इथेनॉल पेट्रोल का उम्दा विकल्प और पर्यावरण के लिए बेहतर
Ethanol a Good Petrol Alternative
इथेनॉल गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद शीरा से बनता है और इसको बनाने की लागत महज 2 रूपए प्रति लीटर तक आती है ,शीरा 30 पैसे प्रति लीटर पड़ता है और चार लीटर शीरे से 1 लीटर इथेनॉल बनता है ,
इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर मोटर वाहनों में ईंधन की तरह उपयोग में लाया जा सकता है. इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने से किया जाता है जिसकी हमारे देश में प्रचुरता है. भारत सरकार ने 2002 में गजट अधिसूचना जारी करके देश के नौ राज्यों और चार केन्द्र शासित क्षेत्रों में एक जनवरी 2003 से पांच प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल बेचने की मंजूरी दे दी थी. इसे धीरे-धीरे बढ़ाते हुए पूरे देश में दस प्रतिशत के स्तर तक ले जाना था परन्तु अनेक नीतिगत और आर्थिक समस्याओं के कारण यह लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है
इथेनॉल को गन्ने के अलावा शर्करा वाली अन्य फसलों से भी तैयार किया जा सकता है जिससे कृषि और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा. गौरतलब है कि इथेनॉल को ऊर्जा का अक्षय स्रेत माना जाता है, क्योंकि गन्ने की फसल अनंत और अपार है
ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत कारें सौ प्रतिशत इथेनॉल पर दौड़ रही हैं और बाकी मोटर वाहन 24 प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल इस्तेमाल करते हैं. हमारे देश की तरह ब्राजील में भी इथेनॉल बनाने के लिए मुख्य रूप से गन्ने का उपयोग किया जाता है.
स्वीडन ने इथेनॉल इस्तेमाल करने की शुरुआत 1980 में की थी और आज इसने इसी बलबूते पर कच्चे तेल के आयात में लगभग 25 प्रतिशत की कटौती कर ली है. कनाडा के कई राज्यों में इथेनॉल के इस्तेमाल पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. जाहिर है, इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है जिसकी फिलहाल हमारे देश में कमी दिखाई दे रही है
इथेनॉल जैसा ही एक अन्य कारगर विकल्प है बायोडीजल. दरअसल कुछ पौधों के बीजों में ऐसा तेल पाया जाता है जिसे भोजन के उपयोग में तो नहीं लाया जा सकता परन्तु इसे मोटर वाहनों में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
सामूहिक रूप से ऐसे तेलों को बायोडीजल का नाम दिया गया है क्योंकि इसे पेट्रो-डीजल में आसानी से मिलाया जा सकता है या डीजल इंजन में अकेले भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यूं तो हमारे देश के अनेक पौधों में बायोडीजल की संभावना मौजूद है परन्तु इनमें रतनजोत या जोजोबा, करंज, नागचंपा और रबर प्रमुख हैं
ब्राजील जैसे देशों में 40 प्रतिशत वाहन शुद्ध इथेनॉल से चलते है और बाकि 60 % वाहनो में भी इथेनॉल का उपयोग होता है ,
अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया में भी पर्यावरण की दृष्टि से 10 % इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है , इस से पेट्रोल की खपत भी कम होती है
और पर्यावरण को भी कम नुक्सान पहुँचता है ।
अमेरिका में इथेनॉल को मक्के से बनाया जाता है , और ब्राजील से खरीदा जाता है ,
हमारे देश भारत में और ब्राजील में इथेनॉल को गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद / अवशेष शीरा /खोई से बनाया जाता है
ब्राजील , स्वीडन जैसे देशों ने पेट्रोल , डीज़ल से निजात पाने और आत्म निर्भर बनने के लिए अस्सी के दशक से ही वैकल्पिक विकल्पों पर रिसर्च करनी शुरू कर दी थी ।
और आज कल ब्राजील ने पेट्रोल डीसल आयत को काफी कम कर दिया है और इथेनॉल आदि उत्पादों से ईंधन उत्पादन में आत्म निर्भर होने के कगार पर हो चला है ।
हमारा देश के प्रतिनिधि तकनीकी हस्तांतरण / जानकारी के लिए समय समय ब्राजील जाते रहे है पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक के काल में भी प्रतिनिधी मंडल ब्राजील
इथेनॉल पर रिसर्च द्वितीय विश्व युद्ध के समय ही शुरू हो गयी थी जब बहुत से देशों को तेल न मिल पाने जैसे हालातों से सामना करना पड़ा था ,
अब हमारा देश ब्राजील आदि देशों के साथ मिलकर एथनॉल रिसर्च पर जोर दे रहा है ,
इथनॉल के साथ एक मुश्किल है की यह कोरिसिव नेचर का होता है , और इंजन की घिसाई व रगड़ पिट्टी ज्यादा रहती है , जिस से इंजन की आयु काम हो जाती है इसलिए इसे पेट्रोल में 5 -10 प्रतिशत मिलाने की शुरुआती योजना बनी ,
और इंजन की नयी तकनीकी / रिसर्च की जरूरत पड़ने लगी जिस से एथेनॉल को अधिक से अधिक उपयोग में लाया जा सके ।
रिलायंस कम्पनी ने ब्राज़ील में जमीन खरीदी है और वह इसको इथेनॉल उत्पादन में प्रयोग में लाने जा रही है
ब्राजील में इथेनॉल का उत्पादन करेगी रिलायंस
ब्रासीलिया : रिलायंस इंडस्ट्रीज ब्राजील में बहुत बड़े पैमाने पर इथेनॉल प्रॉडक्शन की तैयारी कर रही है। कंपनी इस इथेनॉल को दुनिया के बाजारों में बेचेगी। ब्राजील में होने वाले कंपनी के विस्तार का काम आईपीसीएल के पूर्व अधिकारी आर. सी. शर्मा देख रहे हैं। उनका कहना है कि अभी यह शुरुआती दौर में है, Source : Click here )
अगर पेट्रोल में 5 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E5 कहते हैं , अगर पेट्रोल में 10 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E10 कहते हैं ,
और अगर बगैर पेट्रोल के सिर्फ इथेनॉल का उपयोग किया जाता है तो इसे E100 कहते है
