Sunday, June 22, 2014

UTTAR PRADESH PASHUDHAN ADHIKARI RECRUITMENT RESULT 2014

उत्तर प्रदेश पशुधन प्रसार अधिकारी परीक्षा परिणाम 2014

UTTAR PRADESH PASHUDHAN ADHIKARI RECRUITMENT RESULT 2014 

  • आप आधिकारिक साइट www.dahup.in यात्रा की आवश्यकता
  • अब उत्तर प्रदेश पशुधन प्रसार अधिकारी पर क्लिक 2,014 कड़ी परिणाम
  • अब रोल नंबर की तरह सभी डेटा दर्ज और जन्म तिथि तो इसे प्रस्तुत
  • परिणाम, स्क्रीन पर दिखाई देते हैं अब कंप्यूटर पर इसे बचाने और भविष्य के उपयोग के लिए पेज का प्रिंट आउट ले जाएगा.
अधिक विस्तार के लिए आधिकारिक साइट www पर जाएँ. उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग और इसकी भर्ती पर अधिक ज्ञान हासिल करने के लिए dahup.in.
पशुपालन विभाग के कृषि मंत्रालय में विभागों में से एक है और एक अलग विभाग में दो कृषि और सहकारिता अर्थात् पशुपालन विभाग के डिवीजनों और डेयरी विकास परिवर्तित करके 1 फ़रवरी 1991, में अस्तित्व में आया.
पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुल कृषि क्षेत्र के बारे में 25% की धुन पर राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में काफी हद तक योगदान का एक अभिन्न अंग है. राज्य भारत में दूध उत्पादन में सबसे ऊपर है. कुल पशुधन जनसंख्या का क्रमश: 24% और Buffaloe और मवेशियों की आबादी का 15% के लिए खातों.
प्रशिक्षण सुविधाएं
एक माह पोल्ट्री प्रशिक्षण Chakganjaria, लखनऊ
दस दिन पोल्ट्री प्रशिक्षण Chakganjaria, लखनऊ
दस दिनों सूअर प्रशिक्षण CDF अलीगढ़
2 महीने 3 महीने वीर्यसेचक प्रशिक्षण / निजी प्रशिक्षण.
पशुपालन का उद्देश्य
मवेशी और भैंस विकास
पशु स्वास्थ्य की देखभाल और पशु चिकित्सा सेवा
कुक्कुट - विकास
भेड़ और बकरी विकास
सुअर विकास
चारा, चारा और चारा विकास
हम पशुपालन-उत्तर प्रदेश के विभाग पशुधन विस्तार अधिकारी (पशुधन प्रसार अधिकारी) के 1198 पदों को भरने के लिए 2 फरवरी 2014 को एक लिखित परीक्षा का आयोजन करेगा रूप में जानते हैं.
उत्तर प्रदेश पशुधन प्रसार अधिकारी परीक्षा पैटर्न कागज योजना 2014 NND
पशुपालन का यूपी विभाग लिखित परीक्षा वस्तुनिष्ठ बहु विकल्प प्रश्नों पर आधारित होगी सरकारी नोटिस में वर्णित किया गया है, प्रश्न - पत्र अनुशासन से संबंधित विभिन्न विषयों से 100 प्रश्न शामिल होंगे. परीक्षा की अवधि के लिए नीचे दिए गए साझा परीक्षा योजना और विषय के माध्यम से जाने के 90 मिनट है बुद्धिमान पाठ्यक्रम-
  • परीक्षा नाम: यूपी पशुधन अधिकारी परीक्षा
  • प्रश्न पत्र के प्रकार: MCQ आधार
  • परीक्षा हिन्दी / अंग्रेजी की भाषा
  • सवालों की संख्या: 100
  • परीक्षा के कुल अंक: 100
  • समय आबंटित: 1 घंटा और 30 मिनट
  • परीक्षा की तिथि: 2014/02/02
उत्तर प्रदेश पशुधन प्रसार अधिकारी रिजल्ट 2014 dahup.in पर जाँच की जा सकती. पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती परीक्षा में दिखे थे सभी उम्मीदवारों, परिणाम पर नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए अपनी आधिकारिक साइट पर अपनी आँखें रखने के लिए धन्यवाद.
सरकारी सूत्र के अनुसार: उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग जल्द ही dahup.in पर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती का परिणाम अपलोड करेंगे. परिणामों को पशुपालन विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर प्रकाशित किया जाएगा एक बार उम्मीदवारों अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड करने में सक्षम हो जाएगा.
पहले के दिनों में, 1198 रिक्त पदों की अधिसूचना पशुधन प्रसार अधिकारी के पद के लिए पशुपालन विभाग द्वारा घोषणा की गई थी. इसकी आधिकारिक साइट पर उसी के लिए लागू उम्मीदवारों के बहुत सारे. बाद में वे अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एडमिट कार्ड प्रकाशित और परीक्षा. अब सभी को बेसब्री से जल्द ही डाउनलोड किया जा सकता है जो परिणाम के लिए इंतजार कर रहे हैं 2 फ़रवरी 2014 को आयोजित किया गया. आपकी जानकारी के लिए, पशुपालन विभाग पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इसका मुख्य समारोह खेत में या लाभ के लिए मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं जो उन जानवरों की देखभाल करने के लिए.
आप ऑनलाइन परिणाम की जाँच के समय किसी भी समस्या हो तो, एक ही प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें. आप नीचे दिए गए चरणों केवल यह आधिकारिक तौर पर प्रकाशित किया जाएगा अनुसरण कर सकते हैं.



******************


पशुधन अधिकारी के लिए साक्षात्कार 25 से

 PASUDHAN PRASHAR ADHIKARI Interview / Call Letter :

Join Pashudhan Prasar Adhikari Facebook Group : https://www.facebook.com/groups/PASUDHAN.PRASHAR.ADHIKARI/ 
 (Helpful for Interview and Information Purpose )


गोरखपुर। पशुधन प्रसार अधिकारियों की नियुक्ति के पूर्व दो वर्षीय प्रशिक्षण के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 25 जून से 1 जुलाई तक प्रत्येक दिन सुबह आठ बजे से राजकीय पशुचिकित्सालय अलहदादपुर में होगा। सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजा गया है। यह जानकारी पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ. केपी सिंह ने दी

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (19.6.2014)

*****************

 Interview Call Letter for PASUDHAN PRASHAR ADHIKARI

ANIMAL HUSBANDRY DEPARTMENT
Result Declared for the Interview (PASUDHAN PRASHAR ADHIKARI)


 पशुधन प्रसार अधिकारी पद हेतु नियुक्ति से पूर्व दो वर्षीय प्रशिक्षण के लिये चयन :

शासनादेश सं0- 2913/37-1-2013-2(6)/2013, दिनांक 27 अगस्त, 2013 के क्रम में पशुधन प्रसार अधिकारियों के रिक्त 1198 पदों पर नियुक्ति :
पशुधन प्रसार अधिकारी पद का वेतनमान - रू0 5200-20200-ग्रेड पे रू0 2800


पशु पालन अधिकारी का रिज़ल्ट घोषित हो चुका है
और इंटरव्यू के काल लेटर अभ्यर्थीयों को भेज दिए / भेजे जा  रहे हैं


See Result Here :  http://indianexamresults.co.in/ViewSelStu2014.aspx
***************

पशु पालन भर्ती के इंटरव्यू में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थी फेस बुक पर इस ग्रुप को ज्वाइन कर सकते हैं : https://www.facebook.com/groups/PASUDHAN.PRASHAR.ADHIKARI/

Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/search/label/PASUDHAN%20PRASHAR%20ADHIKARI#ixzz35O2e3i3H
**************************

प्रमुख गतिविधियों पर वापस

पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुल कृषि क्षेत्र के बारे में 25% की धुन पर राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में काफी हद तक योगदान का एक अभिन्न अंग है. में दूध उत्पादन में राज्य में सबसे ऊपर भारत . कुल पशुधन जनसंख्या का क्रमश: 24% और Buffaloe और मवेशियों की आबादी का 15% के लिए खातों.

उद्देश्य -

   

, रोगनिरोधी नैदानिक ​​और उपचारात्मक सेवा के माध्यम से स्वास्थ्य कवर और रोगों की रोकथाम की व्यवस्था करना.

   

सुधार प्रजनन प्रथाओं के माध्यम से पशुओं की उत्पादन क्षमता में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार लाने के लिए.

   

ग्रामीण लोगों के लिए स्थायी आय सुनिश्चित करने के क्रम में, स्व रोजगार के अवसर और पूरक व्यवसाय प्रदान करने के लिए.

   

लोगों की व्यावसायिक विविधीकरण को बढ़ावा देना.

   

बायोमास उत्पादन और silvipasutre विकास के माध्यम से चारा और चारा संसाधनों में सुधार करना.

मवेशी और भैंस विकास

विभाग ओपन न्यूक्लियस प्रजनन प्रणाली और क्षेत्र दूध रिकॉर्डिंग प्रणाली की स्थापना के माध्यम से प्रजनन सेवाओं, स्वदेशी नस्लों के संरक्षण के सुधार के लिए उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना के माध्यम से विश्व बैंक द्वारा समर्थित किया जा रहा है. 23.6% की वर्तमान प्रजनन कवरेज ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक 40% तक बढ़ाया जाना लक्षित है. अधिक जानकारी के लिए, संयुक्त निदेशक, आईसीडीपी, मुख्यालय लखनऊ निदेशालय से संपर्क करें.

पशु स्वास्थ्य की देखभाल और पशु चिकित्सा सेवा

वर्तमान में 11 वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक 15000 पशुओं के लिए विस्तार करने का लक्ष्य रखा है, जो हर 21000 पशुधन आबादी के लिए एक पशु चिकित्सा अस्पताल है. एक केंद्रीय रोग निदान प्रयोगशाला है. निदेशालय में रोग निदान सुविधाओं और राज्य में रोगों की रोकथाम के लिए 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के पास रेफरल प्रयोगशाला के रूप में fuctions है. गुणवत्ता उपचार सेवाओं राज्य में पशु चिकित्सा अस्पतालों की nember द्वारा beingprovided रहे हैं.

राज्य जैविक उत्पाद संस्थान राज्य में रोगों के प्रभावी नियंत्रण के लिए टीके के 12 विभिन्न प्रकार (5 बैक्टीरियल और 7 वायरल) का उत्पादन होता है. आधुनिक तकनीक अर्थात्. (FERMENTOR, डीप फ्रीज सुखाने की मशीन) के टीके का नियमित उत्पादन में अपनाया जा रहा है और मौजूदा प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. इस के अलावा पशुपालन विभाग के अन्य स्रोतों से टीकों के विभिन्न प्रकार (एफएमडी, IBD, एच एस, रेबीज, एमडी) के करीब दस लाख खुराकों की खरीद कर रहा है. हालांकि हम पशुधन जनसंख्या के बारे में केवल 30% को कवर करने में सक्षम हैं. इसलिए, टीका उत्पादन एवं पशुधन जनसंख्या के पूरे कवर करने के लिए खरीद के लिए पर्याप्त गुंजाइश है. अधिक जानकारी के लिए संयुक्त निदेशक (रोग नियंत्रण), एएच लखनऊ के निदेशक से संपर्क करें.

ऑपरेशन जीरो पशुमहामारी

गहन प्रतिरक्षण, निगरानी और निगरानी यानी विभाग की गतिविधियों के माध्यम से, उत्तर प्रदेश पशुमहामारी रोग शुल्क राज्य का दर्जा प्राप्त है. इसके अलावा व्यापक निगरानी और नैदानिक ​​खोज कार्यक्रम के साथ राज्य पशुमहामारी संक्रमण मुक्त स्थिति की ओर बढ़ रहा है. च urther जानकारी के लिए संयुक्त निदेशक (रोग नियंत्रण), एएच लखनऊ के निदेशक से संपर्क करें.

