौती, परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में

शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक बनने की राह युवाओं को जितनी आसान लग रही है, उतनी दिख नहीं रही। इसमें विभागीय अधिकारियों के सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ी चुनौती टीईटी में मिले अंकों का मिलान करना होगा। वजह, माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2011 में आयोजित टीईटी का रिजल्ट जारी होने के बाद 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में फेरबदल किया था। ऐसे में यह पता लगाने में जरूर कठिनाई आएगी कि कितनों के अंक सही बढ़ाए गए थे व कितनों के गलत, क्योंकि अंक बढ़ाने के घोटाले के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है, पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परिषदीय स्कूलों में बीएड वालों को टीईटी पास करने पर ही शिक्षक रखने की अनुमति राज्यों को दी थी। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित करते हुए रिजल्ट जारी किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर अंक संशोधन के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए और 5,49,742 के अंकों में बदलाव हुए। कुछ के अंक बढ़ाए गए तो कुछ के कम हो गए।
अंक बढ़ाने के नाम पर हुई धांधली के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया था। टीईटी में धांधली और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते उस समय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। सत्ता बदलने के साथ ही शिक्षक भर्ती का मानक टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक मेरिट कर दिया गया और इसके आधार पर आवेदन लिए गए। हाईकोर्ट ने अब पुन: टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का आदेश दिया है।
विभागीय जानकारों की मानें तो टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती में कई पेंच हैं। टीईटी में धांधली के दौरान कुल कितने अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए गए, अभी तक इसकी जांच नहीं हुई है। इसके अलावा परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में है। वर्ष 2011 की टीईटी में जहां बंपर युवा पास हुए, वहीं टीईटी 2013 में रिजल्ट का प्रतिशत काफी कम रहा। यह भी संदेह पैदा करता है। टीईटी मेरिट के आधार पर यदि शिक्षकों की भर्ती हुई तो इसके प्रमाण पत्रों के मिलान में भी दिक्कत आ सकती है। वजह, धांधली के दौरान कुछ दस्तावेज इधर-उधर होना स्वाभाविक है।
संशोधन के दौरान 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में किया गया था बदलाव
एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (24.11.13)
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Aaj Bahut se TET Merit Holders ko Amar Ujala ki Is Baat Se Dukh Huaa :

एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा



Saturday, November 23, 2013

72825 Teacher Recruitment: After Declaration of Allahabad HC Judgement on 20th Nov. 2013, Candidates discussion is High on FB about further proceeding of recruitment

72825 Teacher Recruitment: After Declaration of Allahabad HC Judgement on 20th Nov. 2013,
Candidates discussion is High on FB about further proceeding of recruitment


Some are making humour -
Yash Thakur Thakur
आया आर्डर खुल गया किसमत

लडकी वाले आने लगे

4 लाख साथ मेँ बैगन आर
लडकी बीएड टेट पास
टेट 119
गुणांक 65
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Rahul Pandey
कसौटी पर खरा उतरा अनिल संत का विज्ञापन।

