KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN (HQ)
18, INSTITUTIONAL AREA, SAHEED JEET SINGH MARG, NEW DELHI-110016 |
Latest/updated UP TET (Teacher Eligibility News) - MERIT/Counselling/DIET (District Institute of Education & Training) Addresses, info of uptet2011.com merit/result, Revised Vigyapti/Advertisement info, statistical data, Basic Education Departement Uttar Pradesh updates/information news publishes in epaper of UP
Friday, April 18, 2014
KVS Result 15 December 2013 for the post of TGT at https://jobapply.in/kvs2013admitfinal/kvs2013resulttgt.asp
72825 Teacher Recruitment : Chunav Aayog Se Anumati Mangee / Asked Permission from Election Commission
72825 Teacher Recruitment : Chunav Aayog Se Anumati Mangee / Asked Permission from Election Commission
72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order,
Bhrtee Ka Maamla Supreme Court Ke Aadesh Ke Antargat Hai, Isleeye Bager Basic Shiksha Niyamavali Sansodhan Ke Bhrtee Par Sehmati Ban gayee Gai
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UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
See News :-
News Source / Sabhaar : Hindustan Paper (18.04.2014)
Thursday, April 17, 2014
UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment : Shikshak Bhrtee Kee Aur Badte Kadam
UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment : Shikshak Bhrtee Kee Aur Badte Kadam
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
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News Source / Sabhaar : Hindustan Paper (17.04.2014)
UPTET 2014 Result : Result on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
UPTET 2014 Result : Result May Arrive Tonight OR Tomorrow
UPTET 2014 RESULT / UPTET 2014 /UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
UPTET BLOG :
UPTET Results 2014 will be available on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
यूपी में पांचवें चरण की 15 सीटों पर नामांकन आज से लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2014 के लिए 12 अप्रैल को पांचवें चरण की अधिसूचना जारी होने के साथ ही यूपी की 15 संसदीय सीटों पर नामाकंन शुरू हो जाएंगे। पांचवें चरण की इन 15 सीटों के लिए 1 करोड़ 37 लाख से ज्यादा पुरु ष, 1 करोड़ 14 लाख ज्यादा महिला एवं 1446 अन्य मतदाता शामिल हैं।
UPTET Results 2014 will be available on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
Keep update your self with latest news reg UPTET 2014 in news papers also.
The candidates have to visit official site regularly and when it will come out on official website , they have to just click on the link for UPTET 2014 Results on official site and then enter the required details and have their result.
Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test was conducted on 22nd and 23rd February for Primary Teacher ( PRT ) and Upper Primary Teacher vacancies. Test was organized to be held in two papers : Paper I ( Level I ) and Paper 2 ( Level II ).
How to check UPTET 2014 result?
Go to the official upbasiceduboard.gov.in
select result link
Enter roll no and date of birth and submit
Check UPTET Results and take print out
Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test Result would be based on already determined cut off. Means the cut off is already fixed for most of the TET exams. General Category candidates need to score 90 Marks out of 150 ( Total 60% ) while candidates who belongs to SC / ST category have to secure minimum of 82 Marks ( 55% ) to get the eligibility certificate. Last year pass percentage was around 15% only, lets see what percentage UPTET 2014 Result brings with it. You can check UPTET Result 2014 at http://upbasiceduboard.gov.in .
Earlier UPTET pass marks for SC/STs was 83, But recently it changed to 82 as per NCTE rule.
Read more: http://joinuptet.blogspot.com/#ixzz2z8p3HA1B
72825 Teacher Recruitment : शिक्षकों की भर्ती का दारोमदार डायटों पर
72825 Teacher Recruitment : शिक्षकों की भर्ती का दारोमदार डायटों पर
जितनी जल्दी आवेदनों का ब्यौरा मिलेगा उतनी जल्दी भर्ती
जितनी जल्दी आवेदनों का ब्यौरा मिलेगा उतनी जल्दी भर्ती
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
एनसीटीई से समय सीमा बढ़ाने का फिर किया अनुरोध
72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला
72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का सारा दारोमदार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर है। डायट जितनी जल्द नवंबर 2011 के विज्ञापन के आधार पर आए आवेदनों का ब्यौरा उपलब्ध करा देगा, उतनी ही जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने नेशनल इंफॉरमेटिक सेंटर (एनआईसी) के साथ बैठक करते हुए टीईटी 2011 के रिजल्ट और आवेदन संबंधी ब्यौरे को ऑनलाइन करने में कितना समय लगेगा के संबंध में जानकारी प्राप्त की है। उधर, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुरोध किया गया है कि वह टीईटी पास बीएड वालों को भर्ती करने संबंधी अनुमति शीघ्र दे दे। ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की दिशा में काम शुरू कर दिया है। सभी डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वह एक सप्ताह के अंदर नवंबर 2011 के विज्ञापन के आधार पर आए हुए आवेदनों का ब्यौरा एकत्र करते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को उपलब्ध करा दे। ब्यौरा मिलने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि कितनों ने अपना आवेदन पत्र वापस लिया था और कितनों के अभी जमा हैं। इसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। जैसे कि आवेदन वापस लेने वालों को मौका दिया जाना है या नहीं, आवेदन के लिए यदि मौका दिया जाना है तो कितने दिन का समय दिया जाए।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (17.04.2014)
Wednesday, April 16, 2014
72825 Teacher Recruitment / UPTET 2011 : टीईटी अभ्यर्थियों ने जताई नाराजग
72825 Teacher Recruitment / UPTET 2011 : टीईटी अभ्यर्थियों ने जताई नाराजग
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order,
ज्ञानपुर (भदोही) : टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक बुधवार को हरिहरनाथ मंदिर परिसर ज्ञानपुर में हुई। इसमें शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हो रहे विलंब पर नाराजगी जाहिर की गई।
वक्ताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी प्रदेश में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में हो रहा विलंब अच्छी बात नहीं है। इस पर असंतोष जताया। चेताया कि शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराने पर शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं।
इस मौके पर अध्यक्ष तपन कुमार मौर्य, शैलेंद्र कुमार, रमाशंकर यादव, मनीष त्रिपाठी, जावेद अहमद, सूर्यप्रकाश, विजेंद्र व अन्य थे।
News Source / Sabhaar : Jagran (Wed, 16 Apr 2014 09:58 PM (IST))
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
ज्ञानपुर (भदोही) : टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक बुधवार को हरिहरनाथ मंदिर परिसर ज्ञानपुर में हुई। इसमें शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हो रहे विलंब पर नाराजगी जाहिर की गई।
वक्ताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी प्रदेश में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में हो रहा विलंब अच्छी बात नहीं है। इस पर असंतोष जताया। चेताया कि शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराने पर शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं।
