UPTET : अब एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती होगी
एक लाख शिक्षकों की होगी भर्ती
72 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की तैयारी
•सभी शिक्षा मित्रों को अब एक साथ प्रशिक्षण
•अधिकारियों के रिक्त पदों पर भी होगी भर्ती
• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती करेगी। इसके बाद प्रत्येक वर्ष रिटायर होने वाले शिक्षकों की रिक्तियों के आधार पर भर्ती की जाएगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हता के स्थान पर पात्रता किया जाएगा।
नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले बसपा सरकार द्वारा 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू की गई प्रक्रिया निरस्त कर दी जाएगी। इसी तरह स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को 2015 तक प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम में संशोधित किया जाएगा, अब 2014 तक सभी शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह निर्देश बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में दिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में रिक्त अधिकारियों के पदों का ब्योरा तैयार किया जाए और इसकी भर्ती के लिए लोकसेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाए। स्कूल भवन निर्माण के कार्यों से शिक्षकों को अलग रखने का भी निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा निदेशालय में मंत्री ने दो चरणों में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पहले चरण में एडी बेसिक स्तर तक के तथा इसके बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों के साथ बैठक की। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच को तीन माह के अंदर पूरा किया जाए। स्कूलों में अच्छी पढ़ाई कराई जाए, शिक्षकों से भवन निर्माण का काम न लिया जाए। स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दी जानी है। मौजूदा समय 60 हजार को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, शेष बचे सभी शिक्षा मित्रों को जुलाई से प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कराई जाए।
उन्होंने स्कूल निर्माण की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए। बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इनको अपने आचरण में सुधार लाना चाहिए। इनकी लापरवाही से शिक्षकों पर नियंत्रण नहीं है। शिक्षकों को समय से स्कूल आना चाहिए और बच्चों को पढ़ाना चाहिए।
शिक्षकों के वेतन, पेंशन तथा जीपीएफ आदि की सूचनाएं कंप्यूटरीकृत की जाएं। स्कूलों के विद्युतीकरण का काम जहां पूरा नहीं हुआ है, वहां अभियान चलाकर इसे पूरा कराया जाए। सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से शौचालय की व्यवस्था कराई जाए। जहां अभी तक निर्माण नहीं हुआ है, वहां शौचालय बनवाए जाएं। प्राथमिक स्कूलों में साल में दो बार अभिभावकों को बुलाकर बच्चों के बारे में जानकारी दी जाए। मिड-डे-मील योजना में सुधार लाने के निर्देश दिए। डायट प्राचार्यों की बैठक में कहा कि ट्रेनिंग प्रशिक्षण और उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
Yesterday I was reading Mr. Shyam Dev Mishra ji' view in article regarding relaxation for B. Ed candidates after 1st Jan 2012 and TET Qualification -
" पर एक बात ध्यान जरुरी है कपिल जैसे अड़ंगेबाजों द्वारा को ध्यान में रखते हुए लग रहा है कि अब न्यायालय चाहे कोई भी फैसला दे, बी.एड. डिग्री-धारकों की प्राइमरी टीचरों के रूप में नियुक्ति तभी संभव है जब केंद्र सरकार राज्य सरकार के अनुरोध पर समयसीमा बढ़ा दे. हाईकोर्ट ने भी
बी.टी.सी.+टी.ई.टी. उत्तीर्ण आवेदकों पर पहले विचार करने यानि उनसे भर्ती पूरी करने की बात कही है तो उसका कारण एन.सी.टी.ई. द्वारा बी.एड. डिग्री-धारकों की प्राइमरी टीचर के तौर पे नियुक्ति के लिए दी गई समय सीमा, 01.01.2012 तक नियुक्ति न हो पाना हो सकता है. ऐसी स्थिति में भी
राज्य-सरकार सिर्फ बी.टी.सी.+टी.ई.टी. उत्तीर्ण आवेदकों के द्वारा भर्ती पूरी करने का कदम इसलिए नहीं उठा सकती क्यूंकि सबको पता है कि राज्य में शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में ऐसे बी.टी.सी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं ही नहीं जिन्होंने टी.ई.टी. उत्तीर्ण किया हो. पर एन.सी.टी.ई. की ख़त्म हो चुकी समय सीमा के आधार पर एक मजबूत अडंगा लगाया जा सकता है. "
(He wrote many good points, but I disagree on above point )
If B. Ed Holders are eligible upto 1st Jan 2012 for recruitment in Primary Teachers, then How Rajasthan, Bihar etc. are going to recruit B. Ed holders for PRT.
Actually State Govt. have powers to provide relaxations and time limit is not a big issue.
Additionally, In UP B. Ed holders applied for PRT jobs in due time frame (i.e. before 1st Jan 2012) and they are eligible for recruitment as per NCTE Guidelines / Central Govt. RTE Act / State Govt. Order, So Candidates need not worried about relaxations.
Actually, Highcourt may suggested - BTC/VBTC candidates already takes training to become Primary Teacher, And therefore 6 months training with B. Ed candidates (Not VBTC) is not required for them.
In Haryana , A rule is made where TET qualification is not compulsory for Guest Teachers.
(How it happened, And looks power of relaxation is applied here. But such matter can be challenged in Court)
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In UP previous advertisement matter is in court, And before that rule change / new advertisement for same jobs is NOT POSSIBLE.
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