सचिव द्वारा निकाली गयी भर्ती शासनादेश पर आधारित एनसीटीई के नियमों एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अवलोक में थी।
एकल बेंच ने स्थगन इसलिये दिया था कि उसमें अनिल संत ने बाद में बीटीसी/एसबीटीसी प्रशिक्षुओं को भी शामिल कर दिया था।
इनकी नियुक्ति बेसिक नियमावली के तहत होती है जिसमें नियुक्त करने का अधिकार बीएसए को है।
एकल बेंच ने बीटीसी/एसबीटीसी प्रशिक्षुओं को उस प्रक्रिया से अलग कराकर उनकी नियुक्ति भी करा दी।
अतः बीएसए/सचिव का विवाद ख़तम हो गया परन्तु एकल बेंच ने प्रशिक्षु शब्द के भ्रम में पुरानी प्रक्रिया को बहाल नहीं किया और सरकारी पक्ष के निर्णयों पर मुहर लगा दी।
डिवीज़न बेंच ने मामले की निर्णायक सुनवाई करते समय
बाहर नोटिस चस्पा कराया कि जिनको आपत्ति हो वे आकर अपनी बात रखें।
न्यायमूर्ति का मकसद था कि एकल बेंच में पुरानी प्रक्रिया पर स्थगन कराने वाला अपना पक्ष आकर रखे जिससे की उसकी समस्या स्पष्ट हो सके।
कपिल यादव के अधिवक्ता को
एकल बेंच में कही अपनी बात को पुनः कहना चाहिये था क्योंकि प्रथम पक्ष पुराने विज्ञापन की बहाली की लड़ाई लड़ रहा था और कपिल यादव के अधिवक्ता को पुराने विज्ञापन पर आक्रमण करना चाहिये था जिसका जवाब प्रथम पक्ष देता की सचिव/बीएसए के जिस विवाद पर तुमने स्थगन पाया था वो विवाद एकल बेंच में समाप्त हो चुका है।
कपिल देव के अधिवक्ता ने जब नये विज्ञापन के पक्ष में बोलना शुरू किया तो जज को समझते देर ना लगी कि यह सिर्फ एकल बेंच में पुराने विज्ञापन में बाधक बन रहा था और उसकी याचिका ख़ारिज मान ली और न्यायमूर्ति ने स्पष्ट रूप में आदेश में इसका जिक्र किया।
इस प्रकार पुराना विज्ञापन बहाल हुआ एवं नये विज्ञापन का वजूद समाप्त हो गया।
अगर कोई पक्ष सर्वोच्च अदालत जायेगा तो इन विषयों पर न्यायालय गंभीरता से अध्ययन करेगा तदुपरांत फैसला आयेगा।
डिवीज़न बेंच ने प्रशिक्षु शब्द मात्र से विज्ञापन रद्द करने पर आपत्ति जतायी ।
धांधली के आरोप को भी ख़ारिज करते हुये शानदार फैसला सुनाया जिससे कि पुराना विज्ञापन शानदार तरीके से बहाल हो गया।
रमाबाई नगर पुलिस भी अब मानसिक रूप से जब्त दस्तावेज लौटाने की तैयारी कर रही है।
दस्तावेज प्राप्त होने के बाद यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद टैबुलेशन रजिस्टर तैयार करेगी।

सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले पक्ष को लग सकता है जोर का झटका।

डिवीज़न बेंच के फैसले में आरटीई एक्ट का हवाला याची पक्ष के लिये निराशाजनक हो सकता है।
क्योंकि डिवीज़न बेंच ने सम्पूर्ण विवाद को शानदार तरीके से हल कर दिया है।

पुराने विज्ञापन में पैसा वापसी का था जिक्र।

अनिल संत ने २० दिसम्बर २०११ को जारी संशोधित विज्ञप्ति में पैसा वापसी का जिक्र किया है जिसके तहत लोगों का पैसा वापस हुआ और एकल बेंच द्वारा एसबीटीसी /बीटीसी को उस प्रक्रिया से बाहर करने के बाद उनका पैसा लौटाया गया।
जिन लोगों ने अपने मूल जनपद का भी पैसा वापस ले लिया इसके लिये वे स्वयं उत्तरदायी हैं ।
सरकार द्वारा स्पष्ट ना होने के कारण प्रत्यावेदन से पुनः मूल जनपद की राशि जमा की जा सकेगी।