इस मौके पर अध्यक्ष तपन कुमार मौर्य, शैलेंद्र कुमार, रमाशंकर यादव, मनीष त्रिपाठी, जावेद अहमद, सूर्यप्रकाश, विजेंद्र व अन्य थे।
News Source / Sabhaar : Jagran (Wed, 16 Apr 2014 09:58 PM (IST))
Tuesday, April 15, 2014
News : लगातार दो वर्ष छुट्टी ले सकती हैं सरकारी महिला कर्मी
News : लगातार दो वर्ष छुट्टी ले सकती हैं सरकारी महिला कर्मी
लगातार दो वर्ष छुट्टी ले सकती हैं सरकारी महिला कर्मी
नई दिल्ली। सरकारी महिला कर्मचारियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला दिया है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार की एक महिला कर्मचारी अपने नाबालिग बच्चों की देखभाल के लिए लगातार दो वर्ष तक की छुट्टी ले सकती है। यह अवकाश उन्हें बच्चों की परीक्षा और बीमारी के कारण भी मिल सकती है।
न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय एवं वी गोपाला गौडा की पीठ ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले का दरकिनार करते हुए उपरोक्त निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने एक सरकारी महिला कर्मचारी काकली घोष की याचिका का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया। काकली ने अपनी याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के 18 सितंबर, 2012 के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय सिविल सेवा [अवकाश] नियमावली के अनुसार सीसीएल [बच्चों की देखभाल संबंधी छुट्टी] के तहत लगातार 730 दिन यानी दो वर्ष के अवकाश की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
काकली ने अपने बेटे की दसवीं की परीक्षा की तैयारी के लिए दो वर्ष के अवकाश की मांग की थी, जिसे सरकार ने खारिज किया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नियम 43-सी के अनुसार अगर महिला कर्मचारी के दो नाबालिग [18 वर्ष से कम उम्र के] बच्चे हैं तो वह अपने पूरे कार्यकाल में एक बार लगातार दो वर्ष यानी 730 दिनों की छुट्टी ले सकती है।' इतना ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सीसीएल अवकाश की अवधि को 730 से अधिक भी बढ़ाया जा सकता है बशर्ते महिला कर्मचारी के पास अन्य छुट्टियां शेष हों। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला न तो नियम 43-सी के अनुरूप है और न ही वह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर ही आधारित है
News Source / Sabhaar : Jagran (Tue, 15 Apr 2014 09:39 PM (IST))
लगातार दो वर्ष छुट्टी ले सकती हैं सरकारी महिला कर्मी
नई दिल्ली। सरकारी महिला कर्मचारियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला दिया है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार की एक महिला कर्मचारी अपने नाबालिग बच्चों की देखभाल के लिए लगातार दो वर्ष तक की छुट्टी ले सकती है। यह अवकाश उन्हें बच्चों की परीक्षा और बीमारी के कारण भी मिल सकती है।
न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय एवं वी गोपाला गौडा की पीठ ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले का दरकिनार करते हुए उपरोक्त निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने एक सरकारी महिला कर्मचारी काकली घोष की याचिका का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया। काकली ने अपनी याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के 18 सितंबर, 2012 के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय सिविल सेवा [अवकाश] नियमावली के अनुसार सीसीएल [बच्चों की देखभाल संबंधी छुट्टी] के तहत लगातार 730 दिन यानी दो वर्ष के अवकाश की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
काकली ने अपने बेटे की दसवीं की परीक्षा की तैयारी के लिए दो वर्ष के अवकाश की मांग की थी, जिसे सरकार ने खारिज किया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नियम 43-सी के अनुसार अगर महिला कर्मचारी के दो नाबालिग [18 वर्ष से कम उम्र के] बच्चे हैं तो वह अपने पूरे कार्यकाल में एक बार लगातार दो वर्ष यानी 730 दिनों की छुट्टी ले सकती है।' इतना ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सीसीएल अवकाश की अवधि को 730 से अधिक भी बढ़ाया जा सकता है बशर्ते महिला कर्मचारी के पास अन्य छुट्टियां शेष हों। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला न तो नियम 43-सी के अनुरूप है और न ही वह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर ही आधारित है
News Source / Sabhaar : Jagran (Tue, 15 Apr 2014 09:39 PM (IST))
Article : केजरीवाल और राजनीती
Article : केजरीवाल और राजनीती
केजरीवाल ने जब शुरुआत की थी तब देश की जनता को उनसे बहुत उम्मीदे थी ,
सोशल मीडिया पर क्या क्या उतार चढ़ाव आये और क्या है केजरीवाल की कमजोरी और खूबियां -
देश की जनता भ्रस्टाचार से पीड़ित होने के कारण उन्होंने केजरीवाल की जनलोकपाल में विचारधारा को बहुत उम्मीदों से देखा , उनके साथ अन्ना हज़ारे , किरण बेदी थे जिनका भ्रस्टाचार विरोधी आंदोलन और भ्रस्टाचार रोकने में बड़ा योगदान था ।
आर टी आई लाने के लिए के लिए अन्ना और केजरीवाल ने बड़ा योगदान किया था और कांग्रेस सरकार के दौरान यह पारित हुआ था , आर टी आई की ही देन थी , जिस से देश में तमाम भ्रष्टाचारों का खुलासा हुआ ,
लेकिन सिर्फ खुलासा होने भर से भ्रष्ट लोगों को सजा नहीं मिलती और आर टी आई के दौरान सुचना पाना भी आसान प्रक्रिया नहीं है कई बार सुचना अधिकारी , प्रथम अपीलीय अधिकारी पूरी सुचना नहीं देते और मामला द्वितीय अपील तक पहुँचता है और इसका निस्तारण होते होते बहुत समय लग जाता है , इस दौरान आर टी आई आवेदन कर्ताओं को कई बार तमाम कष्टों से गुजरना पड़ता है और कई बार इसकी कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ती है ।
देश की अदालतों में फैसले होने में बहुत लम्बा समय लगता है कई फैसलों में उम्र भर गुजर जाती है , ऐसे में जन लोक पाल आम जनता को कम समय में व् कम खर्च में बड़ी राहत प्रदान करता है
देश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां जन लोक पाल और राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाने में परेशानी महसूस करती हैं
और इस दिशा में पहल करने से घबराती हैं ।
शुरुआत तक तो सब ठीक था , लेकिन अरविन्द केजरीवाल की जिन बातों को सोशल मीडिया में विरोध हो रहा है वे निम्न हैं -
१. शुरुआत में केजरीवाल राजनीती से दूर रहने की बात करते थे , कहते थे की क्या हर आंदोलन करने वाला चुनाव लड़ेगा ।
लेकिन बाद में केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा
२. केजरीवाल ने बच्चों की कसम खा कर कहा कि में न किसी पार्टी से समर्थन लूंगा न ही समर्थन दूंगा ।
लेकिन बाद में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई ।
३. केजरीवाल ने बिजली पानी में भ्रष्ट्राचार काम करके सस्ती बिजली पानी मुहैया कराने का वादा किया , जबकि बाद में सब्सिडी आधारित व्यवस्था
के तहत बिजली , पानी में राहत की घोषणा की ।
हालाँकि यह अभी विवाद का विषय है की यह व्यवस्था सही थी की नहीं , लेकिन सस्ती बिजली पानी भ्रष्ट्राचार को कम करके नहीं दी गयी
सबसे बड़ा विवाद का विषय तब बना जब उन्होंने बिजली आंदोलन के दौरान अपने समर्थकों को जिन्होंने विरोध स्वरुप बिजली का बिल अदा नहीं किया उनको बिल अदायगी में 50 फीसदी सब्सिडी की राहत की घोषणा कर दी ,
उसके बाद मामला अदालत पहुंचा और अदालत ने इस सब्सिडी पर रोक लगा दी ,
अदालत में दाखिल पी आई एल में कहा गया की - बिजली बिल अदायगी न करने वालों को दंड देने की जगह अपने समर्थकों को इनाम दिया जा रहा है ,
देखिए - http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-high-court-halts-implementation-of-ex-aap-government-s-waiver-on-power-bills-485372
(
The PIL has been filed against former Delhi government's announcement of 50 per cent waiver on electricity bills of people who defaulted in payment, saying it will "spread chaos and anarchy by rewarding defaulters instead of penalising them.)