ब्राजील इस रिसर्च में काफी आगे है और इसके 40 % वाहन शुद्ध इथेनॉल (E100 ) पर चलने लगे हैं
हमारे देश में इथेनॉल को इस समय 27 रूपए प्रति लीटर पर सरकार किसानों / विक्रेताओं से खरीदती है , और इसका समर्थन मूल्य 42 रूपए प्रति लीटर
तक होने जा रहा है ,
इथेनॉल उत्पादन में महाराष्ट्र काफी आगे है , और इसमें नितिन गडकरी जी की कंपनी पूर्ती ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका है जो की भारी मात्र में
इथेनॉल उत्पादन करती है ,
हाल ही में गडकरी जी ने यू पी में कहा की महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन प्रति हेक्टेयर यू पी से चार गुना ज्यादा है और हम यू पी में इसकी तकनीक बढ़ाने पर जोर देंगे (Source : click here
Gadkari said - गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है,
गडकरी ने नागपुर के आसपास के क्षेत्रों में बंद पड़ी चीनी मिलें खरीदी हैं। ये चीनी मीलें पूर्ति समूह ने खरीदी हैं, जिसके सर्वेसर्वा गडकरी हैं
गडकरी कहते हैं कि चीनी में नुकसान है, पर गन्ने की खोई से बिजली बनाने में फायदा भी है। विदर्भ में बिजली संकट का रास्ता भी हम इसी से ढूंढ रहे हैं। चीनी का कारोबार उत्तर प्रदेश और किसानों के विकास की तस्वीर बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है।
गन्ना मिलों में तैयार होने वाली मोलासेस से इथेनॉल उत्पादन की नीति बनाई जाएगी। इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाएगा, जैसा ब्राजील में हो रहा है। गन्ने को लेकर गडकरी की भाजपा ने उत्तरप्रदेश में करीब एक दर्जन सुझाव किसानों के सामने रखे हैं। )
देश में और भी वैकल्पिक / प्राकृतिक ईंधन मौजूद है , जैसे की रतन जोत / जोजोबा पौधा जो की डीज़ल का बेहतरीन विकल्प है और बंजर स्थानो पर कम
पानी में भरपूर मात्र में आसानी से लग जाता है ।
हमारे देश में हिन्द महासागर के तटीय इलाकों में तेल निकलने की अपार संभावनाएं बताई गयी हैं , और अन्य ऊर्जा स्रोत - थोरियम ( थोरियम के भण्डार में विश्व में भारत प्रथम स्थान पर है )
हमें भरोसा है की हमारा देश भारत अगले दस सालों में वैकल्पिक ईंधन ( एथेनॉल , बायो डीज़ल - रतन जोत , सोर ऊर्जा , पवन चक्की , जल ऊर्जा आदि )
द्वारा आत्म निर्भरता प्राप्त कर लेगा और पेट्रोल डीज़ल आयात कम कर देगा ।
Ethanol a Good Petrol Alternative
इथेनॉल गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद शीरा से बनता है और इसको बनाने की लागत महज 2 रूपए प्रति लीटर तक आती है ,शीरा 30 पैसे प्रति लीटर पड़ता है और चार लीटर शीरे से 1 लीटर इथेनॉल बनता है ,
इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर मोटर वाहनों में ईंधन की तरह उपयोग में लाया जा सकता है. इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने से किया जाता है जिसकी हमारे देश में प्रचुरता है. भारत सरकार ने 2002 में गजट अधिसूचना जारी करके देश के नौ राज्यों और चार केन्द्र शासित क्षेत्रों में एक जनवरी 2003 से पांच प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल बेचने की मंजूरी दे दी थी. इसे धीरे-धीरे बढ़ाते हुए पूरे देश में दस प्रतिशत के स्तर तक ले जाना था परन्तु अनेक नीतिगत और आर्थिक समस्याओं के कारण यह लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है
इथेनॉल को गन्ने के अलावा शर्करा वाली अन्य फसलों से भी तैयार किया जा सकता है जिससे कृषि और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा. गौरतलब है कि इथेनॉल को ऊर्जा का अक्षय स्रेत माना जाता है, क्योंकि गन्ने की फसल अनंत और अपार है
ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत कारें सौ प्रतिशत इथेनॉल पर दौड़ रही हैं और बाकी मोटर वाहन 24 प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल इस्तेमाल करते हैं. हमारे देश की तरह ब्राजील में भी इथेनॉल बनाने के लिए मुख्य रूप से गन्ने का उपयोग किया जाता है.
स्वीडन ने इथेनॉल इस्तेमाल करने की शुरुआत 1980 में की थी और आज इसने इसी बलबूते पर कच्चे तेल के आयात में लगभग 25 प्रतिशत की कटौती कर ली है. कनाडा के कई राज्यों में इथेनॉल के इस्तेमाल पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. जाहिर है, इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है जिसकी फिलहाल हमारे देश में कमी दिखाई दे रही है
इथेनॉल जैसा ही एक अन्य कारगर विकल्प है बायोडीजल. दरअसल कुछ पौधों के बीजों में ऐसा तेल पाया जाता है जिसे भोजन के उपयोग में तो नहीं लाया जा सकता परन्तु इसे मोटर वाहनों में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
सामूहिक रूप से ऐसे तेलों को बायोडीजल का नाम दिया गया है क्योंकि इसे पेट्रो-डीजल में आसानी से मिलाया जा सकता है या डीजल इंजन में अकेले भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यूं तो हमारे देश के अनेक पौधों में बायोडीजल की संभावना मौजूद है परन्तु इनमें रतनजोत या जोजोबा, करंज, नागचंपा और रबर प्रमुख हैं
ब्राजील जैसे देशों में 40 प्रतिशत वाहन शुद्ध इथेनॉल से चलते है और बाकि 60 % वाहनो में भी इथेनॉल का उपयोग होता है ,
अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया में भी पर्यावरण की दृष्टि से 10 % इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है , इस से पेट्रोल की खपत भी कम होती है