- अविचल
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Amit Chauhan
kuchh log jo ye kah rahe hai ki old ad ke restore hote hi kapil ki yachika khud restore ho jayegi unhe kya lagta hai ki do hc ke judges unke jitana dimag bhi nahi rakhate vo log order ko dhyan se pade ha samajhane ke liye kisi ka sahara le order me spasht hai ki vigyapan ke prarup se usaka sar mahatvapurn hota hai aur prakriya ki vidhi se prakriya mahatvapurn hoti hai ........kapil ki yachika par single bench ne koi nirnay diya hi nahi tha aur kapil ne usase pahle hi yachika vapas le li thi yadi nirnay diya bhi hota to bhi db ko sb ke nirnay ko badalane ka adhikar hota hai ....sb ne bhi vigyapan me prashikshu shabd hone ko galat kaha tha jisaka nistaran db me ho chuka hai db me kapil koi party nahi tha atah kapil ki yachika sc me restore ho hi nahi sakti par me chahta hu ki kapil sc me is yachika ko restore karwane jay to court me sidh ho jayega ki ye apane swarth ke liye yachika kar raha hai kyoki sabhi bsa dwara noc diya ja chuka hai SC RTE par bahut strict hai ye sidh hote hi kapil durbhavana se prerit hokar RTE ke tahat hone wali niyuktio ko ek sal se roke hai aur bachcho ke mul adhikar ka hanan ho raha hai kapil aur isake gadho ki fauj ka esa hal hoga ki bansuri ke sath sath bans bhi nahi rahega......
ab jara sarkar ke bare me sochiye RTE me rajya sarkar ka dayitva yogya aur trained teachers ki niyukti karna hai sarkar kis muh se yah kahegi ki ham db dwara bharti mamle ke nistaran aur shighra bharti karane ke adesh ke virudh sc aye hai jab up me teachers ke 2.7 lakh pad rikt ho
sc ke nirnay maulikta par adharit hote hai lb ka nirnay jis tarah se hamare paksh me tha aur usane bhi gudank ke tabut me keele thok thi usi tarah se sc gudank ke tabut ko hamesha ke liye dafan kar dega aur fir koi bharti acd ke adhar par nahi hogi
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एक भारतीय
2nd Caveat filed today in Supreme Court, in the matter of Judgment of Division Bench of Allahabad Highcourt dated 20.11.2013 on 72825 Trainee Teachers Recruitment, by Sujeet Singh..

Others too are in this row yet..

Somwar ko kuchh aur Caveats dakhil hone ki Suchna prapt hogi..

Ran-ghosh ke pahle hi Jabardast Morchabandi karte hue TET-fighters.. Har Caveat ke peechhe SC ka ek Lawyer to khada hona bhi tay hai..

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Sanjeev Shukla
अब जब उच्च न्यायालय ने चयन के आधार के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट कर दी है तब यह उम्मीद की जा सकती है कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जिस तरह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए गए हैं उससे इस प्रक्रिया में और अधिक देरी होने की आशंका भी उत्पन्न हो गई है। यदि ऐसा होता है तो न केवल भर्ती प्रक्रिया में और अधिक विलंब होगा, बल्कि प्राथमिक शिक्षा के ढांचे की दशा में सुधार की उम्मीदें भी टूटेंगी।
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Acad. Merit se Bhrtee Chahane Vaale Nirash Hain, Par Unko Aasha Hai ki Junior Bhrtee Hone Ke Baad Unko Kafee Rahat Mil Jayegeee



Download KVS (TGT, PGT, PRT) Exam Admit Card 2013

Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS) 
18 - Institutional Area, Shahid Jeet Singh Marg, New Delhi – 110016


Download KVS (TGT, PGT, PRT) Exam Admit Card :
EXAM SHEDULE IS SHOWING ON KVS SITE.

