Thursday, April 18, 2013

UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य


UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य

फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण

टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित

इलाहाबाद(ब्यूरो)। टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक

  प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है। 

सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

बहस के दौरान सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए।



News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)
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Paragraph 1 -



And NCTE Clears Para 3 is Interpretation and Linked to Para 1 And therefore TET is Must & Qualification for Teachers -

Para 3 -


UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM

UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM - SIMPLE & EASY TO PASS

See news -
UP Teacher Eligibility Test Urdu -

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)


UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन


UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन
अगले हफ्ते आएगा नोटिफिकेशन, नहीं होगी निगेटिव मार्किंग

UPTET 2013 NEWS 

लखनऊ। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए इस बार एक घंटा ज्‍यादा मिलेगा। यानी परीक्ष्‍ाा अब ढाई घ्‍ांटे की होगी। इसका नोटिफिकेश्‍ान इस माह के अंतिम सप्ताह में आ जाएगा।


प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) सुनील कुमार ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इस बारे में जारी दुविधा भी समाप्त हो गई है। आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। आवेदन के लिए तीन हफ्ते का समय मिलेगा। इसके चार सप्ताह बाद परीक्षा होगी और चार सप्ताह में नतीजे घोषित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 और अन्य के लिए 300 रुपये होगा। शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बीएड वाले उच्च प्राइमरी के लिए पात्र होंगे। भाषा शिक्षकों जैसे संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू के लिए अलग से परीक्षा होगी। टीईटी की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। परीक्षा चार स्तर पर आयोजित की जाएगी। प्राथमिक कक्षा 1 से 5, भाषा शिक्षा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 तथा भाषा शिक्षा उच्च प्राथमिक ये चार होंगे। इसके लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक पाने वाले पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को अंकों में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा।
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण-पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।



साल में एक बार होगी टीईटी
टीईटी साल में एक बार दो दिवसों में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर एक से अधिक बार भी टीईटी आयोजित की जा सकती है। इसके लिए विभागीय वेबसाइट बनाई जाएगी। इस पर आवेदन लेने के साथ सभी जानकारियां दी जाएंगी। प्रवेश&पत्र वेबसाइट पर 15 दिन पहले अपलोड कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी इसे डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के एक माह के अंदर डायट से इसके प्रमाण-पत्र बंाटे जाएंगे।

एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी
टीईटी आयोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसमें एसएसपी, डायट प्राचार्य व बीएसए सदस्य तथा डीआईओएस सदस्य सचिव होंगे। कमेटी के निर्देश पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी टीईटी दे सकेंगे। नकल रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी। इसके लिए वे केंद्र व्यवस्थापकों के साथ बैठक करेंगे। जिलों में प्रश्नपत्र कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे जाएंगे





News Sabhaar / Source : Amar Ujala अमर उजाला (18.4.13)

UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक


UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक

News Sabhaar : Amar Ujala

फुलबेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण
•टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित


इलाहाबाद। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है। सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
बहस के दौरान प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। उनका कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए। केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल आरबी सिंघल का कहना था कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है, जो पूरे देश में बाध्यकारी होगा। कोर्ट ने डायट की क्षमता न बढ़ाए जाने पर भी हैरानी जताई है



News Sabhaar : Amar Ujala (18.4.13)