कुक्कुट - विकास

उत्तर प्रदेश देश में अंडे का 9 वां सबसे बड़ा उत्पादक है और 20% की देर वृद्धि दर के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम है. एक मील का पत्थर उपलब्धि पोल्ट्री उत्पादन को उद्योग का दर्जा देने के लिए देश का पहला राज्य बन गया है. अधिक जानकारी के लिए संयुक्त निदेशक, कुक्कुट, मुख्यालय लखनऊ निदेशालय से संपर्क करें.

भेड़ और बकरी विकास

बकरी मांस के लिए मुख्य रूप से कर रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में भेड़ पारंपरिक रूप से ऊन और मांस के लिए पाला जाता है. यूपी Jamunapari और Barbari तरह स्वदेशी बकरी नस्लों का एक अनूठा संसाधन है बड़े शरीर के आकार, दोहरे उद्देश्य गुणवत्ता, साहस और किसी न किसी गांव हालत के लिए आदर्श में Jamunapari उत्कृष्टता, Barbari छोटे आकार, स्टाल खिलाया और मांस की अच्छी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है.

भेड़ नस्लों अर्थात्. Ramboullet और मैरिनो ठीक परिधान ऊन के उत्पादन के लिए स्थानीय नस्लों में सुधार करने के उद्देश्य के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में रखा जाता है. Nali नस्ल कालीन निर्माण के लिए मोटे ऊन का उत्पादन बढ़ाने के लिए स्थानीय नस्ल के सुधार के लिए पूर्वी क्षेत्र में रखा जा रहा है. अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, लघु पशु, मुख्यालय लखनऊ निदेशालय से संपर्क करें.

सुअर विकास

क्रॉस प्रजनन कार्यक्रम स्थानीय शेयर में सुधार के लिए मध्य व्हाइट यॉर्कशायर सुअरों का उपयोग कर लिया गया है. जन जागरूकता अभियान और व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रमुख प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है और समाज के शिक्षित वर्ग द्वारा स्थापित सुअर पालन फार्मों में एक जबरदस्त वृद्धि हुई है. विभाग CDF अलीगढ़ में एक सुअर पालन विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है. 10 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम नि: शुल्क विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस प्रशिक्षण केंद्र में 14 वें हर महीने 4 वें से प्रशिक्षण कार्यक्रम का पालन किया जा रहा है. आवेदन फार्म और इस कोर्स में प्रवेश के (हाई स्कूल न्यूनतम योग्यता है) के लिए. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर केवल 30 सीटें हैं. अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, लघु पशु, मुख्यालय लखनऊ निदेशालय से संपर्क करें. इस संस्था नि: शुल्क छात्रावास सुविधा में भी उपलब्ध है.

चारा, चारा और चारा विकास

विभिन्न योजना अवधि के दौरान, ठोस प्रयास चारा प्रदर्शन और चारा बीज minikits.For पशुपालन, लखनऊ निदेशालय में विकास अधिकारी चारा आगे जानकारी के लिए संपर्क के वितरण में सब्सिडी की तरह किसानों को विभिन्न प्रोत्साहन देकर पौष्टिक चारा फसलें लोकप्रिय बनाने के लिए बनाया गया है.

राज्य महामारी विज्ञान यूनिट

रोग की निगरानी और निगरानी के लिए शीर्ष पर विभाजन एस ई यू में रोग निगरानी की व्यापक नेटवर्क है. महामारी विज्ञान इकाई रोग स्थानिक क्षेत्रों, पशुओं के रोगों और इसकी रोकथाम के प्रकोप के नियंत्रण निर्धारित करता है. इसके साथ ही यह भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व के जूनोटिक रोगों की रोकथाम में मदद करता है. किसी भी बाहर क्षेत्र स्तर चीफ vety में पशु अस्पताल को तोड़ने के लिए. जिला स्तर पर अधिकारी, एस ई यू, सीटीओ (EPD) एवं संयुक्त निदेशक (डीसी) निदेशालय स्तर पर संपर्क किया जा सकता है. फोन 329792

स्व रोजगार योजनाएं

अम्बेडकर Vishesh रोजगार योजना के तहत विभाग स्वरोजगार और निरंतर आय सृजन के लिए दुधारू (गाय, चमड़ा) पशु, भेड़, बकरी, सुअर, और पोल्ट्री इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है यह ग्रामीण बेरोजगार युवकों के अलावा एअर इंडिया में 2071 ग्रामीण बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित किया गया. परियोजना समन्वयक Avry, एएच निदेशालय विस्तार से जानकारी के लिए संपर्क किया जा सकता है.

SJRY (स्वर्ण जयंती रोजगार योजना)

एसजीएसवाई का उद्देश्य बैंक ऋण और सरकारी सब्सिडी का मिश्रण के माध्यम से उन्हें आय सृजन संपत्ति प्रदान करके तीन साल में गरीबी रेखा से ऊपर सहायता प्रदान की गरीब परिवारों (Swarozgaris) लाने के लिए किया जाएगा. यह परिवार में कम से कम रुपये की मासिक शुद्ध आय सुनिश्चित करना है कि इसका मतलब यह होगा. धन की उपलब्धता के लिए 2000. विषय, प्रयास अगले पांच वर्षों के दौरान प्रत्येक ब्लॉक में गरीब परिवारों के 30% को कवर करने के लिए किया जाएगा.

गुणवत्ता कल्पनाशीलता गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को लाने के लिए इस्तेमाल किया जाना है जो एसजीएसवाई की बानगी, हो जाएगा.

यूपी विविध कृषि सहायता परियोजना

UDDASP विश्व बैंक द्वारा एक स्वायत्त परियोजना है. उत्तर प्रदेश में पशुपालन क्षेत्र के तहत यह वित्तीय एवं तकनीकी सहायता से मुख्यालय की विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करता है.

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास बोर्ड

UPLDB 1999 में पशुधन प्रजनन और विकास के तेजी से विकास के लिए तस्वीर में आता है. यह बोर्ड केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता के तहत AHD की एक स्वायत्त लेकिन सहायक शाखा है. मवेशी और भैंस प्रजनन की राष्ट्रीय परियोजना के लिए. बोर्ड आदि वीर्य पुआल, LN2 और श्रम शक्ति का उत्पादन और आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को बनाए रखते है

विपणन विकास -

उत्पादों अर्थात द्वारा पशुओं और मवेशियों की दर के बारे में कई कार्य कर रहे हैं. उत्पाद, मांस और उसके उत्पाद के द्वारा, पशु बीज, पशुओं को खिलाने से दूध और दूध से चयनित शहरों की दरों के बारे में औसत मासिक त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट एकत्रित, संकलित और प्रकाशित करने के लिए, हरा चारा आदि भी विभिन्न श्रेणियों के रहते पशुधन. सहकारी socities की उपविधियों को बनाए रखने और सुअर, भेड़, कुक्कुट पालन, पशु और उनके द्वारा उत्पादों के लिए सहकारी समितियों के लिए फार्म वांछनीय व्यक्तियों की मदद करने के लिए. किसी भी अन्य विस्तार के लिए पशुपालन, लखनऊ निदेशालय के विपणन अनुभाग में पशुधन विपणन अधिकारी से संपर्क करें.

Goshala -

यूपी Goshala अधिनियम 1964 के तहत अब तक 333 Goshalas पंजीकृत किया गया है. ये Goshalas पुरानी, ​​कमजोर, अनुत्पादक गायों और अपनी संतान को बनाए रखने के लिए सार्वजनिक ट्रस्टों द्वारा स्थापित किया गया है. राष्ट्रीय बुल उत्पादन कार्यक्रम के तहत इन Goshalas अच्छी गुणवत्ता वाले स्वदेशी बैल और स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और संरक्षण के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया गया है. केंद्रीय सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी पशु विकास के लिए इन Goshals सहायता कर रही है. रजिस्ट्रार, यूपी Goshala सह Goshala विकास अधिकारी, पशुपालन, लखनऊ निदेशालय को विस्तार के लिए संपर्क करें.

Goseva आयोग

Goseva Avog Goshala आदि गाय या अपनी संतान वध और पशुओं के अवैध परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध को बढ़ावा देने के लिए गाय की नस्ल के संरक्षण के साथ ही के लिए उत्तर प्रदेश में स्थापित किया गया है. विस्तार अध्यक्ष, Goseva आयोग, 1203 मंत्री आवास, Dalibagh, लखनऊ से संपर्क किया जा सकता है.

प्रशिक्षण सुविधाएं
गोली   

एक माह पोल्ट्री प्रशिक्षण Chakganjaria, लखनऊ
गोली   

दस दिन पोल्ट्री प्रशिक्षण Chakganjaria, लखनऊ
गोली   

दस दिनों सूअर प्रशिक्षण CDF अलीगढ़
गोली   

2 महीने 3 महीने वीर्यसेचक प्रशिक्षण / निजी प्रशिक्षण.

पोल्ट्री प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रम अब दो भागों में वर्गीकृत किया जाना प्रस्तावित है:

    विभागीय कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण.
    पोल्ट्री किसानों के लिए प्रशिक्षण.

    Chakganjaria, लखनऊ में पशुधन विस्तार अधिकारी और निजी पोल्ट्री ब्रीडर्स के लिए मुर्गियों के प्रशिक्षण के एक माह के सर्टिफिकेट कोर्स है.
        कोई फीस pultry प्रशिक्षण के लिए चार्ज करते हैं.
        हॉस्टल सुविधाओं के लिए स्वतंत्र हैं.
        एक महीने के पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद. पशुपालन मुद्दा प्रमाण पत्र के निदेशक.
        पंजीकरण फार्म भरने के लिए:

        आवश्यकता है - एक. हाई स्कूल प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी.
        बी. पासपोर्ट आकार का फोटो.
        एक बैच के लिए 20 सीटें.
        एक वर्ष में 10 बैचों.

IPDP में 10 दिनों पोल्ट्री प्रशिक्षण कार्यक्रम पोल्ट्री ब्रीडर्स के लिए (गहन कुक्कुट विकास कार्यक्रम) जिला.

Stry तहत - पोल्ट्री ब्रीडर्स के लिए 10 दिनों के पोल्ट्री प्रशिक्षण कार्यक्रम.

भोजन और चारा

एक. Vety से Minikit चारा बीज वितरण. आतिथ्य उद्योग.
बी. Vety से बायोमास एवं silvipasture विकास. आतिथ्य उद्योग.
सी. Vety से यूरिया Mollasses उपचार. आतिथ्य उद्योग.

नाममात्र / लेवी पर अन्य सुविधाओं
गोली    स्वास्थ्य देखभाल और उपचार.
गोली    बड़े और छोटे पशु शल्य चिकित्सा एवं रेडियोग्राफी.
गोली    कृत्रिम गर्भाधान.
गोली    रोगनिरोधी टीकाकरण.
गोली    प्रजनन विकार के उपचार.
गोली    बधिया.
गोली    मास कीड़ा नियंत्रण के लिए drenching.
गोली    गाय और चमड़ा. बैल, राम, बक, दूरदराज के क्षेत्रों में पशुओं के लिए सूअर आदि प्राकृतिक सेवा.