और पर्यावरण को भी कम नुक्सान पहुँचता है ।
अमेरिका में इथेनॉल को मक्के से बनाया जाता है , और ब्राजील से खरीदा जाता है ,
हमारे देश भारत में और ब्राजील में इथेनॉल को गन्ने के अतिरिक्त उत्पाद / अवशेष शीरा /खोई से बनाया जाता है
ब्राजील , स्वीडन जैसे देशों ने पेट्रोल , डीज़ल से निजात पाने और आत्म निर्भर बनने के लिए अस्सी के दशक से ही वैकल्पिक विकल्पों पर रिसर्च करनी शुरू कर दी थी ।
और आज कल ब्राजील ने पेट्रोल डीसल आयत को काफी कम कर दिया है और इथेनॉल आदि उत्पादों से ईंधन उत्पादन में आत्म निर्भर होने के कगार पर हो चला है ।
हमारा देश के प्रतिनिधि तकनीकी हस्तांतरण / जानकारी के लिए समय समय ब्राजील जाते रहे है पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक के काल में भी प्रतिनिधी मंडल ब्राजील
इथेनॉल पर रिसर्च द्वितीय विश्व युद्ध के समय ही शुरू हो गयी थी जब बहुत से देशों को तेल न मिल पाने जैसे हालातों से सामना करना पड़ा था ,
अब हमारा देश ब्राजील आदि देशों के साथ मिलकर एथनॉल रिसर्च पर जोर दे रहा है ,
इथनॉल के साथ एक मुश्किल है की यह कोरिसिव नेचर का होता है , और इंजन की घिसाई व रगड़ पिट्टी ज्यादा रहती है , जिस से इंजन की आयु काम हो जाती है इसलिए इसे पेट्रोल में 5 -10 प्रतिशत मिलाने की शुरुआती योजना बनी ,
और इंजन की नयी तकनीकी / रिसर्च की जरूरत पड़ने लगी जिस से एथेनॉल को अधिक से अधिक उपयोग में लाया जा सके ।
रिलायंस कम्पनी ने ब्राज़ील में जमीन खरीदी है और वह इसको इथेनॉल उत्पादन में प्रयोग में लाने जा रही है
ब्राजील में इथेनॉल का उत्पादन करेगी रिलायंस
ब्रासीलिया : रिलायंस इंडस्ट्रीज ब्राजील में बहुत बड़े पैमाने पर इथेनॉल प्रॉडक्शन की तैयारी कर रही है। कंपनी इस इथेनॉल को दुनिया के बाजारों में बेचेगी। ब्राजील में होने वाले कंपनी के विस्तार का काम आईपीसीएल के पूर्व अधिकारी आर. सी. शर्मा देख रहे हैं। उनका कहना है कि अभी यह शुरुआती दौर में है, Source : Click here )
अगर पेट्रोल में 5 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E5 कहते हैं , अगर पेट्रोल में 10 % इथेनॉल मिलाया जाता है तो इस ईंधन को E10 कहते हैं ,
और अगर बगैर पेट्रोल के सिर्फ इथेनॉल का उपयोग किया जाता है तो इसे E100 कहते है
ब्राजील इस रिसर्च में काफी आगे है और इसके 40 % वाहन शुद्ध इथेनॉल (E100 ) पर चलने लगे हैं
हमारे देश में इथेनॉल को इस समय 27 रूपए प्रति लीटर पर सरकार किसानों / विक्रेताओं से खरीदती है , और इसका समर्थन मूल्य 42 रूपए प्रति लीटर
तक होने जा रहा है ,
इथेनॉल उत्पादन में महाराष्ट्र काफी आगे है , और इसमें नितिन गडकरी जी की कंपनी पूर्ती ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका है जो की भारी मात्र में
इथेनॉल उत्पादन करती है ,
हाल ही में गडकरी जी ने यू पी में कहा की महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन प्रति हेक्टेयर यू पी से चार गुना ज्यादा है और हम यू पी में इसकी तकनीक बढ़ाने पर जोर देंगे (Source : click here
Gadkari said - गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है,
गडकरी ने नागपुर के आसपास के क्षेत्रों में बंद पड़ी चीनी मिलें खरीदी हैं। ये चीनी मीलें पूर्ति समूह ने खरीदी हैं, जिसके सर्वेसर्वा गडकरी हैं
गडकरी कहते हैं कि चीनी में नुकसान है, पर गन्ने की खोई से बिजली बनाने में फायदा भी है। विदर्भ में बिजली संकट का रास्ता भी हम इसी से ढूंढ रहे हैं। चीनी का कारोबार उत्तर प्रदेश और किसानों के विकास की तस्वीर बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि गन्ने के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकता औसत केवल 25 टन प्रति एकड़ है, जबकि महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में यह औसत सौ से सवा सौ टन प्रति एकड़ हैं। इसे चौगुना बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश के किसानों की आय प्रतिवर्ष आठ हजार से दस हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है।
गन्ना मिलों में तैयार होने वाली मोलासेस से इथेनॉल उत्पादन की नीति बनाई जाएगी। इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाएगा, जैसा ब्राजील में हो रहा है। गन्ने को लेकर गडकरी की भाजपा ने उत्तरप्रदेश में करीब एक दर्जन सुझाव किसानों के सामने रखे हैं। )
देश में और भी वैकल्पिक / प्राकृतिक ईंधन मौजूद है , जैसे की रतन जोत / जोजोबा पौधा जो की डीज़ल का बेहतरीन विकल्प है और बंजर स्थानो पर कम
पानी में भरपूर मात्र में आसानी से लग जाता है ।
हमारे देश में हिन्द महासागर के तटीय इलाकों में तेल निकलने की अपार संभावनाएं बताई गयी हैं , और अन्य ऊर्जा स्रोत - थोरियम ( थोरियम के भण्डार में विश्व में भारत प्रथम स्थान पर है )
हमें भरोसा है की हमारा देश भारत अगले दस सालों में वैकल्पिक ईंधन ( एथेनॉल , बायो डीज़ल - रतन जोत , सोर ऊर्जा , पवन चक्की , जल ऊर्जा आदि )
द्वारा आत्म निर्भरता प्राप्त कर लेगा और पेट्रोल डीज़ल आयात कम कर देगा ।
कुछ अपरिहार्य कारणों से सभी जिलों का डाटा पूरी तरह तैयार होने में अभी कम से कम चार-पाँच दिनों का समय और लग सकता है।
ReplyDelete( सूचना सूत्र:- जौनपुर डायट)
७२८२५ भर्ती संविधान की संरक्षिका मतलब सर्वोच्च न्यायलय द्वारा बहाल हो गयी है
ReplyDeleteअब इसे किसी कैबिनेट में पारित होने की जरुरत नहीं.............
