टी.ई.टी. अभ्यर्थियों द्वारा लखनऊ में ऐतिहासिक आन्दोलन
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Appeal from BLOG EDITOR : - Make your movement under law of land. Gandhigiri is a good option.
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Below Information compiled by Mr. Shyam Dev Mishra.
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(लखनऊ से मनोज कुमार सिंह "मयंक जी (वाराणसी), धर्मेन्द्र जी (उन्नाव), विक्रम यादव जी (इटावा), सारिका श्रीवास्तव जी (उन्नाव) तथा मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर)
अभी अभी लगभग १०:४० बजे रात मनोज कुमार सिंह
मयंक जी का सभी आन्दोलनकारियों से निवेदन है सभी लोग किसी तरह आज रात चारबाग़ पर एकत्र हों जहाँ आगे की रणनीति बनाई जाएगी जिसमे उन्होंने
स्वयं आमरण अनशन करने का प्रस्ताव किया है.
प्रदेश में ७२८२५ प्रशिक्षु अध्यापकों की टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन के लिए दिसंबर २०११ में शुरू की गई भर्ती-प्रक्रिया पर, पिछले ६ महीनो से कभी सरकारी स्तर पर विज्ञापन-प्रकाशन में हुई तकनीकी खामी, कभी उच्चपदासीन अधिकारियों द्वारा धन लेकर परिणामों में हेराफेरी करने के आरोप, कभी शासन-प्रशासन में इस मुद्दे पर व्याप्त असमंजस-निष्क्रियता दिशाभ्रम की स्थिति तो कभी राजनैतिक विद्वेष की भावना से हर मौके पर रुख बदलती सरकार के दोमुंहे रवैये और कभी किन्ही निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए चयन के आधार में परिवर्तन के अनैतिक-अवैधानिक-अन्यायपूर्ण दुराग्रह के कारण जो ग्रहण लगा है, उसने आख़िरकार प्रदेश के लाखों शिक्षित बेरोजगारों के सब्र का बांध तोड़ दिया है, नतीज़तन सरकार के निर्णय और मंशा से आक्रोशित अभ्यर्थियों ने लखनऊ में भीषण आन्दोलन की जो रुपरेखा बनाई थी, वह न सिर्फ पूरी तरह से सफल रही है बल्कि इसने सरकार और प्रशासन को भी रक्षात्मक स्थिति में आने को मजबूर कर दिया है.
पेश है लखनऊ में आज दिनांक १२.०७.२०१२ को हुए ऐतिहासिक आन्दोलन की चंद सुर्खियाँ:
- राजधानी लखनऊ में टी.ई.टी. समर्थकों का अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आन्दोलन
- विधानसभा की और जाने वाले हर मार्ग पर हुए चक्काजाम ने थामी शहर की रफ़्तार
- विधान सभा की और जाने वाले मार्गो पर न जाने दिया गया एक भी वाहन
- प्रदेश के हर जिले से भरी संख्या में दल-बल समेत राजधानी आये है अभ्यर्थी
- भारी तादाद में युवतियों और महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी
- वाराणसी से दिल्ली तक की पदयात्रा करनेवाले मनोज कुमार "मयंक" भी डटे मोर्चे पे
- आन्दोलनकारियों से पटी राजधानी की सड़कें, प्रशासन के हाथ-पाँव फूले
- आर-पार की लड़ाई का ऐलान, निर्णय न होने तक डाले रहेंगे सडकों पर डेरा
- भरी संख्या में अभ्यर्थियों ने किया दिनभर अहिंसक प्रदर्शन व नारेबाजी
- प्रशासन के आश्वासनों से मानने, दबने, झुकने से किया सीधा इनकार
- सरकार की और से आज़म खान के बातचीत के प्रस्ताव को मारी ठोकर
- मुख्यमंत्री द्वारा निर्णय की सार्वजनिक घोषणा तक जारी रहेगा आन्दोलन
- आन्दोलन के समर्थन में प्रदेश के कोने-कोने से अभ्यर्थियों का आना जारी
- नेताओं ने आख़िरी लड़ाई में हर एक अभ्यर्थी से किया लखनऊ आने का आह्वान
- अहिंसक पर प्रभावी आन्दोलन से पुलिस-पी.ए.सी. दिनभर बने रहे मूकदर्शक
- पूर्वप्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार टी.ई.टी. मेरिट से चयन और नियुक्ति की मांग
- नियमों की अनदेखी कर प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे पर प्रहार पर भारी रोष
- क़ानूनी और नीतिगत तौर पर प्रत्यक्षतः कमजोर पडी सरकार पडी है निरुत्तर