प्रोत्साहन
गोली    पशुधन एवं उच्च गुणवत्ता वाले नस्लों के लिए दिखाया पोल्ट्री में अभिजात वर्ग प्रजनकों को नकद पुरस्कार.
गोली    अनुदान सहायता चयनित Goshalas लिए.
गोली    स्वदेशी पुरुष बछड़ों के पालन.
गोली    भेड़ और पोल्ट्री कॉप के लिए सहायता. समाज.
गोली    बुंदेलखंड व पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक प्रजनन केन्द्रों.
 ********************
  Major Activities                            Back
Animal Husbandry is an integral component of rural economy contributing substantially to the National G.D.P. to the tune of about 25% of the total agriculture sector. The state tops in the milk production in India . Of the total livestock population U.P. accounts for 24% and 15% of the buffaloe and cattle population respectively.
OBJECTIVE –
To provide health cover and containment of diseases through prophylactic, diagnostic and curative service.
To bring about qualitative and quantitative improvement in production potential of livestock through improved breeding practices.
To provide self employment opportunities and subsidiary occupation, in order to ensure sustainable income to rural people.
To encourage occupational diversification of people.
To improve feed and fodder resources through biomass production and silvipasutre development.
Cattle and Buffalo Development
Department is being supported by World Bank through U.P. Diversified Agricultural Support Project for the improvement of Breeding services, conservation of indigenous breeds through establishment of Open Nucleus Breeding System and field milk recording system. The present breeding coverage of 23.6% is targeted to be increased to 40% by the end of IX Five Year Plan. For further information, contact Joint Director, I.C.D.P., Directorate of A.H. Lucknow.
Animal Health Care and Veterinary Services
Presently there is one veterinary hospital for every 21000 livestock population which is targeted to be expanded for 15000 livestock by the end of 11th Five year Plan. There is one central disease diagnostic lab. at Directorate which fuctions as referral lab beside 10 regional labs for disease diagnostic facilities and containment of diseases in the state. Quality treatment services are beingprovided by  nember of veterinary hospitals in the state.
State biological Product Institute is Producing 12 different types (5 Bacterial & 7 Viral) of vaccines for the effective control of diseases in the state. The modern techniques viz. ( Fermentor,Deep Freeze drier) are being adopted in the routine production of the vaccine  and existing labs are being modernized. In addition to this the department of Animal Husbandry is procuring nearly ten million doses of different types of vaccines (FMD, IBD, HS, Rabies, M.D.) from other sources. However we are able to cover only about 30% of the livestock population. Therefore, there is a substantial scope for vaccine production & procurement to cover whole of the livestock population. For further information contact Joint Director (Disease Control), Director of A.H. Lucknow .
Operation Zero Rinderpest
Through the activities of the department i.e. intensive immunization, monitoring and surveillance, Uttar Pradesh has achieved the status of Rinderpest disease fee state. Further with extensive surveillance and clinical search program the state is heading towards Rinderpest infection free status. For f urther information contact Joint Director (Disease Control), Director of A.H. Lucknow.
Poultry Development
Uttar Pradesh is 9th largest producer of eggs in the country and has been able to achieve of late a growth rate of 20%. As a milestone achievement U.P. has become first state of country to give the status of industry to poultry production. For further information contact Joint Director, Poultry, Directorate of A.H. Lucknow.
Sheep and Goat Development
Sheep in U.P. are traditionally reared for wool and meat while goats are primarily for meat. U.P. has a unique resource of indigenous goat breeds like Jamunapari and Barbari while Jamunapari excell in large body size, dual purpose quality, hardiness and ideal for rough village condition, Barbari is known for small size, Stall fed and good quality of meat.
The sheep breeds viz. Ramboullet and Marino are maintained in hilly areas with the objectives to improve  local breeds for the production of fine apparel wool. Nali breed is being maintained in the eastern region for the improvement of local breed to enhance the production of coarse wool for carpet manufacturing. For further information contact Deputy Director, Small Animal, Directorate of A.H. Lucknow.
Pig Development
The cross breeding programmes has been taken up by using Middle White Yorkshire boars to improve the local stock. Mass awareness campaign and extensive training programmes has received major fillip during last five years and there has been a tremendous rise in piggery farms established by educated class of the society. The department has established one piggery development training center at C.D.F. Aligarh.  10 days training programme is being conducted by department free of cost. At this training center the training schedule from 4th to 14th every month is being followed. For application form and admission(High school is minimum qualification) to this course . There are only 30 seats on first come first serve basis. For further information contact Deputy Director, Small Animal, Directorate of A.H. Lucknow. In this institution free hostel facility is also available.
Feed, Fodder and Forage Development
During different plan periods, concerted efforts have been made to popularize nutritious fodder crops by giving various incentives to the farmers like subsidy in fodder demonstration & distribution of fodder seed minikits.For further information contact   Fodder Development Officer at Directorate of Animal Husbandry,Lucknow .
State Epidemiological Unit
For surveillance & monitoring of disease there is extensive network of disease surveillance at division SEU at the apex. The epidemiological unit determines the disease endemic areas, control of outbreaks of animal diseases and its containment. Simultaneously it also helps in containment of zoonotic diseases of public health importance. For any out break the veterinary hospital at field level Chief Vety. Officer at district level, SEU, C.T.O. (EPD) & Joint Director (DC) can be contacted at Directorate level. Phone 329792
Self Employment Schemes
Under Ambedkar Vishesh Rojgar Yojna the department has trained 2071 rural unemployed youths in A.I. Besides this rural unemployed youths are being encouraged to establish milch (Cow, Buff) animals, sheep, goat, pig, and poultry units for self employment and sustained income generation. Project Coordinator AVRY, Directorate of A.H. can be contacted for detail information.
SJRY (Swarn Jayanti Rojgar Yojna)
The objective of SGSY will be to bring the assisted poor families (Swarozgaris) above the poverty line in three years, by providing them income-generating assets through a mix of bank credit and government subsidy. It would mean ensuring that the family has a monthly net income of at least Rs. 2000. Subject to availability of funds, the effort will be to cover 30% of the poor families in each block during the next five years.
Quality will be the hallmark of SGSY, which has to be imaginatively used to bring people above the poverty line.
U.P. Diversified Agricultural Support Project
U.D.D.A.S.P. is a autonomous project by World Bank. In U.P. under Animal Husbandry sector it supports various activities of A.H. by financial & technical help.
U.P. Livestock Development Board
UPLDB comes in picture for rapid growth of livestock breeding and development in 1999. This board is an autonomous but subsidiary wing of A.H.D. under the financial assistance from central govt. for National Project of Cattle & Buffalo Breeding. The board is maintaining the infrastructure of production & supply of semen straw, LN2 and man power etc.
Marketing Development
There are several functions regarding the rate of livestock and livestock by products viz. to collect, compile and publish the average monthly , quarterly and annual reports regarding the rates of selected cities of milk and milk by products, meat and its by product, cattle seeds, cattle feed, green fodder etc. live livestock of various categories too. To maintain the byelaws of cooperative socities and help the desirable persons to form cooperative societies for pig, sheep, poultry and cattle and their by-products. For any other detail contact Livestock Marketing Officer in the marketing section of Directorate of Animal Husbandry, Lucknow.
Goshala-
Under the U.P. Goshala Act 1964 till now 333 Goshalas has been registered. These Goshalas have been established by the public trusts for maintaining old, infirm, unproductive cows and its progeny. Under National Bull Production Programme these Goshalas has been used to produce good quality indigenous bulls and preservation & conservation of indigenous breeds. The central government as well as state government is also assisting these Goshals for cattle development. For detail contact to Registrar, U.P. Goshala cum Goshala Development Officer, Directorate of Animal Husbandry, Lucknow.
Goseva Ayog
Goseva Avog has been established in U.P. for the conservation of Cow breed as well as to promote Goshala etc. total ban on cow or its progeny slaughter and illegal transportation of cattle. For detail Chairman, Goseva Ayog, 1203 Mantri Awas, Dalibagh, Lucknow may be contacted.
Training Facilities
bullet
One month Poultry Training                                              Chakganjaria, Lucknow
bullet
Ten day Poultry Training                                                   Chakganjaria, Lucknow
bullet
Ten Days Piggery Training                                                C.D.F. Aligarh
bullet
2 month to 3 month inseminator training/private training.

Poultry Training
The training programme is now proposed to be classified in two parts :
  1. Training for the departmental staff.
  2. Training for the poultry farmers.
  3. There is one month certificate course of poultry training for Livestock Extension Officer and private poultry breeders at Chakganjaria, Lucknow.
    1. No fees charge for pultry training.
    2. Hostel facilities are free.
    3. After completing the one month course. Director of Animal Husbandry issue certificate.
    4. For filling registration form :
    5. Need – a. Photocopy of  High School certificate.
                 b. Passport size photograph.
    6. 20 seats for one batch.
    7. 10 batches in a year.
10 days poultry training programme in I.P.D.P. (Intensive Poultry Development Programme) district for poultry breeders.
Under S.T.R.Y. – 10 days poultry training programme for poultry breeders.
Feed and Fodder
a. Minikit fodder seed distribution from Vety. Hosp.
b. Biomass & silvipasture development from Vety. Hosp.
c. Urea-Mollasses treatment from Vety. Hosp.
Other facilities on Nominal/Levy
bulletHealth care & treatment.
bulletLarge & small animal surgery & radiography.
bulletArtificial Insemination.
bulletProphylactic Vaccination.
bulletTreatment of reproductive disorder.
bulletCastration.
bulletMass Drenching for worm control.
bulletCow & Buff. bulls, Ram, Buck, Boar etc. natural service to livestock in remote areas.
Incentives
bulletCash prize to elite breeders in livestock & poultry shown for top quality breeds.
bulletGrant-in-aid to selected Goshalas.
bulletRearing of indigenous male calves.
bulletAid to sheep & poultry coop. societies.
bulletNatural breeding centers in Bundelkhand & hill area.
Source : http://animalhusb.up.nic.in/anim_major.htm


UP Basic Education Budget 2014-15 Rs 29,380 Crore Rupees

 यूपी बजट 2014-15 : बेसिक शिक्षा के लिए 29,380 करोड़
UP Basic Education Budget
 

1.7715 करोड़ सर्वशिक्षा अभियान के लिए और 1685 करोड़ मिड-डे मील के लिए

2.कक्षा एक से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को निशुल्क पाठ्यपुस्तकों के साथ इस बार यूनिफाॅर्म के दो सेट दिए जाएंगे।

3. असेवित बस्तियों में छूट गए नए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा। इसके अलावा पहले से संचालित विद्यालयों में करीब 6475 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया जाएगा।

Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों को दी जाने वाली ट्रेनिंग पर इलाहबाद हाई कोर्ट का रुख

Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों को दी जाने वाली ट्रेनिंग पर इलाहबाद हाई कोर्ट का रुख


शिक्षा मित्रों को दी जाने वाली ट्रेनिंग पर स्टे और उसके बाद स्टे हटाया गया (याचिका के अंतिम निस्तारण के अधीन )

http://joinuptet.blogspot.com/


सिंगल बेंच के जज द्वारा स्टे ( जो की इसी न्यूज़ आर्टिकल में नीचे दिया हुआ है ), पर डबल बेंच में सुनवाई की कार्यवाही  :-


http://joinuptet.blogspot.com/
इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने कहा की आर टी ई एक्ट कक्षा १ से ८ तक के लिए जरूरी कर दिया गया , लेकिन राज्य सरकार ने पॉलिसी डिसीजन /
नीति गत निर्णय लेते हुए , शिक्षकों की भारी संख्या में कमी को देखते हुए एन  सी टी ई के सामने  शिक्षा मित्रों की द्विवर्षीय ट्रेनिंग का प्रस्ताव रखा ,
और इसके अप्रूवल पर सिंगल बेंच के  जज ने स्टे लगा दिया

शिक्षा मित्रों के वकील ने कहा की स्टे वाली याचिका 5 बी एड बेरोजगारों ने लगाई थी , जिसमे ५ बी एड बेरोजगारों ने हित बुरी तरह से प्रभावित होने की बात कही ।

