Saturday, July 7, 2012

RTE : खाली पड़े हैं शिक्षकों के 6.87 लाख पद


RTE : खाली पड़े हैं शिक्षकों के 6.87 लाख पद

6.87 Lakh Teachers Posts are Lying Vacant - 

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (एजेंसी)। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत पिछले 10 साल में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में अभी तक छह लाख 87 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने अब्दुल रहमान, सुशीला सरोज, पिनाकी मिश्रा, डीबी चंद्र गौडा, उषा वर्मा, कामेश्वर बैठा, कुंवरजीभाई मोहनभाई बावलिया और सीमा उपाध्याय के सवालों के जवाब में कहा कि सर्व शिक्षा अभियान में अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रावधान है ताकि शिक्षा के अधिकार कानून में निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात के मानदंडों को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि 2001-02 से 2011-12 तक शिक्षकों के 19.14 लाख पद स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 31 दिसंबर, 2011 तक 12.26 लाख पद भरे जा सके हैं। इस तरह शिक्षकों के स्वीकृत पदों में अभी तक छह लाख 87 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शिक्षकों के स्वीकृत पदों में बिहार में दो लाख, उत्तर प्रदेश में 1.62 लाख, पश्चिम बंगाल में 80 हजार और मध्यप्रदेश में 79 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मेनका गांधी के सवाल के जवाब में बताया कि नौवीं कक्षा से आगे के स्तर पर व्यवयायिक शिक्षा पाठ्यक्रम पेश करने की पूरी तैयारी है और इस पर 2013 से अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीईक्यूएफ) तैयार किया है जिसे केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। इसे आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू किये जाने की योजना है। सिब्बल ने कहा कि डिग्री कालेजों में बीएससी व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी लागू करने की योजना बनाई गई है। इस विषय में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा की गई है। इस विषय में कई उद्योगों के साथ भी चर्चा की गई है, जिसमें कपड़ा उद्योग, आटोमोबाइल उद्योग, मीडिया व मनोरंजन, विनिर्माण, आतिथ्य व पर्यटन आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश में 100 सामुदायिक कालेज स्थापित करने के लिए राज्यों के मंत्रियों को लिखा है और उनसे स्थान की पहचान करने को कहा है।
पीएन पुनिया और शीशराम ओला के सवाल के जवाब में सिब्बल ने बताया कि साल 2020 तक यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि स्कूलों में दाखिल कोई भी बच्चा बीच में अपनी पढ़ाई नहीं छोड़े। उन्होंने कहा कि जब तक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर ज्यादा बच्चियां पढ़ाई करने आगे
नहीं आएंगी, तब तक उच्च शिक्षा में उनकी हिस्सेदारी नहीं बढ़ेगी।

सिब्बल ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं नहीं होने की बात स्वीकार करती है और इस लिहाज से 12वीं पंचवर्षीय योजना में हर जिले में एक डिग्री कॉलेज खोलने का व ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने माडल स्कूल खोलने की योजना को आगे बढ़ाया है। इसके लिए अभी केंद्र एक तिहाई पैसा देता है। लेकिन यह पाया गया है कि इसके कारण राज्य सरकारों की ओर से कम प्रस्ताव सामने आते हैं। इसलिए अब हमने विचार किया है कि केंद्र सरकार इसके लिए 65 फीसद धन दे, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसद हो।
निजी संस्थानों पर अंकुश लगाने के बारे में एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा कि सरकार ने शिक्षा कदाचार विधेयक बनाया है जिसे दोनों सदनों से पास कराया जाना है। इसके कानून बनने के बाद निजी संस्थानों की अनियमितताओं पर लगाम कसी जा सकेगी।
कार्मिक एवं लोक शिकायत राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की ओर से बनाई गई समिति प्रतिष्ठित लोक सेवा परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरुण एस निगावकर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई है जो सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य) के मौजूदा स्वरूप की समीक्षा कर रही है और इसमें जरूरी बदलाव के संबंध में सुझाव देगी। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी परीक्षा के वर्तमान प्रारूप में बदालाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया कि उम्मीदवारों को 10 बार तक परीक्षा में बैठने देने का अवसर देने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
विदेश राज्यमंत्री ई अहमद ने भूदेव चौधरी के सवाल के जवाब में बताया कि विदेशों में स्थित विश्वविद्यालयों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और दर्शन को पढ़ाने और समझने में काफी रुचि दिखाई जा रही है। उन्होंने बताया कि यूरोप, अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिका के साथ लातिन अमेरिका में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को भारत से जुड़े विविध आयामों पर अध्ययन के लिए शाखा स्थापित करने के काफी अनुरोध मिले हैं। उन्होंने बताया कि 2009-10 में आईसीसीआर ने 43 शाखाओं को सहयोग दिया, वहीं 2011-12 में आईसीसीआर से समर्थन प्राप्त शाखाओं की संख्या बढ़कर 93 हो गई। अभी इस संबंध में 62 नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।


न्यूज़ साभार / News Source : http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/17793------687--  / Jansatt.com (26-April-12)
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As per news 1.62 lakh (sanctioned upto 2011-12 ) teachers vacancies in UP still not filled.
And hopefully, I felt it may be filled in coming months.
After that new 80,000 (Eighty Thousand) vacancies for teachers may be also sanctioned by Central Government (as permission requested by UP Govt.) 
And therefore combining above a great opportunity for teachers are waiting in UP to implement RTE.

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