Friday, July 26, 2013

UPTET : Debate on Recruitment of 72825 Teacher Recruitment


UPTET : Debate on Recruitment of 72825 Teacher Recruitment



आज कल जिस प्रकार 72825  शिक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थीयों द्वारा बहस चल रही है -
उसमें निम्न बातें  सामने आ रही हैं -

एक पक्ष  का मानना है कि सरकार पुराना विज्ञापन वापस ले चुकी थी तो उसमें बीच में भर्ती नियम बदले जाने की बात का कोई तर्क नहीं है और स्टे हटने के बाद भर्ती नए विज्ञापन के तहत होगी । 

मैंने भी कई बार देखा सुना है कि कई बार सरकार  अपने द्वारा निकले गए विज्ञापन को निरस्त कर देती है या पदों के सापेक्ष पूर्ण भर्तियाँ नहीं करती (कह देती है की योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले । 

लेकिन जब किसी भर्ती के काफी सारे चरण पूरे हो चुके होते हैं या भर्ती  अंतिम दोर में होती है , 
 तब भर्ती के नियम बीच में बदलना आसन भी नहीं रहता और न्यायलय भी अभ्यर्थी के संवेधानिक अधिकारों कि रक्षा करता है । 

इस भर्ती में देखा जाये तो यू पी टी ई टी परीक्षा संपन्न हो चुकी थी , उसके बाद न्यायलय ने भी टी ई टी मेरिट से भर्ती को नियम विरुद्द नहीं बताया था । 
अभ्यर्थी सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को भर चुके थे और टी ई टी परीक्षा  में अच्छे अंक प्राप्त करने वाला भर्ती का पात्र हो चुका  था । और महज काउंसलिंग की खानापूर्ती द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जाना शेष रह गया था 

हालाँकि काफी समय भर्ती के नियम परिवर्तित कर दिया गए , जिसका कारण टी ई टी परीक्षा में अनियमितता को बताया गया था , और उसके बाद पुराने विज्ञापन को सरकार द्वारा वापस ले लिया गया व 
नया विज्ञापन नए नियमों के तहत निकाला गया । 


मामला उठता है  की क्या बदले  हुए नियमों का असर पुराने विज्ञापन पर पड़ेगा इस पर अभ्यार्थीयों में  विभिन्न मत हैं -
1. पुराना विज्ञापन निरस्त हो गया है अब इसकी बहाली संभव नहीं 
2. अगर धांधली वाली बात में दम नहीं तो  सरकार द्वारा नियम बदल कर भर्ती कैसे संभव हे 
3 नियम बदले जाने से कई अभ्यार्थीयों के चयन पर विपरीत प्रभाव पडेगा , उसकी भरपाई कैसे संभव है 
उम्र सीमा लाँघ ( पुराने आवेदन में पात्र , मगर उम्र सीमा के कारण नए विज्ञापन में अपात्र )
चुके अभ्यार्थीयों को हाई कोर्ट राहत दे चुकी है , तो कुछ अभ्यार्थीयों का मानना है कि अगर नया विज्ञापन पूर्ण रूप से नया है , तो पुराने विज्ञापन के आवेदन कर्ताओं को नए विज्ञापन में क्यूँ अवसर दिया गया 

और जिन अभ्यार्थीयों ने पुराने विज्ञापन में आवेदन किया था उनको नए विज्ञापन में आवेदन न करने के बाद भी एस सी आर टी ई लखनऊ में पुराने आवेदन की जानकारी के साथ अवसर क्यूँ दिया 

न्याय मूर्ती हर्कोली जी ने सरकारी जांच पर काफी सारे प्रश्न उठाये थे और बेड पार्ट को गुड पार्ट से अलग न करने पर भी प्रश्न उठाये थे । 

अभ्यर्थी भर्ती में हो रही देरी से अवसाद ग्रस्त हैं और चाहते हैं कि न्यायलय का जो भी फेसला हो वो जल्द से जल्द आ जाये |

ब्लॉग पड़ने वाले अभ्यर्थीयों की जो भी राय हो वह उचित तर्कों द्वारा कमेन्ट के माध्यम से दे सकते हैं ,
धन्यवाद 


Breaking News - UPSC ki Aarakshan Neeti Vapas - आरक्षण के विरोध में आंदोलित छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे


Breaking News - UPSC ki Aarakshan Neeti Vapas -
आरक्षण के विरोध में आंदोलित छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे



As per News on ABP, Aajtak - UPPSC ne apnee Aarkshan Neeti Vapas Lee


See Jagran News -
आरक्षण के विरोध में आंदोलित छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे

 लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की नई आरक्षण नीति के विरोध में आंदोलित छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे। छात्रों पर बर्बरता करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह भरोसा समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर मिलने पहुंचे छात्रों को दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छात्रों पर मुकदमें उठाने का भी निर्देश दिया। जिससे संतुष्ट छात्रों ने आगे का आंदोलन स्थगित कर दिया।

समाजवादी महिला सभा की पूर्व अध्यक्ष रंजना वाजपेयी की अगुवाई में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रकाशन मंत्री देवमणि मिश्र, अभिषेक सोनी, शेषमणि ओझा, मनोज सिंह और संजय सिंह ने शुक्रवार सुबह समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे।

छात्र नेताओं ने उन्हें बताया कि लोकसभा आयोग ने त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है। जिससे सामान्य वर्ग के छात्रों की संभावना न्यूनतम हो गयी है।

छात्रों ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने (मुलायम सिंह) ने ही लोकसेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में कोडिंग व्यवस्था लागू की थी। आयोग ने इसे बदलकर नाम दर्ज करने का निर्णय लिया है। इसके विरोध में आंदोलन करने पर बर्बर लाठी चार्ज किया गया। छात्रों को करंट लगाया गया। जाति सूचक गालियां दी गयीं। और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किये गये।

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने छात्रों से कहा कि वह पुरानी आरक्षण व्यवस्था के पक्षधर हैं। लोकसेवा आयोग ने सरकार को विश्वास में लिये बगैर आरक्षण व्यवस्था बनायी, यह चिन्ता का विषय है। मामला कोर्ट में है इसलिए वह अभी कुछ नहीं कहेंगे, मगर छात्रों पर दर्ज किये गये सभी मुकदमें वापस लिये जाएंगे और कुछ को स्पंज कराया जाएगा। बर्बरता करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। बाद में सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फोन पर छात्रों के मुकदमें वापस कराने और आंदोलन के दौरान बर्बरता की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सपा प्रमुख ने यह भी भरोसा दिलाया कि प्रतियोगी परीक्षा में कोड की व्यवस्था को फिर बहाल कराया जाएगा। सपा नेता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्राध्यापक डॉ.रंजना वाजपेयी ने बताया कि सपा प्रमुख से मुलाकात के बाद छात्रों ने आगे का आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है।

News Sabhaar : Jagran (26.7.13)
**************************************

As per News on ABP, Aajtak - UPPSC ne apnee Aarkshan Neeti Vapas Lee

UP Police Recruitment : दरोगा भर्ती का संशोधित विज्ञापन रद्द


UP Police Recruitment : दरोगा भर्ती का संशोधित विज्ञापन रद्द
प्रारंभिक परीक्षा में कुल पचास फीसदी अंक प्राप्त करने वालों को सफल मानने का निर्देश