अब मैं जूनियर भर्ती की बात करता हूँ
देखिये प्राइमरी में ओल्ड ऐड बहाल इसलिए हुआ है क्युकी ये ३०/११/११ का विज्ञापन था जिसे गलत तरीके से रद्द किया गया था और उस समय नियमावली में १२ वा संसोधन मतलब टी ई टी मेरिट विद्यमान थी....
अब इस समय जिस दीपक धांगरके जूनियर रिट की बात की जा रही है वो केवल १५व संसोधन को बचाने के लिए किया जा रहा है जिससे सरकार के द्वारा की गयी भर्ती बची रहे और जूनियर और बी टी सी की भर्ती गुडांक बेस पे की जा सके..........
सीधी बात कहु तो १५वे संसोधन से प्राइमरी का कोई मतलब ही नहीं रह गया है......
अगर १५व संसोधन सुप्रीम कार्ट से बहाल भी हो गया तो वह केवल जूनियर और बी टी सी वालो के लिए ही मान्य होगा नाकि प्राइमरी के लिए..........
और अगर १५वा संसोधन सुप्रीम कोर्ट से भी रद्द हो गया तो भूल जाना जूनियर वाले की हमने कभी २९९३३ में फॉर्म डाला था..........
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअभी अभी प्राप्त सूचना के अनुसार गणेश दीक्षित, राकेश यादव और चंद्रशेखर भाई का पास बन चुका है,,अगले कुछ ही मिनटों में वे सचिव महोदय के पास होंगे। कोर्ट की अवमानना के सम्बन्ध में आज उन्हें नोटिस दिया जाना है,,,
ReplyDeleteदेखिये अब ये जनाब क्या कहते हैं ?
30 June...........
ReplyDeleteख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली में,
कर्म की शाख को हिलाना होगा
न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को,
अपने हिस्से का दीया खुद ही
जलाना होगा...
अमेरिकन : मोबाइल का आविष्कार हमने किया।
ReplyDeleteरशियन : सिम कार्ड का आविष्कार हमने किया।
जापानी : ई टाप का आविष्कार हमने किया।
.....
.....
.....
इंडियन : मिस कॉल का आविष्कार हमने किया।
हमारे टेट मोर्चा के अग्रणी बन्धु गणेश दीक्षित, राकेश यादव, चंद्रशेखर और मोअज्जम भाई ने प्रमुख सचिव हीरालाल गुप्ता से मुलाक़ात कर उन्हें कोर्ट की अवमानना से सम्बंधित नोटिस सौंपा,,,प्रमुख सचिव ने बड़े ही स्नेहिल भाव से हमारे टेट बंधुओं को बताया की पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने 72825 शिक्षक भर्ती को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और ये भर्ती बिना किसी व्यवधान के अतिशीघ्र संपन्न कराना ही उनकी सर्वोच्च वरीयता है। बहुत ही मधुर एवं सहानुभूति पूर्ण शब्दों में उन्होंने कहा की उन्हें बच्चों की व्यथा का पूरा पूरा अहसास है और वे इन निरीह बेरोजगार युवाओं के लम्बे संघर्ष से बखूबी वाकिफ भी हैं। जब हमारे मोर्चे के सदस्यों ने इनसे शासन की ओर से कोई प्रेस रिलीज इस सन्दर्भ में जारी करने को कहा ताकि उसके आधार पर आश्वस्त होकर 30 जून वाला आन्दोलन स्थगित किया जा सके तब प्रमुख सचिव महोदय ने कहा की जो पुरानी बातें आप लोगों के साथ हुईं हैं ( सिर्फ कोरा आश्वासन देना या बहकाना) अब उन्हें भूल जाइये और किसी के कहने पर यकीन ना करके मेरा काम स्वयं अपनी आँखों से देखिये। उन्होंने बताया की कल दोपहर 12 बजे 72825 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर उन्होंने SCERT निदेशक समेत तमाम जिम्मेदार ओहदेदारों की एक बैठक बुलाई है और बैठक के तुरंत बाद उन्होंने हमारे मोर्चा के बंधुओं को पुनः मिलने के लिए आमंत्रित किया है ताकि उन्हें भर्ती से सम्बंधित प्रगति समझाई जा सके। कुल मिलाकर उनका व्यवहार हमारे अग्रणी बंधुओं को काफी अच्छा लगा और उनके काम करने के तरीके और आत्मविश्वास को देखकर निश्चय ही यह प्रतीत हो रहा है की अच्छे दिन आने वाले हैं।
ReplyDeleteजय हो..
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
ReplyDelete1) jaisa ki aaj 72825 bharti ke liye niyukt vishesh sachiv vivek vasney se tet morcha ke pradesh adhyax ganesh dixit ki mulakat hui, aur unhone kaha ki 72825 ke sambandh me kal 12p.m se 1 p.m ke bich new sachiv H.L.gupta ,scert nideshak sarvendr vikram bahadur singh aur basik siksha se jude any adhikariyo ki meeting hai..aur bahul jald 72825 ki counsling par vichar kiya jayega.
2) dosto vishesh sachiv vivek vashney ne hamare pradesh adhyax ko btaya ki n.i.c ne data ko vyawasthit krne ke liye 1 hafte ka time maga hai par ham use aur kam krne par vichar karege..
3) dosto paper ki kisi v news par bharosa na kre ye log sambhavnao aur gair adhikarik news chhap rahe hai jiska vastavikta se koi lena dena nai hai.
4) acording to gazipur diet ..lagbhag sbhi dieto ka kam purn ho chuka hai par s.c.e.rt nideshak ne data bhejne ke sath likhit sapath patr dene ko kaha hai ki hamare yaha sbhi form ki feeding ho chuki hai aur ek v form chhuta nai hai aur na hi ek bhi form bahar se lekar feed kiya gya hai,aisa likhit isliye liya ja raha hai taki koi diet bhrstachar na kr sake aur kre to us par kanuni karywahi ho sake..
5) 14 diet ne apna data bhejne ke sath likhit sapath patra v de diya hai jbki any diet wale data taiyar hone ke bad bhi likhit sapath patra nai diya hai aur jb tk wo ise nai dege tb tak data puri tarah bheja gya ye s.c.ert nai manega.