४. केजरीवाल ने वी आई पी कल्चर ख़त्म करने की बात कही और उनकी मंत्री राखी बिड़लान पहले दिन ऑटो से पहुँची और उसके अगले दिन से
इनोवा टयोटा गाड़ी से आने जाने लगीं , वी आई पी कल्चर की परिभाषा लाल बत्ती ख़त्म करने से दी गयी , लेकिन सामान्य जन वी आई पी कल्चर के मायने तड़क भड़क शानो शौकत से रहने को भी समझता है ।
मानते है की जो मंत्री लाखों करोड़ों लोगों को सर्विस देने के लिए बने हैं उन्हें अच्छी सुविधाएँ मिलना जरूरी हैं , क्यूंकि छोटी मोटी कंपनी के मालिक के पास ही गाड़ी , बंगला और तमाम सुख सुविधाएँ होती हैं , और मंत्री के सेक्रेटरी ही कार , बंगले आदि की सुविधाओं से लेस होते हैं
तो मंत्री को सुविधाएं देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए ।
लेकिन ये मंत्री देश की आम जनता के सेवक होने का स्वांग भर करके चुन कर आते हैं , देश का आम इंसान गरीबी व जन सुविधाओं की किल्लत से जूझ रहा है तो ऐसे मंत्रियों में त्याग की भावना होना बहुत जरूरी है जिस से देश की आम जनता की परेशानी समझ सकें ।
इसलिए मंत्रियों से उम्मीद की जाती है के वह सामान्य जन की तरह करें
अन्ना हज़ारे ने इस बारे में कहा है की अरविन्द में त्याग की बहुत कमी है और वह भी सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता की रेस में शामिल हो गए हैं
५. केजरीवाल का सबसे ज्यादा विरोध कश्मीर पर उनकी नीति के बारे में हो रहा है , जिसमें उनकी पार्टी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कश्मीर में वोटिंग के जरिये कश्मीर के देश से अलग होने न होने पर बात कही है ।
इस बारे में केजरीवाल काफी लम्बे समय तक चुप रहे और मीडिया द्वारा पूछने पर सवाल का जवाब टाला भी गया , इससे लोगों में सन्देश जाने लगा की
केजरीवाल भारत की अखंडता में आस्था नहीं रख रहे , लेकिन काफी समय बाद केजरीवाल जी ने कहा की में प्रशांत भूषण की कश्मीर पर दी गयी राय से
सहमत नहीं हूँ । यही बात अगर वह काफी पहले कहते तो सोशल मीडिया पर उनका इस मामले में तीव्र विरोध नहीं होता
अगर देश से एक हिस्सा अलग होता है तो देश से बाकि हिस्से पंजाब , असम , नार्थ ईस्ट आदि भी देश से अलग होने की मांग करने लगेंगे और अलगाव वादी ताकतें हावी होने लगेंगी
और क्या देश के सभी गली मुहल्लों में वोटिंग करा कर उनसे अलग देश या किसी और देश में शामिल होने की राय ली जानी चाहिए , इस तरह से देश
के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे । देश कमजोर हो जायेगा और देश के शत्रु देश पर हावी हो जायेंगे ।
एक मजबूत देश के लिए अखंड भारत की बेहद आवश्यकता है , हाँ यह जरूर किया जाना चाहिए की देश के सभी नागरिक खुशहाल बने , चाहे वे कश्मीरी हों
पंजाबी हों , उत्तर भारतीय , दक्षिण भारतीय , गुजराती , मराठी आदि
६. केजरीवाल बात बात अपनी बातों से पलट जाते हैं , उन्होंने कहा की चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन लड़े , किसी से सपोर्ट ले कर कर सरकार नहीं बनाऊंगा लेकिन बनाई , उन्होंने कहा की में लोक सभा इलेक्शन नहीं लड़ूंगा लेकिन अब लोक सभा इलेक्शन लड़ रहे हैं ,
वे अपनी बात पर कायम नहीं रहते , इसलिए उनकी बातों में जनता को गंभीरता से नहीं ले रही है
७. उनके मंत्री सोमनाथ भारती पतंग उड़ाते हैं और दस्त का बहाना बना कर महिला आयोग नहीं जाते और ऐसे मंत्री पर कोई कार्यवाही भी नहीं होती ,
ऐसे ही राखी बिड़लान की कर का शीशा बच्चे की गेंद से टूट जाता है , बच्चे द्वारा माफी मांगने के बावजूद भी ऍफ़ आई आर होती है और इस आतंकवादी घटना बताया जाता है
ऐसे मंत्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती
ऐसे ही कई घटनाक्रम हैं , जिनसे केजरीवाल की लोक प्रियता में गिरावट आयी है
हालाँकि केजरीवाल का जन लोक पाल मुद्दा , राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाना , ग्राम व्यवस्था को अधिक स्वायत्ता देना आदि अच्छे
रास्ते हैं , लेकिन जबसे केजरीवाल ने दिल्ली सरकार छोड़ी और परफॉर्म करके नहीं दिखा सके ,
ऐसे में जनता के बीच उनके प्रति विश्वास की कमी हो गई है
दुसरी तरफ नरेंद्र मोदी के सुरक्षा व विकास वाद मुद्दे आम जनता के बीच हावी होने लगे हैं
गुजरात में २००२ के बाद से शांति व्यवस्था कायम है , गुजरात में सुचारू बिजली व्यवस्था है और बिजली की कमी नहीं है
बी बी सी आदि ने गुजरात को तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बताया है
http://archive.indianexpress.com/news/land-act-a-fraud-learn-from-gujarat-says-sc/827449/
http://www.bbc.com/news/world-asia-india-17919364
(Gujarat IS a red hot economy)
http://www.bbc.co.uk/news/business-17156917
(Gujarat state in the fast lane of Indian economy)
No power cuts
But the biggest reason for Gujarat's popularity is that unlike most of India it is a power-surplus state.