Wednesday, April 17, 2013

UPTET : टीईटी ने बिगाड़ा खेल


UPTET :  टीईटी ने बिगाड़ा खेल

   
 आगरा: टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों का बना बनाया खेल बिगाड़ दिया है। विभागीय प्रश्रय में शिक्षकों की नियुक्ति को सौदेबाजी कर चुके स्कूल संचालक दुविधा में हैं। नियुक्ति प्रक्रिया पर रद्द होने का संकट मंडरा रहा है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आठ अप्रैल, 2012 को शासन ने शासनादेश जारी किया है। शिक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदक का बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) या बीएड होने के साथ ही टीईटी या सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। 25 मई, 2012 को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक भर्ती के संबंध में जारी किए गए आदेशों के क्रम में ही शासनादेश जारी किया गया है। शासनादेश तभी से प्रभावी माना जाना चाहिए। टीईटी अनिवार्य होने से उन स्कूल संचालकों का खेल बिगड़ गया है, जिन्होंने आदेश जारी होने से पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति को विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदकों से सौदेबाजी शुरू कर दी थी। विभाग स्कूलों को आदेश के अनुपालन के लिए पत्र भेज रहा है। टीईटी अनिवार्य होने के बाद शिक्षकों की भर्ती को पुन: आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लकिन विभाग शासनादेश जारी होने की तिथि से ही उसके प्रभावी होने की बात कर रहा है

डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासनादेश जारी होने की तिथि से ही प्रभावी माना जाता है। फिर भी आदेश के संबंध में बोर्ड से राय-मशविरा किया जाएगा


News Source/Sabhaar : Jagran (Updated on: Wed, 17 Apr 2013 08:33 PM (IST))

UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर


UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर

Information Taken From Facebook Groups -


ये जानकारियाँ हमने अदालत में उपस्थित मित्रों,फेसबुक समूहों एवम् फेसबुक पेजों के माध्यम से जुटाई हैं , इन जानकारियों में कुछ अंतर भी हो सकता है|

1. आज दिनांक 17 अप्रैल को केवल बिना टीईटी वि. बी. टी. सी.2007,2008 और शिक्षामित्रों के मामले पर बहस हुई |

2. इस पक्ष के अधिवक्ताओ की दलीलों से वृहद् पीठ के न्यायाधीशगण आश्वस्त नजर नहीं आये | पीठ का कहना था कि टीईटी से छूट असंवैधानिक है | कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षक बनने के लिए टी ई टी उत्तीर्ण होना आवश्यक है |
चाहे अभ्यर्थी बीटीसी हो या शिक्षा मित्र | बड़ी बात यह रही कि सभी पक्षों से पहले ही लिखित दलीले अदालत द्वारा ले ली गयी थी ताकि मामले पर जल्दी बहस हो सके | भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता श्री तिवारी उपस्थित रहे जिन्होंने लिखित तौर पर कहा कि कक्षा एक से आठ तक के शिक्षक नियुक्त होने के लिए टीईटी आवश्यक है |श्री खरे ने भी अपने विन्दुओं से अदालत को अवगत कराया | उन्होंने टीईटी के पक्ष में अपने विचारो से अदालत को अवगत कराया |

3. इसके पश्चात एनसीटीई ,सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव और कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अधिवक्तागणों ने अपने अपने पक्षों से अदालत को प्रमाण सहित अवगत कराया | एनसीटीई के अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रो को भी प्रक्षिक्षण के बाद टीईटी उतीर्ण करना आवश्यक है |

4. सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव का कहना था कि सारी भर्तियाँ आर टी ई 2009 अधिनियम के अनुसार ही हो रही हैं | किसी को भी टीईटी से छूट प्रदान नहीं की गयी है | उन्होंने कहा कि टीईटी 2011 के आधार में शिक्षक भर्तियाँ की गयीं हैं | उन्होंने यह भी जोड़ा कि 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को शासन आदेश जारी करके टीईटी के दायरे में लाया गया है |

5. अंत में अदालत ने अपना फैसला एक सप्ताह के लिए सुरक्षित रख लिया| बहस और फैसले के सारे विन्दुओं को पुनरावलोकन करने के पश्चात अदालत अपना निर्णय बिना टीईटी वाले मामले पर सुनायेगी |

6. जहाँ तक भर्ती आधार को लेकर वृहद् पीठ में संदर्भित याचिका की बात है तो इस बारे में सरकारी वकील द्वारा अनापत्ति नहीं होने के पश्चात ही केस को पुनः डी. बी. में वापस भेजने पर चर्चा होने की सम्भावना है ,ये कार्यवाही उसी दिन संपन्न हो सकती है ,जिस दिन बिना टीईटी केस का अंतिम फैसला होगा


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Considering above details, Matter is in favour of TET Qualified Candidates.

