UP News अखिलेश सरकार ने दिया अल्पसंख्यकों को तोहफा
अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी भागीदारी
अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी भागीदारी तय कर दी है।
सरकार के 30 विभागों की 85 कल्याणकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों यानी मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन समुदाय की अब बीस फीसदी हिस्सेदारी होगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। सरकार का दावा है कि यह फैसला अल्पसंख्यकों को उनका वाजिब हक दिलाते हुए विकास की मुख्य धारा से जोड़ेगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि सच्चर कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं अल्पसंख्यकों के लिए 20 प्रतिशत भागीदारी तय करते हुए उनकी जनसंख्या के आधार पर उन्हें लाभान्वित करने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 2001 की जनगणना के मुताबिक अल्पसंख्यकों की तादाद 19.33 फीसदी है, जबकि देश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या 25 फीसदी है।
ऐसे में जरूरी है कि अनुसूचित जाति-जनजाति की तरह पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए भी एक निश्चित योजना बनाई जाए।
फैसले के मुताबिक, स्थानीय क्षेत्र विशेष के विकास के लिए ऐसी योजनाएं जो विशेष आबादी, क्षेत्र, वार्ड, ग्राम, बसावट को लाभान्वित करती हैं, में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी को ध्यान रखते हुये हिस्सेदारी तय की जाएगी।
इसके लिए निर्धारित अंश से योजना को ऐसे इलाकों में लागू किया जाएगा, जहां अल्पसंख्यक आबादी का अनुपात कम से कम 25 प्रतिशत है। इसमें हैंडपंप लगाने, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, ग्रामीण संपर्क मार्ग व अन्य ग्रामीण अवस्थापनाओं के निर्माण जैसी योजनाओं इसमें शामिल है।
इसके अलावा ऐसी योजनाएं जिसमें व्यक्ति विशेष को आर्थिक लाभ या विकास का मौका मिलता है, को भी इसमें शामिल किया गया है। सामाजिक पेंशन योजनाएं, ग्रामीण एवं शहरी गरीबों के लिये आवास, कन्या विद्याधन, नि:शुल्क बोरिंग जैसी योजनाएं भी इसके दायरे में होंगी।
हाइवे, ओवरब्रिज, नहर, सड़क , पावर जनरेशन, विश्वविद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नियमित टीकाकरण तथा जननी सुरक्षा योजना जैसी बड़ी योजनाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
मानकों या पात्रता शर्तों में कोई बदलाव नहीं
सरकार ने साफ किया कि अल्पसंख्यकों के लिए किसी भी योजना के मापदंडों, मानकों तथा पात्रता शर्तों में किसी प्रकार का परिवर्तन अथवा छूट का प्रावधान नहीं किया गया है। इस योजना के दायरे में आने वाली योजनाओं के मानक, पात्रता शर्तें, मूल योजनाओं के प्राविधानों के अनुसार ही रहेंगी।
मुख्य सचिव व डीएम करेंगे निगरानी
योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए शासन स्तर पर मुख्य सचिव तथा जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया जाएगा। दोनों समितियों में दो-दो अल्पसंख्यक सदस्य भी नामित किए जाएंगे।
व्यापक प्रचार-प्रसार होगा
प्रस्तावित योजना में पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर पर एक अतिरिक्त वेबसाइट हिन्दी एवं उर्दू भाषा में अपलोड की जाएगी। प्रस्तावित नई योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले लाभों को प्रचारित करने के लिए कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों के साथ ही सार्वजनिक भवनों, स्कूल, अस्पताल, तहसील, बस अड्डों तथा रेलवे स्टेशन पर पोस्टर तथा हैंडबिल से भी प्रचार-प्रसार कराया जाएगा
News Sabhaar : Amar Ujala (21.8.13)