Friday, February 7, 2014

सुप्रीम कोर्ट में आज कि सुनवाई पर चर्चा /घटना क्रम

सुप्रीम कोर्ट में आज कि सुनवाई पर चर्चा /घटना क्रम

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates /
Teacher Recruitment News

72825 Teacher Recruitment, 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Supreme Court of India,



SUPREME COURT OF INDIA
Top of Form
Case Status
Status : PENDING

Status of : Special Leave Petition (Civil)    1874 -1902    OF   2014

STATE OF U.P & ORS   .Vs.   SHIV KUMAR PATHAK & ORS

Pet. Adv. : MR. SATYA MITRA GARG   Res. Adv. : MR. ALOK GUPTA

Subject Category : SERVICE MATTERS -  
RECRUITMENT/TRANSFER/COMPASSIONATE APPOINTMENT

Listed 0 times earlier                                                             Next Date of listing is : 14/02/2014



Last updated on Feb 7 2014


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आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं , सुनने में आ रहा है कि टी ई टी मोर्चा ने अपनी तैयारी न होने की वजह से अगली तारीख 14 फरवरी के दिन सुनवाई की मांग रखी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने अगली तारीख 14 फरवरी के दिन तारीख पर सुनवाई कि इजाजत दे दी है ।

आजकल सोशल मीडिया पर यह भी सुनने में आया है कि टी ई टी मोर्चा आपस में दो फाड़ हो चुका  है और उनमें आपसी मतभेद हो गए हैं , कोई मुख्य वकील की अनुपलब्धता बता रहा है तो कोई धन की कमी बता रहा है जिस से वकील को पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाने से वो अनुपलब्ध  है  , कोई केह रहा है कि टी ई टी मोर्चा  ने कई जिलों में इकाइयां बनाई थी और वो इकाइयां अभी धन को देने में निर्णय नहीं कर पायी कि किसको देना है ।

एक और सबसे बड़ा कारण सुनने में आया है कि जब से जूनियर साइंस / मेथ की भर्ती निकली गयी तब से टी ई टी आर्ट्स वाले इसको बुरा मान बैठे हैं , और टी ई टी मोर्चा के नेताओं में टी ई टी आर्ट्स वाले भी हैं , और वे चाह रहे हैं सरकार द्वारा जूनियर शिक्षकों कि भर्ती का काउंसलिंग सम्बन्धी शासनादेश  लागु न हो पाये (यह शासनादेश 5 और 8 फरवरी को मेरिट लिस्ट निकले जाने व 12 फरवरी से 29334 शिक्षकों कि सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार सशर्त काउंसलिंग से सम्बंधित था ) और इस कारण से तारिख लेने में थोड़ी देरी की जाये ।

उपरोक्त घटनाक्रम सोशल मीडिया से मिली जानकारी पर आधारित है  |
आप लोग आज के घटना क्रम से सम्बंधित अपनी राय कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं , और लेख में संसोधन के बारे में भी लिख सकते हैं

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क्या है टी ई टी मेरिट का इतिहास -

टी ई टी मेरिट से 72825 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय मायावती / बसपा सरकार  ने लिया था और उस समय कोर्ट ने टी ई टी मेरिट से भर्ती को
एन सी टी ई नियमावली के विरुद्द नहीं माना था ।

वास्तव में मायावती सरकार ने टी ई टी अंको के वेंट्ज का एक्सट्रीम / उच्चतम स्तर लिया था ( एन सी टी ई नियमावली के अनुसार भर्ती कि चयन प्रक्रिया में टी ई टी परीक्षा के अंको का वेटेज लिया जाना चाहिए , पर यह नहीं लिखा था कि कितना वेटेज लिया जाना चाहिए , और माया सरकार के शत प्रतिशत
वेटेज को कोर्ट ने एन सी टी ई  नियम विरुद्द नहीं माना था  )

उसके बाद समय गुजरता गया , नए नए केस अदालत  के सामने आते गए और अदालत के निर्णयानुसार  टी ई टी परीक्षा में गलत प्रश्नो का लाभ सभी अभ्यर्थीयों को दिया गया

उसके बाद एक अभ्यर्थी कपिल देव यादव ने एक नया दांव आजमाया कि 72825 शिक्षकों का विज्ञापन बी एस ए द्वारा नहीं जारी किया गया , बल्कि यह
सचिव द्वारा जारी किया गया है और यह नियमत सही नहीं है (हालाँकि किसी बी एस ए ने इस विज्ञापन मामले की शिकायत नहीं की )
और उसके बाद भर्ती पर स्टे पर स्टे चलता गया ।

और उस दोरान अभ्यर्थी अपनी शीघ्र भर्ती चाहते थे और टी ई टी मेरिट से भर्ती पर जोर पकड़ा हुआ था