Now next and an IMPRTANT matter is for 72825 teachers recruitment, Where selection base is going to decide - i.e. Either TET Merit OR Acad. Merit

However it is early to say anything till judgement arrive. That is wait for a week and see what happens in actual judgement as it comprise of written matters / debate and combined decision of expert efficient judges. 
And layman (simple) person can not understand facts in deep.

UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी


UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र
टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी

दो लाख 58 हजार 239 पद अभी भी हैं रिक्त

News Sabhaar : AMAR UJALA (17.4.2013)

इलाहाबाद। सूबे की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र कक्षा एक का टेस्ट पास करने लायक भी नहीं हैं। सर्वे बताते हैं कि पांचवीं पास 33 फीसदी छात्र कक्षा एक के टेस्ट में फेल हो गए। यह प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का हाल बताने के लिए काफी है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता को लेकर फुल बेंच में चल रही बहस मंगलवार को पूरी नहीं हो सकी। बुधवार को भी इस पर बहस होगी
शिवकुमार शर्मा और प्रीतपाल सिंह आदि याचियों की ओर से बहस की गई। याचियों ने प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ द्वारा बीएड डिग्री धारकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि एनसीटीई के नोटीफिकेशन के मद्देनजर खंडपीठ का फैसला सही है। नोटीफिकेशन में स्पष्ट है कि बीएड अभ्यर्थियों को बिना टीईटी के भी सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। यदि टीईटी न्यूनतम अपरिहार्य योग्यता है तो फिर केंद्र ने बीएड अभ्यर्थियों के मामले में किस नियम में छूट दी है। याचियों का कहना था कि प्रदेश में पांच लाख 44 हजार 726 सहायक अध्यापकों के पद वर्ष 2010 में रिक्त थे। इनमें से अभी भी दो लाख 58 हजार 239 पद रिक्त हैं। हर साल 12000 के करीब अध्यापक रिटायर होते हैं। सरकार की नीतियों के चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा है। कहा गया कि स्नातक के साथ बीएड डिग्री रखने वालों की योग्यता अधिक होती है। उनके लिए टीईटी अनिवार्य है, जबकि सरकार शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक बनाने की तैयारी में है। एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का कार्य जारी है। पूर्णपीठ के समक्ष बीएड अभ्यर्थियों के टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर निर्णय देने के साथ ही यह भी प्रश्न है कि क्या एनसीटीई द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम योग्यता शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार ही है। याचिका पर बुधवार को भी बहस होगी



News Sabhaar : अमर उजाला (17.4.2013)
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Info of TET on Facebook - 

एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं

टीईटी मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं ने दिए तर्क

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ कर रही है सुनवाई



जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान वकील राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। वकील अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है।

News Sabhaar : Jagran (17.4.13)
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शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही- 17 को सुनवाई जारी
शिक्षक भारती मामले की सुनवाई के शुरुआत में नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| चर्चा हुई कि एक सर्वे के मुताबिक 30 फ़ीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों के प्राइमरी छात्र ठीक से पढ़ना और लिखना तक नहीं जानते| इतना ही नहीं बी एड पास 95 फ़ीसदी कैंडिडेट अभी भी घर बैठे है| इसीलिए शिक्षक बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| हालाँकि अंतिम फैसला जारी होने का इन्तजार करना होगा|

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। दूसरी ओर अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को नियुक्त किया जा रहा है और प्रशिक्षित लोगों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

बहस के बिंदुओं में यह भी सवाल है कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षित करेगी। विशिष्ट बीटीसी धारकों की याचिका में यह तर्क है कि वे पहले से प्रशिक्षित हैं और टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। ऐसे में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए। बीटीसी प्रशिक्षितों का तर्क है कि उन्हें प्रशिक्षण ही नियुक्ति के लिए दिया गया है। जिस समय उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, उस समय टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।

