Saturday, May 5, 2012

UPTET : Information Regarding PIL Provided By Mr. Shyam Dev Mishra


UPTET : Information Regarding PIL Provided By Mr. Shyam Dev Mishra

FREE LEGAL AID FOR FILING CASE IN SUPREME COURT FOR UP PRIMARY TEACHERS RECRUITMENT ISSUE


---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 5 मई 2012 10:27 pm
विषय: FREE LEGAL AID FOR FILING CASE IN SUPREME COURT FOR UP PRIMARY TEACHERS RECRUITMENT ISSUE
प्रति: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>

आपके ब्लॉग पर मौजूद तमाम भाई-बहनें जिस प्रकार लंबित प्राइमरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के मुद्दे पे सुप्रीम कोर्ट जाने के पक्ष में हैं पर कतिपय कारणों से नहीं जा पा रहें हैं, उनके लिए मैं ये जानकारी भेज रहा हूँ कि किस प्रकार आप मुफ्त में सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं बिना आर्थिक खर्च उठाये या जुर्माने से डरे. पर उस से पहले ये दो लाइन की कहानी जरूर पढ़ें ताकि अगर मैं सही हूँ तो समय रहते टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी सही कदम उठा सकें. कृपया इसे पब्लिश जरूर करें.

"शिव-मंदिर में आनेवाले सैकड़ों शिवभक्तों ने शिवरात्रि के एक दिन पहले इकट्ठे होकर शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को सारा दिन दूध से नहलाने का निर्णय लिया और निश्चित किया कि रात में हर भक्त मंदिर में रखे गए विशाल बर्तन में एक-एक लोटा दूध डाल जायेगा ताकि इस तरह इकठ्ठा दूध शिवरात्रि के अवसर पर काम आ सके. भक्तगण रात के अँधेरे में अपने हिस्से के दूध की जगह लोटा-भर पानी उस विशाल बर्तन में ये सोच कर डालते रहे कि एक मैं ही अगर पानी डाल दूंगा तो कौन सा किसी को पता चलेगा, बाकि लोग तो दूध ही डाल रहे हैं न! अगले दिन उस विशाल बर्तन से विश्वास का दूध नहीं, सिर्फ धोखे का पानी निकला. "


भाइयों और बहनों, क्या आप भी सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के भागीदार हैं या सिर्फ दूसरों के भरोसे अपने हिस्से का काम अनदेखा करेंगे? अब तो जागिये...!!
ध्यान दें कि आप लोगों में से तमाम भाई या बहन चाहें तो बिना खर्च के ---
१. आप सुप्रीम कोर्ट में अपने साथ हो रहे अन्याय को खुद उठा सकते हैं.
२. एक समूह के रूप में सुप्रीम कोर्ट में जाकर अपने साथ हो रहे अन्याय की शिकायत कर सकते है.
३. आप सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश में सरकार के कदमों से शिक्षा के अधिकार अधिनियम, २०१० के उद्देश्यों की पूर्ति में पड़ने वाली बाधा और प्रदेश के लाखों बच्चों को मिले शिक्षा के संवैधानिक अधिकारों के होने वाले हनन का मुद्दा उठा सकते हैं.
४. आप सुप्रीम कोर्ट के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार से यह पूछ सकते हैं कि "निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, २००९' की धारा ३८ के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन से जब उत्तर प्रदेश शासन (शिक्षा अनुभाग-५) द्वारा अधिसूचना स. २५१०/७९-५-२०११-२९/२००९ दिनांक २७ जुलाई २०११ द्वारा "उत्तर प्रदेश निशुल और बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली. २०११" को अधिसूचित कर दिया गया तो फिर इसके लिए पर्याप्त और सुनियोजित कार्यवाही क्यूँ नहीं की जा रही? यदि की जा रही है तो उसका विवरण दिया जाये.
५. आप सुप्रीम कोर्ट के जरिये केंद्र सरकार से पूछ सकते हैं कि "निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, २००९' की धारा ३८ के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन से जब उत्तर प्रदेश शासन (शिक्षा अनुभाग-५) द्वारा अधिसूचना स. २५१०/७९-५-२०११-२९/२००९ दिनांक २७ जुलाई २०११ द्वारा "उत्तर प्रदेश निशुल और बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली. २०११" को अधिसूचित करने के उपरांत भी फिर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कदम न उठाये जाने पर भी केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार को अधिनियम में दिए गए अधिकारों के अंतर्गत दिशा निर्देश क्यूँ नहीं दे रही है?
६. अपने किसी करीबी वकील से सलाह-मशवरा करके उचित आधार पर, उचित रूप में याचिका दायर कर सकते हैं.
७. अनुसूची जाति/जनजाति, महिला, एवं विकलांग व १२५०००/- से कम वार्षिक आय वाले लोग, इनमे से एक, एक से अधिक या सभी शर्तें पूरी करने वाले भाई-बहन कोर्ट जा सकते हैं. बेहतर होगा कि तमाम अलग अलग कैटेगरी के लोग, तमाम अलग अलग आधारों पर आवेदन करें, ताकि किसी न किसी का आवेदन, किसी न किसी आधार पर स्वीकार कर लिया जाये.
८. सुनने में अजीब लग सकता है पर १४ साल से कम उम्र से कम के किसी जागरूक बच्चे के द्वारा प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की भारी कमी से उनके अनिवार्य शिक्षा पाने के संवैधानिक अधिकार के होने वाले हनन का सवाल उठाते हुए भी शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के उद्देश्यों कि पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की लेट-लतीफी और लापरवाही को रेखांकित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार से अपनी नीति स्पष्ट करने और उठाये गए या उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी मांग सकता है.
इनमे से आप जानकार लोगो से राय लेकर सही विकल्प चुन सकते हैं. पर कुछ न कुछ करने से ही कुछ होगा.