श्री अशोक खरे ( बी एड बेरोजगारों के वकील ) ने कहा की ऐसे आर्डर पहले भी हैं जिसमें  एन सी टी ई द्वारा अप्रूवल न मिलने पर
डिवीजन बेंच के जजों द्वारा इस तरह की ट्रेनिंग और इसके इम्प्लीमेंटेशन को मान्य नहीं किया गया ।

और शीर्षस्थ कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने भी इस से सम्बंधित स्पेशल लीव पेटिशन को 26 मार्च 2010 को  डिसमिस ख़ारिज की है
इसलिए सिंगल बेंच जज ने ट्रैनिंग पर स्टे (रोक लगाने) का सही निर्णय किया है

http://joinuptet.blogspot.com/
इन सभी बातों को सुनने के बाद , डबल बेंच के जजेस ने कहा की हम पूरे मामले में न जाते हुए , सिर्फ स्टे आर्डर के प्रश्न पर परिस्थियों के सन्दर्भ में  बात करेंगे ,
राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों की कक्षा 1 से 5 तक शिक्षक के लिए ट्रेनिंग देने का नीतिगत निर्णय लिया है ,
और आर्टिकल  14 के वाइोलेशन / उल्लंघन पर याचिका के अंतिम निर्णय के दौरान देखेंगे ।

और अंतरिम आदेश द्वारा दिए गए स्टे से ट्रेनिंग ऑपरेशन को रोकना सही नहीं है , क्यूंकि इस से  बड़ी भारी संख्या में लोग प्रभावित होंगे ,
जैसा की बहुत ही कम बी एड बेरोजगारों ने यह याचिका स्टे के लिए लगायी थी , ( 5 B Ed Berojgaron ne Shiksha Mitron kee trening rokne ke liye ye yachika lagai thee)

इसलिए शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग पर लगे स्टे ऑर्डर को हटाया जाता है

साथ ही ये भी कहा जाता है कि शिक्षा मित्रों को दी जाने वाली ट्रेनिंग , इस याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगी


http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

Court No. - 37

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011

Petitioner :- State Of U.P. And Others
Respondent :- Santosh Kumar Mishra And Others
Petitioner Counsel :- K.S. Kushwah,S.C.,R.N. Singh
Respondent Counsel :- R.A. Akhtar,Siddharth Khare

Hon'ble R.K. Agrawal,J.
Hon'ble Bharati Sapru,J.

The present special appeal has been filed against the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge whereby the learned Single Judge had stayed the effect and operation of the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi till further orders. By the order dated 14th January, 2011 National Council for Teachers Education, New Delhi had granted approval to the proposal made by the State Government regarding training of graduate 'Shiksha Mitra' through open and distance learning mode for providing Diploma in Elementary Education Course of two years duration. The approval order dated 14th January, 2011 also lays down 14 conditions to be observed and followed by the State Government. It appears that under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, enacted by the Parliament, free and compulsory elementary education has been made compulsory for the children from classes 1 to 8. The shortage of teachers is being faced by the State of U.P. and in order to overcome it the State Government has sent a proposal to the National Council For Teachers Education, New Delhi approving two years training course known as Diploma in Elementary Education to graduate Shiksha Mitra to be appointed as teachers to teach the students from classes 1 to 5. The learned Single Judge has stayed the operation of the approval order, thus, bringing the entire scheme to a stand still.
Sri R.N. Singh, learned Senior Counsel appearing for the appellants submitted that the interim order passed by the learned Single Judge in effect amounts to allowing the final relief and also bringing to halt the scheme for providing free education to children under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 as such the interim order which affect the development of the State ought not to have been passed and it would be another matter if the writ petition is finally decided and the Court would have come to conclusion that the scheme approved by the National Council for Teachers Education, New Delhi does not conform to various statutory provisions. He, thus, submitted that the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge should be vacated. He further submitted that the aforesaid interim order has been passed in the writ petition filed by the 5 alleged unemployed B.Ed. graduates on the ground that their chance to become a teacher will be adversely affected. He submitted the learned Single Judge ought not to have stayed an ongoing training programme.
Sri Ashok Khare, learned Senior Counsel appearing for the respondents submitted
that in view of the Division Bench judgment of this Court passed in Special Appeal No.10 of 2007, State of U.P. vs. Shailesh Kumar Dwivedi, decided on 4th September, 2009 such training programme cannot be implemented much less approved by the National Council for Teachers Education. According to him, Special Leave Petition filed against the said order of this Court has also been dismissed by the Apex Court vide order dated 26th March, 2010. He, thus, submitted that the learned Single Judge has rightly stayed the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi.
We have heard the rival submissions of the learned counsel for the parties. http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
However, we refrain from making any comments on the merits of the matter and only confining ourselves on the question of grant of interim order in such a situation. Apparently, the State Government had taken a policy decision to impart training to graduate Shiksha Mitra in order to appoint them as teachers to teach the students of classes 1 to 5. Whether such a policy decision is arbitrary or unreasonable or violate Article 14 of the Constitution of India is to be seen at the time of final decision of the writ petition and by an interim order its operation cannot be stayed because it affects a large number of persons that too only at the instance of a few person claiming themselves as unemployed B.Ed graduates. We are, therefore, of the considered opinion that the order dated 18.5.2011 so far as it stays the effect and operation of the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi is liable to be vacated We accordingly, vacate the impugned interim order dated 18.5.2011 passed by the learned Single Judge. The respondents may file counter affidavit within three weeks. Rejoinder affidavit may be filed within two weeks. The writ petition be listed before the learned Single Judge on 12th July, 2011 for final disposal. We may make it clear that the training being imparted to Shiksha Mitra will be subject to the decision of the writ petition.
The special appeal stands allowed.

Order Date :- 30.5.2011 http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
mt

Court No. - 37

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011

Petitioner :- State Of U.P. And Others
Respondent :- Santosh Kumar Mishra And Others
Petitioner Counsel :- K.S. Kushwah,S.C.,R.N. Singh
Respondent Counsel :- R.A. Akhtar,Siddharth Khare
http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
Hon'ble R.K. Agrawal,J.
Hon'ble Bharati Sapru,J.
Allowed.
For order see order of date passed on the separate sheets.
Order Date :- 30.5.2011
mt

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1269369
******************************


 इलाहबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने इन महत्व पूर्ण कारणों पर  18 May 2011 को शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग पर स्टे लगा दिया था :

1. शिक्षा मित्र भर्ती के लिए  बेसिक क़्वालिफिकेशन इंटरमीडिएट है , जो की असिस्टेंट टीचर की भर्ती के अनुरूप नहीं है |

2. शिक्षा मित्र भर्ती के समय आरक्षण के नियम का पालन नहीं हुआ था |

3. शिक्षा मित्रों की भर्ती किसी प्रतियोगी परीक्षा ( जिसमें सभी को समान अवसर प्रदान किया हो ) के माध्यम से नहीं हुई और यह भर्ती गांव की लोकल संस्थाओं द्वारा की गयी , और इसको अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार ) का उल्लंघन माना
http://joinuptet.blogspot.com/
जज ने एन सी टी ई और आर टी ई एक्ट के नियम का उल्लंघन मानते हुए शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग पर स्टे लगा दिया

Stay on Shiksha Mitra Training By Single Bench Order on 18 May 2011 : -
http://joinuptet.blogspot.com/
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 18
http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011

Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,R.A.Akhtar
http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
Hon'ble Krishna Murari,J. http://joinuptet.blogspot.com/
Heard learned counsel for the petitioners, learned Standing Counsel for respondent no. 1 & 2, Sri K.S. Kushwaha for respondent no. 3.
Challenge in this petition has been made to the order dated 14.1.2011 issued by the National Council for Teachers Education according approval to the proposal of the State Government for conducting elementary teacher education programme of two years duration through open and distance learning mode for training of untrained graduate 'Shiksha Mitra' appointed by the State Government in elementary schools subject to the conditions mentioned therein.
Sri Ashok Khare, Senior Advocate assisted by Sri Siddharth Khare contends on behalf of the petitioners that the impugned order is based upon a wrong assumption that 'Shiksha Mitra' are untrained teachers as their engagement is under a scheme notified by the Government Order dated 26.5.1999 as modified from time to time and is purely contractual in nature and for one academic session. With reference to the provision of Section 23(1) of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 providing for qualification for appointment and terms & conditions of service of teachers and notification dated 23.8.2010 issued by the National Council for Teachers Education thereunder specifying minimum qualifications required to be possessed by Assistant Teachers teaching in class I to VIII, it has been urged that since the prescribed minimum qualifications for engagement of 'Shiksha Mitra' is only intermediate certificate examination, the persons so engaged do not conform to the minimum qualifications prescribed for Assistant Teachers and thus they are being wrongly and illegally considered as untrained teachers entitled to undergo training programme. It has further been submitted that after enforcement of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 training certificate is essential qualification under Rule 8 and there does not exist any provision for appointment of untrained teachers in any institution run by the Board of Basic Education and thus the appointment of 'Shiksha Mitra' is de hors the rules and they cannot be be treated to be legally appointed untrained teachers so as to undergo training. Reliance in support of the contention has been placed upon a Division Bench judgment dated 17.12.2008 in special appeal no. 10 of 2010 wherein while considering a similar scheme for imparting teachers training to untrained teachers in privately managed recognized institutions, it has been held that Assistant Teachers appointed after enforcement of U.P. Recognized Basic Schools (Recruitment and Conditions of Service of Teachers & others) Conditions Rules, 1975 and U.P. Recognized Basic Schools (Junior High Schools) (Recruitment & Conditions of Service of Teachers) Rules, 1978 in violation of provision thereof and without possessing training qualification cannot be permitted to undergo training. It is next contended that since the provisions of U.P. Public Service (Reservation for S.C., S.T & O.B.C.) Act, 1994 are not applicable in the scheme of appointment of 'Shiksha Mitra', imparting training and their subsequent appointment shall violate the reservation policy. It has further been submitted that under the scheme of appointment of 'Shiksha Mitra', eligibility is restricted to candidates belonging to the village where the educational institution is situated or to the concerned Nyay Panchayat and their selection is not on the basis of open general competition but limited to a localised section and preference being given to such persons for training depriving the petitioners and other similarly situated persons from participating in open general competition would be discriminatory.
Learned Standing Counsel for State respondents and Sri K.S. Kushwaha for respondent no. 3 when called upon only sought time to file counter affidavit. http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
As prayed they may file counter affidavit within six weeks. Learned Standing Counsel shall also produce the policy framed by State Government. http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
Sri R.A.Akhtar who has accepted notice on behalf of respondent no. 4 is not present even though the case has been taken up in the revised list. He may also file counter affidavit within the same period.
Petitioners will have three weeks thereafter for filing rejoinder affidavit.
List after expiry of the aforesaid period. http://joinuptet.blogspot.com/
Since prima-facie from a conjoint reading of National Council for Teachers Education Act and the regulations framed thereunder, provision of U.P. Basic Education Act and the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, it appears that the training is permissible only in cases of validly and legally appointed untrained teachers and the impugned approval dated 14.1.2011 for training of 'Shiksha Mitra' proceeds upon an erroneous assumption that they are legally appointed untrained teachers, the petitioners are entitled to interim order.
Further in view of serious ramification of the consequences of the impugned approval and the impact on very large number of candidates, also it would be appropriate to pass an interim order.
Until further orders of this Court, effect and operation of the impugned approval order dated 14.1.2011 passed by the National Council for Teacher Education, New Delhi (Annexure No. 14 to the writ petition) shall remain stayed.
Order Date :- 18.5.2011

nd
http://joinuptet.blogspot.com/
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1251898
http://joinuptet.blogspot.com/
**************************
Tags : Shiksha Mitra, Shiksha Mitra News Samayojan, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), UPTET, NCTE, RTE, Allahabad Highcourt, Allahabad Highcourt Triple Bench Order, UP-TET 2011,


UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News / Shiksha Mitra Samayojan News

आज के सिस्टम पर प्रहार करता बेहतरीन लेख

आज के सिस्टम पर प्रहार करता बेहतरीन लेख

अनजान लेखक ने गांव में दी जाने वाली शिक्षा पर एक बेहतरीन व्यंग्य लेख लिखा है 

आज विद्यालय में बहुत चहल पहल है । सब कुछ साफ - सुथरा , एक दम सलीके से ।सुना है निरीक्षण को कोई साहब आने वाले हैं । पूरा विद्यालय चकाचक ।
नियत समय पर साहब विद्यालय पहुंचे । ठिगना कद , रौबदार चेहरा , और आँखें तो जैसे जीते जी पोस्टमार्टम कर दें ।
पूरे परिसर के निरीक्षण के बाद उनहोंने कक्षाओं का रुख किया ।
कक्षा पांच के एक विद्यार्थी को उठा कर पूछा , बताओ देश का प्रधान मंत्री कौन है ?
बच्चा बोला -जी राम लाल ।
साहब बोले -बेटा प्रधान मंत्री ?
बच्चा - रामलाल ।
अब साहब गुस्साए - अबे तुझे पांच में किसने पहुंचाया ? पता है मैं तेरा नाम काट सकता हूँ ।
बच्चा - कैसे काटोगे ? मेरा तो नाम ही नहीं लिखा है । मैं तो बाहर बकरी चरा रहा था । इस मास्टर ने कहा कक्षा में बैठ जा दस रूपये मिलेंगे । तू तो ये बता रूपये तू देगा या मास्टर ?
साहब भुनभुनाते हुवे मास्टर जी के पास गए , कडक आवाज में पूछा - क्या मजाक बना रखा है । फर्जी बच्चे बैठा रखे हैं । पता है मैं तुम्हे नौकरी से बर्खास्त कर सकता हूँ ।
 

गुरूजी - कर दे भाई । मैं कौन सा यहाँ का मास्टर हूँ । मास्टर तो मेरा पड़ोसी दुकानदार है । वो दुकान का सामान लेने शहर गया है । कह रहा था एक खूसट साहब आएगा , झेल लेना ।
 

अब तो साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर । पैर पटकते हुए प्रधानाध्यापक के सामने जा पहुंचे । चिल्लाकर बोले , " क्या अंधेरगर्दी है , शरम नहीं आती । क्या इसी के लिए तुम्हारे स्कूल को सरकारी इमदाद मिलती है । 
पता है ,मैं तुम्हारे स्कूल की मान्यता समाप्त कर सकता हूँ ।
जवाब दो प्रिंसिपल साहब ।
 

प्रिंसिपल ने दराज से एक सौ की गड्डी निकाल कर मेज पर रखी और बोला - मैं कौन सा प्रिंसिपल हूँ । प्रिंसिपल तो मेरे चाचा हैं । प्रॉपर्टी डीलिंग भी करते हैं । आज एक सौदे का बयाना लेने शहर गए हैं । कह रहे थे , एक कमबख्त निरीक्षण को आएगा , उसके मुंह पे ये गड्डी मारना और दफा करना ।
 

साहब ने मुस्कराते हुए गड्डी जेब के हवाले की और बोले - आज बच गये तुम सब । अगर आज मामाजी को सड़क के ठेके के चक्कर में शहर ना जाना होता , और अपनी जगह वो मुझे ना भेजते तो तुम में से एक की भी नौकरी ना बचती


Tags : News, Vichhar, information, RTE, Teacher Eligibility Test (TET), Teacher Eligibility Test Exam Paper, NCTE,

Saturday, June 21, 2014

Supreme Court Says Vidhya Sahayak (Helper) as Enemy of Education

Supreme Court Says Vidhya Sahayak (Helper) as Enemy of Education

Hearing is still incomplete, And next hearing is on : 23/09/2014

As per news spread on Internet is :-

Only trained teachers should teach in schools: SC

Shiksha Shatru; SC slams ad hoc appointment of teachers



Appointment of teachers in primary schools on ad hoc basis by various state governments without following proper qualification criteria on Monday drew flak from the Supreme Court which said that such policies are spoiling the entire education system and future of the country.

A bench of justices B.S. Chauhan and Dipak Misra expressed strong disapproval of such a system and said it was “shocking” that it can be pursued even after the implementation of Right to Education Act.

“A populist principality cannot spoil the future of the country. We want to know qualification of teachers,” the bench said while hearing Gujarat government’s plea on a case pertaining to appointment of “Vidya Sahayak” in primary schools in the state.

“How do you bring such policies when there is Article 21A. It is shocking. There are such appointments in Uttar Pradesh also.

These Shiksha Sahayaks (helpers) are Shiksha shatrus (enemies),” the bench observed asking the state government to place details relating to qualification and appointment of such teachers.

The bench noted that ad-hoc appointment of primary teachers are done in many states which provide them less than one-forth salary given to regular teachers.

“Once we have implemented Article 21A, can we allow such system? Our concern is quality of education and we are very serious about the kind of education we are imparting,” the bench said adding, “We spoil the entire education system by appointing ad-hoc teachers who do not have proper qualification”.



Case Details : -

                                                            SECTION. IX
                         IN THE SUPREME COURT OF INDIA



Petition(s) for Special Leave to Appeal (Civil) No(s).18136/2013

(From the judgement and order dated 18/04/2013 in  LPA No. 60/2013 & SCA
No.
 12267/2011  of The HIGH COURT OF GUJARAT AT AHMEDABAD)

STATE OF GUJARAT AND ANR                             Petitioner(s)

                             VERSUS

PARMAR MAHESHKUMAR PUNJABHAI AND ORS                 Respondent(s)



                             OFFICE REPORT
The matter above-mentioned was listed before the Hon'ble Court on 22nd  May,
2013, when the Court was pleased to pass the following Order:-
"List the matter on Monday, the 27th May, 2013"

      It is submitted for the information of the Counsel for the  Petitioner
has filed additional documents along with an application for  permission  to
filed additional document which are  being  circulated  before  the  Hon'ble
Court.
      Dated this the 24th day of May, 2013.

ASSISTANT REGISTRAR

Source : http://courtnic.nic.in/supremecourt/temp/sc%2018136rpt.txt

******************
SUPREME COURT VIDHYA SAHAYAK CASE DETAILS




Next Date of Listing    23/09/2014




यू पी टी ई टी से जुड़े मामलों के जानकार , श्याम देव मिश्रा जी द्वारा दी गयी जानकारी

यू पी टी ई टी से जुड़े मामलों के जानकार , श्याम देव मिश्रा जी द्वारा दी गयी जानकारी

शिक्षामित्र प्रकरण

शिक्षामित्रों के मामले में दायर हुई सभी रिट पेटीशन्स, जिनकी फाइल्स मैं इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बीते वर्ष निकलवा पाया था, निम्न हैं। काफी खोज-बीन भी सेक्शन से सर्वाधिक महत्वपूर्ण WRIT - A No. - 28004 of 2011 Santosh Kumar Mishra And Others Vs State Of U.P. And Others रिकॉर्ड में नहीं मिली, क्यों, ये मुझे आज तक समझ में नहीं आया।

इसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारण कि सिर्फ इसी याचिका में शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण की वैधता पर प्रश्नचिह्न लगाया गया था, वो भी इतने जोरदार ढंग से, की माननीय न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने 18.05.2011 को शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को प्रथमदृष्टया अवैध मानकर स्थगनादेश जारी कर दिया। (आदेश की प्रति संलग्न फाइल में यथास्थान है). बाद में SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011 State Of U.P. And Others Vs. Santosh Kumar Mishra And Others पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और भर्ती सप्रू की पीठ ने 30.5.2011 को दिए जा रहे प्रशिक्षण से स्थगनादेश हटते हुए स्पष्ट किया की प्रशिक्षण की वैधता रिट पेटिशन के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। (आदेश की प्रति संलग्न फाइल में यथास्थान है). बस यही से खेल शुरू हुआ।

इस मुख्य याचिका की सुनवाई के पुनः प्रारम्भ होते ही न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता ने 27.9.2011 को इस मामले को ऐसी याचिकाओं के झुण्ड संलग्न कर दिया जो उन शिक्षामित्रों द्वारा दायर याचिकाएं थी, जो किसी कारणवश सरकार द्वारा दिए जा रहे दो-वर्षीय प्रशिक्षण में चयनित होने से छूट गए थे और स्वयं को भी प्रशिक्षण में सम्मिलित किये जाने का निर्देश दिए जाने के लिए न्यायलय की शरण में गए थे। जाहिर है, इन याचिकाओं की प्रकृति और प्रवृत्ति में बहुत फर्क था।

1. WRIT - A No. - 50096 of 2011 Nav Prakash Singh And Others Vs State Of U.P. And Others (Ashok Khare)
2. WRIT - A No. - 50674 of 2011 Ajit Pratap Singh And Another Vs State Of U.P. And Others
3. WRIT - A No. - 50676 of 2011 Satish Chandra Vaishya And Others Vs State Of U.P. And Others
4. WRIT - A No. - 53589 of 2011 Rishi Kumar Mishra Vs State Of U.P. And Others
5. WRIT - A No. - 52878 of 2011 Arvind Singh And Others Vs State Of U.P. And Others
6. WRIT - A No. - 53210 of 2011 Jitendra Singh Vs State Of U.P. And Others
7. WRIT - A No. - 53914 of 2011 Manoj Kumar Singh And Others Vs State Of U.P. And Others
8. WRIT - A No. - 51295 of 2011 Anil Kumar And Others Vs State Of U.P. And Others (Ashok Khare)
9. WRIT - A No. - 52206 of 2011 Bhola Ram Pachori And Others Vs State Of U.P. And Others
10. WRIT - A No. - 50060 of 2011 Gyanendra Kumar Dwivedi And Others Vs State Of U.P. And Others
11. WRIT - A No. - 53501 of 2011 Hari Shankar And Others Vs State Of U.P. And Others
12. WRIT - A No. - 51243 of 2011 Sumit Kumar And Others Vs State Of U.P. And Others
13. WRIT - A No. - 28004 of 2011 Santosh Kumar Mishra And Others Vs State Of U.P. And Others 18.5.2011

इन सभी याचिकाओं की सुनवाई होती रही और 26.9.2011 को उपरोक्त सभी याचिकाओं के सन्दर्भ में निर्णय सुरक्षित कर लिया गया और लगा कि मानो अब न्याय होने ही वाला है पर यह निर्णय दिए जाने के लिए सुरक्षित नहीं किया गया था। लगभग 9 महीने बाद गुप्ता जी जागे और 6.7.2012 को पुनः सुनवाई शुरू कर दी। ऐसी सुनवाई, जो फिर हुई नहीं ! क्यों, कैसे? बस कयास लगाइये, प्रशिक्षण तो पूरा हो गया न ? अब नियुक्ति के विरुद्ध दायर याचिका में भी यही खेल हो रहा हो तो क्या ताज्जुब ?