दिन भर चली सुनवाई के दौरान अदालत लोगों से खचाखच भरी रही। इनमें अभ्यर्थी थे तो अधिकारी भी। अधिवक्ताओं की भीड़ भी दिन भर रही। सुनवाई लगातार कई दिन चलने के आसार हैं। आगे चलकर अदालत में एनसीटीई, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा जा सकता है। इस प्रकरण पर फैसले के बाद प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा के कानून को वास्तविक अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। साथ ही प्रदेश में 72 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा
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If TET/CTET exam has no meaning then what is the purpose of conducting this examination.
As unemployed candidates have to pay fee from heavy nose  for UPTET/CTET exam.
For only one paper a candidate (Gen Cat.) has to pay Rs. 500 per exam. And for Primary / Upper Primary they have to Rs.1000.

In some states weightage of TET/CTET exam was also given for selection of teachers and as per NCTE guidelines - Re Exam for Improvement of Score is given.

Now it will be good if every thing will clear about this TET examination as lakhs/crores(All over India) of candidate's faith is attached with this examination.

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Information From Facebook -

Vikash Ranjan
BY TODAY'S COURT VIEW NON-TET IS TOTALLY OUT.
A.p.shahi ji aur unki team ne sanyukt roop se tet ke tulna NET se karte huye kaha ki jis tarah m.phil, m.a. karne ke uprant lectr ki job karne ke liye net jaroori hai thik usi tarah sahayak adhyapak ki job ke liye tet pas hona aniwarya hai.
A.p.shahi ji ne is line ko kai bar dohraya ki NET sirf ek national eligibilty test hai jo ki essential qualification hai jo apko sirf qualified lectr ki job ke liye banati hai bad me university ya institution apko job basis criteria tay karti hai thik usi tarah TET bhi sirf ek patrata pariksha hai.
tet pass hona matra job ki gurantee nahi hai.
ye sirf ek minimum essential qualification hai jo ki sahayak adhyapk ke pad ke liye awasyak hai.
isi bases pe unhone siksha mitro ko tet pas hona anivarya bataya for appointment to sahayak adhyapak..
aj lunch ke bad pura waqt 2004,2005. etc anya batch ke sbtc ladko ko tet se choot ke liye bahas chalti rahi.
per judes panel ke rukh se nahi lagta ki unhe tet se mukti milegi.
aj koi bhi case db me transfer nahi huwa hai.
ntet wale matter pe faisla surakshit kar liya gaya hai.
last bat yahi kahunga ki a.p.shahi ji ne tet ko sirf ek patrata pariksha mana hai aur ye line base of selection pe kitna prabhaw dalegi ye to aane wala waqt batayega.
COURT WILL BE CONTINUE 2MORROW..

JUSTICE Amabwani comments that 95% Candidate Passed B.Ed while sitting at home So T.ET Exam is essential qualification for all the primary teacher and A.P.Sahi comments that in the recent survey conducted by the private agency more then 30% primary students even cannot read and write so T.E.T is must for every teacher recruitment
शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही 0 Posted on : 16-04-2013 |UPTET शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बहस चल रही है| शुरुआत नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| बड़ी बेंच के तीनो जजनॉन टेट को शिक्षक भर्ती मामले में असहमत नजर आये| नॉन टेट मामले के वकीलों की दलीलों से भी जज संतुष्ट नहीं हुए| जस्टिसइ पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| अंतिम फैसला जारी होनेका इन्तजार करिये
Quality tchr chahiye isliye tet jaruri-AP Shahi ji

