Monday, October 24, 2016

News - - समाजवादी मुलायम के कुनबे में फसाद के पीछे हैं ये सात अहम किरदार

   News - 


समाजवादी मुलायम के कुनबे में फसाद के पीछे हैं ये सात अहम किरदार

शिवपाल-अखिलेश के बीच छिड़ी आर-पार की लड़ाई। समाजवादी पार्टी को बचाने की कोशिश में मुलायम।

 Mon, Oct 24, 2016



लखनऊ। समाजवादी पार्टी की सभा में सोमवार को हाई वोल्टेज पोलिटिकल ड्रामा हुआ जिसमें चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच सुलह करवाने की कोशिश करते मुखिया मुलायम सिंह दिखे।

समाजवादी पार्टी के अंदर चाचा-भतीजे के झगड़े की शुरुआत 2011 में हुई थी और 2016 में यह लड़ाई अपने अंत की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। 2011 में जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी थी तो मुखिया मुलायम सिंह यादव ने ही अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस झगड़े का बीज बो दिया था।

मुलायम सिंह यादव के बाद समाजवादी पार्टी में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, यही सवाल चाचा-भतीजे के बीच लड़ाई की सबसे बड़ी वजह है। दोनों इस वर्चस्व की लड़ाई में अब एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो चुके हैं।

समाजवादी पार्टी टूटेगी या बचेगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन आइए हम आपको बताते हैं कि समाजवादी परिवार में हुए झगड़े की कहानी में कौन-कौन से किरदार अहम भूमिका में हैं?

 मुलायम के सामने  भिड़े अखिलेश और शिवपाल

 



 : Shivpal statement before called meeting by Mulayam Singh

समाजवादी पार्टी के ताकतवर किरदार

2011 तक समाजवादी पार्टी में चार किरदार सबसे ताकतवर थे। मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राम गोपाल यादव और सपा का मुस्लिम चेहरा रहे आजम खान। मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को खड़ा किया और इसे मजबूत बनाने में बाकी चारों किरदारों ने अहम भूमिका निभाई।

शिवपाल सिंह यादव, मुलायम के सगे भाई हैं और राम गोपाल यादव चचेरे भाई। रामगोपाल यादव काफी पढ़े लिखे हैं और सपा के दिमाग माने जाते हैं, वहीं शिवपाल जमानी स्तर पर लोगों के बीच सपा को मजबूत बनाने की प्रमुख भूमिका में बने रहे। उधर आजम खान मुस्लिमों को सपा से जोड़ने की वजह से काफी ताकतवर बन गए।

2012 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जब सपा जुटी तो इसमें एक और किरदार ने कदम रखा। मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश सिंह यादव को न सिर्फ सपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया बल्कि उनको सीएम बनाने के लिए भी प्रोजेक्ट कर दिया।

यह बात शिवपाल और आजम खान पचा नहीं पाए क्योंकि ये दोनों ही मुलायम के बाद सपा की बागडोर संभालना चाहते थे। कहानी दरअसल यहीं से शुरू होती है। आगे जानिए अखिलेश को सपा में आगे बढ़ाने में किसकी भूमिका रही और कौन हैं अखिलेश के सबसे करीबी?

 



राम गोपाल यादव

बताया जाता है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को अखिलेश को पार्टी में आगे बढ़ाने के लिए राजी किया। 2011 में जब शिवपाल सिंह यादव और आजम खान यूपी का सीएम बनने का सपना देख रहे थे तो राम गोपाल यादव ने ही उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। 2011 से 2016 के बीच राम गोपाल यादव हमेशा अखिलेश के साथ खड़े रहे। पार्टी में शिवपाल का कद छोटा करने में राम गोपाल यादव ने बड़ी भूमिका निभाई।

जब पिछले महीने में मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल का कद बड़ा करने के लिए अचानक अखिलेश यादव को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया तो राम गोपाल ने ही मुलायम के गुस्से की सूचना अखिलेश को दी। इसके बाद अखिलेश ने शिवपाल का कद छोटा करने के लिए उनसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिए थे।

