UPTET : Blog Article By Mr. Shyam Dev Mishra
****** नर हो न निराश करो मन को...****** *********************
टी.ई.टी. मेरिट से ७२८२५ प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की कानूनी लड़ाई के सम्बन्ध में हाल में ही फेसबुक पे स्वयं इस लड़ाई के अगुवा द्वारा हुआ रहस्योद्घाटन या स्वीकारोक्ति, कि उन्हें ११ सितम्बर की सुनवाई के चार दिन पहले से पता था कि, सरकार, कोर्ट और कोर्ट के प्रभावशाली लोगो के बीच सांठ-गाँठ से यही स्थिति आनेवाली है, से केवल और केवल टी.ई.टी. मेरिट से भर्ती की आस लगाये लोग हतप्रभ हैं, सम्बंधित व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरणों के बारे में लाख पूछने पर भी जवाबदेह लोगो की चुप्पी और ऊपर से आगे भी विश्वास रखने कि अपील का औचित्य अब अभ्यर्थियों को समझ में नहीं आ रहा. कुछ लोगो द्वारा यह कहा जाना कि २०० रुपये देकर २००००० रुपये का हिसाब पूछने का किसी को कोई हक़ नहीं है और जिसे कोर्ट केसेज की अबतक की हैंडलिंग से समस्या है, खुद आ कर लड़ ले, बड़े बचकाना या फिर बड़े ........... प्रतीत होते है.
स्पष्ट हो चुका है कि चंद लोगो के हाथों में बागडोर सौंप कर केवल परिणाम की प्रतीक्षा ज्यादातर अभ्यर्थियों के लिए अस्वीकार्य हो गई है. सबसे पहले तो जान लें कि अपनी लड़ाई भले ही दूसरों के साथ मिलकर लड़ी जाये, पर खुद भी लड़नी पड़ती है. इस दिशा में ११ सितम्बर से बाद अभ्यर्थियों द्वारा स्वयं कुछ करने के प्रयास शुरू हुए हैं जो हताश हो रहे अभ्यर्थियों को भी अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने लगे हैं. इस दिशा में २ दिन पहले देवरिया के भाई प्रियरंजन वर्मा द्वारा वर्तमान लड़ाई से अलग एक अलग लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है. उनके सगे मामा जी, आदरणीय अमरेन्द्र शरण जी (पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल, भारत सरकार २००४-२००९ एवं वर्तमान में सीनियर काउन्सिल, सुप्रीम कोर्ट) से उनके विचार विमर्श के आधार पर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय हर हाल में मिलेगा. वे इस लड़ाई में हर उस व्यक्ति का समर्थन चाहते है जो घर बैठकर रुपये देने के बजाय व्यक्तिगत रूप से अपनी भागीदारी निभाए, विचार-विमर्श में आ कर राय दे, निर्णयों में साझीदार हो ताकि लड़ाई के किसी चरण में अपने किसी साथी से किसी प्रकार की शिकायत की आशंका न रहे.
व्यक्तिगत रूप से कानपूर के भाई रत्नेश पाल, प्रतापगढ़ से वरिष्ठ साथी भाई विवेक सिंह (अधिवक्ता), दिल्ली के भाई देवेन्द्र सिंह और तमाम गंभीर और सक्रिय साथियों ने इस मुहिम का स्वागत किया है. ये सभी साथी इस मुहिम से न सर्फ सहमत हैं बल्कि विजय के प्रति आश्वस्त होकर एक नेता नहीं, एक आम अभ्यर्थी के रूप में जुड़ने को प्रतिबद्ध है. इन्होने अपने आस पास के जिलों और अपने संपर्क-क्षेत्र के लोगो को भी इस मुहिम से जोड़ने के प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं. मैं स्वयं टी.ई.टी. मेरिट से ही नौकरी पाने में सक्षम अभ्यर्थियों से अनुरोध करूँगा कि अगर एक पारदर्शी मुहिम का अंग बनकर अपने हक़ के लिए स्वयं सक्रिय रहकर किसी भी सीमा तक संघर्ष करना चाहते हैं, इस या इस जैसे प्रयासों को अपना बल प्रदान करें ताकि दूसरों के भरोसे बैठे रहना कहीं आत्मघाती न सिद्ध हो जाये.
नकारात्मक कमेंट्स बहुत आएंगे पर मेरे लिए वे निरर्थक है. पर जो इस तरह के प्रयासों में सहभागी होना चाहते हैं, उनके कमेंट्स, उनकी राय उनके प्रश्न, सभी का स्वागत है. सहमत साथी अपना नाम, टी.ई.टी. रोल नंबर (प्राथमिक स्तर), अपना मोबाइल नंबर और अपना पता, अपने फेसबुक आई.डी. तथा अपने सुझाव मेरे ई-मेल एड्रेस www.shyamdevmishra@gmail.com पर भेजे ताकि उपयुक्त बिन्दुओं को विचार-विमर्श के एजेंडे में शामिल किया जा सके और समय समय पर सार्वजनिक नहीं, आपसी संवाद हो सके. जल्द ही हम केवल ऐसे लोगो को लेकर एक ग्रुप बना कर मामले में विचार-विमर्श को केवल अपने साथियों तक सीमित रखने का भी कदम उठाएंगे और आगे का प्लान ऑफ़ एक्शन जानकारों या विशेषज्ञों से मशविरे के आधार पर आपस में मिलकर तय करेंगे. पर यह सब तभी संभव है जब आने-वाले एक-दो दिनों में यह मुहिम सम्पूर्ण आकार ले ले और हमे विश्वास हो जाये कि इस लड़ाई को लड़ने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्याबल उपलब्ध है. यहाँ हज़ारो मूकदर्शकों की तुलना में हम सैकड़ों सक्रिय सदस्यों को प्राथमिकता देते हैं. स्थिति को अत्यंत गंभीर समझकर जल्द-से-जल्द प्रतिक्रिया दें. अपने उन साथियों से भी अपने विवरण प्रेषित करने को कहें जो फेसबुक पर नहीं हैं पर इस मुहिम से जुड़ना चाहते है. मैं व्यक्तिगत रूप से हर बैठक में शामिल भले न रह पाऊं पर मुझसे इस लड़ाई में जिस किसी अभ्यर्थी ने अपेक्षा जताई है, उन्हें विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपके साथ यथासामर्थ्य सहयोग को प्रतिबद्ध हूँ पर अगर आप लड़ाई में न उतरे तो हार से बचना मुश्किल है, इसलिए आगे आये और अपनी लड़ाई को खुद लड़ें... इस से ही सिद्ध होगा कि आप अपने हक़ के लिए लड़ना भी चाहते हैं या नहीं...
इच्छुक साथी अपडेट्स के लिए मेरी facebook ID shyamdevmishra के मेरे ग्रुप
"Struggle for Right to Education Implementation : एक पहल" पे भी सम्बंधित पोस्ट्स और
कमेंट्स देखते रहें. .
केवल जानकारी के लिए संपर्क न करें पर गंभीर और कंधे-से-कंधा मिलाकर लड़ने को तैयार लोगो के हर प्रश्न-सुझाव का स्वागत है..
आपका साथी,
श्याम देव मिश्रा