Saturday, December 27, 2014

UPTET SARKARI NAUKRI News अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षक तैनाती के नियम तय

UPTET SARKARI NAUKRI News
अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षक तैनाती के नियम तय
पात्र शिक्षकों की कई स्तरों पर होगी परीक्षा
प्रदेश के हर जिले में चुने जाएंगे 15 शिक्षक, 20 से चयन प्रक्रिया




लखनऊ प्रमुख संवाददाता
सरकारी प्राइमरी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों की तैनाती के नियम तय कर दिए गए हैं। हर जिले में 15 शिक्षक चुने जाएंगे। इसके लिए पात्र शिक्षकों की कई स्तरों की परीक्षा होगी। चयन की प्रक्रिया 20 जनवरी, 2015 तक पूरी की जानी है।इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निदेश भेज दिए हैं।
राज्य सरकार नए सत्र से हर जिले में दो अंग्रेजी माध्यम स्कूल (एक ग्रामीण व एक नगर क्षेत्र)चलाने जा रही है। इसके लिए शिक्षकों की भर्ती अलग से नहीं की जाएगी बल्कि पहले से भर्ती शिक्षकों को ही तैनात किया जाएगा।
कक्षा 1 से 3 तक कक्षाओं में पूरी तरह से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाएगा जबकि कक्षा 4-5 व दोनों भाषाओं में पढ़ाया जाएगा ताकि विद्याथियों को अंग्रेजी में चीजें समझ आ सकें। अंग्रेजी विषय के साथ पढ़ने वाले ही पात्र-प्रधानाध्यापक पद के लिए प्राइमरी के ऐसे प्रधानाध्यापक या जूनियर स्कूल के ऐसे शिक्षक पात्र होंगे जिन्होंने न्यूनतम इंटरमीडिएट स्तर तक अंग्रेजी विषय लिया हो और इस माध्यम से पढ़ा सके। वहीं सहायक अध्यापक के पद के लिए प्राइमरी स्कूल के इंटरमीडिएट तक अंग्रेजी भाषा की शिक्षा प्राप्त शिक्षक पात्र होंगे। लेकिन हर स्कूल में ऐसा एक अध्यापक जरूर होगा जो स्नातक स्तर तक अंग्रेजी विषय के साथ पढ़ा हो। लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और कौशल परीक्षण भी- चयन के लिए पहले लिखित परीक्षा होगी जो 50 अंकों की होगी। इसके बाद 50 अंकों का साक्षात्कार लिया जाएगा। इसके अलावा 50 अंकों में शिक्षकों के कौशल का परीक्षण होगा। मसलन अंग्रेजी भाषा में बोलने-चालने के तरीके पर 10 अंक, पाठय़क्रम के संबंध में ज्ञान के 10 अंक, कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के 20 अंक और व्यक्तित्व परीक्षण पर 10 अंक दिए जाएंगे
हर जिले में 15 अध्यापक- हर जिले में 15 अध्यापकों का चयन किया जाएगा जिनमें से 3 प्रधानाचार्य के पद के लिए पात्र होने चाहिए। हर स्कूल में 5-5 अध्यापकों की तैनाती की जाएगी जिनमें एक प्रधानाचार्य होगा। 5 अध्यापकों का एक पैनल रिजर्व में रखा जाएगा जिन्हें आवश्यकतानुसार इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा।



Friday, December 26, 2014

Movie PK Review And Controversy

AAMIR KHAN KEE FILM - PK VIVAADON MEIN GHIREE
AAMIR KHAN'S MOVIE PK CREATES CONTROVERSY , AND PEOPLE ARE SAYING IT HURTS AND TARGETS ON HINDU RELIGIOUS SENTIMENT
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जो लोग डरते है वो मंदिर जाते है - अमीर खान
जो लोग जादा डरते है
दिन में पाच - पाच बार मस्जिद जाते है।

जय श्रीराम
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जिसको गलत लगा वो पहले आमिर खान को समझाएं
Give Respect - Take Respect

‪#‎DO_NOT_INSULT_HINDUS‬
सेकुलरिस्म का मतलब हिन्दुओं का अपमान करना नहीं है- MIND IT
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फिल्म के डायलॉग "जो डरता है, वो मंदिर जाता है" का भी जिक्र FIR में किया गया है.


FIR Mein yeh Bhee Kaha Gaya Hai - फिल्‍म्‍ा में जानबूझ कर भगवान शिव को गलत तरीके से दर्शाया गया है

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 Aamir in PK: Jo darta hai woh mandir jaata hai.
Aamir went to Haj in 2012. Would he dare use the same language for Haj. ‪#‎BoycottPK‬


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If you don't like PK don't watch it: Aamir Khan

 

AAP chief Arvind Kejriwal watches Aamir Khan’s ‘PK’, gives it excellent rating

 “Just watched PK. Excellent movie. Congrats @aamir_khan for handling such a delicate subject so beautifully,” Kejriwal tweeted.

Kejriwal, along with some 25-30 people, which included AAP leaders, watched the movie at a theatre in Sahibabad, party sources said. 

आमिर की 'पीके' को टैक्स-फ्री करने की मांग


 

आमिर खान स्टारर फिल्म 'पीके' के टिकट को लेकर सोशल नेटवर्किंग पर जोक्स काफी पॉपुलर हुए हैं। बढ़े टिकट के प्राइस से लोग खासे नाराज भी दिखे। बढ़ते टिकट का असर बॉक्स ऑफिस के कलेक्शन पर भी देखने को मिला, लेकिन अब शायद टैक्स फ्री हो जाने से पीके घर-घर तक पहुंच पाए। आमिर खान और राजू हिरानी ने सरकार से अपनी फिल्म 'पीके' को भारत के सभी राज्यों में टैक्स फ्री बनाने की मांग की है।
गौरतलब है कि फिल्म को ज्यादातर समीक्षकों ने बेहतरीन रिव्यू दिया है। फिल्म सोसायटी में एक अच्छा मैसेज देती है, जिस वजह से डायरेक्टर ने फिल्म के टैक्स फ्री होने की डिमांड की है। रिलीज के पहले ही दिन इस फिल्म ने 26. 63 करोड़ का बिजनेस किया था। इसके बाद उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में बढ़त होती चली गई। यह फिल्म सीनियर पुलिस ऑफिसर की टीम समेत कई वर्ग के लोगों को दिखाई गई है। सचिन तेंदुलकर ने भी 'पीके' को आमिर खान की सबसे बेस्ट मूवी कहा है।
फिल्म के निर्माता विनोद चोपड़ा के अनुसार, 'फिल्म आज के मौजूदा हालात में सटीक बैठती है। फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक मजबूत सोशल मेसेज भी देती है। फिल्म देश भर के लोगों तक पहुंचनी चाहिए इसलिए हमने टैक्स फ्री की मांग की है

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पहले कंट्रोवर्सीज अब FIR ये है PK का नया रिकॉर्ड

 अगर आप समझते हैं कि आमिर खान और अनुष्को शर्मा स्टारर फिल्म PK ने अपनी कमाई को लेकर ही रिकॉर्ड बनाया है तो ऐसा नहीं है. इस फिल्म ने कंट्रोवर्सीज और लीगल मामलों में उलझने का भी रिकॉर्ड बनाना स्टार्ट कर दिया है
फिल्म के अगेंस्ट रिलीजियस इमोशंस को हर्ट करने का लीगल केस बन गया है. पुलिस ने फिल्म के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर्स के अगेंस्ट फिल्म सेक्शन 153 A, इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 295 A के अंडर एफआईआर रजिस्टर की है.

यह FIR हिंदू लीगल सेल के सेकेरेट्री प्रशांत पटेल ने फिल्म पीके के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी, एक्टर आमिर खान, प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर के अगेंस्ट फाइल की है. FIR में कहा गया है कि फिल्‍म में डेलिब्रेटली लॉर्ड शिव को निगेटिव वे में प्रेजेंट किया गया है. वहीं फिल्म के डायलॉग "जो डरता है, वो मंदिर जाता है" का भी जिक्र FIR में किया गया है.