WRIT - A No. - 28004 of 2011 Santosh Kumar Mishra And Others Vs State Of U.P. And Others को विपरीत प्रकृति और असमान स्वाभाव वाली इन याचिकाओं के साथ 27.9.2011 को जोड़ा जाना समझ से पर है, अगर याची की प्रार्थना पर, तो क्यों? अगर प्रतिपक्ष की मांग पर या न्यायालय द्वारा, तो याची द्वारा सुई को भूसे के ढेर में छिपाने की कोशिश का विरोध क्यों नहीं हुआ? आज तक सुई छिपी पड़ी है। देखिये, ये सुई जंग लगकर गल जाती है या किसी के चुभती है या किसी का फटा सिलती है


********************

Case Details By SDM ji  :










Except the order of Writ Petition A No. 51215 of 2011, orders in 50096 of 2011, 50676 of 2011, 50674 of 2011, 52878 of 2011, 51295 of 2011, 51243 of 2011,
52206 of 2011, 50060 of 2011, 28004 of 2011, 53914 of 2011, 53589 of 2011, 53501 of 2011, 53210 of 2011 are compiled above.
* Text of Order in SPL APPEAL No. 1032 of 2011 State Of U.P. & Others Vs. Santosh Kumar Mishra & Others
The present special appeal has been filed against the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge whereby the learned Single Judge
had stayed the effect and operation of the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi till further
orders. By the order dated 14th January, 2011 National Council for Teachers Education, New Delhi had granted approval to the proposal made by the State
Government regarding training of graduate 'Shiksha Mitra' through open and distance learning mode for providing Diploma in Elementary Education Course of
two years duration. The approval order dated 14th January, 2011 also lays down 14 conditions to be observed and followed by the State Government. It
appears that under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, enacted by the Parliament, free and compulsory elementary education
has been made compulsory for the children from classes 1 to 8. The shortage of teachers is being faced by the State of U.P. and in order to overcome it the State
Government has sent a proposal to the National Council For Teachers Education, New Delhi approving two years training course known as Diploma in
Elementary Education to graduate Shiksha Mitra to be appointed as teachers to teach the students from classes 1 to 5. The learned Single Judge has stayed the
operation of the approval order, thus, bringing the entire scheme to a stand still.
Sri R.N. Singh, learned Senior Counsel appearing for the appellants submitted that the interim order passed by the learned Single Judge in effect 2 amounts to
allowing the final relief and also bringing to halt the scheme for providing free education to children under the Right of Children to Free and Compulsory
Education Act, 2009 as such the interim order which affect the development of the State ought not to have been passed and it would be another matter if the
writ petition is finally decided and the Court would have come to conclusion that the scheme approved by the National Council for Teachers Education, New
Delhi does not conform to various statutory provisions. He, thus, submitted that the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge
should be vacated. He further submitted that the aforesaid interim order has been passed in the writ petition filed by the 5 alleged unemployed B.Ed. graduates
on the ground that their chance to become a teacher will be adversely affected. He submitted the learned Single Judge ought not to have stayed an ongoing
training programme.
Sri Ashok Khare, learned Senior Counsel appearing for the respondents submitted that in view of the Division Bench judgment of this Court passed in Special
Appeal No.10 of 2007, State of U.P. vs. Shailesh Kumar Dwivedi, decided on 4th September, 2009 such training programme cannot be implemented much less
approved by the National Council for Teachers Education. According to him, Special Leave Petition filed against the said order of this Court has also been
dismissed by the Apex Court vide order dated 26th March, 2010. He, thus, submitted that the learned Single Judge has rightly stayed the approval order dated
14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi.
We have heard the rival submissions of the learned counsel for the parties. However, we refrain from making any comments on the merits of the matter and
only confining ourselves on thequestion of grant of interim order in such a situation. Apparently, the State Government had taken a policy decision to impart
training to graduate Shiksha Mitra in order to appoint them as teachers to teach the students of classes 1 to 5. Whether such a policy decision is arbitrary or
unreasonable or violate Article 14 of the Constitution 3 of India is to be seen at the time of final decision of the writ petition and by an interim order its
operation cannot be stayed because it affects a large number of persons that too only at the instance of a few person claiming themselves as unemployed B.Ed
graduates. We are, therefore, of the considered opinion that the order dated 18.5.2011 so far as it stays the effect and operation of the approval order dated
14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi is liable to be vacated We accordingly, vacate the impugned interim order
dated 18.5.2011 passed by the learned Single Judge. The respondents may file counter affidavit within three weeks. Rejoinder affidavit may be filed within two
weeks. The writ petition be listed before the learned Single Judge on 12th July, 2011 for final disposal. We may make it clear that the training being imparted to
Shiksha Mitra will be subject to the decision of the writ petition. The special appeal stands allowed.
** Text of Order inSPL. APPEAL DEF. No. - 622 of 2011 Anuj Kumar Pandey & Another Santosh Kumar Mishra & Other
We have heard learned counsel for the petitioners. Learned Standing Counsel appears for the State respondents.
Learned Single Judge has stayed the effect and operation of the approval order dated 14.1.2011 passed by the National Council of Teachers Education, New
Delhi, approving the proposal of the State Government for conducting Elementary Teacher Education Programme of two years duration through open and
distance learning mode, for training of untrained graduate Shiksha Mitra appointed by the State Government in elementary schools subject to conditions
mentioned therein.
Learned counsel for the petitioner has relied upon a judgment of the Division Bench rendered yesterday on 30.5.2011, by which the Special Appeal was allowed
setting aside the interim order staying the effect and operation of the approval order of National Council for Teachers Education, New Delhi dated 14.1.2011.
The Division Bench in allowing the Special Appeal has observed that the State Government had taken a policy decision to impart training to graduate Shiksha
Mitras in order to appoint them as teachers to each the students of Classes I to V. Whether such a policy decision is arbitrary or unreasonable or violate Article
14 of the Constitution of India is to be seen at the time of final decision of the writ petition. By an interim order its operation cannot be stayed as it affects a
large number of teachers that too at the instance of a few persons claiming themselves as unemployed B.Ed graduates.
With the consent of Standing Counsel the matter was heard. Learned Standing Counsel supports the order in Special Appeal No. 1032 of 2011 as the Special
Appeal was filed by State of U.P.
Following the judgment dated 30.5.2011 in Special Appeal No. 1032 of 2011 State of UP and others vs. Santosh Kumar Mishra and others, this Special Appeal is
also allowed. The interim order passed by learned Single Judge staying the effect and operation of the order of approval dated 14.1.2011 passed by National
Council for Teachers Education, New Delhi is set aside. The writ petition shall be connected and listed for final hearing with similar matters which have been
fixed for hearing on 12.7.2011.



Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : टीईटी संघर्ष मोर्चा के अनशन को समर्थन

Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : टीईटी संघर्ष मोर्चा के अनशन को समर्थन

72825 teacher vacancy in up latest news join blog : http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
http://joinuptet.blogspot.com/  for 

Teacher Eligibility Test (TET) , UPTET Latest News
 17वें दिन समर्थन में आए कई शिक्षक संगठन 

आजमगढ़ (ब्यूरो)। प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार समय से कराने के लिए टीईटी संघर्ष मोर्चा का क्रमिक अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा। क्रमिक अनशन के 17वें दिन विभिन्न शिक्षक संगठनों के लोगों ने अनशन स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया
क्रमिक अनशन को संबोधित करते हुए शिक्षक नेता दिवाकर तिवारी और श्रीराम वर्मा ने कहा कि टीईटी मेरिट से योग्य शिक्षकों का चयन होना सुनिश्चित है। कमलाकांत सिंह और शैलेश राय ने कहा कि सरकार को इनकी योग्यता का सम्मान करते हुए नियुक्ति कर देनी चाहिए। जैनेंद्र प्रताप सिंह और प्रतीक जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार हठधर्मिता दिखा रही है। जिलाध्यक्ष उमेश कुमार ने टीईटी अभ्यर्थियों से संघर्ष में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। इस मौके पर प्रवीण श्रीवास्तव, विघ्नेश गौतम, अरविंद यादव, बंश बहादुर सिंह, सुरेश यादव, आलोक राय, रजनीश राय, शरद आदि रहे।

News Source : Amar Ujala (21.6.2014)



 UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
UPTET PASS GIRL CANDIDATE can JOIN THIS GROUP : https://www.facebook.com/groups/uptetgirlsgroup/

UPTET PASS CANDIDATE can JOIN this GROUP :https://www.facebook.com/groups/uptetteachersgroup


Read more: http://joinuptet.blogspot.com/#ixzz35EeDWnr0

LT Grade 1425 Teacher Result this Week : स्नातक वेतन शिक्षक भर्ती का परिणाम एक सप्ताह में

LT Grade 1425 Teacher Result this Week : स्नातक वेतन शिक्षक भर्ती का परिणाम एक सप्ताह में

भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2012 में शुरू की गई थी
1425 पदों पर होनी है भर्ती 

 LT Grade, LT Grade Teacher Recruitment UP, LT Grade Teacher Uttar Pradesh, L T Grade,

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में स्नातक वेतन शिक्षक भर्ती का परिणाम एक सप्ताह में जारी करने का शासनादेश शुक्रवार को जारी कर दिया गया। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा मनोज कुमार सिंह ने शासनादेश में कहा है कि 1425 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2012 में शुरू की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट से रोक न होने के बाद भी आज तक इसका चयन परिणाम जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा है कि चयन परिणाम जल्द जारी किया जाए, जिससे शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो सके।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि बीए के बाद एमए करने वालों को पात्र मानते हुए उनका चयन परिणाम जारी किया जाए, यदि किसी ने बीएससी के बाद एमए करते हुए आवेदन किया है तो ऐसे मामलों का पहले परीक्षण कर लिया जाए। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने कहा है कि शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट ने किसी तरह की रोक नहीं लगाई है, लेकिन मंडलीय संयुक्त निदेशक इसका चयन परिणाम जारी नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1425 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकालते हुए आवेदन लेने के बाद साक्षात्कार लिया था, लेकिन चयन परिणाम आज तक जारी नहीं हो सका है। शासनादेश जारी होने के बाद माध्यमिक स्कूलों में इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।


News Sabhaar : अमर उजाला (21.6.14)

Friday, June 20, 2014

UPPSC : यू पी पी सी इस परीक्षा संदेह के घेरे में

UPPSC :  यू पी पी सी इस परीक्षा संदेह के घेरे में

See Aaj Tak News :-

यूपी पीसीएस-2011 में कैसे छाए यादव



जुलाई 2013 में यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश पीसीएस-2011 की मुख्य परीक्षा के नतीजे पिछले साल जुलाई में जब आए तो वे अपने साथ एक तूफान भी लेकर आए थे. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में लगातार धांधली का आरोप लगाते आ रहे छात्रों के सब्र का बांध अचानक टूट गया और इलाहाबाद की सड़कों पर जमकर बवाल हुआ. गोलियां चलीं, सिर फूटे, बसों के शीशे टूटे और गिरफ्तारियां हुईं. छात्रों का आरोप था कि दूसरे इम्तिहान तो अपनी जगह हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पीसीएस इम्तिहान तक में पूरी तरह ‘‘यादववाद’’ चला है.
छात्रों ने इस तरह के नतीजों के लिए आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव पर पक्षपात के आरोप लगाए. यादव इन आरोपों से बच भी नहीं सकते थे क्योंकि आयोग के अध्यक्ष के नाते किसी भी परीक्षा परिणाम की अंतिम जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है. बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नीतियों में बदलाव किया और न्याय की उम्मीद में छात्र अपने कमरों में लौट गए. इसके बाद दिसंबर 2013 में पीसीएस-2011 का फाइनल रिजल्ट सामने आया और छात्रों का भरोसा फिर टूट गया.

आयोग को पता था कि ये नतीजे नया बखेड़ा लेकर आएंगे इसलिए आयोग ने बड़ी सफाई से पहले तो नंबर ही एक महीने बाद सार्वजनिक किए और वे भी इस तरह कि कोई छात्र सिर्फ अपने नंबर देख सके, वह भी पासवर्ड से. यानी उत्तर प्रदेश पीसीएस-2011 में क्या गोरखधंधा हुआ, इसे बड़ी सफाई से छुपा लिया गया.