THIS IS THE LINK TO DOWNLOAD THE ADMIT CARD..
https://www.jobapply.in/KVS2013AdmitFinal/KVS2013AdmitCard.asp

Prospective Exam Date is : 15th Deember 2013



NCTE TET EXAM टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता (TET onliy Qualifying OR Selection cum Qualifying Exam)

टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता
NCTE TET EXAM टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता (TET onliy Qualifying OR Selection cum Qualifying Exam)

मुझे आश्चर्य इस बात का है कि प्रिंट  मीडिया पिछले 2 सालों से एक ही बात कहता आ रहा कि - टी ई टी परीक्षा एक पात्रता परीक्षा है और किसी पात्रता परीक्षा को चयन का आधार कैसे बनाया जा सकता है , कुछ एक्सपर्ट भी ऐसी ही बात बता रहे थे ।

हालाँकि सरकार कि धांधली आदि के आधार पर जो भी मजबूरी रही हो कि टी ई टी परीक्षा को चयन का आधार न बनाते हुए पात्रता परीक्षा में बदल दिया जाये
लेकिन मीडिया कि क्या मजबूरी थी'कि एन सी टी ई गाइड लाइन को गलत रूप से प्रचारित करे ।

मीडिया ने कभी जानने कि कोशिश करी कि अगर टी ई टी परीक्षा पात्रता परीक्षा है तो'आखिर क्यूँ एन सी टी ई गाइड लाइन ने -
१. टी ई टी अंको को चयन में महत्व (वेटेज ) देने को लिखा
२. अभ्यर्थीयों के अंक सुधार हेतु टी ई टी परीक्षा में पुन : शामिल होने कि बात लिखी

देश के अन्य राज्यों में भी टी ई टी के अंको को इसी एन सी टी ई गाइड लाइन के अनुरूप वेटेज दिया जा रहा है

देश के मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सही जानकारियां सामने लाना चाहिए
इतनी बड़ी भर्ती को इलेकट्रोनिक मीडिया ने भी बहुत कम कवरेज दिया है ।

सरकार के अपने दायित्व हैं और मीडिया के अपने , सरकार ने अपने अनुसार धांधली कि अनियमितताओं (अगर कुछ हैं तो ) के आधार पर  टी ई टी परीक्षा को पात्रता परीक्षा में बदल दिया , लेकिन मीडिया में एन सी टी ई नियमावली कि परिभाषा ही गलत आने लगी, यह नहीं होना चाहिए । 


See Also :
http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/04/uptet-small-article.html
 http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/03/uptet-blog-editorial-2.html
http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/01/uptet-blog-editorial-selection-of.html


टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता कि कुछ विशेष बातें -

एन  सी  टी ई ने साफ़  शब्दों  में कहा  है  कि टी ई टी अंकों को  चयन  में वेटेज दीया जाये  -

तो साफ है कि ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है

9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score

अगर ये  ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब 


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UPTET : टीईटी मेरिट से होगा 72825 शिक्षकों की भर्ती का चयन

UPTET  : टीईटी मेरिट से होगा 72825 शिक्षकों की भर्ती  का चयन




Teacher Recruitment News


हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्यायपालिका में हमारी आस्था दृढ़ हुई है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक कदम उठाने की अपेक्षा है। -शिव कुमार पाठक, मुख्य याची

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यूपी: मेरिट से होगा टीईटी में चयन
इलाहाबाद । बसपा सरकार में शुरू की गई बहत्तर हजार आठ सौ पच्चीस सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को हाईकोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। कोर्ट ने इस भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को सही करार देते हुए सपा शासन में किए गए संशोधनों को रद कर दिया है। इसी के साथ चयन के मानकों को लेकर चल रही उहापोह भी खत्म हो गई है। इस भर्ती में चयन का आधार टीईटी की मेरिट ही होगी। अदालत ने निर्देश दिया है कि 31 मार्च, 2014 तक यह पद भर दिए जाएं। अदालत ने टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने के सरकार के फैसले को भी अवैधानिक करार दिया है।