बात सिर्फ FIR तक ही नहीं है लोगों ने ट्विटर पर भी रिलीजियस इमोशंस को हर्ट करने के एलिगेशन लगाते हुए कमेंट करना स्टार्ट कर दिया. जिसके चलते ट्विटर पर #BoycottPK ट्रेंड कर रहा है जिस पर लोग रिएक्शन दे रहे हैं और अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं. लोगों को लग रहा है कि फिल्म में हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया गया है. लोगों का आब्जेक्शन इस बात पर भी है कि इस फिल्म में एक इंडियन हिंदू गर्ल को पाकिस्तानी मुस्लिम ब्वॉय के साथ रिलेशनशिप में दिखाया गया है.




AAMIR KHAN :-> फिल्म में बोले गए डायलॉग 'जो डरता है, वो मंदिर जाता है' का भी उल्लेख किया गया है

'पीके' को लेकर आमिर खान सहित 4 पर मामला दर्ज

  • अश्लील पोस्टर के बाद धार्मिक भावनाओं को लेकर मामला दर्ज
  • फिल्म में बोले गए डायलॉग 'जो डरता है, वो मंदिर जाता है' का भी उल्लेख किया गया है
  • यह प्राथमिकी हिंदू कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव प्रशांत पटेल की ओर से फिल्म पीके के निर्देशक राजकुमार हिरानी, आमिर खान, निर्माता विधु विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर के खिलाफ दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि फिल्‍म्‍ा में जानबूझ कर भगवान शिव को गलत तरीके से दर्शाया गया है
  • इससे पहले फिल्म के पोस्‍टर पर आमिर खान के ट्रांजिस्टर लिए न्यूड फोटो पर विवाद हो चुका है। पोस्टर पर अश्लीलता को लेकर मामला दर्ज कराया गया था।

आमिर खान की PK पर पंजाब में बवाल

डियर आमिर खान- क्या आप हाल के मुस्लिम मुद्दों पर भी मूवी बनाएंगे या फिर केवल हिंदुओं पर-tarun‏@dreamthatworks


MOVIE PK REVIEW AND CONTROVERSY

Movie PK Review And Controversy

AAMIR KHAN NE PK MOVIE MEIN MESSAGE DIYA KEE MANDIRON PAR KATAKSH KIYAA,
AUR IS SE HINDU VADEE SAMARTHAKON MEIN ROSH HAI.

FIR BHEE DARJ HO CHUKEE HAI.

YE FILM SHURU SE HEE VIVADON MEIN RAHEE. PEHLE MOVIE PK KE POSTER KO LEKAR VIVAAD THAA.

AB HINDU DHARMIK AASTHAON PAR CHOT PAHNICHANE KAA VIVAAD HAI.


EK VYAKTI NE APNE COMMENT MEIN LIKHAA :-
जरा सोचिये यदि भगवान को 1 लोटा दूध (कीमत २० रु. ) न चढ़ा के हम 1 गरीब का पेट भर सकते है तो पीके फ़िल्म (टिकट 200रु.) को थिएटर में न देख के हम कितने गरीबो का पेट भर सकते है।
‪#‎BoycottPK


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Sikhs feel offended by Amir Khan’s movie ‘PK’; Review says PK shows Sikhs in Bad Light


FILM “PK” SHOWS SIKHS IN BAD LIGHT, SIKH SENTIMENTS HURT
Note: The following is a joint perception of 2 individuals who’ve seen the film. Each person should view the film and judge for themselves.
Op Ed by: Jatinderpal Singh and Jaswinder Singh
Watched Aamir Khan’s “PK the movie” today, After watching the movie I was hurt on many instances in the movie. It has shown disgrace on all religions but I will talk about Sikhism. Some of the noted points were:
1. They have shown an Old Sikh men begging for money by telling a lie to feed dinner for his wife in Hotel Lalit (five star) on their Marrige anniversary, though he asked for money in a style to return it back because he was short of money at that time, but this step was taken to disgrace Sikh community which was merely found begging. The image portrayted in this scene clearly shows a Sikh in bad light in the form of a petty beggar.
2. They have shown one sikh person with open hairs as Hindu Pandit (in this scene all religion people changes their dress, hindu became sikh, chiristian became Muslim) but it had put in disgrace to our kesh. A Sikh doesn’t walk around with open Kesh, even though it’s a film religious articles should be respected
3. In another scene sequel to point 2 above, they have deturbaned hindu who was in Sikhi saroop and said all are equal, they said sikh “se pagdi utar gai ban gae muslim, dhadi utar gai ban gae hindu, sab barabar hai)” they have shown disgrace to turban.
This is the Point Which surpassed anything I had ever seen which beyond hurt my sentiments
4. In another scene, a Sikh student boy in patka going to give exam bow his body (pura let ke ek pathar ke aage matha tekta).
Disgracing principles of sikhi- sikh murtipujan nai karde. In this particular scene here’s what happens: Amir Khan spits on a random rock and puts down a few coins of money and he says watch how my investment will more then double in 15 minutes. Immediately following this, A Sikh boy is shown laying down and does matha tek to this random rock with spit from Aamir Khan’s mouth. It was the height of embarrassment for me as a Sikh watching this because Sikhs don’t believe in such things. The shocking thing is that Hindu students who believe in idol worship were shown just folding their hands in front of the stone while the Sikh child was shown laying down completely and then hands folded in front of this stone like a total idiot.
Sikhs don’t pray to idols or statues of any kind and so showing a Sikh boy laying down to and doing matha tek to a rock with split is beyond hurting Sikh religious sentiments.
The above points are ones perception, one might view the film as a Bollywood Flick where anything is possible and ignore these things, but as a Sikh we need to preserve our identity. Sikhs are over protective and don’t tolerate such things because if they show such things now in future they’ll exceed their limits. The degradation occurs when film makers start to portray religious faiths in negative light. We in the Sikh faith have cherished our articles throughout history and we as a Sikh can’t watch degradation occur in front of our eyes especially our Kesh and core beliefs.

News Source : December 20, 2014 | By Sikh Siyasat Bureau
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What is in Movie :-