Mr Banerjee says: "We don't need a captive generator to run our plant here. This is the only plant I have out of the 17 plants in seven states in India that doesn't need a backup generator."
Other than coal-based thermal power plants, the state leads the country in solar energy usage.
The Asian Development Bank recently approved a $100m loan to Gujarat to build a 500 megawatt solar park.
अमेरिकी अखबार ने की नरेंद्र मोदी की तारीफ
अखबार ने अपने संपादकीय में मोदी और भाजपा को लेकर तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी आलोचकों की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उन्होंने 'मुस्लिम विरोधीÓ रुख छोड़ दिया है। अखबार ने इस आशंका को भी खारिज किया है कि मोदी की सरकार बनने के बाद लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होंगी। या धार्मिक उन्माद बढ़ेगा - http://www.bhaskar.com/article-hf/INT-indias-narendra-modi-should-build-on-his-successes-not-his-prejudicial-rhetoric-4574613-NOR.html
केजरीवाल ने जब शुरुआत की थी तब देश की जनता को उनसे बहुत उम्मीदे थी ,
सोशल मीडिया पर क्या क्या उतार चढ़ाव आये और क्या है केजरीवाल की कमजोरी और खूबियां -
देश की जनता भ्रस्टाचार से पीड़ित होने के कारण उन्होंने केजरीवाल की जनलोकपाल में विचारधारा को बहुत उम्मीदों से देखा , उनके साथ अन्ना हज़ारे , किरण बेदी थे जिनका भ्रस्टाचार विरोधी आंदोलन और भ्रस्टाचार रोकने में बड़ा योगदान था ।
आर टी आई लाने के लिए के लिए अन्ना और केजरीवाल ने बड़ा योगदान किया था और कांग्रेस सरकार के दौरान यह पारित हुआ था , आर टी आई की ही देन थी , जिस से देश में तमाम भ्रष्टाचारों का खुलासा हुआ ,
लेकिन सिर्फ खुलासा होने भर से भ्रष्ट लोगों को सजा नहीं मिलती और आर टी आई के दौरान सुचना पाना भी आसान प्रक्रिया नहीं है कई बार सुचना अधिकारी , प्रथम अपीलीय अधिकारी पूरी सुचना नहीं देते और मामला द्वितीय अपील तक पहुँचता है और इसका निस्तारण होते होते बहुत समय लग जाता है , इस दौरान आर टी आई आवेदन कर्ताओं को कई बार तमाम कष्टों से गुजरना पड़ता है और कई बार इसकी कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ती है ।
देश की अदालतों में फैसले होने में बहुत लम्बा समय लगता है कई फैसलों में उम्र भर गुजर जाती है , ऐसे में जन लोक पाल आम जनता को कम समय में व् कम खर्च में बड़ी राहत प्रदान करता है
देश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां जन लोक पाल और राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाने में परेशानी महसूस करती हैं
और इस दिशा में पहल करने से घबराती हैं ।
शुरुआत तक तो सब ठीक था , लेकिन अरविन्द केजरीवाल की जिन बातों को सोशल मीडिया में विरोध हो रहा है वे निम्न हैं -
१. शुरुआत में केजरीवाल राजनीती से दूर रहने की बात करते थे , कहते थे की क्या हर आंदोलन करने वाला चुनाव लड़ेगा ।
लेकिन बाद में केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा
२. केजरीवाल ने बच्चों की कसम खा कर कहा कि में न किसी पार्टी से समर्थन लूंगा न ही समर्थन दूंगा ।
लेकिन बाद में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई ।
३. केजरीवाल ने बिजली पानी में भ्रष्ट्राचार काम करके सस्ती बिजली पानी मुहैया कराने का वादा किया , जबकि बाद में सब्सिडी आधारित व्यवस्था
के तहत बिजली , पानी में राहत की घोषणा की ।
हालाँकि यह अभी विवाद का विषय है की यह व्यवस्था सही थी की नहीं , लेकिन सस्ती बिजली पानी भ्रष्ट्राचार को कम करके नहीं दी गयी
सबसे बड़ा विवाद का विषय तब बना जब उन्होंने बिजली आंदोलन के दौरान अपने समर्थकों को जिन्होंने विरोध स्वरुप बिजली का बिल अदा नहीं किया उनको बिल अदायगी में 50 फीसदी सब्सिडी की राहत की घोषणा कर दी ,
उसके बाद मामला अदालत पहुंचा और अदालत ने इस सब्सिडी पर रोक लगा दी ,
अदालत में दाखिल पी आई एल में कहा गया की - बिजली बिल अदायगी न करने वालों को दंड देने की जगह अपने समर्थकों को इनाम दिया जा रहा है ,
देखिए - http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-high-court-halts-implementation-of-ex-aap-government-s-waiver-on-power-bills-485372
(
The PIL has been filed against former Delhi government's announcement of 50 per cent waiver on electricity bills of people who defaulted in payment, saying it will "spread chaos and anarchy by rewarding defaulters instead of penalising them.)
