Wednesday, April 17, 2013

UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी


UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र
टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी

दो लाख 58 हजार 239 पद अभी भी हैं रिक्त

News Sabhaar : AMAR UJALA (17.4.2013)

इलाहाबाद। सूबे की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र कक्षा एक का टेस्ट पास करने लायक भी नहीं हैं। सर्वे बताते हैं कि पांचवीं पास 33 फीसदी छात्र कक्षा एक के टेस्ट में फेल हो गए। यह प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का हाल बताने के लिए काफी है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता को लेकर फुल बेंच में चल रही बहस मंगलवार को पूरी नहीं हो सकी। बुधवार को भी इस पर बहस होगी
शिवकुमार शर्मा और प्रीतपाल सिंह आदि याचियों की ओर से बहस की गई। याचियों ने प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ द्वारा बीएड डिग्री धारकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि एनसीटीई के नोटीफिकेशन के मद्देनजर खंडपीठ का फैसला सही है। नोटीफिकेशन में स्पष्ट है कि बीएड अभ्यर्थियों को बिना टीईटी के भी सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। यदि टीईटी न्यूनतम अपरिहार्य योग्यता है तो फिर केंद्र ने बीएड अभ्यर्थियों के मामले में किस नियम में छूट दी है। याचियों का कहना था कि प्रदेश में पांच लाख 44 हजार 726 सहायक अध्यापकों के पद वर्ष 2010 में रिक्त थे। इनमें से अभी भी दो लाख 58 हजार 239 पद रिक्त हैं। हर साल 12000 के करीब अध्यापक रिटायर होते हैं। सरकार की नीतियों के चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा है। कहा गया कि स्नातक के साथ बीएड डिग्री रखने वालों की योग्यता अधिक होती है। उनके लिए टीईटी अनिवार्य है, जबकि सरकार शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक बनाने की तैयारी में है। एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का कार्य जारी है। पूर्णपीठ के समक्ष बीएड अभ्यर्थियों के टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर निर्णय देने के साथ ही यह भी प्रश्न है कि क्या एनसीटीई द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम योग्यता शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार ही है। याचिका पर बुधवार को भी बहस होगी



News Sabhaar : अमर उजाला (17.4.2013)
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Info of TET on Facebook - 

एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं

टीईटी मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं ने दिए तर्क

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ कर रही है सुनवाई



जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान वकील राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। वकील अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है।

News Sabhaar : Jagran (17.4.13)
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शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही- 17 को सुनवाई जारी
शिक्षक भारती मामले की सुनवाई के शुरुआत में नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| चर्चा हुई कि एक सर्वे के मुताबिक 30 फ़ीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों के प्राइमरी छात्र ठीक से पढ़ना और लिखना तक नहीं जानते| इतना ही नहीं बी एड पास 95 फ़ीसदी कैंडिडेट अभी भी घर बैठे है| इसीलिए शिक्षक बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| हालाँकि अंतिम फैसला जारी होने का इन्तजार करना होगा|

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। दूसरी ओर अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को नियुक्त किया जा रहा है और प्रशिक्षित लोगों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

बहस के बिंदुओं में यह भी सवाल है कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षित करेगी। विशिष्ट बीटीसी धारकों की याचिका में यह तर्क है कि वे पहले से प्रशिक्षित हैं और टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। ऐसे में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए। बीटीसी प्रशिक्षितों का तर्क है कि उन्हें प्रशिक्षण ही नियुक्ति के लिए दिया गया है। जिस समय उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, उस समय टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।

दिन भर चली सुनवाई के दौरान अदालत लोगों से खचाखच भरी रही। इनमें अभ्यर्थी थे तो अधिकारी भी। अधिवक्ताओं की भीड़ भी दिन भर रही। सुनवाई लगातार कई दिन चलने के आसार हैं। आगे चलकर अदालत में एनसीटीई, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा जा सकता है। इस प्रकरण पर फैसले के बाद प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा के कानून को वास्तविक अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। साथ ही प्रदेश में 72 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा
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If TET/CTET exam has no meaning then what is the purpose of conducting this examination.
As unemployed candidates have to pay fee from heavy nose  for UPTET/CTET exam.
For only one paper a candidate (Gen Cat.) has to pay Rs. 500 per exam. And for Primary / Upper Primary they have to Rs.1000.

In some states weightage of TET/CTET exam was also given for selection of teachers and as per NCTE guidelines - Re Exam for Improvement of Score is given.

Now it will be good if every thing will clear about this TET examination as lakhs/crores(All over India) of candidate's faith is attached with this examination.