खैर, मैं अपना काम करता हूँ यानि जानकारी देना और आप तय करें अपना, क्योंकि फैसला आपका, कर्म आपके, किस्मत आपकी, भविष्य आपका !!!

धन्यवाद सहित,
आपका,
श्याम देव मिश्रा
मुंबई.
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उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीमकोर्ट से राहत पाने का र्वसुलभ तरीका
सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी (सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति)
(भाइयोंधरना-प्रदर्शन भी लोकतंत्र में न्याय पाने या अपनी मांग मनवाने का एक आजमाया हुआ हथियार है पर उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के इच्छुक मित्र इस जानकारी से लाभ ले सकते हैंअगर वे सच में कुछ करना चाहते हैं मगर खर्च और जानकारी के अभाव के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहें हैं तो यह रास्ता उनके लिए सर्वोत्तम है पर अगर केवल बातें करना और दूसरों के भरोसे बैठे रहना है तो उनकी मदद कोई नहीं कर सकता)
जनसामान्य में एक सर्वमान्य मान्यता है कि किसी मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना एक आम आदमी या किसी जमीन से जुड़े आदमी के बस की बात नहीं है जो कि सर्वथा भ्रम हैसुप्रीम कोर्ट तक जनसामान्य की पहुँच को आसान और कम खर्चीला (लगभग नगण्यबनाने के उद्देश्य से "लीगल सर्विस अथोरिटीज एक्ट1987" के द्वारा सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी का गठन किया गया है.
मुफ्त कानूनी सहायता (मुफ्त वकील और न्यायालय शुल्क से से छूट)पाने के लिए समिति तक आप इन मामलों में जा सकते हैं:
सुप्रीम कोर्ट में कोई केस फाइल करने या खुद पर दायर किसी केस में बचाव करने के लिए जिनमे शामिल हैं,
हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अपील / विशेष अनुमति याचिका (सिविल/क्रिमिनल)
मौलिक अधिकारों के हनन के विरुद्ध याचिकाजिसमे सरकार द्वारा "उठाये गए किसी कदमया "कोई कदम  उठाने कीवैधता को चुनौती दी गई हो या सरकार द्वारा जारी किसी आदेश या या कानून की वैधता को चुनौती दी गई होजिनसे आपके किन्ही मौलिक अधिकारों का हनन होता हो.
किसी केस को भारत में एक राज्य से अन्य राज्य में लाने के लिए याचिका
अपनी किसी समस्या पर कानूनी सलाह पाने के लिए.
ध्यान दें कि मुफ्त कानूनी सलाह पाने के लिए कोई इलिजिबिलिटी क्राइटेरिया नहीं है.
जबकि मुफ्त कानूनी सहायता पाने के लिए पहले तो आपको इन वर्गों में से किसी एक से सम्बंधित होना चाहिए:
अनुसूचित जाति या जनजातिमहिलाबच्चाविकलांगकोई ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 125000/- से कम हो.
दूसरासमिति को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि आपके केस में तर्कसंगत होने के कारण जीत के अच्छे आसार हैइस कारणकोई भी व्यक्ति आराम से कम से कम आवेदन तो करेयदि समिति के विशेषज्ञ आपके पक्ष से सहमत होंगे तो आधी लड़ाई तो आप ऐसे ही जीत जायेंगे.
व्यापक जनहित के मुद्दे और विशेष मामलेजिनके लिए लिखित में कारण दिए जाने चाहिएमुफ्त कानूनी सहायता के लिए उपयुक्त माने जा सकते हैं.
इसके लिए आपको साधारण रूप से आवेदनपत्र और संलग्नक (जो समिति की वेबसाईट http://www.sclsc.nic.in/पर तथा मेरे पास और मुस्कान जी के पास उपलब्ध हैंके साथ-साथ सारे सम्बन्धी दस्तावेज (उदहारण के लिए अगर आप हाईकोर्ट के किसी आदेश के खिलाफ अपील करना चाहते हैं तो उस आदेश और उसके सभी संलग्नकों की प्रतियाँसमिति को भेजने होंगे.
जबकि मुफ्त कानूनी सलाह के लिए आप किसी भी कार्यदिवस में सुबह १०:३० से सायं :०० बजे तक फोन कर सकते हैं या पत्र द्वारा सलाह ले सकते हैं जिसका जवाब आपको १५ दिन के अन्दर समिति से मिल जायेगा-मेल से प्रेषित प्रश्नों का उत्तर जल्दी मिल जाता हैकानूनी सलाह पूर्णतया निशुल्क है.
समिति सुपीम कोर्ट के एक जज की अध्यक्षता में भारत के चीफ जस्टिस के द्वारा मनोनीत विशेषज्ञों की समिति हैसमिति के पास अनुभवी वकीलों का एक पैनल होता है जो दस्तावेजों की स्क्रीनिंग करते हैतथा कोर्ट में केस लडते हैंइसके अलावा समिति में एक कानूनी सलाहकार-सह-एक्जीक्यूटिव होता है जो फोन/पत्र/मेल द्वारा मांगी गई जानकारियां और सलाह देता है तथा दस्तावेजों की जांच करता हैभले ही कानूनी सहायता के इच्छुक व्यक्ति को उसका मनचाहा वकील  मिले पर समिति इस बात को तय करती है कि केवल काबिल वकील या वक्कीलों का समूह उस केस को हैंडल करे.
आपके आवेदन के १५ दिनों के अन्दर समिति आपके भेजे दस्तावेजों के आधार पर तथा आपके आवेदन में दिए गए विवरण के आधार पर तय करती है कि आप जरूरी शर्तें पूरी करते हैं या नहीं और आपको मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी या नहीं और आपको लिखित रूप से समिति के निर्णय से अवगत करा दिया जाता हैइस से सहमत  होने पर आप समिति के अध्यक्ष से अपील कर सकते हैं.
आपकी मुफ्त कानूनी सहायता का आवेदन स्वीकार होने की स्थिति में आपको समिति द्वारा भेजा गया वकालतनामा और हलफनामा हस्ताक्षर करके तथा हलफनामा नोटरी करा के भेजना होता हैइसी बीच आपका केस लड़ने के लिए समिति द्वारा निश्चित किया गया अधिवक्ता याचिका का ड्राफ्ट तैयार करता है और आपका हलफनामा और वकालतनामा तैयार होकर वापस आते ही आपकी और से केस सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर देता है और केस में आपकी और से बहस करता हैआपको भी आपके केस से सम्बंधित अधिवक्ता का नाम बताया जाता है और आपकी और से कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों की प्रतियाँ भेजी जाती हैंअत्यंत विशेष परिस्थितियों में आपके अनुरोध पर समिति किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को भी आपका केस हैंडल करने को कह सकती हैआपका अधिवक्ता आपसे संपर्क में रहता है और समय समय पर आपकी केस के बारे में जानकारी देता रहता है और जरूरी कागजातों के लिए मांग कर सकता हैइस प्रकार आप घर बैठे मुफ्त में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी राहत पा सकते हैं.
समिति का पता है,
The Secretary
Supreme Court Legal Services Committee
109, Lawyers’ Chambers
Supreme Court Compound,
New Delhi - 110 001.
Ph. Nos.23388313, 23073970, 23381257 e-mail : sclsc@nic.in