लेकिन अचानक से नए समीकरणों का जन्म हुआ , उत्तर प्रदेश सरकार बदल गयी , टी ई टी परीक्षा पर धांधली / अनियमितताओं के आरोप लगे ।
और नयी सपा सरकार  ने टी ई टी परीक्षा की अनियमितताओं / धांधली को दूर करने के लिए भर्ती टी ई टी मेरिट  से न करने और इसको अकादमिक
मेरिट से  करने का विज्ञापन निकाला ।
भर्ती अकादमिक मेरिट से  किए जाने के बाद टी ई टी संघ दो भागों में बाँट गया - 1. टी ई टी मेरिट से भर्ती चाहने वालों का
2. अकादमिक अंको से भर्ती चाहने वालों का


उस दोरान इलाहबाद हाई कोर्ट ने होने निर्णय के दोरान कहा कि - यू पी सरकार को गुड पार्ट में से बेड पार्ट को अलग कर के भर्ती की जानी चाहिए
दूसरे निर्णय में - सरकार द्वारा नया विज्ञापन निकाले जाने से , कपिल देव यादव की याचिका स्व्यं समाप्त हो गयी

इस दोरान नए नए पेच भर्ती में लगते रहे , एक बड़ा विवाद नॉन टेट वालों की भर्ती को लेकर आया , और उसके लिए इलाहबाद हाई कोर्ट ने लार्जर बेंच गठित की , जिसमें लार्जर बेंच ने नॉन टेट अभ्यर्थीयों की भर्ती पर रोक लगा दी , मतलब नियमित शिक्षक बनने के लिए एन सी टी ई नियमानुसार
टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है

इसके बाद भर्ती में फिर अचानक मोड़ आया , जिसमे इलाहबाद हाई कोर्ट ने एन वक्त पर अकादमिक अंको से काउंसलिंग / भर्ती पर स्टे लगा दिया ।

फिर इसके बाद मामला कई रास्तों से होता हुआ इलाहबाद हाई कोर्ट  की डबल बेंच में पहुंचा , जिसमें इलाहबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीशों  ने  पाया
कि धांधली को सतही तोर से जांचा माना , और पर्याप्त सबूतों के अभाव  में धांधली की बात को सही नहीं माना
(मायावती सरकार ने धांधली रोकने के लिए ओ एम् आर कॉपी की तीन प्रति बनवाई थी , जिसमें ओ एम् आर की एक कार्बन कॉपी अभ्यर्थीयों को दी थी ,
उत्तर पेन द्वारा गोले कर भरवाये गए थे जिस से उनको बाद में कोई परिवर्तित न कर सके , और नेगेटिव मार्किंग न रखे जाने का प्रावधान था जिस से
लोग ओ एम् आर में अधिक से अधिक पेन द्वारा उत्तर दें और बाद में उसे परिवर्तित कर किसी को फायदा न पहंुचाया जा सके )

और धांधली की बात  नहीं पाए जाने पर , टी ई टी मेरिट से नियुक्ति के पुराने विज्ञापन को बहाल कर दिया ।


इस दोरान उत्तर प्रदेश सरकार ने जूनियर शिक्षकों की भर्ती में साइंस , मेथ अध्यापकों का शासनादेश जारी किया और कुछ समय पर्यान्त
साइंस / मेथ शिक्षकों कि भर्ती'का विज्ञापन जारी कर दिया ।

यह घंटना क्रम होने के बाद टी ई टी मोर्चा में एक और विभाजन सा हो गया और टी ई टी आर्ट्स और टी ई टी साइंस उत्तीर्ण

पुराना विज्ञापन बहाल होने व सरकार द्वारा किये गए 15 वे संसोधन को रद्द होने , उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी

ऐसा सुनने में आ रहा है जब से जूनियर साइंस / मेथ की भर्ती निकली गयी तब से टी ई टी आर्ट्स वाले इसको बुरा मान बैठे हैं और
 टी ई टी मोर्चा के नेताओं में टी ई टी आर्ट्स वाले भी हैं , और वे चाह रहे हैं सरकार द्वारा जूनियर शिक्षकों कि भर्ती का काउंसलिंग सम्बन्धी
शासनादेश  लागु न हो पाये (यह शासनादेश 5 और 8 फरवरी को मेरिट लिस्ट निकले जाने व 12 फरवरी से 29334 शिक्षकों कि सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार
सशर्त काउंसलिंग से सम्बंधित था ) और इस कारण से तारिख लेने में थोड़ी देरी की जाये ।


29334 जूनियर साइंस / मेथ शिक्षकों की भर्ती सपा सरकार की नाक का सवाल है , क्यूंकि यह सपा सरकार द्वारा निकली गयी अब तक की सबसे बड़ी फ्रेश  भर्ती है , 72825 शिक्षकों की भर्ती भी सपा सरकार द्वारा  बदलाव कर दोबारा से निकाली गयी लेकिन इस मामले में कोर्ट ने मायावती की बसपा सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को बहाल कर दिया ।