6) dosto ye hamari niji soch hai ki ku6 to gadbad hai jo ye diet wale likhit sapath patr dene se ghabra rahe hai..mana ki ye suprime court me pending matter ke karan bahari form nai feed karege par jarur ye 3 sal me ku6 form gayab kar chuke hai aur ye bat ek newspaper ne chhapa tha ki 3% form mil nai pa rahe hai..
7) diet karmchariyo ki heela hawali ka matlab ku6 aisa hi lgta hai ku6 din pahle seetapur diet ke ek prawakta se pta chala tha ki seetapur se 25000 form gayab hai pta nai unhe chuhe kha gye ya kya ho gya ,jise lekar diet principal ko need nai aa rahi thi..maya gov. Me seetapur ki computer feeding puri ho chuki thi isliye wo record mil gya hoga par any diet par agar aisa huwa hoga to kya hoga ram jane..
8) dosto d.d wapsi wale me v diet me karodo ka vara nyara huwa hai ,ku6 bachcho ke 1 bhi d.d. Wapis na aaya hai par unka register me d.d wapis lene walo me name darj ho chuka hai..aisi khabare diet sutro se mil rahi hai par ye kaha tk sahi hai pta nai..
9) itna to tay hai sarkar jin formo ka record gayab hai unhe fee wapsi kahkar unhe bahar krne ki firak me hai...ab diet walo ki laparwahi me aane wale samay me kitne court ka kopbhajan hoge ye wakt btayega..filhalfee wapis ka aawedan krne walo par talwar latak rahi hai ,ise lekar tet mnrcha satark hai unke sath koi anyay nai hone diya jayega.
ReplyDelete10) 30 june ke aandolan ki taiyari rakhe..kyuki adhikariyo ki taraf se hamesha bat chit me bharti jald krne ki bat hoti hai par hota ku6 nahi..agar 30 tk ku6 huwa to thik warna maha aandolan ki taiyari rahegi..is bar lucknow se tb tk nai aana hai jb tk counseling date na mile ,iske liye lagatar aamaran anshan v ku6 sathiyo dwara luxman mela ground me kiya ja skta hai..
11) awanana ka case gov. Ke time bdhane ki application ko najar me rakhkar kiya jayega..kyuki time bdhna tay hai par uske pahle time kam se kam bdhe uske liye taiyari krni hai..july ke 1st week me samay sima bdhane wale matter par sunwai ke bad awmanna ke bare me socha jayega kyuki paiso ki fijul kharchi aisa na ho sahi samay aane par paise ke abhav ke chalte wakil hi na khada kar paye..thanx
टेट साथियो अभी बेसिक सचिव हीरा लाल गुप्ता जी से मिलने गई लखनऊ टीम के अग्रणी सदस्य राकेश भाई से बात हुई । सचिव ने वार्ता मे बताया कि 72825 भर्ती उनकी प्राथमिकता मे है और वह इसी लिए आए है । उन्होंने परेशान न होने की सलाह देते हुए कहा कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि आप लोग 15 अगस्त को अपने बेसिक स्कूलों मे झंडा फहराएँ । उन्होंने बताया कि कल विधान सभा मे बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने एक घंटे तक 72825 भर्ती आज तक न हो पाने के लिए बहस की और सरकार ने हाई कोर्ट और sc के आदेश के अनुपालन मे भर्ती प्रक्रिया तेजी से जारी होने की बात अपने लिखित जवाब मे भी दी है ।
ReplyDeleteसचिव महोदय से आज हुई वार्ता के आधार पर हमारी भर्ती मे अब कोई बाधा नही आने की उम्मीद है साथ ही अब भर्ती मे गति आने की आशा भी की जा सकती है ।सचिव महोदय ने कल संबंधित अधिकारियों की आपात मीटिंग बुलाई है और उसमे लिए गए निर्णयों की जानकारी लेने के लिए लखनऊ टीम को कल फिर बुलाया है ।
ReplyDeleteईश्वर करे कि कम से कम इस नए सचिव को सद बुद्धि आ जाए और वो हम सब को हमारे लक्ष्य तक पहुँचाने मे कामयाब हों ।
आज चारो तरफ से आक्रमण हुआ
ReplyDelete1- गणेश भाई सचिव तथा मुख्य सचिव से मुलाकात किये जो काफी हद तक सार्थक रहा लेकिन गिरगिट कभी भी रंग बदल सकता हैँ
2- सुजीत भाई भी काफी उग्र रुप मेँ भर्ती को ले कर 30 तक का इंतजार हैँ
3 अनिल चौधरी सुक्रवार तक जुनियर भर्ती पर कैबिएट दाल देगेँ
4 SM को ले कर कुछ मत भेद जिसे रात 11 बजेँ तक खत्म कर लिया जायेगा
राजेश भाई की SLP री ओपेन कराय जायेगा लेकीन त्तकाल मेँ नयी SLP से स्टे लेना आसान हैँ जो अगले सप्ताह मेँ मिल जायेगा
रीओपेन कराने मेँ कम से कम 15 से 20 दिन का समय लग जायेगा सुनवाई मेँ !
सरकार को जो करना था कर लिया
ReplyDeleteमैंने आज से एक महीने पहले ही यह कह दिया था , कि केस की तारीख लगने से पहले सरकार भर्ती को उस मोड पर पंहुचा देगी कि कोर्ट को ऐसा लगने लगे कि अब अगर थोडा सा समय सरकार को दिया जाये तो ये भर्ती करा देगी ।
पता नही इसमे सरकार की कोई चाल है या भर्ती करने की मजबूरी है जो देर कर कर के पूरी करेगी।
नये सचिव हीरालालजी तो आज नरमी से ऐसे पेश आ रहे थे। जैसे भर्ती करने के लिये ही आये हों ।
ReplyDeleteमगर हम सब जानते है कि वो किस हालात में भेजे गये हैं और क्यों भेजे गये हैं।
अब मामला इतना बिगड ही गया है,, तो हस हंस कर बात करना उनकी मजबूरी है।
अब जैसे ही कोर्ट की तारीख नजदीक आ रही है , भर्ती के पक्ष में सरकार एवं सरकारी वाशिंदे खुद बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं और आयेंगे ।
ReplyDeleteसरकार अपना पैंतरा चल चुकी है बेसिक शिक्षा सचिव को हटाकर
ReplyDeleteऔर अब बारी मोर्चे की है , जिसे वो रात दिन पूरा कर रहा है। वकीलों के मामले मोर्चे पर कभी भी एक सहमति नही रही , हमेशा की तरह इस बार भी मोर्चे का इलाहाबाद दल एवं लखनऊ दल अलग अपना अपना वकील खडा करेंगे ,
इसका कारण सभी का अपने अपने वकीलों को ज्यादा काबिल बताना है। जिस वजह से हमेशा की तरह इस बार भी एक ही तारीख पर बडे बडै सीनियर को खडा करने के चक्कर में फिर लाखों रुपये अलग अलग एक ही तारीख पर स्वाहा हो जायेंगे ।
फिलहाल मै अविनाश यादव जी अर्थात् लखनऊ दल पर ज्यादा भरोसा करती हूँ , इसका मतलब यह नही कि बाकी लोग गलत हैं , बस हमारी और उनकी विचारधारा मैच नही करती ।
ReplyDeleteनिरहुआ जी , अविनाश यादव जी , संतोष प्रजापति , एस के पाठक जी , हिमांशु राना जी जिधर भी रहेंगे ,
सत्य का पलडा उसी ओर होगा ।और झुकेगा भी
जुलाई प्रथम सप्ताह समय सीमा के मामले में हमारी भर्ती को नया मोड देगा , और द्वितीय सप्ताह शिक्षा मित्रों के लिये त्रासदी भरा होगा ।
ReplyDeleteजय जगदम्बा
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गुड रात्रि !