आशा ही नहीं विश्वास है कि यह जानकारी कुछ मित्रों में जोश भरेगी और कुछ मित्र इस दिशा में प्रयास करेंगेकम से कम इस मुद्दे पर कानूनी सलाह के लिए तो हर कोई फ़ोन कर सकता हैमेल कर सकता हैपत्र लिख सकता हैसमिति भी जब इतने आवेदन एक साथ देखेगी तो उसे भी इस मामले पर विशेष ध्यान देना होगाअगर जरुरी समझे तो दिल्ली में मौजूद साथी समिति के दफ्तर जाकर भी जानकारी कर सकते हैदोस्तोंहर मोर्चे पर लड़ाई लड़ोगे तभी किसी मोर्चे पे फतह हासिल हो पायेगी.
आशा हैजानकारी आपके काम आएगीअपनी राय जरूर दें.
आपका
श्याम देव मिश्रा
मुंबई

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने फूंका मंत्री का पुतला , विज्ञापन निरस्त किए जाने से आक्रोशित

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने फूंका मंत्री का पुतला , विज्ञापन निरस्त किए जाने से आक्रोशित


देवरिया। प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी के बयान पर टीईटी अभ्यर्थी आग बबूला हो गए। मंत्री ने कहा है कि शिक्षक नियुक्ति संबंधी विज्ञापन निरस्त कर नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा। इसके विरोध में टाउनहाल में बैठक कर इसकी तीव्र निंदा की और सुभाष चौक पर शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका।
बैठक को संबोधित करते हुए संयोजक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार टीईटी पास अभ्यर्थियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।
सरकार यह कह रही थी कि जहां परीक्षा में जहां गड़बड़ी हुई है वहां की परीक्षा निरस्त की जाएगी और अब यह कह रही है कि अब नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नकल माफिया के शिकंजे में हम अकारण फंस गए हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि न्याय किया जाएगा लेकिन यह झूठा साबित हुआ। इसके विरोध में अभ्यार्थी पूरे प्रदेश में आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गए हैं। जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है। निर्दोष अभ्यर्थी इसमें पीसे जा रहे हैं। इसका सरकार को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। पूरे प्रदेश में संघ एक साथ आगामी लोकसभा चुनाव में सपा के खिलाफ प्रचार तथा मतदान करेंगे। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका गया। बैठक में विकास पांडेय, अनुराग मल्ल, अमरदेव सिंह, रघुवंश शुक्ल, दिलीप गुप्ता, राजीत दीक्षित, भालेंदु, विनिता वर्मा, शालिनी चौधरी, मदन यादव, संदीप कुशवाहा, अमितेश बरनवाल, राकेश मणि, राजू गुप्त, रत्नेश तिवारी, विजय प्रताप कुशवाहा, मुन्ना यादव, मनोज कुमार, कैलाश यादव, रविशंकर आदि शामिल रहे।


