Anudeshak recruitment in UP कंप्यूटर अनुदेशकों को पुलिस ने दौड़ा कर पीटा
लखनऊ। पक्की नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदेश भर से आए कंप्यूटर अनुदेशकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरर्साइं। हजरतगंज से लेकर चारबाग तक एक घंटे तक रह-रहकर पिटाई का यह सिलसिला चलता रहा। पुलिस ने महिला अनुदेशकों को भी नहीं बख्शा। कई महिला अनुदेशक बेहोश हो गईं। कई राहगीर भी पुलिस के डंडे का शिकार बने। लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल दर्जन भर से ज्यादा अनुदेशकों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
लगाया आरोप पुलिस ने अध्यक्ष का रिक्शा पलटा कहे अपशब्द
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जुनैद खान का कहना है कि अध्यक्ष साजदा को पुलिस ने अपशब्द कहे और उनका रिक्शा पलट दिया। बेहोशी की हालत में भी पुलिस ने उनपर लाठी बरसाई। वहीं साजदा पवार का कहना है कि विधानभवन पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान मेरी तबीयत बिगड़ गई जिससे अनुदेशक मुझे रिक्शे से सिविल अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। उन्होंने हजरतगंज इंस्पेक्टर अशोक कुमार वर्मा को सस्पेंड करने की मांग करते हुए कहा कि अगर समायोजन की मांग 48 घंटों में पूरी नहीं हुई तो अनुदेशक पूरे प्रदेश में प्रदर्शन व आंदोलन करेंगे।
धरना-प्रदर्शन कर रहे कंप्यूटर अनुदेशक जब प्रशासन की रोक के बावजूद मुख्यमंत्री आवास की तरफ धरना-प्रदर्शन करने जाने लगे तो प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें रोका। इस दौरान मची धक्का-मुक्की की चपेट में आकर कुछ प्रदर्शनकारी अनुदेशक चोटिल भी हुए जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस प्रशासन को यह सख्ती धरना प्रदर्शन के कारण आम लोगों को होने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए करनी पड़ी।
माध्यमिक कंप्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन यूपी के तत्वावधान में सोमवार दोपहर 12 बजे चारबाग से कंप्यूटर अनुदेशकों का रेला विधान भवन का घेराव करने पहुंच गया। सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक ओसीआर बिल्डिंग से लेकर विधान भवन तक जमा हो गए। इसी बीच अनुदेशकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मार्ग जाम कर विधानभवन के घेराव की कोशिश की। प्रशासन व पुलिस ने कंप्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन की अध्यक्ष कुमारी साजदा पवार से वार्ता कर प्रदर्शन रोकने व शासन स्तर से वार्ता कराने का आश्वासन दिया लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इसी बीच साजदा बेहोश हो गईं तो उन्हें रिक्शे पर बैठाकर सिविल अस्पताल ले जाने को लेकर उनके पीछे अनुदेशक नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने फिर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने शिक्षा निदेशालय के सामने दौड़ा-दौड़ा कर प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। प्रदर्शनकारी वहां से चारबाग की तरफ भागे। ओसीआर बिल्डिंग के पास जाकर वे फिर जमा हो गए। यहां भी पुलिस ने लाठियां बरसाईं और उन्हें खदेड़ा।
राहगीर भी आए चपेट में ः
कंप्यूटर अनुदेशकों के बवाल में हजरतगंज व विधान भवन के सामने कुछ राहगीर भी पुलिस की लाठीचार्ज की चपेट में आ गए। हुसैनगंज जा रहे आदिल ने बताया कि पुलिस की एक लाठी उन्हें भी पड़ी लेकिन जब उन्होंने बताया कि लविवि के छात्र हैं तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। वहीं सिविल अस्पताल के पास रिक्शे से जा रही एक बूढ़ी महिला लाठी चार्ज से डरकर चलते रिक्शे से कूद पड़ी। रिक्शा चालक भी रिक्शा छोड़कर भाग निकला।
विधानभवन पर धरना देकर पक्की नौकरी की मांग कर रहे थे
पूछा-क्या आप कंप्यूटर अनुदेशक हैं हां कहते ही ताबड़तोड़ लाठियां
ओसीआर बिल्डिंग के पास से भागे कंप्यूटर अनुदेशक चारबाग स्टेशन पहुंच गए। यहां भी पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। चारबाग स्टेशन व आसपास पुलिस लोगों से पूछती रही कि क्या वे कंप्यूटर अनुदेशक हैं। जिन्होंने हां कहा, उनपर ताबड़तोड़ लाठियां बरसा दीं।