अगर 29334 जूनियर साइंस / मेथ शिक्षकों की भर्ती पहले होती है तो लगभग 20 -25  हज़ार अतिरिक्त शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थीयों को सुनहरा अवसर मिल सकता है ।
पर अगर 72825 शिक्षकों की भर्ती  पहले होती है तो यही सुनहरा अवसर नुक्सान में भी बदल सकता है , क्यूंकि ज्यादातर प्राथमिक भर्ती के उम्मेदवार वही हैं जिन्होंने 29334 शिक्षकों की भर्ती  में आवेदन किया है 

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 एन सी टी ई / आर टी ई एक्ट कहता है कि -
1. टी ई टी परीक्षा के अंको को चयन में वेटेज दिया जाये -




9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process

however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 

appointment




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2. अभ्यर्थी अपने टी ई टी परीक्षा के अंको को बढ़ाने के लिए टी ई टी परीक्षा को दोबारा से दे सकते है
भला कोई बेरोजगार अभ्यर्थी टी ई टी परीक्षा को दोबारा से क्यूँ दे , जब वह एक बार
परीक्षा दे कर उसे उत्तीर्ण कर चुका  है

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -


See :

Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score. 





CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
 http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx

http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
12
.VALIDITY PERIOD OF CTET CERTIFICATE:
12.1
The Validity Period of CTET qualifying certificate for appointment will be seven years from the date of declaration of its result for all categories.
12.2
There is no restriction on the number of attempts a person can take foracquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving
his/her score.


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ये कुछ बातें हैं जो सुप्रीम कोर्ट में ७२८२५ शिक्षकों की भर्ती में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी करती हैं
इन्ही बातों को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनते वक्त संज्ञान में लिया था , और टी ई टी मेरिट वालों के पक्ष में फैसला दिया ।
साथ ही शुद्ध अकादमिक मेरिट से भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लग गया था


लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सभी भर्ती सिर्फ टी ई टी मेरिट से हों , अन्य राज्यों में भर्ती - टी ई टी अंको के वेटेज से + अकादमिक अंको के वेटेज से भी हुई हैं
 उत्तर प्रदेश में टी ई टी परीक्षा दो बार हो चुकी है , सी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी हैं , ऐसे में नयी भर्तियों टीईटी वेटेज सम्भव है ,
लेकिन किसी एक परीक्षा को आधार बना कर चयन करना सम्भव नहीं ,
और एन सी टी ई नियमानुसार चयन में टी ई टी अंको का वेटेज भी  देना है

*****

जबकि सी टी ई टी अपने परीक्षा के नोटिफिकेशन में अंक वृद्दि हेतु दोबारा से परीक्षा में बैठने की बात (एन सी टी ई गाइडलाइंस  के तहत ) लिखता है-
 CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
 http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx


http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
12
.VALIDITY PERIOD OF CTET CERTIFICATE:
12.1
The Validity Period of CTET qualifying certificate for appointment will be seven years from the date of declaration of its result for all categories.
12.2

There is no restriction on the number of attempts a person can take foracquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving

his/her score.

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TET MORCHA KE EK SADASYA KE HAVAALE SE SOCIAL MEDIA MEIN KHABAR HAI KI :-

Vinay Pandey Allahabad

( 7 FEB KI SUNWAI PAR UHAPOH BARKARAR)
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
Jaisa ki 7 feb ki date suprime court ki website par show ho rahi hai par kal kya sunwai hogi ,is par sansay barkarar hai..is visay par alag alag ray nimnvat hai..
1) acording to tet morcha pradesh adhyax..ganesh dixit..7 feb ko sunwai hona muskil..,.17 tak kisi halat me sunwai nahi hogi,.date lagne se pahle caviet dalne wale ko sarkar notice bhejti hai aur jab tak notice ki reciving ki copy court me uplabdh nahi hoti tab tak sunwai ho nahi sakti..aur notice registry ke madhyam se aane aur reciving fir court me pahuchne me time lagega..
2) acording to vidhi adhyax s.k.pathak..kal sunwai hona court ke mud par depend hai..hamne caviet ki reciving court tak by hand hand over kar diya hai taki kal hi sunwai chalu ho..agar 7 ko nahi to 10 ko sunwai hona tay hai..
3) acording to vidhik salahkar adwocate navin sharma..kal jarur ku6 na ku6 sunwai hogi..aur 10 ko court urgency mankar next date laga skti hai..jisme kafi ku6 tasvir clear ho jayegi..
4) dosto urdu sikshak ki niyukti rokne se naraj urdu aawedako ke lucknow me dharne se baithne par sarkar sakriy ho gyi hai ,isiliye wo ise urgency btakar jald sunwai ki apeal ki hai..kyuki 15va sansodhan radd hone se sarkar ki tenson badh gyi hai..aur dharm vishesh ki tustikaran ko loksbha me bhunane ki chahat rakhne wali sarkar ke liye urdu sikshak ki niyukti radd hone ka khatra madra raha hai ,isiliye sarkar achanak sakriy hui hai..
Dosto uhapoh bhale ho par agar kal sunwai hoti hai ye ham tetian k liye khusi ki bat hogi..thanx ..jai mata di..jai tet merit
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AAKHIR TET MORCHA KO KAL KI SUNVAYEE SE KYA PROBLEM HAI.
KYA UNKI TARYAREE POOREE NAHIN HAI ??