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टीईटी पास ने शिक्षामंत्री का पुतला फूंका

लखीमपुर खीरी। टीईटी उत्तीण शिक्षक महासंघ ने नसीरुद्दीन मेमोरियल हाल में बैठक के उपरांत शिक्षामंत्री का पुतला फूंका। शिक्षामंत्री के बयान दिया था कि शिक्षकों की नियमावली को संसोधित किया जाएगा और एकेडमिक मेरिट के आधार पर शिक्षकों का चयन होगा। इसके विरोध में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों में उबाल है

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टीईटी मोर्चा की बैठक कल
पडरौना। टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा की बैठक छह मई को नगर के जूनियर हाईस्कूल परिसर में होगी। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की समस्याओं पर विचार होगा। जानकारी कृष्णानंद चौहान और छोटेलाल ने दी।

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टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक कल
संतकबीरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा समिति की बैठक जूनियर हाईस्कूल परिसर खलीलाबाद में 6 मई को आयोजित किया गया है। जिसमें टीईटी अभ्यर्थियों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।

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टीईटी घोटाला , पकड़े गए संजय मोहन के कारिंदे का खुलासा
स्कूल में खर्च किया घपले का एक करोड़
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने टीईटी घोटाले के एक करोड़ से अधिक रुपये लखनऊ पब्लिक स्कूल (एलपीएस) की वृंदावन कॉलोनी शाखा के निर्माण पर खर्च किए थे। टीईटी के रिजल्ट में संशोधन कर करोड़ों का वारा-न्यारा करने वाले संजय मोहन के कारिंदे देवकुमार पांडेय ने पूछताछ में यह राज उजागर किया है। गाजीपुर थाने की पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात 17 लाख रुपये के साथ उसे गिरफ्तार किया था।
डीआईजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि देवकुमार पांडेय वृंदावन कॉलोनी स्थित एलपीएस की शाखा में निर्माण कार्य की देखभाल करता है। नौ हजार रुपये महीने की नौकरी करने वाले देवकुमार को संजय मोहन लाखों रुपये उपलब्ध कराते थे और कुछ दिनों के अंतराल पर स्कूल के निर्माण कार्य का जायजा भी लेने जाते थे।
बैंक खातों के भी राज उगले
10-15 दिन के अंतराल पर स्कूल के निर्माण कार्य का लेते थे जायजा

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बेसिक शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका
मुजफ्फरनगर (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने टीईटी परीक्षा निरस्त किए जाने के विरोध में बेसिक शिक्षा मंत्री का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी द्वारा टीईटी परीक्षा के निरस्त किए जाने का विरोध किया गया। टीईटी संघर्ष मोर्चा के छात्रों ने बेसिक शिक्षा मंत्री का पुतला फूंककर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि मंत्री का बयान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान के विपरीत है, जिसका वे पुरजोर विरोध करेंगे। अध्यक्ष बलकेश चौधरी के नेतृत्व में आगामी छह मई को टाउन हॉल में बैठक होगी, जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
पुतला फूंकने वाले छात्रों में राजीव कौशिक, प्रदीप, वकील अहमद, ओमकार सिंह, महेंद्र सैनी, मनोज, मनीष, जावेद, अरुण, धर्मेन्द्र, सुनील, प्रवीण, परविंद, मोनिका, रुबी, शालिनी, मानसी आदि मौजूद रहे।

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शिक्षा मंत्री का फूं का पुतला

बिंद्राबाजार (संवाददाता)। शिक्षा मंत्री रामगोपाल चौधरी के बयानी से नाराज टीटीई संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में परीक्षा पास कर चुके छात्रों ने लहबरिया बाजार में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री का पुतला भी दहन किया।
टीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद शिक्षा मंत्री राम गोपाल चौधरी ने टीईटी पात्रता पर जो बयान दिया वह गलत है। लेकिन मंत्री जी को इससे क्या पड़ी है, उन्होंने जारी पूर्व की विज्ञप्ति को निरस्त करने की घोषणा कर दी। टीईटी अभ्यर्थियों ने मांग की कि शिक्षकों की भर्ती पूर्व विज्ञप्ति और मेरिट के आधार पर अविलंब की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया तो अभ्यर्थी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। पुतला दहन के समय मौके पर मुख्यरूप से अरविंद कुमार यादव, रविंद्र यादव, धर्मेद्र, डीके, महेंद्र ,वृजभूषण, रामदुलारे, शंकर कन्नौजिया आदि प्रमुख थे।


