NEWS ★पीपीएफ खाता★
सुरक्षित एवं बेहतर निवेश का सर्वोत्तम विकल्प
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
यूं तो लम्बे समय के लिए निवेश की दृष्टि से शेयर बाजार एक अच्छा विकल्प है, किन्तु उसमें रिस्क फैक्टर अधिक होने के कारण आम निवेशक उससे दूर ही रहते हैं। ऐसे लोग आमतौर से निवेश के लिए सरकारी बचत पत्र, बीमा या फिर एफ0डी0 को तवज्जो देते हैं। एक समय था जब सरकारी बचत पत्रों (एन.एस.सी.) का काफी क्रेज होता था, लेकिन जबसे उसमें ब्याज दरें कम हुई हैं, आम आदमी के मध्य उसका आकर्षण काफी कम हो गया है। इंश्योरेंस अथवा बीमा आज भी काफी लोगों की पसंद है। लेकिन उसे भी सर्विस टैक्स के दायरे में ले जाने के कारण बीमा जगत भी काफी प्रभावित रहा है और अब वह रिस्क कवर की दृष्टि से तो उपयोगी है, किन्तु इनकम टैक्स बचत अथवा निवेश की दृष्टि से उतना लाभप्रद नहीं रहा है।
इसी प्रकार सभी प्रकार की एफ.डी. के लिए पैन नम्बर आवश्यक हो जाने, लम्बी अवधि की एफ.डी. में ब्याज दरें कम होने तथा उसका लाभ इन्कम टैक्स के दायरे में आ जाने के कारण उसमें भी अब लोगों को उतना रूझान नहीं रहा है। ऐसे में लम्बे समय के निवेश के लिए एक सबसे सुरक्षित और लाभप्रद विकल्प के रूप सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (Public Provident Fund -PPF) एक बेहतर विकल्प है।
पी.पी.एफ. खाता क्या है?
लम्बे निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पी.पी.एफ. खाता को प्रोत्साहित किया जाता है। यह पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है। पहले यह खाता सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक में ही खुल सकता था, किन्तु अब अन्य बैंकों को पी.पी.एफ. खाते के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।
पी.पी.एफ. खाता एकल प्रकार का खाता होता है, जो स्वयं अथवा नाबालिग बच्चे के नाम से भी खोला जा सकता है। इसे पति-पत्नी दोनों के नाम से अलग-अलग भी खोला जा सकता है। यह खात आमतौर 15 वर्षों के लिए डिजाइन है, जिसे 15 वर्षों के बाद भी 05-05 वर्ष की अवधि के लिए जब तक आप चाहें, बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त खाते की परिपक्वता के बाद भी यदि इसका पैसा एकाउंट में जमा रहता है, तो भी उस पर ब्याज प्राप्त होता रहता है। इस खाते के संचालन के लिए उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि खाता कुर्की मुक्त होता है।
पी.पी.एफ. का लाभ
पी.पी.एफ. खाते में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रू0 जमा करना आवश्यक (न्यूनतम राशि न जमा करने पर रू0 50 का अर्थदण्ड लागू) होता है। इस खाते में प्रतिवर्ष अधिकतम 1.5 लाख रू0 जमा किये जा सकते हैं। यह धनराशि एकमुश्त अथवा 12 किश्तों में जमा की जा सकती है। इस खाते में जमा की जाने वाली राशि पर आयकर की धारा 80सी के इनकम टैक्स में छूट प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त इसपर मिलने वाले ब्याज तथा इसकी परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर भी इनकम टैक्स से छूट प्राप्त होता है।
पी.पी.एफ. खाते को अधिक लाभप्रद बनाने के लिए सरकार ने इसे बाजार से सीधे जोड़ दिया है, जिसकी वजह से इसके बॉंड पर जो लाभ प्राप्त होता है, उसी के अनुपात में निवेशको को ब्याज दर प्रदान की जाती है। इसकी घोषण हर साल सरकार द्वारा की जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में पी.पी.एफ. पर 8.70 फीसदी ब्याज प्रदान किया गया है।
