UPTET SARKARI
NAUKRI News :
MALE FEMALE RESERVATION IN 72825 TEACHER JOBS
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KYA BHRTEE KEE ANTIM STAGE PAR MALE FEMALE RESERVATION JAISE MUDDE AANE CHAHIYE,
SUNA HAI KI KUCH LOG COURT MEIN AB MALE FEMALE RESERVATION MUDDE PAR WRIT DAALNE MEIN LAGE HAIN,
BHRTEE KE VIGYAPAN KO 3 SAAL HONE KO AA RAHE HAIN, AUR AB EK NAYA SHIGUFAA
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BATAATE CHALEN KEE SUPREME COURT NE 2005 MEIN BHEE PRIMARY TEACHING MEIN 50% MALE FEMALE RESERVATION KO SAHEE MAANA THAA
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KAYEE RAJYON MEIN GRAM PRDHANO MEIN MAHILA RESERVATION HAI
KHUD PARLIAMENT MEIN BHEE MP SEATS KE LIYE FEMALE RESERVATION CHARCHA HAI
AISA RESERVATION KUCH AUR STATES MEIN BHEE HAI , SEE :-
Reservation of 30% of posts provided for the women under the Tamil Nadu
State and Subordinate Services Rules is a constitutionally valid.
W.P.No.18399 of 2008( High Court of Madras
IMPORTANT POINT :->
The insertion of clause (3) of Article 15 in relation to women is recognition of the fact that for
centuries, women of this country have been socially and economically handicapped. As a
result, they are unable to participate in the socio-economic activities of the nation on a footing
of equality. It is in order to eliminate this socio-economic backwardness of women and to
empower them in a manner that would bring about effective equality between men and women
that Article 15(3) is placed in Article 15. Its object is to strengthen and improve the status of
women. An important limb of this concept of gender equality is creating job opportunities for
women. To say that under Article 15(3), job opportunities for women cannot be created would
be to cut at the very root of the underlying inspiration behind this article. Making special provisions
for women in respect of employment or posts under the State is an integral part of Article
15(3). This power conferred under Article 15(3), is not whittled down in any manner by Article
16.
Case relating to Reservation:
Parties :
G. Vijayaraghavan Versus The State of Tamil Nadu, rep. by its Secretary, Personnel
and Administrative Reforms Department & Another
Court :
High Court of Judicature at Madras
Case No :
W.P.No.18399 of 2008
Judges:
THE HONOURABLE CHIEF JUSTICE MR. H.L. GOKHALE & THE HONOURABLE MR.
JUSTICE D. MURUGESAN
Appearing Advocates :
For the Petitioner: N. Subramaniyan, Advocate. For the Respondents:
R1, P.S. Raman, Addl. Advocate General assisted by D. Sreenivasan, R2, Niraimathi,
Advocates.
Date of Judgment :
23-07-2009
Head Note :-
Constitution of India - Article 14, 15, 16, 226 – Service - Tamil Nadu State and Subordinate
Services Rules - Rule 21 - Whether the reservation of 30% of posts provided for the women
under the Tamil Nadu State and Subordinate Services Rules is a constitutionally valid reservation
- The provision for reservation contained in Rule 21 of the Tamil Nadu State and Subordinate
Services Rules is very much in consonance with Article 15(3), and it cannot be said to be in any
way violative of Article 16(2) of the Constitution of India - The relevant Rule viz., Rule 21 of the
Tamil Nadu State and Subordinate Services Rules is fully constitutional. The petition is,
therefore, dismissed.
Para 18 to 20
Cases Referred:
1.
Indra Sawhney v. Union of India, 1992 Supp (3) SCC 217
2.
Government of A.P. Vs. P.B. Vijayakumar, (1995) 4 SCC 520
3.
Union of India Vs. K.P. Prabhakaran, (1997) 11 SCC 638
4.
Vijaya Lakshmi Vs. Punjab University (2003) 8 SCC 440
5.
Ewanlangki-E-Rymbai Vs. Jaintia Hills District Council (2006)4 SCC 748
6.