लेकिन इंडिया टुडे ने चार महीने की पड़ताल के बाद आयोग के सिमसिम दरवाजे को खोल लिया और परीक्षा में मिले नंबरों के गोरखधंधे तक पहुंच बनाई. इंडिया टुडे ने पीसीएस-2011 में सफल हुए सभी 389 अभ्यर्थियों के आधिकारिक अंकपत्र की प्रतियां हासिल कीं, जो न तो आरटीआइ के जरिए दी जा रही हैं और न ही कोई छात्र किसी दूसरे छात्र के अंक आयोग की वेबसाइट पर देख सकता है.


बहरहाल, पीसीएस-2011 के नतीजों में दो तथ्य सबसे चौंकाने वाले रहे. पहला-अन्य पिछड़ा वर्ग में चयनित 86 छात्रों में से करीब 50 छात्र यादव जाति के रहे. इससे भी बड़ा चौंकाने वाला तथ्य रहा-एकाध अपवाद को छोड़कर यादव जाति के सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में 200 में से 135 से 140 के बीच अंक मिलना (देखें टेबल-2). 

 140 अंक का आंकड़ा इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि आयोग में पिछले कुछ साल से परंपरा रही है कि छात्रों को साक्षात्कार में 80 से 140 के बीच अंक दिए जाते हैं. अगर किसी को 80 से कम या 140 से ज्यादा अंक मिलते हैं तो साक्षात्कार मंडल का अध्यक्ष उस पर अपनी विशेष टिप्पणी करता है. यानी बिना किसी अतिरिक्त जवाबदेही के साक्षात्कार में 140 तक अंक दिए जा सकते हैं. परीक्षा परिणाम में ऐसा संयोग बना कि यादव जाति के वे छात्र जिनके अंक मुख्य परीक्षा में तमाम दूसरे छात्रों से कम थे, वे भी साक्षात्कार में अधिकतम अंक पाने में कामयाब रहे.
दूसरी ओर सामान्य वर्ग के छात्रों को साक्षात्कार में औसतन 115 अंक, गैर यादव ओबीसी जातियों के छात्रों को औसतन 110 अंक और अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को साक्षात्कार में औसतन 105 अंक मिले. पीसीएस के टॉपर हिमांशु कुमार गुप्ता को भी साक्षात्कार में महज 115 अंक ही मिले (देखें-टेबल 1, 3 और 4). यही नहीं, सामान्य श्रेणी में जो ओबीसी कैटेगरी के छात्र अपग्रेड हुए हैं, वे सारे छात्र भी संयोग से सिर्फ यादव जाति के हैं. सामान्य कैटेगरी में चयनित हुए यादव छात्रों को मिला लिया जाए तो कुल यादव छात्रों की संख्या 54 तक पहुंच जाती है (सफल यादव अभ्यर्थियों की यह संख्या उनके उपनाम में जुड़े यादव शब्द और कुछ मामलों में जुटाई गई जानकारी पर आधारित है. वैसे ही आंकड़े में मामूली संशोधन की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है).
यूपी पीसीएस
साक्षात्कार के अंकों के अलावा मुख्य परीक्षा में अपनाई जा रही स्केलिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. स्केलिंग व्यवस्था इसलिए अपनाई जाती है कि गणित और विज्ञान जैसे कई विषयों में कला संकाय के कई विषयों की तुलना में ज्यादा नंबर दिए जाते हैं. इस विविधता को एकरूपता देने के लिए छात्र को मिले वास्तविक अंकों को स्केलिंग फॉर्मूले के हिसाब से संशोधित कर दिया जाता है. आयोग परीक्षा के विज्ञापन के समय इस फॉर्मूले को प्रकाशित करता है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विक्की खान के शब्दों में, ‘‘करीब एक पन्ने के इस फॉर्मूले को आम आदमी ठीक वैसे ही समझ सकता है, जैसे क्रिकेट प्रेमी डकवर्थ लुइस फॉर्मूले को समझते हैं. समझने से ज्यादा उस पर भरोसा करना होता है.’’ लेकिन पीसीएस-2011 में यह भरोसा भी टूटा है. मुख्य परीक्षा के हिंदी के पेपर को लें तो एक छात्र को पहले और दूसरे पेपर में क्रमशः 140 और 132 नंबर मिले, जिन्हें स्केलिंग के बाद 187.47 और 158.32 आंका गया. वहीं दूसरे छात्र के 140 और 120 नंबरों को क्रमशः 136.82 और 118.11 आंका गया. इन दोनों मामलों में भी संयोग से स्केलिंग में ज्यादा नंबर पाने वाले छात्र यादव हैं.
पीसीएस परीक्षा के अंतिम परिणाम का यह विश्लेषण एक बार फिर आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव की भूमिका को संदिग्ध बना देता है. हालांकि यादव का इस बारे में कहना है कि आयोग के अध्यक्ष का पद संवैधानिक है और ‘‘मुझे न्यायाधीशों की तरह प्रतिक्रिया देना अनिवार्य नहीं है.’’ लेकिन वे यह जुमला जोडऩा नहीं भूलते कि मामला ‘‘अदालत में विचाराधीन है.’’ इस मसले पर बातचीत आयोग के सचिव करते हैं और उनका भी नाम संयोग से अनिल कुमार यादव है.
लेकिन इस इनकार के बावजूद पहले से ही जाति विशेष को सरंक्षण देने के आरोपों से घिरी और लोकसभा चुनाव 2014 में मात खा चुकी सपा सरकार के लिए पीसीएस परीक्षा का यह विश्लेषण नया सिरदर्द देने वाला है. आयोग के कई परीक्षा परिणामों को इलाहाबाद हाइकोर्ट में चुनौती देने वाले वकील संतोष श्रीवास्तव की बात पर गौर करें, ‘‘सबसे पहला सवाल यह उठ रहा है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी में कोई 234 जातियां शामिल हैं. ऐसे में अगर सिर्फ एक जाति के लोग ओबीसी का 58 फीसदी कोटा ले जाएंगे और बाकी 230 जातियां सिर्फ 42 फीसदी हिस्सेदारी पर सिमट जाएंगी तो आरक्षण की मूल भावना का मतलब ही क्या रहेगा. कोई कितना भी मेधावी क्यों न हो, लेकिन ये नतीजे जाति विशेष की ओर नतीजों का झुकाव दिखा रहे हैं.’


पीसीएस में ओबीसी जातियां
उधर, ‘‘प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति’’ के बैनर तले पीसीएस-2011 के नतीजे के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले अवनीश कुमार पांडेय सीधे आयोग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हैं, ‘‘इलाहाबाद में लड़के-लड़कियां 10-10 साल से इस उम्मीद में तैयारी करते रहते हैं कि एक न एक दिन उनकी मेहनत रंग लाएगी. लेकिन आयोग जिस तरह से हर परीक्षा परिणाम में एकतरफा रवैया अपना रहा है, उससे छात्रों का दिल टूट रहा है और दिमाग गुस्से से उबल रहा है.’’ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ‘‘ब्राह्मी’’ सामान्य हिंदी’’ किताब के लेखक अवनीश की बात को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता. सपा के एक वरिष्ठ राज्यसभा सांसद के करीबी माने जाने वाले यादव के लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के बाद आए कुछ अन्य परीक्षा नतीजों पर गौर करें तो भी ‘‘यादववाद’’ के आरोप को बल मिलता है. पिछले साल सीधे इंटरव्यू के जरिए पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर (कंप्यूटर) के 48 पदों पर हुई भर्ती में ओबीसी के हिस्से में 58 फीसदी (यादव 42 फीसदी) और सामान्य वर्ग की श्रेणी में 23 फीसदी (ब्राह्मण 12.5 फीसदी) पद आए.
राज्य सरकार के संस्कृति निदेशालय में क्षेत्र सहायक के एक मात्र पद पर जब इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती हुई तब भी इसी जाति का अभ्यर्थी सबसे योग्य निकला. कॉमर्स प्रवक्ता पद पर जब दो भर्तियां होनी थीं तो आरक्षित और अनारक्षित दोनों पदों पर जाति विशेष के व्यक्ति का चयन हुआ. समाजशास्त्र के प्रवक्ता के लिए जब 19 पदों पर भर्तियां हुईं, तो सामान्य वर्ग की 9 सीटों में से 4 सीटें यादव जाति के खाते में चली गईं.
सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए इलाहाबाद आए गरीब परिवार के 23 वर्षीय शालिग्राम बिंद की हताश टिप्पणी देखिए, ‘‘अगर इसी तरह यादवों की भर्ती होती रही तो हम जैसे दबों-कुचलों को तो पीसीएस में बैठने का इरादा ही छोड़ देना चाहिए.’’ हिंदी साहित्य, अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र से बी.ए. करने के बाद कंपीटिशन की दुनिया में कदम रखने वाले इस अति पिछड़ा वर्ग के लड़के का पस्त हौसला आयोग की साख के संकट को और बढ़ा देता है. जौनपुर से इलाहाबाद आए 37 वर्षीय जटाशंकर मौर्य 2011 का पीसीएस मेन्स क्वालीफाइ नहीं कर पाए और अब कहते हैं, ‘‘पीसीएस का जो हुआ सो हुआ, जिन परीक्षाओं के नतीजे आने हैं, अगर उनमें भी यही नतीजा रहा तो मैं तो बरबाद हो जाऊंगा.’’
नतीजों में पक्षपात किया गया है या फिर यादव समाज के अभ्यर्थी वाकई अत्यंत मेधावी हो गए हैं, यह तो अदालतें या आयोग के कर्ताधर्ताओं का अंतःकरण की बता सकता है. लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए ऐसे परिणाम शुभ सियासी संकेत तो जरूर ही नहीं लाएंगे.

क्या कहते हैं अध्यक्ष
वहीं यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव कहते हैं, " आयोग के अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद है और मैं कोई प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य नहीं हूं. वैसे भी मामल अभी अदालत में है."
अनिल कुमार यादव

(यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव )
नीचे देखिए किन-किन जातियों के अभ्यर्थियों को मिले कितने नबंर-
यूपी पीसीएस में सामान्य श्रेणी के छात्र
यूपी पीसीएस में गैर यादव अभ्यर्थी
यूपी पीसीएस में सफल यादव
यूपी पीसीएस में अजा/जनजाति के अभ्यर्थी

News Source : http://aajtak.intoday.in/story/how-yadav-dominated-in-pcs-2011-1-768040.html
सौजन्‍य: इंडिया टुडे | उत्तर प्रदेश, 17 जून 2014 | अपडेटेड: 19:38 IST टैग्स: पीसीएस-2011| यूपी लोक सेवा आयोग| अनिल कुमार यादव| अखिलेश यादव| सपा| यादव |
पीयूष बबेले |


Breaking News जूनियर भर्ती अपडेट

Breaking News  जूनियर भर्ती अपडेट

29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Upper Primary Teacher Recruitment UP,




29334 Junior High School Teacher Aspirant Group : https://www.facebook.com/groups/uptetjnrteacher/


Facebook se Praapt, Ek Vyakti Dwara Dee Gayee Jaankaree ke Anusaar

नमस्कार साथियो,
जूनियर भर्ती अपडेट,,29 हजार 334  जूनियर में विज्ञान गणित अध्यापको की भर्ती के सम्बन्ध जो न्याय विभाग से अनुमति मांगी गयी थी, न्याय विभाग ने इस भर्ती को शैक्षिक गुणांक के आधार पर करने को हरी झंडी दे दी है, अत: एक दो दिन में इस सम्बन्धशासन से दिशा-निर्देश जारी करने के संकेत प्राप्त हुए है, जल्द ही जूनियर कि भर्ती शुरू हो जायेगी,