PK-Movie
पीके (आमिर खान) एक एलियन है, जिसे धरती पर इसलिए भेजा जाता है ताकि वो उन जैसे दिखने वाले लोगों के बारे में पता लगा सके, लेकिन धरती पर कदम रखते ही पीके का लॉकेट जिसे वो रिमोट कंट्रोल कहता है, एक आदमी चुरा लेता है। रिमोट के बिना वो अपने ग्रह से संपर्क नहीं कर पाता और रिमोट की तलाश में घूमना शुरू कर देता है। दूसरी तरफ, दिल्ली की रहने वाली जगत जननी उर्फ जग्गू (अनुष्का शर्मा) जो विदेश में रहकर पढ़ाई कर रही होती है उसे सरफराज (सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है, लेकिन उसके घरवाले तपस्वी महाराज (सौरभ शुक्ला) के कहने पर इस रिश्ते को नामंजूर कर देते हैं। तपस्वी का कहना होता है कि सरफराज जग्गू को धोखा देगा। ऐसा ही होता है और बाद में जग्गू दिल्ली लौट आती है। दिल्ली लौटकर जग्गू एक न्यूज चैनल ज्वाइन कर लेती है। इधर रिमोट की तलाश में पीके भी दिल्ली आ जाता है। जग्गू की जब पहली बार पीके से मुलाकात होती है तो उसे एक स्टोरी नजर आती है। ऐसे में वो पीके का पीछा करती है और उससे पुलिस स्टेशन में मुलाकात करती है। पीके जब अपने बारे में ये बताता है कि वो दूसरे ग्रह से आया है तो उसे यकीन नहीं होता, लेकिन बाद में पीके इस बात का यकीन दिलाने में कामयाब हो जाता है। अब अनुष्का पीके की रिमोट ढूंढने में मदद करती है। इसके बाद कहानी में कई रोमांचक मोड़ आते हैं जो आपको हंसने पर मजबूर कर देते हैं, लेकिन कहानी में क्या होता है ये तो आपको सिनेमाघरों में ही जाकर देखना होगा। 'धरती पर बड़ा कनफ्यूजन है भाई'धरती पर आकर पीके इस बात को महसूस करता है कि यहां के लोगों की सिर्फ बोली ही अलग नहीं है, बल्कि भगवान भी अलग-अलग है। यहां तक की पूजी करने का ढंग भी एक-दूसरे से जुदा है। जैसे, लोग मंदिरों में नंगे पैर जाते हैं वहीं गिरजाघरों में जूते पहनकर चले जाते हैं। पीके को इस बात का भी कनफ्यूजन रहता है कि हिंदू धर्म की विधवा सफेद साड़ी पहनती है। वहीं ईसाई धर्म की लड़की सफेद गाउन में शादी करती है। ईसाई धर्म को काई व्यक्ति मरता है तो वो ब्लैक कपड़े पहनते हैं, जबकि मुस्लिम लड़कियां आमतौर पर ब्लैक बुरका पहनती है। पीके की भाषा है मजेदार पीके जो दूसरे ग्रह का होता है भोजपुरी बोलना सीख लेता है। ऐसे में वो प्लीज को पलीज, ग्रह को गोला, मतलब को मतबल के साथ कई मजेदार लहजे में बोलता है। आमिर के मुंह से ये डायलॉग आपको मजा आएगा। पीके ने लोगों को बताया 'रॉन्ग नंबर'पीके को जब ये मालूम होता है कि धरती पर रहने वाले लोग भगवान के नाम पर तपस्वी जैसे लोगों से रॉन्ग नंबर लगा रहे हैं। यानी तपस्वी अपने स्वार्थ के लिए लोगों का इस्तेमाल कर रहा है। इतना ही नहीं, कई बार लोग बिना पूरी बात जाने परिणाम तय कर लेते हैं। ऐसे में रॉन्ग नंबर को राइट नंबर बताने के लिए वो अपने अलग ही तर्क देता है। साथ ही, अपनी बातों को उदाहरण के साथ बताता है। शानदार डायरेक्शनराजकुमार हिरानी ने एक बार फिर से साबित कर दिखाया है कि क्यों उनकी फिल्में तारीफ बटोरती हैं। उन्होंने कहानी एक ऐसे किरदार पर फोकस की है, जो भले ही दूसरे ग्रह से आया, लेकिन उसने लोगों को काफी कुछ सिखा दिया। वैसे, राजू की फिल्में हमेशा ही मैसेज देती हैं। '3 इडियट्स' ने जहां दोस्ती के साथ मां-बाप को बच्चों की इच्छा जानने का मैसेज दिया था, तो 'मुन्ना भाई' सीरीज ने लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने का संदेश दिया था। ऐसे में 'पीके' भी अपना मैसेज देने में पूरी तरह सफल रही है। कमाल की एक्टिंगफिल्म की कहानी आमिर और अनुष्का पर पूरी तरह से फोकस है। ऐसे में इन दोनों को उनकी एक्टिंग के लिए फुल मार्क्स दिए जा सकते हैं। पीके की भूमिका में आमिर खान ने अविस्मरणीय अभिनय किया है। उन्हें भोजपुरी बोलते देख ऐसा लगता नहीं कि उन्होंने इस भाषा को सीखा होगा। दूसरी तरफ, अनुष्का ने अपना किरदार पूरी ईमानदारी से निभाया है। संजय दत्त और सुशांत सिंह राजपूत के रोल छोटे जरूर थे, लेकिन दर्शकों का दिल जीतने के लिए वो काफी है। इनके साथ, सौरभ शुक्ला भी तपस्वी के रोल में फिट नजर आए है।

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आमिर खान की PK पर पंजाब में बवाल

अमृतसर: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पी.के.’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू संगठनों ने इस फिल्म को हिंदू विरोधी करार दिया है। आज रोष स्वरूप शिव सेना शेर-ए-पंजाब के कार्यकत्र्ताओं ने सूरज चंदा तारा, अल्फा वन, सैलीब्रेशन मॉल में हल्ला बोल दिया और इस फिल्म के प्रदर्शन को बंद करवाने की मांग करते हुए वहां लगे पोस्टरों को जला दिया।  शिव सैनिकों व सिनेमा मालिकों के साथ काफी गर्मागर्मी भी हुई। वहीं स्थिति को संभालने के लिए जिला पुलिस की ओर से भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। करीब 2 घंटे बाद फिल्म को फिर से शुरू करवा दिया गया।  जानकारी के अनुसार हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पी.के.’ को बंद करवाने के लिए विरोध किया जा रहा था, आज मंगलवार को जब शिव सेना शेर-ए-पंजाब के कार्यकत्र्ताओं ने सिनेमा हालों के बाहर हल्ला बोला तो एकाध सिनेमा घरों में हुई मामूली-सी झड़प को लेकर सिनेमा घरों में चल रही फिल्म पी.के को बंद करना पड़ा।  पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जहां हालत पर काबू पा लिया, वहीं पर भड़के शिव सैनिकों को फिल्म बंद करने का भरोसा देकर उन्हें वापिस भेज दिया गया। सिनेमा घरों के मालिकों ने जहां कुछ देर फिल्म को बंद करवा दिया, वहीं पर कड़ी सुरक्षा के बाद फिल्म दिखानी शुरू कर दी।  उग्र रूप धारण किए शिव सैनिकों ने अपनी भड़ास निकालते हुए सिनेमा हाल के बाहर लगे फिल्म के होॄडग जला दिए, वहीं पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए फिल्म बंद करने का भरोसा दिया।  सिनेमा घरों के मालिकों द्वारा भले ही कुछ देर तक फिल्म को बंद करवा दिया, वहीं पर पुलिस के पुख्ता प्रबंधों के बाद फिल्म को पुन: शुरू करवा दिया गया। फिल्म के पुन: शुरू होने से शिव सैनिकों में भारी रोष है।  इस उपरांत पार्टी के संयोजक ओम प्रकाश घुक व पंजाब प्रधान विवेक सागर सग्गू ने जिलाधीश रवि भगत के व्यस्त होने पर उन्होंने एस.डी.एम. राजेश शर्मा को मांग पत्र सौंपते अवगत करवाया कि उक्त फिल्म ‘पी.के.’ जो सिनेमा घरों में दिखाई जा रही है, उसमें भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हुए अपमान किया गया है और संत समाज को भी बेइज्जत किया गया है जिससे हिंदू  समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।  उन्होंने एस.डी.एम. शर्मा से बताया कि उक्त फिल्म को लेकर पंजाब के अन्य शहरों में रोष प्रदर्शन जारी हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि समय रहते उक्त फिल्म को बंद करवाने हेतु प्रशासन उचित कार्रवाई करे और फिल्म पर रोक लगाए, अन्यथा हिंदू संगठनों को फिल्म बंद करवाने के लिए संघर्ष को तेज करना पड़ेगा। 

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'PK' आमिर के समर्थकों -विरोधियों में ट्वीट वार!

डियर आमिर खान- क्या आप हाल के मुस्लिम मुद्दों पर भी मूवी बनाएंगे या फिर केवल हिंदुओं पर-tarun‏@dreamthatworks
पीके और ओह माय गॉड समान थीम पर हैं लेकिन आमिर खान को निशाना बनाया जा रहा है जबकि परेश रावल को नहीं, क्यों? क्योंकि आमिर मुस्लिम हैं और परेश हिंदू व बीजेपी सांसद?-AK4PublicMovement‏@fdi_r
मैं तब तक पीके देखने नहीं जा रहा था जब तक कि आलोचकों ने इसके बहिष्कार के लिए नहीं कहा। मस्ती भरी फिल्म है जाइए इसे देखिए-Shivam Vij ‏@DilliDurAst
कोई भी हिंदू जिसमें थोड़ा सा भी स्वाभिमान है उसे पीके नहीं देखनी चाहिए-Jayesh@jayeshdewana12
अगर आमिर खान पीके में दिए गए संदेश पर यकीन करते हैं तो वे पिछले साल हज पर क्यों गए? ऐसे उपदेश मत झाड़िए जिनका पालन खुद न करते हों-Maverick‏@boldrebellion
क्या आमिर कभी ‘शांति वाले धर्म’ का मजाक उड़ाने वाली फिल्म बनाएंगे। निश्चित रूप से नहीं क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी का खतरा है-siya♔@siyatara
संघ के लोग बॉयकॉट पीके को ट्रेंड कर रहे हैं लेकिन क्यों?-रचित सेठ‏@rachitseth
बॉयकॉट पीके को लेकर कुछ ट्वीट बताते हैं कि हम एक समाज के रूप में बिल्कुल ध्वस्त हो चुके हैं। हम कोई कितना मूर्ख हो चुका है-Nirmalya Dutta‏@nemothegreat1
ये सिर्फ एक मूवी है दोस्तो, इसे किसी की निजी जिंदगी से न जोड़ें। बड़े हो जाओ बच्चो-Darshan Khandelwal‏@Darshan2206
पीके के बहिष्कार की बात कहने वाले मूर्ख हैं। वो नहीं जानते कि किसी के अच्छे काम की तारीफ कैसे की जाती है-Jenson George‏@JENSONGEORGE143
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आमिर की PK पर केजरीवाल ने जनता से पूछे दो सवाल

