72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाका मामला
प्रसव समय नजदीक, फिर भी पहुंची काउंसलिंग में
कर्मचारियों ने भी महिला की स्थिति को देखते हुए कार में ही काउंसिलिंग की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं। काउंसिलिंग कराने के लिए अन्य कई महिलाएं गर्भावस्था में डायट में पहुंचीं, उनकी भी डायट कर्मियों ने काफी मदद की।
अमर उजाला ब्यूरो
शाहजहांपुर। प्रदेश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में हाथ आएरोजगार के अवसर को भला कौन छोड़ना चाहेगा। शुक्रवार को डायट में ऐसा ही एक नजारा उस समय देखने को मिला, जब एक अभ्यर्थी गर्भावस्था में काउंसिलिंग के लिए उपस्थित हुई। चूंकि उसका प्रसव का समय संभवत: पूरा हो चुका था। इसलिए वह कष्ट में भी थी।
फिर भी उसने हिम्मत जुटाते हुए अपनी और बच्चे की परवाह किए बिना अपने पति के साथ कार से काउंसिलिंग कराने पहुंची। कर्मचारियों ने भी महिला की स्थिति को देखते हुए कार में ही काउंसिलिंग की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं। काउंसिलिंग कराने के लिए अन्य कई महिलाएं गर्भावस्था में डायट में पहुंचीं, उनकी भी डायट कर्मियों ने काफी मदद की।
72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की तीसरी काउंसिलिंग के तीसरे दिन शुक्रवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कला वर्ग की अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई।
काउंसिलिंग कराने के लिए अनुसूचित जाति के 1308 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जबकि वहां पर एक भी पद खाली नहीं था।
बावजूद इसके 20 अभ्यर्थियों ने अपनी काउंसिलिंग कराई। अनुसूचित जन जाति के 11 पदों के सापेक्ष 11 अभ्यर्थियों को बुलाया गया, लेकिन एक भी नहीं पहुंचा।
अन्य पिछड़ा वर्ग के 20 पदों के सापेक्ष 1588 अभ्यर्थियों को बुलाया गया, जिसमें 148 लोगों ने काउंसिलिंग कराई। तीन वर्गों की काउंसिलिंग कराने के लिए मेन गेट सहित 10 काउंटर लगाए गए।आनन-फानन में कार के अंदर पूरी कराई गई काउंसिलिंग प्रक्रियाओबीसी और एससी के 168 अभ्यर्थी ll
प्रसव समय नजदीक, फिर भी पहुंची काउंसलिंग में
कर्मचारियों ने भी महिला की स्थिति को देखते हुए कार में ही काउंसिलिंग की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं। काउंसिलिंग कराने के लिए अन्य कई महिलाएं गर्भावस्था में डायट में पहुंचीं, उनकी भी डायट कर्मियों ने काफी मदद की।
अमर उजाला ब्यूरो
शाहजहांपुर। प्रदेश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में हाथ आएरोजगार के अवसर को भला कौन छोड़ना चाहेगा। शुक्रवार को डायट में ऐसा ही एक नजारा उस समय देखने को मिला, जब एक अभ्यर्थी गर्भावस्था में काउंसिलिंग के लिए उपस्थित हुई। चूंकि उसका प्रसव का समय संभवत: पूरा हो चुका था। इसलिए वह कष्ट में भी थी।
फिर भी उसने हिम्मत जुटाते हुए अपनी और बच्चे की परवाह किए बिना अपने पति के साथ कार से काउंसिलिंग कराने पहुंची। कर्मचारियों ने भी महिला की स्थिति को देखते हुए कार में ही काउंसिलिंग की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं। काउंसिलिंग कराने के लिए अन्य कई महिलाएं गर्भावस्था में डायट में पहुंचीं, उनकी भी डायट कर्मियों ने काफी मदद की।
72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की तीसरी काउंसिलिंग के तीसरे दिन शुक्रवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कला वर्ग की अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई।
काउंसिलिंग कराने के लिए अनुसूचित जाति के 1308 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जबकि वहां पर एक भी पद खाली नहीं था।
बावजूद इसके 20 अभ्यर्थियों ने अपनी काउंसिलिंग कराई। अनुसूचित जन जाति के 11 पदों के सापेक्ष 11 अभ्यर्थियों को बुलाया गया, लेकिन एक भी नहीं पहुंचा।
अन्य पिछड़ा वर्ग के 20 पदों के सापेक्ष 1588 अभ्यर्थियों को बुलाया गया, जिसमें 148 लोगों ने काउंसिलिंग कराई। तीन वर्गों की काउंसिलिंग कराने के लिए मेन गेट सहित 10 काउंटर लगाए गए।आनन-फानन में कार के अंदर पूरी कराई गई काउंसिलिंग प्रक्रियाओबीसी और एससी के 168 अभ्यर्थी ll
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