न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने सपा सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल शिवकुमार पाठक, नवीन श्रीवास्तव व अन्य सैकड़ों विशेष अपीलों पर बुधवार को यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। कोर्ट के समक्ष प्रश्न था कि अध्यापकों की नियुक्ति शैक्षिक गुणांक के आधार पर हो या टीईटी मेरिट के आधार पर। बसपा शासन में बेसिक शिक्षा नियमावली में बदलाव करके टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बनाया गया था। बाद में सपा के सत्ता में आने के बाद नियमावली में फिर परिवर्तन करते हुए टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक गुणांक को आधार बना दिया गया था। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विज्ञापन में निर्धारित नियुक्ति मानक में परिवर्तन कर शैक्षिक अंकों को मानक बनाने का फैसला कानून के विपरीत है। सरकार क्राइटेरिया नहीं बदल सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने सपा सरकार में इस नियुक्ति के संदर्भ में किए गए संशोधनों और शासनादेशों को रद कर दिया। कहा है कि 30 नवंबर 2011 में जारी विज्ञापन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाय। कोर्ट ने कहा है कि अध्यापकों की नियुक्ति पर लगी रोक की याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में कोई अवरोध नहीं है।
कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में एक लाख 25 हजार परिषदीय प्राथमिक विद्यालय है। जिनमें दो लाख 70 हजार सहायक अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। ऐसे में सरकार यह नहीं कह सकती कि उसने अनिवार्य शिक्षा के केंद्रीय कानून का पालन किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 10 सितंबर की अधिसूचना से धारा 23 (2) के अंतर्गत अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने की समय सीमा 31 मार्च 14 तक बढ़ा दी है। इससे पहले ही सरकार को भर्ती करनी होगी
कब क्या हुआ
9 नवंबर, 2011: बसपा सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन किया, टीईटी मेरिट को चयन का आधार बनाया।
13 नवंबर, 2011: राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई।
25 नवंबर, 2011: परिणाम घोषित, तीन लाख से अधिक सफल घोषित।
30 नवंबर, 2011: 72825 प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी।
31 अगस्त, 2012: सपा सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन किया, शैक्षिक गुणांक को चयन का आधार बनाया।
छह सितंबर, 2012: सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
पांच दिसंबर, 2012: राज्य सरकार ने टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों को प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की।
16 जनवरी 2013: सरकार के संशोधन के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज।
29 जनवरी, 2013: विशेष अपील दाखिल, एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती।
चार फरवरी, 2013: अंतरिम आदेश, खंडपीठ ने काउंसिलिंग पर रोक लगाई।
20 मई, 2013: हाईकोर्ट का फैसला, टीईटी की मेरिट ही चयन का आधार, सपा सरकार के संशोधन असंवैधानिक करार।
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हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्यायपालिका में हमारी आस्था दृढ़ हुई है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक कदम उठाने की अपेक्षा है। -शिव कुमार पाठक, मुख्य याची
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टीईटी-2011 की परीक्षा में 10 लाख दो हजार 909 छात्रों ने आवेदन किया था। पांच लाख 86 हजार 955 आवेदन अर्ह पाए गए। 3 लाख 22 हजार 223 ने परीक्षा दी। दो लाख से अधिक सफल हुए थे

News Sabhaar : Jagran (21.11.13)


UPTET /72825 Teacher Recruitment : टीईटी आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

UPTET /72825 Teacher Recruitment : टीईटी आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट








इलाहाबाद (ब्‍यूराे)। हाईकोर्ट द्वारा परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों पर टीईटी मेरिट से भर्ती के निर्णय के बाद टीईटी पास आवेदकों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है। यानी प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती के मामले में अगर सुप्रीम कोर्ट जाती है तो इससे पहले उसे याचिका कर्ताओं को इसकी सूचना देनी होगी। कैविएट शिवकुमार पाठक और संजीव मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है।
बताया कि लाखों आवेदकों का इंतजार दो साल बाद खत्म हुआ है। अब नहीं चाहते हैं कि नौकरी मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत आए। बुधवार को हाईकोर्ट द्वारा टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती देने के फैसले के बाद ही आवेदकों ने निर्णय ले लिया था कि सुप्रीम कोर्ट के कैविएट दाखिल किया जाएगा। परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों की भर्ती के लिए ढाई लाख से अधिक आवेदक हैं, जिन्हें नौकरी का इंतजार है।