KYA YACHEE (PETITIONER) AUR USKA WAQEEL (LAWYER) SEEDHE COURT ROOM NAHIN PAHUNCH SAKTE.
RECEIVING KA JHAMELAA KYUN HO RAHAA HAI.

LAKHON CANDIDATE KI BHRTEE RUKEE PADEEE HAI.
JUNIOR BHRTEE KE AAVEDAK IS GHANTNAKRAM SE  DUKHEE HAIN.

Thursday, February 6, 2014

UPTET/72825 TEACHER RECRUITMENT / 29334 TEACHER RECRUITMENT : HEARING IN SUPREME COURT ON 7TH FEB 2014

UPTET/72825 TEACHER RECRUITMENT / 29334 TEACHER RECRUITMENT : HEARING IN SUPREME COURT ON 7TH FEB 2014


Teacher Recruitment News




SUPREME COURT OF INDIA
Case Status
Status : PENDING

Status of : Special Leave Petition (Civil)    1874 -1902    OF   2014

STATE OF U.P & ORS   .Vs.   SHIV KUMAR PATHAK & ORS

Pet. Adv. : MR. SATYA MITRA GARG   Res. Adv. : MR. ALOK GUPTA

Subject Category : SERVICE MATTERS - RECRUITMENT/
TRANSFER/COMPASSIONATE APPOINTMENT

Listed 0 times earlier                                                             Next Date of listing is : 07/02/2014



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As per info from social media :

SLP 1874 POINTS IN S.C

Questions of Law: A. Whether, the Hon’ble High Court was justified in directing the appointment beyond the purview of statutory Rules, 1981 and also beyond the notification of the NCTE dated 11.02.2011 (Clause 9B) issued as per the provisions of Section 23(1) of the Central Act No. 35 of 2009?

B. Whether, the Hon’ble High Court can declare Rule-14(3) as per 15th Amendment, 2012 made in Rules, 1981 as Ultra-vires to Article 14 of the Constitution without considering and deciding the fate of the candidates who have already been appointed as per same Rule -14(3)?

C. Whether, the Hon’ble High Court can direct the appointment as per notification dated 30.11.2011 without considering and deciding that the post of Trainee Teacher was not even inserted in Rules., 1981 till 30.11.2011?

D. Whether, the Hon’ble High Court can direct the appointment on the post of Trainee Teacher on the score of TET examination, firstly which is only qualifying examination under the guidelines of NCTE and also under the statutory Rules; secondly the same is based on total malpractice and has got no sanctity as decided by the High Power Committee through its decision dated 10.04.2012 and also the consequential decision of the Cabinet dated 26.07.2012 and the Government Order dated 26.07.2012, which are still unchallenged in any of the writ petitions or Special Appeals?


E. Weather, the Hon’ble High Court can direct the appointment of the candidates who have already received/returned back the due fees of their application forms and on the basis of the same, whose application forms have been destroyed and are not available with the Government/Department?

 F. Whether, the Hon’ble High Court is justified in directing the appointment without considering the candidature of the candidates who have appeared and passed UP TET, 2013?


G. Whether, the Hon’ble High Court was justified in directing the appointment on the basis of scores of the TET Examination, the merit of which was already sub-judice before the Hon’ble High Court itself?