फिल्म में धर्म के ठेकेदारों पर साधा गया है निशाना
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार हिरानी और आमिर खान की मौजूदा रिलीज फिल्म पीके पर लोगों से दो सवाल पूछे हैं। साथ उन्होंने पीके देखने के बारे में विचार ‌दिया है।

धार्मिक आस्था को लेकर इस शुक्रवार रिलीज हुई आमिर खान फिल्म में धर्म के ठेकेदारों पर जमकर निशाना साधा गया है। हालांकि फिल्म धर्म पर कोई गहन विमर्श नहीं करती, बल्कि विसंगतियों को पर प्रहार करते हुए खत्म हो जाती है।

आमिर खान ने इस फिल्म को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण दिया था, लेकिन अभी तक उनका फिल्म देखने को लेकर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन आप प्रमुख केजरीवाल ने ट्वीट कर इसे देखने की इच्छा जताई है।

UPTET SARKARI NAUKRI News 72825 Teacher Recruitment : 45 से 50 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भी होगी भर्ती


UPTET SARKARI NAUKRI News
72825  Teacher Recruitment : 45 से 50 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भी होगी भर्ती

जनवरी में ही प्रशिक्षु शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसम्बर को प्रदेश सरकार को टीईटी में 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले सामान्य और 65 से अधिक आरक्षितवर्ग के अभ्यर्थियों को डेढ़ महीने में नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। माना जा रहा है कि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में काउंसिलिंग कराने वाले 45 से 50 हजार के बीच अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार नियुक्ति पाने के योग्य हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई डेढ़ महीने की समय  सीमा जनवरी में समाप्त हो जाएगी। लिहाजा 31 जनवरी से पहले नियुक्ति पत्र जारी होने कीउम्मीद है



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UP Teacher Promotion : विभाग के विरुद्ध न्यायालय पहुंच शिक्षक

UP Teacher Promotion : विभाग के विरुद्ध न्यायालय पहुंच शिक्षक

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में पहुंच चुका है। शासनादेश के आधार पर पदोन्नति की जाएगी


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BHRTEE JILA SAMVARG HONE KE KAARAN BAHAR KE JILA SE TRANSFER HO KAR AAYE SHIKSHAK PADONNATI SE VANCHIT HO RAHE HAIN.
UNKEE SENIORITY/NIYUKTI NAYE JILE MEIN TRANSFER KEE DATE SE MAANEE JAA RAHEE HAI
IS PAR MUSHKIL KHADEE HO RAHEE HAI
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 कासगंज (एटा): जनपद में अंतरजनपदीय शिक्षकों को पदोन्नति प्रक्रिया में शामिल न करने के प्रकरण में वंचित रह रहे शिक्षकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने पदोन्नति प्रक्रिया को नियमित रूप से आगे बढ़ाया है।
ऐसे शिक्षक जो अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर आए हैं। उन शिक्षकों को बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा पदोन्नति प्रक्रिया का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इन दिनों पांच वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को पदोन्नत किया जा रहा है। स्थानांतरण पर गैर जनपदों से आए शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है जबकि शिक्षक इसे अपना अधिकार बताते हुए पदोन्नति किए जाने की मांग कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद पर मनमानी का आरोप लगाते हुए विरोध में कासगंज के शिक्षकों ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया है। बीते एक पखवाड़े पूर्व मामले में सुनवाई भी हो चुकी है और उच्च न्यायालय में बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं कासगंज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा है। मामले में 8 जनवरी को पुन: सुनवाई होगी।
पदोन्नति पर रोक को दिया ज्ञापन
अंतरजपदीय स्थानांतरण पर आए शिक्षकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। शिक्षकों ने कहा है कि जब तक न्यायादेश नहीं आ जाता है तब तक इस प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में दुष्यंत चौहान, सोमेंद्र राजपूत, नीरज यादव, देवेंद्र राघव, अर्चना यादव, भावना शर्मा, आमोद यादव, सरिता शाक्य, सुधा सिंह, कल्पना, पूजा, अनिल, आमोद, प्रमोद, कामना आदि शामिल हैं।

शासनादेश के आधार पर ही पदोन्नति
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में पहुंच चुका है। शासनादेश के आधार पर पदोन्नति की जाएगी

News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Fri, 26 Dec 2014 06:54 PM (IST) | Updated Date:Fri, 26 Dec 2014 06:54 PM (IST))

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Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : 11,000 अनुदेशक भर्ती जल्द, ऐसे करें आवेदन , 31 दिसंबर को जारी होगा विज्ञापन

Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : 11,000 अनुदेशक भर्ती जल्द, ऐसे करें आवेदन , 31 दिसंबर को जारी होगा विज्ञापन

 Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP, Anudeshak recruitment in UP,



बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राइमरी स्कूलों में करीब 11,000 अनुदेशकों की भर्तियां की जाएंगी। विज्ञापन 31 दिसंबर को जारी होगा और 30 जनवरी तक आवेदन लिए जाएंगे। शिक्षक भर्ती की तरह अनुदेशक भर्ती के लिए भी ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

अनुदेशकों को 7000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। जहां 100 से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे वहीं अनुदेशकों को रखा जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बृहस्पतिवार को शासनादेश जारी कर दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन पदों पर भर्तियां करेंगे और आवेदन के लिए उसी जिले का रहने वाला ही पात्र होगा।

आवेदन के लिए 1 जुलाई 2014 को न्यूनतम 21 से 40 वर्ष तक वाले ही पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को अधिकतम पांच वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी। निशक्त आवेदकों को यह छूट 15 वर्ष की होगी।

अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों को 100 व अन्य को 200 रुपये तथा निशक्तों से कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए स्टेट बैंक से ई-चालान बनवाना होगा।

भर्ती के लिए योग्यता

कला शिक्षा के लिए इंटरमीडिएट कला विषय के साथ स्नातक या ड्राइंग अथवा पेंटिंग के साथ बीए या की में विशेष उपाधि या डिप्लोमा। स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के लिए स्नातक तथा व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा या व्यायाम शिक्षा में उपाधि।

कार्य शिक्षा में कंप्यूटर शिक्षा, गृह शिल्प एवं संबंधित कला, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण तथा कृषि विषय की शिक्षा दी जाएगी। कंप्यूटर शिक्षा के लिए बीएससी इन कंप्यूटर साइंस या कंप्यूटर में ए लेवल कोर्स, गृहशिल्प व संबंधित कला के लिए गृह विज्ञान या गृह अर्थशास्त्र या घरेलू विज्ञान में स्नातक, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण के लिए बीएससी कृषि के साथ फल संरक्षण में डिप्लोमा वाले पात्र होंगे।

इसी तरह कृषि शिक्षा में बीएससी कृषि वाले आवेदन के लिए पात्र होंगे


News Sabhaar : शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014 अमर उजाला, लखनऊ Updated @ 8:48 AM IST



Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : 11,000 अनुदेशक भर्ती जल्द, ऐसे करें आवेदन , 31 दिसंबर को जारी होगा विज्ञापन

Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP : 11,000 अनुदेशक भर्ती जल्द, ऐसे करें आवेदन , 31 दिसंबर को जारी होगा विज्ञापन