News Sabhaar : Amar Ujala (23.11.13)
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According to Facbookiyans :
Caveat filed in Supreme Court of India in the matter of DB Judgment dated 20.11.2013 on 72825 Trainee Teachers Recuitment by Anil Kumar, Vijay Singh Tomar and Devendra Singh..
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Vijay Singh Tomar
15th amendment ko court ne 3 tarike se galat bataya hai...

1. Acdm. merit , Samanta ke Maulik adhikar ka hanan hai (article 14)
2. TET guidelines ko ye amendment follow nahi karta tha
3. Iska effect retrospective nahi ho sakta isliye 72825 ki bharti par laago nahi hota

Ab Sarkar agar SC jati bhi hai article 14 ko lekar to bhi 15th amendment mein TET ka weightage na hone ke karan to ye waise hi khariz hoga...

Ab rahi hamari baat to court ne 12 amendment ko poori tarah sahi mana hai isliye agar gov. TET ka weighage dene ka baad SC se article 14 ko lekar gidgidaye to bhi hamari bharti 12 amendment se hi hogi.. Isliye no tension

Ab agar gov. SC jaye bhi to TET morche ko sirf itna karna hi ki ek bahut achha lawyer karke SC ko sirf ye baat samjhani hai ki Ham 15 amendment se pehle hi paida ho gaye the isliye RTE ki samay seema ko dekhte hue hamari Counselling ko na roke baki agar usko 15 amendment par behas karni ho to kyoki wo hamari bharti se alag matter hai uski sunwayi alag kare...

Ab hame kya karna hai to sirf itna ki apni Counselling shuru karwani hai iske liye mere bhaiyo sabhi log Khoob kha-pee kar sehat bana lo kyoki agar ye sarkar seedhe na mani to abki baar jo hamlog LKO gaye to wapas niyukti parta lekar hi aayenge...

Aur ha.. jinko ye chinta hai ki kuch logo ne purane form ke paise wapas le liye hai to unke liye, jab wo apna pratyawedan denge to unse mool draft naya banwa kar fir se jama karwa liye jayega (Ye baat ek BSA adhikari ki varta par adharit hai)

