UPTET- एक B Ed धारी के अनुसार शिक्षा मित्रों की नियुक्ति रद्द होने के बाद लाखों पद खाली और B ED BTC TET पास सभी की भर्ती संभव -
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CTET, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), NCTE, RTE, UPTET, HTET, JTET / Jharkhand TET, OTET / Odisha TET ,
Rajasthan TET / RTET, BETET / Bihar TET, PSTET / Punjab State Teacher Eligibility Test, West Bengal TET / WBTET, MPTET / Madhya Pradesh TET, ASSAM TET / ATET
, UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET , APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TET, HPTET / Himachal Pradesh TET
M.p. Singh >>
शुभ-सँध्या
आज सम्भवतः पैसे का बोलबाला खत्म हो गया।एक ऐसा केस जिसे गाँव का रघुआ भी सुनकर/देखकर समझ ले,जान ले कि ये गलत है।उस केस को भी सुनने और समझने में देश की व्यस्ततम अदालत ने लगभग एक सप्ताह लगा दिया,ऐसा इस लिये ही था कि बहुत कुछ ऐसा होने जा रहा है जो एक बड़े समूह के लिये अनिष्ट है,अशुभ है।हम हाईकोर्ट में इसलिये हारे कि हमें सुना नही गया, आखिर इस कपोलकल्पित बयान को झुठलाते हुये न्यायपालिका में जनजन के विश्वास को जिंदा जो रखना था।इसीलिये वो बोलते गये और और न्यायमूर्ति सुनते गये।अब कोर्ट तो कोर्ट है कोई ऑलइंडिया रेडियो तो है नहीं जहाँ बोलने का ही बोल बाला हो कोर्ट में बोलबाला होता है न्याय का,आई सी यू,वेंटिलेटर,कृत्तिम साँसे मोटे पैसे के ऐवज़ में किसी को जीवन के नाम पर भृमित तो कर सकते हैं किंतु जीवन दान कदापि प्रदान नही कर सकते अतः यहाँ भी आपके सारे वकील, दलील,धराशायी हो गये।यद्यपि आप के संगठन के सम्मुख हमारे मोर्चे की औकात ऐसे ही थे जैसे मानो अमरीका के सामने तिब्बत हो,क्योंकि न्याय को खरीदने के नाम पर जो सहयोग ब्लॉक से लेकर प्रदेश भर में एकत्रित हुआ था उसे जोड़ने में केल्कुलेटर की डिस्प्ले भी फेल हो गयी होगी,तमाम ज़ीरो बहत्तर में इकाई दहाई से कहाँ जोड़े और कहाँ खत्म करें कुछ नही पता,एस एम की वर्तमान दशा के लिये जितना ज़िम्मेदार पूर्ववर्ती सरकारें रही हैं उतने ही उत्तरदायी उनके संगठन के नेता भी हैं,क्योंकि बैलगाड़ी हाँकने वाला रेलगाड़ी हाँके समझ मे आता है,लेकिन आप ने तो सीधे जेट विमान के कॉक पिट में ही बैठा दिया।ईश्वर आप सभी को इस असहनीय पीड़ा से निकलने की शक्ति दे और आप सभी जिन नेताओ के कुर्ते में चिपक कर सेल्फीबाजी करते हो उसे छोड़कर प्रदेश सरकार के उस न्यायसंगत शब्द का मतलब खोजने में अभी से लग जाओ।
अब बात करते हैं बी एड टेट उत्त्तीर्ण साथियों की जिन्हें अभी एक जंग के तुरन्त बाद उस जंग के लिये भी ततपर रहना है जो हमें अपने ही अनुज अर्थात बी टी सी धारकों से लड़नी है।मेरी सभी बी टी सी धारकों से अपील के साथ अपेक्षा भी है कि पद बहुत हैं,मिल बाँटकर समझ लो तो बेहतर,क्योंकि एक एक क्वार्टर चावल के लिये मार काट मचाने वाले हमारे अनुज ये जानते ही होंगे कि ये राइस मिल की श्रंखला खड़ी करने में बी एड टेट उत्त्तीर्ण का बहुत योगदान है,सभी को मिल जायेगा बशर्ते ज्यादा चिल्लम चिल्ल नहीं।जहाँ तक आपकी बात है आपके पास बहुत वक्त है,हमारे लोगों के पास नहीं।
जहाँ तक बात उन याचियों की करूँ जो याची बनते समय अपने अपने सर्वोत्तम को खोजते हुये उन लोगों तक पहुँचे थे जो याचिका दाखिल करने वाले थे,उनमें से लगभग 10 फीसदी चोरकट मैदान छोड़कर गायब हैं,यदि दिखते भी हैं तो डेट के निकट आने पर अपने व्हाट्स एप्प ग्रुप में जहाँ वो याचियों में आतँक पैदा कर सकें कि उन्हें पैसा नही दिये जाने पर वे कायनात पलट देंगे।ऐसा कुछ भी नही है,तुम भगौड़े हो,और फिर भागोगे,तब पुरानी करेंसी लेकर भागे थे अभी नयी उम्मीद के साथ ही नयी नोटे लेकर भागोगे।ये वही याची मेकर हैं जो न्यूनतम मूल्य में याची खेल में उतरे थे।
