युपी टीईटी अनिश्चितता के माहोल में अभ्यर्थी
(UPTET : Candidates in a state of confusion )
जिस प्रकार दिन पर दिन ढलते जा रहे हैं , अभ्यर्थीयों में निराशा बढती जा रही है |
अब वे अपने टी ई टी नेताओं को कोस रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया , जबकि कुछ अभ्यर्थीयों ने उनको चंदा / योगदान दिया |
में सोचती हूँ / मेने पहले भी बताया था -
संगठन में मजबूती तब आती है , जब उसका आधार मजबूत हो
सबसे पहले अभ्यर्थी सहमति द्वारा एक एजेंडा / कार्यक्रम ( क्या करना है , कैसे करना है ) बनाते , फिर उस एजेंडे पर सब के हस्ताक्षर लिये जाते (सहमति के लिये )
अध्यक्ष , सचिव , प्रतिनिधि ( जिलावार /प्रदेश स्तर ) , सदस्य के कार्य व रूरेखा बनाई जाती |
एक कोमन बैंक अकाउंट बनाया जाता और उसको जोइंटली ओपरेट किया जाता ३-४ अधिकृत ( संस्था के प्रतिनिधि द्वारा ३-४ प्रमुख व्यक्तिओं को जोइंटली ओपरेट करने के लिये )
संस्था के एजेंडे , एकाउंट, नए सदस्यों को जोड़ने हेतु लोगों को सूचित किया जाता |
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अब देखने में आ रहा है कि अभ्यर्थीयों के आरोप / प्रत्यारोप जारी हैं कि उनके संघर्ष मोर्चा नेताओं ने उनके लिये कुछ नहीं किया , चंदा / योगदान भी लिया
See Also : http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/04/uptet-candidates-contribution-and.html
(It might be possible that TET leaders did a good job as per there efforts,
Visited Lucknow, paying fee to advocate etc.
And I don't know, People behind of contribution to pay advocate fee.
TET candidates are upset and this issue can be arise due to uncertain future.
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