- गुटबंदी की अफवाहों से आन्दोलन कमजोर करने की साजिश का पर्दाफाश
- सारे नेता-अभ्यर्थी बिना किसी मतभेद के पूरी तरह एकमत-एकजुट और उत्साहित
- स्थानीय व प्रदेश स्तर पर आन्दोलन को मिली जबरदस्त मीडिया कवरेज
- देर शाम अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने की कोशिशे एकजुटता के आगे नाकाम
- सड़क को ही जेल और पुलिस की कतार को ही चहारदीवारी मान डट गए अभ्यर्थी
- 8 बजे चौराहे खली करने के अल्टीमेटम को आन्दोलनकारियों ने सिरे से दिया नकार
- निर्णय न होने की स्थिति में आमरण-अनशन पर बैठने को आमादा युवक-युवतियां
- नेता पा रहे हैं खुद को जीत के नजदीक, पर साथ माँगा प्रदेश भर के टी.ई.टी. अभ्यर्थियों का
- संख्याबल कम हो जाने की स्थिति में प्रशासन के हावी होने की आशंका से चिंतित
- आन्दोलन की मजबूती और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर अभ्यर्थी का लखनऊ में किया आह्वान
हाल की खबर (रात 9 बजे):
- आन्दोलनकारियों के आगे बेबस पड़े प्रशासन ने आस-पास के जिलों से मंगवाई अतिरिक्त फ़ोर्स
- शांत आन्दोलनकारियों पर भरी संख्या में पुलिस-पी.ए.सी. के जरिये सरकारी दमनचक्र शुरू
- चौराहे पे डटे अभ्यर्थियों पर बिना चेतावनी के अचानक बरसानी शुरू कर दी गई लाठियां
- महिलाओं तक को बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज से नहीं हिचकी पुलिस-पी.ए.सी. के जवान
- आन्दोलनकारियों की हुंकार- हौसला तोड़ पाने में अब भी नाकाम रहेगी सरकार
- बर्बरतापूर्ण जुल्मोसितम के बावजूद झुकने और मैदान छोड़ने से आन्दोलनकारियों का इनकार
- तितर-बितर होने की सम्भावना के मद्देनज़र पहले से बन चुकी है आगे की रणनीति
- फिर से इकट्ठे होकर इस आन्दोलन को जारी रखने को कृतसंकल्प, नहीं छोड़ेंगे लखनऊ
- सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी बुरी तरह घायल-चुटहिल
अब तक के आंदोलनों की तुलना में इस बार "अभी नहीं तो कभी नहीं" वाली स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भारी संख्या में आज अभ्यर्थी लखनऊ में संगठित हुए है और इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला है. अब चूंकि इस भर्ती-प्रक्रिया का काफी हद तक दारोमदार अब कोर्ट में सरकार के रुख पर निर्भर करता है, टी.ई.टी. अभ्यर्थी इसे अपने लिए आखिरी अवसर मान रहे है जिसके जरिये वो ६ अगस्त की सुनवाई के पूर्व ही सरकार को पूर्व-प्रकाशित विज्ञप्ति और पूर्व-निर्धारित नियमों के आधार पर भर्ती के लिए मजबूर कर सकते हैं. और वास्तविकता भी यही है कि बिना किसी अपराध के पिछले ६ माह से मानसिक यंत्रणा और अवसाद झेल रहे अभ्यर्थियों को अपने वाजिब हक़ के लिए भी इस लोकतान्त्रिक देश में सरेआम लाठियां झेलनी पड़ रही हैं.
उन सभी भाई-बहनों से, जो किसी कारणवश आज चाहकर भी लखनऊ नहीं पहुच पाए, अपील है कि संघर्ष की इस घड़ी में आपके हक़ के लिए भूखे-प्यासे सड़कों पर लड़ रहे, मार तक खा रहे और अत्याचार झेल रहे अपने साथियों की मदद के लिए उनका साथ देने के लिए, भरी संख्या में लखनऊ पहुचकर सत्ता पे काबिज गूंगे-बहरों को दिखा दे की इस देश का तंत्र (व्यवस्था) लोक (जनता) से ही चलता है तभी लोकतंत्र कहलाता है.
और जो भाई-बहन जानबूझ कर लखनऊ के आन्दोलन में शामिल नहीं हुए और सिर्फ घर बैठ कर ज़ुबानी जमा-खर्च कर नौकरी पाने की आस लगाये है तो उन्हें नौकरी भले मिल जाये, उनकी खुद की निगाहों में वे इस देश की जयचंदों-मीर जाफरों की पीढी के ध्वजवाहक माने जायेंगे.
महत्वपूर्ण सूचना:
अभी अभी लगभग १०:४० बजे रात मनोज कुमार सिंह मयंक जी का सभी आन्दोलनकारियों से निवेदन है सभी लोग किसी तरह आज रात चारबाग़ पर एकत्र हों जहाँ आगे की रणनीति बनाई जाएगी जिसमे उन्होंने स्वयं आमरण अनशन करने का प्रस्ताव किया है.
आपका
श्याम देव मिश्रा
मुंबई