पी.पी.एफ. में ब्याज की गणना वार्षित तौर पर होती है,लेकिन इसका आधार हर माह की 5 तारीख को खाते में उपलब्ध राशि के आधार पर किया जाता है। इसलिए खाता धारक को चाहिए कि वह माह की 01 से लेकर 04 तारीख के मध्य ही इस खाते में रूपये जमा करे, जिससे उसे अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके।
लोन एवं धन निकासी की सुविधा:
प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को रू. 1 लाख के निवेश पर मिलने वाला लाभ
यूं तो पी.पी.एफ. खाता 15 वर्ष के लिए खोला जाता है, किन्तु आकस्मिक रूप से जरूरत पड़ने पर इसमें जमा राशि पर लोन लिया जा सकता है तथा इसकी परिपक्वता से पूर्व भी इससे पैसा निकाला जा सकता है। इस खाते के अन्तर्गत खाताधारक 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के बाद लोन के लिए आवेदन कर सकता है। लोन के लिए यह नियमावली है कि अप्लाई करने के दो वर्ष पूर्व खाता धारक के एकाउंट में कितनी धनराशि जमा होती है, उसका 50 प्रतिशत लोन के रूप में दिया जा सकता है, जिसे 36 महीने में चुकाया जाना आवश्यक होगा।
पी.पी.एफ. एकाउंट की परिपक्वता से पूर्व धन निकासी के लिए 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने की बाध्यता है। 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने खाते से 03 साल पूर्व में खाते में उपलब्ध राशि का 50 प्रतिशत अंश अग्रिम भुगतान के रूप में प्राप्त कर सकता है।
यह खाता बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी तथा रिटायरमेंट के बाद के जीवन की आर्थिक आवश्यकताओं के मद्देनजर अच्छा विकल्प है। यदि आपने अभी तक पी.पी.एफ. एकाउंट नहीं खुलवाया है, तो इसपर गंभीरता से विचार करें। क्योंकि लम्बे निवेश के लिए यह सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।
पी.पी.एफ. बनाम एन.एस.सी.
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर दूं कि पी.पी.एफ. लम्बी अवधि के लिए किया गया निवेश है, जबकि एन.एस.सी. एक शार्ट टर्म प्लान है। इसके अतिरिक्त पी.पी.एफ. एकाउंट जहां बैंक एवं पोस्ट आफिस दोनों में खुलवाया जा सकता है, एन.एस.सी. सिर्फ पोस्ट आफिस में ही बनती है। एन.एस.सी. 5 एवं 10 वर्ष के विकल्पों में उपलब्ध है, किन्तु दोनों में मिलने वाले ब्याज एवं लाभ में अंतर है। जैसे कि 05 साल की एन.एस.एसी. पर 8.40 प्रतिशत की दर से ब्याज प्राप्त होता है, जबकि 10 दस साल की एन.एस.एसी. पर 8.7 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। इस हिसाब से यदि 10 हजार रूपये की एनएससी 5 वर्ष के लिए ली जाए, तो उसके मैच्योर होने पर 15,162 रू0 प्राप्त होंगे और यदि इतनी ही राशि की एनएससी 10 वर्ष के लिए ली जाए, परिपक्वता पर 23, 660 रू0 मिलेंगे।
लेकिन इसके साथ ही साथ इसमें एक और कंडीशन है, जो 10 वर्ष की एन.एस.एसी. को हतोत्साहित करती है। वह शर्त यह है कि 5 वर्ष की एन.एस.एसी. पर मिलने वाला ब्याज तो आपकी इनकम में नहीं जुड़ता है किन्तु 10 वर्ष की एन.एस.एसी. पर मिलने वाला ब्याज आपकी इनकम में जुड जाता है। इस तरह से 10 वर्ष की एन.एस.एसी. का ब्याज भले ही पीपीएफ के समान हो, लेकिन इनकम टैक्स में राहत के लिहाज से यह पिछड़ जाती है। इसलिए यदि आप कुछ समय, जैसे कि 5 वर्ष के लिए निवेश करना चाहते हों, तो एन.एस.एसी. एक अच्छा विकल्प है, किन्तु यदि आप लम्बे समय के लिए अपना पैसा निवेश करना चाहते हों, तो ऐसे में पी.पी.एफ. ही सर्वोत्तम विकल्प है।
सुरक्षित एवं बेहतर निवेश का सर्वोत्तम विकल्प