Tulsi Prasad Sahu
आज दि0 16-04-2013 को मा0 उच्च न्यायालय के कोर्ट नं0 29 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की सुनवाई
की कार्यवाही की गई, मा0 न्यायालय द्वारा वि0बी0टी0सी0 2004, 2007, 2008 व शिक्षामित्रो को टी0ई0टी0
उत्तीर्ण करना अनिवार्य बताया गया। मा0 न्यायालय द्वारा कहा गया कि यदि शिक्षकों की गुणवत्ता के लिए
प्रशिक्षुओं को टी0ई0टी0 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
जिस प्रकार एम0फिल करने के उपरान्त लेक्चरर बनने के लिए नेट क्वालीफाई होना आवश्यक है, उसी प्रकार सहायक अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता टी0ई0टी0उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पर पदस्थित करने के लिए टी0ई0टी0 उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। नान
टी0ई0टी0 बीएड प्रशिक्षुओं को भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने हेतु तीनों जजो द्वारा असहमति जताई गई। नान टी0ई0टी0 के अधिवक्ता द्वारा दी गई दलील से जज संतुष्ट नजर नही आये।
फिलहाल नान टी0ई0टी0 बी0एड0 प्रशिक्षुओं की भर्ती प्रक्रिया मे शामिल होने की सम्भावना बहुत कम रह
गई है। जस्टिस ए पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए  टेट को जरुरी बताया| पूरे समय
सुनवाई जारी रही, उक्त सुनवाई कल दि0 17-04-2013 को भी जारी रहेगी।
पूर्णपीठ में न्यायमूर्ति सुनील अम्बानी, न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल शामिल हैं



UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी


UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र
टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी

दो लाख 58 हजार 239 पद अभी भी हैं रिक्त

News Sabhaar : AMAR UJALA (17.4.2013)

इलाहाबाद। सूबे की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र कक्षा एक का टेस्ट पास करने लायक भी नहीं हैं। सर्वे बताते हैं कि पांचवीं पास 33 फीसदी छात्र कक्षा एक के टेस्ट में फेल हो गए। यह प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का हाल बताने के लिए काफी है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता को लेकर फुल बेंच में चल रही बहस मंगलवार को पूरी नहीं हो सकी। बुधवार को भी इस पर बहस होगी
शिवकुमार शर्मा और प्रीतपाल सिंह आदि याचियों की ओर से बहस की गई। याचियों ने प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ द्वारा बीएड डिग्री धारकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि एनसीटीई के नोटीफिकेशन के मद्देनजर खंडपीठ का फैसला सही है। नोटीफिकेशन में स्पष्ट है कि बीएड अभ्यर्थियों को बिना टीईटी के भी सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। यदि टीईटी न्यूनतम अपरिहार्य योग्यता है तो फिर केंद्र ने बीएड अभ्यर्थियों के मामले में किस नियम में छूट दी है। याचियों का कहना था कि प्रदेश में पांच लाख 44 हजार 726 सहायक अध्यापकों के पद वर्ष 2010 में रिक्त थे। इनमें से अभी भी दो लाख 58 हजार 239 पद रिक्त हैं। हर साल 12000 के करीब अध्यापक रिटायर होते हैं। सरकार की नीतियों के चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा है। कहा गया कि स्नातक के साथ बीएड डिग्री रखने वालों की योग्यता अधिक होती है। उनके लिए टीईटी अनिवार्य है, जबकि सरकार शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक बनाने की तैयारी में है। एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का कार्य जारी है। पूर्णपीठ के समक्ष बीएड अभ्यर्थियों के टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर निर्णय देने के साथ ही यह भी प्रश्न है कि क्या एनसीटीई द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम योग्यता शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार ही है। याचिका पर बुधवार को भी बहस होगी



News Sabhaar : अमर उजाला (17.4.2013)
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Info of TET on Facebook - 

एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं

टीईटी मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं ने दिए तर्क

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ कर रही है सुनवाई



जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान वकील राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। वकील अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है।

News Sabhaar : Jagran (17.4.13)
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शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही- 17 को सुनवाई जारी
शिक्षक भारती मामले की सुनवाई के शुरुआत में नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| चर्चा हुई कि एक सर्वे के मुताबिक 30 फ़ीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों के प्राइमरी छात्र ठीक से पढ़ना और लिखना तक नहीं जानते| इतना ही नहीं बी एड पास 95 फ़ीसदी कैंडिडेट अभी भी घर बैठे है| इसीलिए शिक्षक बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| हालाँकि अंतिम फैसला जारी होने का इन्तजार करना होगा|