Aur Sath jo bhartiya sarkar ne 26/07/2012 ke baad 15 amendment par kari hai wo waise hi galat hai kyoki jab koi mamla court mein challenge tha to Gov ko kisi bhi tarah ki bharti karni hi nahi chahiye thi...isliye ye sarkar ka tension hai hamara nahi
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Shyam Dev Mishra> Struggle for Right to Education Implementation" एक पहल"
Supreme Court kisi niyamavali ya Shasanadesh ko ya uske kisi ansh ko tabhi tak sahi tharata hai jabtak wah Bharteeya Samvidhan ya kisi Adhiniyam ke viruddh na ho. Samanta ke Adhikar ki Ghoshna karnewale Samvidhan ke Anuchchhed 14 ke aadhar par Shuddh Academik ko Avaidh karar dete hue Khandpeeth ne is bat ki pakki vyavastha kar di hai ki 72825 Trainee Teacher ke pado par niyukti Shuddh TET merit se ho! Purane vigyapan ki kisi takneeki khami ko sudharna, yadi koi ho, ek samanya bat hai kyunki RTE Act, 2009 ke uddeshyon ki purti ke liye Sarkar dwara uthaye gaye kisi kadam, Jaise Sachiv dwara Vigyapan nikalna, ko Jayaj thahrane ke liye RTE Act me ''Action in Good Faith'' ko Sanrakshan dene ka spasht pravdhan hai. Waise bhi 72825 pado par chayan-prakriyaprarambh hone ke samay Niyamavali 1981 me Prathmik Star par matra Snatak B.Ed. TET utteern abhyarthiyo ko niyukti pradan karne ki koi vyavastha nahi thi, aur RTE Act ke pariprekshya me NCTE ki adhisuchna ke alok me aisa kiya jana vidhi-sammat tha. Jahir hai, Shikshako ki kami puri karke Bal Shiksha ka adhikar pradan karne ke liye Niyamavali 1981 ke tatkaleen pravdhano se pare koi aisi vyavastha apariharya thi jo NCTE adhisuchna ke anusaran me Shikshako ki niyukti ka rasta saf kar sake, aur Tatkaleen Sarkar ne Shasanadesh ke jariye aisa kiya jo ki Good Faith me uthaya gaya kadam tha. 1981 ka jo bhi pravdhan us samay NCTE adhisuchna ke viruddh tha, pratikul tha, swabhavik roop se arth-heen tha aur uske anupalan ke liye nyayalay se yachna karna vyarth hi tha, aur aaj bhi vyarth hai.
Supreme Court me Jane se yadi kisi ko wastav me darna chahiye to wo do paksh hain.
1. Sarkar - Filhaal Sarkar ke par Khandpeeth ke adeshanusar 72825 pado par TET merit se nyukti karne aur Niyamavali 1981 ke radd ho chuke 15th Amendment ke sthan par ek aur Sanshodhan karke TET-wieght sahit ek naya chayan-adhar banaane ka rasta khula hai jiske aadhar par Junior Bharti puri ki Ja sake. Supreme Court jane ki sthiti me vaha Shuddh Gunank merit to banne se rahi, NCTE Guidelines ko khandpeeth dwara bhadhyakari thahra diye jane ke bad TET-weightage to milna to tay hai, sath hi is bat ke bhi prabal aasar hai ki alag-alag Boards/Universities ke asaman Mulyankan-Paddhati ke aadhar par Maujuda Quality Point Pranali aur Sabhi Board/Universitie ke anko ko saman mahatv diye jane ko punah galat batate hue tulanatmak aadhar par alag-alag board/univerities ke bhinn-bhinn praptank pratishato ko saman mana jaye aur uske sath TET-weightage ki vyavastha di jaye. Yah nishchit roop se ek do-dhari tallwar par chalne ke saman hoga.
2. Third Party (Jo 3rd Party ban hi nahi pai): Jis yachi ne apne kisi hit ke prabhavit hue bina ekal peeth me matra BSA ke sthan par Sachiv dwara vigyapan nikale jane ke aadhar par 72825 pado par chayan ki rok ki mang ki, jabki usne swayam us prakriya me avedan kiya tha, aur Khandpeeth me usne BSA wali bat ko sire se gayab karke TET-Merit ki bajay shuddh Acadamik Aadhar par chayan ki mang ki, jo Khandpeeth ke nirnay me me ''intervener's submission'' ke roop me darj ho chuka hai, yah dikhane ko paryapt hai ki is vyakti ne kisi kanuni aadhar par ya janhit ke liye ya apne kisi vaidh adhikar ki raksha ke liye nyayalay ki sharan nahi li, balki apne vyaktigat swarth ki purti ke liye kisi na kisi tarah, har uplabdh avasar par is prakriya ko baadhit karne ki kucheshta ki. In par yadi RTE ke uddeshyon ko badhit karne ke dushprayas, court ko gumrah karne aur bar-bar apna stand badalne ke aadhar par Supreme Court dwara tagda Jurmana lagaya jaye to isme kuchh bhi ashcharyajanak na hoga.
Isliye purv-vigyapanyaTET-merit se chayan ke sabhi pakshdhar katai pareshan na ho, Supreme Court me Caveat file kake is bat ki vyavastha kar li gai hai ki mamla yaha aane par pratipakshiyon ki bachi-khuchi ijjat ka faluda kayde se banaya jaye!
Satyamev Jayate.