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
यूं तो लम्बे समय के लिए निवेश की दृष्टि से शेयर बाजार एक अच्छा विकल्प है, किन्तु उसमें रिस्क फैक्टर अधिक होने के कारण आम निवेशक उससे दूर ही रहते हैं। ऐसे लोग आमतौर से निवेश के लिए सरकारी बचत पत्र, बीमा या फिर एफ0डी0 को तवज्जो देते हैं। एक समय था जब सरकारी बचत पत्रों (एन.एस.सी.) का काफी क्रेज होता था, लेकिन जबसे उसमें ब्याज दरें कम हुई हैं, आम आदमी के मध्य उसका आकर्षण काफी कम हो गया है। इंश्योरेंस अथवा बीमा आज भी काफी लोगों की पसंद है। लेकिन उसे भी सर्विस टैक्स के दायरे में ले जाने के कारण बीमा जगत भी काफी प्रभावित रहा है और अब वह रिस्क कवर की दृष्टि से तो उपयोगी है, किन्तु इनकम टैक्स बचत अथवा निवेश की दृष्टि से उतना लाभप्रद नहीं रहा है।
इसी प्रकार सभी प्रकार की एफ.डी. के लिए पैन नम्बर आवश्यक हो जाने, लम्बी अवधि की एफ.डी. में ब्याज दरें कम होने तथा उसका लाभ इन्कम टैक्स के दायरे में आ जाने के कारण उसमें भी अब लोगों को उतना रूझान नहीं रहा है। ऐसे में लम्बे समय के निवेश के लिए एक सबसे सुरक्षित और लाभप्रद विकल्प के रूप सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (Public Provident Fund -PPF) एक बेहतर विकल्प है।
पी.पी.एफ. खाता क्या है?
लम्बे निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पी.पी.एफ. खाता को प्रोत्साहित किया जाता है। यह पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है। पहले यह खाता सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक में ही खुल सकता था, किन्तु अब अन्य बैंकों को पी.पी.एफ. खाते के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।
पी.पी.एफ. खाता एकल प्रकार का खाता होता है, जो स्वयं अथवा नाबालिग बच्चे के नाम से भी खोला जा सकता है। इसे पति-पत्नी दोनों के नाम से अलग-अलग भी खोला जा सकता है। यह खात आमतौर 15 वर्षों के लिए डिजाइन है, जिसे 15 वर्षों के बाद भी 05-05 वर्ष की अवधि के लिए जब तक आप चाहें, बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त खाते की परिपक्वता के बाद भी यदि इसका पैसा एकाउंट में जमा रहता है, तो भी उस पर ब्याज प्राप्त होता रहता है। इस खाते के संचालन के लिए उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि खाता कुर्की मुक्त होता है।
पी.पी.एफ. का लाभ
पी.पी.एफ. खाते में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रू0 जमा करना आवश्यक (न्यूनतम राशि न जमा करने पर रू0 50 का अर्थदण्ड लागू) होता है। इस खाते में प्रतिवर्ष अधिकतम 1.5 लाख रू0 जमा किये जा सकते हैं। यह धनराशि एकमुश्त अथवा 12 किश्तों में जमा की जा सकती है। इस खाते में जमा की जाने वाली राशि पर आयकर की धारा 80सी के इनकम टैक्स में छूट प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त इसपर मिलने वाले ब्याज तथा इसकी परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर भी इनकम टैक्स से छूट प्राप्त होता है।
पी.पी.एफ. खाते को अधिक लाभप्रद बनाने के लिए सरकार ने इसे बाजार से सीधे जोड़ दिया है, जिसकी वजह से इसके बॉंड पर जो लाभ प्राप्त होता है, उसी के अनुपात में निवेशको को ब्याज दर प्रदान की जाती है। इसकी घोषण हर साल सरकार द्वारा की जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में पी.पी.एफ. पर 8.70 फीसदी ब्याज प्रदान किया गया है।