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। दूसरी ओर अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को नियुक्त किया जा रहा है और प्रशिक्षित लोगों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

बहस के बिंदुओं में यह भी सवाल है कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षित करेगी। विशिष्ट बीटीसी धारकों की याचिका में यह तर्क है कि वे पहले से प्रशिक्षित हैं और टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। ऐसे में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए। बीटीसी प्रशिक्षितों का तर्क है कि उन्हें प्रशिक्षण ही नियुक्ति के लिए दिया गया है। जिस समय उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, उस समय टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।

दिन भर चली सुनवाई के दौरान अदालत लोगों से खचाखच भरी रही। इनमें अभ्यर्थी थे तो अधिकारी भी। अधिवक्ताओं की भीड़ भी दिन भर रही। सुनवाई लगातार कई दिन चलने के आसार हैं। आगे चलकर अदालत में एनसीटीई, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा जा सकता है। इस प्रकरण पर फैसले के बाद प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा के कानून को वास्तविक अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। साथ ही प्रदेश में 72 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा
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If TET/CTET exam has no meaning then what is the purpose of conducting.
As unemployed candidates have to pay fee from heavy nose  for UPTET/CTET exam.
For only one paper a candidate (Gen Cat.) has to pay Rs. 500 per exam. And for Primary / Upper Primary they have to Rs.1000.

In some states weightage of TET/CTET exam was also given for selection of teachers and as per NCTE guidelines - Re Exam for Improvement of Score is given.

Now it will be good if every thing will clear about this TET examination as lakhs/crores(All over India) of candidate's faith is attached with this examination.

Sunday, April 14, 2013

UPTET : फैसले पर टिकी टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें


UPTET : फैसले पर टिकी टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें

मधुबन (मऊ) : पिछले लगभग दो साल से शिक्षक भर्ती की राह देख रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सारी उम्मीद आगामी 16 अपै्रल को आने वाले फैसले पर टिकी है। उस दिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन जजों की विशेष खंडपीठ द्वारा तीन बिंदुओं पर महत्वपूर्ण फैसला लेना है। पहला यह कि क्या चयन का आधार केवल टीईटी मेरिट हो यानी टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंक के मेरिट को ही चयन का आधार मान लिया जाय। दूसरा टीईटी में प्राप्त अंकों को भी हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीए, बीएड में प्राप्त अंकों के प्रतिशत को जोड़ दिया जाए और एक नई मेरिट सूची बने या टीईटी पास को केवल योग्यता मानकर अन्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बनी मेरिट पर चयन हो। निर्णय चाहे जो भी हो अभ्यर्थियों को इसका बेसब्री से इंतजार है क्योंकि पिछले दो सालों से इंतजार करते-करते थक चुके हैं। शनिवार को बातचीत के दौरान गजियापुर निवासी मनोज कुमार यादव, बिग्रहपुर निवासी रमेश सिंह, संतोष शर्मा, ममता शर्मा, दुबारी निवासी पिंटू गुप्ता, जितेंद्र कुमार, मनोज उपाध्याय आदि का कहना है कि शिक्षक भर्ती का सपना देखते-देखते आंखें पथरा चुकी हैं। कर्ज का बोझ जो सिर पर है वह अलग से परेशान किए है, इसलिए जो भी फैसला हो वह अंतिम हो ताकि चिंताओं के बोझ से मुक्ति मिल सके। इनमें से अधिकतर को यह उम्मीद है कि इस बार का फैसला शायद भर्ती की राह में पड़े सभी रोड़े को हटा दें





News Source : Jagran (13.4.2013)