GROUNDS: The petitioners are filing the instant Special Leave Petition on the following amongst other grounds: A. Because, the impugned judgment is illegal, bad and based on non-existing facts and law both. B. Because, the impugned judgment, an eligibility qualification for appointment on the post in question has been indirectly prescribed beyond the purview of the statutory said Rules, 1981 and 2011 and also the guidelines issued by the Central authority and the provisions of Central Act No. 35 of 2009 and as such, is without jurisdiction and in violation of Article 309 of The Constitution of India. C. Because, the Hon’ble High Court has committed illegality in direction the appointment beyond the purview of statutory Rules, 1981 and also beyond the notification of the NCTE dated 11.02.2011 (Clause 9B) issued as per the provisions of Section 23(1) of the Central Act No. 35 of 2009. D. Because, the Hon’ble High Court has committed grave illegality in declaring Rule-14(3) as per 15th Amendment, 2012 made is Rules, 1981 as ultra-virus to Article 14 of the Constitution without considering and deciding the fate of the candidates who have already been appointed as per same Rule-14(3). E. Because, the Hon’ble High Court could not legally direct the appointment as per notification dated 30.11.2011, without considering and deciding that the post of Trainee Teacher was not even inserted in Rules, 1981 till 30.11.2011. F. Because, the Hon’ble High Court manifestly erred in direct the appointment on the basis of score of TET examination, firstly which is only qualifying examination under the guidelines of NCTE and also under the statutory Rules; secondly the same is based on total malpractice and has got no sanctity as decided by the High Power Committee through its decision dated 10.04.2012 and also the consequential decision of the Cabinet dated 26.07.2012 and the Government Order dated 26.07.2012, which are still unchallenged in any of the writ petitions of Special Appeals. G. Because, the Hon’ble High Court failed to appreciate that the mere selection in an examination does not give an indefeasible right of appointment to a candidate and that too beyond the provision of Central Act and consequential guideline Central Academic body. H. Because, the Hon’ble High Court failed to appreciate that in the present case merely the selection process was changed without altering the criteria of selection, which is wholly permissible in law. I. Because, the Hon’ble High Court failed to appreciate that an appointment can be made only as per applicable rule on the date of the appointment. J. Because the Division Bench of the High Court has wrongly interpreted the advertisement dated 30.11.2011 and held that the appointments to be made thereby were not of Trainee Teachers but in the existing cadre of the Assistant Teachers of 1981 Rules. The Division Bench has failed to that the advertisement dated 30.11.2011 was for selection of Trainee Teachers, which cadre was non-existent in 1981 Rules, and not for Assistant Teachers envisaged by the said Rules and therefore the decision of the learned Single Judge that, the advertisement dated 30.11.2011 was bad, was correct. K. Because the Division Bench of the High Court has failed to appreciate that Clause 9(b) of guidelines dated 11.02.2011 merely prescribed for giving weightage to the TET scores in the recruitment process and not to be the sole criteria for appointment of Teachers, rather the Clause 9(b) itself prescribes that, “qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/ employment as it is only one of the eligibility criteria of appointment and therefore the State Government had not committed an error is issuing 15th amendment rules and prescribing TET only as one of the essential qualification and reverting to the earlier criteria of Quality Points based on the entire academic record of the candidate. For the same reasons, the high court has committed an error in holding rule 14 (3) of the 15th amendment Rules to be arbitrary and unreasonable and strike down the same on the ground of being violative of Article 14 of the Constitution. L. Because the High Court has committed an error in holding that there was no sufficient material before the State Government to cancel the advertisement dated 30.11.2011 and 20.12.2011. The High Powered Committee had considered the entire material regarding the malpractices and irregularities, which was sufficient in nature to recommend the cancellation of the said advertisement and TET Examination -2011. The said recommendations and the Government decision dated 26.07.2012 accepting and reiteration the recommendations of the High Powered Committee were not challenged before any Court. The Division Bench has therefore committed an error in holding that the full effect ought to have been given to the result of TET Examination -2011, including the marks obtained by candidates. The Court has failed to appreciate the following decisions of this Hon’ble Court and power of the State Government to cancel the selection process, if the irregularities are discovered therein: (A) Union of India Vs. O. Chakradhar –(2002)3 SCC 146. (B) All India Railway Recruitment Board Vs. K. Shyam Sundar –(2010) 6 SCC 614. (C) Madhyamic Siksha Mandal, M.P. Vs. Abhilash Siksha Prasar Samity – (1998) 9 SCC 236. (D) The Bihar School Examination Board Vs. Subhash Chandra Sinha- (1970) 1 SCC 648. M. Because the High Court has committed an error in holding that the criteria of selection was arbitrarily changed during the process of selection. The High Court has failed to appreciate that it is within the power of the State to amend Rules even if process of selection has begun. The petitioners rely upon the following decisions of this Hon’ble Court: (a) State of M.P. Vs. Raghuvir singh Yadav –(1994) 6 SCC 151. (b) Yogesh Kumar Vs. Govt. of NCT of Delhi –(2003) 3 SCC 548. (c) Union of India Vs. Pushpa–(2008) 9 SCC 242. N. Because the High Court has failed to appreciate that in Tej Prakash Pathak & Ors Vs. Rajasthan High Court & Ors. – (2013) 4 SCC 540 this Hon’ble Court has referred to the larger bench the question as to whether the procedure for selection can be changed by the State. 6. Grounds for Interim Relief: The petitioners have set out all the relevant facts in detail in the accompanying List of Dates and they shall crave leave of this Hon’ble Court to refer to and rely upon the same as incorporated herein verbatim for the sake of brevity. The petitioners submit that they have a good case on merits and are likely to succeed before this Hon’ble Court. Therefore, it is desirable in the interest of justice that during the pendency of proceedings before this Hon’ble Court, the interim relief as prayed for herein be granted, else the petitioners shall suffer irreparable loss and injury.
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सबसे बड़ी बात है कि एन सी टी ई / आर टी ई एक्ट इस बारे में क्या कहता है -
एन सी टी ई / आर टी ई एक्ट कहता है कि -
1. टी ई टी परीक्षा के अंको को चयन में वेटेज दिया जाये -



9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment


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2. अभ्यर्थी अपने टी ई टी परीक्षा के अंको को बढ़ाने के लिए टी ई टी परीक्षा को दोबारा से दे सकते है
भला कोई बेरोजगार अभ्यर्थी टी ई टी परीक्षा को दोबारा से क्यूँ दे , जब वह एक बार
परीक्षा दे कर उसे उत्तीर्ण कर चुका  है

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score. 





CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
 http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx

http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
12
.VALIDITY PERIOD OF CTET CERTIFICATE:
12.1
The Validity Period of CTET qualifying certificate for appointment will be seven years from the date of declaration of its result for all categories.
12.2
There is no restriction on the number of attempts a person can take foracquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving
his/her score.


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ये कुछ बातें हैं जो सुप्रीम कोर्ट में ७२८२५ शिक्षकों की भर्ती में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी करती हैं
इन्ही बातों को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनते वक्त संज्ञान में लिया था , और टी ई टी मेरिट वालों के पक्ष में फैसला दिया ।
साथ ही शुद्ध अकादमिक मेरिट से भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लग गया था


लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सभी भर्ती सिर्फ टी ई टी मेरिट से हों , अन्य राज्यों में भर्ती - टी ई टी अंको के वेटेज से + अकादमिक अंको के वेटेज से भी हुई हैं
 उत्तर प्रदेश में टी ई टी परीक्षा दो बार हो चुकी है , सी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी हैं , ऐसे में नयी भर्तियों टीईटी वेटेज सम्भव है ,
लेकिन किसी एक परीक्षा को आधार बना कर चयन करना सम्भव नहीं ,
और एन सी टी ई नियमानुसार चयन में टी ई टी अंको का वेटेज भी  देना है

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सबसे बड़ी बात हम  झोला छाप मीडिया / अल्प ज्ञानी पत्रकार वालों की तरह  बातें नहीं लिखते
आपको झोला छाप मीडिया / अल्प ज्ञानी पत्रकार लोग - टी ई टी पात्रता परीक्षा है कह कर आपके जीवन से खिलवाड़ करते हैं ,
और कई अभ्यर्थी सी टी ई टी जैसी परीक्षा में दोबारा भाग नहीं लेते ,
जबकि सी टी ई टी अपने परीक्षा के नोटिफिकेशन में अंक वृद्दि हेतु दोबारा से परीक्षा में बैठने की बात (एन सी टी ई गाइडलाइंस  के तहत ) लिखता है-
 CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
 http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx

http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
12
.VALIDITY PERIOD OF CTET CERTIFICATE:
12.1
The Validity Period of CTET qualifying certificate for appointment will be seven years from the date of declaration of its result for all categories.
12.2
There is no restriction on the number of attempts a person can take foracquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving
his/her score.

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TET MORCHA KE EK SADASYA KE HAVAALE SE SOCIAL MEDIA MEIN KHABAR HAI KI :-

Vinay Pandey Allahabad

( 7 FEB KI SUNWAI PAR UHAPOH BARKARAR)
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
Jaisa ki 7 feb ki date suprime court ki website par show ho rahi hai par kal kya sunwai hogi ,is par sansay barkarar hai..is visay par alag alag ray nimnvat hai..
1) acording to tet morcha pradesh adhyax..ganesh dixit..7 feb ko sunwai hona muskil..,.17 tak kisi halat me sunwai nahi hogi,.date lagne se pahle caviet dalne wale ko sarkar notice bhejti hai aur jab tak notice ki reciving ki copy court me uplabdh nahi hoti tab tak sunwai ho nahi sakti..aur notice registry ke madhyam se aane aur reciving fir court me pahuchne me time lagega..
2) acording to vidhi adhyax s.k.pathak..kal sunwai hona court ke mud par depend hai..hamne caviet ki reciving court tak by hand hand over kar diya hai taki kal hi sunwai chalu ho..agar 7 ko nahi to 10 ko sunwai hona tay hai..
3) acording to vidhik salahkar adwocate navin sharma..kal jarur ku6 na ku6 sunwai hogi..aur 10 ko court urgency mankar next date laga skti hai..jisme kafi ku6 tasvir clear ho jayegi..
4) dosto urdu sikshak ki niyukti rokne se naraj urdu aawedako ke lucknow me dharne se baithne par sarkar sakriy ho gyi hai ,isiliye wo ise urgency btakar jald sunwai ki apeal ki hai..kyuki 15va sansodhan radd hone se sarkar ki tenson badh gyi hai..aur dharm vishesh ki tustikaran ko loksbha me bhunane ki chahat rakhne wali sarkar ke liye urdu sikshak ki niyukti radd hone ka khatra madra raha hai ,isiliye sarkar achanak sakriy hui hai..
Dosto uhapoh bhale ho par agar kal sunwai hoti hai ye ham tetian k liye khusi ki bat hogi..thanx ..jai mata di..jai tet merit
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AAKHIR TET MORCHA KO KAL KI SUNVAYEE SE KYA PROBLEM HAI.
KYA UNKI TARYAREE POOREE NAHIN HAI ??