लेकिन उस समय चाचा-भतीजे में तात्कालिक सुलह करा दी गई थी। रविवार को अखिलेश यादव ने फिर शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है।

इसके कुछ देर बाद ही प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने महासचिव राम गोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। शिवपाल ने राम गोपाल पर भाजपा से मिलीभगत कर पार्टी को तोड़ने की साजिश करने का आरोप लगाया। आगे जानिए, अखिलेश से रार करने की भूमिका में कैसे आए शिवपाल।

 



शिवपाल सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव के बाद उनकी विरासत को सगे भाई शिवपाल सिंह यादव संभालना चाहते थे लेकिन मुलायम ने अचानक अखिलेश यादव को अपनी विरासत सौंपने का फैसला लिया। वहीं से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की रार शुरू हुई।

उस समय शिवपाल ने नंबर 2 पोजिशन के लिए समझौता कर लिया था लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा बनी रही। यही वजह है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है। रविवार को यह लड़ाई तब जंग में बदल गई जब शिवपाल को अखिलेश ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।

आगे जानिए, किसने शिवपाल को अखिलेश के खिलाफ भड़काया।

 



आजम खान

समाजवादी पार्टी के मुस्लिम चेहरा रहे आजम खान भी यूपी का सीएम बनना चाहते थे। लेकिन अखिलेश उनके रास्ते में आ गए। कहा जाता है कि आजम खान ने इसके बाद अखिलेश के खिलाफ चाचा शिवपाल सिंह यादव को भड़काया।

शिवपाल सिंह की सीएम बनने की महत्वाकांक्षा का फायदा आजम खान ने उठाया और अखिलेश के खिलाफ उनको खड़ा किया। उधर, राम गोपाल यादव शिवपाल के खिलाफ अखिलेश का साथ देते रहे।

आगे जानिए, शिवपाल-आजम की गुटबंदी से कैसे संघर्ष कर रहे हैं अखिलेश?

 



अखिलेश सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की विरासत 2011 में अपने बेटे अखिलेश सिंह यादव को सौंप दिया। 2012 के यूपी इलेक्शन में सपा को अभूतपूर्व सफलता मिली और अखिलेश सीएम बन गए। उनके सीएम बनते ही पार्टी में नंबर वन बनने का सपना देख रहे शिवपाल सिंह यादव और आजम खान को झटका लगा।

सपा में शिवपाल की पकड़ काफी मजबूत थी। अखिलेश ने धीरे-धीरे पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत बनानी शुरू की और खासतौर पर युवाओं को सपा से जोड़ने का अभियान चलाया। शिवपाल के खिलाफ मजबूती से खड़े होने में चाचा राम गोपाल यादव ने बड़ी भूमिका निभाई।

शिवपाल का कद पार्टी में छोटा करने के लिए अखिलेश ने बहुत शांति से काम लिया। 2011 में अचानक पार्टी में उभरे अखिलेश 5 साल बाद अब इतने मजबूत हो चुके हैं कि जब उनसे मुलायम ने पार्टी अध्यक्ष पद छीनकर शिवपाल को दिया तो पिछले महीने उन्होंने भी शिवपाल का कद छोटा करने के लिए उनसे कई मंत्रालय छीन लिए थे।

उस समय झगड़ा सुलझ गया था और अखिलेश ने शिवपाल से छीने गए मंत्रालय उनको लौटा दिए थे। लेकिन रविवार को फिर अखिलेश ने शिवपाल को मंत्री पद से बर्खास्त कर अपनी ताकत का अहसास कराया।

आगे जानिए कि अखिलेश के खिलाफ मुलायम को किसने भड़काया?