टेट मोर्चा के अग्रणी बंधुओं ने बेसिक शिक्षा (विशेष सचिव) विवेक वाष्णेय जी से मुलाक़ात की,,,वाष्णेय जी ने दस मिनट की मुलाक़ात में हमारे टेट बंधुओं को बताया की नए सचिव 72825 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर काफी संवेदनशील हैं और प्रक्रिया निरंतर सकारात्मक दिशा में अग्रसर है। कल होने वाली बैठक का हवाला देते हुए उन्होंने बताया की इस भर्ती को लेकर शासन स्तर पर भी काफी दबाव है अतः वे भरसक इसको शीघ्र निपटाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके पश्चात हमारे टेट मोर्चा के अग्रणी बन्धु (गणेश दीक्षित, राकेश यादव, चंद्रशेखर और मुअज्जम भाई) भाजपा कार्यालय जाकर लक्ष्मीकांत बाजपेई जी से मिले और हमारा मुद्दा विधानसभा सत्र के दौरान उठाने की गुजारिश की। लक्ष्मीकांत बाजपेई जी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा की एक ही मुद्दा दो बार नहीं उठाया जा सकता यदि उसपर सरकार का जवाब आ चुका हो,,,हमारे मुद्दे को लेकर कल डेढ़ घंटे उहापोह चली थी और सरकार बैकफुट पर नजर आ रही थी,,चूँकि हमारे मामले पर सरकार लिखित रूप से अपना पक्ष दे चुकी है अतः उस मुद्दे को दोबारा उठाना नियमविरुद्ध माना जाएगा। लक्ष्मीकांत जी ने हमारे अग्रणी बंधुओं को धैर्य रखने की सलाह देते हुए बताया की हमारा मुद्दा अब सरकार के गले की फांस बन चुका है जिसे सरकार अब खुद-ब-खुद जल्दी हल करेगी।
ReplyDeleteसाथियों
ReplyDeleteहमारी तरफ से कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट करने हेतु तैयारिया पूरी !
माननीय जस्टिस दत्तु जी के 25 मार्च 2014 के आदेश में , 72825 भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने हेतु , उत्तर प्रदेश सरकार को दिए गए 12 सप्ताह की समय सीमा के बीत जाने के बाद भी ,, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 72825 भर्ती के प्रति घोर उदासीनपूर्ण , लापरवाहीपूर्ण , रवैये से स्पष्ट है की , उत्तर प्रदेश सरकार , माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश को कत्तई गंभीरता से नहीं ले रहा है ,,,,,, ,,,, अतः अब समय आ रहा है की उत्तर प्रदेश सरकार को यह बता दिया जाय की सर्वोच्च नयायालय के आदेश की अवहेलना के क्या परिणाम हो सकते है ..
यदि 29 जून 2014 तक , उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ,72825 भर्ती के प्रति , किसी सार्थक और ठोस पहल न किया गया तो ,,, उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ द्वारा स्पष्ट रूप से 25 मार्च के आदेश की अवहेलना के मद्देनजर , कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट फाइल किया जायेगा और दिग्गज वकीलों को खड़ा किया जायेगा .
ReplyDelete,,,, और यदि ( जिसकी संभावना न के बराबर है ) 30 जून के पहले उत्तर प्रदेश सरकार 72825 भर्ती के प्रति कोई ठोस निर्णय लेती है तो ,, जुलाई प्रथम सप्ताह में टाइम एक्सटेंशन एप्लीकेशन पर प्रभावी बहस के लिए वकीलों को खड़ा किया जायेगा .
