72825 Teacher Recruitment
Information Shared By TET Member Morcha : -
यह पोस्ट c/p है
अपने विवेक का प्रयोग करे।
आज सचिव संजय सिन्हा के जी के साथ-साथ माध्यमिक शिंक्षा चयन बोर्ड को भी ज्ञापन दिया गया |माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड:उन्हें भर्ती में हो रहे फर्जीवाड़े से अवगत कराया और सी.डी. को ऑनलाइन करने के साथ-साथ भर्ती में पारदर्शिता बरतने हेतु चयनितों की सूची जारी करने को भी कहा गया |
संजय सिन्हा के यहाँ भी जो बिंदु हिंदुस्तान पेपर में छपे थे उनके सुबूत जुटाकर उन्हें ज्ञापन दिया गया |इस मौके पर संजीव मिश्रा , एस.के पाठक , अखिलेश त्रिपाठी , नवीन श्रीवास्तव, सच्चिदानंद चतुर्वेदी, अवनीश यादव, शशांक सोलंकी आदि साथियों के साथ मौजूद रहे |
बताये गए मुद्दो का विश्लेषण इस प्रकार है :
१) राजकीय रचनात्मक प्रशिक्षण महाविद्यालय (लखनऊ) से उत्तीर्ण एल.टी. तथा टीईटी पास अभ्यर्थी चयन के लिए अर्ह है या नहीं ?ये भर्ती केवल बी.एड अभ्यर्थियों के लिए है तो एल.टी. ग्रेड या अन्य कोई भी डिग्री धारक बी.एड से अलग इसके लिए पात्र नहीं है क्यूंकि शिक्षा के अधिनियम २००९ जो की १ अप्रैल २००९ को लागू हुआ था | उसके अनुसार सहायक अध्यापक पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित की गयी हैं |भारत के राजपत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी गयी अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० के अनुसार जिसमे समय-समय के संशोधन दिनांक २९ जुलाई २०११ के अनुसार कहीं भी एल.टी.ग्रेड डिग्री धारकों को या बी.एड से अलग कोई भी डिग्री धारकों को , ७२८२५ प्राइमरी शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जगह नहीं दी गयी है |
२) एमपी भोज मुक्त विवि के दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा को अर्ह माना जाये या नहीं ?राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ में दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है |ऐसी स्थिति में ये ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए पात्र नहीं है |
३) उस्मानिया विवि हैदराबाद से १९९५ के बाद वन सिटिंग स्नातक डिग्री वालों को अर्ह माना जाये या नहीं ?ऐसे अभ्यर्थी जो की १९९५-९६ के बाद के वन सिटिंग स्नातक हैं वे अर्ह नहीं हैं |इस पर इलाहाबाद और लखनऊ उच्च न्यायालय के आर्डर भी हैं जिसमे ऐसे अभ्यर्थियों को जो की १९९५-९६ के पहले ओस्मानिया विवि से बी.टी.सी किये भी हैं २०११ में पर इसके बाद के वन सिटिंग स्नातक अर्ह नहीं हैं |यू.जी.सी ने भी ऐसे अभ्यर्थियों को १९९५-९६ तक ही वैध माना है |
४) कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में कहीं भी दूरस्थ शिक्षा बीएड (ओपन यूनिवर्सिटी बीएड बाय डिस्टेंस लर्निंग मोड) का उल्लेख नहीं है |राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली (इग्नू) ही मात्र ऐसी दो विश्वविद्यालयों जिन्हे उच्च न्यायालय ने अर्ह माना था और साथ के साथ ने भी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद इन दोनों विश्वविद्यालयों को प्रदेश में चल रही ७२८२५ शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह माना है |उपरोक्त दोनों विश्वविद्यालयों के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक ३ पर दे चुकी है |ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
५) जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?जामिया मिलिया इस्लामिया विवि दिल्ली से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं है |ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
६) एनसीटीई अधिनियम १९९५ से पूर्व एवं १९९८ के पूर्व ४०/४५ प्रतिशत से कम अंकों से स्नातक यवम बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए ४५% अनारक्षित वर्ग एवं ४०% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं | इसमें समय समय के अनुसार किये गए स्नातक या बीएड का भी कोई प्रभाव नहीं है |
७) स्नातक में सामान्य जाती के ४५% से ऊपर तथा २०१० में बीएड में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों जिनके बीएड अंकपत्र में २०११ अंकित है को अर्ह माना जाये या नहीं ?ऐसे अभ्यर्थी जो की अपना बीएड २०१०-११ में किये थे और उन्होंने प्रवेश २०१० में लिया था के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विवि से स्नातक अथवा स्नातकोत्तर में ५०% (सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए) और अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए मात्र स्नातक या स्नातकोत्तर की अर्हता थी |राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए वर्ष २०१०-११ में ५०% अनारक्षित वर्ग एवं ४५% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं |
८) स्नातक में ४५% से कम अंक के बावजूद एनसीटीई अधिनियम के अनुसार परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?और१०) स्नातक में ४५% से कम ओर ४०% से अधिक अंकों के साथ स्नातक पास ओर २०११ में बीएड करने वाले एससी वर्ग को अर्ह माना जाये या नहीं ?उपरोक्त आश्य के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक १(ख) पर दे चुकी है |परन्तु इस आश्य में एक विसंगति है की अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी परास्नातक के आधार पर किये हुए बीएड बाहर हैं और वहीँ अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी जो की ५% छूट का लाभ ले रहे हैं जबकि बीएड करने में उन्हें कभी भी छूट नहीं मिली है और वे परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए हैं, वे काउंसलिंग में सम्मिलित हो रहे हैं और वहीँ दूसरी ओर जहाँ अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति को मात्र स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की वरीयता पर बीएड कराया जाता है बिना किसी निर्धारित प्रतिशत के वे भी कुछ तो ५% का लाभ ले रहे हैं परन्तु सभी के लिए नहीं है |अगर परास्नातक का उल्लेख ही नहीं है विज्ञापन में तो इस विसंगति का ध्यान रखा जाये ओर जो भी परास्नातक के आधार पर हैं किसी भी जाती का हो सभी को बाहर रखा जाये |
९) विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सेलम तमिलनाडु से दूरस्थ विधि से बीएससी/बायो टेक्नोलॉजी स्नातक डिग्री धारक को अर्ह माना जाये या नहीं ?
News Sabhaar: Social Media
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility
Test Updates / Teacher Recruitment /SARKARI
NAUKRI NEWS / SARKARI
NAUKRI
News
Information Shared By TET Member Morcha : -
यह पोस्ट c/p है
अपने विवेक का प्रयोग करे।
आज सचिव संजय सिन्हा के जी के साथ-साथ माध्यमिक शिंक्षा चयन बोर्ड को भी ज्ञापन दिया गया |माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड:उन्हें भर्ती में हो रहे फर्जीवाड़े से अवगत कराया और सी.डी. को ऑनलाइन करने के साथ-साथ भर्ती में पारदर्शिता बरतने हेतु चयनितों की सूची जारी करने को भी कहा गया |
संजय सिन्हा के यहाँ भी जो बिंदु हिंदुस्तान पेपर में छपे थे उनके सुबूत जुटाकर उन्हें ज्ञापन दिया गया |इस मौके पर संजीव मिश्रा , एस.के पाठक , अखिलेश त्रिपाठी , नवीन श्रीवास्तव, सच्चिदानंद चतुर्वेदी, अवनीश यादव, शशांक सोलंकी आदि साथियों के साथ मौजूद रहे |
बताये गए मुद्दो का विश्लेषण इस प्रकार है :
१) राजकीय रचनात्मक प्रशिक्षण महाविद्यालय (लखनऊ) से उत्तीर्ण एल.टी. तथा टीईटी पास अभ्यर्थी चयन के लिए अर्ह है या नहीं ?ये भर्ती केवल बी.एड अभ्यर्थियों के लिए है तो एल.टी. ग्रेड या अन्य कोई भी डिग्री धारक बी.एड से अलग इसके लिए पात्र नहीं है क्यूंकि शिक्षा के अधिनियम २००९ जो की १ अप्रैल २००९ को लागू हुआ था | उसके अनुसार सहायक अध्यापक पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित की गयी हैं |भारत के राजपत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी गयी अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० के अनुसार जिसमे समय-समय के संशोधन दिनांक २९ जुलाई २०११ के अनुसार कहीं भी एल.टी.ग्रेड डिग्री धारकों को या बी.एड से अलग कोई भी डिग्री धारकों को , ७२८२५ प्राइमरी शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जगह नहीं दी गयी है |
२) एमपी भोज मुक्त विवि के दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा को अर्ह माना जाये या नहीं ?राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ में दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है |ऐसी स्थिति में ये ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए पात्र नहीं है |
३) उस्मानिया विवि हैदराबाद से १९९५ के बाद वन सिटिंग स्नातक डिग्री वालों को अर्ह माना जाये या नहीं ?ऐसे अभ्यर्थी जो की १९९५-९६ के बाद के वन सिटिंग स्नातक हैं वे अर्ह नहीं हैं |इस पर इलाहाबाद और लखनऊ उच्च न्यायालय के आर्डर भी हैं जिसमे ऐसे अभ्यर्थियों को जो की १९९५-९६ के पहले ओस्मानिया विवि से बी.टी.सी किये भी हैं २०११ में पर इसके बाद के वन सिटिंग स्नातक अर्ह नहीं हैं |यू.जी.सी ने भी ऐसे अभ्यर्थियों को १९९५-९६ तक ही वैध माना है |
४) कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में कहीं भी दूरस्थ शिक्षा बीएड (ओपन यूनिवर्सिटी बीएड बाय डिस्टेंस लर्निंग मोड) का उल्लेख नहीं है |राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली (इग्नू) ही मात्र ऐसी दो विश्वविद्यालयों जिन्हे उच्च न्यायालय ने अर्ह माना था और साथ के साथ ने भी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद इन दोनों विश्वविद्यालयों को प्रदेश में चल रही ७२८२५ शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह माना है |उपरोक्त दोनों विश्वविद्यालयों के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक ३ पर दे चुकी है |ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
५) जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?जामिया मिलिया इस्लामिया विवि दिल्ली से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं है |ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
६) एनसीटीई अधिनियम १९९५ से पूर्व एवं १९९८ के पूर्व ४०/४५ प्रतिशत से कम अंकों से स्नातक यवम बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए ४५% अनारक्षित वर्ग एवं ४०% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं | इसमें समय समय के अनुसार किये गए स्नातक या बीएड का भी कोई प्रभाव नहीं है |
७) स्नातक में सामान्य जाती के ४५% से ऊपर तथा २०१० में बीएड में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों जिनके बीएड अंकपत्र में २०११ अंकित है को अर्ह माना जाये या नहीं ?ऐसे अभ्यर्थी जो की अपना बीएड २०१०-११ में किये थे और उन्होंने प्रवेश २०१० में लिया था के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विवि से स्नातक अथवा स्नातकोत्तर में ५०% (सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए) और अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए मात्र स्नातक या स्नातकोत्तर की अर्हता थी |राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए वर्ष २०१०-११ में ५०% अनारक्षित वर्ग एवं ४५% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं |
८) स्नातक में ४५% से कम अंक के बावजूद एनसीटीई अधिनियम के अनुसार परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?और१०) स्नातक में ४५% से कम ओर ४०% से अधिक अंकों के साथ स्नातक पास ओर २०११ में बीएड करने वाले एससी वर्ग को अर्ह माना जाये या नहीं ?उपरोक्त आश्य के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक १(ख) पर दे चुकी है |परन्तु इस आश्य में एक विसंगति है की अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी परास्नातक के आधार पर किये हुए बीएड बाहर हैं और वहीँ अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी जो की ५% छूट का लाभ ले रहे हैं जबकि बीएड करने में उन्हें कभी भी छूट नहीं मिली है और वे परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए हैं, वे काउंसलिंग में सम्मिलित हो रहे हैं और वहीँ दूसरी ओर जहाँ अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति को मात्र स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की वरीयता पर बीएड कराया जाता है बिना किसी निर्धारित प्रतिशत के वे भी कुछ तो ५% का लाभ ले रहे हैं परन्तु सभी के लिए नहीं है |अगर परास्नातक का उल्लेख ही नहीं है विज्ञापन में तो इस विसंगति का ध्यान रखा जाये ओर जो भी परास्नातक के आधार पर हैं किसी भी जाती का हो सभी को बाहर रखा जाये |
९) विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सेलम तमिलनाडु से दूरस्थ विधि से बीएससी/बायो टेक्नोलॉजी स्नातक डिग्री धारक को अर्ह माना जाये या नहीं ?
News Sabhaar: Social Media
UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment,Teacher Eligibility Test (TET), 72825 teacher vacancy in up latest news join blog , UPTET
, SARKARI NAUKRI NEWS, SARKARI NAUKRI
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
UPTET 72825 Latest News In Hindi | Join UPTET
Uptet | Uptet news | 72825 Teacher
Recruitment Uptet Latest News | 72825 Teacher Recruitment Uptet Breaking
News | 72825 Teacher Recruitment Uptet Fastest News | Uptet Result 2014 |
Only4uptet | 72825 Teacher Recruitment Uptet News Hindi |
72825 Teacher Recruitment Uptet Merit cutoff/counseling |
No comments:
Post a Comment
To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.