UPTET : बीएड गुणांक मामले में जवाब-तलब


UPTET : बीएड गुणांक मामले में जवाब-तलब


   
इलाहाबाद : प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड के गुणांक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। 11 अप्रैल को अरविंद कुमार शुक्ला और तीन अन्य की स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुशील हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने माना कि बीएड में पूर्णाक अलग-अलग होने पर मेरिट पर असर पड़ सकता है। गुणांक अलग-अलग होने की दशा में तमाम अभ्यर्थियों का अहित हो सकता है। अदालत ने दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। गौरतलब है कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए तय की गई अर्हता में बीएड के अंकों को अधिभार दिया गया था। वहीं अलग-अलग संस्थानों द्वारा बीएड के प्रायोगिक परीक्षा के पूर्णांक में अंतर होने से बीएड में मिलने वाले अधिभार में भी अंतर आ रहा है। याचियों ने बताया कि बीएड प्रायोगिक परीक्षा कुछ संस्थानों में दो सौ अंक की तो कुछ जगह चार सौ अंक की होती है



News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Sat, 13 Apr 2013 10:58 PM (IST))
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What happens in court , See Case Details -

अलग अलग यूनिवर्सिटी के मार्क्स की तुलना /मेरिट बनाना सही है या नहीं 

अदालत ने कहा की सरकार का कोई भी  पालिसी डिसीजन अगर अनुच्छेद 14 व 16 का उल्लंघन करता है 
तो अदालत उसका परीक्षण  कर सकती है 
अनुच्छेद 14 नागरिकों के समानता के नियम को प्रतिपादित करता है 
अदालत ने सरकार को काउंटर एफिडेविट लगाने के लिए २ हफ्ते का समय दिया है 

अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2013 को निर्धारित की गयी है ,

देखिये अदालत की कार्यवाही -




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 33
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 548 of 2013
Petitioner :- Arvind Kumar Shukla And 3 Ors.
Respondent :- State Of U.P. And 3 Ors.
Petitioner Counsel :- Anil Tiwari
Respondent Counsel :- C.S.C.,Harendra Yadav

Hon'ble Sushil Harkauli,J.
Hon'ble Manoj Misra,J.
It has been argued from the side of the petitioner-appellant that although the examination has taken place but the result has not yet been declared because of the stay order continuing in some other case.
The Rule has been amended by the State.� Its authority is under challenge on the ground that the method of computation of quality point marks in respect of B.Ed. degree is illegal.� This method of computation, which is provided in the amended Rule namely Adding of the Marks obtained in Theory and Practical and thereafter calculating the percentage leads to discrimination between candidates who have passed their B.Ed. examination from different Universities, which allot different marks for theory and practical.
Therefore, Counter affidavit will examine this aspect as to whether the suggested method namely calculation of percentage of marks separately in theory and practical for B.Ed. adding� the two and dividing them by 2 would remove the discrimination alleged.
We are passing this order after going through� the decision of learned Single Judge of this Court dated 21.01.2008 passed in a Bunch of writ petitions headed by the writ petition no. 54049 of 2007 which was set aside in a Bunch of Special� Appeals headed by Special Appeal No. 166 of 2008 decided on 03.04.2008 in as much as apparently the appellate judgment did not consider the case of discrimination� with regard the candidates passing B.Ed. from different Universities, which have different marks for theory and practical.� Moreover, because in that case the Special Appellate Bench refused to interfere on the ground that it was a policy decision.� Whereas, prima facie, even� a� policy decision, which results in discrimination and thus, violates the fundamental right guaranteed under Articles 14 and 16 could be� examined by the writ Court and lastly the decision of the Special Appeal was� also based on consideration of the situation.� Here� the result has not been declared because of the interim order passed in another case, which gives ample time to the writ Court to take corrective measures so far as the discrimination alleged is concerned. 
Counter affidavit will be filed within two weeks. 
List in the week commencing 29.04.2013. 

���� (Manoj Misra,J.) (Sushil Harkauli,J.)
Order Date :- 11.4.2013/-MAA/-


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2496206
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फ़िलहाल समस्त भारत में शिक्षक भर्ती के लिए अकादमिक अंको का भी वेटेज दिया जा रहा है , जैसे कि - गुजरात ,बिहार , एस एस ए चंडीगढ़ , एल टी ग्रेड शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश , तमिलनाडु  इत्यादि


Saturday, April 13, 2013

UPTET : UP Government Going To Start Bumper Recruitment of Teachers in Advance


UPTET : UP Government Going To Start Bumper Recruitment of Teachers in Advance

As from a long time vacancies are not filled in UP and advertisement of 72825 teacher recruitment failed to fill post of teachers till date.

