Saturday, January 25, 2014

4000 Female Candidates ki hogi bharti GGIC me चार हजार महिला शिक्षकों की होगी भर्ती -अगले महीने कैबिनेट की बैठकमें नियमावली के संशोधन का प्रस्ताव रखने की तैयारी

4000 Female Candidates ki hogi bharti GGIC me चार हजार महिला शिक्षकों की होगी भर्ती
-अगले महीने कैबिनेट की बैठकमें नियमावली के संशोधन का प्रस्ताव रखने की तैयारी


लखनऊ। प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक विालयों में प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम (एलटी ग्रेड) पुरुषसंवर्ग में भर्ती का रास्ता साफ होने के बाद अब तकरीबन चार हजार पदों पर महिला संवर्ग में भी भर्ती प्रक्रिया अगले महीने शुरू हो सकती है। इसके लिए उप्र प्रशिक्षित स्नातक सेवा नियमावली-1983 (यथा संशोधित) में संशोधन किया जाना है। जिसका प्रस्ताव फरवरी में होने वाली कैबिनेट की बैठकमें रखने की तैयारी है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद विज्ञापन निकाला जाएगा।
सूबे में इस समय 1579राजकीय माध्यमिक विालय संचालित हैं। इनमें 558कॉलेज पुराने हैं। जबकि राजकीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत1021विालय नए खोले गए थे। लेकिन भर्ती न होने की वजह से इनमें शिक्षकों की कमी नहीं दूर हो सकी। विभागीय जानकारों के अनुसार वर्ष 2011में एलटी ग्रेड महिला वर्ग में तकरीबन साढ़े तीन हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। वर्तमान में राजकीय कॉलेजों में महिला वर्ग में 3964पद खाली हैं। इनपदों पर भर्ती का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेजा था। लेकिन इस दौरान उप्र प्रशिक्षित स्नातक सेवा नियमावली-1983 (यथा संशोधित) में पोस्ट ग्रेजुएट अंकों को लेकर विवाद उठगया। हालांकि बाद में शासन ने एलटी ग्रेड की नईभर्ती प्रक्रिया में पीजी वेटेज खत्म करने पर अपनी सहमति देदी।
आचार संहिता को लेकर सक्रिय हुएअधिकारी : एलटी ग्रेड में महिला संवर्ग की भर्ती का प्रस्ताव वैसे तो वर्ष 2013में ही शासन को भेजा गया था। लेकिन अब लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फरवरी में आचार संहिता लगने की उम्मीद है। इसलिए अधिकारी चाहते हैं कि उससे पहले ही नियमावली में संशोधन कर दिया जाए ताकि विज्ञापन निकाल कर प्रक्रिया शुरू हो सके। विभाग के एकअधिकारी ने बताया कि कोशिश है कि फरवरी में होने वाली कैबिनेट की बैठकमें नियमावली संशोधन का प्रस्ताव पास हो जाए।
दूर करनी होगी विषयों में शैक्षिक योग्यता की विसंगतियां : जानकारों के अनुसार एलटी ग्रेड महिला संवर्ग में नियमावली संशोधन के साथ-साथ कई विषयों की शैक्षिक योग्यता में भी विसंगतियां हैं। इसमेंगणित, विज्ञान, कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा एवं हिन्दी विषय शामिल हैं। यदि इनविसंगतियों को दूर नहीं किया गया तो अभ्यर्थी न्यायालय की शरण में जा सकते हैं


2 comments:

  1. Hai n
    Chunav ladane k liye paisa to chahiye n bhai is liye hi to aachar sanghita lagne se pahale vigyapan ki soch rahi hai sarkar vah re harmkhoro.looto bevaso ko hi looto

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