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने दरोगा भर्ती परीक्षा 2011 के संशोधित विज्ञापन को रद्द कर दिया है। पुलिस विभाग को निर्देश दिया है कि प्रारंभिक परीक्षा में कुल पचास प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को सफल मानते हुए आगे की परीक्षा आयोजित की जाए। लगभग चार हजार अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने दिया।
याचियों के अधिवक्ता विजय गौतम के मुताबिक उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस और प्लाटून कमांडर पीएसी में भर्ती के 4010 पदोें का विज्ञापन 19 मई 2011 को प्रकाशित किया गया। संयुक्त परीक्षा के आधार पर सीधी भर्ती की जानी थी। विज्ञापन के मुताबिक हिंदी निबंध (कानून व्यवस्था, वाद और पुलिस कार्यप्रणाली) पर 100 अंक का प्रश्न पत्र, मूल विधि, संविधान और पुलिस प्रक्रिया पर 50 अंक का और संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता का 50 अंक का प्रश्नपत्र होगा। प्रारंभिक परीक्षा में इन सभी प्रश्नपत्रों को मिला कर 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सफल माना जाएगा।
अभ्यर्थी जब प्रारंभिक परीक्षा देने पहुंचे तो उत्तर पुस्तिका पर यह निर्देश था कि सभी प्रश्नपत्रों में 40 फीसदी अंक पाना अनिवार्य है। 24 नवंबर 2011 को विभाग ने संशोधित विज्ञप्ति प्रकाशित कर नियम बदल दिया। नए नियम के अनुसार प्रत्येक प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत अंक और कुल योग का पचास प्रतिशत प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया। इसके आधार पर प्रत्येक प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत अंक नहीं पाने वाले अभ्यर्थियों को असफल घोषित कर दिया गया।
अभ्यर्थियों ने संशोधित विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनके अधिवक्ता का तर्क था कि भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने 24 नवंबर के संशोधित विज्ञापन को रद्द करते हुए प्रारंभिक परीक्षा में असफल घोषित किए गए ऐसे अभ्यर्थियों को सफल मानने का निर्देश दिया है, जिनका कुल योग पचास प्रतिशत है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार, डीजीपी, अध्यक्ष/सचिव पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि सफल घोषित अभ्यर्थियों को परीक्षा के अगले चरण में शामिल किया जाए





News Sabhaar : Amar Ujala (26.7.13)




Thursday, July 25, 2013

UP BTC यूपी: तैयार रहें, बीटीसी में होनेवाले हैं दो बड़े बदलाव!


UP BTC यूपी: तैयार रहें, बीटीसी में होनेवाले हैं दो बड़े बदलाव!


सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अगले सत्र में बीटीसी प्रशिक्षु नया पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। कोर्स के साथ बीटीसी का नाम भी बदलेगा। नए कोर्स का मकसद प्राइमरी के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की पढ़ाई के अनुरूप तैयार करना है।

राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि टीईटी की अनिवार्यता के बाद बीटीसी के स्वरूप में बदलाव जरूरी हो गया है।

विशेषज्ञों की बैठक में पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव भी बन गया है, जिसे सुझावों के रूप में एससीईआरटी को भेज भी दिया गया है। जल्द ही इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

बीटीसी को लेकर बहस उसी समय से शुरू हो गई थी, जब टीईटी को अनिवार्य किया गया था। विशेषज्ञों की राय रही कि जब टीईटी शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता हो गई तो बीटीसी के नाम से प्रशिक्षुओं को डिग्री देना उचित नहीं है

अब तक बीटीसी को शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता माना जाता था। राज्य शिक्षा संस्थान के जानकारों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक जो प्रशिक्षु टीईटी पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें टीचर सर्टिफिकेट देना जायज नहीं है इसलिए इसके नाम में बदलाव की जरूरत है।

नाम के साथ ही पाठ्यक्रम में भी बड़े बदलाव का प्रारूप तैयार किया गया। बदलाव के तहत अब हर सेमेस्टर में इंटर्नशिप होगी। पहले केवल चौथे सेमेस्टर में होती थी। नई प्रक्रिया से प्रशिक्षु हर सेमेस्टर में सैद्धांतिक के साथ व्यवहारिक शिक्षा भी हासिल कर सकेंगे।

पाठ्यक्रम में अब तक शिक्षा का अधिकार-2009 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 से कोई भी बिंदु शामिल नहीं किया गया था। बदलाव के क्रम में इसे शामिल किया जाएगा। छोटे जिलों के डायट में चल रही मनमानी पर रोक लग सके, इसके लिए भी कई नए प्रस्ताव रखे गए हैं।

राज्य शिक्षा संस्थान निदेशक फैजुर्रहमान ने बताया कि एससीईआरटी से अनुमोदन मिलने के बाद पाठ्यक्रम में बदलाव शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद बीटीसी की किताबें भी तैयार की जाएंगी। अब तक बीटीसी के लिए किताबों का निर्माण भी नहीं किया गया है

News Sabhaar : Amar Ujala (25.7.2013)
*****************
As TET is Mandatory to Become Teacher, BTC not a job gurantee program and accordingly some changes going to happen in BTC course and its name.




UP BTC यूपी: बीटीसी में आवेदन के बारे में जानिए सब कुछ


UP BTC यूपी: बीटीसी में आवेदन के बारे में जानिए सब कुछ




उत्तर प्रदेश में बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) कोर्स के लिए इसी माह से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बीटीसी के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन सभी जिलों में किए जा सकेंगे।

इसके लिए 50 फीसदी अंकों में स्नातक पास 18 से 30 वर्ष वाले पात्र होंगे।

अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग को 5 वर्ष व नि:शक्तों को आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट होगी। आरक्षित वर्ग, नि:शक्त व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को स्नातक में 5 फीसदी अंक में छूट होगी।

गलती पर दुबारा बिना शुल्क जमा किए आवेदन का मौका मिलेगा, लेकिन नि:शक्त श्रेणी लिखने पर यह मौका नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश का निवासी ही आवेदन के लिए पात्र होगा। इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

बीटीसी का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के प्राप्तांकों के प्रतिशत को जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। बीएससी, बीएससी एजी, बीएससी गृह विज्ञान, बीटेक व बीसीए को स्नातक विज्ञान वर्ग और बीए, बीकाम, बीबीए को कला वर्ग में माना गया है।

निजी बीटीसी कॉलेजों के लिए आरक्षण नियमों को ध्यान में रखते हुए दो गुना और विशेष आरक्षण श्रेणी के अभ्यर्थियों की पांच गुना सूची बनाई जाएगी। पात्रों के चयन की सूचना अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करा कर दी जाएगी।

बीटीसी की 50 फीसदी सीटें पुरुष व 50 फीसदी महिलाओं से भरी जाएंगी। 50 प्रतिशत कला और 50 प्रतिशत विज्ञान वर्ग के लिए हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए 150 तथा अन्य वर्ग के लिए 300 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्य काउंसलिंग में पात्र और अपात्र पाए गए अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर लोड करेगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी मेरिट में आने वालों से सरकारी और निजी संस्थाओं का विकल्प लेने के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराएगा। अधिकतम 10 जिलों के विकल्प की अनुमति होगी।