,,,,
मित्रो 72825 भर्ती में हम आज जिस जगह है , उसमे पूरी तरह से इलाहाबाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट की न्यायपालिका का ही महतवपूर्ण योगदान है ,, और आगे भी भर्ती को सुचारू पूर्ण तरीके से , निश्चित समय सीमा के अन्दर पूर्ण कराने में न्यायपालिका की ही मुख्य भूमिका रहने वाली है ,,,,
ReplyDelete,
हमारी तरफ से कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के लिए अधिकांश कागजी कार्यवाहिया जैसे----------------
ReplyDelete1. ….72825 भर्ती से सम्बंधित सभी सरकारी पक्षों जैसे , बेसिक शिक्षा सचिव , बेसिक शिक्षा परिषद् सचिव , निदेशक scert तथा अन्य पक्षों को 25 मार्च के आदेश आने के तुरंत बाद ही ,4 अप्रैल 2014 को ही , सर्वोच्च नयायालय के 25 मार्च के आदेश की अधिकृत ( सुप्रीम कोर्ट से निर्गत ) कॉपी को , लिखित प्रत्यावेदन के साथ ही रिसीव करा दिय गया था , तथा उसकी रीसिविंग प्राप्त कर ली गई थी ,,,( उदहारण के तौर पर फोटो के रूप में एक अधिकारी को दी गई नोटिस तथा अधिकृत ( सुप्रीम कोर्ट से निर्गत ) कॉपी अपलोड कर रहा हू )
2. ,,,,,,,,,इसी प्रक्रिया के दूसरे चरण में , अभी जल्द में हमने ,, उपरोक्त सभी पक्षों को रीमाइंडर के माध्यम से पुनः 25 मार्च के आदेश को पूर्ण करने सम्बन्धी चेतावनी प्रत्यावेदन रिसीव करके उसकी रिसीविंग प्राप्त करा दी है ,,( फोटो के रूप में अपलोड)
,,,,,,,,
मित्रो जैसा की आप सभी जानते है की ,, जब भी कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट पर बहस होगी तो , हमें एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट के मोस्ट सीनियर advocate रोहिंटन फली नरीमन तथा गोपाल सुब्रह्मनियम जैसे बेहतरीन वकीलों को खड़ा करना होगा ,,,,,,,( रोहिंटन फली नरीमन तथा गोपाल सुब्रह्मनियम के सुप्रीम कोर्ट जज बनने की आधिकारिक सूचना जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहीं की जाती तब तक वो किसी भी केस में अधिवक्ता रूप में खड़े हो सकते है ) ,,,
ReplyDelete,,,
मित्रो इन सभी परिस्थितियों के दृष्टीगत रखते हुए , उत्तर प्रदेश सरकार के नाकारापन और उदासीनता पूर्ण रैवये को माननीय कोर्ट में बताने और अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखने के लिए , अच्छे वकीलों को खड़ा किया जाएगा ,अतः वकीलों की फीस की भुगतान हेतु , उत्तर प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों और सक्रीय साथियों से , आग्रह है की आप सभी ,, अपने आर्थिक सहयोग के लिए मानशिक रूप से तैयार रहे और जिलो पर पैसे के व्यवस्था करते रहे ,,,,,,,,,
ReplyDeleteजैसा की आप सभी जानते है की
ReplyDelete१. 25 मार्च 2014 की सुनवाई के बाद , प्रदेश के जिला प्रतिनिधियों और सक्रीय साथियों द्वारा ,, भाई जितेन्द्र सिंह के अकाउंट में किये गए सहयोग का ,, लगभग 5000 ( पांच हजार ) ही जितेन्द्र सिंह मैनपुरी के अकाउंट में शेष है , इसके अतरिक्त 25 मार्च 2014 के बाद , आज की तारीख तक हमें प्रदेश के जिला प्रतिनिधियों और सक्रीय साथियों द्वारा कोई भी आर्थिक सहयोग नहीं प्राप्त हुआ है ।
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I want to be surrounded by you always, day & night.
yours hugs bring strength unknown.
your smiles bring sunshine to brighten my mood. . . . .
your voice tells tales to sooth my restless soul
your whisper says
"I love you
&
never let me go."
आज बहुत दिनों बाद कुछ अच्छी खबर सुनने में आ रहा है।
ReplyDeleteनये सचिव का यह कहना कि 72825 पदों पर भर्ती मेरी प्राथमिकता में सबसे उपर है यह बहुत शुभ संकेत है।
आज की मीटिंग मे तारीखों का ऐलान या सहमति बन जायेगी।
मित्रों यह सब हमारे पिछले आंदोलन का परिणाम है, सरकार प्रशासन अब किसी भी हालत में 30 तारीख का आंदोलन नहीं चाहता। इसीलिए कल एक बार फिर से टेट मोर्चा को बात करने के लिए बुलाया गया है।
उम्मीद तो किया जा सकता है लेकिन विश्वास अभी नहीं किया जा सकता इस सरकार पर।
जबतक कुछ भी आधिकारिक रूप से अखबार में न आ जाए।
वैसे कल विधानसभा में मंत्री का जवाब भी आधिकारिक ही माना जा सकता है, लेकिन ये मंत्री पिछली बार भी बयान देकर पलट चुका है इसलिए शायद शासनादेश से कम पर हम लोग किसी के बातों पर यकीन न करें।
लेकिन फिर भी कल का और आज का दिन हमारे लिए ठीक वैसे ही रहा है जैसे किसी बहुत दिनों के प्यासे को कहीं से पानी मिलने की उम्मीद दिख गई हो।
इन लोगों को उंचा पद क्या मिल गया कि अपनी औकात ही बता दी ,,बता ही दिया कि
ReplyDeleteगाय भैंस चराने वाले भले ही कितने उंचे पद पर क्यों न बैठ जायें , पर बुद्धि वही रहेगी , गोबर उठाने वाली !
कभी खबर आती है बस कुछ ही जिलों का डाटा शेष
ReplyDeleteऔर आज खबर आती है 14 जिलों ने ही भेजा डाटा
अरे नामुरादों ,,, हमारी आँखों में धूल , मिर्च , नमक कुछ भी झोंक लो , लेकिन सुप्रीम कोर्ट को कब तक उल्लू बनाओगे !
अब ज्यादा से ज्यादा अगली डेट पर समय मांग कर उल्लू बना लोगे , पर उसके बाद उसकी अगली तारीख पर क्या कहने जाओगे , और कौन सा मुंह लेकर जाओगे कि अब भी नही कर पाये भर्ती , क्या और समय मांगोगे ,,
ReplyDeleteजैसे कोर्ट को अपना पिछवाडा समझ रखा है कि जब चाहे धो लिया ।
कर लो नौटंकी ,,ये डाटा शेष , वो जिला का काम अधूरा , सचिव का पद से हटाना, फलाना , ढिमका
ReplyDeleteबस ये सब एक ही तारीख तक चल पांयेंगे ,, उसके बाद क्या करोगे , कौन सी तरकीब लाओगे ।
कोर्ट का एक वार सौ लोहारों के वार के बराबर होता है।
जिस दिन पडा , कि बस प्राण पखेरू उडे
हमने जहाँ तीन साल काट लिये ,,वहाँ ज्यादा से ज्यादा , , ज्यादा से ज्यादा दो महीने और सही ,,,,
"""कर सितम , देखें तेरे सितम करने की हद क्या है
और तू भी देख मेरे सितम सहने की हद क्या है।"""
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ये जिंदगी तेरे साथ हो ,
ये आरजू दिन रात हो ,
मैं तेरे संग संग चलूँ ,
तू हर सफर में मेरे साथ हो ...