बिंद्राबाजार (आजमगढ़)। शिक्षा मंत्री बयान से नाराज टीटीई संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में परीक्षा पास कर चुके छात्रों ने लहबरिया बाजार में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शनकिया।अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री का पुतला भी दहन किया।
टीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद शिक्षा मंत्री राम गोपाल ने टीईटी पात्रता पर जो बयान दिया वह गलत है।



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टीईटी पास ने शिक्षामंत्री का पुतला फूंका
लखीमपुर खीरी। टीईटी उत्तीण शिक्षक महासंघ ने नसीरुद्दीन मेमोरियल हाल में बैठक के उपरांत शिक्षामंत्री का पुतला फूंका। शिक्षामंत्री के बयान दिया था कि शिक्षकों की नियमावली को संसोधित किया जाएगा और एकेडमिक मेरिट के आधार पर शिक्षकों का चयन होगा। इसके विरोध में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों में उबाल है।

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बैठक आज
मऊ। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक पांच मई को कलेक्ट्रेट परिसर में होगी। यह जानकारी राजीव कुमार यादव ने दी।


News : Amar Ujala (5.5.12)

Shiksha Mitra : प्रशिक्षण नहीं मिला तो जुलाई में शिक्षामित्र घेरेंगे विधानसभा



वाराणसी- प्रशिक्षण नहीं मिला तो जुलाई में शिक्षामित्र घेरेंगे विधानसभा




वाराणसी। इन दिनों शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। कहीं टीईटी को लेकर तो कहीं शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को लेकर। 
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि इंटर पास 55 हजार शिक्षामित्रों को भी प्रशिक्षण दी जाए। 
उहोंने सरकार पर आरोप लगाया है कि इण्टर पास शिक्षामित्रों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है, जिसको लेकर संघ में नाराजगी है। 
अध्‍यक्ष ने कहा कि इन शिक्षामित्रों को संस्थागत स्नातक शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण में शामिल किया जाए, जिससे शिक्षक बनने का रास्ता साफ हो। 
उन्होंने कहा कि अगर इनकी मांगे नहीं मानी गईं तो जुलाई में विधानसभा को घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर बडी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद थे।


News : news4education.com (5.5.12)

Mr. George gives information regarding Distance Education B. Ed for Teachers Recruitment with NCTE Order


Mr. George gives information regarding Distance Education B. Ed for Teachers Recruitment with NCTE Order 

Full Details will be published soon

From: George Thomas <grgthomas57@gmail.com>
Date: 2012/5/4
Subject: related to ignou b.ed.
To: muskan24by7@gmail.com

Can publish about distance B.Ed.(IGNOU B.Ed.)
Govt. has not yet sent us for training despite the orders of Supreme Court. Govt. does only what he wants.






































































































Mr. Hari Om Sharma Got Information from NCTE through RTI Application regarding Teachers Recruitment / Shiksha Mitra Recruitment / BTC / TET (Teacher Eligibility Test )


Mr. Hari Om Sharma Got Information from NCTE through RTI Application regarding Teachers Recruitment / Shiksha Mitra Recruitment / BTC / TET (Teacher Eligibility Test )


From: Hari Om Sharma <hariomsharma1977@gmail.com>
Date: 2012/5/5
Subject: NCTE RTI Letter Dated 28.11.2011
To: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>

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UPTET : Candidates in a state of confusion



युपी टीईटी अनिश्चितता के माहोल में अभ्यर्थी 
(UPTET : Candidates in a state of confusion )


जिस प्रकार दिन पर दिन ढलते  जा रहे हैं , अभ्यर्थीयों में निराशा बढती जा रही है | 
अब वे अपने टी ई टी नेताओं को कोस रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया  , जबकि कुछ अभ्यर्थीयों ने उनको चंदा / योगदान दिया |

में सोचती हूँ / मेने पहले भी बताया था -
संगठन में मजबूती तब आती है , जब उसका आधार मजबूत हो 

सबसे पहले अभ्यर्थी सहमति द्वारा एक एजेंडा / कार्यक्रम ( क्या करना है , कैसे करना है ) बनाते , फिर उस एजेंडे पर सब के हस्ताक्षर  लिये जाते (सहमति के लिये )

अध्यक्ष , सचिव , प्रतिनिधि ( जिलावार /प्रदेश स्तर ) , सदस्य के कार्य व रूरेखा बनाई जाती |

एक कोमन बैंक अकाउंट बनाया जाता और उसको जोइंटली ओपरेट किया जाता ३-४ अधिकृत ( संस्था के प्रतिनिधि द्वारा  ३-४ प्रमुख व्यक्तिओं को जोइंटली ओपरेट करने के लिये )
संस्था के एजेंडे  , एकाउंट, नए सदस्यों को जोड़ने हेतु  लोगों को सूचित किया जाता |
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अब देखने में आ रहा है कि  अभ्यर्थीयों   के आरोप / प्रत्यारोप जारी हैं कि उनके  संघर्ष   मोर्चा नेताओं ने उनके लिये कुछ नहीं किया , चंदा / योगदान भी लिया 

(It might be possible that TET leaders did a good job as per there efforts,
Visited Lucknow, paying fee to advocate etc.
And I don't know, People behind of contribution to pay advocate fee.
TET candidates are upset and this issue can be arise due to uncertain future.