उन सबके इतर हमारे भावी शिक्षक पूरे मामले में अपना बेहतर से बेहतर देने का प्रयास कर रहे हैं।धन की बर्बादी ज़रूर हुयी किन्तु कई बार अनुपयोगी रूप से भी हमारे साथियों ने वकील भेजकर कोई जोखिम नही उठाया,ये तो न्यायमूर्ति महोदय का नज़रिया था अन्यथा कभी भी हमारे वकीलों को इन होमगार्ड्स से आई पी एस बनें कप्तानों की कप्तानी पर कॉउंटर भी करना पड़ता।जागरूक याचियों आपको बताना इसलिये आवश्यक है क्योंकि हमारे सिपाही धनाभाव में भी ज़मीन्दोज होकर डटे हैं,आप याची बनकर कुछ यों बैठ गये जैसे आप ने आई ए एस का साक्षात्कार पास कर लिया हो,अब सरकार आपको सीधे देहरादून ट्रेनिग पर भेजेगी और आप कलेक्टर बन कर निकलोगे।यार पिछली सरकार में फर्जी विज्ञापन पर प्रति व्यक्ति 40 हजार से अधिक का सहयोग समाजवादियों को सैफई में नाच करवाने हेतु पहुँचे इस दिशा में न कोई बाबू,न ही बेबी,और न ही बेबे(दादी)ने कोई कोर कसर छोड़ी थी,आपके चालाक चालान का हिसाब मालूम है मुझे।जितनी तारीखें मोर्चे ने पूरे साल में झेली हैं उतनी ही इधर एक हफ्ते में झेल चुका है,याचना करने वाला बेचारा अपने याचियों को लिखता रहता है,90फीसदी याची मक्कर मार कर सोया हुआ है।अगले दो दिन बेहद महत्वपूर्ण इसलिये हैं क्योंकि पिछले सात दिन से जज साहब सुपर सीनियर को सुनते आये हैं,अतः अब बात हमारे लोकस की आती है,हमारा ग्रीवांस कहाँ है ये कोई सुपर सीनियर ही बतायेगा, लेकिन तब जब आप नयी नोट को नयी दुल्हन न समझकर बिटिया समझोगे और विदा कर दोगे ताकि आपको इस केस के ऐन मौके पर कुछ हासिल हो सके।अखिलेन्द्र तिवारी और अरशद मोटके को छोड़कर लगभग सभी ठीक ठाक दिशा में लड़ रहे हैं,ज़रूर सहयोग करें।
पहले मेरठ और हरदोई के बाद अभी बाराबंकी के बाराह को बतानां चाहूँगा कि आप छोटी सोंच वाले मात्र 839 शुलभ शौचालय के निर्माण की ओर उलझे रहे जबकि हमने 1 लाख 45 हजार के अतिरिक्त 72 हजार में भी सफाई(सफेदा/वर्गीकरण)को मद्देनज़र रखते हुए उन कबाड़ियों को बाहर करने की सोंच ली है जो अक्ल और शक्ल दोनों से ही भंगार वाले ही हैं और यहाँ भांगड़ा पेले पड़े हैं, उनकी बीबी और बाबू दोनों की ही नौकरी भ्र्ष्टाचार की गाथा कहती आयी हैं,जबकि अब सबका साथ सबका विकास की परिपाटी पर कबाड़ियों और मिसेज कबाड़ियों को बाहर होना ही होगा।अंत मे उनके लिये दो पंक्तियाँ जो ये कहते नही थकते हैं कि मैं चोर हूँ:
"जिनको सूरज मेरी चौखट से मिला करते थे,
आज खैरात में देते हैं उजाला मुझको।"
शुभ-सँध्या
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अब बात करते हैं बी एड टेट उत्त्तीर्ण साथियों की जिन्हें अभी एक जंग के तुरन्त बाद उस जंग के लिये भी ततपर रहना है जो हमें अपने ही अनुज अर्थात बी टी सी धारकों से लड़नी है।मेरी सभी बी टी सी धारकों से अपील के साथ अपेक्षा भी है कि पद बहुत हैं,मिल बाँटकर समझ लो तो बेहतर,क्योंकि एक एक क्वार्टर चावल के लिये मार काट मचाने वाले हमारे अनुज ये जानते ही होंगे कि ये राइस मिल की श्रंखला खड़ी करने में बी एड टेट उत्त्तीर्ण का बहुत योगदान है,सभी को मिल जायेगा बशर्ते ज्यादा चिल्लम चिल्ल नहीं।जहाँ तक आपकी बात है आपके पास बहुत वक्त है,हमारे लोगों के पास नहीं।
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"जिनको सूरज मेरी चौखट से मिला करते थे,
आज खैरात में देते हैं उजाला मुझको।"
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