४. केजरीवाल ने वी आई पी कल्चर ख़त्म करने की बात कही और उनकी मंत्री राखी बिड़लान पहले दिन ऑटो से पहुँची और उसके अगले दिन से
इनोवा टयोटा गाड़ी से आने जाने लगीं , वी आई पी कल्चर की परिभाषा लाल बत्ती ख़त्म करने से दी गयी , लेकिन सामान्य जन वी आई पी कल्चर के मायने तड़क भड़क शानो शौकत से रहने को भी समझता है ।
मानते है की जो मंत्री लाखों करोड़ों लोगों को सर्विस देने के लिए बने हैं उन्हें अच्छी सुविधाएँ मिलना जरूरी हैं , क्यूंकि छोटी मोटी कंपनी के मालिक के पास ही गाड़ी , बंगला और तमाम सुख सुविधाएँ होती हैं , और मंत्री के सेक्रेटरी ही कार , बंगले आदि की सुविधाओं से लेस होते हैं
तो मंत्री को सुविधाएं देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए ।
लेकिन ये मंत्री देश की आम जनता के सेवक होने का स्वांग भर करके चुन कर आते हैं , देश का आम इंसान गरीबी व जन सुविधाओं की किल्लत से जूझ रहा है तो ऐसे मंत्रियों में त्याग की भावना होना बहुत जरूरी है जिस से देश की आम जनता की परेशानी समझ सकें ।
इसलिए मंत्रियों से उम्मीद की जाती है के वह सामान्य जन की तरह करें
अन्ना हज़ारे ने इस बारे में कहा है की अरविन्द में त्याग की बहुत कमी है और वह भी सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता की रेस में शामिल हो गए हैं
५. केजरीवाल का सबसे ज्यादा विरोध कश्मीर पर उनकी नीति के बारे में हो रहा है , जिसमें उनकी पार्टी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कश्मीर में वोटिंग के जरिये कश्मीर के देश से अलग होने न होने पर बात कही है ।
इस बारे में केजरीवाल काफी लम्बे समय तक चुप रहे और मीडिया द्वारा पूछने पर सवाल का जवाब टाला भी गया , इससे लोगों में सन्देश जाने लगा की
केजरीवाल भारत की अखंडता में आस्था नहीं रख रहे , लेकिन काफी समय बाद केजरीवाल जी ने कहा की में प्रशांत भूषण की कश्मीर पर दी गयी राय से
सहमत नहीं हूँ । यही बात अगर वह काफी पहले कहते तो सोशल मीडिया पर उनका इस मामले में तीव्र विरोध नहीं होता
अगर देश से एक हिस्सा अलग होता है तो देश से बाकि हिस्से पंजाब , असम , नार्थ ईस्ट आदि भी देश से अलग होने की मांग करने लगेंगे और अलगाव वादी ताकतें हावी होने लगेंगी
और क्या देश के सभी गली मुहल्लों में वोटिंग करा कर उनसे अलग देश या किसी और देश में शामिल होने की राय ली जानी चाहिए , इस तरह से देश
के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे । देश कमजोर हो जायेगा और देश के शत्रु देश पर हावी हो जायेंगे ।
एक मजबूत देश के लिए अखंड भारत की बेहद आवश्यकता है , हाँ यह जरूर किया जाना चाहिए की देश के सभी नागरिक खुशहाल बने , चाहे वे कश्मीरी हों
पंजाबी हों , उत्तर भारतीय , दक्षिण भारतीय , गुजराती , मराठी आदि
६. केजरीवाल बात बात अपनी बातों से पलट जाते हैं , उन्होंने कहा की चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन लड़े , किसी से सपोर्ट ले कर कर सरकार नहीं बनाऊंगा लेकिन बनाई , उन्होंने कहा की में लोक सभा इलेक्शन नहीं लड़ूंगा लेकिन अब लोक सभा इलेक्शन लड़ रहे हैं ,
वे अपनी बात पर कायम नहीं रहते , इसलिए उनकी बातों में जनता को गंभीरता से नहीं ले रही है
७. उनके मंत्री सोमनाथ भारती पतंग उड़ाते हैं और दस्त का बहाना बना कर महिला आयोग नहीं जाते और ऐसे मंत्री पर कोई कार्यवाही भी नहीं होती ,
ऐसे ही राखी बिड़लान की कर का शीशा बच्चे की गेंद से टूट जाता है , बच्चे द्वारा माफी मांगने के बावजूद भी ऍफ़ आई आर होती है और इस आतंकवादी घटना बताया जाता है
ऐसे मंत्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती
ऐसे ही कई घटनाक्रम हैं , जिनसे केजरीवाल की लोक प्रियता में गिरावट आयी है
हालाँकि केजरीवाल का जन लोक पाल मुद्दा , राजनीतिक पार्टियों को आर टी आई के दायरे में लाना , ग्राम व्यवस्था को अधिक स्वायत्ता देना आदि अच्छे
रास्ते हैं , लेकिन जबसे केजरीवाल ने दिल्ली सरकार छोड़ी और परफॉर्म करके नहीं दिखा सके ,
ऐसे में जनता के बीच उनके प्रति विश्वास की कमी हो गई है
दुसरी तरफ नरेंद्र मोदी के सुरक्षा व विकास वाद मुद्दे आम जनता के बीच हावी होने लगे हैं
गुजरात में २००२ के बाद से शांति व्यवस्था कायम है , गुजरात में सुचारू बिजली व्यवस्था है और बिजली की कमी नहीं है
बी बी सी आदि ने गुजरात को तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बताया है
http://archive.indianexpress.com/news/land-act-a-fraud-learn-from-gujarat-says-sc/827449/
http://www.bbc.com/news/world-asia-india-17919364
(Gujarat IS a red hot economy)
http://www.bbc.co.uk/news/business-17156917
(Gujarat state in the fast lane of Indian economy)
No power cuts
But the biggest reason for Gujarat's popularity is that unlike most of India it is a power-surplus state.
Mr Banerjee says: "We don't need a captive generator to run our plant here. This is the only plant I have out of the 17 plants in seven states in India that doesn't need a backup generator."
Other than coal-based thermal power plants, the state leads the country in solar energy usage.
The Asian Development Bank recently approved a $100m loan to Gujarat to build a 500 megawatt solar park.