KYA YACHEE (PETITIONER) AUR USKA WAQEEL (LAWYER) SEEDHE COURT ROOM NAHIN PAHUNCH SAKTE.
RECEIVING KA JHAMELAA KYUN HO RAHAA HAI.

LAKHON CANDIDATE KI BHRTEE RUKEE PADEEE HAI.
JUNIOR BHRTEE KE AAVEDAK IS GHANTNAKRAM SE  DUKHEE HAIN.

Urdu Teacher Counseling : उर्दू टीचरों की भर्ती के लिए मुख्यमंत्री से गुहार

Urdu Teacher Counseling : उर्दू टीचरों की भर्ती के लिए मुख्यमंत्री से गुहार
Teacher Recruitment News

लखनऊ  मोअल्लिम-ए- उर्दू के रिक्त पदों पर शेष टीईटी पास उर्दू टीचरों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों उर्दू टीचरों ने बुधवार को विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा कार्यालय का घेराव किया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ताजवर एहतिशाम खां ने बताया कि सरकार द्वारा उर्दू विद्यालयों में 4280 पदों पर उर्दू टीचरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था जिसमें केवल 2200 उर्दू टीचरों को ही नियुक्त किया गया था। शेष पद अब भी रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि शेष रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 5 मार्च 2013 को मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने टीईटी पास करने की अनिवार्यता बतायी थी। ताजवर एहतिशाम खां ने मुख्यमंत्री से गुहार लगायी कि शेष उर्दू शिक्षकों ने टीईटी पास कर लिया है। उन्हें आचार संहिता लागू होने से पहले रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाए।

News Source / Sabhaar : (एसएनबी) / Rashtriya Sahara News Paper (6.2.14)
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AS PER SOCIAL MEDIA :
UPTET PASS JUNIOR HIGH SCHOOL SCIENCE MATH TEACHER ASPIRANT ARE HAPPY WITH THIS NEWS AS THEY THAT THEIR MATTER IS SIMILAR WITH URDU TEACHER APPOINTMENT.
AND THEY EXPECT THAT THEIR COUNSELING/RECRUITMENT WILL ALSO START, IF URDU TEACHER COUNSELING/ RECRUITMENT STARTS.


BTC CUT OFF RELEASED : बीटीसी के लिए कटऑफ जारी


BTC CUT OFF RELEASED : बीटीसी के लिए कटऑफ जारी

BTC Cutoff Can Be See on UP Basic Education Website.

Below News Published in Hindustan News Paper -

NEWS SABHAAR : HINDUSTAN PAPER (6.2.14)
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Below News Published for BTC in Amar Ujala News Paper - >


बीटीसी के लिए कटऑफ जारी
10 से 17 के बीच ऑनलाइन भर सकेंगे विकल्प कटऑफ
 
लखनऊ । परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अनंतिम कटऑफ जारी कर दिया है। आवेदक गुरुवार से विभागीय वेबसाइट www.upbasiceduboard.gov.in पर पंजीकरण नंबर और जन्म तिथि डालकर कटऑफ लिस्ट में अपना नाम देखने के साथ ही प्रिंट भी निकाल सकेंगे। मेरिट में आने वालों से 10 से 17 फरवरी के बीच ऑनलाइन 10 जिलों का विकल्प लिया जाएगा। उन्हें विकल्प भरने से पहले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से विशेष कोड प्राप्त करना होगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन निकाला गया प्रिंट ले जाना होगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दस जिलों का ऑनलाइन विकल्प देने वाले को ही प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। आवेदकों को केवल समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से ही इसकी सूचना दी जाएगी। व्यक्तिगत रूप से किसी को सूचित नहीं किया जाएगा।
प्रदेश में बीटीसी की 41,450 सीटें हैं। इसमें डायटों में 10,450 तथा 620 निजी कॉलेजों में 31,000 सीटें हैं। इसमें से 39,750 सीटों के लिए कटऑफ जारी किया गया है। शेष बचने वाली सीटें अल्पसंख्यक कॉलेजों के कोटे की हैं। इस पर कॉलेज प्रबंधन सीधे प्रवेश देगा।

NEWS SABHAAR : AMAR UJALA (6.2.14)

Wednesday, February 5, 2014

Supreme Court : Hearing on TET Matter ex Expected on 7th Feb 2014 (on ground of URGENT Matter)

Supreme Court : Hearing on TET Matter ex Expected on 7th Feb 2014 (on ground of URGENT Matter)

Tags: Supreme Court of India, UPTET, 72825 Teacher Recruitment, 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment,


 UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News


सुनने में आ रहा है कि

टी ई टी का मामला सुप्रीम कोर्ट में 7 फरवरी को अर्जेंसी के तहत सुना जायेगा ।
कल तक खबर कि पुष्टि मिल जायेगी




Centre to hike dearness allowance by 10% for second time, will make it 100%

Centre to hike dearness allowance by 10% for second time, will make it 100%

100 फीसदी हो जाएगा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता!