 



अमर सिंह

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पिछले महीने यूपी के सीएम और बेटे अखिलेश यादव को हटाकर शिवपाल को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। बताया जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव को ऐसा करने के लिए अमर सिंह ने भड़काया। इसके बाद ही अखिलेश और शिवपाल में और ज्यादा ठन गई और एक्शन का रिएक्शन होना शुरू हो गया।

अमर सिंह समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के करीबी रहे हैं। अखिलेश और राम गोपाल यादव के गुट की उनसे नहीं बनती है। रविवार को शिवपाल यादव और चार मंत्रियों को सीएम अखिलेश यादव ने बर्खास्त करते हुए पार्टी में फूट डालने के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया।

अखिलेश ने कहा कि अमर सिंह का साथ देनेवालों के वह खिलाफ हैं। लेकिन मुलायम सिंह यादव इस मसले पर अखिलेश के खिलाफ और अमर सिंह के पक्ष में खड़े हो गए।

आगे जानिए, सपा के सबसे प्रमुख किरदार मुलायम सिंह यादव की क्या है भूमिका?

 
अखिलेश की सौतेली माँ: ये भी खबर है कि अखिलेश के सौतेले भाई 1988 में जन्मे प्रतीक यादव भी सपा में कैरियर बनाने की जुगत में हैं, और उनकी सौतेली माँ भी राजैतिक विरासत में अधिकार चाहती हैं, शिवपाल और सौतेली माँ की सांट गांठ से अखिलेश का राजनीतिक करियर खतरे में आने लगा है।


मुलायम सिंह यादव

सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पार्टी की धुरी हैं। उन्हीं की वजह से पार्टी एकजुट है और वही आपसी झगड़ों को निपटाकर पार्टी को टूटने से बचाते रहे हैं। बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल के बीच फंसे मुलायम सिंह यादव दोनों के बीच शक्ति संतुलन बनाने की कोशिशों में लगे रहते हैं।

मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश यादव को 2011 में शिवपाल के ऊपर पार्टी में तरजीह दी थी। तब शिवपाल का कद उन्होंने ही छोटा किया था। पार्टी में नंबर 2 पोजिशन के लिए शिवपाल ने समझौता कर लिया लेकिन नंबर 1 बनने की कोशिश नहीं छोड़ी।

उधर अखिलेश नंबर 1 बने रहने के लिए शिवपाल का कद छोटा करने की कोशिश में लगे रहे। इन दोनों के झगड़ों को मुलायम ही सुलझाते रहे हैं। रविवार को शुरू हुए झगड़े को भी मुलायम सुलझाने में लगे हैं।


!

Read more about:मुलायम सिंह यादव|समाजवादी पार्टी|अमर सिंह|अखिलेश यादव




Samajwadi Party is again in political war. Uttar Pradesh CM Akhilesh Yadav and Shivpal Singh Yadav are in fight for the legacy of Mulayam Singh Yada


 UPTET  / टीईटी TET - Teacher EligibilityTest Updates /   Teacher Recruitment  / शिक्षक भर्ती /  SARKARI NAUKRI NEWS  
UP-TET 201172825 Teacher Recruitment,Teacher Eligibility Test (TET), 72825 teacher vacancy in up latest news join blog , UPTET , SARKARI NAUKRI NEWS, SARKARI NAUKRI
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
http://joinuptet.blogspot.com
 Shiksha Mitra | Shiksha Mitra Latest News | UPTET 72825 Latest Breaking News Appointment / Joining Letter | Join UPTET Uptet | Uptet news | 72825  Primary Teacher Recruitment Uptet Latest News | 72825  Teacher Recruitment Uptet Breaking News | 72825  Primary Teacher Recruitment Uptet Fastest News | Uptet Result 2014 | Only4uptet | 72825  Teacher Recruitment  Uptet News Hindi | 72825  Teacher Recruitment  Uptet Merit cutoff/counseling Rank District-wise Final List / th Counseling Supreme Court Order Teacher Recruitment / UPTET 72825 Appointment Letter on 19 January 2015A | 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment,

CTETTEACHER ELIGIBILITY TEST (TET)NCTERTEUPTETHTETJTET / Jharkhand TETOTET / Odisha TET  ,
Rajasthan TET /  RTET,  BETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility TestWest Bengal TET / WBTETMPTET / Madhya Pradesh TETASSAM TET / ATET
UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TETHPTET / Himachal Pradesh TET
 

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.