अमेरिकी अखबार ने की नरेंद्र मोदी की तारीफ
अखबार ने अपने संपादकीय में मोदी और भाजपा को लेकर तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी आलोचकों की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उन्होंने 'मुस्लिम विरोधीÓ रुख छोड़ दिया है। अखबार ने इस आशंका को भी खारिज किया है कि मोदी की सरकार बनने के बाद लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होंगी। या धार्मिक उन्माद बढ़ेगा - http://www.bhaskar.com/article-hf/INT-indias-narendra-modi-should-build-on-his-successes-not-his-prejudicial-rhetoric-4574613-NOR.html
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अंत में यही कहना चाहेंगे की देश की सबसे बड़ी उपलब्धि तब होगी जब देश की जनता को उसकी वास्तविक ताकत अर्थात जन लोक पाल मिले
देश में जनता के हाथ में शक्ति अर्थात जन लोक पाल व्यवस्था जनता को दी जानी चाहिए ,
जिस से भ्रस्टाचार से पीड़ित आम इंसान देश की खर्चीली और लम्बी न्यायिक व्यवस्था की जगह सरल मॉडल को अपना सके
देश के सामरिक व रण नीतिक व्यवस्था को इस दायरे से मुक्त रखा जा सकता है ,
लेकिन इस दिशा में अभी बहुत काम होना बाकि है , फिलहाल अच्छे व्यक्ति, अच्छी पार्टी को चुनाव में जिताएं और देश को मजबूत बनायें
जिस से भ्रस्टाचार से पीड़ित आम इंसान देश की खर्चीली और लम्बी न्यायिक व्यवस्था की जगह सरल मॉडल को अपना सके
देश के सामरिक व रण नीतिक व्यवस्था को इस दायरे से मुक्त रखा जा सकता है ,
लेकिन इस दिशा में अभी बहुत काम होना बाकि है , फिलहाल अच्छे व्यक्ति, अच्छी पार्टी को चुनाव में जिताएं और देश को मजबूत बनायें
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72825 Teacher Recruitment : 2012 के आवेदकों ने भी मांगी शिक्षक की नौकरी
72825 Teacher Recruitment : 2012 के आवेदकों ने भी मांगी शिक्षक की नौकरी
टीईटी पास बीएड वालों ने की बैठक
कहा, शिक्षक बनने के वे भी हैं हकदार
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
UPTET BLOG :
72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2012 में निकले विज्ञापन के आधार पर आवेदन करने वाले टीईटी पास बीएड वालों ने भी नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 72,825 शिक्षक भर्ती के लिए दो बार अलग-अलग चयन प्रक्रिया के आधार पर विज्ञापन निकाल कर आवेदन लिए गए हैं। नवंबर 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार ने टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का आवेदन लिया था और 2012 में मौजूदा अखिलेश सरकार ने शैक्षिक मेरिट के आधार पर आवेदन लिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार केवल नवंबर 2011 में आवेदन करने वालों की भर्ती का निर्णय राज्य सरकार ने किया है। उन्होंने मांग की है कि उनका भी आवेदन बेसिक शिक्षा विभाग के पास है और वे भी टीईटी पास बीएड अभ्यर्थी हैं, बस फर्क इतना है कि उन्होंने आवेदन 2012 में किए हैं। इसलिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (15.04.2014)
Monday, April 14, 2014
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment : जूनियर शिक्षकों की भर्ती
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment : जूनियर शिक्षकों की भर्ती
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Upper Primary Teacher Recruitment UP,
आजकल जूनियर भर्ती के आवेदक बड़ी पेशोपस में हैं हाल की न्यूज़ पेपर की खबर उन्हें उलझन में डाल दिया है की सारी भर्ती टेट मेरिट से होंगी ।
मेरे ख्याल से 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टेट मेरिट सही थी क्यूंकि यू पी टी ई टी 2011 परीक्षा सभी लोगों के लिए कॉमन एग्जाम थी
उत्तर प्रदेश सरकार उस दौरान नियम टेट से भर्ती का नियम निर्धारित कर चुकी थी (उस दौरान इलाहबाद न्यायलय ने टेट के १००% वेटेज को एन सी टी ई नियम विरुद्द नहीं माना था ) और प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी
जूनियर भर्ती में यू पी टी ई टी 2011 उत्तीर्ण परीक्षार्थी, यू पी टी ई टी 2013 उत्तीर्ण परीक्षार्थी , और सी टी ई टी उत्तीर्ण परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था
तो सभी के लिए किसी परीक्षा द्वारा टी ई टी मेरिट से भर्ती मुश्किल है क्यूंकि परीक्षाएं असमान स्तर की थी , इस भर्ती से पूर्व में कोई 100 फीसदी वेटेज निर्धारित नहीं था और भर्ती के नियम अलग थे ,
एन सी टी ई ने टेट मार्क्स के वेटेज की बात कही है पर इसका निर्धारण चयन करने वाली संस्था पर छोड़ा है ,
वेटेज कई तरह का हो सकता है - परीक्षा में सामान अंक होने पर अधिक टेट मार्क्स वाले को वरीयता , टेट मार्क्स के अंको का एक निश्चित प्रतिशत / वेटेज
को चयन में शामिल किया जाना
कुछ संस्थाओं के वी एस आदि ने चयन में टेट मार्क्स के वेटेज को नहीं भी लिया है (क्लियर नहीं है की कैसे टेट मार्क्स का वेटेज ले रहे हैं ), यह भी हो सकता है की इन संस्थाओं की चयन प्रक्रिया को किसी ने कोर्ट में चेलेंज नहीं किया हो
सभी बातों पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आना बाकि है और टेट मार्क्स के वेटेज को जोड़कर चयन प्रक्रिया पूरी होने की संभावना दिख रही है
निराश न हों , आवेदकों का ख्याल देश का सर्वोच्च न्यायलय और सरकार जरूर रखेगी
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29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Upper Primary Teacher Recruitment UP,
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आजकल जूनियर भर्ती के आवेदक बड़ी पेशोपस में हैं हाल की न्यूज़ पेपर की खबर उन्हें उलझन में डाल दिया है की सारी भर्ती टेट मेरिट से होंगी ।
मेरे ख्याल से 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टेट मेरिट सही थी क्यूंकि यू पी टी ई टी 2011 परीक्षा सभी लोगों के लिए कॉमन एग्जाम थी
उत्तर प्रदेश सरकार उस दौरान नियम टेट से भर्ती का नियम निर्धारित कर चुकी थी (उस दौरान इलाहबाद न्यायलय ने टेट के १००% वेटेज को एन सी टी ई नियम विरुद्द नहीं माना था ) और प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी
जूनियर भर्ती में यू पी टी ई टी 2011 उत्तीर्ण परीक्षार्थी, यू पी टी ई टी 2013 उत्तीर्ण परीक्षार्थी , और सी टी ई टी उत्तीर्ण परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था
तो सभी के लिए किसी परीक्षा द्वारा टी ई टी मेरिट से भर्ती मुश्किल है क्यूंकि परीक्षाएं असमान स्तर की थी , इस भर्ती से पूर्व में कोई 100 फीसदी वेटेज निर्धारित नहीं था और भर्ती के नियम अलग थे ,
एन सी टी ई ने टेट मार्क्स के वेटेज की बात कही है पर इसका निर्धारण चयन करने वाली संस्था पर छोड़ा है ,
वेटेज कई तरह का हो सकता है - परीक्षा में सामान अंक होने पर अधिक टेट मार्क्स वाले को वरीयता , टेट मार्क्स के अंको का एक निश्चित प्रतिशत / वेटेज
को चयन में शामिल किया जाना
कुछ संस्थाओं के वी एस आदि ने चयन में टेट मार्क्स के वेटेज को नहीं भी लिया है (क्लियर नहीं है की कैसे टेट मार्क्स का वेटेज ले रहे हैं ), यह भी हो सकता है की इन संस्थाओं की चयन प्रक्रिया को किसी ने कोर्ट में चेलेंज नहीं किया हो
सभी बातों पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आना बाकि है और टेट मार्क्स के वेटेज को जोड़कर चयन प्रक्रिया पूरी होने की संभावना दिख रही है
निराश न हों , आवेदकों का ख्याल देश का सर्वोच्च न्यायलय और सरकार जरूर रखेगी
Sunday, April 13, 2014
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment : गणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का निकालना होगा रास्ता
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment : गणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का निकालना होगा रास्ता
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
Shocking news for CTET, UPTET 2013 pass candidates.