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Information From Facebook -

Vikash Ranjan
BY TODAY'S COURT VIEW NON-TET IS TOTALLY OUT.
A.p.shahi ji aur unki team ne sanyukt roop se tet ke tulna NET se karte huye kaha ki jis tarah m.phil, m.a. karne ke uprant lectr ki job karne ke liye net jaroori hai thik usi tarah sahayak adhyapak ki job ke liye tet pas hona aniwarya hai.
A.p.shahi ji ne is line ko kai bar dohraya ki NET sirf ek national eligibilty test hai jo ki essential qualification hai jo apko sirf qualified lectr ki job ke liye banati hai bad me university ya institution apko job basis criteria tay karti hai thik usi tarah TET bhi sirf ek patrata pariksha hai.
tet pass hona matra job ki gurantee nahi hai.
ye sirf ek minimum essential qualification hai jo ki sahayak adhyapk ke pad ke liye awasyak hai.
isi bases pe unhone siksha mitro ko tet pas hona anivarya bataya for appointment to sahayak adhyapak..
aj lunch ke bad pura waqt 2004,2005. etc anya batch ke sbtc ladko ko tet se choot ke liye bahas chalti rahi.
per judes panel ke rukh se nahi lagta ki unhe tet se mukti milegi.
aj koi bhi case db me transfer nahi huwa hai.
ntet wale matter pe faisla surakshit kar liya gaya hai.
last bat yahi kahunga ki a.p.shahi ji ne tet ko sirf ek patrata pariksha mana hai aur ye line base of selection pe kitna prabhaw dalegi ye to aane wala waqt batayega.
COURT WILL BE CONTINUE 2MORROW..

JUSTICE Amabwani comments that 95% Candidate Passed B.Ed while sitting at home So T.ET Exam is essential qualification for all the primary teacher and A.P.Sahi comments that in the recent survey conducted by the private agency more then 30% primary students even cannot read and write so T.E.T is must for every teacher recruitment
शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही 0 Posted on : 16-04-2013 |UPTET शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बहस चल रही है| शुरुआत नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| बड़ी बेंच के तीनो जजनॉन टेट को शिक्षक भर्ती मामले में असहमत नजर आये| नॉन टेट मामले के वकीलों की दलीलों से भी जज संतुष्ट नहीं हुए| जस्टिसइ पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| अंतिम फैसला जारी होनेका इन्तजार करिये
Quality tchr chahiye isliye tet jaruri-AP Shahi ji

Tulsi Prasad Sahu
आज दि0 16-04-2013 को मा0 उच्च न्यायालय के कोर्ट नं0 29 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की सुनवाई
की कार्यवाही की गई, मा0 न्यायालय द्वारा वि0बी0टी0सी0 2004, 2007, 2008 व शिक्षामित्रो को टी0ई0टी0
उत्तीर्ण करना अनिवार्य बताया गया। मा0 न्यायालय द्वारा कहा गया कि यदि शिक्षकों की गुणवत्ता के लिए
प्रशिक्षुओं को टी0ई0टी0 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
जिस प्रकार एम0फिल करने के उपरान्त लेक्चरर बनने के लिए नेट क्वालीफाई होना आवश्यक है, उसी प्रकार सहायक अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता टी0ई0टी0उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पर पदस्थित करने के लिए टी0ई0टी0 उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। नान
टी0ई0टी0 बीएड प्रशिक्षुओं को भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने हेतु तीनों जजो द्वारा असहमति जताई गई। नान टी0ई0टी0 के अधिवक्ता द्वारा दी गई दलील से जज संतुष्ट नजर नही आये।
फिलहाल नान टी0ई0टी0 बी0एड0 प्रशिक्षुओं की भर्ती प्रक्रिया मे शामिल होने की सम्भावना बहुत कम रह
गई है। जस्टिस ए पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए  टेट को जरुरी बताया| पूरे समय
सुनवाई जारी रही, उक्त सुनवाई कल दि0 17-04-2013 को भी जारी रहेगी।
पूर्णपीठ में न्यायमूर्ति सुनील अम्बानी, न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल शामिल हैं



10 comments:

  1. jab tak bharti nahi hogi
    tab tak 5th class kya 10th class ke bachhe bhi 1st class ka test nahi paas kar payege.....

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  2. hope for best...shayad jaldi hi kuch acha sunne ko mile....

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  3. Class 5th stdent can pass the test of class 5th if teaches are recruited on the basis of tet marit.

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  4. Class 5th stdent can pass the test of class 5th if teaches are recruited on the basis of tet marit.

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  5. Pramod kumar ji , can you guantantee this? You don't need a PHD to teach class fifth. There is acute shortage of teachers in schools. Teachers posting is uneven. High concentration near the cities and less outside.

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  6. PRAMOD KUMAR JI MAIN APKI BAAT SE POORNA ROOP SE SAHMAT HOON JUDGES NE BHI SWEEKAR KIYA HAI EDUCATION QUALITY KA STAR KAAFI GIRA HUA HAI YEH KEVAL TET MERIT SE HI UPAR UTH SAKTA HAI

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  7. विगत 10-15 वर्षों में हुई शिक्षक भर्तियाँ अकादमिक मैरिट से हुई हैं और यह परिणाम साबित करते हैं कि अकादमिक में अधिक अंक वालों का 'ज्ञान' कितना उच्च कोटि का है! इन परिणामों से पहले 'अकादमिक' की सच्चाई तो टैट ने ही दिखा दी जो खुद 8वीं के स्तर की परीक्षा मैं जैसे तैसे पास हो उनका परीक्षा परिणाम तो एसा ही होगा अतः टैट मेरिट ही गुणवक्ता पूर्ण तरीका है

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  8. Posting doesn!t matter,what matters is the quality of teacher.I met such a teacher who could not write student!s name correctly.what he will teach in the class. Just tell me.

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