ट्रैफिक घंटे भर रहा प्रभावित
प्रदर्शन और लाठीचार्ज से करीब एक घंटे तक हजरतगंज व हुसैनगंज तक यातायात भी बाधित हुआ। हालांकि यातायात पुलिस ने मोर्चा संभाला और यातायात को बहाल कराया।
सिविल अस्पताल में पटरी से उतरी व्यवस्था
लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल दर्जन भर से ज्यादा अनुदेशकों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल साथियों को लेकर अनुदेशकों की भीड़ पहुंचने से अस्पताल की व्यवस्था पटरी से उतर गई। घायलों को भर्ती करने के लिए कई मरीजों को इमरजेंसी वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा। भीड़ के चतले इमरजेंसी वार्ड से लेकर ट्रीटमेंट रूम तक अफरातफरी रही। इलाज के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को भी काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे का कहना है कि घायलों की भीड़ के बाद मरीजों को शिफ्ट किया गया। इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को इलाज दिया गया लेकिन भीड़ अधिक होने के चलते थोड़ी दिक्कत हुई थी।
समायोजन की मांग कर रहे कंप्यूटर अनुदेशकों ने सोमवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। जब वे सीएम आवास की ओर बढ़े तो पुलिस ने रोका और न मानने पर लाठियां बरसाईं। इस दौरान पिटाई से कई महिलाएं बेहोश हो गईं। एंबुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें ठेले से अस्पताल पहुंचाया गया।
हजरतगंज से चारबाग तक कंप्यूटर अनुदेशकों को घेर कर बरसाईं लाठियां, दर्जन भर से ज्यादा गंभीर रूप से घायल सिविल अस्पताल में भर्ती
यह है मांग ः
माध्यमिक विद्यालयों में संविदा पर कंप्यूटर अनुदेशकों की तैनाती की जाती है। पांच बरसों से सूबे में 4000 अनुदेशक कार्यरत थे। एसोसिएशन का कहना है कि समायोजन की मांग उठने पर 1400 अनुदेशकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। एसोसिएशन की मांग है कि इनकी बहाली के साथ ही सभी को व्यावसायिक शिक्षकों की तर्ज पर समायोजन किया जाए।
News Sabhaar : अमर उजाला (14.10.14)
लखनऊ। पक्की नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदेश भर से आए कंप्यूटर अनुदेशकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरर्साइं। हजरतगंज से लेकर चारबाग तक एक घंटे तक रह-रहकर पिटाई का यह सिलसिला चलता रहा। पुलिस ने महिला अनुदेशकों को भी नहीं बख्शा। कई महिला अनुदेशक बेहोश हो गईं। कई राहगीर भी पुलिस के डंडे का शिकार बने। लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल दर्जन भर से ज्यादा अनुदेशकों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
लगाया आरोप पुलिस ने अध्यक्ष का रिक्शा पलटा कहे अपशब्द
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जुनैद खान का कहना है कि अध्यक्ष साजदा को पुलिस ने अपशब्द कहे और उनका रिक्शा पलट दिया। बेहोशी की हालत में भी पुलिस ने उनपर लाठी बरसाई। वहीं साजदा पवार का कहना है कि विधानभवन पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान मेरी तबीयत बिगड़ गई जिससे अनुदेशक मुझे रिक्शे से सिविल अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। उन्होंने हजरतगंज इंस्पेक्टर अशोक कुमार वर्मा को सस्पेंड करने की मांग करते हुए कहा कि अगर समायोजन की मांग 48 घंटों में पूरी नहीं हुई तो अनुदेशक पूरे प्रदेश में प्रदर्शन व आंदोलन करेंगे।
धरना-प्रदर्शन कर रहे कंप्यूटर अनुदेशक जब प्रशासन की रोक के बावजूद मुख्यमंत्री आवास की तरफ धरना-प्रदर्शन करने जाने लगे तो प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें रोका। इस दौरान मची धक्का-मुक्की की चपेट में आकर कुछ प्रदर्शनकारी अनुदेशक चोटिल भी हुए जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस प्रशासन को यह सख्ती धरना प्रदर्शन के कारण आम लोगों को होने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए करनी पड़ी।