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लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती का रास्ता भले ही साफ हो गया हो पर अब जूनियर हाईस्कूल में गणित व विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का भी रास्ता निकालना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित करते हुए इसमें टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान करना होगा। इस बाबत सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार का कहना है कि इस बारे में भी शीघ्र ही निर्णय किया जाएगा।
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग का दायरा काफी बड़ा है। प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल मिलाकर करीब ढाई करोड़ छात्र इन स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है। इसलिए राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों के साथ जूनियर हाईस्कूलों में गणित व विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की सीधी भर्ती का निर्णय किया था।
गणित व विज्ञान शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (15वें संशोधन) सेवा नियमावली 2012 के आधार पर लिए गए हैं। इसमें शैक्षिक मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है।
हाईकोर्ट ने इस नियमावली को रद्द कर दिया है और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग चुकी है। हाईकोर्ट ने 2011 में तैयार की गई उस नियमावली के आधार पर भर्ती का आदेश दिया है जिसमें टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग को यदि जूनियर हाईस्कूल में गणित व विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती करनी है तो इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में बदलाव करना होगा
News Source / Sabhaar : Amar Ujala अमर उजाला (13.04.2014)
Saturday, April 12, 2014
72825 Teacher Recruitment : दो महीने में 72 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती
72825 Teacher Recruitment : दो महीने में 72 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती
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72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बताया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट का मामला है इसलिए चुनाव आयोग को इस पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी और भर्ती प्रक्रिया में बाधा नहीं आएगी
सरकार चाहती है समय सीमा बढ़ाना
राज्य सरकार एनसीटीई से समय सीमा बढ़ाने जाने का अनुरोध करने के लिए पत्र भेजने जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया शुरू करने संबंधी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है
25 जून तक पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
अखिलेश सरकार ने चुनावी माहौल में प्राथमिक स्कूलों में 72,825
शिक्षकों को टीईटी मेरिट पर भर्ती करने का फैसला कर वोटरों को लुभाने की
कोशिश की है।
इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया।
सरकार ने चुनाव आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी दे दी है।
मामले में सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने विभागीय आदेश जारी कर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में जमा आवेदनों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है।
इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया।
सरकार ने चुनाव आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी दे दी है।
मामले में सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने विभागीय आदेश जारी कर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में जमा आवेदनों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है।
आवेदकों को संशोधन करने के लिए मौका भी दिया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत आदेश डायट से ब्यौरा मिलने के बाद जारी किया जाएगा।
जिन्होंने आवेदन वापस लिए थे उनके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि उनसे पुन: आवेदन लिया जाए या नहीं।
भर्ती 25 जून 2014 तक पूरी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि उस समय 63 लाख आवेदन आए थे इनमें से 55 लाख को कम्प्यूटर में फीड किया जा चुका था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी पास बीएड वालों को शिक्षक बनाने के लिए विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार को 31 मार्च 2014 तक का ही समय दिया था।
जिन्होंने आवेदन वापस लिए थे उनके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि उनसे पुन: आवेदन लिया जाए या नहीं।
भर्ती 25 जून 2014 तक पूरी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि उस समय 63 लाख आवेदन आए थे इनमें से 55 लाख को कम्प्यूटर में फीड किया जा चुका था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी पास बीएड वालों को शिक्षक बनाने के लिए विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार को 31 मार्च 2014 तक का ही समय दिया था।
सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि नवंबर 2011 में आवेदन करने वाले टीईटी पास बीएड वाले ही इस भर्ती के लिए पात्र होंगे।
डायट प्राचार्यों से 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के आधार पर आवेदन करने वालों के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है।
उस साल टीईटी आयोजित कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद से रिजल्ट संबंधी सभी जानकारियां मांगी गई हैं।
डायट और माध्यमिक शिक्षा परिषद से जानकारियां मिलने के बाद सभी ब्यौरों को विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (12.04.2014)
72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने को मांगा गया डाटा
72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने को मांगा गया डाटा
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बदायूं : अध्यापक बनने की आस लगाए बैठे हजारों टीइटी अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का असर शिक्षा महकमें में दिखने लगा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने इस संबंध में सारा ब्योरा डायट से मांगा है।
न्यायालय ने 12 हफ्ते के अंदर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती करने को कहा है। अदालती आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया पर शासन अमल होना शुरू हो गया है। इसके तहत डायट से स्थानीय स्तर पर आवेदन करने वालों की संख्या टीइटी पास करने वालों के सभी संबंधित ब्यौरे की जानकारी मांगी गई है। विभाग की मानें तो चुनाव के बाद इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
72825 शिक्षकों की भर्ती का मामला मे कई सालों से कभी न्यायालय में तो कभी शासन स्तर पर चलता रहा, लेकिन कभी कोर्ट से रोक लग जाती तो कभी शासन स्तर से,लेकिन हाईकोर्ट से टीईटी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सरकार के कोर्ट में चुनौती के बाद टीईटी पास अभ्यर्थी भी सर्वोच्च न्यायालय की शरण में पहुंच गए। सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला टीईटी अभ्यर्थियों के पक्ष में देते हुए 12 हफ्ते के अंदर सरकार को भर्ती प्रक्रिया शुरु करने को कहा। सरकार ने भी न्यायालय के इस आदेश का अनुपालन करना शुरु कर दिया। विभाग के अनुसार अब भर्ती प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं रह गई है। चुनाव बाद जल्द ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
-राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने 72825 शिक्षकों के नियुक्ति के संदर्भ में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का ब्योरा मांगा है। इसके भेजने की तैयारी की जा रही है
News Source / Sabhaar : Jagran (12.04.2014)
72825 Teacher Recruitment : टीईटी मेरिट के आधार पर ही होगी 72,825 शिक्षकों की भर्ती
72825 Teacher Recruitment : टीईटी मेरिट के आधार पर ही होगी 72,825 शिक्षकों की भर्ती
UPTET 2014 RESULT / UPTET 2014 /UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
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इस बाबत सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने सभी डायट प्राचार्यो को विभागीय आदेश जारी कर दिए हैं
News Mein Batay Gaya Hai ki -
Chnki Felsa Mukhya Mantree ji Ko Lena Tha Isleeye Felsa Paalan Karne Mein Deree ho Rahee Thee,
Lekin Vibhageeye Sutron Ke Anusaar Shukwaar Der Sham Uchh Stareeye Fesla Le Liya Gaya Hai ki Shikshak Bhrtee TET Merit ke Aadhaar par Kee Jayegee,
Abhyrtheeyon ko Aavedan Dekhne Ka Moka Bhee Milegaa, Jiska Vistrat Aadesh Baad Mein Diya Jayegaa
