शिक्षक भर्ती की योग्यता नए सिरे से होगी तय
एससीईआरटी निदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित
लखनऊ। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती की योग्यता नए सिरे से तय किए जाने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी के सुझाव पर नियमावली में संशोधन पर विचार होगा। इसके पीछे मुख्य वजह बड़ी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों का बीटीसी करना बताया जाता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली वर्ष 1981 में बनाई गई। इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है। इसमें शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। स्नातक में बीए, बीएससी व बीकॉम के बारे में स्थिति स्पष्ट है, लेकिन प्रोफेशनल कोर्स वालों के बारे में स्थिति साफ नहीं है। हालांकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने बीटीसी के लिए प्रोफेशनल कोर्स वालों को स्नातक के समकक्ष मानते हुए पात्र मान रखा है। ऐसे में प्रोफेशनल कोर्स के बाद बीटीसी करने वाले भी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं। शिक्षक भर्ती में काफी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों के आए आवेदनों पर पिछले दिनों शासन स्तर पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान कुछ अधिकारियों ने तर्क दिया कि शिक्षक भर्ती और बीटीसी करने की योग्यता अलग-अलग नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बीटीसी करने वाला शिक्षक भर्ती के लिए पात्र है। इसलिए अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन पर विचार किया जाना चाहिए।
इसके आधार पर सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए उसे जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी में एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह अध्यक्ष तथा बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा सदस्य होंगे। कमेटी बीटीसी प्रशिक्षण की पात्रता, टीईटी की पात्रता और शिक्षक बनने की पात्रता का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में कितना संशोधन जरूरी है
News Sabhaar : Amar Ujala (8.8.14)
एससीईआरटी निदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित
लखनऊ। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती की योग्यता नए सिरे से तय किए जाने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी के सुझाव पर नियमावली में संशोधन पर विचार होगा। इसके पीछे मुख्य वजह बड़ी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों का बीटीसी करना बताया जाता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली वर्ष 1981 में बनाई गई। इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है। इसमें शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। स्नातक में बीए, बीएससी व बीकॉम के बारे में स्थिति स्पष्ट है, लेकिन प्रोफेशनल कोर्स वालों के बारे में स्थिति साफ नहीं है। हालांकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने बीटीसी के लिए प्रोफेशनल कोर्स वालों को स्नातक के समकक्ष मानते हुए पात्र मान रखा है। ऐसे में प्रोफेशनल कोर्स के बाद बीटीसी करने वाले भी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं। शिक्षक भर्ती में काफी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों के आए आवेदनों पर पिछले दिनों शासन स्तर पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान कुछ अधिकारियों ने तर्क दिया कि शिक्षक भर्ती और बीटीसी करने की योग्यता अलग-अलग नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बीटीसी करने वाला शिक्षक भर्ती के लिए पात्र है। इसलिए अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन पर विचार किया जाना चाहिए।
इसके आधार पर सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए उसे जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी में एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह अध्यक्ष तथा बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा सदस्य होंगे। कमेटी बीटीसी प्रशिक्षण की पात्रता, टीईटी की पात्रता और शिक्षक बनने की पात्रता का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में कितना संशोधन जरूरी है
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