Considering enormous time in recruitment happenings , UP Govt going fill teachers posts in ADVANCE.

At this time UP is one of the biggest state where approx 3 lakh teachers posts are vacant and every year thousand of teachers are going to retire.

UPTET exam not happened in year 2012 and now UP government is going to conduct UPTET 2013 very soon, may be in the month of June 2013 this exam may happen and at the end of June 2013 result may arrive, so that teachers vacancies can be fill in the month of July/August 2013.

Speculations are that new government may announce BUMPER vancancies and can be BIGGER than 72825 posts of Mayavati Government.

ONLINE APPLICATION FOR UPTET 2013 may be advertise at the end of this month.

See a related news published in Hindustane Epaper (13.04.2013) -




News Source : paper.hindustantimes.com / Hindustan Epaper (13.4.2013)

आपका क्या कहना है क्या सपा सरकार , मायावती सरकार की 72825 से भी बड़ी नियुक्ति की घोषणा  कर सकती है ?

Friday, April 12, 2013

UPTET : ट्रेनी टीचरों की भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण की याचिका खारिज


UPTET : ट्रेनी टीचरों की भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण की याचिका खारिज

 इलाहाबाद : हाई कोर्ट ने प्रदेश में ट्रेनी टीचरों की भर्ती
प्रक्रिया में महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित किये जाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खण्डपीठ ने नीरज राय की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। ऐसे में पद खाली रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यह सरकार का नीतिगत मसला है, जिसके लिए कोर्ट समादेश जारी नहीं कर सकती
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-10270514.html


Case :- PUBLIC INTEREST LITIGATION (PIL) No. - 17743 of 2013

Petitioner :- Smt. Neeraj Rai
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- P.N. Rai
Respondent Counsel :- C.S.C.,B.P. Singh

Hon'ble Shiva Kirti Singh,Chief Justice
Hon'ble Dilip Gupta,J.
Heard learned counsel for the petitioner and learned counsel for the State.
Petitioner has prayed for issuance of mandamus directing the respondents to reserve 50% of the entire vacancy of Trainee Teachers Recruitment-2012 in favour of female candidates.
Whether reservation should be provided in a particular service or not and to what extent and in whose favour, is a matter of policy and law making. This Court cannot issue such mandamus only because the
petitioner has preferred a writ petition by way of Public Interest Litigation.
The writ petition is, therefore, dismissed.
Order Date :- 3.4.2013




UPTET 2013 : टीईटी के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन


UPTET 2013 : टीईटी के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एकसे आठ तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के लिएऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। टीईटी के आयोजन को लेकर शुक्रवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय हुआ।
टीईटी का आयोजन जून में कराने की कवायद चल रही है। शासन की इच्छा है कि टीईटी का आयोजन जूनके दूसरे हफ्ते में कराकर उसका परीक्षा परिणाम भी जून के अंत तक घोषित कर दिया जाए। 13 नवंबर2011 को जब प्रदेश में पहली बार टीईटी आयोजित हुई थी, उसमेंऑनलाइन आवेदन नहीं आमंत्रित किये गए थे। बाद में बीटीसी 2012 में चयन और शिक्षकों के 72,825 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए थे। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की पारदर्शिता को देखते हुए इसे टीईटी में भी लागू करने का फैसला किया गया है। टीईटी में ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) से तकनीकी सहयोग लिया जाएगा



News Source / Sabhaar : Jagran Epaper (12.4.2013)
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It looks pressure of HC works, UP Govt going to Conduct UPTET 2013 exam.
Application will be invited online.
Exam may be conducted in the 2nd week of June and result may be possible by the end of June 2013.

After that high chances are recruitment of Upper Primary teachers in UP. Approx 40 thosand vacancies are vacant in UP and recently govt. amened to recruit Science teachers on Direct Recruitment basis.