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बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राइमरी स्कूलों में करीब 11,000 अनुदेशकों की भर्तियां की जाएंगी। विज्ञापन 31 दिसंबर को जारी होगा और 30 जनवरी तक आवेदन लिए जाएंगे। शिक्षक भर्ती की तरह अनुदेशक भर्ती के लिए भी ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

अनुदेशकों को 7000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। जहां 100 से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे वहीं अनुदेशकों को रखा जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बृहस्पतिवार को शासनादेश जारी कर दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन पदों पर भर्तियां करेंगे और आवेदन के लिए उसी जिले का रहने वाला ही पात्र होगा।

आवेदन के लिए 1 जुलाई 2014 को न्यूनतम 21 से 40 वर्ष तक वाले ही पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को अधिकतम पांच वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी। निशक्त आवेदकों को यह छूट 15 वर्ष की होगी।

अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों को 100 व अन्य को 200 रुपये तथा निशक्तों से कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए स्टेट बैंक से ई-चालान बनवाना होगा।

भर्ती के लिए योग्यता

कला शिक्षा के लिए इंटरमीडिएट कला विषय के साथ स्नातक या ड्राइंग अथवा पेंटिंग के साथ बीए या की में विशेष उपाधि या डिप्लोमा। स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के लिए स्नातक तथा व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा या व्यायाम शिक्षा में उपाधि।

कार्य शिक्षा में कंप्यूटर शिक्षा, गृह शिल्प एवं संबंधित कला, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण तथा कृषि विषय की शिक्षा दी जाएगी। कंप्यूटर शिक्षा के लिए बीएससी इन कंप्यूटर साइंस या कंप्यूटर में ए लेवल कोर्स, गृहशिल्प व संबंधित कला के लिए गृह विज्ञान या गृह अर्थशास्त्र या घरेलू विज्ञान में स्नातक, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण के लिए बीएससी कृषि के साथ फल संरक्षण में डिप्लोमा वाले पात्र होंगे।

इसी तरह कृषि शिक्षा में बीएससी कृषि वाले आवेदन के लिए पात्र होंगे


News Sabhaar : शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014 अमर उजाला, लखनऊ Updated @ 8:48 AM IST

UPTET NEWS :नहीं मिली नौकरी, टीईटी पास युवती ने दी जान

UPTET NEWS :नहीं मिली नौकरी, टीईटी पास युवती ने दी जान


आशियाना क्षेत्र में नौकरी न लगने से हताश टीईटी पास प्रिया द्विवेदी ने बुधवार शाम फांसी लगा जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के मुताबिक, आशियाना के एसएस कॉलोनी निवासी पुलिस से रिटायर्ड दीवान रमा शंकर द्विवेदी की बेटी प्रिया (24) टीईटी पास कर निजी स्कूल में पढ़ाती थी।

घरवालों के मुताबिक, नौकरी न मिलने से वह कई दिनों से डिप्रेशन में थी। प्रिया ने दो माह पहले से निजी स्कूल में भी पढ़ाना छोड़ दिया था। शाम चार बजे बच्चे ट्यूशन पढ़ने आए तो देखा दरवाजा खुला हुआ था।

बच्चे दरवाजा खोलकर अंदर गए तो देखा वह फंदे के सहारे लटक रही थी। यह देख बच्चों के होश उड़ गए और वह शोर मचाते घर से बाहर निकल आए। शोर सुनकर पिता छत से उतरे तो बेटी को लटका देख उसे फंदे से उतारा।

फरवरी में होनी थी शादी
सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की। एसओ सुधीर सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि युवती की शादी राजाजीपुरम निवासी युवक से फरवरी में होनी थी।

UPTET 72825 Teacher Recruitment NEWS

UPTET 72825  Teacher Recruitment NEWS


Ganesh Dixit
>>
साथियों,
हमारी न्याय समर विजय-गाथा सर्ग के अंतिम सोपान में आज लखनऊ के विधानसभा सचिवालय में आहूत मीटिंग का समापन हो चुका हे ! टी ई टी संघर्ष मोर्चा सदस्य,यथा- पवन त्रिपाठी जी,राकेश यादव,ऋषिदेव,अभिषेक मिश्र,रोहित शुक्ल आदि ने तत्पश्चात तुरंत ही बेसिक शिक्षा सचिव श्री हीरालाल गुप्ता व अतरिक्त निदेशक श्रीडी.बी.शर्मा से मुलाकात कि जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन हेतु 65%व 70% से ऊपर चयनित क्रमशः आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थीयों को 31 जनवरी से पूर्व नियुक्तिपत्र देने का आदेश अधिकारियों को दे दिया गया हे !
97 व 105 अंक से ऊपर वाले शामिल होंगे ! सम्बन्धित सविस्तार सूचना शाम तक प्रेषित कि जायेगी!

ईश्वर के साथ - साथ सभी सभी सहयोगियों का आभार !
सन्घेय शक्ति सर्वदा !
जय हिन्द जय टी ई टी ! !

GOOD NEWS FOR JRT: STAY HATNE KI UMMEED BADEE

GOOD NEWS FOR JRT: STAY HATNE KI UMMEED  BADEE


Indiver Kumar‎29334 JRT Gp - for Only Selected Candidates
>>
Hl Gupta se maanga jawab...... Kyu nai Ab tak court me lagaya jawab.....?

Ab government 7 aur 9 jan ko jawab lagane ko taiyaar.......

Print media aur electronic media ka pressure........

Government back foot par......

Jai jrt

************************

र. सविन्द्र सिंह >>

According to Indiver Kumar ......

Aaj mulayam Singh ke left hand Yadav ji ne hl Gupta ki class li...... Aur sabse pehle jrt Bharti puri karne ka order diya........ Yeh wohi Yadav ji h..... Jinhone b. Ped walo ko joining dilwayi thi
Prt se pahle hogi jrt ki joining.

January me prt jrt ka ant hoga.

Bahut hua drama

सचिव के आदेशो का बीएसए का ठेंगा

सचिव के आदेशो का बीएसए का ठेंगा

मथुरा। ठंड व शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालयों के अवकाश घोषित किए थे।

इन आदेशों का पालन अन्य जनपदों में तो होता दिख रहा है लेकिन मथुरा जनपद के बेसिक शिक्षाधिकारी ने इन आदेशों को ठेंगा दिखा दिया है। बीएसए ने बुधवार को भी परिषदीय विद्यालय खुलवाने के आदेश जारी कर दिए।

यही नहीं आदेशों के साथ ही विद्यालयों की चेकिंग भी कराई। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में शीतलहर के चलते शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव हीरालाल गुप्ता ने आदेश जारी कर 23 से 28 दिसंबर तक विद्यालयों का अवकाश घोषित किया था।

आदेश सभी सरकारी, गैर सरकारी व कॉन्वेंट विद्यालयों के लिए था जिस पर अमल करने के आदेश जिलाधिकारियों व शिक्षाधिकारियों को दिए गए थे। सचिव स्तर के आदेश के चलते कई निजी विद्यालयों ने अपना परीक्षा कार्यक्रम तक स्थगित कर दिया था। बुधवार को देखा गया कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व जूनियर विद्यालय खुले रहे। समस्त शिक्षक स्कूल पहुंचे।

यहां शिक्षकों में चर्चाऐं होती रहीं कि मुख्यमंत्री ने समस्त शिक्षा के प्रमुख सचिवों को अवकाश की घोषणा किए जाने के आदेश दिए थे। गौरतलब हो कि बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरपाल सिंह यादव ने बयान जारी कर 24 दिसंबर को शिक्षकों को विद्यालय जाने के आदेश जारी कर दिए। यही नहीं, खंड शिक्षाधिकारियों को निरीक्षण कर अनुपस्थित शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही करने तक के आदेश दे डाले।

News source : social media

Basic Shiksha UP News, Model School Recruitment in UP: प्राइमरी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों का चयन 20 तक

Basic Shiksha UP News, Model School Recruitment in UP: प्राइमरी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों का चयन 20 तक

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद नए शैक्षिक सत्र अप्रैल से जर जिला मुख्यालयों पर दो-दो मॉडल प्राइमरी स्कूलों का संचालन शुरू करने जा रहा है।