Ashoka Kumar Thakur Vs. Union of India 2008 (6) SCC 1
Comparative Citations:
2009 (4) LW 140, 2009 (6) MLJ 393
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Ab Social Media par Ek Member Punit Tiwari ji Kee Baat Bhee Dekhe Leejiye ( Post inkee female reservation ke against hai) :-
Puneet
Tiwari प्राथमिक शिक्षक भर्ती में महिला-पुरुष वर्गीकरण। संविधान के
अनुच्छेद 309 के अनुपालन के साथ प्राथमिक शिक्षक भर्ती में नियमवली में रुल
बनाकर महिला कोटा दिया जा सकता है । इसके साथ अनारक्षित रिक्ति में
वर्गीकरण संभव नहीं है अतः पुरुषों के समान चयन की योग्यता होने पर महिलाओं
को पचास फीसदी पदों तक अधिकतम तरजीह दी जा सकती है। आन्ध्र प्रदेश सरकार
ने OBC/SC में महिला कोटा निर्धारित किया है। उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण
के लिए चयन हेतु नियमावली 1981 के रुल 14(2) में महिला-पुरुष एवं कला
विज्ञान में रिक्तियों को 50-50 फीसदी पदों के हिसाब से वर्गीकरण है।
नियुक्ति प्रक्रिया में कोई वर्गीकरण नहीं है तथा BSA द्वारा नियमावली 1981
के रूल 14(4) के तहत योग्यता निर्धारित करते हुये नियुक्ति प्रदान की जाती
है। RTE लागू होने के बाद नियमावली 1981 के रूल 14(3) पर 12वां संशोधन
करते हुये दिनांक 09 नवम्बर 2011 को नियुक्ति हेतु टीईटी मेरिट बनी। 30
नवम्बर 2011 को 72825 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ परन्तु आर्टिकल 14
के उलंघन में फंसने के कारण 20 दिसम्बर 2011 को संशोधित विज्ञप्ति जारी
हुयी। 4 जनवरी 2012 को पुनः स्थगन लग गया । सरकार ने दिनांक 31-08-2012 को
रूल 14(3) पर 15वां संशोधन किया। नियमवली 1981 के तहत गवर्न न होने के आरोप
में तथा चयन परीक्षा में धांधली के आरोप सहित ट्रेनी टीचर का विज्ञापन
होने के कारण ओल्ड ऐड सरकार ने वापस लिया तथा 7 दिसम्बर 2012 को न्यू ऐड
जारी किया तथा उसपर 4 फ़रवरी को स्थगन लग गया। डिवीज़न बेंच ने दिनांक 20
नवम्बर 2013 को ओल्ड ऐड को नियमावली 1981 के अधीन नियुक्ति का विज्ञापन
मानकर बहाल कर दिया तथा रूल 14(3) पर हुये संशोधन 15 को कई विश्वविद्यालय
की अलग-अलग मूल्यांकन प्रणाली के कारण संविधान के अनुच्छेद 14 का उलंघन
मानकर अल्ट्रा वायरस कर दिया। जबकि ओल्ड ऐड जब नियुक्ति का ठहराया गया तो
फिर उसपर नियमावली 1981 का 14(2) जो कि वर्गीकरण को प्रशिक्षण चयन हेतु
विस्थापित करता है लागू नहीं होगा तथा साथ ही जब अमेंडमेंट 15 अल्ट्रा
वायरस है तो यह भी समानता का उलंघन करता है। इस प्रकार यदि मातृत्व गुण की
बात की जाये तो जो पुरुष चयनित नहीं हैं उनके समान योग्यता रखने वाली
महिलायें तो चयनित हो सकती हैं परन्तु जो पुरुष चयनित नहीं हैं उनसे कम अंक
प्राप्त करने वाली महिलायें बिना अपने से अधिक प्राप्त किए पुरुषों के
चयनित होने से पहले चयन नहीं प्राप्त कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त टीईटी
परीक्षा जिसके आधार पर चयन सूची निर्मित है वह परीक्षा भी एक समान थी अतः
अलग-अलग मेरिट बनाने का सवाल ही नहीं उठता है। शिक्षामित्रों को उत्तर
प्रदेश सरकार समायोजित कर रही है इसके बावजूद यदि न भी समायोजित करती फिर
भी उनको कोटा प्राप्त करने का अधिकार नियुक्ति प्रक्रिया के तहत संभव नहीं
है।