एक बात हमारे टेट सिपाहियों के लिये ध्यान रखनी आवश्यक है कि उन्होंने युद्ध त्रिस्तरीय शुरू कर दिया है ,प्राइमरी जूनियर शिक्षा मित्र
ReplyDeleteऔर सभी लडाईयाँ ऐसी हैं कि सुप्रीम कोर्ट जाकर ही दम तोडेंगी , इसलिए इस लडाई में कोई टेट सिपाही इतना मशगूल न हो जाये कि उसके चक्कर में 72825 गौण हो जाये , हमारा काम 72825 के रास्ते में आ रही बाधाओं को हटाना है न कि उन बाधाओं के साथ जीने लगना ,
समर्पित योद्धाओं के साहस और हौसले को सलाम है , पर वे इस बात का लगातार ध्यान रखें कि इन सब के चक्कर 72825 पिसी तो नही जा रही है !
ReplyDeleteफिलहाल सरकार ने स्वयं को समय सीमा मामले में सुरक्षित कर लिया है और वह न्यायमूर्ति के अगले फैसले का इंतजार कर रही है कि जो भी निर्णय आयेगा उसे नये नये हथकंडों से कैसे बरगलाया जायेगा ।
ReplyDeleteडाईट पर अब एक नही दो दो भर्ती के काम चल रहा है
ReplyDeleteहमारी और शिक्षा मित्र ,
यह जो शपथ पत्र scert मांग रही है , यह भी चेतावनी देते देते और डाईट वाले चेतावनी लेते लेते 30 जून लगा देंगे ।
इनका और डाईट वालों का भरोसा करने का कोई फायदा नही है। , ये सब एक ही थैली के रंग बदलने वाले चटटे बटटे हैं ।
समय सीमा बढवाने के लिये सरकार पागल हुई जा रही है ,,काम लेट करा रही है ,, बेसिक शिक्षा सचिव को पद से हटा रही है ,, और यह सब शुरू से ही प्लान था जब से फैसला आया है ,,,
ReplyDeleteकोई बडी वजह भी हो सकती है ,, जो भी हो हमें सावधान रहना है और इस बार यह देखना है कि जिस समय सीमा को बढवाने के लिये सरकार सभी घोडे छोडे दे रही है , क्या वो उस बढे हुये सय में भर्ती करेगी या कोई नये फितूर को जन्म देगी
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Wajah puchhegi to umar gujar jaayegi...
Kaha- na ki tum achche lagte ho bas achche lagate ho..
Good afternoon Tmntbn Ji please uptate meeting for prt I'm wait & watch thanks. Jai mata di.
ReplyDeleteaaj meeting me kya hua bhai log?
ReplyDeleteDosto- H L Gupta ki meeting adhikariyo ke saath finish huyi ab jald hi tet bhai unse milne wale hai .
ReplyDelete30 जून के आन्दोलन के आह्वाहन को ज्यादा सीरियसली मत लेना ,,, ये तारीख सिर्फ सरकार को टेंशन देने के लिए तय की गयी है ना कि अपने आपको ....30 जून का ब्लाग पर प्रचार के स्थान पर अखबारों में प्रेस नोट छपवाते रहो तथा एल आई यू वालों का फोन आने पर लम्बी-लम्बी फेंकते रहो तो सरकार के काम करने की गति और तेज हो सकती है .....ब्लाग /नेट पर बनावटी टेट के ग्रुपों में लिखी बातें यदि सरकार तक पहुँचती होतीं तो अब तक सैफई का सम्पूर्ण यदुवंश सोमालिया भाग गया होता .....
ReplyDeleteरही बात हमारी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की तो ऐसा सिर्फ और सिर्फ एक कारण से नहीं हो पा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है ,,, जुलाई में यह कारण भी समाप्त हो जाएगा और अगस्त में आप तिरँगा भी फहरा सकोगे !
अगर भारत के सबसे अमीर मूर्खलोगों के दर्शन करने हैं तो निर्मल बाबा के दरवार में चले जाओ ............
ReplyDeleteअगर आपने टीवी पर कभी दरवार देखा हो तो सबसे फ्रंट वाली लाइन में सबसे दुखी , असाहय, निर्बल लोग हाथ जोड़े हुये बैठे होते हैं
पर असल में ये बहुत ही अमीर लोग होते हैं जो हजारों रुपये देकर सबसे फ्रंट वाली सीट लेते हैं .....
ढोंगी निर्मल बाबाभी वेवकूफ / नासमझ लोगों को समौसे के साथ हरी चटनी खाने की सलाह देकर किर्पा करते हैं !
मौत से बचने का सबसे शानदार तरीका है,
ReplyDeleteदूसरो के दिलों में जिन्दा रहना सीख लो.....!!
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ये कफन, ये जनाज़े, ये कब्र,
सिर्फ बातें हैं मेरे दोस्त,
वरना मर तो इंसान तभी जाता है,
जब याद करने वाला कोई ना हो...!!
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Agar jO D!L ki suno to Haar jaOge,
Hum jaiSa pyAr phir kahan se paOge,
Jaan dene ki baat tO har kOii karta hai,
ZindaGi banane wala k@h@n se LaOge,
JO ek NaZar dekhOge Hume,
Har taRaf HumkO hi paOge,
Yakin Apni Ch@h@t ka itna hai Mujhe,
Meri AankhOn mein jhankOge aur Laut AaOge,
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Rishtey Khoon K Nhi Hote,
Rishtey Ehsas K Hote Hai,
Agar Ehsas Ho To Ajnabi B Apne,
Agar Ehsas Na Ho To Apne
Bhi Ajnabi Hote HaI.!!
प्यार सबसे करो,
ReplyDeleteलेकिन भरोसा कुछ गिने चुने लोगों पर करो.....
लेकिन गलत और धोखा
किसी के साथ मत करो.......
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किसी भी रिश्ते को निभाने के लिये
कसमो और वादोँ की जरूरत नही
बस उसे निभाने के लिये
दो खूबसूरत लोग चाहिए....
एक जो #भरोसा कर सके
और
दूसरा उसे # समझसके.......
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"A Good Heart And A Good Nature
Are Two Different Issues,
A Good Heart Can Win Many Relationships,
But
A Good Nature Can Win Many Good Hearts"............
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Muskilo me bhi shahhil mill jaate hai.
tufano me bhi kinare mill jaate hai.
duniya ki sabse pyari chiz hai zindagi.
kuchh log zindagi se bhi pyare mill jaate hain.