पी.पी.एफ. में ब्याज की गणना वार्षित तौर पर होती है,लेकिन इसका आधार हर माह की 5 तारीख को खाते में उपलब्ध राशि के आधार पर किया जाता है। इसलिए खाता धारक को चाहिए कि वह माह की 01 से लेकर 04 तारीख के मध्य ही इस खाते में रूपये जमा करे, जिससे उसे अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके।
लोन एवं धन निकासी की सुविधा:
प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को रू. 1 लाख के निवेश पर मिलने वाला लाभ
यूं तो पी.पी.एफ. खाता 15 वर्ष के लिए खोला जाता है, किन्तु आकस्मिक रूप से जरूरत पड़ने पर इसमें जमा राशि पर लोन लिया जा सकता है तथा इसकी परिपक्वता से पूर्व भी इससे पैसा निकाला जा सकता है। इस खाते के अन्तर्गत खाताधारक 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के बाद लोन के लिए आवेदन कर सकता है। लोन के लिए यह नियमावली है कि अप्लाई करने के दो वर्ष पूर्व खाता धारक के एकाउंट में कितनी धनराशि जमा होती है, उसका 50 प्रतिशत लोन के रूप में दिया जा सकता है, जिसे 36 महीने में चुकाया जाना आवश्यक होगा।
पी.पी.एफ. एकाउंट की परिपक्वता से पूर्व धन निकासी के लिए 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने की बाध्यता है। 05 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने खाते से 03 साल पूर्व में खाते में उपलब्ध राशि का 50 प्रतिशत अंश अग्रिम भुगतान के रूप में प्राप्त कर सकता है।
यह खाता बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी तथा रिटायरमेंट के बाद के जीवन की आर्थिक आवश्यकताओं के मद्देनजर अच्छा विकल्प है। यदि आपने अभी तक पी.पी.एफ. एकाउंट नहीं खुलवाया है, तो इसपर गंभीरता से विचार करें। क्योंकि लम्बे निवेश के लिए यह सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।
पी.पी.एफ. बनाम एन.एस.सी.
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर दूं कि पी.पी.एफ. लम्बी अवधि के लिए किया गया निवेश है, जबकि एन.एस.सी. एक शार्ट टर्म प्लान है। इसके अतिरिक्त पी.पी.एफ. एकाउंट जहां बैंक एवं पोस्ट आफिस दोनों में खुलवाया जा सकता है, एन.एस.सी. सिर्फ पोस्ट आफिस में ही बनती है। एन.एस.सी. 5 एवं 10 वर्ष के विकल्पों में उपलब्ध है, किन्तु दोनों में मिलने वाले ब्याज एवं लाभ में अंतर है। जैसे कि 05 साल की एन.एस.एसी. पर 8.40 प्रतिशत की दर से ब्याज प्राप्त होता है, जबकि 10 दस साल की एन.एस.एसी. पर 8.7 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। इस हिसाब से यदि 10 हजार रूपये की एनएससी 5 वर्ष के लिए ली जाए, तो उसके मैच्योर होने पर 15,162 रू0 प्राप्त होंगे और यदि इतनी ही राशि की एनएससी 10 वर्ष के लिए ली जाए, परिपक्वता पर 23, 660 रू0 मिलेंगे।
लेकिन इसके साथ ही साथ इसमें एक और कंडीशन है, जो 10 वर्ष की एन.एस.एसी. को हतोत्साहित करती है। वह शर्त यह है कि 5 वर्ष की एन.एस.एसी. पर मिलने वाला ब्याज तो आपकी इनकम में नहीं जुड़ता है किन्तु 10 वर्ष की एन.एस.एसी. पर मिलने वाला ब्याज आपकी इनकम में जुड जाता है। इस तरह से 10 वर्ष की एन.एस.एसी. का ब्याज भले ही पीपीएफ के समान हो, लेकिन इनकम टैक्स में राहत के लिहाज से यह पिछड़ जाती है। इसलिए यदि आप कुछ समय, जैसे कि 5 वर्ष के लिए निवेश करना चाहते हों, तो एन.एस.एसी. एक अच्छा विकल्प है, किन्तु यदि आप लम्बे समय के लिए अपना पैसा निवेश करना चाहते हों, तो ऐसे में पी.पी.एफ. ही सर्वोत्तम विकल्प है।
No comments:
Post a Comment
To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.