माध्यमिक कंप्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन यूपी के तत्वावधान में सोमवार दोपहर 12 बजे चारबाग से कंप्यूटर अनुदेशकों का रेला विधान भवन का घेराव करने पहुंच गया। सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक ओसीआर बिल्डिंग से लेकर विधान भवन तक जमा हो गए। इसी बीच अनुदेशकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मार्ग जाम कर विधानभवन के घेराव की कोशिश की। प्रशासन व पुलिस ने कंप्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन की अध्यक्ष कुमारी साजदा पवार से वार्ता कर प्रदर्शन रोकने व शासन स्तर से वार्ता कराने का आश्वासन दिया लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इसी बीच साजदा बेहोश हो गईं तो उन्हें रिक्शे पर बैठाकर सिविल अस्पताल ले जाने को लेकर उनके पीछे अनुदेशक नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने फिर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने शिक्षा निदेशालय के सामने दौड़ा-दौड़ा कर प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। प्रदर्शनकारी वहां से चारबाग की तरफ भागे। ओसीआर बिल्डिंग के पास जाकर वे फिर जमा हो गए। यहां भी पुलिस ने लाठियां बरसाईं और उन्हें खदेड़ा।
राहगीर भी आए चपेट में ः
कंप्यूटर अनुदेशकों के बवाल में हजरतगंज व विधान भवन के सामने कुछ राहगीर भी पुलिस की लाठीचार्ज की चपेट में आ गए। हुसैनगंज जा रहे आदिल ने बताया कि पुलिस की एक लाठी उन्हें भी पड़ी लेकिन जब उन्होंने बताया कि लविवि के छात्र हैं तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। वहीं सिविल अस्पताल के पास रिक्शे से जा रही एक बूढ़ी महिला लाठी चार्ज से डरकर चलते रिक्शे से कूद पड़ी। रिक्शा चालक भी रिक्शा छोड़कर भाग निकला।
विधानभवन पर धरना देकर पक्की नौकरी की मांग कर रहे थे
पूछा-क्या आप कंप्यूटर अनुदेशक हैं हां कहते ही ताबड़तोड़ लाठियां
ओसीआर बिल्डिंग के पास से भागे कंप्यूटर अनुदेशक चारबाग स्टेशन पहुंच गए। यहां भी पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। चारबाग स्टेशन व आसपास पुलिस लोगों से पूछती रही कि क्या वे कंप्यूटर अनुदेशक हैं। जिन्होंने हां कहा, उनपर ताबड़तोड़ लाठियां बरसा दीं।
ट्रैफिक घंटे भर रहा प्रभावित
प्रदर्शन और लाठीचार्ज से करीब एक घंटे तक हजरतगंज व हुसैनगंज तक यातायात भी बाधित हुआ। हालांकि यातायात पुलिस ने मोर्चा संभाला और यातायात को बहाल कराया।
सिविल अस्पताल में पटरी से उतरी व्यवस्था
लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल दर्जन भर से ज्यादा अनुदेशकों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल साथियों को लेकर अनुदेशकों की भीड़ पहुंचने से अस्पताल की व्यवस्था पटरी से उतर गई। घायलों को भर्ती करने के लिए कई मरीजों को इमरजेंसी वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा। भीड़ के चतले इमरजेंसी वार्ड से लेकर ट्रीटमेंट रूम तक अफरातफरी रही। इलाज के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को भी काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे का कहना है कि घायलों की भीड़ के बाद मरीजों को शिफ्ट किया गया। इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को इलाज दिया गया लेकिन भीड़ अधिक होने के चलते थोड़ी दिक्कत हुई थी।
समायोजन की मांग कर रहे कंप्यूटर अनुदेशकों ने सोमवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। जब वे सीएम आवास की ओर बढ़े तो पुलिस ने रोका और न मानने पर लाठियां बरसाईं। इस दौरान पिटाई से कई महिलाएं बेहोश हो गईं। एंबुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें ठेले से अस्पताल पहुंचाया गया।
हजरतगंज से चारबाग तक कंप्यूटर अनुदेशकों को घेर कर बरसाईं लाठियां, दर्जन भर से ज्यादा गंभीर रूप से घायल सिविल अस्पताल में भर्ती
यह है मांग ः
माध्यमिक विद्यालयों में संविदा पर कंप्यूटर अनुदेशकों की तैनाती की जाती है। पांच बरसों से सूबे में 4000 अनुदेशक कार्यरत थे। एसोसिएशन का कहना है कि समायोजन की मांग उठने पर 1400 अनुदेशकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। एसोसिएशन की मांग है कि इनकी बहाली के साथ ही सभी को व्यावसायिक शिक्षकों की तर्ज पर समायोजन किया जाए।
News Sabhaar : अमर उजाला (14.10.14)