लखनऊ (डीएनएन)। अाखिरकार बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट के आधार पर ही की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में शुक्रवार को उच्च स्तर पर फैसला ले लिया गया। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे, लिहाजा उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द ही इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस बाबत सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने सभी डायट प्राचार्यो को विभागीय आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों का मामला तत्कालीन बसपा सरकार के समय से लांबित है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने का फैसला लिया था। लेकिन 2011 की टीईटी परीक्षा विवादों में फंस गई थी
News Source / Sabhaar : dailynewsactivist.com (12.04.2014)
UPTET 2014 Result : टीईटी का रिजल्ट 16 को
UPTET 2014 Result : टीईटी का रिजल्ट 16 को
UPTET 2014 RESULT / UPTET 2014 /UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
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यूपी में पांचवें चरण की 15 सीटों पर नामांकन आज से लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2014 के लिए 12 अप्रैल को पांचवें चरण की अधिसूचना जारी होने के साथ ही यूपी की 15 संसदीय सीटों पर नामाकंन शुरू हो जाएंगे। पांचवें चरण की इन 15 सीटों के लिए 1 करोड़ 37 लाख से ज्यादा पुरु ष, 1 करोड़ 14 लाख ज्यादा महिला एवं 1446 अन्य मतदाता शामिल हैं।
UPTET Results 2014 will be available on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
Keep update your self with latest news reg UPTET 2014 in news papers also.
The candidates have to visit official site regularly and when it will come out on official website , they have to just click on the link for UPTET 2014 Results on official site and then enter the required details and have their result.
Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test was conducted on 22nd and 23rd February for Primary Teacher ( PRT ) and Upper Primary Teacher vacancies. Test was organized to be held in two papers : Paper I ( Level I ) and Paper 2 ( Level II ).
How to check UPTET 2014 result?
Go to the official upbasiceduboard.gov.in
select result link
Enter roll no and date of birth and submit
Check UPTET Results and take print out
Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test Result would be based on already determined cut off. Means the cut off is already fixed for most of the TET exams. General Category candidates need to score 90 Marks out of 150 ( Total 60% ) while candidates who belongs to SC / ST category have to secure minimum of 82 Marks ( 55% ) to get the eligibility certificate. Last year pass percentage was around 15% only, lets see what percentage UPTET 2014 Result brings with it. You can check UPTET Result 2014 at http://upbasiceduboard.gov.in .
Earlier UPTET pass marks for SC/STs was 83, But recently it changed to 82 as per NCTE rule.
SC seeks response of Centre, states on violation of Right to Education Act
SC seeks response of Centre, states on violation of Right to Education Act
RIGHT TO EDUCATION ACT / TEACHER ELIGIBILITY TEST INDIA / NCTE GUIDELINES
Petition asked the states and the UTs to recruit and train one lakh additional professionally trained teachers every month.
The PIL, filed by the National Coalition for Education — a network of organisations fighting for the RTE — said at least 1.5 lakh schools and 12 lakh trained teachers were required to fulfill the goals envisaged under the RTE.
It sought a direction that "the states and UTs upgrade all deficient schools with appropriate physical infrastructure so as to be in compliance with the RTE Act within six months.
"The states and UTs regularise and make permanent all contract and para-teachers in the country," it said. The petition also said the states and UTs should disclose the number of students admitted under the Economically Weaker Section (EWS) quota in the state in accordance with the provisions of the Act.
A bench headed by Chief Justice P Sathasivam issued notice and sought their response after summer vacation on a plea filed by an organisation, National Coalition for Education.
The plea said lack of resources and failure to implement provisions of the RTE Act has resulted in a significant decline in education performance.
Senior advocate Colin Gonsalves sought a direction to all the states to complete the required neighbourhood mapping within six months and new schools be constructed six months after completion of the process.
The petition asked the states and UTs to recruit and train one lakh additional professionally trained teachers to end the shortage of educators within a year.
It sought a direction that "the states and UTs upgrade all deficient schools with appropriate physical infrastructure so as to be in compliance with the RTE Act within six months.
"The states and UTs regularise and make permanent all contract and para-teachers in the country," it said.
The petition also said the states and UTs should disclose the number of students admitted under the Economically Weaker Section (EWS) quota in the state in accordance with the provisions of the Act.
"Based on the aforementioned facts, it is clear that the Right to Education is being violated across the country. These violations have persisted for years and remain today in face of the RTE Act's requirement that they be remedied within three years of it coming into force.
"And more troubling, they persist despite widespread awareness of their existence by various responsible governments and authorities and in the face of previous orders from this court on October 3, 2012 to remedy them," it said
RTE : शिक्षकों की कमी पर केंद्र व राज्यों को नोटिस
RTE : शिक्षकों की कमी पर केंद्र व राज्यों को नोटिस
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UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News/ RTE / RIGHT TO EDUCATION ACT
याचिकाकर्ता ने लगाया है शिक्षा का अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के उल्लंघन के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों से जवाब तलब किया। सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में इस कानून पर सही तरीके से अमल कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर ग्रीष्मावकाश के बाद जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संसाधनों की कमी और आरटीई के प्रावधानों को लागू करने में विफलता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट आई है। पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाविस ने सभी राज्यों को छह महीने के भीतर दूर-दराज के इलाकों का अध्ययन करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि यह प्रक्रि या पूरी होने के बाद छह महीने के लिए नये स्कूलों का निर्माण होना चाहिए।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (12.04.2014)
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याचिकाकर्ता ने लगाया है शिक्षा का अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के उल्लंघन के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों से जवाब तलब किया। सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में इस कानून पर सही तरीके से अमल कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर ग्रीष्मावकाश के बाद जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संसाधनों की कमी और आरटीई के प्रावधानों को लागू करने में विफलता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट आई है। पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाविस ने सभी राज्यों को छह महीने के भीतर दूर-दराज के इलाकों का अध्ययन करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि यह प्रक्रि या पूरी होने के बाद छह महीने के लिए नये स्कूलों का निर्माण होना चाहिए।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (12.04.2014)
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