स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का तरीका
लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने बच्चों की कक्षा के मुताबिक लर्निंग इंडिकेटर (संकेतक) तैयार किए हैं। शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए संकेतक से स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदलेगा। सीबीएसई ने इनके संबंध में जानकारी स्कूलों को भेजी है। यह संकेतक छात्रों के सीखने के स्तर का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण मानक हैं। इनके प्रयोग से छात्रों को सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही फीडबैक मिलता जाएगा।
एनसीईआरटी ने राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह संकेतक तैयार किए हैं। जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व कला शिक्षा शामिल है। सीबीएसई का मानना है कि यह संकेतक न केवल शिक्षकों की मदद करेंगे बल्कि छात्रों के सीखने के स्तर के विषय में अभिभावकों को भी जानकारी देंगे सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही बच्चे का लगातार फीडबैक मिलता जाएगा। सीबीएसई ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वह संकेतकों को स्कूलों में उपलब्ध कराएं या फिर प्रदर्शित करें। जिससे कि अभिभावक कक्षा के मुताबिक इन संकेतकों के माध्यम से सीखने के स्तर का पता कर सकें।
शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी
लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने बच्चों की कक्षा के मुताबिक लर्निंग इंडिकेटर (संकेतक) तैयार किए हैं। शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए संकेतक से स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदलेगा। सीबीएसई ने इनके संबंध में जानकारी स्कूलों को भेजी है। यह संकेतक छात्रों के सीखने के स्तर का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण मानक हैं। इनके प्रयोग से छात्रों को सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही फीडबैक मिलता जाएगा।
एनसीईआरटी ने राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह संकेतक तैयार किए हैं। जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व कला शिक्षा शामिल है। सीबीएसई का मानना है कि यह संकेतक न केवल शिक्षकों की मदद करेंगे बल्कि छात्रों के सीखने के स्तर के विषय में अभिभावकों को भी जानकारी देंगे सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के दौरान ही बच्चे का लगातार फीडबैक मिलता जाएगा। सीबीएसई ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वह संकेतकों को स्कूलों में उपलब्ध कराएं या फिर प्रदर्शित करें। जिससे कि अभिभावक कक्षा के मुताबिक इन संकेतकों के माध्यम से सीखने के स्तर का पता कर सकें।
शिक्षा में गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार के लिए तैयार किए गए लर्निंग इंडिकेटर
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा तैयार संकेतक की जानकारी स्कूलों को भेजी
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