इसके लिए एक सप्ताह तक पुन: वेबसाइट खोली जाएगी। अल्संख्यक बीटीसी कॉलेज की 50 फीसदी सीटें काउंसलिंग से तथा 50 फीसदी सीटें प्रबंधन स्वयं भर सकेगा। डायटों में बीटीसी की फीस 4600 रुपये होगी और निजी कॉलेजों में पूर्व में निर्धारित फीस ली जाएगी।

बीटीसी में कब क्या
- शासनादेश जारी होने के पांच दिन के अंदर विज्ञापन
- विज्ञापन के तीन सप्ताह तक ऑनलाइन पंजीकरण
- पंजीकरण के दो दिन बाद तक जमा होंगे ई चालान
-आवेदन की अंतिम तिथि ई चालान जमा होने के तीन दिन बाद तक
- गलती सुधारने का मौका अंतिम तिथि के दो दिन बाद से सात दिन तक
- डायट संशोधित आवेदन पत्र तीन दिन बाद तक करेंगे फीड
- मेरिट जारी होगी इसके सात दिन के अंदर
- काउंसलिंग का विज्ञापन इसके दिन बाद
-काउंसलिंग इसके बाद 10 दिनों तक
- चयनितों की सूची जारी होगी इसके तीन दिन के अंदर
-सीटों के लिए विकल्प भरने का मौका इसके दिन के भीतर
- कॉलेजों का आवंटन इसके पांच दिन के अंदर
- प्रवेश प्रक्रिया पूरी होगी इसके 10 दिन के भीतर
-प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी इसके तीन दिन के अंदर


'बीटीसी ऑनलाइन आवेदन में पूरी सावधानी बरतें। साइबर कैफे के भरोसे कतई न रहें। पंजीकरण करते समय सभी तथ्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। मूल प्रमाण पत्रों से इसका मिलान करने के बाद ही फार्म को क्लिक करें। इसके बाद ही ई-चालन भरें। इससे गड़बड़ी की संभावना न के बराबर होगी।'
सुनील कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा

News Sabhaar : Amar Ujala (23.7.13)



UP Aided School Recruitment of LT Grade, Asst. Teacher, Adhoc Teacher Recruitment During 2011 and after 2011 is cancelled by Allahabad high court


UP Teacher Recruitment : तदर्थ शिक्षकों का चयन रद्द

UP Aided School Recruitment of LT Grade, Asst. Teacher, Adhoc Teacher Recruitment During 2011 and after 2011 is cancelled by Allahabad high court.

Advertisement was not published in at least two popular news papers and therefore not as per Law.

As per court order , New Fresh advertisement need to be publish with sufficient popularity.


लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रबंध समिति वाले माध्यमिक स्कूल-कॉलेजों में वर्ष 2011 और उसके बाद चयनित तदर्थ प्रवक्ताओं, सहायक शिक्षकों व एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इन खाली पदों को भरने के लिए नया विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान ने यह फैसला राकेश कुमार सिंह समेत करीब 200 शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनाया। सुनवाई के दौरान पता चला कि इन पदों के लिए जो विज्ञापन दिया गया वह नियमानुसार पूरे प्रदेश में प्रचलित पर्याप्त प्रसार वाले दो अखबारों में नहीं प्रकाशित करवाया गया। अदालत ने कहा, कानूनी प्रावधान के तहत इसे विज्ञापन नहीं कहा जा सकता है और इसके तहत किया गया चयन जायज नहीं है


News Source / Sabhhar : Amar Ujala (25.7.13)

UP Recruitment : सरकारी महकमों में स्वीकृत पदों के 10 फीसद पर हर साल होगी भर्ती


UP Recruitment : सरकारी महकमों में स्वीकृत पदों के 10 फीसद पर हर साल होगी भर्ती

 लखनऊ : प्रदेश के सरकारी महकमों के लिए स्वीकृत पदों के कम से कम 10 फीसद पदों पर हर साल भर्ती की जाए। कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही सभी महकमों को इस आशय के निर्देश भेजे जाएंगे।
प्रदेश के इंजीनियरिंग, लिपिकीय, समीक्षा अधिकारी, शिक्षक, ग्राम विकास और ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल जैसे पदों पर तैनात कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और नई भर्ती हो नहीं पा रही है। जिससे रिक्तियों का बैकलाग बढ़ रहा है। जिससे प्रभावित हो रहे सरकारी कामकाज पर अंकुश लगाने के लिए कार्मिक विभाग ने विभिन्न विभागों के लिए स्वीकृत पदों के 10 फीसद पर हर साल भर्ती करने का प्रस्ताव तैयार किया था।
प्रमुख सचिव कार्मिक राजीव कुमार द्वितीय की ओर से तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि समय से नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं, जिससे काम प्रभावित हो रहा है। देर से नियुक्तियां होने से कई महकमों में अनुभवी कर्मचारियों का अभाव हो जाएगा।
कार्मिक विभाग ने आकड़ों का हवाला देकर कहा था कि कुछ सालों तक ज्यादातर विभागों के तकरीबन 10 फीसद कर्मचारी सेवानिवृत होंगे, लिहाजा इन पदों पर हर साल नियुक्ति की जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी मंजूरी मिल गयी है।
प्रमुख सचिव राजीव कुमार द्वितीय ने स्वीकार किया है कि सरकारी महकमों में हर साल 10 फीसद नियुक्तियों का कार्यकारी आदेश जारी किया जा रहा है


News Sabhaar : Jagran (25.7.13)

UP TGT PGT Primary Teacher Recruitment : अभ्यर्थी जान सकेंगे, कितने सवालों के सही उत्तर दिए


UP TGT PGT Primary Teacher Recruitment : अभ्यर्थी जान सकेंगे, कितने सवालों के सही उत्तर दिए


लखनऊ । इंटर कॉलेजों में भर्ती के लिए होने वाली पीजीटी-टीजीटी परीक्षा में अभ्यर्थियों को अब ओएमआर सीट की प्रति वापस की जाएगी। अभ्यर्थी इस प्रति को घर ले जा सकेंगे। हफ्ते भर बाद ‘आंसर-की’ माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी। इससे अभ्यर्थी अपने अंकों का मिलान कर सकेंगे। परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि परीक्षा से पहले कॉपियां ट्रेजरी में डबल लॉक में सुरक्षित रखी जाएंगी। परीक्षा से ठीक पहले वहीं से सुरक्षा के साथ केन्द्रों पर पहुंचाई जाएंगी।
चयन बोर्ड की पीजीटी-टीजीटी परीक्षा 25 अगस्त, एक और आठ सितम्बर को होनी है। इस परीक्षा में अभी तक ओएमआर सीट अभ्यर्थी को वापस नहीं की जाती थी। आंसर-की भी जारी नहीं होती थी। यही वजह है कि इस परीक्षा में गड़बड़ियों की काफी शिकायतें थीं। ओएमआर सीट की अदला-बदली तक की शिकायतें बोर्ड को मिली थीं। यही देखते हुए बोर्ड ने ओएमआर सीट अभ्यर्थियों को देने का निर्णय लिया है। इससे गड़बड़ियां भी रुकेंगी और पारदर्शिता आएगी। अभ्यर्थी अब यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितने सवालों के सही उत्तर दिए थे। उन्हें जो नम्बर मिले हैं वे सही हैं कि नहीं। अभी तक परीक्षा से पहले ओएमआर सीट रखने के लिए राजकीय कॉलेजों को संकलन केन्द्र बनाया जाता था। अब इसकी जगह ट्रेजरी में ये रखी जाएंगी। वहीं से कड़ी सुरक्षा के साथ परीक्षा वाले दिन ये ओएमआर सीट परीक्षा केन्द्रों को पहुंचाई जाएंगी। हर परीक्षा केन्द्र पर वीडियोग्राफी कराने का भी निर्णय बोर्ड ने लिया है। आयोग के सदस्यों ने बैठक करके यह भी तय किया वीडियोग्राफी का खर्च आयोग खुद उठाएगा। इसके लिए सभी केन्द्र व्यवस्थापकों को छह हजार रुपए दिए जाएंगे