केन्द्र कर्मचारियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। केन्द्र सरकार अगले महीने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है।

अगर ऎसा हुआ तो कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 100 फीसदी हो जाएगा। केन्द्र के इस फैसले से 50 लाख कर्मचारी और 30 लाख पेंशनधार लाभान्वित होंगे। इससे पहले पिछले साल सितंबर में महंगाई भत्ते में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। उस वक्त डीए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी से महंगाई भत्ता 90 फीसदी हो गया था

बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एक जुलाई 2013 से लागू हुआ था। एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक प्रारंभिक आंकलन से पता चला है कि महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी 10 फीसदी से कम नहीं होगी। यह एक जनवरी से लागू होगा। अधिकारी ने कहा कि डीए में कितने फीसदी की बढ़ोतरी होगी इसका आंकलन 28 दिसंबर को जारी होने वाले ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स से होगा। 

31 जनवरी को जारी प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक फैक्ट्री वर्कर्स के लिए खुदरा महंगाई दर दिसंबर में 9.13 फीसदी थी। अब तक के चलन के मुताबिक सरकार पिछले 12 महीने के सीपीआई-आई डब्ल्यू के आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ता बढ़ाती आई है। इससे लगता है कि आखिरी दर तय करने के लिए 1 जनवरी से 31 जनवरी 31 दिसंबर 2013 तक के आंकड़े देखे जाएंगे।

केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के.के.एन.कुट्टी ने कहा कि इस बार डीए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी घोषणा मार्च में हो सकती है। उन्होंने कहा कि डीए को 100 फीसदी करने के अलावा सरकार को सैलरी रिवाइज करनी चाहिए और डीए को मूल वेतन में मिला देना चाहिए।

अभी तक डीए 50 फीसदी से अधिक होने पर उसे मूल वेतन में मिलाया जाता रहा है। इसके कर्मचारियों को कई फायदे होते हैं। उन्हें कई भत्ते मूल वेतन के आधार पर ही मिलते हैं। 


 Centre is likely to announce next month a hike in dearness allowance by 10 per cent to 100 per cent, benefiting about 50 lakh employees and 30 lakh pensioners.

It would be the second double digit DA hike in a row. The government had announced a hike of 10 per cent to 90 per cent in September last year, effective from July 1, 2013.

According to an official source, the preliminary assessment suggests that dearness allowance hike will not be less than 10 per cent and would be effective from January 1 this year.

He said the exact percentage hike in DA could be calculated only when the revised all India Consumer Price Index for Industrial Workers (CPI-IW) for December is released on February 28.

According to the provisional data released by government on January 31, the retail inflation for factory workers for the month of December stood at 9.13 per cent.

As per practice, the government uses CPI-IW data of the past 12 months to arrive at a quantum for the purpose of any DA hike. Thus, the retail inflation for industrial workers between January 1 to December 31, 2013 would be used to take a final call on the matter.

"It would be 10 per cent this time and would be announced in March," Confederation of Central Government Employees President K K N Kutty told PTI.

"Besides, raising DA to 100 per cent, the government should revise the pay and merge DA with basic pay", he said.

As per practice, the DA is merged with basic pay when it breaches the 50 per cent mark. DA merger helps employees as their other allowances are paid as a proportion of basic pay.

Kutty informed the central government employees would go on a two-day strike from February 12 and demand pay revision which would be possible through constituting the 7th Pay Commission. The government has announced setting up of the commission last year.

He said: "This DA hike won't help much as actual rise in the cost of living is about 300 per cent as on January 1, 2014. But they would pay us 100 per cent as DA."



Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों का समायोजन

Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों का समायोजन




 मित्रों कुछ दिन पहले हमने हिंदुस्तान अखबार कि यह खबर दी थी -
कि टी ई टी से छूट दिलाने के लिए शिक्षा मित्रों को खानपान व यूनिफॉर्म व्यवस्था संचलित करने के कार्य में समायोजित किया जा सकता है ,


http://joinuptet.blogspot.in/2014/02/shiksha-mitra-news.html



लेकिन आज के हिंदुस्तान पेपर में खबर आयी है कि जिस राजस्थान पैटर्न पर यह समायोजन होना है उस राजस्थान पैटर्न पर समायोजन को
सामान्य स्नातकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे कर याचिका दायर कर दी है कि उन्हें भी मोका मिले
कहीं ये उनके समायोजन में बाधक न बने , उधर सरकार  के पास वादा करने के बाद से अब 72 घंटे और बचे हैं



News Sabhaar : Hindustan Paper (05.02.2014)