सूचना देवेन्द्र यादव से फोन पर वार्ताके आधार पर,, 
धन्यवादजय हो,,
आपका ललित शर्मा,



News kee confirmation ke liye kal tak wait karen, News papers mein agar aisee koee khabar aatee hai to pushti ho jayegeee

Shiksha Mitra Highcourt Matter : शिक्षा मित्र और हाई कोर्ट मामला

Shiksha Mitra Highcourt Matter : शिक्षा मित्र और हाई कोर्ट मामला

टी ई टी मामलों से जुड़े श्याम देव मिश्रा जी ने  जब ये आर्टिकल फेसबुक पर डाला तो हमने भी देखने की कोशिश की क्या है ये हाई कोर्ट का मामला  :- 

एक रिज़र्व जजमेंट ने शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण पूरा करवा दिया, अब क्या दूसरा पेंडिंग या रिज़र्व जजमेंट नियुक्ति दिलवा देगा ? क्या यह न्याय है या परदे के पीछे का खेल? अगर खेल हैं तो इस खेल के खिलाडी कौन-कौन ? कहीं दिखावे की नूराकुश्ती तो नहीं? कोई सच्ची का मुकदमा करके मामले में न्याय न करवा दे, इसलिए एक झूठमूठ के मुक़दमे का नाटक और अपनी मर्जी के दिखावे के आदेश का नाटक, ताकि पब्लिक सोचे, मामला तो कोर्ट में है ही, सरकार तो आदेश के अधीन है ही और इसी धोखे में सच्चा मुकदमा हो ही न ! अगर इनकी ट्रेनिंग दूध की धुली थी तो आजतक 28004/2011 में निर्णय क्यों नहीं आया? किस निर्णय या आदेश ने कब इन्हे ठेके पर गैर-रोजगारपरक सामुदायिक सेवा दे रहे स्थानीय युवाओं के स्थान पर अप्रशिक्षित अध्यापक का दर्जा दिया ?
 168000 पदों पर सेंधमारी है भाई ये तो ! इनमे तो बहुतेरे सिर्फ पहुँच का लाभ उठा कर पैतीस सौ रुपये के मानदेय सुनिश्चित करने में कामयाब होने वाले लड़के थे, इस से कौन इंकार करेगा ? क्या ये सरकारी वेतन पर राजनैतिक कैडर खड़ा करने की कोशिश नहीं है?
 क्या आप इस पोस्ट को शिक्षामित्रों के मामले से जोड़कर देख रहे हैं? 
मर्ज़ी आपकी !!
*********************

28004/2011High Court Case Details : -

****
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 39

Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011

Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,Mohd. Ali Ausaf,R.A.Akhtar

Hon'ble Dilip Gupta,J.
List this petition with connected matters for further hearing.
Order Date :- 6.7.2012
GS 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1939932

****
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 33

Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011

Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,Mohd. Ali Ausaf,R.A.Akhtar

Hon'ble Dilip Gupta,J.
Heard learned counsel for the parties.
Judgment reserved.
Order Date :- 14.10.2011

SK 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1472697

 ***


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 18

Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011

Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,R.A.Akhtar

Hon'ble Krishna Murari,J.
Heard learned counsel for the petitioners, learned Standing Counsel for respondent no. 1 & 2, Sri K.S. Kushwaha for respondent no. 3.
Challenge in this petition has been made to the order dated 14.1.2011 issued by the National Council for Teachers Education according approval to the proposal of the State Government for conducting elementary teacher education programme of two years duration through open and distance learning mode for training of untrained graduate 'Shiksha Mitra' appointed by the State Government in elementary schools subject to the conditions mentioned therein.
Sri Ashok Khare, Senior Advocate assisted by Sri Siddharth Khare contends on behalf of the petitioners that the impugned order is based upon a wrong assumption that 'Shiksha Mitra' are untrained teachers as their engagement is under a scheme notified by the Government Order dated 26.5.1999 as modified from time to time and is purely contractual in nature and for one academic session. With reference to the provision of Section 23(1) of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 providing for qualification for appointment and terms & conditions of service of teachers and notification dated 23.8.2010 issued by the National Council for Teachers Education thereunder specifying minimum qualifications required to be possessed by Assistant Teachers teaching in class I to VIII, it has been urged that since the prescribed minimum qualifications for engagement of 'Shiksha Mitra' is only intermediate certificate examination, the persons so engaged do not conform to the minimum qualifications prescribed for Assistant Teachers and thus they are being wrongly and illegally considered as untrained teachers entitled to undergo training programme. It has further been submitted that after enforcement of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 training certificate is essential qualification under Rule 8 and there does not exist any provision for appointment of untrained teachers in any institution run by the Board of Basic Education and thus the appointment of 'Shiksha Mitra' is de hors the rules and they cannot be be treated to be legally appointed untrained teachers so as to undergo training. Reliance in support of the contention has been placed upon a Division Bench judgment dated 17.12.2008 in special appeal no. 10 of 2010 wherein while considering a similar scheme for imparting teachers training to untrained teachers in privately managed recognized institutions, it has been held that Assistant Teachers appointed after enforcement of U.P. Recognized Basic Schools (Recruitment and Conditions of Service of Teachers & others) Conditions Rules, 1975 and U.P. Recognized Basic Schools (Junior High Schools) (Recruitment & Conditions of Service of Teachers) Rules, 1978 in violation of provision thereof and without possessing training qualification cannot be permitted to undergo training. It is next contended that since the provisions of U.P. Public Service (Reservation for S.C., S.T & O.B.C.) Act, 1994 are not applicable in the scheme of appointment of 'Shiksha Mitra', imparting training and their subsequent appointment shall violate the reservation policy. It has further been submitted that under the scheme of appointment of 'Shiksha Mitra', eligibility is restricted to candidates belonging to the village where the educational institution is situated or to the concerned Nyay Panchayat and their selection is not on the basis of open general competition but limited to a localised section and preference being given to such persons for training depriving the petitioners and other similarly situated persons from participating in open general competition would be discriminatory.
Learned Standing Counsel for State respondents and Sri K.S. Kushwaha for respondent no. 3 when called upon only sought time to file counter affidavit.
As prayed they may file counter affidavit within six weeks. Learned Standing Counsel shall also produce the policy framed by State Government.
Sri R.A.Akhtar who has accepted notice on behalf of respondent no. 4 is not present even though the case has been taken up in the revised list. He may also file counter affidavit within the same period.
Petitioners will have three weeks thereafter for filing rejoinder affidavit.
List after expiry of the aforesaid period.
Since prima-facie from a conjoint reading of National Council for Teachers Education Act and the regulations framed thereunder, provision of U.P. Basic Education Act and the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, it appears that the training is permissible only in cases of validly and legally appointed untrained teachers and the impugned approval dated 14.1.2011 for training of 'Shiksha Mitra' proceeds upon an erroneous assumption that they are legally appointed untrained teachers, the petitioners are entitled to interim order.
Further in view of serious ramification of the consequences of the impugned approval and the impact on very large number of candidates, also it would be appropriate to pass an interim order.
Until further orders of this Court, effect and operation of the impugned approval order dated 14.1.2011 passed by the National Council for Teacher Education, New Delhi (Annexure No. 14 to the writ petition) shall remain stayed.
Order Date :- 18.5.2011
nd

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1251898


शिक्षा मित्रो का समायोजन और टी ई टी बाधा

शिक्षा मित्रो का समायोजन और टी ई टी बाधा




 UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
UPTET PASS GIRL CANDIDATE can JOIN THIS GROUP : https://www.facebook.com/groups/uptetgirlsgroup/

UPTET PASS CANDIDATE can JOIN this GROUP :https://www.facebook.com/groups/uptetteachersgroup


29334 Junior High School Teacher Aspirant Group : https://www.facebook.com/groups/uptetjnrteacher/


Shiksha Mitra News Samayojan, Shiksha Mitra, BTC, Vishist BTC, UPTET, NCTE,

शिक्षा मित्रों के समायोजन के साथ आजकल फेसबुक पर टी ई टी पास लोगों अपने को छला हुआ महसूस कर रहे हैं -

आखिर शिक्षा टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण करने से भय क्यों है , जो खुद शिक्षक बनने की जरूरी परीक्षा से कतरा रहे हैं ,
वह कैसे गुणवत्ता परक शिक्षा देंगे ।
जो शिक्षा मित्र टी ई टी परीक्षा पास कर चुके हैं , उनके लिए जरूर कुछ अच्छा किया जाना चाहिए । जिस से अन्य शिक्षा मित्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिले और वह भी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण कर सकें और गुणवत्ता परक शिक्षा देने की क्षमता का विकास कर सकें


बी टी सी 2004 और 2007 -08 का बेच सालों से भर्ती का इन्तजार कर रहा है लेकिन अभी भी लटके हुए हैं । और बी टी सी करने के बाद बी टी सी धारियों
को टी ई टी जरूरी बताया गया और बेचारे शिक्षक बनने से वंचित हो गए

बी एड और टी ई टी उत्तीर्ण लाखों लोगो  भी 2011 से अपनी भर्ती के इन्तजार में अवसाद ग्रस्त हैं



आज टी ई टी  की अच्छी जानकारी रखने वाले श्याम देव मिश्रा जी ने यह बातें कही :



एक रिज़र्व जजमेंट ने शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण पूरा करवा दिया, अब क्या दूसरा पेंडिंग या रिज़र्व जजमेंट नियुक्ति दिलवा देगा ? क्या यह न्याय है या परदे के पीछे का खेल? अगर खेल हैं तो इस खेल के खिलाडी कौन-कौन ? कहीं दिखावे की नूराकुश्ती तो नहीं? कोई सच्ची का मुकदमा करके मामले में न्याय न करवा दे, इसलिए एक झूठमूठ के मुक़दमे का नाटक और अपनी मर्जी के दिखावे के आदेश का नाटक, ताकि पब्लिक सोचे, मामला तो कोर्ट में है ही, सरकार तो आदेश के अधीन है ही और इसी धोखे में सच्चा मुकदमा हो ही न ! अगर इनकी ट्रेनिंग दूध की धुली थी तो आजतक 28004/2011 में निर्णय क्यों नहीं आया? किस निर्णय या आदेश ने कब इन्हे ठेके पर गैर-रोजगारपरक सामुदायिक सेवा दे रहे स्थानीय युवाओं के स्थान पर अप्रशिक्षित अध्यापक का दर्जा दिया ? 168000 पदों पर सेंधमारी है भाई ये तो ! इनमे तो बहुतेरे सिर्फ पहुँच का लाभ उठा कर पैतीस सौ रुपये के मानदेय सुनिश्चित करने में कामयाब होने वाले लड़के थे, इस से कौन इंकार करेगा ? क्या ये सरकारी वेतन पर राजनैतिक कैडर खड़ा करने की कोशिश नहीं है? क्या आप इस पोस्ट को शिक्षामित्रों के मामले से जोड़कर देख रहे हैं? 
मर्ज़ी आपकी !!



ब्रजेश मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने टी ई टी व शिक्षा मित्रों के सम्बन्ध में आर टी आई द्वारा निम्न जानकारी ली गयी :-

जिसमें बताया गया है कि शिक्षा मित्रों के लिए भी टी ई टी जरूरी है
देखिए :-


ब्रजेश मिश्रा जी के प्रश्न -


ब्रजेश मिश्रा जी को प्राप्त उत्तर -




राजस्थान सरकार ने भी अपनी वेबसाइट पर लिखा है , कि शिक्षा मित्रों को टी ई टी से कोई छूट नहीं दी गयी है ,
देखिए  : -


Source : http://examrtet.rajasthan.gov.in/Documents/Vigyapti-RTET-2013.pdf