Sabhaar : Amar Ujala

Wednesday, July 24, 2013

PGT / TGT / Primary Teacher Recruitment Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS)


Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS) 
18 - Institutional Area, Shahid Jeet Singh Marg, New Delhi – 110016


Applications in the prescribed format are invited for following Teaching and miscellaneous Teaching Posts for the years 2012-13 and  2013-14 : 
  1. Post Graduate Teacher (PGT) (Group-B) : 793 posts in various subjects, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4800, Age : 40 years (CTET . TET is not require)
  2. Trained Graduate Teacher (TGT) : 124 posts in various subjects, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years (Only CTET Qualifide candidate van apply)
  3. Librarian : 112 posts, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years
  4. Primary Teacher (PRT): 1979 posts in various subjects, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4200, Age : 30 years
  5. Primary Teacher (PRT)  Music : 100 posts in various subjects, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4200, Age : 30 years
  6. Primary Teacher : 1979 posts in various subjects, Pay Scale : PB-3 Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4200, Age : 30 years  (Only CTET Qualifide candidate can apply)
Application Fee : Rs. 750/- to be deposited in any branch of Indian Bank through a challan or by Online method through Credit / Debit Card. No fee for SC/ST/PH candidates.

UPPSC : Stay on Interview Process with revised reservation rules till the Judgement Deliver


UPPSC : Stay on Interview Process with revised reservation rules till the Judgement Deliver



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 3

Case :- WRIT - A No. - 37578 of 2013

Petitioner :- Sudhir Kumar Singh And 6 Ors.
Respondent :- State Of U.P.& 3 Ors.
Counsel for Petitioner :- Santosh Kumar Srivastava
Counsel for Respondent :- C.S.C.,V.P.Mathur

Hon'ble Laxmi Kanta Mohapatra,J.
Hon'ble Rakesh Srivastava,J.
Counter Affidavit filed on behalf of the U.P. Public Service Commission in Court today be kept on record.
Heard Sri K.N. Tripathi, Sri M.D. Singh Shekhar, and Sri Ravi Kiran Jain, all learned Senior Counsel appearing for the petitioners and Sri Shashi Nandan, learned Senior Counsel appearing for the U.P. Public Service Commission. We also heard learned Chief Standing Counsel appearing for the State.
Arguments concluded.
Judgment is reserved.
We further direct that the U.P. Public Service Commission shall not conduct the 'interview' scheduled to be started from 26.7.2013 till the date of delivery of judgment.
Order Date :- 22.7.2013
Arun K. Singh


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2690721

UPTET : Petitioner Claimed 82/150 in CTET is Passed But 82/150 in UPTET is Failed, Court suggest Petitioner can approach to NCTE

UPTET : Petitioner Claimed 82/150 in CTET is Passed But 82/150 in UPTET is Failed, Court suggest Petitioner can approach to NCTE

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?A.F.R.
Court No. - 30
Case :- WRIT - A No. - 30875 of 2013

Petitioner :- Jaswant Saini And 3 Ors.
Respondent :- Basic Shiksha Adhikari And 5 Ors.
Counsel for Petitioner :- J.S.Pandey,V.Singh
Counsel for Respondent :- C.S.C.

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi, J.
Heard learned counsel for the petitioner, Sri Chaubey for the respondent No.1 and Sri Awadhesh Kumar for the respondent No.2.
The petitioners have all qualified the Central Teacher Eligibility Test conducted by the Central Board of Secondary Education. They belong to the Other Backward Caste Category. They have obtained 82 marks out of 150. Consequently, the percentage of their marks works out to be 54.67
According to the guidelines framed by the National Council for Teacher Education on 11.2.2011 read with the clarification issued on 1.4.2011, a candidate appearing in the test will be treated to have passed the test provided he scores 60% or more marks in the test. This percentage is reduced by 5% in relation to the reserved category candidates.
The purpose of providing these minimum marks have been indicated in clause 9 of the Notification dated 11.2.2011. It provides that even in the recruitment process weightage has to be given to the TET scores.
The petitioners contend that they have been declared to have passed the CTET with only 82 marks and, therefore, according to the U.P. Basic Education Teachers Service Rules, 1981, they should be treated to be eligible as they possess the essential qualification of Teacher Eligibility Test.
However, the forms for applying to the post of Assistant Teacher which have to be uploaded on online basis, for which the last date is today, the minimum marks required for the reserved category candidate is indicated as 83 out of 150 which is 55.43%.
Sri V. Singh, learned counsel for the petitioner, contends that if the petitioners have been declared to have qualified the Teacher Eligibility Test conducted by the Central Board of Secondary Education, then such eligibility should also be included in respect of such candidates, who have obtained 82 marks out of 150. He submits that there can be no discrimination, as the percentage of the petitioner which is 54.67% should be read as 55%.
He contends that no candidate can obtain any fraction of marks because every question has one mark allotted in the answer-book. Consequently, if a candidate gets 82.6 marks, then only he will be able to score 55% and, therefore, on account of this anomaly existing, the Central Board of Secondary Education took a decision to treat such candidates to have qualified, who have obtained 82 marks. The reasons appears to be that no candidate can get half a mark or any fraction as on evaluation one gets full one marks or none. Thus, the CBSE which is the examining body has treated 82/150 = 54.67% as the pass percentage to qualify in the examination. Sri Singh, therefore, submits that the same criteria should be adopted by the State of U.P. while offering appointment to Assistant Teachers under the 1981 Rules.
Having considered the aforesaid submissions raised, primarily this is an issue of policy which has to be decided by the National Council for Teacher Education and it does not fall within the authority of the Central Board of Secondary Education to give any such decision in relation to calculation.
The reason is very simple inasmuch the National Council for Teacher Education is the Academic Authority defined and entitled to lay down the norms of minimum qualifications as per Section 23 of the the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009. The power, therefore, vests in the Academic Authority and not in the Central Board of Secondary Education.
There is nothing on record to indicate that the National Council for Teacher Education has considered this anomaly to be read in favour of the petitioners. In such a situation, the petitioners ought to have approached the National Council for Teacher Education for the redressal of their grievances.
I am not inclined to issue any mandamus as prayed for in view of the fact that the existing norms clearly require the possession of 55% or more marks in relation to the reserved category candidates. The score of 82 out of 150 does not amount to 55% or more and the principles of rounding off will not be available in view of the fact that the prescription in clause 9 of the guidelines dated 11.2.2011 clearly recites, the minimum percentage or more as the score, which has to be obtained by a candidate. In such circumstances, less than 55% is not contemplated therein. 
Accordingly, the writ petition is consigned to records with liberty to the petitioners to approach the National Council for Teacher Education for any such clarification. 
Order Date :- 29.5.2013 
Irshad


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2613741

UPTET : Petitioner (a teacher of Junior High School) Salary Stopped due to not possessing TET Qualification

UPTET : Petitioner (a teacher of Junior High School) Salary Stopped due to not possessing TET Qualification

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 30 

Case :- WRIT - A No. - 13805 of 2013 

Petitioner :- Smt.Mamta Nigam And Ors. 
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors. 
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare 
Respondent Counsel :- C.S.C.,C.K.Rai,O.P.Lohia 

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J. 
Heard Sri Ashok Khare, learned Senior Counsel for the petitioners. 
The petitioners are teachers of a Girls Junior High School which is aided but privately managed. 
All the petitioners claim to have been appointed in the institution as Assistant Teachers on 16th of August, 2011. 
The dispute with regard to their payment of salary was directed to be considered and now the impugned order has been passed in which an additional ground has been given for not accepting the claim of the petitioners as they do not possess the qualification of having passed the Teacher Eligibility Test. 