इसके लिए शिक्षकों का चयन 20 जनवरी तक हरहाल में पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में पांच शिक्षक होंगे जिसमें एक प्रधानाध्यापक होगा। शिक्षकों के चयन के लिए प्रत्येक जिलों में डायट प्राचार्यों की अध्यक्षता में समिति होगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिया है। राज्य सरकार निजी स्कूलों की तर्ज पर हर जिला मुख्यालयों पर दो-दो प्राइमरी इंग्लिश मीडियम स्कूल चलाने जा रही है।

इनमें कक्षा तीन तक इंग्लिश मीडियम और कक्षा 4 व 5 में हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यम की शिक्षा दी जाएगी। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने में सक्षम शिक्षकों का चयन मॉडल स्कूलों के लिए किया जाएगा। इसके लिए जिलेवार शिक्षकों से आवेदन लिए जाएंगे।

प्रधानाध्यापक के लिए ग्रामीण तथा नगर क्षेत्र में कार्यरत प्राथमिक विद्यालयों के ऐसे प्रधानाध्यापक व उच्च प्राइमरी के सहायक अध्यापक को पात्र माना जाएगा जिन्होंने इंटर तक इंग्लिश मीडियम में शिक्षा प्राप्त की होगी और पढ़ाने में दक्ष होंगे।
सहायक अध्यापक के लिए प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत वे शिक्षक पात्र होंगे जिन्होंने इंग्लिश मीडियम में शिक्षा प्राप्त की होगी और बच्चों को पढ़ा सकें। इसी तरह एक अध्यापक का भी चयन किया जाएगा। इसके लिए 50 अंक की लिखित व 50 अंक का साक्षात्कार होगा। डायट प्राचार्यों की अध्यक्षता में समिति होगी इसमें संबंधित जिले का बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होगा।

Rajasva Nirikshak : गणित व रिजनिंग की भी देनी होगी परीक्षा

Rajasva Nirikshak : गणित व रिजनिंग की भी देनी होगी परीक्षा

इलाहाबाद (ब्यूरो)। नए साल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा से शुरुआत होगी।

गौर करने वाली बात यह भी है कि अन्य भर्ती परीक्षाओं से अलग इसमें सामान्य अध्ययन और हिन्दी के अलावा गणित तथा तर्क शक्ति के पेपर भी होंगे।

बीपीएड अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ी



बीपीएड अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ी

Date:Thu, 25 Dec 2014

लखनऊ: प्रशिक्षित बीपीएड संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बेमियादी अनशन पर बैठ बीपीएड डिग्रीधारकों में पांच की तबीयत गुरुवार शाम बिगड़ गई। देर रात तक उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं कराई गई थी। बीपीएड डिग्रीधारक पिछले कई दिनों से स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
गुरुवार को धरना स्थल पर बीपीएड डिग्रीधारकों ने अद्र्धनग्न प्रदर्शन किया। आरोप है कि वर्ष 2010 से उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

प्रशिक्षित बीपीएड संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार में भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार आश्वासन पर धरना समाप्त करवा दिया जाता रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी वादा किया था कि सरकार बनते ही स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। सरकार बनने के बाद 21 अगस्त को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वादा किया कि उपचुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही शरीरिक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ।

प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने कहा कि 65 हजार से अधिक बीपीएड डिग्रीधारी भुखमरी की कगार पर हैं। प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक सागर कुमार सोनकर, गणेश यादव, आरएस यादव, विपिन देव व पीआर पाल की तबीयत बिगड़ गई है।

UP Teacher Promotion : पदोन्नति पर दूसरे जिलों से आए शिक्षकों को आपत्ति

UP Teacher Promotion : पदोन्नति पर दूसरे जिलों से आए शिक्षकों को आपत्ति

Date:Thu, 25 Dec 2014

जागरण संवाददाता, एटा, कासगंज: पदोन्नति प्रक्रिया में अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर आए शिक्षकों को शामिल नहीं किया जा रहा है। इससे गैर जनपदों से आए शिक्षकों ने आक्रोश जताया है। उन्होंने अपनी मांग को लेकर सपा जिलाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सूरजपाल सिंह यादव को सौंपे गए ज्ञापन में शिक्षकों ने कहा है कि अंतरजनपदीय शिक्षकों की समानता जनपद में कार्यरत तदस्थानीय वर्ग के शिक्षकों में की जानी है।

नियमावली के अनुसार शिक्षक एक स्थानीय क्षेत्र से दूसरे स्थानीय क्षेत्र में स्थानांतरित होता है तो ज्येष्ठता में उनका नाम स्थानांतरण का आदेश जारी किए जाने के दिन से स्थानीय क्षेत्र में पहुंचने वाले दिन के आधार पर रखा जाता है, लेकिन कासगंज जनपद में अंतरजनपदीय शिक्षकों के नाम सूची में नीचे दर्ज हैं। उच्च न्यायालय ने भी ऐसे ही एक प्रकरण में मूल नियुक्ति के आधार पर पदोन्नति करने का आदेश जारी किया है।

इस आदेश को ध्यान में रखते हुए अंतरजनपदीय शिक्षकों को पदोन्नति में शामिल किया जाए। अन्यथा उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश तक पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में दुष्यंत चौहान, नीरज यादव, सोमेंद्र सिंह, छोटेलाल, भूपेश सिंह, अरविंद सिंह, सुनील कुमार, रामपाल, रिंकू, प्रमोद आदि प्रमुख हैं।

स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का तरीका

स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का तरीका



लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने बच्चों की कक्षा के मुताबिक लर्निंग इंडिकेटर (संकेतक) तैयार किए हैं। शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए संकेतक से स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदलेगा। सीबीएसई ने इनके संबंध में जानकारी स्कूलों को भेजी है। यह संकेतक छात्रों के सीखने के स्तर का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण मानक हैं। इनके प्रयोग से छात्रों को सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही फीडबैक मिलता जाएगा।
एनसीईआरटी ने राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह संकेतक तैयार किए हैं। जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व कला शिक्षा शामिल है। सीबीएसई का मानना है कि यह संकेतक न केवल शिक्षकों की मदद करेंगे बल्कि छात्रों के सीखने के स्तर के विषय में अभिभावकों को भी जानकारी देंगे सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही बच्चे का लगातार फीडबैक मिलता जाएगा। सीबीएसई ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वह संकेतकों को स्कूलों में उपलब्ध कराएं या फिर प्रदर्शित करें। जिससे कि अभिभावक कक्षा के मुताबिक इन संकेतकों के माध्यम से सीखने के स्तर का पता कर सकें।
शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी

UPTET SARKARI NAUKRI NEWS :उच्च प्राइमरी में 11 हजार अनुदेशकों की होगी भर्ती

UPTET SARKARI NAUKRI NEWS :उच्च प्राइमरी में 11 हजार अनुदेशकों की होगी भर्ती

JARUREE NAHIN KI ISMEN TET PASS QUALIFICATION MAANGEE JAYE, KYUNKI
CONTRACT TEACHER JOB HAI

उच्च प्राइमरी में 11 हजार अनुदेशकों की होगी भर्ती

विज्ञापन 31 दिसंबर को और आवेदन 30 जनवरी तक
Anudeshak recruitment in UP, Anudeshak Samvida Teacher Recruitment UP,

लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राइमरी स्कूलों में करीब 11,000 अनुदेशकों की भर्तियां की जाएंगी। इसके लिए विज्ञापन 31 दिसंबर को जारी होगा और 30 जनवरी तक आवेदन लिए जाएंगे। शिक्षक भर्ती की तरह अनुदेशक भर्ती के लिए भी ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। अनुदेशकों को 7000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। जहां 100 से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे वहीं अनुदेशकों को रखा जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बृहस्पतिवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कला और व्यावसायिक शिक्षा दिलाने की व्यवस्था की है। सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशालय के प्रस्ताव पर 41,000 से अधिक अनुदेशकों की भर्ती का बजट मंजूर किया गया था।

इसमें करीब 11,000 पद रिक्त हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन पदों पर भर्तियां करेंगे और आवेदन के लिए उसी जिले का रहने वाला ही पात्र होगा। आवेदन के लिए 1 जुलाई 2014 को न्यूनतम 21 से 40 वर्ष तक वाले ही पात्र होंगे।

अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को अधिकतम पांच वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी। निशक्त आवेदकों को यह छूट 15 वर्ष की होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों को 100 व अन्य को 200 रुपये तथा निशक्तों से कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए स्टेट बैंक से ई-चालान बनवाना होगा।
भर्ती के लिए योग्यताः
कला शिक्षा के लिए इंटरमीडिएट कला विषय के साथ स्नातक या ड्राइंग अथवा पेंटिंग के साथ बीए या कीा में विशेष उपाधि या डिप्लोमा। स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के लिए स्नातक तथा व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा या व्यायाम शिक्षा में उपाधि। कार्य शिक्षा में कंप्यूटर शिक्षा, गृह शिल्प एवं संबंधित कला, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण तथा कृषि विषय की शिक्षा दी जाएगी। कंप्यूटर शिक्षा के लिए बीएससी इन कंप्यूटर साइंस या कंप्यूटर में ए लेवल कोर्स, गृहशिल्प व संबंधित कला के लिए गृह विज्ञान या गृह अर्थशास्त्र या घरेलू विज्ञान में स्नातक, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण के लिए बीएससी कृषि के साथ फल संरक्षण में डिप्लोमा वाले पात्र होंगे। इसी तरह कृषि शिक्षा में बीएससी कृषि वाले आवेदन के लिए पात्र होंगे।
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भर्ती में कब क्या
= जिलेवार विज्ञापन31 दिसंबर
= शुल्क की अंतिम तिथि27 जनवरी
= आवेदन की अंतिम तिथि30 जनवरी
= ऑनलाइन त्रुटि सुधार सकेंगे16 फरवरी
= मेरिट जारी होगी2 मार्च
= काउंसलिंग12 मार्च
= डीएम से अनुमोदन19 मार्च
= तैनाती आदेश देंगे25 मार्च
= जॉइन1 अप्रैल से

News sabhar : अमर उजाला ब्यूरो

Shiksha Mitra, Shiksha Mitra News Samayojan : शिक्षक बनने से पहले ही कट रही जेब

Shiksha Mitra, Shiksha Mitra News Samayojan : शिक्षक बनने से पहले ही कट रही जेब

Thu, 25 Dec 2014 08:10 PM (IST)

जासं,इलाहाबाद : शिक्षक बनने से पहले ही युवाओं की जेब काटी जा रही है। ऐसा माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के क्षेत्रीय कार्यालय में हो रहा है। यहां प्राइमरी शिक्षक बने शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन में 'सुविधा शुल्क' लिया जा रहा है।
प्रदेश में तकरीबन 58 हजार शिक्षा मित्रों का प्राथमिक शिक्षक के रूप में समायोजन हुआ है। नियुक्ति में तमाम बाधा पार करने के बाद प्रदेश सरकार ने अब इन शिक्षा मित्रों को वेतन देने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि जिन शिक्षा मित्रों के अभिलेखों का सत्यापन हो गया है उनका वेतन जारी किया जाए। ऐसे में हर जनपद से यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों में शैक्षिक प्रमाण पत्र जांच के लिए भेजे गए हैं।
इससे कार्यालयों में प्रमाण पत्रों का अंबार लगा है, कर्मचारी कम होने से सत्यापन का कार्य धीमा चल रहा है। ऐसे में शिक्षा मित्रों से सुविधा शुल्क लेकर पहले सत्यापन करने की बात की जा रही है। आरोप है कि प्रमाण पत्र के जल्दी सत्यापन की एवज में शिक्षामित्रों से अच्छी-खासी रकम ली जा रही है। शिक्षा मित्र खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं लेकिन आला अफसरों की चौखट पर यह शिकायत करने में पीछे नहीं हैं। क्षेत्रीय कार्यालय में आए दिन हंगामा भी हो रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद के अधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि उन तक ऐसी शिकायतें नहीं आई हैं। यह जरूर है कि स्टाफ की कमी से कार्य उस गति से नहीं हो पा रहा है, जैसा होना चाहिए। शिकायत आने पर जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी।

UTTRAKHAND MEIN AADESH JAAREE :

UTTRAKHAND MEIN AADESH JAAREE :

शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने होंगे बच्चे

देहरादून

प्रमुख संवाददाता

सरकारी स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाना होगा। शिक्षा विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं।

संयुक्त निदेशक बीएस नेगी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश पर अमल कराने को कहा है। शिक्षा विभाग ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस से मिले निर्देश पर किया है।

बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरियों की भरमार,1.32 लाख से ज्यादा सीटों पर शिक्षकों के साथ अनुदेशकों की होगी भर्ती


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लखनऊ-बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरियों की भरमार,1.32 लाख से ज्यादा सीटों पर शिक्षकों के साथ अनुदेशकों की होगी भर्ती



Info sorce : social media

Thursday, December 25, 2014

UPTET SARKARI NAUKRI News एक बड़ा सवाल - क्या अकादमिक वाली 72825 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन की फीस वापस होगी ??????



UPTET SARKARI NAUKRI News
एक बड़ा सवाल - क्या अकादमिक वाली 72825 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन की फीस वापस होगी ??????

जो लोग पुराने विज्ञापन से नियुक्ति पा लेंगे , वे तो फीस वापस मांगेगे ही

लेकिन अभी विज्ञापन अधर में है और इसके ख़ारिज होने पर अभी फैसला बाकि है , मतलब आदेश आना बाकि है ।
;हालाँकि पुराना विज्ञापन बहाल होने के साथ ही नए विज्ञापन की किस्मत डूब गयी , क्यूंकि 72825 पद वही हैं जो पुराने विज्ञापन के थे ।

अब या तो अतिरिक्त पदों का सृजन हो या फिर विज्ञापन का निरस्तीकरण

आप लोग कमेंट के माध्यम से राय  दें - की क्या फीस वापस मिलेगी और अगर मिलेगी तो कब तक ?
क्या होगा नए विज्ञापन का




UPTET 72825 Latest Breaking News Appointment / Joining Letter | Join UPTET
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बड़ा सवाल - क्या बगैर टेट वेटेज के कोई भर्ती अवैध हो सकती है ??

बड़ा सवाल - क्या बगैर टेट वेटेज के कोई भर्ती अवैध हो सकती है ??



हाई कोर्ट जज अरुण टंडन ने अपने एक निर्णय में राज्य सरकार के टेट वेटेज न देने को जायज ठहराया था

हालाँकि इसके बाद इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने टेट वेटेज को एन सी टी ई गाइड लाइंस के अनुरूप पाया था और चयन करने में
इसका ध्यान रखने की बात कही थी ।
अभी भी यह स्पष्ट रूप से क्लियर नहीं है की क्या बगैर टेट वेटेज दिए कोई भर्ती अवैध है ।
उत्तर प्रदेश में दस हज़ार बी टी सी की व् उर्दू शिक्षकों की भर्ती बगैर टेट वेटेज के हो चुकी है , और 15 हज़ार और शिक्षकों की भर्ती भी बगैर टेट वेटेज के होने जा रही है ।

के वी एस , डी एस एस एस बी , एन वी एस आदि की भर्ती भी बगैर टेट वेटेज के हो चुकी है

क्या 29334 जूनियर शिक्षक भर्ती पर कोई खतरा है ??

ब्लॉग को अभी तक इलाहबाद हाई कोर्ट या अन्य किसी न्यायलय का ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है , जिसमें बगैर टेट वेटेज के कोई भर्ती अवैध ठहराई गई है , या फिर टेट वेटेज देने का कोई निर्देश दिया गया है ।

जूनियर शिक्षक भर्ती पहले होती है तो प्राइमरी शिक्षक बनने की चाहत रखने वाले अभ्यर्थीयों को फायदा है




The State Government has decided to make selections for the post on the basis of the quality point marks obtained in various academic examinations throughout the career of the applicant concerned. If the State Government has decided not to give any weightage to the TET scores, it cannot be said that it has committed any violation of any statutory provision. The NCTE guidelines do not have any statutory force so as to over reach the power of the State Government as conferred under Section 19 of the Basic Education Act, 1972.