ShikshaMitra 2nd Batch Training Will Be Started From July 2012 and adjusted for shortage of Teachers/Jobs by 2015


समायोजित किए जाएंगे शिक्षामित्र
(ShikshaMitra 2nd Batch Training Will Be Started From July 2012 and adjusted for shortage of Teachers/Jobs by 2015)

 लखनऊ, जागरण ब्यूरो : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लागू होने के दो वर्ष बाद भी प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में 2.58 लाख शिक्षकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को समायोजित करने की योजना है
 इस योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को दो वर्षों में दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने का इरादा है। वहीं इंटर पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति मांगने की योजना तैयार की है। सपा ने चुनावी घोषणा पत्र में एलान किया था कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को दो वर्षों में समायोजित कर दिया जाएगा। सत्तारूढ़ सपा सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें शिक्षकों की कमी दूर करने को यही नुस्खा सुझाया गया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1.70 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 1.24 लाख शिक्षामित्र स्नातक उत्तीर्ण हैं जबकि शेष 46 हजार इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं। एनसीटीई ने सरकार को स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने की अनुमति जनवरी 2011 में दी थी। इसी आधार पर 62 हजार शिक्षामित्रों के पहले बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2011 से शुरू की गई थी



 शिक्षा मित्रों के दूसरे बैच को जुलाई से ट्रेनिंग 

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : शिक्षा मित्रों के पहले बैच का प्रशिक्षण जून 2013 में खत्म होना है। बचे हुए 62 हजार स्नातक शिक्षामित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2013 से शुरू करने की योजना बनायी गई थी। दूसरे बैच की ट्रेनिंग जून 2015 में पूरी होनी थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने दूसरे बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2012 से ही शुरू करने की मंशा जतायी है ताकि अगले दो वर्षों में 1.24 लाख स्नातक शिक्षामित्रों का बीटीसी प्रशिक्षण पूरा हो सके। वहीं इंटर पास 46 हजार शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये ट्रेनिंग दिलाने के लिए विभाग एनसीटीई से अनुरोध करेगा। राज्य में परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है जबकि एनसीटीई की निर्धारित अर्हता इंटरमीडिएट और बीटीसी है। इसी आधार पर विभाग ने इंटर उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने का आग्रह करने का इरादा जताया है। विभाग की मंशा है कि इंटर पास शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग जुलाई 2013 से शुरू करा दी जाए। शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद भी शिक्षकों के 88 हजार पद रिक्त बचेंगे। हर साल वर्ष परिषदीय स्कूलों के करीब 12 हजार शिक्षक रिटायर होते हैं। इस आधार पर विभाग को शिक्षा मित्रों के अलावा एक लाख शिक्षकों को भर्ती करने की जरूरत और पड़ेगी


News : Jagran (5.5.12)

Friday, May 4, 2012

UPTET : Important Information Given By Mr. Naved regarding Allahabad High Court case on 2nd May 2012


UPTET : Important Information Given By Mr. Naved  regarding Allahabad High Court case on 2nd May 2012


From: Naved Ahmed <navedahmeds@gmail.com>
Date: 2012/5/4
Subject: USELESS DECISION BY COURT
To: muskan24by7@gmail.com

USELESS DECISION ON 2-5-12 as BTC/VBTC are already exempted from
TRAINING OF 6-MONTHS as PER MODIFIED VIGYAPTI WHICH WAS ISSUED AFTER 2
DAYS OF MAIN VIGYAPTI.

http://bed.up.nic.in/tet4.pdf

The page no.9 of that modified VIGYAPTI clears that BTC/VBTC will directly appointed as ASST. TEACHER not as APPERENTICE TEACHER

COURT's DECISION ON 02-05-2012
http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1841708


Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011

Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
 Respondent :- State Of U.P. & Others
 Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
 Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha

Hon'ble Arun Tandon,J.
 Matter has been heard at length.
 The issue which needs clarification is as to whether the persons like  the petitioners, who have already undergone B.T.C. Training and are  graduate and have also cleared T.E.T., would further be required to be  appointed as Teachers' Trainee in terms of the advertisement and the  corrigendum issued on 02.12.2011 or else they would be appointed directly in Parishadiya Vidyalaya as Assistant Teachers, being  possessed of all prescribed minimum qualification in terms of U.P.  Basic Education Teachers Service Rules, 1981 or not.
 Sri K.S. Kushwaha, Standing Counsel seeks time to file an affidavit of  the Secretary.
 Let him do so by the next date.
 List on 15.05.2012 along with Writ Petition No. 29 of 2012.
 Interim order to continue till then.
 Order Date :- 2.5.2012

THE already CONNECTED case:
 http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1610695

Case :- WRIT - A No. - 29 of 2012

Petitioner :- Shiv Prakash Kushwaha
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- S.K. Mishra
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A. Aktar,Rajeshwar Singh

Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
 Learned counsel for petitioner submitted that advertisement dated  2.12.2011 (Annexure 7 to writ petition) is not consistent with Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as  ?
1981 Rules?) as amended from time to time and has been issued in a  wholly illegal manner inasmuch under the Rules the advertisement is to  be issued by appointing authority, but it has been issued by District
 Basic Education Officer which is wholly illegal.
 Sri Rajeshwar Singh, who has put in appearance on behalf of  respondents 2, 3 and 4 after receiving instructions from respondent  no. 2 stated that the said advertisement has been issued under the
 instructions received from Secretary, Basic Education. In the  circumstances, respondents 1 to 4 are directed to file their  affidavits within ten days explaining the provisions under which the  said advertisement has been issued. They shall also file reply to the  averments made in various paragraphs of writ petition.
 List on 19.1.2012.
 In the meantime, it is directed that the selection, if any, under 1981  Rules, may go on but no appointment shall be made unless the procedure  prescribed under 1981 Rules is strictly followed by respondents.
 Dt. 4.1.2012

UPTET : परीक्षा का आधार बदलना टेढ़ी खीर



UPTET : परीक्षा का आधार बदलना टेढ़ी खीर

सहारनपुर : टीइटी से प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति का आधार बदलने या उसे रद करने की कोशिश सरकार को भारी पड़ेगी। बसपा सरकार ने टीइटी के पात्रता परीक्षा के आधार को बदलकर मेरिट की श्रेणी में शामिल किया था। अब सपा सरकार परीक्षा के आधार को दोबारा पात्रता परीक्षा करने की कसरत में जुटी है।

 पूरे मामले में कानूनी राय अहम होगी और इसे नजरअंदाज करना सरकार के गले की फांस बन सकता है। इन दिनों टीइटी से प्राथमिक शिक्षकों की भर्त्ती पर परीक्षा में उत्तीर्ण रहे 2.70 लाख अभ्यर्थियों की निगाहें लगी हैं।


 स्कूलों में नियुक्ति मिलेगी या फिर कानूनी जंग लड़नी होगी ?
 मामले को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ज्ञापन भेजने व विभिन्न जिलों में धरना-प्रदर्शन का क्रम जारी है। प्रदेश सरकार भी टीइटी को लेकर खासी चुस्त नजर आ रही है।


 मामले में पहले गठित बेसिक शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने टीइटी को रद करने की सिफारिश की थी। बाद में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा टीइटी को रद्द न करने की बात कही थी। 


कमेटी ने मेरिट के आधार को बदलकर टीइटी को केवल पात्रता परीक्षा बनाने पर सहमति दी है। हालांकि इस बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नही हुआ है।


 जाल का नहीं कोई तोड़ : - बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि टीइटी परीक्षा की गाइडलाइन का कोई तोड़ नहीं है। उनका दावा है कि बसपा सरकार ने टीइटी को पात्रता की श्रेणी से हटाकर मेरिट के आधार में बदलने का जो निर्णय लिया था वह मंत्रिमंडल का सामूहिक निर्णय था। 

उनका तर्क है कि एक मामले में पूर्व में हुआ निर्णय इसमें भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके मुताबिक परीक्षा से एक दिन पूर्व तक ही सरकार परीक्षा/नियुक्ति को बनाए नियमों में बदलाव कर सकती है। बाद में किसी भी प्रकार का बदलाव नियुक्ति के आधार के संबंध में नहीं किया जा सकता। टीइटी प्रक्रिया में कानूनी जंग से बचने के लिए प्रदेश सरकार के लिए कानूनी राय अहम होगी।

 शिक्षा-मित्रों का 6 को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन   :
 संयुक्त शिक्षा-मित्र एसोसिएशन की मासिक बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष पूनम पुंडीर ने कहा कि शिक्षामित्र आपसी मतभेद एवं गुटबाजी छोड़ प्रदेश कार्यकारिणी के अनुसार 6 मई को जिला मुख्यालय पर होने वाले धरने प्रदर्शन को सफल बनाने को जुट जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश व्यापारी यह धरना प्रदर्शन के माध्यम से सभी शिक्षामित्र प्रदेश सरकार अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। गुरुवार को ब्लाक मुजफ्फराबाद के गांव मंडौरा में आयोजित बैठक में उन्होंने जनपद के सभी शिक्षामित्रों का आान कि वह 6 मई को शिक्षा भवन पर इकव+2122ा होंगे। यहां से सभी लोग अपनी मांगों को लेकर विशाल जुलूस के रुप में कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री को संबोधित का 5 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। इससे पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ संगठन के संयुक्त मंत्री उग्रसेन पुंडीर आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के बेहट मुजफ्फराबाद, बरोली, बाबैल बुजुर्ग, जैतपुर, कुरड़ीखेड़ा व पुवांरका आदि में जनसंपर्क कर नुक्कड़ सभाएं की। एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते संयुक्त मंत्री ने कहा कि एक धरना प्रदर्शन एतिहासिक होगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारिणी के कई पदाधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं।


News : Jagran  (4.5.12)

UPTET : अब एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती होगी

UPTET : अब एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती होगी


एक लाख शिक्षकों की होगी भर्ती
72 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की तैयारी



•सभी शिक्षा मित्रों को अब एक साथ प्रशिक्षण
•अधिकारियों के रिक्त पदों पर भी होगी भर्ती


• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती करेगी। इसके बाद प्रत्येक वर्ष रिटायर होने वाले शिक्षकों की रिक्तियों के आधार पर भर्ती की जाएगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हता के स्थान पर पात्रता किया जाएगा

नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले बसपा सरकार द्वारा 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू की गई प्रक्रिया निरस्त कर दी जाएगी। इसी तरह स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को 2015 तक प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम में संशोधित किया जाएगा, अब 2014 तक सभी शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह निर्देश बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में दिए।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में रिक्त अधिकारियों के पदों का ब्योरा तैयार किया जाए और इसकी भर्ती के लिए लोकसेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाए। स्कूल भवन निर्माण के कार्यों से शिक्षकों को अलग रखने का भी निर्देश दिया है।

बेसिक शिक्षा निदेशालय में मंत्री ने दो चरणों में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पहले चरण में एडी बेसिक स्तर तक के तथा इसके बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों के साथ बैठक की। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच को तीन माह के अंदर पूरा किया जाए। स्कूलों में अच्छी पढ़ाई कराई जाए, शिक्षकों से भवन निर्माण का काम न लिया जाए। स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दी जानी है। मौजूदा समय 60 हजार को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, शेष बचे सभी शिक्षा मित्रों को जुलाई से प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कराई जाए।
उन्होंने स्कूल निर्माण की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए। बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इनको अपने आचरण में सुधार लाना चाहिए। इनकी लापरवाही से शिक्षकों पर नियंत्रण नहीं है। शिक्षकों को समय से स्कूल आना चाहिए और बच्चों को पढ़ाना चाहिए।
शिक्षकों के वेतन, पेंशन तथा जीपीएफ आदि की सूचनाएं कंप्यूटरीकृत की जाएं। स्कूलों के विद्युतीकरण का काम जहां पूरा नहीं हुआ है, वहां अभियान चलाकर इसे पूरा कराया जाए। सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से शौचालय की व्यवस्था कराई जाए। जहां अभी तक निर्माण नहीं हुआ है, वहां शौचालय बनवाए जाएं। प्राथमिक स्कूलों में साल में दो बार अभिभावकों को बुलाकर बच्चों के बारे में जानकारी दी जाए। मिड-डे-मील योजना में सुधार लाने के निर्देश दिए। डायट प्राचार्यों की बैठक में कहा कि ट्रेनिंग प्रशिक्षण और उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।



Yesterday I was reading Mr. Shyam Dev Mishra ji' view in article regarding relaxation for B. Ed candidates after 1st Jan 2012 and TET Qualification -
" पर एक बात ध्यान जरुरी है कपिल जैसे अड़ंगेबाजों द्वारा को ध्यान में रखते हुए लग रहा है कि अब न्यायालय चाहे कोई भी फैसला दे, बी.एड. डिग्री-धारकों की प्राइमरी टीचरों के रूप में नियुक्ति तभी संभव है जब केंद्र सरकार राज्य सरकार के अनुरोध पर समयसीमा बढ़ा दे. हाईकोर्ट ने भी
बी.टी.सी.+टी.ई.टी. उत्तीर्ण आवेदकों पर पहले विचार करने यानि उनसे भर्ती पूरी करने की बात कही है तो उसका कारण एन.सी.टी.ई. द्वारा बी.एड. डिग्री-धारकों की प्राइमरी टीचर के तौर पे नियुक्ति के लिए दी गई समय सीमा, 01.01.2012 तक नियुक्ति न हो पाना हो सकता है. ऐसी स्थिति में भी
राज्य-सरकार सिर्फ बी.टी.सी.+टी.ई.टी. उत्तीर्ण आवेदकों के द्वारा भर्ती पूरी करने का कदम इसलिए नहीं उठा सकती क्यूंकि सबको पता है कि राज्य में शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में ऐसे बी.टी.सी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं ही नहीं जिन्होंने टी.ई.टी. उत्तीर्ण किया हो. पर एन.सी.टी.ई. की ख़त्म हो चुकी समय सीमा के आधार पर एक मजबूत अडंगा लगाया जा सकता है.  "

(He wrote many good points, but I disagree on above point )
If B. Ed Holders are eligible upto 1st Jan 2012 for recruitment in Primary Teachers, then How Rajasthan, Bihar etc. are going to recruit B. Ed holders for PRT.
Actually State Govt. have powers to provide relaxations and time limit is not a big issue.
Additionally, In UP B. Ed holders applied for PRT jobs in due time frame (i.e. before 1st Jan 2012) and they are eligible for recruitment as per NCTE Guidelines / Central Govt. RTE Act / State Govt. Order, So Candidates need not worried about relaxations.


Actually, Highcourt may suggested - BTC/VBTC candidates already takes training to become Primary Teacher, And therefore 6 months training with B. Ed candidates (Not VBTC) is not required for them.




In Haryana , A rule is made where TET qualification  is not compulsory for Guest Teachers.
(How it happened, And looks power of relaxation is applied here. But such matter can be challenged in Court)
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In UP previous advertisement matter is in court, And before that rule change / new advertisement for same jobs is NOT POSSIBLE.