The impugned order at the same time does not annul the appointments but also does not extend the benefit of payment of salary to the petitioners. 
Sri Khare submits that so far as the petitioners are concerned they have been appointed prior to the amendment in the rules of appointment introducing the qualification of the Teacher Eligibility Test and as such the petitioners cannot be compelled to possess the said qualification for the purpose of their continuance. He submits that the State Government itself was not sure of the date of the enforcement of the Notification dated 23.8.2010 issued by the National Council for Teacher Education, the Academic Authority that has enforced the said Notification under the Right to Compulsory Education Act, 2009. He therefore submits that all such appointments after 23.8.2010 and before the amendment of the rules should be treated to be valid. 
The question is as to whether any candidate could have been appointed without having passed the Teacher Eligibility Test after the Notification dated 23.8.2010. 
Sri Khare has relied on the division bench judgment in the case of Prabhakar Singh & others Vs. State of U.P. & others reported in 2013 (1) ADJ Pg. 651. 
The said judgment raising the same legal issue had been cited before this court and keeping in view the reservations about the correctness of the said judgment a request has been made to Hon'ble the Chief Justice for constituting a larger bench vide order dated 8.3.2013 in writ petition no. 12908 of 2013 Shiv Kumar Sharma Vs. State of U.P. 
In the aforesaid circumstances, it would be appropriate that this matter is heard after the reference is answered as indicated above. 
In the meantime, it is open to the respondents to file a counter affidavit within one month. 
Order Date :- 12.3.2013 
Sahu 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2435986

UPTET / Allahabad Highcourt : Petitioner seeking Appointment on the ground that TET has been not conducted for past two year, Petition Dismissed. TET mandatory to Become Teacher


UPTET / Allahabad Highcourt : Petitioner seeking Appointment on the ground that TET has been not conducted for past two year, Petition Dismissed. TET mandatory to Become Teacher

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30

Case :- WRIT - A No. - 32255 of 2013

Petitioner :- Manish Kumar And 16 Ors.
Respondent :- State Of U.P.& 4 Ors.
Counsel for Petitioner :- K.D.Awasthi,G.S.Sen
Counsel for Respondent :- C.S.C.,Ram Chandra Singh

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Heard learned counsel for the petitioners.
The petitioners are seeking appointment as Assistant Teachers without having passed the Teachers Eligibility Test (TET). The reason given is that TET has not been held for the past two years.
This cannot be a ground to forgo the essential qualification as laid down by a Full Bench of this Court in the Case of Shiv Kumar Sharma Vs. State of U.P. and Others, decided on 31.05.2013.
The writ petition lacks merit and is accordingly dismissed.
Order Date :- 1.7.2013
A. Verma


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2646009

BTC 2013 Apply Online Application Form




Kindly check website - http://upbasiceduboard.gov.in for more details.

UP Vilage Development Officer Recruitment Apply Online : वीडीओ भर्ती ः ऑनलाइन करने होंगे आवेदन



UP Vilage Development Officer Recruitment : वीडीओ भर्ती ः ऑनलाइन करने होंगे आवेदन
ग्राम्य विकास आयुक्त को विज्ञापन प्रकाशित कराने के निर्देश, तीन महीने तक आवेदन का मिलेगा मौका
खास बातें - कुल पद 2699 

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 2699 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। ग्राम्य विकास आयुक्त की ओर से जल्दी ही विज्ञापन प्रकाशित कराए जाएंगे। ‘अमर उजाला’ ने भर्ती प्रक्रिया के संबंध में 4 जुलाई के अंक में ही खुलासा कर दिया था।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद सिंह गोप ने यहां बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संचालित योजनाओं का समुचित लाभ गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए विभाग के रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश दे दिए गए हैं। रिक्त पदों पर पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान और कृषि के साथ डोएक सोसाइटी द्वारा जारी सीसीसी प्रमाणपत्र होगा। सीसीसी से उच्च स्तर की योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। विज्ञापन प्रकाशित होने की तिथि से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि तीन माह होगी। इस बीच इच्छुक आवेदक सीसीसी प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर सकेंगे।
आवेदक केवल एक ही जिले से आवेदन कर पाएंगे लेकिन उन्हें आवेदन की अंतिम तिथि तक जिले में परिवर्तन कराने का हक रहेगा। विज्ञापन प्रकाशित होने के दो महीने बाद ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए वेबसाइट सक्रिय की जाएगी।
गोप ने बताया कि ऑनलाइन आवेदनपत्रों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी जिसे आवेदकों और जनसामान्य के लिए वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके अलावा मेरिट लिस्ट प्रकाशित भी कराई जाएगी। आवेदकों को ऑनलाइन आपत्ति के लिए एक सप्ताह का मौका दिया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा साक्षात्कार के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। आयुक्त ग्राम्य विकास के रविंद्र नायक ने बताया कि जल्द ही भर्ती कैलेंडर तैयार कर विज्ञापन प्रकाशित कराए जाएंगे।


News Source / Sabhaar : Amar Ujala

UPTET 2011 News

UPTET 2011 News


संजय मोहन की पत्नी ने लगाए साजिश के आरोप

तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक की पत्नी ने मुख्यमंत्री से की न्यायिक जांच की मांग

लखनऊ (डीएनएन)। टीईटी परीक्षा-2011 परिणाम में धांधली के आरोप में जेल गए (अब जमानत पर रिहा) माध्यमिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक संजय मोहन की पत्नी सरोज मोहन ने अपने पति को फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कानपुर देहात स्थित थाना अकबरपुर के पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ने यह सब कुछ विभागीय अधिकारियों के साथ साठ-गांठ कर किया था। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

अपने 61 पेज के दस्तावेजों में श्रीमती सरोज ने घटना से जुड़ी तमाम जानकारियां मुख्यमंत्री को भेजी हैं। इसमें कहा गया है कि पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी की विभागीय अधिकारियों के साथ एक लंबी डील हुई थी। इस साजिश के तहत श्री त्रिपाठी मेरे पति (संजय मोहन) को 7 फरवरी 2012 को उस समय अपने साथ ले गए थे जब वह मुख्य सचिव की बैठक के बाद अपने सरकारी आवास (निशातगंज) पर भोजन करने आए थे। श्रीमती सरोज मोहन ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि मेरे पति को गिरफ्तारी के समय अपनी सफाई देने का मौका नहीं दिया गया




News Source : Daily News Activist
*********************************
Many TET candidates also facing problem from a long time and they say -

What is the fault of HONEST candidates, Who obtained marks with their HARD WORK, and did everything according to Niyamavali / Sashnadesh to obtain Good Marks for their JOB.