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 38

Case :- WRIT - A No. - 1156 of 2013

Petitioner :- Yajuvendra Singh Chanddel And Another
Respondent :- State Of U.P.And Others
Petitioner Counsel :- Kshetresh Chandra Shukla
Respondent Counsel :- C.S.C.,R.A.Akhter

Hon'ble Arun Tandon,J.
A.F.R.

Order Dated 16.01.2013
Court No. 38
Civil Misc. Writ Petition (Writ-A) No. 1156 of 2013 ? Yajuvendra Singh Chanddel and Another Vs. State of U.P. and Others.
Civil Misc. Writ Petition (Writ-A) No. 66067 of 2012 ? Shailesh Mani Tripathi and Others Vs. State of U.P. and Another.
Civil Misc. Writ Petition (Writ-A) No. 49509 of 2012 ? Rajpal Singh and Others Vs. State of U.P. And others.
Civil Misc. Writ Petition (Writ-A) No. 67740 of 2012 ? Avaneesh Kumar Yadav and Others Vs. State of U.P. and Others.

Hon'ble Arun Tandon, J.
Heard learned Counsel for the parties.
The petitioners who are stated to have obtained B.Ed. Degree after graduation and have passed TET Examination, seek a writ of Mandamus directing the respondent authorities to provide weightage to the candidates with reference to the marks obtained in TET Examination in the matter of appointment as Trainee Teachers.
The case of the petitioners is that under Section 23 of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, the Central Government was conferred a power to authorize an authority for laying down the minimum qualification for appointment as teachers in the institutions where education imparted to children including institutions with Class 1 to 5.
The Central Government in exercise of powers under Section 23 authorized National Counsel for Teachers Training (hereinafter referred to as 'the NCTE') to act as the relevant authority for laying down minimum qualification. The NCTE issued notification on 23rd August, 2010, laying down the minimum qualifications for appointment of teachers in institutions where education is imparted from Class 1 to 5 as also in institutions where education is imparted from Class 6 to 8.
This case pertains to the first category of institutions and, therefore, facts pertaining to the first category alone are being stated.
The notification dated 23rd August, 2010, provides academic qualification and passing of TET Examination as essential qualification. It has been clarified that TET Examination shall be the one which is held by the State Government as per the guidelines framed by the NCTE.
According to the petitioner, guidelines for conducting TET Examinations have been provided under the letter of the Member Secretary, N.C.T.E. dated 11th February, 2011. Clause 9, provides for the minimum marks for qualifying TET Examination as 60%. Clause 9(b) provides that the State or the appointing authority may provide weightage as per the TET Score to the candidates in the recruitment process. It is further stated that the State Government has accepted the guidelines so framed by the NCTE as is apparent from its letter dated 7th September, 2011 and therefore, the State Government has to provide weightage with reference to the TET Score of the candidates.
It is his case that the State Government, while publishing the advertisement for recruitment of Trainee Teachers, has completely ignored the Clause 9(b) of the guidelines, by not providing weightage to the TET Scores in the matter of selection of Trainee Teachers. Hence this petition.
In order to appreciate the contentions raised on behalf of the petitioners, it is necessary for this Court to examine as to what exact power was conferred upon the NCTE under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 (hereinafter, referred to as 'the Act of 2009') and for the purpose it is relevant to quote Section 23 of the Act of 2009:-
?23. Qualifications for appointment and terms and conditions of service of teachers.- (1) Any person possessing such minimum qualifications, as laid down by an academic authority authorised by the Central Government, by notification, shall be eligible for appointment as a teacher.
2.Where a State does not have adequate institutions offering course or training in teacher education, or teachers possessing minimum qualifications as laid down under sub-section (1) are not available in sufficient numbers, the Central Government may, if it deems necessary, by notification, relax the minimum qualifications required for appointment as a teacher, for such period, not exceeding five years, as may be specified in that notification :
Provided that a teacher who, at the commencement of this Act, does not possess minimum qualifications as laid down under sub-section (1), shall acquire such minimum qualification within a period of five years.
3.The salary and allowances payable to, and the terms and conditions of service of, teachers shall be such as may be prescribed.
NOTIFICATION
Ministry of Human Resource Development (Deptt. Of School Education and Literacy), Noti. No. S.O. 750(E), dt. 31.3.2010, published in the Gazette of India, Extra., Part II, Section 3(iii), dt. 5.4.2010.-In exercise of the powers conferred by sub-section (1) of Section 23 of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, the Central Government hereby authorises the National Council for Teacher Education as the academic authority to lay down the minimum qualifications for a person to be eligible as a teacher.?
From Clause 1 of Section 23 of the Act of 2009 it is clear that the academic authority, authorized by the Central Government by notification, has been conferred the sole power of laying down the minimum qualifications for appointment of teachers in the institutions, covered by the Act of 2009, and it is with reference to Section 23 of the said Act that the Ministry of Human Resource and Development, Central Government, vide notification dated 31.03.2010, declared the NCTE as academic authority to laydown minimum qualifications for the persons to be eligible for appointment as teachers.
From the simple reading of Section 23, alongwith the notification dated 31.03.2010, published in official gazette on 05.04.2010, it apparent that power of the NCTE is limited to laying down minimum qualifications and nothing beyond it. The process of recruitment and the manner of selection as Assistant Teacher in Primary Schools cannot be tinkered with by the NCTE in exercise of power of laying down minimum qualifications as flows from Section 23 of the Act of 2009.
In my opinion the NCTE, except for laying down the minimum qualifications cannot direct that any particular marks should be granted weightage or that any particular method of selection should be adopted, inasmuch as it is not within the power of the NCTE to lay down any such condition.
Laying down of the minimum qualifications for particular post does not include within its ambit the power to lay down manner of selection and for weightage etc. be provided in respect of particular qualifying examination.
This Court may record that the guidelines which have been framed by the NCTE in respect of holding of TET Examination on 11th February 2011 are to be read in that context only.
So far as Clause 9 of the Guidelines for conducting Teacher Eligibility Test (TET) are concerned, it is worthwhile to record that Clause 9(b) itself provides that TET is only one of the qualifying criteria for appointment. Clause 9 of the Guidelines reads as follows:-
?Qualifying marks
9 A person who scores 60% or more in the TET exam will be considered as TET pass. School managements (Government, local bodies, government aided and unaided)
(a) may consider giving concessions to persons belonging to SC/ST, OBC, differently abled persons, etc., in accordance with their extant reservation policy;
(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process; however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for appointment.?
It contemplates that passing of the TET Examination is only one of the eligibility criteria for appointment. The provision has to be read as a whole and in the background of the power conferred.
It is always open to the State Government, which is rule framing authority under Section 19 of the Basic Education Act, 1972, in the matter of appointment of teachers in Primary Schools to lay down the method of recruitment of Teachers as well as Trainee Teachers and while laying down such procedure for recruitment of Teachers and Trainee Teachers, the only obligation cast upon the State Governments under the Act of 2009 and the Notification of the NCTE is that the Teachers to be appointed in the institutions concerned must possess prescribed minimum qualifications and nothing beyond it.
The method of selection and the manner of selection is within the domain of the State Government the rule framing authority. In the facts of the case, the State Government under the 16th Amendment to the Rules of 1981 has provided for the appointment of Trainee Teachers. The State Government has decided to make selections for the post on the basis of the quality point marks obtained in various academic examinations throughout the career of the applicant concerned. If the State Government has decided not to give any weightage to the TET scores, it cannot be said that it has committed any violation of any statutory provision. The NCTE guidelines do not have any statutory force so as to over reach the power of the State Government as conferred under Section 19 of the Basic Education Act, 1972.
In my opinion the Rule framed by the State under Rule 19, having taken care of, the minimum qualifications prescribed by NCTE cannot be said to have violated any of the provisions of Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 or the Notification of the NCTE issued there under. There cannot be a direction to the State to adopt a particular method of selection, as has been prayed by the petitioner before this Court.
The writ petition lacks merit and is dismissed.

Order Date :- 16.1.2013
A. Verma
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RTE ACT / NCTE GUIDELINES FOR TET TEACHERS