Tuesday, July 23, 2013

UPTET: शिक्षक भर्ती मुकदमे की अगली तारिख 31 जुलाई



UPTET: शिक्षक भर्ती मुकदमे की अगली तारिख 31 जुलाई

As per source new date is 31st July 2013, Status from Allahabad HC will also share to you , when it is updated.

इलाहाबाद: 72825 प्राथमिक शिक्षको की भर्ती में रोक जारी रहेगी, अगली सुनवाई 31 जुलाई होगी | 
आज अदालत में सुनवाई नहीं हो पायी, अदालत में फ्रेश केस की संख्या ज्यादा थी|


As per info by members on FB, In court room no. 3  A.C is also not working.


Monday, July 22, 2013

UPPSC: आरक्षण की नई नीति पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक


UPPSC: आरक्षण की नई नीति पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

छात्र नई आरक्षण नीति का विरोध कर रहे हैं।


3 Tier Reservation is the Main Issue -
1. Prelim Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 1st Level
2. Main Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 2nd Level
3. Interview Level (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 3rd Level


See News :
इलाहाबाद।। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में रिजर्वेशन के नए नियम के तहत इंटरव्यू पर हाई कोर्ट ने तब तक रोक लगा दी है, जब तक वह इसको लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती है। हाई कोर्ट ने रिजर्वेशन के नए नियम के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर पिछले सप्ताह प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच, शहर में उपद्रव की आशंका को देखते हुए धारा-144 लागू है और सभी स्कूल कॉलेजों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

नई आरक्षण नीति के तहत अब यूपी पीसीएस की परीक्षा में तीनों स्तर पर आरक्षण दिया जा रहा है। आरक्षण के कानून के मुताबिक सिर्फ 50 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि आरक्षण के दायरे में आने वाले छात्रों के नंबर अगर अधिक होते हैं तो उन्हें जनरल कैटिगरी के जरिए अपॉइंट किया जाएगा।

सुधीर कुमार सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। इस दिन शहर में छात्रों ने नई आरक्षण नीति के विरोध में जबरदस्त तोड़−फोड़, पथराव और आगजनी की थी। इसमें करीब 100 गाड़ियां जला दी गई थीं।


याचिका में यूपीपीएससी की ओर से परीक्षा के हर स्तर पर आरक्षण की नई नीति लागू करने के निर्णय को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई है। याचिका दाखिल करने वालों छात्रों का कहना था कि ओबीसी आरक्षण के आड़ में एक जाति विशेष को यूपीपीएससी की ओर से नाजायज लाभ पहुंचाने के लिए रिजर्वेशन की नई पालिसी बनाई गई है। रिजर्वेशन के नए नियम से ओबीसी में शामिल अन्य जातियों और जनरल कैटिगरी के प्रतियोगियों की मेधा का हनन हो रहा है। याचिका में कहा गया है कि 1994 से प्रदेश में लागू आरक्षण नियमावली के तहत अंतिम स्तर पर आरक्षण देना था, लेकिन लोक सेवा आयोग ने परीक्षा के हर स्तर पर इस बार आरक्षण का नियम लागू कर दिया है।

प्रदेश के अडिशनल ऐडवोकेट जनरल सीबी यादव ने याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि सन् 1994 के आरक्षण नियमावली के तहत ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा ले रही हैं। जस्टिस एलके महापात्राऔर जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंटरव्यू पर तब तक रोक लगाए रखने का निर्देश दिया है, जब तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं सुनाया जाता है।

उपद्रव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को लोक सेवा आयोग पहुंचने वाले सभी रास्तों पर सख्त पहरा बैठा दिया है। आरक्षण विरोधी आंदोलन से निपटने के लिए शहर में 3 हजार से ज्यादा पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शहर को सात जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। इसके अलावा दो रिजर्व जोन और चार रिजर्व सेक्टर के साथ 50 पुलिस सेक्टर भी बनाए गए है। 10 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है और दो मोबाइल टीमों को रिजर्व रखा गया है। बवाल की स्थिति में उपद्रवियों को चिह्नित करने के लिए 30 विडियोग्राफर और फोटोग्राफर रखे गए हैं।



News Sabhaar : नवभारत टाइम्स (22.7.13)
********************************************
Candidate Should Wait For Judgement And If Needed Then Make A Peaceful Protest within Law of Land  / India and Put-up their issues to Appropriate Authority.



Below News is of Jagran News Paper -   

आरक्षण पर स्टे के बाद इलाहाबाद में बवाल

इलाहाबाद [जासं]। उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा नए आरक्षण प्रावधान के तहत जारी पीसीएस मुख्य परीक्षा 2011 के नतीजों को स्थगित करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रतियोगी छात्रों ने जमकर खुशी मनाई। छात्रावासों और नगर के चौराहों पर होली खेली गई। उत्साह में उपद्रव पर उतरे छात्रों के एक गुट ने सपा के झंडे-बैनर जलाते हुए वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए दर्जन छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। छात्रों ने अपने साथियों के समर्थन में बड़ा जाम लगा दिया है। तनाव के हालात बने हुए हैं।

हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद हिंदू हॉस्टल चौराहे पर एकत्र छात्रों के एक गुट ने चांदपुर सलोरी का रुख किया। रास्ते में इन छात्रों ने सपा के झंडे, बैनर जलाए। सलोरी पहुंचकर वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उपद्रवी तत्वों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए। बाद में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया। यहां हुए लाठीचार्ज के विरोध में कई छात्रावासों से छात्र निकल आए और रास्ता जाम कर दिया। देर शाम तक छात्र सड़क पर डटे रहे। कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।

लोक सेवा आयोग की नई आरक्षण नीति (हर स्तर पर नए सिरे से पूरा आरक्षण लागू करना) के मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इसके मद्देनजर सुबह से ही बड़ी संख्या में छात्र हिंदू हॉस्टल चौराहा, हाई कोर्ट चौराहा तथा अन्य चौराहों पर एकत्र हो गए थे। छात्र प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ रह-रहकर नारेबाजी करते रहे। अपराह्न एक बजे जैसे ही हाई कोर्ट के फैसले की जानकारी चौराहों पर जुटे छात्रों को मिली, उन्होंने अबीर-गुलाल उड़ाकर खुशी मनानी शुरू कर दी। हाई कोर्ट से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन तक होली सरीखा नजारा था।

हिंदू हॉस्टल चौराहे पर जमा छात्रों का गुट भी विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पहुंच गया। यहां से छात्रों का समूह सलोरी को कूच कर गया। वहां हुई तोड़फोड़ में हालात बेकाबू होते देख आइजी आलोक शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इससेकई छात्र चोटिल हो गए। पुलिस ने उपद्रव कर रहे एक दर्जन छात्रों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई से छात्र तितर-बितर हो गए। छात्र नेता अभिषेक सिंह सोनू के नेतृत्व में करीब 50 छात्र, हिरासत में लिए गए छात्रों को छुड़ाने पहुंचे तो पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में विश्वविद्यालय मार्ग पर डायमंड जुबली छात्रावास के सामने छात्रों ने चक्का जाम कर दिया। शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक

इलाहाबाद [जागरण ब्यूरो]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में सोमवार को पीसीएस परीक्षा-2011 के साक्षात्कार पर रोक लगा दी। यह परीक्षा 26 जुलाई से शुरू होनी थी। अदालत ने इस परीक्षा समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण के नियम बदले जाने के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है।

आरक्षण के बदले नियमों पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत छात्रों और वकीलों से खचाखच भरी थी। न्यायमूर्ति एलके महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस बाबत दाखिल तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने फैसला आने तक पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक भी लगा दी। दस दिन के भीतर फैसला आने के आसार हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार ने अदालत में इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल किया। आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन ने कहा कि परीक्षा नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। आरक्षण की व्यवस्था 1994 की आरक्षण नियमावली के अनुसार है। उन्होंने बताया कि पीसीएस-2011 की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं लागू किया गया है। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में लागू किया गया है। नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आयोग सिर्फ मेधावी छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुला रहा है।

राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई लिखित हलफनामा नहीं दाखिल किया गया लेकिन अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने आयोग की परीक्षा नियमावली को सही बताया। उन्होंने कहा कि याचिकाओं में मुख्य मुद्दा आरक्षण नियमावली-1994 की व्याख्या का है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि जिन छात्रों ने इसे चुनौती दी है, वे परीक्षा में चयनित ही नहीं हुए हैं इसलिए याचिका दाखिल करने के लिए अर्ह नहीं हैं।

याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी ने बहस की और कहा कि आयोग आरक्षण नियमावली की गलत व्याख्या कर रहा है। परीक्षा की प्रक्रिया में आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता। इसका लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम में हासिल किया जा सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर और अशोक खरे ने भी आयोग के फैसले को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि परीक्षा में हर स्तर पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसा करके सिर्फ एक वर्ग को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। याचियों की ओर से कहा गया कि पुराने नियम से आरक्षित वर्ग को कोई नुकसान नहीं था क्योंकि वह अधिक अंक पाकर अंतिम परिणाम में सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होते रहे हैं।

गौरतलब है कि पीसीएस-2011 के साक्षात्कार 26 जुलाई से शुरू होने थे जिसमें आरक्षण की बदली व्यवस्था के हिसाब से अभ्यर्थी शामिल होने थे। अदालत के आदेश के बाद आयोग को इन तिथियों को आगे खिसकाना पड़ेगा।

क्या है विवाद

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक प्रस्ताव पारित कर परीक्षा के हर स्तर यानी प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग को ओवरलैपिंग का लाभ देने का फैसला किया है। ओवरलैपिंग से आशय यह है कि हर चरण में आरक्षित वर्ग के अधिक नंबर हासिल करने वाले अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होंगे और उतने ही सामान्य वर्ग के छात्र बाहर हो जाएंगे। इससे पहले ओवरलैपिंग का लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम पर ही दिया जाता था। पीसीएस मुख्य परीक्षा-2011 से आयोग ने इसे लागू किया है। आयोग के इसी फैसले को चुनौती दी गई है


News Source  / Sabhaar : Jagran (22.7.13)


Sunday, July 21, 2013

UP Urdu Teacher : सियासी फायदा उठाने की जुगत में उर्दू शिक्षक



UP Urdu Teacher  : सियासी फायदा उठाने की जुगत में उर्दू शिक्षक

लखनऊ । अखिलेश सरकार में अल्पसंख्यकों की बल्ले-बल्ले है। पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों के लिए बीच का रास्ता निकाला गया, अब उर्दू शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान देने की जुगत बैठाई जा रही है। उर्दू शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए ही प्रशिक्षित वेतनमान दे दिया जाए। सरकार भी चाहती है कि उनको यह फायदा दे दिया जाए। वजह लोकसभा चुनाव सिर पर है। सरकार की इस मंशा को पूरा करने में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं पर वे बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं
उत्तर प्रदेश में समय-समय पर रही मुलायम सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग ने उर्दू शिक्षकों की भर्ती की थी। इन शिक्षकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही सीधे सहायक अध्यापक बना दिया गया था।



News Source / Sabhaar : Amar Ujala (21.7.13)

UPTET 2013 टीईटी : जांच में 16 प्रश्नों व उत्तरों में मिला अंतर



UPTET 2013 टीईटी : जांच में 16 प्रश्नों व उत्तरों में मिला अंतर

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



इलाहाबाद (एसएनबी)। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी-13 ) के दौरान चारों प्रश्नपत्रों के कई प्रश्नों व उनके उत्तरों पर अभ्यर्थियों ने जो आपत्तियां उठाई थीं, वे शिक्षाविदों की 15 दिन चली जांच-पड़ताल में काफी सही पायी गयीं। अभ्यर्थियों ने तीन दर्जन से अधिक प्रश्नों और उनके उत्तरों पर आपत्तियां की थीं। इस पर जांच में 16 प्रश्न और उनके उत्तर में अंतर मिला है। इस खामी को दूर करने का शिक्षाविदों ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद श्रीमती नीना श्रीवास्तव को सुझाव दिया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी जहां इस मामले को दबाने में लगीं हुई हैं वहीं दूसरी ओर टीईटी के रिजल्ट को 31 जुलाई से पहले घोषित करने की जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक वर्ग में अभ्यर्थियों ने जितने प्रश्न और उत्तर पर आपत्तियां की थीं उनमें से प्राथमिक शिक्षा में पांच और भाषा में तीन प्रश्न और उत्तर में अंतर है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक के दो प्रश्न और उत्तर में अंतर है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक भाषा के प्रश्नपत्र में छह प्रश्न और उनके उत्तर में अंतर है। उच्च प्राथमिक के भाषा में दो प्रश्न और उत्तर में अंतर है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सामने विकल्प बचता है कि यह अंक वह सभी अभ्यर्थियों को दें या कोई दूसरा रास्ता निकाले। उधर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद श्रीमती नीना श्रीवास्तव से जब इस मामले में जानने के लिए शनिवार को संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि टीईटी का रिजल्ट तैयार हो रहा है



News Sabhaar : rashtriyasahara (21.7.13)
****************************************
Why all this not happens in CTET exam ????????????

RTE : शिक्षकों के लिए बेहतरीन लेख

RTE : शिक्षकों के लिए  बेहतरीन लेख 


बस स्टॉप पर एक बच्चा रो-रो कर कह रहा था, ममी मुझे स्कूल नहीं जाना। रोते-रोते वह उलटी करने लगा। मैंने उसकी मां से पूछा, इतना क्यों रो रहा है? 
उनका जवाब था, यह इसका रोज का नाटक है। स्कूल नहीं जाएगा तो कब तक मेरे पास रहेगा? 

मैंने सुझाया, नहीं, आप इससे धीरे-धीरे बहला-फुसला कर कारण पूछिए।
दो-चार दिनों के बाद जब वह महिला मिली, तो जो सुनाया, वह चौंकाने वाला था। बच्चे ने उन्हें बताया था कि उसकी मैडम होमवर्क नहीं करके लाने पर धमकी देती थीं कि मैं तुम्हें चूहा बना दूंगी। फिर एक अलमारी के पास ले जाकर रूई भरे चूहे दिखातीं और कहतीं, देखो काम न करने वाले बच्चों को मैंने चूहा बना कर रखा हुआ है। कभी-कभी शोर मचाने पर बच्चों के मुंह के पास स्टैप्लर ले जाकर उनके होंठ स्टेपल कर देने की धमकी भी देतीं।
उनींदी आंखों वाले, भूखे पेट, शिशुओं को किसी तरह ठेल-ठाल कर, बस न मिस हो जाए - इस भागमभाग में मां-बाप की हर सुबह बीतती है। उनके किसी खासव्यवहार के पीछे क्या कारण होसकता है, इस पर गौर करने की फुर्सत ही नहीं मिलती। सहमे हुए बच्चे अक्सर घर पर भी कुछ नहीं बता पाते हैं और स्कूल जाने का विरोध करने के लिए वे जो कुछ करते हैं, उन्हें हम बहानेबाजी समझते हैं।
मासूम बच्चों के प्रति कुछ अध्यापकों का व्यवहार बाल-मनोविज्ञान के एकदम विपरीत होता है। बच्चों का आत्म-सम्मान कम तीखा नहीं होता। शारीरिक सजा की आज के एजुकेशनसिस्टम में कोई जगह नहीं है। पर दंड देने के दूसरे तरीके कितने अपमानजनक और हीनभावना पैदा करने वाले हैं। कहीं पर होमवर्क न करने पर पूरी क्लासके बीच बच्चे की निकर उतारने की धमकी ही नहीं दी जाती, कपड़ा नीचे कर दिया जाता है। रोज का यह ड्रामा हेडमास्टर तक पहुंचाया जाए तो बच्चे को टी.सी. यानी स्कूल छोड़ने का तोहफा मिल जाता है।
आज स्कूल में सिर पर कूड़ादानरख कर कोने में खड़ा करना आम बात है। बच्चों की बुद्धि, रूप आकार को केंद्र बनाकर गैंडे की खाल, कुत्ते की दुम, डफर और कछुए का खिताब बच्चों की बुद्धि को सचमुच कुंद कर देता है। बड़े होकर वे या तो विदोही बन जाते हैं या अपने में सिमट कर रह जाते हैं।
वयस्क होने पर भी कई बार लोग चूहा, बिल्ली, छिपकली, कॉकरोच आदि को देखते ही चीखने लगते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि ये जीव तो स्वयं मनुष्य से डरते हैं और उनका आकार हमारे आकार से कितना छोटा है।
ऐसे लोगों से बारीकी से पूछा जाए तो इस डर का छोर सुदूर अतीत में बचपन तक जाता है। एक बच्चे के दादा अपनी बात मनवाने के लिए प्राय: उसके मुंह में कॉकरोच डालने के लिए उसके पीछे भागा करते थे। इसी तरह हर भय के पीछे छुटपन की कहानी है। एक महिला अपने ही घर में अपनी अलमारी खोलने से डरती थी। उसका विश्लेषण किया गया तो पता लगा कि बचपन में उसे डराने के लिए अलमारी में कोई भयानक पुतला रखा जाता था।
बच्चों को सुलाने के लिए मांएं अक्सर बंदर, भालू, शेर की आवाजें निकालती हैं। भूत का डर दिखाती हैं। अंधेरे में अकेला छोड़ देने का डर दिखातीहैं। ऐसे बच्चे जिंदगी भर अंधेरे से डरते हैं। भूतों की दुनिया में विश्वास करने लगते हैं। कुछ अध्यापक और मां-बाप बच्चों में हीन भावना पैदा करने के दोषी होते हैं। यदि दो भाई बहन (छोटे-बड़े) एकही स्कूल में पढ़ते हों और संयोग से एक पढ़ाई में तेज हो तो उनके टीचर कमजोर बच्चे को ताना देते हैं, 'तुम बड़े से कुछ सीखो। निकम्मे हो तुम।' घर में भी यही दोहराया जाता है।
ऐसा बच्चा अपने को नाकारा समझने लगता हैं। दूसरे, भाई से नफरत करने लगता है। तीसरे, पढ़ाई से उसका मन हट जाता है।
बी.एड. में बाल मनोविज्ञान पढ़ाया जाता है. कार्यशालाएं करवा कर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अध्यापक समुदाय को जागरूक बनाने की जरूरत है।
PR AAJ KAL TO LOG PAISA SEB.ED KI DEGREE KHAREEDTE HAI....


LT Grade Teacher UP Recruitment - Case in Allahabad High Court


LT Grade Teacher UP Recruitment - Case in Allahabad High Court



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Case Status - Allahabad

Pending
Special Appeal : 992 of 2013 [Banda]
Petitioner: RAVENDRA KUMAR SHUKLA
Respondent: RAVINDRA BABU SHRIWAS AND 5 ORS.
Counsel (Pet.): J.H. KHAN
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-Against Final Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 15/04/2013
Last Listed on: 15/07/2013 in Court No. 33
Next Listing Date (Likely): 22/07/2013

This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. Mistake, if any, may be brought to the notice of OSD (Computer).



Bumper Recruitment PGT / TGT in UP : भर्ती की बहार



Bumper Recruitment UPMSSCB UPSESSB PGT / TGT in UP : भर्ती की बहार

After KVS, Central Government Recruitment , UP State Government also going to recruit TGT, PGT, Principal in UP Madhyamik Shiksha Sewa.

टीजीटी के 4182 व प्रधानाचायरे के 642 पदों पर नियुक्ति शीघ्र

उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : इस बार विज्ञापन के साथ घोषित होगा परीक्षा कार्यक्रम प्रवक्ता (पीजीटी) के 797 पद भी भरे जाएंगे

इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी), प्रवक्ता (पीजीटी) और प्रधानाचायरे के रिक्त 5621 पदों पर शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इस बार विज्ञापन के साथ ही परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जायेगा जिससे परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में कोई संशय न रहे। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सूत्रों ने बताया कि टीजीटी के प्रदेश में रिक्त 4182, प्रवक्ता- 797 और प्रधानाचायरे के रिक्त 642 पदों का अधियाचन चयन बोर्ड में आ चुका है। इन रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की चयन बोर्ड में तैयारियां शुरू हो गयी हैं। बोर्ड टीजीटी के पहले के रिक्त पदों की परीक्षा अगस्त और प्रवक्ता के रिक्त पदों की परीक्षा सितम्बर में कराने जा रहा है, लेकिन इसके पूर्व टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त 5621 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिये जायेंगे। बोर्ड अध्यक्ष डा. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त पदों का अधियाचन आ गया है। इस पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर दी जायेगी जिससे कि विद्यालयों में समय से शिक्षकों की तैनाती हो सके। उन्होंने बताया कि संभावना है कि टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त पदों की संख्या में अभी बढ़ोतरी होगी क्योंकि अब भी जिलों से अधियाचन आ रहा है



***************************
Candidates are highly confused about KVS Advertisement for TGT Post as it requires TET Qualification, But G.O./ Sashnadesh of UP TGT does not require TET Qualification.

In DSSSB also TET is required for TGT teachers.

TET Qualification is mandatory for teachers Class 1 to 8 under RTE Act.
RTE Act/NCTE made a provision to Qualify TET exam for Class 1st to 8th Standard